बुधवार, 2 अप्रैल 2014

डॉ.गर्ग को निलंबित किया आयुक्त ने!

डॉ.गर्ग को निलंबित किया आयुक्त ने!

(सुरेंद्र जायसवाल)

जबलपुर (साई)। संभागायुक्त दीपक खाण्डेकर द्वारा गंभीर आरोपों और जिला कलेक्टर सिवनी की अनुशंसा पर सिवनी के प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में डॉ.गर्ग का मुख्यालय कहां होगा? उनका प्रभार किसे सौंपा जाएगा? यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
आयुक्त कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिला आयुष अधिकारी पर लोकसभा निर्वाचन 2014 आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कई प्रकार के गंभीर आरोप लगे हैं। डॉ.सतीश गर्ग द्वारा अपने पद पर रहने के दौरान आकाश सूर्यवंशी की नियुक्ति अंशकालिक सफाई कर्मी (पी.टी.एस.) के पद पर नियमों के विपरीत करना, स्वार्थसिद्धि के उद्देश्य से स्वयं के द्वारा आकाश सूर्यवंशी का नियुक्ति आदेश तैयार कर हस्ताक्षर करना एवं डाक बुक पंजी में अशोक सूर्यवंशी का नाम अंकित कर जारी किया जाना, नियुक्ति आदेश में सामान्यतः उपस्थिति के लिये समय-सीमा निर्धारित न करना, जावक पंजी में स्वयं के द्वारा पी.टी.एस. नियुक्ति आदेश की प्रविष्टि करना एवं जावक लिपिक को अनुपस्थित बताकर झूठा कथन देकर जांच अधिकारी को भ्रमित करना, नियम विरूद्ध आचार संहिता का उल्लंघन कर अवैधानिक तौर पर पी.टी.एस. के पद पर नियुक्ति करना, सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न करवाना, आयुक्त आयुष अधिकारी द्वारा वेतन आहरण पर रोक लगाने के पश्चात स्वयं का वेतन नियम विरूद्ध आहरण करने का प्रयास करना, संयुक्त जांच समिति द्वारा उपरोक्त तथ्य सत्य पाये जाने पर जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति उदासीनता, शासकीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने, वित्तीय संहिता व कोषालय संहिता के प्रावधानों के दौरान अवैधानिक तौर पर नियम विरूद्ध कार्यवाही कर वित्तीय अनियमितता की गई है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि डॉ.गर्ग के उपरोक्त कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों, एवं म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम तीन सामान्य (1) (2) (3) के विरूद्ध ऊपर वर्णित अनुशासनहीता पूर्ण किये गये कृत्य गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आते हैं, जो म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 सहित उक्त वर्णित अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय है। संभाग आयुक्त दीपक खाण्डेकर द्वारा नियमानुसार विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही करते हुए डॉ.सतीश गर्ग को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

नस्ती जिला कलेक्टर सिवनी के माध्यम से हमारे पास आई थी। हमारे कार्यालय से प्रभारी जिला आयुष अधिकारी डॉ.सतीश दत्त गर्ग को निलंबित कर दिया गया है।
दीपक खाण्डेकर

आयुक्त, जबलपुर.

गंदा बदबूदार पानी पीने मजबूर हैं शिव की नगरी के निवासी

गंदा बदबूदार पानी पीने मजबूर हैं शिव की नगरी के निवासी

गट्टू दादू के हंटरसे घबराता है पालिका प्रशासन!

(अखिलेश दुबे)

सिवनीं (साई)। सिवनी शहर को भगवान शिव की नगरी भी माना जाता है। भगवान शिव वे ही हैं जिनकी जटाआंे में पुण्य सलिला गंगा समाई है। युवा और ऊर्जावान नेता राजेश त्रिवेदी के मार्गदर्शन में नगर पालिका प्रशासन पता नहीं कैसे अपने मुख्य मार्ग से भटक गया है। सिवनी शहर वासियों को मूलभूत सुविधाएं तो नहीं मिल पा रहीं है पर कमीशन के बंदरबांट वाले निर्माण कार्यों को पालिका प्रशासन द्वारा अपनी प्राथमिकता की फेहरिस्त में सबसे ऊपर स्थान दिया हुआ है।
एक पार्षद ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि जबसे राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व वाली परिषद नगर पालिका पर काबिज हुई है तबसे सिवनी शहर में अव्यवस्थाएं सिर चढ़कर बोल रही हैं। लोग बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं और राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व में पालिका प्रशासन द्वारा निर्माण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर संपादित किया जा रहा है।
उक्त पार्षद ने आगे कहा कि दरअसल, निर्माण कार्यों में मोटा कमीशन जो मिलता है इसी कारण विकासकी आड़ लेकर निर्माण कार्यों को करवाया जा रहा है। उक्त पार्षद का आरोप था कि नगर पालिका में विपक्ष में बैठी कांग्रेस द्वारा भी समय-समय पर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी को आंख दिखाई जाती है, पर बाद में सब कुछ पहले की ही तरह सामान्य हो जाता है।
उक्त पार्षद के अनुसार नगर पालिका के अंदर अगर कुछ प्रतिशत मामले नियमानुसार हो रहे हैं तो इसका श्रेय अधिवक्ता और सूचना के अधिकार के कार्यकर्ता दादू निखिलेंद्र नाथ सिंह उर्फ गट्टू दादूको जाता है। उन्होंने बताया कि गट्टू दादू के आरटीआई वाले हंटर से पालिका के अंदर खलबली मच जाती है।

गंदे पानी की समस्या
वहीं, अनेक वार्ड में पिछले लगभग छः माहों से गंदे और बदबूदार पानी की समस्या का सामना वार्डवासी कर रहे हैं। बार-बार मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद भी पालिका प्रशासन की कुंभकर्णीय निंद्रा न टूटने पर किसी को आश्चर्य नहीं हो रहा है किन्तु जब विपक्ष में बैठी कांग्रेस ही इस मामले में मौन साधी हुई है तब नागरिकों की समस्याओं के लिए लड़ने वाला शायद ही कोई बचा हो। विपक्ष में बैठी कांग्रेस द्वारा भी शहर भर में हो रही गंदे पानी की अनियमित सप्लाई के बारे में आवाज बुलंद नहीं करना वाकई लोगों के लिए पीड़ादायक ही साबित हो रहा है।

न आंदोलन न संवेदना!
सिवनी शहर के लोगों को गंदा पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है पर कांग्रेस द्वारा इसके लिए घड़ियाली आंसू भी नहीं बहाए गए हैं। जिला कांग्रेस के तीन और नगर कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने भी पालिका प्रशासन को कभी कटघरे में खड़ा नहीं किया है। एक बार अवश्य ईदगाह के पास वाले नाले हेतु कांग्रेस ने आंदोलन किया था, पर उसके बाद पालिका में कांग्रेस भाजपा की मिली जुली सरकार ही नजर आती रही है।

बढ़ रहीं बीमारियां!
गंदे पानी के सेवन से गैस, बदहजमी, आंव, आंत्रशोध, पेट दर्द, उल्टी दस्त जैसी बीमारियों के मरीजों की तादाद में जमकर इजाफा हुआ है। संपन्न और जानकार लोग तो इस पानी को फिटकरी आदि से साफ कर पीने योग्य बना लेते हैं पर बाकी सारे तो गंदा पानी पीकर बीमार होने पर मजबूर हैं।

करोड़ों के वारे न्यारे

बताया जाता है कि पानी के शोधन के लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं। सूचना के अधिकार के तहत भी यह जानकारियां मांगी गई हैं कि राजेश त्रिवेदी के अध्यक्षयीय कार्यकाल में जल शोधन के लिए कितनी मात्रा में क्या क्या खरीदा गया है? किन्तु एक माह की अवधि पूरी होने के बाद भी पालिका द्वारा जानकारियां प्रदान नहीं की गई हैं।