रविवार, 6 अप्रैल 2014

भाजपा नेता टाल रहे मोदी की सभा!

भाजपा नेता टाल रहे मोदी की सभा!

भाजपा ने किया सिवनी को नक्शे से बाहर!,
(अखिलेश दुबे)
नई दिल्ली (साई)। नरेंद्र मोदी की एक सभा हमारे निर्वाचन क्षेत्र में हो जाए तो यहां की तस्वीर बदल जाए। कृपयाउनकी एक सभा हमारे क्षेत्र में भी करवाई जाए।‘ ऐसा आग्रह देशभर में भाजपा के कई उम्मीदवार कर रहे हैंबावजूद सिवनी में मोदी की सभा को लेकर ठीक इसके विपरीत तस्वीर दिख रही है। सिवनी में भाजपा की ओर से बड़े नेताओं में शिवराज सिंह चौहान ही सभाएं कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में भी मोदी की सभाएं कम ही हुई हैं। मोदी की सभाओं के कम होने के पीछे उनकी व्यस्तता को ढाल बनाया जा सकता है। वहींभाजपा के नेशनल हेडक्वार्टर 11अशोक रोड में एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा कि मध्य प्रदेशमहाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ में नरेंद्र मोदी की लहर नहीं है। यही कारण है कि इन तीनों सूबों में मोदी की सभाओं को लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा है।
उक्त पदाधिकारी ने आगे कहा कि एमपी में सिवनी संसदीय क्षेत्र का अवसान हो चुका है। सिवनी जिले में दो लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा आता है। नरेंद्र मोदी की लहर देशव्यापी चलने की भले ही बात कही जा रही हो पर सिवनी जिले में मोदी की सभाएं अब तक नहीं हो पाई हैं। यहां मतदान 10 अप्रैल को होना है।
वहींसमाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से नंद किशोर ने भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से कहा है कि सिवनी जिले में नरेंद्र मोदी की सभाओं के लिए ज्यादा दिलचस्पी स्थानीय स्तर पर नहीं दिखाई जा रही है। सूत्रों ने कहा कि सिवनी में नरेंद्र मोदी के बजाए शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को भुनाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सिवनी जिले में बड़े नेताओं में महज शिवराज सिंह चौहान को ही बुलाया जा रहा है।
गौरतलब होगा कि इसके पहले विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा के वयोवृद्ध नेता एल.के.आडवाणी ने जिला मुख्यालय में मुठ्ठी भर श्रोताओं के बीच अपना उद्बोधन अवश्य ही दिया था। हो सकता है इस तरह भीड़ की कमी की बात प्रदेश और नेशनल लेबल पर उछली होतो सिवनी को नक्शे से बाहर ही कर दिया गया हो।
यह सही है कि सिवनी में शिवराज सिंह चौहान के अलावा किसी बड़े नेता की सभा नहीं हुई है। मांग भेजी हैअब देखिए ऊपर से किस नेता की व्यस्तता में से समय मिल पाता है।
वेद सिंह ठाकुर,
अध्यक्षभाजपा सिवनी

8 को दिग्गी की सभा सिवनी में!

8 को दिग्गी की सभा सिवनी में!

(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आठ अप्रेल को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा को सिवनी में संबोधित करने वाले हैं। पुलिस मुख्यालय में गुप्तवार्ता के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दिग्विजय सिंह की चुनावी सभा आठ अप्रेल को कोतवाली के सामने वाले मैदान में संपन्न होगी। वहीं, दूसरी ओर साई न्यूज के सिवनी ब्यूरो ने जिला कांग्रेस कमेटी के सूत्रों के हवाले से बताया कि इस संबंध में अब तक कोई अधिकृत जानकारी नहीं है।

आवारा मवेशी, सुअर, कुत्तों का है शिव की नगरी में राज!

आवारा मवेशी, सुअर, कुत्तों का है शिव की नगरी में राज!

(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। सिवनी शहर को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। शिव के गणों की तादाद बेहद ज्यादा होती हैइस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। शिव के गणों में हर कोई आता है। सिवनी का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि यहां आवारा मवेशियों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। जिनके आंगन में बाउंड्री वाल नहीं हैवे परेशान हैं सुअरों से जो उनके घरों में जब चाहे तब घुस आते हैं। दुकानदार परेशान हैं आवारा मवेशियों से जो उनके प्रतिष्ठानों के सामने गोबर कर जाते हैं। शहर के कमोबेश हर मोहल्ले के निवासी परेशान हैं आवारा कुत्तों से जो राहगीरों को न केवल भौंकते हैं वरन उन्हें काटते भी हैं। नगर पालिका अपने मूल दायित्वों को छोड़कर पैसा कमाने के अड्डे में तब्दील हो चुकी है।
सिवनी शहरी सीमा के अंदर न जाने कितने आवारा मवेशी सड़कों पर आवागमन को प्रभावित करते नजर आते हैं। जिला कलेक्टर के कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही आवारा मवेशी सड़क पर आराम फरमाते नजर आते हैं। बारिश के मौसम में कुत्तों की फौजमोहल्लों में छोटे बच्चों का जीना दूभर किए हुए है। आवारा सुअर का तो मत ही पूछिएमोहल्लों के कचरों के ढेर और नालियों को उलट-पलट करसुअर गंदगी को और बुरी तरह फैलाती नजर आती है।
परेशान हैं दुकानदार!
दुकानों के सामने ये आवारा मवेशी धमा चौकड़ी मचाते रहते हैं। अनेक प्रतिष्ठानों के सामने तो देर रात ये गोबरमल आदि का त्याग भी कर देते हैं। सुबह सवेरे प्रतिष्ठानों के संचालक गंदगी को साफ करते हुए देखे जा सकते हैं। बुधवारीबारापत्थर आदि क्षेत्रों में सुबह सवेरे मवेशियों का मल उठाते दुकानदारों की हालत अपने आप में निरीह होने का अहसास करती है।
जिला दण्डाधिकारी दे चुके हैं स्पष्ट निर्देश!
जिले के युवा एवं संवेदनशील जिलाधिकारी भरत यादव के द्वारा अनेक बार बैठकों के दौरान इस आशय के कड़े‘ निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि आवारा मवेशियों की धरपकड़ की जाए। ये मवेशी आवागमन में बाधा न बनेंइस बारे में भी जिला कलेक्टर के द्वारा नगर पालिकानगर पंचायतग्राम पंचायतों को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। अब समस्या यह सामने आ रही है कि जिला कलेक्टर के निर्देशों की हुक्म उदूली जिला मुख्यालय में नगर पालिका द्वारा ही की जा रही हो तो भला बाकी इलाकों की कौन कहे।
26 जुलाई को की गई थी कार्यवाही!
नगर पालिका परिषद सिवनी द्वारा 26 जुलाई को अवश्य ही एक दिन के लिए आवारा कुत्तों की धर पकड़ की कार्यवाही की गई थी। पालिका की यह कार्यवाही दिखावा ही साबित हुई क्योंकि उसके बाद पालिका ने इस कार्य से अपने हाथ ही खींच लिए थे। शहर भर में सड़कों पर बैठे जानवरविशेषकर काले या स्याह रंग के मवेशीआने जाने वालों को दिखाई नहीं पड़ते हैं और वाहन चालक इनसे टकराकरगिरकर चोटिल हो रहे हैं।
हो रही कलेक्टर की हुक्म उदूली!
जिला कलेक्टर के साफ और स्पष्ट निर्देश के बाद भी शहर में आवारा मवेशीसुअरकुत्ते जिस तरह कोहराम मचा रहे हैं उससे लगने लगा है कि कलेक्टर के आदेश की हुक्म उदूली में ही नगर पालिका परिषद को बेहद मजा आ रहा है। पालिका पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हैइस लिहाज से अब सिवनी के लोग यह मानने लगे हैं कि नगर पालिका परिषद के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी संगठन भी लोगों के धैर्य की परीक्षा लेने पर उतर आया है।
स्वाईन फ्लू को बढ़ावा दे रही पालिका
यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि स्वाईन फ्लू का वायरससुअरों के माध्यम से ही तेजी से फैलता है। शहर में मलेरिया के मरीज मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। वहींदूसरी ओर शहर में आवारा घूमते सुअरों से स्वाईन फ्लू के खतरे से इंकार नहीं किया जा सकता है। जाने अनजाने में राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व में नगर पालिका प्रशासन लोगों को बहुत बड़ी बीमारी की गिरफ्त में ढकेलता नजर आ रहा है।
जरूरी है कुत्तों की नसबंदी
आवारा कुत्ते पकड़ने का कार्य मूलतः नगर पालिका परिषद का ही हैकिन्तु कमीशन के चक्कर में उलझे नगर पालिका के कारिंदों का ध्यान इस ओर नहीं जाता है। सारे शहर में एक ही चर्चा तेज है कि नगर पालिका परिषद में चल रहा कमीशन‘ का गंदा धंधा‘ लोगों का अमन चैन छीन रहा है। सारा शहर नरक बन चुका हैपर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी द्वारा कभी पार्षदों के साथ न देने का रोना रोया जाता है तो कभी संगठन द्वारा कथित तौर पर उंगली‘ करने की बात कही जाती है। नगर पालिका परिषद ने अब तक कितने श्वान पकड़े और कितनों की नसंबदी कराकर उन्हें कहां छोड़ाइस बारे मेें कोई जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं कराई जाती है।
नहीं पिटवाई जाती मुनादी
नगर पालिका परिषद में कमीशन के गंदे धंधे के चलते पालतू पशुओं को घरों में बांधकर रखने की न तो मुनादी पीटी जाती है और न ही समाचार पत्रों में इस तरह की सूचनाएं ही प्रकाशित करवाई जाती हैं। हालात देखकर लगने लगा है मानो नगर पालिका परिषद द्वारा आम जनता की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के स्थान पर निर्माण कार्यखरीदी आदि को ही सर्वोच्च प्राथमिकता बना लिया गया है। कहा जाता है कि इस काम में एक बार फिर कमीशन का गंदा धंधा ही कारिंदों को फायदा दिलाता है।
कांजी हाउस पर कितना खर्च!
शहर के अंदर नगर पालिका परिषद के स्वामित्व में एक कांजी हाउस भी है। यह कहां हैइस बारे में आज की युवा पीढ़ी को शायद ही पता हो। इस कांजी हाउस पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा हर साल कितना खर्च किया जाता हैइस बारे में भी शायद ही किसी को कोई जानकारी हो। इस कांजी हाउस में नगर पालिका की कमान राजेश त्रिवेदी के संभालने के उपरांत कितने मवेशी पकड़कर रखे गए हैंइस बारे में भी नगर पालिका के पास शायद ही कोई रिकॉर्ड हो।

गर्मा रहा है मुखिया की सभा का बस विवाद

गर्मा रहा है मुखिया की सभा का बस विवाद

चल रही रविंद्र त्रिपाठी के एसएमएस की चर्चाएं

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिवनी आगमन पर परिवहन कार्यालय के एक फरमान की चुनाव आयोग में शिकायत के उपरांत मचे हड़कंप का मामला अब गर्माने लगा है। भाजपा इस मामले को लेकर बैकफुट पर ही खड़ी नजर आ रही है।
बताया जाता है कि इस दौरान रविंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा एक शिकायत चुनाव आयोग को प्रेषित की गई थी। इस शिकायत के करने के उपरांत चुनाव आयोग द्वारा उन्हें एसएमएस कर बताया गया था कि उनकी शिकायत पंजीबद्ध हो गई है। तीन अप्रैल को एमपी 26/115/267519 नंबर आईडी से उनकी शिकायत दर्ज कर ली गई थी।
एक अन्य एसएमएस में बताया गया है कि इस शिकायत में रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा था कि 93 यात्री बसों का उपयोग मुख्यमंत्री की सभा में भीड़ जुटाने के लिए किया गया था। इन बसों के लिए जरूरी अनुमतियां भी नहीं ली गई थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें भी चार यात्री बस लगाने को कहा गया था। जब उन्होंने इसके लिए मना किया तो उन्हें धमकाया भी गया। उन्होंने जिला कलेक्टर पर भी संगीन आरोप लगाए थे।
इस मामले में सिवनी में कांग्रेस ने सदा की ही भांति अपनी चिरपरिचित चुप्पी को साधे रखा है। कांग्रेस के द्वारा इस संबंध में किसी भी तरह का प्रतिकार नहीं किया जाना, चर्चाओं का विषय बनता जा रहा है। इस संबंध में जिला कांग्रेस कमेटी, नगर कांग्रेस कमेटी एवं अनुषांगिक संगठनों द्वारा भी किसी तरह की विज्ञप्ति (अगर हुई हो तो समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को अप्राप्त) तक जारी नहीं की गई है।

कांग्रेस के सूत्रों ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में बालाघाट संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे ने भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।

डॉ.गर्ग ने पुनः किया आचार संहिता का उल्लंघन!

डॉ.गर्ग ने पुनः किया आचार संहिता का उल्लंघन!

आदेश नहीं मिले किसका ले लूं चार्ज: सीएमएचओ

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को संभागायुक्त जबलपुर द्वारा निलंबित किए जाने के बाद भी उन्होंने अपना प्रभार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नहीं सौंपा है। डॉ.गर्ग आज जबलपुर प्रवास पर थे, किन्तु उन्होंने मुख्यालय छोड़ने के लिए किसकी अनुमति ली यह ज्ञात नहीं हो सका है।
जिला कलेक्टोरेट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को संभागायुक्त दीपक खाण्डेकर द्वारा जिला कलेक्टर सिवनी की अनुशंसा युक्त टीप के बाद निलंबित कर दिया गया है। इस आशय का फेक्स जिला कलेक्टर कार्यालय को शुक्रवार को दोपहर बाद मिल गया था।
सूत्रों ने आगे कहा कि आदेश में यह स्पष्ट उल्लेखित किया गया है कि निलंबन अवधि में डॉ.सतीश दत्त गर्ग का मुख्यालय जिला कलेक्टर कार्यालय होगा। इस आदेश के अनुसार डॉ.गर्ग को अपना प्रभार तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.के.श्रीवास्तव को सौंपने को कहा गया था। सूत्रों ने कहा कि आदेश को बाकायदा मार्क करवाकर सीएमएचओ और प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.गर्ग के पास भेज दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आदेशों की तामीली का कार्य तहसीलदार सिवनी को सौंपा गया है।
उधर, सीएमएचओ कार्यालय के सूत्रों का कहना कि डॉ.एस.के.श्रीवास्तव को अभी तक इस बारे में पता ही नहीं है कि उन्हें जिला आयुष अधिकारी का प्रभार भी अतिरिक्त तौर पर मिलने वाला है। सूत्रों ने कहा कि अगर इस तरह का आदेश जिला कलेक्टर कार्यालय से सीएमएचओ को हमदस्त करवा दिया गया हो तो कहा नहीं जा सकता।
डॉ.गर्ग के करीबी सूत्रों का कहना है कि निलंबन पर स्थगन हेतु वे पूरी तरह प्रयासरत हैं। शुक्रवार को दोपहर बाद आयुक्त कार्यालय से प्राप्त फेक्स के बाद भी इन पंक्तियों के लिखे जाने तक लगभग चौबीस घंटे बीतने के बाद भी इस आदेश का सीएमएचओ तक न पहुंचना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
कहा जा रहा है कि प्रशासन द्वारा जानबूझकर डॉ.गर्ग को समय दिया जा रहा है ताकि वे निलंबन पर स्थगन की कार्यवाही को अंजाम दे सकें। वैसे भी कल रविवार है और रविवार को उनका कार्यभार सीएमएचओ द्वारा ग्रहण नहीं किया जा सकेगा। किन्तु तहसीलदार कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सीएमएचओ की प्रति उनके कार्यालय में अपरान्ह को ही भेज दी गई थी, जिसकी पावती भी तहसीलदार कार्यालय के पास सुरक्षित रखी है।
सूत्रों ने कहा कि तहसीलदार एस.के.जैन ने खुद मोबाईल पर डॉ.गर्ग से चर्चा कर उन्हें इस निलंबन आदेश की जानकारी दी है। डॉ.गर्ग द्वारा बताया गया कि वे किसी प्रकरण के सिलसिले में जबलपुर गए हुए हैं, एवं सोमवार के पहले वे वापस नहीं आ सकेंगे। यक्ष प्रश्न यही खड़ा हुआ है कि अगर डॉ.गर्ग किसी प्रकरण के सिलसिले में जबलपुर गए हैं तो क्या चुनाव आचार संहिता के चलते उनके द्वारा किसी सक्षम अधिकारी से मुख्यालय छोड़ने की पूर्वानुमति प्राप्त की है? वैसे भी उन्हें सेक्टर मजिस्ट्रेट की जवाबदेही सौंपी गई थी, किन्तु 19 मार्च को उनके स्थान पर किसी अन्य अधिकारी को यह जवाबदेही सौंप दी गई थी।

मुझे किसी तरह का कोई आदेश अब तक नहीं मिला है, अब आप ही बताएं कि मैं किसका चार्ज और कैसे ले लूं?
डॉ.एस.के.श्रीवास्तव,
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिवनी.

डॉ.गर्ग का पता नहीं है। उनके कार्यालय में लोग बता रहे हैं कि वे जबलपुर गए हैं। उनके घर पर नोटिस चस्पा कर वीडियो ग्राफी करवाई गई है।
एस.के.जैन,

तहसीलदार, सिवनी.

प्रियंका ने संभाली वॉर रूम की कमान

प्रियंका ने संभाली वॉर रूम की कमान

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। खुद को अपनी मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र तक सीमित रखने वाली गांधी परिवार की तीसरी अहम सदस्य प्रियंका गांधी ने पार्टी के भीतर अपनी भूमिका बढ़ाई है। हालांकि, वह खुले तौर पर पार्टी हेड ऑफिस में नहीं दिखतीं, लेकिन पर्दे के पीछे रहकर मौजूदा चुनाव से जुड़ी पार्टी की रणनीतिक तैयारियों में अहम भूमिका निभा रही हैं।

चेंज हुआ रूम
प्रियंका ने जहां एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया और उपाध्यक्ष राहुल के चुनावी शेड्यूल को तय करने की जिम्मेदारी ले रखी है, वहीं वह पार्टी के कैंपेन प्लान से लेकर चुनावी मैनेजमेंट तक की योजनाओं में दखल रखती हैं। प्रियंका की सक्रिय भूमिका को देखते हुए कांग्रेस का वॉर रूम भी फिलहाल गुरुद्वारा रकाबगंज से बदलकर राहुल के सरकारी निवास 12 तुगलन लेन शिफ्ट हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल के घर से चलने वाले वॉर रूम की कमान पूरी तरह से प्रियंका के हाथों में है। जबकि पार्टी का औपचारिक वॉर रूम अब सिर्फ रुटीन चीजों के लिए रह गया है, जबकि सारी अहम चीजें राहुल के घर से तय हो रही हैं।

थाम ली कमान
कैपेंन, मीडिया प्लैनिंग से लेकर चुनावी शेड्यूल और विभिन्न मुद्दों पर ली जाने वाली पार्टी लाइन तक पर प्रियंका अपनी पैनी नजर रख रही हैं। वह इन मुद्दों को लेकर जहां एक ओर अपने मां और भाई के संपर्क में हैं, वहीं दूसरी ओर वह पार्टी के अहम नेताओं और रणनीतिकारों के साथ लगातार मीटिंग करके अहम मुद्दों पर सक्रियता दिखा रही हैं। बताया जाता है कि प्रियंका का काफी वक्त यहीं बीतता है। मालूम हो कि कांग्रेस में प्रियंका की सक्रियता की खबरें तभी से सामने आने लगी थीं, जब उन्होंने अपने भाई की गैरमौजूदगी में पार्टी और सरकार के कुछ अहम रणनीतिकारों के साथ मीटिंग की थी।

रणनीति में दखल

पार्टी की ओर से यह कहा गया था कि प्रियंका की भूमिका सिर्फ अपनी मां और भाई के चुनाव क्षेत्र और प्रोगाम्स की देखरेख करना है, लेकिन प्रियंका की सक्रियता की खबरें जिस तरह से सामने आती रहीं, उससे साफ हो गया कि इन चुनावों में वह इनसे इतर पार्टी की रणनीतिक तैयारियों में भी अहम भूमिका निभाने वाली हैं। ध्यान रहे कि जहां सोनिया पार्टी की व्यस्तताओं और राहुल संगठन के साथ-साथ चुनाव प्रचार में बिजी हैं, उसे देखते हुए ही प्रियंका ने इन दोनों की गैरमौजूदगी में पीछे से चुनावी तैयारियों की देखरेख की कमान संभालने का फैसला किया। वह रोजाना की मीटिंग्स के साथ-साथ पार्टी के महासचिवों के साथ मिलकर चुनावी तैयारियों की जानकारी भी ले रही हैं।

‘सोनिया के घर में है सबसे बड़ा भू-माफिया‘

सोनिया के घर में है सबसे बड़ा भू-माफिया

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में खनिज और भू-माफिया का राज होने के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आरोप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है.
चौहान ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा है कि देश का सबसे बड़ा भू-माफिया तो खुद सोनिया गांधी के घर में बैठा है. शिवराज ने कहा कि देश का सबसे बड़ा भू-माफिया सोनिया गांधी का दामाद रॉबर्ट वाड्रा है, जो उन्हीं के घर में बैठा है. उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी ने गुरुवार को सीधी में मध्यप्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि यहां चारों ओर भ्रष्ट्राचार का बोलबाला है. यहां के मंत्री से लेकर अफसर तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदेश में खनिज और भू-माफिया का दबदबा है.

आडवाणी की संपत्ति 7 करोड़ रूपए

आडवाणी की संपत्ति 7 करोड़ रूपए

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने आज चुनाव अधिकारियों के सामने अपनी और अपने परिवार की संपत्ति लगभग सात करोड़ रूपए घोषित की।
आडवाणी ने आज गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया। हलफनामे के मुताबिक, 2009 के आम चुनाव के बाद से आडवाणी और उनके परिवार की संपत्ति दोगुना हुई है। आडवाणी ने 2009 में अपनी संपत्ति 3.5 करोड़ रूपए घोषित की थी।
आडवाणी ने बताया है कि गुड़गांव में उनके दो और गांधीनगर में एक मकान हैं। मौजूदा बाजार कीमत के मुताबिक इन मकानों का मूल्य 5.57 करोड़ रूपए है । साल 2009 में इन मकानों की कीमत कुल 2.35 करोड़ रूपए बताई गई थी। गुड़गांव में उन्होंने अपने एक मकान की कीमत 2.27 करोड़ रूपए बताई जबकि दूसरे की कीमत करीब 2.29 करोड़ रूपए बताई। गांधीनगर के सेक्टर-2 स्थित एक मकान की कीमत उन्होंने लगभग एक करोड़ रूपए बताई।
आडवाणी के बैंक खातों में कुल 97.23 लाख रूपए जमा हैं जबकि उनकी पत्नी के बैंक खातों में 67.13 लाख रूपए जमा हैं। गांधीनगर से पांच बार सांसद चुने गए आडवाणी और उनकी पत्नी कमला आडवाणी के पास 40 लाख रूपए के आभूषण हैं। आडवाणी के पास 25,000 रूपए नगद जबकि उनकी पत्नी के पास 15,000 रूपए नगद है।

जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दाखिल हलफनामे के मुताबिक, भाजपा नेता की कोई वित्तीय देनदारियां नहीं हैं। हलफनामे में आडवाणी ने स्पष्ट किया है कि वह 1992 में हुई बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना में एक आरोपी हैं। किसी बैंक या सरकार का कर्ज उन पर बाकी नहीं है। आडवाणी के पास कोई मोटर वाहन नहीं है।

एसडीएम ने राहुल को नहीं दिया ऐड्रेस प्रूफ

एसडीएम ने राहुल को नहीं दिया ऐड्रेस प्रूफ

(सीमा श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस उपाध्याक्ष राहुल गांधी के लिए नई मुश्किल खड़ी हो गई है। अमेठी एसडीएम ने राहुल गांधी के उस आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने निवास प्रमाणपत्र मुहैया कराने की मांग की थी।
एसडीएम का कहना है कि राहुल ने निवास प्रमाणपत्र पाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा नहीं किया है। गौरतलब है कि राहुल गांधी का मूल निवास नई दिल्ली है और अमेठी उनका संसदीय क्षेत्र है। उधर, मथुरा में लोकसभा चुनाव की बीजेपी उम्मीउदवार हेमा मालिनी गुरुवार सुबह दस बजे नामांकन दाखिल करने पहुंचीं तो वहां डीएम नहीं थे। करीब सवा घंटे बाद डीएम पहुंचे और तब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई।

राहुल क्यों लेना चाहते थे आवास प्रमाणपत्र?
बताया जाता है कि राहुल अपने संसदीय क्षेत्र में बैंक अकाउंट खोलना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में खर्चों का हिसाब रखने के लिए इसकी जरूरत है। बैंक खाता खुलवाने के लिए राहुल ने निवास प्रमाणपत्र मांगा था। राहुल के निवास प्रमाणपत्र के लिए कांग्रेस के जिला प्रवक्ता राजेन्द्र सिंह ने आवेदन किया था।

इसलिए किया एसडीएम ने आवेदन खारिज

जिला प्रशासन का कहना है कि राहुल गांधी की तरफ से एक वकील ने आवेदन पत्र दिया था, जो नियम के मुताबिक गलत है। राहुल को निवास प्रमाणपत्र के लिए या तो खुद या फिर किसी अधिकृत व्यक्ति के जरिए आवेदन देना होगा और आवेदन पत्र के साथ वोटर आईडी कार्ड समेत कई दस्तावेज भी जमा करने होंगे। चूंकि ये दस्तावेज आवेदन के साथ नहीं जमा किए गए थे, इसलिए भी उनका आवेदन खारिज कर दिया गया। साथ ही एसडीएम ने अपने कारण में यह भी बताया कि अस्थाई निवास प्रमाणपत्र के लिए कुछ समय तक बताए गए स्थान पर लगातार निवास करने की जरूरत होती है।

कांग्रेस को समर्थन को लेकर आपस में भिड़े बुखारी ब्रदर्स

कांग्रेस को समर्थन को लेकर आपस में भिड़े बुखारी ब्रदर्स

(एडविन अमान)

नई दिल्ली (साई)। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी के छोटे भाई सैयद याहिया बुखारी ने अपने बड़े भाई के कांग्रेस को समर्थन करने के फैसले का विरोध किया और पार्टी पर मुस्लिमों की पीठ पर वार करने का आरोप लगाया.
याहिया ने कहा, ‘10-12 साल पहले मुस्लिमों के खिलाफ गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार में क्या हुआ, मुस्लिमों को जिस तरह से मारा गया, सब जानते हैं. लेकिन कांग्रेस इससे 10 गुना आगे है. कांग्रेस ने अन्य किसी पार्टी से ज्यादा मुस्लिमों को मारा है.उन्होंने दावा किया, ‘मैं दोहराना चाहूंगा कि बीजेपी ने हमेशा मुस्लिमों पर सामने से हमला किया है लेकिन कांग्रेस ने हमेशा पीठ पर वार किया है. मेरे पिता भी यही बात कहा करते थे.
कांग्रेस को समर्थन देने के शाही इमाम के ऐलान पर उन्होंने कहा, ‘मैं पहले कह चुका हूं कि मैं इसका विरोध करता हूं और इसकी निंदा करता हूं.याहिया ने कहा, ‘मैं नेता नहीं हूं इसलिए अपील जारी नहीं करूंगा लेकिन अनुरोध करूंगा और उनके सामने कांग्रेस पर अपनी राय व्यक्त करूंगा. सबसे पहली बात तो कांग्रेस दावा करती है कि उसने मुस्लिमों के लिए बहुत कुछ किया है लेकिन यह साबित हो गया है कि पिछले 10 साल में उसने क्या किया. मुझे एक मिसाल दीजिए कि मुस्लिमों को किस तरह का संरक्षण दिया गया.
याहिया ने मंगलवार को अपने बड़े भाई और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘बंद कमरे में हुई बैठक में यह फैसला क्यों लिया गया? यह संवाददाता सम्मेलन शाही इमाम ने क्यों बुलाया और उन्होंने सोनिया गांधी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन क्यों नहीं किया?‘
उन्होंने कहा कि 2004 में शाही इमाम ने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली बीजेपी को समर्थन दिया था और उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव की सपा को समर्थन जताया था. याहिया बुखारी ने कहा, ‘लेकिन अगर कोई उनके वायदे पूरे नहीं कर सकता तो इस बात की क्या संभावना है कि सोनिया गांधी वायदों को पूरा करेंगी.

उन्होंने कहा, ‘आज के समय में मुझे एक नेता का नाम बताएं जिस पर भरोसा किया जा सकता हैय. अगर कल नरेंद्र मोदी इस तरह का आश्वासन देंगे तो क्या आप उन्हें समर्थन देंगे? बीजेपी और कांग्रेस दोनों हत्यारी हैं और आपने एक हत्यारे को समर्थन देने का फैसला किया है.

विराट कोहली बेस्ट बल्लेबाज और आर अश्विन बन सकते हैं बेस्ट बॉलर

विराट कोहली बेस्ट बल्लेबाज और आर अश्विन बन सकते हैं बेस्ट बॉलर
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने का सौभाग्य चाहे टीम इंडिया को मिले या न मिले लेकिन ये तो लगभग तय है कि टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने का ताज विराट कोहली के सिर ही सजेगाजबकि सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में आर अश्विन नंबर-1 बन सकते हैं. रविवार को टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबला खेला जाना है जिसके बाद तय हो जाएगा कि कौन सी टीम टी-20 चौंपियन बनती है.
विराट कोहली फिलहाल सबसे आगे
टीम इंडिया के जांबाज बल्लेबाज विराट कोहली टूर्नामेंट में रन बनाने वालों की रेस में सबसे आगे बने हुए हैं. कोहली ने अभी तक टूर्नामेंट में 5 मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 3 बार नॉटआउट रहते हुए 121 की जबर्दस्त औसत के साथ 242 रन बनाए हैं. इस दौरान विराट ने 3 पचासा जड़े हैं और सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली गई 72 रनों की पारी उनकी बेस्ट पारी रही है. इस लिस्ट में उनके बाद दूसरे नंबर पर नीदरलैंड्स के टॉम कूपर हैं जिनके नाम पर 231 रन दर्ज हैं. तीसरे नंबर पर नीदरलैंड्स के ही स्टीफन माइबर्ग हैंजिन्होंने 7 मैचों में 224 रन बनाए हैं.
रोहित शर्मा निकल सकते हैं विराट से आगे
विराट कोहली को अगर इस रेस में कोई पिछाड़ सकता है तो वो हैं टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और महेला जयवर्धने. इसके अलावा बाकी खिलाड़ी रेस से इसलिए बाहर हो चुके हैं क्योंकि उनकी टीमें ही टूर्नामेंट से आउट हो चुकी हैं. रोहित 171 रन बनाकर 8वें नंबर पर हैं और अगर उन्हें इस रेस में विराट से आगे निकलना है तो कम से कम 71 रन बनाने होंगे. लेकिन उस स्थिति या तो विराट को बल्लेबाजी का मौका न मिले या फिर वो बिना रन बनाएं आउट हो जाएं. विराट की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए ऐसा मुश्किल ही लगता है.
वहीं श्रीलंकाई बल्लेबाज और अपना आखिरी इंटरनेशनल टी-20 मैच खेलने जा रहे महेला जयवर्धने 16वें नंबर पर हैं. जयवर्धने के नाम पर फिलहाल 134 रन दर्ज हैं. महेला जयवर्धने को उनकी बराबरी करने के लिए 108 रनों की दरकार है. लेकिन टी-20 में सेंचुरी जड़ना इतना आसान नहीं है. फिलहाल तो विराट ही ये रेस जीतने के प्रबल दावेदार हैं.
अश्विन बनेंगे बेस्ट‘ बॉलर!
वहीं अगर गेंदबाजों की बात करें तो साउथ अफ्रीका के फिरकी गेंदबाज इमरान ताहिर 12 विकेट लेकर टॉप पर हैंलेकिन उनकी टीम टूर्नामेंट से आउट हो चुकी है. इसके अलावा नीदरलैंड्स के अशन मलिक के नाम पर भी इतने ही विकेट दर्ज हैं लेकिन उनकी टीम तो लीग मैचों में ही बाहर हो चुकी है. कैरेबियाई गेंदबाज सैमुअल बद्री 11 विकेट लेकर लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं और उनकी टीम भी सेमीफाइनल में दम तोड़ चुकी है. अब नंबर आता है आर अश्विन का. अश्विन फिलहाल 10 विकेट लेकर चौथे नंबर पर हैं लेकिन नंबर 1 बनने के लिए उन्हें फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ कम से कम 2 विकेट लेने होंगेजो कि बहुत मुश्किल टास्क तो नहीं है. अश्विन के लिए टी-20 वर्ल्ड कप की शुरुआत भले ही अच्छी न रही हो लेकिन पिछले 3 मैचों में उन्होंने न केवल वापसी की बल्कि 2 बार मैन ऑफ द मैच भी बने. अश्विन ने पहले 2 मैचों में एक ही विकेट लिया था लेकिन बाकी 3 मैचों में 9 विकेट झटक डाले. अब ऐसी फॉर्म में 2 विकेट लेना उनके लिए मुश्किल नहीं होना चाहिए.