गुरुवार, 8 अगस्त 2013

बारिश तो कट जाएगी पर ठण्ड में होगी मुश्किल!

बारिश तो कट जाएगी पर ठण्ड में होगी मुश्किल!

मौसम ठण्डा होते ही तेज हो सकता है डेंगू के मच्छरों का हमला

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी में सरकारी तौर पर डेंगू के पांच मरीजों के होने की पुष्टि की गई है जबकि आठ मरीजों के डेंगू प्रभावित होने की खबर है। कुछ मरीजों को निजी चिकित्सकों द्वारा डेंगू की पुष्टि या संभावना होने पर नागपुर या जबलपुर भेजा गया है। बारिश का मौसम तो जैसे तैसे कट ही जाएगा, पर ठण्ड में डेंगू का डंक अपना तेज असर दिखा सकता है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से सोनाली खरे ने बताया कि दिल्ली में डेंगू का प्रकोप ठण्ड में चरम पर रहता है। शीत ऋतु में दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की तादाद आम दिनों से कई गुना अधिक रहती है। दरअसल ठण्ड के दिनों में लोग पंखा आदि चलाकर नहीं सोते हैं, रात को नींद में उनके अंग खुले रह जाते हैं जिससे इन्हें मच्छर अपना शिकार आसानी से बना लेते हैं।
जानकारों का कहना है कि सिवनी में डेंगू के लिए जिम्मेदार मच्छर का मिलना वाकई बेहद खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग की टीम रोजाना ही विवेकानंद वार्ड और शहीद वार्ड में घरों में एकत्र पानी में मच्छरों के लार्वा की जांच कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि सिवनी में विवेकानन्द वार्ड और शहीद वार्ड में रोजाना डेंगू और मलेरिया के लिए जिम्मेदार मच्छरों का लार्वा मिल रहा है, जो वाकई चिंता की बात है।
रोजाना लार्वा मिलने से स्वास्थ्य विभाग, मलेरिया विभाग और नगर पालिका परिषद् के अधिकारियों की सेहत पर भले ही कोई असर नहीं हो रहा हो, पर सिवनी की जनता की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलक रही हैं। इससे प्रभावित लोगों के परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि जिला चिकित्सालय में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध ना होने के कारण बेचारे मरीजों की तीमारदारी के लिए वे उन्हें कहां ले जाएं।
जिला चिकित्सालय में रोजाना औसतन साढ़े तीन दर्जन मरीज भर्ती हो रहे हैं। जिला चिकित्सालय में मरीजों की तादाद क्षमता से अधिक होने पर मरीज जमीन पर बिना किसी सही उपचार के पड़े हुए हैं। जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी का कमजोर प्रशासन ही माना जाएगा कि वार्ड में मरीजों को बाजार से दवाएं खरीदने, बाहर से टेस्ट करवाने, बात बात में पैसे मांगने आदि की शिकायतें अब आम हो गई हैं।

जिला चिकित्सालय में जिला कलेक्टर के आदेश और कड़े निर्देशको कितनी तरजीह दी जा रही है इस बात का सबूत चिकित्सकों की उपस्थिति से ही मिलता है। बताया जाता है कि सिविल सर्जन डॉ.सत्य नारायण सोनी को दरबार लगाने का शौक है, और चिकित्सालय में पदस्थ अधिकांश चिकित्सक ड्यूटी के समय मरीज देखने के बजाए डॉ.सोनी के कक्ष में बैठकर वाह वाहकरते ही नजर आते हैं।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्यक्ष के बीच हुई हाथापाई!

जिला कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्यक्ष के बीच हुई हाथापाई!

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हीरा आसवानी और उपाध्यक्ष खुमान सिंह के बीच आज हुई हाथापाई आज चर्चा का केंद्र बनी रही। भैरोगंज में नुक्कड़ सभा के दरम्यान घटी इस घटना को अगामी विधानसभा चुनावों में सिवनी विधानसभा से प्रत्याशी चयन को लेकर भी देखा जा रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार भैरोगंज में जब नुक्कड़ सभा समापन की ओर थी, और प्रोटोकाल के हिसाब से जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हीरा आसवानी भी अपना उद्बोधन दे चुके थे, तब जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष खुमान सिंह अपनी मोटर साईकल पर वहां पहुंचे।
बताया जाता है कि खुमान सिंह ने वहां पहुंचने के साथ ही अपना उद्बोधन देने के लिए दबाव बनाना आरंभ किया। इस पर वहां मौजूद जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने खुमान सिंह को प्रोटोकाल का हवाला देते हुए उनसे इसके उपरांत डूंडा सिवनी में आयोजित होने वाली नुक्कड़ सभा में अपनी बात रखने की बात कही गई।
बताया जाता है कि इस पर खुमान सिंह आग बबूला हो गए और वहीं उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग आरंभ कर दिया। जैसे ही स्थिति बिगड़ती दिखी वैसे ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हीरा आसवानी ने उन्हें वहां से कुछ दूर ले जाया गया। वहां दोनों के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोनों के बीच बहस इस कदर बढ़ गई कि जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एक दूसरे की कालर तक पकड़ ली। जैसे ही ममला गर्माया वैसे ही कांग्रेस के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों को अलग अलग किया। बताते हैं इसी बीच दोनों ही ने एक दूसरे को दो चार थप्पड़ तक रसीद कर दिए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस मामले को शांत करवाने में नंदू यादव की भूमिका सराहनीय रही। किन्तु कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चा के अनुसार सिवनी कांग्रेस के क्षत्रप हरवंश सिंह ठाकुर के अवसान के साथ ही जिला कांग्रेस में अनुशासनहीनता की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है, जिसे शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है।
कहा जा रहा है कि यह मामला अनुशासनहीनता के एक मामले की परणीति थी। बताया जाता है कि हरवंश सिंह ठाकुर के अस्थि कलश जब केवलारी गए थे, उस समय माईक छीनने को लेकर हीरा आसवानी द्वारा खुमान सिंह को एक शो कॉज नोटिस सर्व किया गया था, और खुमान सिंह इस नोटिस से आहत थे। मौके पर उन्होने अपशब्दों के साथ यह तक कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि खुमान सिंह को कांग्रेस से ही बाहर कर दिया जाए।
वही, कांग्रेस के अंदर यह बात भी तेजी से चल रही है कि इस मामले में दरअसल, विधानसभा चुनाव में टिकिट की दावेदारी गर्भनाल  में है। कहा जा रहा है कि हरवंश सिंह के अवसान के उपरांत अब कांग्रेस में कार्यकर्ता और नेताओं को किसी का भय नहीं बचा है। देखा जाए तो सिवनी में कांग्रेस की नैया बिना किसी खिवैया के मझधार में डोल रही है।
जून माह में सिवनी की इस डोलती नैया को थामने के लिए केंद्रीय मंत्री कमल नाथ सिवनी आए थे, किन्तु उनके आगमन के बाद भी सिवनी जिले के हित में किसी तरह की घोषणा ना होने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में मायूसी का आलम पसर गया था। इसके बाद एक बार फिर कांग्रेस के कार्यकर्ता इधर उधर बिखरने लगे हैं।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच हुई मारपीट, झूमाझपटी, कालर पकड़ने की इस घटना से कांग्रेस के अंदर एक तूफान सा खड़ा होता दिख रहा है। हरवंश सिंह के समय जिले के कांग्रेस के कार्यकर्ता भले ही उनकी नीतियों की पीठ पीछे बुराई करते थे, किन्तु इस तरह अध्यक्ष के साथ सार्वजनिक मंच पर मारपीट की घटना का क्या परिणाम होगा यह तो वक्त ही बताएगा।

रेल सुविधा के लिए कोई तो हुआ फिकरमंद

रेल सुविधा के लिए कोई तो हुआ फिकरमंद

(शरद खरे)

सिवनी में रेल सुविधाएं कष्टकारी हैं। यहां ब्रॉडगेज किसी सपने से कम नहीं है। सालों से कांग्रेस के नेता सिवनी के लोगों को ब्रॉडगेज का झूला झुलाते आ रहे हैं। जब भाजपा के सांसद बने तब भाजपा ने भी कांग्रेस की परंपरा को ही आगे बढ़ाया है। ब्रॉडगेज आज तक आई नहीं पर ब्रॉडगेज के नाम पर कांग्रेस भाजपा के नेताओं ने विज्ञापन छपवा-छपवाकर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ अवश्य ही किया है।
2006 में जब लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री थे, उस वक्त कांग्रेस के जिले के क्षत्रप हरवंश सिंह ठाकुर जो कांग्रेस को अपने हिसाब से हांका करते थे, ने जिला कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल को बस से दिल्ली ले जाया जाकर अनेक नेताओं से मिलवाया। यह प्रतिनिधि मण्डल उस समय कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी से भी मिला था। लालू यादव जब छिंदवाड़ा आए तब उनसे भी प्रतिनिधिमण्डल को मिलवाया गया।
इसके बाद कांग्रेस और भाजपा कीए विज्ञापनों के प्रकाशन की होड़ देखते ही बनी। लालू यादव ने बतौर रेल मंत्री यह कह दिया कि छिंदवाड़ा नैनपुर जैसेरेलखण्ड का अमान परिवर्तन भी किया जाएगा। फिर क्या था कांग्रेस भाजपा के नेताओं मय हरवंश सिंह केपिल पड़े श्रेय लेने की होड़ में। उस वक्त मीडिया की सुर्खियों को देखकर लग रहा था मानों 2007 का सूरज बड़ी रेल लाईन पर ही निकलेगा।
2007 तो क्या 2013 का सूर्य भी निकल आया और ब्राडगेज का अता पता नहीं है। लोग निराश हैं, क्या करें समझ नहीं पा रहे हैं। ब्रॉडगेज के संघर्ष के लिए खुमान ंिसंह ठाकुर ने प्रयास किए। सिवनी से छिंदवाड़ा की पदयात्रा का आगाज़ किया। बाद में सिवनी की कांग्रेस की राजनीति के चाणक्य के जाल में फंसकर खुमान सिंह भी कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनकर शांत हो गए। कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनने के बाद खुमान सिंह की धार भी बोथरी ही हो गई है।
रेल सुविधाओं या अमान परिवर्तन के लिए सिवनी के किसी भी सांसद ने अपनी ओर से सिवनी की आवाज को संसद में गुंजायमान नहीं किया है। वर्तमान में सिवनी के सांसदों में सुश्री विमला वर्मा, प्रहलाद सिंह पटेल, नीता पटेरिया, ही हैं एवं वर्तमान में के.डी.देशमुख तथा बसोरी सिह मसराम सिवनी के सांसद हैं। ये वर्तमान और पूर्व सांसद अपने अपने दिलों पर हाथ रखकर क्या इस बात को कह पाएंगे कि इन्होंने सिवनी जिले की जनता के द्वारा इन्हें दिए गए जनादेश का सम्मान किया है।
क्या कारण है कि आज तक छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर और जबलपुर के अमान परिवर्तन की बात जिले के सांसदों द्वारा पुरजोर तरीके से उठाई नहीं गई है? क्या कारण है कि यह रेल खण्ड आज भी बाबा आदम के जमाने की नैरोगेज के सहारे है? क्या कारण है कि एक के बाद एक करके यहां छोटी लाईन के डिब्बे कम होते जा रहे हैं और सांसद खामोश बैठे हैं? क्या यह सब बसोरी सिंह मसराम और के.डी.देशमुख को दिखाई नहीं पड़ता है? क्या बसोरी सिंह का संसदीय क्षेत्र महज मण्डला जिला है और के.डी.देशमुख महज बालाघाट जिले के सांसद हैं?
सिवनी में रहने वाले लोगों के जो रिश्तेदार बाहर हैं उनके लिए यह नेरोगेज रेल वाकई एक अजूबा है। नेरोगेज रेल को बाहर वाले आज की दौड़ती भागती दुनिया में अजब गजब चीज ही मानते हैं। सांसदों की अनदेखी का ही परिणाम है कि सिवनी जिले की सीमा से सटे जिलों में मण्डला को छोड़कर नागपुर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर यहां तक कि बालाघाट में भी ब्रॉडगेज की सीटी की आवाज सुनाई देने लगी है। सिवनी के लोग आज भी ब्रॉडगेज की सीटी को तरस रहे हैं।
बिलासपुर में गत दिवस संपन्न हुई रेल परामर्शदात्री समिति की बैठक में उपभोक्ता कांग्रेस के अध्यक्ष डी.बी.नायर ने अपने सुझाव रखकर कम से कम सिवनी का जिकर तो किया। डी.बी.नायर ने बताया कि छिंदवाड़ा से इंदौर के लिए तो आरक्षण की सुविधा है पर इंदौर से छिंदवाड़ा के लिए आरक्षण की सुविधा ही नहीं है। सिवनी में रेल्वे प्लेटफॉर्म पर शेड नहीं है। डी.बी.नायर ने वरिष्ठ नागरिकों को आरक्षण में कोटा निर्धारित करने की मांग भी रखी।
वस्तुतः ये सारे काम सिवनी जिले के सांसद द्वय बसोरी सिंह मसराम और के.डी.देशमुख के हैं। विडम्बना है कि कांग्रेस और भाजपा के सांसद गहन निंद्रा में हैं और उनका काम उपभोक्ता कांग्रेस के अध्यक्ष डी.बी.नायर कर रहे हैं। यह वाकई सिवनी का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि सियासी दलों के नेताओं द्वारा सिवनी के नागरिकों को सदा से ही ब्रॉडगेज के नाम पर भरमाया जा रहा है। सिवनी से छिंदवाड़ा और नैनपुर की ओर ब्रॉडगेज का काम आरंभ हुआ भी है और नहीं भी हुआ है।

चुनाव नजदीक हैं इसे देखकर ब्रॉडगेज का लालीपॉप पकड़ा दिया गया है। चुनाव तक छिंदवाड़ा से नैनपुर के रेलखण्ड में एक इंच भी काम नहीं होने वाला है। विधानसभा चुनावों के बाद एक बार पुनः लालीपॉप दिया जाएगा, तदोपरान्त लोकसभा के चुनावों के बाद यह मामला पांच साल के लिए ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया जाएगा। अभी संसद का सत्र चल रहा है। सिवनी के कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम और भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख दिल्ली में चाहें तो देश की सबसे बड़ी पंचायत में छिंदवाड़ा से नैनपुर के अमान परिवर्तन को समय सीमा में बांधने, अब तक के आवंटन और आने वाले समय में अधिक आवंटन की मांग पुरजोर तरीके से उठा सकते हैं, पर वास्तव में इन दोनों के द्वारा ऐसा शायद ही किया जाए।