मंगलवार, 24 सितंबर 2013

दवाओं के लिए भटक रहे पैंशनर्स

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। जिला चिकित्सालय में पैंशनर्स पिछले एक साल से दवाओं के लिए भटकने पर मजबूर हैं। जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ.सत्य नारायण सोनी की लापरवाही के चलते पैंशनर्स को न तो दवाएं मिल पा रही हैं और न ही पैंशनर्स को चिकित्सकों द्वारा करीने से देखकर इलाज ही किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत दिवस पैंशनर्स को बाहर की दवाएं न लिखने के लिए डॉ.सत्य नारायण सोनी द्वारा अघोषित तौर पर फरमान जारी किया गया था। बताया जाता है इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की गई तब उनकी फटकार के बाद, यह निर्णय अघोषित तौर पर किया गया कि पैंशनर्स को दस प्रतिशत की दवाएं बाजार से खरीदकर दी जाएं।दवाओं के लिए भटक रहे पैंशनर्स
इस निर्णय के बारे में पैंशनर्स को जानकरी नहीं दी गई। कुछ पैंशनर्स जब पिछले दिनों चिकित्सालय की ओपीडी पहुंचे तो वहां तैनात चिकित्सकों द्वारा उन्हें कहा गया कि वे किसी भेषज विशेषज्ञ से लिखवाएं तब जाकर उन्हें दवाएं मिल सकती हैं। वहीं जब एक महिला पैंशनर डॉ.नेमा के पास गईं तो बताया जाता है कि डॉ.नेमा ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि उन्हें इस तरह के किसी आदेश की जानकारी नहीं है। 
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दिनेश की खिलाफत से आगबबूला हुए मोहोड़

दिनेश की खिलाफत से आगबबूला हुए मोहोड़

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। ‘‘सिवनी जिले में किसका राज चल रहा है, भाजपा का या एक शराब कारोबारी का! हमसे जितना बना उतना किया, अब पानी सर के उपर आने लगा है। लखनादौन में भाजपा के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को एक शराब करोबारी के कहने पर प्रताड़ित किया जा रहा है। यदि आलम यही रहा तो लखनादौन सहित जिले में शराब ठेकेदार का गुण्डाराज कायम हो जाएगा।‘‘
बताया जाता है कि उक्ताशय की बातें गत दिवस मेजर ध्यानचंद सिंथेटिक हॉकी मैदान के उद्घाटन में आए प्रभारी मंत्री नाना भाऊ मोहोड़ को जब सुनने को मिलीं तो वे इसका आशय समझ गए कि लखनादौन का भाजपा मण्डल किसी और की नहीं शराब कारोबारी दिनेश राय उर्फ मुनमुन की शिकायत लेकर आया है। कहा जा रहा है कि शिकायत सुनते ही नाना भाऊ एकाएक आग बबूला हो उठे।
उद्घाटन समारोह में मौजूद भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नाना भाऊ का मूड इसी बात से उखड़ा रहा। उन्होंने बताया कि भाजपा के प्रदेश स्तर के एक पदाधिकारी द्वारा दिनेश राय को स्टार प्रचारक माना जा रहा है, और इसी कारण उनके निर्देश हैं कि दिनेश राय के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाए जाएं।
उक्त पदाधिकारी ने आगे कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के सम्मान को लखनादौन में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और शराब कारोबारी तथा लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त (जबकि शराब इस्लाम में हराम मानी गई है), अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष तथा राय पेट्रोलियम के संचालक (जबकि एडव्होकेट एक्ट के तहत अधिवक्ता दूसरा कोई व्यवसाय नहीं कर सकता है) दिनेश राय द्वारा भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

उक्त पदाधिकारी ने कहा कि लखनादौन से आए भाजपा कार्यकर्ता मुनई बाबा ने दो टूक शब्दों में प्रभारी मंत्री नाना भाऊ को कह दिया कि लखनादौन एसडीएम, एसडीओपी और कोतलवाली प्रभारी भी दारू ठेकेदार के इशारे पर काम करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को डरा धमका रहे हैं, यहां तक कि उनकी शिकायतों पर भी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। भाजपा कार्यालय भी नियमानुसार निर्मित हो रहा था पर नगर परिषद् द्वारा इसके निर्माण को भी रूकवा दिया गया है।

अतिक्रमण से सख्ती से निपटें: भरत यादव

अतिक्रमण से सख्ती से निपटें: भरत यादव

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला कलेक्टर भरत यादव ने तहसीलदार और नगर पालिका परिषद् के सीएमओ को निर्देशित किया है कि वे अतिक्रमण जैसी समस्या से सख्ती के साथ निपटें।
श्री य्ाादव ने जिला श्रम अधिकारी को निर्देशित किय्ाा कि विभिन्न य्ाोजनाओं के आनलाइन आवेदन की जानकारी हितग्राहिय्ाों को दी जाय्ो। केम्प लगाकर आनलाइन आवेदन भरवाय्ो जाकर हितग्राहिय्ाों को लाभांवित किय्ाा जाय्ो। श्री य्ाादव ने सी.एम.एच.ओ. को निर्देश दिय्ो कि पात्र नागरिकों को य्ाथाशीघ्र ग्रीन कार्ड दिय्ो जाय्ो ताकि परिवार निय्ाोजन अपनाने वाले दंपत्ति ग्रीन कार्ड के माध्य्ाम से विभिन्न य्ाोजनाओं का लाभ ले सकें।
विभिन्न हितग्राहिय्ाों को प्रति माह की १0 तारीख तक हर हाल में पेंशन वितरण के निर्देश श्री य्ाादव द्वारा सामाजिक न्य्ााय्ा उपसंचालक को दिय्ो गय्ो। श्री य्ाादव ने स्टेडिय्ाम के अतिक्रमण पर एक सप्ताह के अंदर सख्त कायर््ावाही करने के निर्देश तहसीलदार एवं सी.एम.ओ. नगरपालिका को दिय्ो। श्री य्ाादव ने आर.ई.एस. अधिकारी को निर्देश दिय्ो कि अभी से नलजल य्ाोजना के तहत अधिकाधिक कनेक्शन लेने हेतु नागरिकों को प्रोत्साहित किय्ाा जाय्ो ताकि अधिकाधिक लोगों को कारगर तरीके से स्वच्छ जल की आपूर्ति की जा सके। लोग गर्मिय्ाों में परेशान न हों।
श्री य्ाादव ने धान उपार्जन हेतु पंजीकृत किसानों के विभिन्न चरणों में होने वाले सत्य्ाापन को पूर्ण सतर्कता से करने के निर्देश दिय्ो। कलेक्टर श्री य्ाादव ने सभी सेक्टर अधिकारिय्ाों को मतदान केन्द्रों की सभी व्य्ावस्थाओं जैसे विद्युत, पेय्ाजल, रेम्प, पहुंच मार्ग आदि सुनिश्चित करने के निर्देश दिय्ो। श्री जैन ने सिविल सर्जन को निर्देश दिय्ो कि एम.सी.टी.एस. (मदर एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम) के तहत मां एवं बच्चे का डाटाबेस तैय्ाार करें ताकि मां एवं बच्चे को विभिन्न स्वास्थ्य्ा सुविधाय्ों प्रदान की जा सके।
श्री य्ाादव ने सभी कायर््ाालय्ा प्रमुखों को सख्त निर्देश दिय्ो कि २५ सितंबर तक अनिवायर््ा रूप से अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्र में अपने विभाग के समस्त अधिकारिय्ाों एवं कर्मचारिय्ाों के नाम मतदाता सूची में जुडवा लें अन्य्ाथा नोटिस जारी एवं निलंबन जैसी सख्त कायर््ावाही के लिय्ो तैय्ाार रहें। चुनाव कायर््ाो में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी टीम भावना के साथ कायर््ा करें तथा मतदाता जागरूकता, एपिक अनुपात, लिंग अनुपात आदि बढ़ाने हेतु सक्रिय्ाता से कायर््ा करें। सभी तहसीलदार मतदाता सूची में नाम जुड़वाने एवं नाम कटवाने के कायर््ा को प्राथमिकता से करें।

बैठक में उपस्थित जिला पंचाय्ात सीईओ श्रीमती प्रिय्ांका दास ने जनसुनवाई आवेदनों पर कायर््ावाही की समीक्षा कर संबंधित अधिकारिय्ाों को त्वरित कायर््ावाही करने के निर्देश दिय्ो। ए.डी.एम. जे.समीर लकरा ने सभी अधिकारिय्ाों को निर्वाचन संबंधी जानकारी एवं निर्देश दिय्ो। बैठक में सभी कायर््ाालय्ा प्रमुख उपस्थित थे। श्री य्ाादव द्वारा आर.ई.एस., कृषि, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, मत्स्य्ा, पशु चिकित्सा, मध्य्ाप्रदेश विद्युत मंडल, सहित अन्य्ा विभागों के समय्ा सीमा पत्रों की समीक्षा की जाकर आवश्य्ाक दिशा निर्देश दिय्ो गय्ो।

डेंगू पर सख्त हुए संवेदनशील कलेक्टर भरत यादव

डेंगू पर सख्त हुए संवेदनशील कलेक्टर भरत यादव


समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने दिया था जुर्माने का सुझाव, चुनाव की आपाधापी में कहीं खो न जाएं कलेक्टर के कड़क निर्देश!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। अंततः सिवनी जिले के संवेदनशील जिलाधिकारी भरत यादव ने डेंगू के मसले में अब सख्त कदम उठाने का मन बना ही लिया है। बार बार मीडिया में डेंगू की स्थिति की जानकारी प्रशासन के ध्यान में लाने के बाद जब संबंधित महकमों द्वारा इससे निपटने में कोताही बरती गई तो जिला कलेक्टर ने समय सीमा (टीएल) की बैठक में अधिकारियों के रवैए पर नाराजगी जताते हुए डेंगू के मामले में अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
कलेक्टर कायर््ाालय्ा स्थित सभाकक्ष में कलेक्टर भरत य्ाादव की अध्य्ाक्षता में समय्ा सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक के दौरान श्री य्ाादव ने निर्देश दिय्ो कि स्वास्थ्य्ा एवं राजस्व विभाग अमला डेंगू से बचाव हेतु जनता में जागरूकता पैदा करें कि अपने घरों में तथा आसपास पानी के जमाव को खत्म करें ताकि डेंगू फैलाने वाला मच्छर पैदा ही न हो पाय्ो।

करें जुर्माने की कार्यवाही
स्वास्थ्य्ा विभाग एवं स्थानीय्ा निकाय्ा के कर्मचारिय्ाों की एक समिति गठित कर लोगों के घर जाकर उनके घरों में ७ दिन से अधिक दिन तक जमा पानी की निकासी करवाय्ों तथा दुबारा य्ाही स्थिति मिलने पर ऐसे लोगों पर जुर्माने जैसी सख्त कायर््ा कायर््ावाही की जाय्ो। स्वास्थ्य्ा विभाग डेंगू के मरीजों का प्राथमिकता के साथ उपचार करें, लोगों को डेंगू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में जानकारी दें।

साई न्यूज ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा पूर्व में लंबे समय से सिवनी जिले में डेंगू के तेजी से फैलते डैनों के बारे में लगातार खबरें जारी कर इसकी भयावहता के बारे में लोगों को चेताया था। इतना ही नहीं साई न्यूज द्वारा बार बार यह बात कही जा रही थी कि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकायों द्वारा डेंगू के बारे में एडवाईजरी तक जारी नहीं की गई है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा पूर्व में डेंगू के कारण और निवारण के बारे में भी पाठकों को विस्तार से जानकारी दी गई थी। साई न्यूज ने ही सबसे पहले दिल्ली ब्यूरो के हवाले से यह बात उठाई थी कि प्रशासन को चाहिए कि इसके लिए जनता को जागरूक करने के साथ ही साथ जुर्माने का प्रावधान भी किया जाए।

अब तक जारी नहीं हो सकी है एडवाईजरी
यहां एक बात उल्लेखनीय है कि जिस दिन मलेरिया विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था ऐन उसके बाद से ही सिवनी में डेंगू के संभावित मरीजों के मिलने का सिलसिला आरंभ हो गया था। इससे साबित हो जाता है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा महज कागजों पर ही अभियान चलाया जाकर इसके लिए आने वाली राशि को डकार लिया जाता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि बारिश का मौसम समाप्ति की ओर है और अब तक नगर पालिका परिषद् सिवनी सहित अन्य स्थानीय निकायों और स्वास्थ्य विभाग या मलेरिया विभाग द्वारा न तो मुनादी ही पिटवाई गई और न ही इश्तेहार के जरिए डेंगू के बारे में नागरिकांे को जागरूक किया गया।

जिला मुख्यालय में मिल रहा लार्वा
इस मसले का सबसे दुखदायी पहलू यह है कि बार बार मीडिया में डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छर जनित रोगों के बारे में खबरों के प्रकाशन और प्रसारण के उपरांत भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। डेंगू का लार्वा सबसे पहले विवेकानंद वार्ड और उसके उपरांत शहीद वार्ड में मिला था। अब डेंगू का लार्वा इन दोनों वार्ड से निकलकर सारे जिला मुख्यालय सहित केवलारी, छपारा आदि सहित समूचे जिले में पहुंच चुका है।

हो चुकी हैं मौतें
डेंगू के संभावित मरीजों में से कुछ की मौत के समाचार भी हैं। साधन संपन्न लोग तो इसके उपचार के लिए जबलपुर नागपुर जाकर अपना इलाज करवा ले रहे हैं पर साधनहीन कहां जाकर इलाज करवाएं यह यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही है।

सबसे पहले हो कार्यालयों की जांच
डेंगू या मलेरिया के मच्छरों का लार्वा समूचे जिले में खोजा जाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले सरकारी कार्यालयों के प्रांगड़, रिक्त पड़े भूखंडों में भरे पानी आदि में इसकी जांच की जानी चाहिए। जिला चिकित्सालय में ही अनेक स्थानों पर पानी भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर एसपी बंग्ले और सीईओ जिला पंचायत के आवास के आसपास रिक्त पड़े बड़े भूभाग में भी बारिश का पानी भरा हुआ है। इस तरह के पानी में डेंगू के मच्छरों के लार्वा के मिलने से इंकार नही किया जा सकता है।

विधायक पतियों के हैं मजे

सिवनी में स्वास्थ्य महकमे में लखनादौन विधायक श्रीमती शशि ठाकुर के पति डॉ.वाय.एस.ठाकुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तो सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया के पति डॉ.एच.पी.पटेरिया, मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए पाबंद जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। जानकारों का कहना है कि दोनों ही भाजपा विधायक हैं और अगर वे अपने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करतीं तो सिवनी में योग्य चिकित्सकों की तैनाती कब की हो चुकी होती। साथ ही साथ मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए वे अतिरिक्त मद और प्रशिक्षित अमला भी सरकार से मांग सकती थीं, वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं हैं। भाजपा के एक अन्य विधायक कमल मर्सकोले भी हैं। तीनों सत्ताधारी दल के विधायक चाहते तो सिवनी में डेंगू प्राथमिक लक्षण मिलते ही सरकार को हिलाकर रख देते और मई माह में ही डेंगू को सिवनी से विदा कर दिया गया होता। पर माना जा रहा है कि तीनों विधायक आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी अपनी टिकिट पक्की कराने के चक्कर में अपने मतदाताओं से प्राप्त जनादेश को ही भूल गए।

अश्लीलता की ओर युवा

अश्लीलता की ओर युवा

(शरद खरे)

वाकई संचार क्रांति ने आज हमें बहुत ही तेजी से अत्याधुनिक युग की ओर अग्रसर कर दिया है। दो ढाई दशक पहले जिस बात की कल्पना भी नहीं होती थी आज की पीढ़ी उसका उपभोग भी करने लगी है। अस्सी के दशक के आरंभ में कलर फोटो खिंचवाना अपने आप में एक बहुत बड़ा प्रोजॅक्ट हुआ करता था। उस वक्त ब्लेक एण्ड व्हाईट केमरे से फोटो खींची जाकर उसमंे क्रत्रिम तौर पर रंग भरे जाते थे। यह बहुत ही मेहनत का काम होता था। उस दौर में वीडियो फिल्म बनाना स्वप्न देखने के मानिंद ही हुआ करता था। उस दौर में चलती फिरती चीजें पर्दे पर देखना मतलब फिल्म देखना ही होता था। 1981 तक देश में टीवी भी श्वेत श्याम ही हुआ करता था। 1982 के एशियाड में देश में टीवी भी कलर वाला आया, फिर वीडियो आया। लोगों की जिज्ञासा थी कि आखिर वीडियो होता कैसा है? बाद में पता चला कि यह तो कलर्ड टीवी ही है। इस समय तक कलर कैमरे से फोटो खींची जाने लगी। शनैः शनैः और प्रगति हुई तब बड़े आकार के कैमरों से वीडियो फिल्म बनाना भी आरंभ हुआ। विलासिता प्रेमी धनाड्य लोगों द्वारा शादी ब्याह आदि के अवसर पर वीडियो बनवाना प्रिय शगल बन गया था। वीडियो बनाने के बाद उसकी एडीटिंग आदि का अपना अलग ही आनंद हुआ करता था।
कालांतर में वीडियो कैसेट इतिहास में समा गई और आया सीडी का युग। सीडी भी एक समय बाद इतिहास में शामिल होती गई और डीवीडी ने उसका स्थान ले लिया। मोबाईल आने के बाद तो मानो प्रगति को पंख लग गए। मोबाईल में पहले बल्व वाला मोबाईल अर्थात जिसमें पीली रोशनी हुआ करती थी, के बाद ट्यूब लाईट वाला मोबाईल जिसकी एलसीडी सफेद चमका करती थी, वह आया। धीरे से मोबाईल में कैमरा तो वीडियो कैमरा भी आ गया। अब तो चार इंच के मोबाईल से घंटों की वीडियो फिल्म बनाई जा सकती है। प्रगति के ये सारे सौपान देखने वाली आज की प्रौढ़ होने वाली पीढ़ी अपने आप को खुशकिस्मत मान रही होगी, क्योंकि बाबा आदम के जमाने से वर्तमान परिवेश के वे साक्षात गवाह जो ठहरे। तरक्की अपने साथ अच्छी और बुरी दोनों ही बातें लाती है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। अस्सी के दशक के बाद तेजी से हुए विकास के भी अनेक दुष्परिणाम सामने आए और अनवरत आते ही जा रहे हैं।
आज मोबाईल झूठ बोलने का सबसे बड़ा कारक बनता जा रहा है। माता पिता को धोखा देकर बच्चियां, युवतियां यहां तक शादी शुदा महिलाएं भी झूठ पर झूठ बोल रही हैं। वे होती कहीं और हैं और बताती कहीं और हैं। मां बाप यह सोचते हैं कि उनके बच्चे स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे हैं, वस्तुतः इनमें से कुछ बच्चे अपने आवारा मित्रों के साथ कहीं और मस्ती में झूम रहे होते हैं। कल तक अश्लील फोटो खींचने पर उसे धुलवाने के दौरान लीक होने का जोखिम होता था, पर आज तो न रोल धुलवाने की झंझट न एक्सपोज करवाने की। आज अनेक वेब साईट्स अश्लील एमएमएस से पटी पड़ी हैं। पहले विदेशी बालाओं के इस तरह के चित्र दिखते थे, पर अब तो देशी बालाएं इसमें नजर आ रही हैं। यहां तक कि सुनने में तो यह भी आया है कि जिला मुख्यालय सहित सिवनी जिले की अनेक बालाओं के अश्लील एमएमएस तक लोगों के मोबाईल की शोभा बढ़ा रहे हैं। नशे की हालत में युवा अपनी डींग मारने के चक्कर में प्यार में फांसी गई इन बालाओं के अश्लील एमएमएस न केवल दिखाते हैं वरन् मेरी घोड़ी बड़ी की तर्ज पर ये एक दूसरे के साथ मोबाईल पर शेयर भी कर देते हैं।
इस तरह के अश्लील वीडियो का अंजाम हत्या तक पहुंचना स्वाभाविक ही है। बीते दिनों बरघाट में पुलिस द्वारा मारे गए एक छापे में अश्लील एमएमएस या क्लिपिंग्स का जखीरा मिला था, जो उपरोक्त वर्णित सारी बातों का जीवंत रोजनामचा कहा जा सकता है। जिला मुख्यालय सिवनी में न जाने कितने लोग मोबाईल के लिए डाउनलोडिंग आदि का काम कर रहे हैं। इन लोगों के पास न जाने कितने एमएमएस होंगे कहा नहीं जा सकता है। सिवनी की फिजां में युवाओं के मोबाईल पर वित्त मंत्री रहे राघवजी, जस्सी जैसी कोई नहीं की मोना सिंह सहित अनेक लोगों यहां तक कि सिवनी की स्थानीय बालाओं के नग्न और आपत्ति जनक एमएमएस शोभा बढ़ा रहे हैं।
बरघाट में युवाओं के द्वारा अपने ही साथी को ब्लेकमेल करने की बात सामने आई है। यह सब कुछ अय्याशी के चक्कर में होना बताया जा रहा है। अगर घटना में लेश मात्र की भी सच्चाई है तो यह समाज के लिए चिंता का विषय है। इसका कारण है कि युवा आज किस दिशा में जा रहा है? यह सोचना वाकई पालकों का काम है। हो सकता है अपनी औलाद के गलत कामों पर वे पर्दा डालें पर उन्हें सोचना होगा कि वे अपने बच्चों के गलत काम पर पर्दा डालकर उसका हौसला ही बढ़ा रहे हैं।

वैसे भी, आठवीं कक्षा के उपरांत बच्चों में शारीरिक बदलवा तेजी से होते हैं, उस दौर में अगर माता पिता ने अपने बच्चे पर बारीक नजर नहीं रखी तो उसका पांव फिसलने में देर नहीं लगती। गलत तरीके से पैसा कमाने वाले युवा दिखने में तो भोले दिखते हैं और आसानी से इन बालाओं को अपने आगोश में ले लेते हैं। जब इन बालाओं के सामने इन युवाओं की हकीकत आती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसके बाद बालाओं के पास पछताने के अलावा और कुछ नहीं होता है। इसलिए मोबाईल का उपयोग सावधानी से किया जाना जरूरी है। पालकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों के मोबाईल और आचरण पर नजर रखें वरना उनके हाथ भी पछतावे के अलावा और कुछ नहीं लगने वाला।