शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

कांग्रेस के रजनीश के सामने घुटनों पर भाजपा!

कांग्रेस के रजनीश के सामने घुटनों पर भाजपा!

सांसद विधायक तो दूर, पंच सरपंच भी नहीं रहे रजनीश बन गए मुख्य अतिथि!

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। भारतीय जनता पार्टी इस बार भी केवलारी विधानसभा में घुटनों पर ही खड़ी दिखाई दे रही है। भाजपा ने कांग्रेस के कद्दावर नेता स्व.हरवंश सिंह के पुत्र और कथित रूप से केवलारी के सशक्त दावेदार रजनीश सिंह की मुखालफत करने से गुरेज ही कर रखा है। 11 सितम्बर को छपारा में आयोजित तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम से भाजपाईयों ने पूरी तरह दूरी बनाई रखी, जिसका लाभ उठाकर कांग्रेस के संभावित केवलारी विधानसभा के उम्मीदवार रजनीश सिंह ने कार्यक्रम का कांग्रेसीकरण कर डाला।
ज्ञातव्य है कि आचार संहिता के खटके के चलते मध्यप्रदेश शासन द्वारा 15 सितंबर के पूर्व तेंदूपत्ता बोनस वितरण के आदेश जारी किए हुए है। सिवनी जिला यूनियन उत्तर सिवनी सा. वनमण्डल की 16 समितियों के 26935 संग्राहकों को राशि सात करोड़ बयानवे लाख पचहत्तर हजार तीन सौ पचपन रूपये का बोनस बितरण किया जाना था। इसी तारतम्य में 11 सितंबर को वन परिक्षेत्र छपारा में बोनस वर्ष 2012 तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरण कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। आयोजित शिविर मे छपारा समिति से 1269 संग्राहकों को अट्ठाईस लाख बयासी हजार एक सौ तेरह रूपयों का वितरण किया गया।

रजनीश बने भाजपा सरकार में मुख्य अतिथि
रजनीश सिंह ठाकुर का राजनीति में उदय बहुत पुराना नहीं कहा जा सकता है। अपने पिता स्व.हरवंश सिंह के विशाल सियासी कद के चलते ही उन्हें संगठन में विभिन्न ओहदों पर शोभा की सुपारी बनाकर बिठाया जाता रहा है। रजनीश सिंह ने अब तक सांसद, विधायक, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत का कोई चुनाव नहीं लड़ा है। रजनीश सिंह को कांग्रेस का कार्यकर्ता माना जा सकता है।
बावजूद इसके छपारा में आयोजित कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि रजनीश सिंह ठाकुर, विशेष अतिथि जिला पंचायत सदस्य पुष्पा जैन, जनपद अध्यक्ष रंगलाल धुर्वे, उपाध्यक्ष आरिफ मो. जयकेश सिंह, गुलाब साहू, सरंपच सांता सैैयाम, भारतीय वन सेवा अधिकारी रविन्द्र मणी त्रिपाठी, अनुविभागीय अधिकारी सी.एस.वर्मा सिवनी वन परिक्षेत्र अधिकारी आर.एल.गौर, आर.के.श्रीवास की उपस्थिति में 28लाख 82 हजार रूपये के तेन्दू पत्ता बोनस वितरण किये गये। कार्यक्रम में आमंत्रित जनप्रतिनिधियों ने केन्द्र व प्रदेश शासन की योजनाओं के विषय में जानकारी देते हुये तेन्दू पत्ता संग्रहण करने वाले मजदूरों के हित मे अपने अपने उद्बोधन दिये। उसके पश्चात् संग्राहकों को अतिथियों के माध्यम से नगद राशि का वितरण किया गया। पूरे कार्यक्रम में सत्ताधारी दल भाजपा से कोई भी स्थानीय या जिला स्तर का जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में नही पहुंचा, जिससे कार्यक्रम कांग्रेसमय होकर समपन्न हुआ।

भाजपा - रजनीश की नूरा कुश्ती से कार्यकर्ता हैरान!
भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कांग्रेस के विधानसभा के संभावित प्रत्याशी जो कि सिर्फ कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं के सामने जिला भाजपा का घुटने टेकना, आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। जिला भाजपा द्वारा इस बात पर अब तक संज्ञान नहीं लिया जाना आश्चर्यजनक ही है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस के एक महज कार्यकर्ता को सरकारी कार्यक्रम का मुख्य अतिथि आखिर किस आधार पर बना दिया जाता है। सियासी फिजां में यह बात तेजी से उठ रही है कि क्या इस कार्यक्रम के लिए आखिर एक ऐसे व्यक्ति को भारतीय जनता पार्टी द्वारा महिमा मण्डित किया जा रहा है? क्या हरवंश सिंह ठाकुर की तरह रजनीश सिंह से भी भाजपा के नुमाईंदे सैट हो चुके हैं?

नीता नरेश से किया था संपर्क
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए वन विभाग के नुमाईंदों ने सबसे पहले पूर्व विधायक और जिला भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर से संपर्क किया था, उसके बाद इसके लिए वे सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया के पास भी गए थे। दोनों की सहमति नहीं मिल पाने के बाद वन विभाग द्वारा स्थानीय भाजपा के जनप्रतिनिधियों से संपर्क किया गया था। वनमण्डलाधिकारी चूंकि उत्तर प्रदेश प्रवास पर हैं अतः उनसे इस संबंध में चर्चा नहीं हो सकी है।

रजनीश के इस कृत्य की शिकायत होगी?
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि हरवंश सिंह के जमाने में भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी नूरा कुश्ती हरवंश सिंह के अवसान के उपरांत भी समाप्त नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा संगठन अपने आप को मीर बनाने के लिए, कांग्रेस से मिलकर भाजपा के ही अपने दुश्मनों से चुन चुन कर बदला ले रहा है। उक्त पदाधिकारी ने कहा कि क्या भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा रजनीश सिंह को मुख्य अतिथि बनाने वाले अधिकारियों की शिकायत संगठन स्तर पर या मुख्यमंत्री से करेंगे, कि सरकारी अधिकारी ही भाजपा के राज में कांग्रेस को प्रमोट करने में लगे हुए हैं! उन्होंने कहा कि नरेश दिवाकर द्वारा ऐसा इसलिए नहीं किया जाएगा क्योंकि वे भी . . .। उक्त पदाधिकारी ने कहा कि भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर द्वारा लखनादौन नगर पंचायत और गांव गांव बिकने वाली अवैध शराब के मामले में भी राय परिवार को घेरने में अपने आप को जान बूझकर अक्षम बताया जा रहा है। इसका कारण यह है कि वे कहीं न कहीं राय परिवार से अंदर ही अंदर जुड़े हुए हैं।

सरकार की ओर से है ढील
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से नंद किशोर ने वन मंत्री कार्यालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि राज्य शासन द्वारा तेंदू पत्ता वितरण कार्यक्रम के लिए राज्य शासन द्वारा कोई राशि प्रदाय नहीं की गई है। इतनी बड़ी तादाद में हो रहे बोनस वितरण में न तो कार्ड ही छप पा रहे हैं और न ही टेंट आदि के लिए कोई राशि का ही प्रावधान किया गया है। इन परिस्थितियों में वन कर्मी अपने स्तर पर अपनी जेब से ही कार्यक्रम को संपादित कर रहे हैं। सिवनी में हुए कार्यक्रम की जानकारी जब वन मंत्री के करीबी सूत्र को दी गई तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि हो सकता है कांग्रेस के महामंत्री ने कार्यक्रम का खर्च वहन कर लिया हो तो वन विभाग द्वारा उन्हें ही मुख्य अतिथि बना दिया गया हो।

जनप्रतिनिधियों की अव्हेलना गलत: बिसेन
मध्य प्रदेश वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ.ढाल सिंह बिसेन ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की इस तरह से उपेक्षा पूरी तरह निंदनीय है। इस तरह अगर सरकारी कर्मचारी पार्टी विशेष के महामंत्री को मुख्य अतिथि बनाएंगे जो जनप्रतिनिधि कभी रहा ही नहीं हो तो भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा आना स्वाभाविक ही है। इससे गलत संदेश जा रहा है। छपारा में रजनीश सिंह को तेंदूपत्ता वितरण कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाया जाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं कहा जा सकता है।

भाजपा में जनप्रतिनिधियों की कमी नहीं: नरेश दिवाकर

दूसरी ओर भोपाल यात्रा से आज शाम ही लौटे जिला भाजपाध्यक्ष नरेश दिवाकर का कहना है कि भाजपा में जनप्रतिनिधियों की कमी नहीं है। यह वाकई आपत्तिजनक है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे डीएफओ से चर्चा करना चाह रहे हैं पर उनका मोबाईल बंद आ रहा है। इस संबंध में वे रात को जिला कलेक्टर से चर्चा अवश्य ही करेंगे।

मनोरंजन आतिशबाजी के फूहड़ प्रदर्शन के बजाए शपथ पत्र दे राय परिवार: गोंगपा

मनोरंजन आतिशबाजी के फूहड़ प्रदर्शन के बजाए शपथ पत्र दे राय परिवार: गोंगपा

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनंी (साई)। लखनादौन नगर पंचायत में मनोरंजन, आतिशबाजी, शोरगुल के बीच जनता की अदालत में जाने के खर्चीले स्वांग पर आपत्ति जताते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कहा है कि इससे बेहतर होगा कि लखन कुंवर की नगरी लखनौदन की नगर पंचायत में राय परिवार शपथ पत्र देकर जनता के बीच जाए। इस तरह के आयोजनों से जनता के समय और पैसे दोनों ही की बर्बादी होती है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रवक्ता विवेक डेहरिया द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि वेतन भत्ते से लेकर ऐशोआराम से जीने का अधिकार जनप्रतिनिधियों को पैदा कर देने वाली जनता को जनप्रतिनिधि जीतने के बाद कौन सा अधिकार दे रहे हैं इस पर चिंतन करना जरूरी है। सिवनी जिले में है किसी में हिम्मत जो जनता व मतदाता को दे सकें।
जनता को यदि अपना सच्चा सेवक चुनना है, तो मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा चुनाव में जिस भी विधानसभा क्षेत्र से जो भी नागरिक विधायक पद के लिए चुनाव में उम्मीदवार के रूप में किसी भी दल से या निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतरता है तो उससे जनता और मतदाता वायदा रूपी घोषणा पत्र, पॉम्पलेट, पोस्टर, फ्लेक्स के स्थान पर अब शपथ पत्र की फोटो कॉपी लेना अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे जनता और मतदाता कभी भी अपने आप को ठगा महसूस नहीं करेंगे और इस शपथ पत्र के कारण अच्छा जनसेवक, जनप्रतिनिधि का चुनाव भी हो सकता है।
श्री डेहरिया ने आगे कहा कि सिवनी जिले की जनता मतदाता यदि शपथ पत्र लेना प्रारंभ कर देगी तो लखनादौन में विगत कई वर्षों से मनोरंजन आतिशबाजी के शोरगुल में हाथ उठाकर जनमत हासिल करने की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी, इसलिये अब जनता व मतदाता को शपथ पत्र लेना चाहिये अर्थात अब शपथपत्र की नितांत आवश्यकता है, जनमत की नहीं।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मीडिया प्रभारी के द्वारा 29 बिंदुओं पर आधारित शपथ पत्र तैयार किया गया है जिसे गांव गांव में बंटवाया जायेगा। जिसमें विधायक निधि से लेकर विधायकों को मिलने वाला वेतन का पाई पाई का हिसाब, विधायक निधि व्यय समिति के सदस्यों के पास रहेगा जो लिखित में जनता को बताया जायेगा। विधायक निधि व्यय समिति में लगभग 50 सदस्य होंगे जिनमें संबंधित विधानसभा क्षेत्र में निवासरत सभी समाज वर्ग के प्रबुद्ध नागरिकगण शामिल होंगे इनकी अनुमति के बिना एक रूपये भी विधायक खर्च नहीं कर पायेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान-मजदूरों व जनता के कार्यों और क्षेत्र का विकास व रोजगार के लिये विधायक क्या कार्य करेंगे यह सब जनता व मतदाता को शपथ पत्र में देना अनिवार्य कर देना चाहिये अन्यथा जनमत में हाथ भर उठाने से काम नहीं चलेगा विधायक से एफआईआर दर्ज करवाने का, 420 धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करने का एवं विधायक पद से हटाने के लिये जबलपुर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करने का अधिकार जनता व मतदाता को शपथ पत्र में लेना चाहिये तभी सिवनी जिले का विकास संभव है अन्यथा नहीं।

श्री डेहरिया ने कहा कि जनता के सामने सिवनी की दुःखद व भयावह स्थिति सामने है। जीतने के बाद जनप्रतिनिधि पलटकर नहीं देखते और अधिकांश तो ‘‘मनोरंजन रूपी जनमत‘‘ से ही सहमत हैं। अब सिवनी जिले की जनता को ही विचार करना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह जनमत देना चाहती है या शपथ पत्र लेना चाहती है।

ब्रॉडगेज फोरलेन की राह पर एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान

ब्रॉडगेज फोरलेन की राह पर एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान

(शरद खरे)

सिवनी में सियासी नेतृत्व नपुंसक हो चुका है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। जबसे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री विमला वर्मा को षणयंत्र के तहत सक्रिय राजनीति से किनारे कर घर बिठाया गया है, उसके बाद से सिवनी में आत्म केंद्रित राजनीति का आगाज़ हो चुका है। सिवनी में हो रही सियासी हलचलों से जनता अनजान नहीं है, पर वह मजबूर है कि उसके पास दूसरा विकल्प ही नहीं है।
हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं वरन गर्व अनुभव होता है कि सुश्री विमला वर्मा की देन से आज सिवनी पूरी तरह समृद्ध है। सिवनी की झोली में कुछ डालना तो दूर सुश्री वर्मा के द्वारा दी गई सौगातों को ही सहेजकर रख नहीं पाए उनके बाद सियासी पारी खेलने वाले सांसद या विधायक। एक के बाद एक विरासतें सिवनी से छिनती रहीं और कांग्रेस भाजपा के नुमाईंदे कभी कभार ही विज्ञप्तियां जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करते रहे।
ब्रॉडगेज का सपना दो ढाई दशकों से सिवनी को दिखाया जा रहा है। 2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के सामने स्व.हरवंश सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस का जत्था गया और लौटकर खूब नाचा, खुशियां मनाईं, फाग गाए कि बस रेल लाईन आ ही गई। सालों पुराने छिंदवाड़ा से नैनपुर रेल खण्ड के अमान परिवर्तन का काम आज भी आरंभ नहीं हो सका है। आज ये नेता एक बार फिर जनता की असली अदालत में जाने वाले हैं। उस वक्त मीडिया में विज्ञापन छपाकर वाहवाही लूटने वाले कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के सामने शर्म का संकट भी नहीं है कि अगर किसी ने पूछ ही लिया कि 2006 में जो हुआ था उसके बाद अब तक बड़ी रेल लाईन की सीटी की आवाज सिवनी में क्यों सुनाई नहीं दे रही है? इनके पास रटा रटाया जवाब है।
ये सारे के सारे मिलकर सिवनी के सामने एक शख्सियत को पुरानी फिल्मों में शत्रुध्न सिन्हाऔर प्रेम चौपड़ाके मानिंद विलेन जो बना चुके हैं। कांग्रेस परोक्ष रूप से जानते तो हो यारऔर भाजपाई साफ तौर पर उस शख्सियत का नाम लेकर अपनी बला दूसरे के सर आसानी से डाल देते हैं। हाल ही में सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर सिवनी मण्डला के सांसद बसोरी सिंह मसराम की एक फोटो युक्त अखबार की कतरन पड़ी है जिसमें गर्व से कहा गया है कि अब गूंजेगी डिंडोरी में ब्रॉडगेज की सीटी। क्या कांग्रेस के सिवनी के नुमाईंदे अब भी भाजपा सांसद के.डी.देशमुख को ही कटघरे में खड़ा करेंगे? क्या विज्ञप्तिवीर कांग्रेस के प्रवक्ताओं या नेताओं के अंदर इतना माद्दा है कि वे अपनी ही पार्टी के सांसद बसोरी सिंह मसराम को इसके लिए कटघरे में खड़ा करें कि बसोरी सिंह सिवनी के भी सांसद हैं, और बतौर सांसद उन्होंने सिवनी के लिए लोकसभा में कौन सी आवाज उठाई?
यही हाल फोरलेन का है। 2008 में फोरलेन के निर्माण में जो फच्चर फंसाया गया वह फांस आज भी सिवनी के शरीर में घाव बनी साफ दिख रही है। इस घाव से बहता बदबूदार मवाद भी किसी को नहीं दिख रहा है। फोरलेन मामले में भी सियासी पार्टियों के साथ ही साथ गैर राजनैतिक मंचों ने भी जमकर रोटियां सेंकी और सियासत कर जनता को भरमाया। जनता को लगा, ये सारे के सारे सफेदपोश बागड़बिल्ले उनेक लिए लड़ रहे हैं, वस्तुतः ये सारे के सारे तो अपने लिए ही काम कर रहे थे। कोई सद्भाव कंपनी का एजेंट था तो कोई मीनाक्षी कंपनी का।
कुल मिलाकर सिवनी के भाग्य में नपुंसक नेतृत्व के चलते रोना ही लिखा है। अस्सी के दशक में तत्कालीन जाबांज नेता हरीश क्षेत्रपाल अक्सर कहा करते थे, ‘‘यहां कुछ नहीं हो सकता है यारों, यह मुर्दों का शहर है।‘‘ सिवनी में प्रौढ़ हो रही पीढ़ी इस बात को अच्छे से जानती होगी कि सिवनी के लोगों में हॉकी के प्रति दीवानगी का क्या आलम था। कोतवाली के सामने वाले मैदान में शाम ढलते ही जब ब्रदर्स क्लब की प्रेक्टिस हुआ करती थी तो लगता था मानो अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मैच हो रहा हो। आने जाने वाले बरबस ही रूककर इस प्रेक्टिस को देखने मजबूर होते थे। बाबा राघवदास हॉकी प्रतियोगिता में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी सिवनी में आया करते थे। उस वक्त खेल भावना देखने लायक होती थी। पुलिस ग्राउंड में मैच के दौरान पैर रखने की जगह नहीं होती थी।

आज हॉकी का सिवनी में क्या स्तर हो गया है यह बात किसी से छिपी नहीं है। सिवनी के लिए पूर्व विधायक नरेश दिवाकर ने एक एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान की सौगात दिलवाई जिसके लिए सिवनी वासी उनके आजीवन ऋणी रह सकते हैं। पर इस सौगात को अब तक खिलाड़ियों तक न पहुंचा पाने के लिए सिवनी का खेल जगत विशेषकर हॉकी प्रेमी उन्हें दिल से दुआ तो कतई नहीं दे रहे होंगे। इक्कीस माह से अधिक समय हो चुका है जबकि यह मैदान तैयार हो चुका है। इस मैदान को महज इसलिए लोकार्पित नहीं किया जा सका है क्योंकि मुख्यमंत्री के पास इसके लिए समय नहीं है। साथ ही साथ इसका नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया जाना प्रस्तावित है। हमारा कहना महज इतना ही है कि सीएम अगर व्यस्त हैं तो सिवनी के ही किसी वयोवृद्ध हॉकी खिलाड़ी से इसका फीता कटवा दिया जाए, साथ ही साथ हमारी व्यक्तिगत सोच है कि मेजर ध्यानचंद के नाम पर तो देश भर में स्टेडियम की कमी नहीं है, बेहतर होगा कि किसी स्थानीय हॉकी खिलाड़ी के नाम पर इसका नामकरण किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी कम से कम उस हॉकी खिलाड़ी को जाने और अपना आदर्श बनाए। वस्तुतः ऐसा होगा नहीं, क्योंकि हमारे सियासी दलों में स्थानीय समस्याओं या प्रतिभाओं को निखारने का रिवाज जो नहीं रह गया है।