बुधवार, 26 मार्च 2014

मॉडल रोड: खुद ही अनुमतियां देने में कतरा रही पालिका


मॉडल रोड: खुद ही अनुमतियां देने में कतरा रही पालिका

अब कौन करेगा सड़क निर्माण का सुपरविज़न!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। शहर को साफ सुथरा और सुंदर बनाने का दावा नगर पालिका के युवा एवं ऊर्जावान अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी द्वारा बारंबार किए जाने के बाद भी, उनके ही नेतृत्व में नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह अपरिपक्वता का परिचय दे रहा है। नगर के अंदर बन रही 11 करोड़ 70 लाख रूपए की मॉडल रोड के वर्क ऑर्डर जारी करने के पहले, नगर पालिका प्रशासन द्वारा स्वयं ही दी जाने वाली अनुमतियों में विलंब किया गया है।
ज्ञातव्य है कि जबलपुर की ओर से नागपुर की ओर तक लगभग साढ़े चार किलोमीटर लंबी इस सड़क पर दोनों ओर सात मीटर चौड़ी सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के मध्य में दो मीटर चौड़ा डिवाईडर भी प्रस्तावित है। इस सड़क की मोटाई में साढ़े सात एमएम का बीएम और 25 एमएम का एचडीडीसी डाला जाना है। इसका ठेका गुना की मेसर्स राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। इस कार्य को नवंबर 2013 में आरंभ किया जाकर, इस साल अक्टूबर तक पूरा किया जाना है।
नगर पालिका प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 11 करोड़ 70 लाख रूपए के कार्य में सड़क निर्माण, डिवाईडर निर्माण, नाली निर्माण, पोल शिफ्टिंग, झाड़ कटाई आदि का कार्य शामिल है। सूत्रों की मानें तो अब तक तो न ही इस सड़क पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही हुई है, न ही पोल हटाने की और न ही पेड़ कटाई ही हो पाई है।

मॉडल रोड में व्यवधान!
पालिका के सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इस सड़क के निर्माण में आने वाली बाधाओं को नगर पालिका प्रशासन के द्वारा स्वयं ही हटाया जाना है। इसके लिए वृक्ष कटाई की अनुमति, नगर पालिका परिषद को ही देना है। (जानकारों का कहना है कि शहरी सीमा के अंदर कटाई की अनुमति पालिका द्वारा ही दी जाती है)
इसके अलावा बिजली के खंबे हटवाने का कार्य भी नगर पालिका को स्वयं ही करवाना है। विडम्बना ही कही जाएगी कि इसके लिए अब तक नगर पालिका परिषद द्वारा पोल शिफ्टिंग के लिए निविदा तक जारी नहीं की गई है। अब जबकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो चुकी है, तब यह मामला 16 मई तक स्वतः ही टल गया है।
रही बात इस सड़क के निर्माण हेतु अतिक्रमण हटवाने की, तो सर्वविदित है कि नगर पालिका क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने की जवाबदेही नगर पालिका प्रशासन के स्वयं के ऊपर ही आहूत होती है। नगर पालिका परिषद द्वारा कुछ समय के अंतराल में ही अतिक्रमण हटाने की मुंहदेखी मुहिम अवश्य ही छेड़ी जाती है।

कार्य नवंबर में आरंभ, राशि का पता नहीं!
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि इस सड़क के निर्माण हेतु हुडको से नगर पालिका को ऋण प्राप्त होना था। सूत्रों के अनुसार इसकी पहली किश्त ही पालिका को प्राप्त हो पाई है। इसकी बाकी किश्तें नहीं आ पाने से यह कार्य मंथर गति से चल रहा है।

प्रशासनिक विफलता!
लोगों का मानना है कि नगर पालिका प्रशासन अनुभवहीनता का प्रदर्शन कर रहा है। इसका कारण यह है कि मॉडल रोड के निर्माण का वर्क ऑर्डर जारी करने के पहले, न तो जरूरी अनुमतियां ही ली या दी गई हैं और न ही अतिक्रमण ही हटाया गया है। इन परिस्थितियों में कार्य में होने वाले विलंब का भोगमान भी नगर पालिका प्रशासन को ही भोगना होगा। कहा जा रहा है कि अगर कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा नहीं हुआ तो ठेकेदार बाद में विलंब के लिए बाजार भाव बढ़ने आदि पर क्लेम मांगेगा और उस समय विलंब को जस्टिफाई करने में नगर पालिका प्रशासन को पसीना आ जाएगा।

कौन करेगा सुपरविज़न!
अब जबकि पालिका के दो उपयंत्रियों को निलंबित किया जा चुका है, तब यक्ष प्रश्न यही आन खड़ा हुआ है कि मॉडल रोड के निर्माण में गुणवत्ता का सुपरविज़न किया जाएगा तो किसके द्वारा। हो सकता है ठेकेदार को अघोषित तौर पर (कारण चाहे जो भी हो) निर्माण कार्य को बिना सुपरविज़न के संपादित करने की छूट प्रदान कर दी जाए और बाद में किसी उपयंत्री की तैनाती होने पर इस कार्य का सुपरविज़न, मेजरमेंट करवाकर देयकों का भुगतान करवा दिया जाए। जानकारों का मानना है कि सरकारी स्तर पर बिना स्नातक या स्नातकोत्तर इंजिनियर के, आखिर इस कार्य को कैसे कराया जा सकता है?

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