शनिवार, 28 सितंबर 2013

शक्ति के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब

शक्ति के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब

(विकराल सिंह बघेल)

केवलारी/छपारा (साई)। युवा एवं कद्दावर नेता कुंवर शक्ति सिंह के समर्थन में आज छपारा में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। आज खुर्सीपार के दंगल में पहुंचे शक्ति सिंह उर्फ अजीत भैया की अगवानी के लिए युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के रजनीश सिंह के खेमे में इस सैलाब को देखकर सन्नाटा पसरा रहा।
कुंवर शक्ति सिंह आज सुबह मोनी दादा के आश्रम देवघाट पहुंचे, जहां उन्होंने सिवनी की पुण्य सलिला बैनगंगा की पूजा अर्चना करने के उपरांत छपारा के लिए रवानगी डाली। कुंवर शक्ति सिंह के साथ लगभग 100 बाईक सवार और आधा सैकड़ा चौपहिया वाहनों का काफिला जिस भी गांव से गुजर रहा था, वहां लोग हैरत के साथ इसे देख रहे थे।
अपरान्ह जब यह काफिला छपारा शहर पहुंचा तो वहां लोगों ने दिल से शक्ति सिंह का स्वागत किया। बताया जाता है कि छपारा में आज फल फूल की दुकानें सूनी ही रहीं। शक्ति सिंह के समर्थकों द्वारा खुद ही सारे फल फ्रूट खरीदकर दंगल में ले जाकर उपस्थित लोगों के बीच बांटे गए।

दंगल में भी युवा हृदय सम्राट कुंवर शक्ति सिंह का तहेदिल से इस्तकबाल किया गया। दंगल में आए पहलवानों को पहलवानी के गुरू सिखाकर कुंवर शक्ति सिंह ने पहलवानी के प्रति अपने समर्पण का भी इजहार किया।

चिकित्सालय में तीन ही चिकित्सक लिखते हैं सही दवाएं: डॉ.सोनी

चिकित्सालय में तीन ही चिकित्सक लिखते हैं सही दवाएं: डॉ.सोनी

संचालनालय, कलेक्टर व सीएमओ के निर्देश मायने नहीं रखते डॉ.सत्यनारायण सोनी के लिए

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय में पदस्थ तीन विशेषज्ञ ही सही दवाएं लिखते हैं, बाकी चिकित्सकों की लिखी दवाओं पर भरोसा नही किया जा सकता है। पेंशनर्स को दवाएं अगर चाहिए तो इन्हीं तीन मेडीकल स्पेशलिस्ट को दिखाएं और इनसे दवाएं लिखवाएं। अगर ये चिकित्सक ओपीडी में नहीं मिलते हैं तो इनके मिलने तक पेंशनर्स इंतजार करें नहीं तो दूसरे या तीसरे दिन या रोज आकर इनका इंतजार करें, फिर दवाएं लिखवाएं।
उक्ताशय की बात जिला चिकित्सालय सिवनी के चर्चित सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी द्वारा आज आरएमओ डॉ.पुरूषोत्तम सूर्या, डॉ.टीकाराम बांद्रे और डॉ.दीपक अग्निहोत्री की उपस्थिति में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही गयीं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा जब उनसे यह पूछा गया कि पेंशनर्स को दवाएं अस्पताल से मिलने की क्या व्यवस्था है? तो उन्होंने कहा कि अस्पताल से पेंशनर्स को दवाएं मिल रही हैं और अगर अस्पताल में नहीं हैं तो उन्हें खरीदकर दी जा रही हैं।

विशेषज्ञ हैं अधिकृत
डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि उनके द्वारा पेंशनर्स को दवाएं लिखने के लिए भेषज विशेषज्ञों को अधिकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में डॉ.ए.के.तिवारी, डॉ.एस.के.नेमा और डॉ.टीकाराम बांद्रे विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स को अगर दवाएं चाहिए या अस्पताल द्वारा बाजार से खरीदकर दवाएं दें तो इसके लिए पेंशनर्स को सिर्फ और सिर्फ विशेषज्ञों से दवाएं लिखवाना जरूरी है। अगर विशेषज्ञ दवाएं नहीं लिखते हैं, तो उन्हें बाजार से दवा खरीदकर कतई नहीं दी जाएगी।

विशेषज्ञ के अलावा भरोसा नहीं
जब डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह पूछा गया कि उनकी इस बात का यह आशय निकाला जाए कि सिविल सर्जन को विशेषज्ञ के अलावा अन्य चिकित्सकों पर भरोसा नहीं है, और बाकी के चिकित्सक गलत दवाएं लिख रहे हैं? इस पर डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि हो सकता है बाकी के चिकित्सक गलत दवाएं लिख रहे हों। जब डॉ.सत्यनारायण सोनी की इस बात पर डॉ.बांद्रे, डॉ.सूर्या और डॉ.अग्निहोत्री से पूछा गया कि क्या वे गलत दवाएं लिखते हैं तो तीनों महज मुस्कुरा दिए।

नहीं मिलते विशेषज्ञ
डॉ.सत्यनारायण सोनी के संज्ञान में यह बात लाई गई कि ओपीडी में बने विशेषज्ञ कक्ष जिसमें सिर्फ डॉ.ए.के.तिवारी के नाम की ही नेम प्लेटलगी है, में कोई विशेषज्ञ ही नहीं मिलता तो मरीज आखिर कहां जाए? इस पर उन्होंने छूटते ही कहा कि एक विशेषज्ञ अवकाश पर हैं, दूसरे राउंड पर होंगे तथा तीसरे डॉ.टीकाराम बांद्रे उनके सामने ही पुलिस के लिए कुछ जांच कर रहे हैं। डॉ.सत्यनारायण सोनी ने कहा कि डॉ.बांद्रे दो दिन पुराना काम निपटा रहे हैं, इस कदर कमी है चिकित्सकों की प्रियदर्शनी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय में!

ओपीडी के बाद करवाएं अन्य काम!
जब डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह कहा गया कि अगर इस तरह के काम संपादित ही करवाना है तो बेहतर होगा कि ओपीडी के समय सुबह आठ से एक बजे के बाद इन कामों को संपादित करवाया जाए ताकि कम से कम पेंशनर्स को तो विशेषज्ञ की लिखी सही दवाएं मिल सकें। इस पर वे मुस्कुराते ही रहे।

रात भर की ड्यूटी अब देना है बयान
मौके पर उपस्थित डॉ.दीपक अग्निहोत्री से सीएस डॉ.सत्यनारायण सोनी कुछ वाद-विवाद कर रहे थे। बात मोबाईल के स्विच ऑफ होने की हो रही थी। जब डॉ.दीपक अग्निहोत्री से पूछा गया कि वे ओपीडी के समय डॉ.सत्यनारायण सोनी के दरबारमें क्या कर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि उनकी नाईट ड्यूटी थी। वे रात भर ड्यिूटी कर सुबह घर गए थे, और फिर पेंशनर्स को दवाएं न लिखने की शिकायत पर संवदेनशील जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेशों के उपरांत होने वाली जांच में बयान देने के लिए आए हैं। ज्ञातव्य है कि डॉ.दीपक अग्निहोत्री द्वारा वरिष्ठ पेंशनर डी.बी.नायर को दवा नहीं लिखने का कारण सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी द्वारा मौखिक तौर पर दिए निर्देश बताया गया था। इसकी शिकायत डी.बी.नायर द्वारा जिला कलेक्टर से की गई थी। जिला कलेक्टर द्वारा इसकी जांच आहूत करवा दी है।

दवा काउंटर है खाली!

जब सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी से यह पूछा गया कि दीनदयाल दवा वितरण कक्ष में बने पेंशनर्स के प्रथक काउंटर में कोई कर्मचारी नहीं रहता है? तो उन्होंने कहा कि पेंशनर्स भी तो घिसट घिसट कर आते हैं, अब कोई कर्मचारी आखिर कब तक उनकी रास्ता देखेगा। बाजू के सामान्य काउंटर में दवा मिलती है वहीं से ले ली जाए।

भाजपा के माथे पर कालिख!

भाजपा के माथे पर कालिख!

(शरद खरे)

सत्तारूढ़ भाजपा की पेशानी अब कीचड़ से सनी दिख रही है। कहीं संगठन के खिलाफ नारे लग रहे हैं तो कहीं, अपनी ही सरकार के खिलाफ चुने हुए प्रतिनिधि हड़ताल पर बैठे हैं। कहीं भाजपा के मण्डल अध्यक्ष को अधमरा कर दिया जाता है तो कहीं भाजपा के नगर मण्डल अध्यक्ष को दो घंटे तक थाने में निरूद्ध कर रखा जाता है। कुल मिलाकर भाजपा के राज में सिवनी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।
भाजपा के नगर मण्डल अध्यक्ष लखनादौन को कोतवाली लखनादौन में दो घंटे बिठाकर रखा गया। बाद में नगर पंचायत लखनादौन के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राधेश्याम चौधरी द्वारा भाजपा के प्रस्तावित कार्यालय में बाधा उतपन्न करवाई जाती है। लखनादौन में आधी रात तक सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों को धता बताकर कानफाडू डीजे के शोर में बार बालाएं नाचती हैं। लखनादौन में मुख्य मार्ग के निर्माण में ठेकेदार की मदद की जाती है। कृषि उपज मण्डी की जमीन पर बलात् कब्जा कर नगर पंचायत द्वाराा सब्जी मण्डी का निर्माण किया जाता है, वह भी माननीय न्यायालय के स्थगन के उपरांत। राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाली निर्माण की अनुमति के बाद वहां कालम खड़े किए जाते हैं। भाजपा कुछ मामलों में अपनी शिकायत दर्ज कराकर पावती लेकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। लखनादौन में निर्दलीय के नेतृत्व में नगर पंचायत काम कर रही है। लखनादौन के हालात देखकर लगता है मानो यह भारत गणराज्य का अंग ही नहीं रह गया है। लखनादौन में नगर पंचायत में भाजपा के पार्षद हैं, पर बैठकों में ये पार्षद अपना विरोध दर्ज नहीं कराते हैं।
इसी तरह मुंगवानी के भाजपा मण्डल अध्यक्ष अपनी ही सरकार के खिलाफ अमरण अनशन पर बैठे। मुंगवानी भाजपा मण्डल अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ठाकुर का आरोप है कि चंदोरी खुर्द यानी बांकी सहकारी समिति के प्रबंधक द्वारा लगभग पांच करोड़ का गोलमाल किया गया है। इस घोटाले में भाजपा की निरीहता तो देखिए, बार बार जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर वे अनशन पर बैठने की तैयारी में लग गए। अपनी ही सरकार के सामने सीना ठोंककर खड़े हुए सतेंद्र सिंह ठाकुर। उन्होंने किसी की नहीं सुनी। जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिला वे वहां से नहीं डिगे।
वहीं छपारा में मण्डल अध्यक्ष धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर पर प्राणघातक हमला हुआ। धर्मंेंद्र ठाकुर ने इसे राजनैतिक हमला बताया और पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष नवनीत सिंह ठाकुर को इसके लिए दोषी बताया। वहीं नवनीत सिंह ठाकुर का बयान आया कि वे बीच बचाव के लिए गए थे। भाजपा के ही लोगों का कहना है कि अगर नवनीत सिंह ठाकुर वक्त पर नहीं पहुंचते तो अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। कहा जा रहा है कि नवनीत सिंह ठाकुर को फंसाने के बजाए धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर को उनका अहसान मानना चाहिए कि नवनीत के कारण ही वे बच पाए।
छपारा में चल रही चर्चाओं के अनुसार भाजपा मण्डल अध्यक्ष का काम कुछ आपत्तिजनक ही रहा है। उनके बारे में कहा जाता है कि एक मर्तबा बस स्टैंड पर ही उन्होंने तत्कालीन नगर निरीक्षक की, वर्दी में ही कालर पकड़ ली थी। इस पर नाराज पुलिस कर्मियों ने उनकी खासी मरम्मत की थी। कहा जाता है कि ठेकों में अवैध वसूली के संगीन आरोप भी हैं धर्मेंद्र सिंह ठाकुर पर। इतना ही नहीं छपारा में चल रही चर्चाओं को अगर सच माना जाए तो वहां बैनगंगा तट पर बना पीडब्लूडी का रेस्ट हाउस भी रात को मयखाने में तब्दील हो जाया करता है और देर रात तक वहां महफिलें सजती हैं। इन महफिलों में भी भाजपा के नेताओं का शुमार होता है।
कहा जा रहा है कि धर्मंेंद्र सिंह ठाकुर का असली विवाद लेनदेन का है। उनके बारे में चर्चा है कि वे हर काम में कमीशन की मांग किया करते रहे हैं। उनके ऊपर हुए हमले के बाद उनके पक्ष में सहानुभूति कम ही दिख रही है जिससे साफ हो रहा है कि वे कहीं न कहीं गलत रास्ते पर थे। वे सही थे या गलत यह तो वे ही जानें किन्तु भाजपा के मण्डल अध्यक्ष का प्रभार सौंपने के पहले क्या भाजपा द्वारा उनके बारे में पूरी तफ्तीश नहीं की गयी थी। जिसने भी उन्हें अध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी, क्या जिला भाजपा संगठन उस पर कार्यवाही करने का माद्दा दिखाएगा?
29 सितम्बर को प्रदेश के मुखिया का सिवनी आगमन होने जा रहा है। प्रदेश के मुखिया के सामने हो सकता है सिवनी में भाजपा की चरमराती स्थिति का बखान हो। भाजपा के अंदर एक संस्कृति पनपती दिख रही है, जो एक दूसरे पर लांछन लगाने की है। वैसे तो हर दल में एक दूसरे पर लांछन लगाये जाने की परंपरा नई नहीं है। किन्तु भाजपा काडर बेस्ड पार्टी हैै, और भाजपा को अनुशासित दल माना जाता रहा है।

सिवनी में आम आदमी कराह रहा है। ऐसा नहीं है कि भाजपा संगठन को इन सारी बातों की माहिती न हो। भाजपा संगठन सब कुछ, देख सुन रहा है। रोज डेंगू के मरीजों की खबरें मिल रही हैं, पर भाजपा का संगठन स्वास्थ्य विभाग की मश्कें इसलिए नहीं कस पा रहा होगा क्योंकि भाजपा के दो विधायकों के पतियों के हाथ में स्वास्थ्य विभाग की कमान जो ठहरी। भाजपा को जब कमल का चिन्ह आवंटित हुआ था उस वक्त भाजपाई ही कहा करते थे कि देश को कांग्रेस ने कीचड़ में तब्दील कर दिया है और कीचड़ में ही कमल खिला करते है। सिवनी में यह उक्ति चरितार्थ तो होती दिख रही है किन्तु सिवनी में भाजपा के कमल द्वारा ही कीचड़ मचाया जा रहा है, जो चिंता का विषय है। भाजपा संगठन को संभलना होगा, जिला वासियों की समस्याओं के लिए सिर्फ पत्र लिखकर अपनी नस्ती मोटी करने से कोई लाभ नहीं, क्योंकि समस्याएं जस की तस ही हैं। जरूरत है पत्र लिखने के बजाए कदम उठाने की, वरना आने वाले चुनावों में जनता का मूड अगर बदला तो . . .।