मंगलवार, 25 जून 2013

गोह की जमीन पर पसरा अतिक्रमण: सरपंच मौन!

गोह की जमीन पर पसरा अतिक्रमण: सरपंच मौन!

(गोपाल शर्मा)

सिवनी (साई)। नगरीय सीमा से लगे लूघरवाड़ा क्षेत्र में नदी किनारे आवागमन जिसे गोह का क्षेत्र कहा जाता है की जमीन पर बाहरी लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर आशियाने बना लिए गए हैं पर इस संबंध में लूघरवाड़ा ग्राम पंयायत पूरी तरह मौन ही साधे हुए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लूघरवाड़ा में सैंट फ्रांसिस ऑफ असिसी स्कूल से पहले पड़ने वाले नाले के गोह की जमीन पर बाहर से आए लोगों ने अतिक्रमण कर मकान बना लिए गए हैं। इन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ग्राम पंचायत लूघरवाड़ा द्वारा कोई कार्यवाही ना किया जाना भी आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है।
वहीं, ग्राम पंचायत के सूत्रों का कहना है कि अतिक्रमण के मामले में पंचायत के कुछ पदाधिकारियों ने लोगों को परोक्ष तौर पर शह प्रदान की गई है। बताया जाता है कि इन अतिक्रमण कारियों को अस्थाई बिजली कनेक्शन लेने तक की अनुशंसा ग्राम पंचायत द्वारा कर दी गई है।

चर्चा तो यहां तक है कि गोह के क्षेत्र में पसरे इस अतिक्रमण में अतिक्रमण कारियों और ग्राम पंचायत के बीच लंबा लेनदेन भी हुआ बताया जाता है। जिला प्रशासन से जनापेक्षा है कि लूघरवाड़ा ग्राम पंचायत में अतिक्रमण कारियों को अन्यत्र विस्थापित कर ग्राम पंचायत को निर्देश दिए जाएं ताकि भविष्य में यहां अतिक्रमण ना हो सके।

दिनदहाड़े हुई बारापत्थर में चोरी!

दिनदहाड़े हुई बारापत्थर में चोरी!

(जितेश अवधवाल)

सिवनी (साई)। बारापत्थर के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में एमपीईबी आफिस के सामने आज अपरान्ह दिन दहाड़े चोरों ने ताला तोड़कर एक सूने घर में हाथ साफ कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग में पदस्थ बाल आरक्षक काकुल ठाकुर के निवास आज अपरान्ह महज पंद्रह मिनिट के लिए ही खाली रहा, और इतनी ही देर में चोरों ने मुख्य दरवाजे का ताला तोड़कर घर में अलमारी से साढ़े सात हजार और कुछ सोने चांदी के जेवर पर हाथ साफ कर लिया।
शिक्षा विभाग में कार्यरत रहे भोला ठाकुर की बेटी इस मकान में निवास करती हैं। श्री ठाकुर ने बताया कि वे आज कुछ काम से बाहर गईं थीं। दोपहर में उनकी नातिन भी पड़ोस में ही निवासरत उनके निवास पर गईं। महज पंद्रह मिनिट में ही चोरों ने अपना करतब दिखाते हुए मुख्य द्वार का ताला तोड़ा और अंदर घुसकर एक अलमारी में रखे लगभग साढ़े सात हजार रूपयों तथा कुछ जेवरात पर हाथ साफ कर दिया।
क्षेत्र के निवासियों ने इस चोरी पर आश्चर्य व्यक्त किया है, क्योंकि जिस स्थान पर चोरी हुई है उसके ठीक सामने एमपीईबी शहर का कार्यालय है। चूंकि बिजली का बिल अदा करने की अंतिम तिथि 25 जून है अतः इस कार्यालय में बिजली का बिल अदा करने वालों की लंबी लाईन लगी हुई थी।

उधर, बताया जाता है कि चोरों द्वारा मुख्य द्वार का ताला तोड़कर सीधे अंदर बेडरूम में प्रवेश कर अलमारी खोलकर उसमें रखे पैसे और कुछ जेवर निकाल लिए। मुख्य द्वार पर ताला तोड़ने के लिए की गई मशक्कत साफ दिखाई दे रही है। इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले में कार्यवाही के निर्देश दे रहे हैं।

संगठन जर्जर: विधानसभा की सुध लेंगे राहुल के दूत!

संगठन जर्जर: विधानसभा की सुध लेंगे राहुल के दूत!

लोचनदास के आगमन से बढ़ी कांग्रेस के धड़ों की सक्रियता!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। राहुल गांधी के दूत और असम के विधायक पल्लव लोचनदास के सिवनी आगमन के पूर्व ही कांग्रेस के विभिन्न धड़ों में सक्रियता तेजी से बढ़ती दिख रही है। कांग्रेस में संगठनात्मक जर्जरता किसी से छिपी नहीं है इस संगठन के बूते कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर विधानसभा में फतह का दिवास्वप्न देखकर लौट जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जिले में कांग्रेस का संगठन सालों से पूरी तरह आक्सीजन पर ही है। इसी का परिणाम है कि सिवनी जिले की पहले पांच में से चार विधानसभा सीटों के साथ ही साथ लोकसभा सीट भी कांग्रेस की झोली से बाहर हो गई। परिसीमन और पुर्नआरक्षण के उपरांत कांग्रेस की चार में से तीन सीटें भाजपा के पास ही रहीं।
सिवनी बालाघाट लोकसभा क्षेत्र जिसमें जिला मुख्यालय वाली सिवनी विधानसभा भी आती है, कांग्रेस के हाथ से पहले की तरह ही फिसलती रही है। प्रदेश में भाजपा सरकार है, सिवनी में तीन विधायक कांग्रेस के हैं, बावजूद इसके कांग्रेस द्वारा स्थानीय स्तर पर विधायकों को घेरने में सदा ही असफल साबित हुए हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि सिवनी में कांग्रेस के जर्जर संगठन के भरोसे राहुल गांधी के दूत आखिर सिवनी की चारों विधानसभाओं में कार्यकर्ताओं से क्या रायशुमारी करने आ रहे हैं? कार्यकर्ता क्या बताएगा? असम के विधायक को सिवनी जिले की भौगोलिक स्थिति, भाषा, परंपरा, परिपाटी आदि का शायद ही पता हो?
उक्त नेता ने कहा कि कांग्रेस में टिकिटों का वितरण क्षत्रपों द्वारा किया जाता रहा है फिर यह रायशुमारी की नौटंकी आखिर क्यों करवाई जा रही है? उक्त नेता का कहना था कि क्या राहुल के दूत सिवनी में कार्यकर्ताओं से इस बात के बारे में जानकारी हासिल करेंगे कि क्या कारण था कि सिवनी की चार में से तीन विधानसभाओं में कांग्रेस लगातार हारती आई है!
गौरतलब है कि नब्बे के दशक के आरंभ तक सिवनी में कांग्रेस की तूती बोला करती थी। उस समय कांग्रेस को दिशा देने का काम पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस की आयरन लेडी विमला वर्मा के पास हुआ करता था। इसके उपरांत जबसे उन्होंने सक्रिय राजनीति से किनारा किया कांग्रेस तेजी से रसातल में जाती चली गई।

लगभग दस सालों से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, इन दस सालों में कांग्रेस ने दमदार विपक्ष की भूमिका सिवनी जिले में नहीं निभाई जा सकी है। जब भी भाजपा के विधायक, सांसद को घेरने की बारी आती है, कांग्रेस एक कदम आगे दो कदम पीछे की अघोषित रणनीति पर चलती दिखाई दे जाती है।

बाहरी लोगों का चरित्र सत्यापन

बाहरी लोगों का चरित्र सत्यापन

(शरद खरे)

जिलाधिकारी भरत यादव और जिला पुलिस अधीक्षक लगातार इस बात को दुहरा रहे हैं कि बाहर से आकर रहने वालों और बाहरी काम करने वाले लोगों का चरित्र सत्यापन प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह बात उस समय से जोर शोर से उठ रही है जबसे घंसौर की गुड़िया के साथ दुष्कर्म के उपरांत उसकी मौत का मामला सामने आया था।
विभागीय, समयसीमा, एवं अन्य बैठकों में दोनों ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बाहर के लोगों के चरित्र सत्यापन की बात पुरजोर तरीके से की जा रही है। इसमें ठेकेदारों के पास काम करने वालों के साथ ही साथ किराए से मकान लेकर रहने वालों के चरित्र सत्यापन की बात सामने आ रही है।
विडम्बना ही कही जाएगी कि जिला मुख्यालय में ही अब तक किराएदारी, मुसाफिरी आदि जैसी बातों के लिए ना तो पुलिस ने कोई फार्मेट ही तय किया है और ना ही इसके बारे में वह संजीदा ही नजर आ रही है। माना कि पुलिस के पास कानून और व्यवस्था के साथ ही साथ व्हीव्हीआईपी मूवमेंट का जबर्दस्त दबाव है।
सिवनी में कांग्रेस और भाजपा की छद्म लड़ाई के चलते कांग्रेस और भाजपा के आला नेताओं के सिवनी आगमन पर उनका विरोध और उन्हें काले झंडे दिखाने की होड़ सी मची हुई है, जो पुलिस के लिए खासा सरदर्द बन चुकी है। पुलिस के पास पर्याप्त अमला नहीं है, इस बात से इंकार नही किया जा सकता है। इन परिस्थितियों में किराएदारी या मुसाफिरी की ओर ध्यान दिया जाना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है।
पिछले दिनों जिला सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति की बैठक में लखनादौन विधायक श्रीमति शशि ठाकुर के प्रतिनिधि प्रदीप पटेल ने जिले में चल रहे निर्माण कार्यों, मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड में कार्यरत कर्मचारियों, शराब व्यवसाईयों के पास कार्यरत कर्मियों के साथ ही साथ सड़कों के किनारे बैठकर पंचर सुधारने वाले कर्मियों के चरित्र सत्यापन की मांग की गई।
प्रदीप पटेल की इस मांग का स्वागत किया जाना चाहिए। इस बैठक में अन्य सदस्य तेई सिंह उईके एवं बिसन सिंह परतेती ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि केवलारी, घंसौर, धनोरा, लखनादौन, छपारा आदि क्षेत्रों में शराब वाहनों में रखकर बेची जा रही है।
देखा जाए तो इन प्रतिनिधियों की बात में दम नजर आता है। वस्तुतः शराब को ठेके पर से ही बेचा जाना चाहिए, पर ठेकेदार के आदमी गांव गांव फेरीवालों की तरह शराब बेच रहे हैं। यह शराब वाणिज्यिक कर अदा की हुई है या अवैध, कोई नहीं जानता है। पिछले दिनों लखनादौन क्षेत्र में गोवा एवं दमन से आई, कर मुक्त शराब बिकने की खबरें भी आई थीं।
इस तरह कर मुक्त शराब बेचकर ठेकेदार शासन को सीधे सीधे चपत तो लगा ही रहे हैं, इसके अलावा ठेकेदारों द्वारा आबकारी महकमा जिसका काम अवैध शराब पकड़ना है के साथ सांठगांठ करने के दो नंबर की अवैध, नकली शराब को भी बेचा जा रहा है जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
इस कार्य में स्थानीय लोगों की संलिप्तता कम ही है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तादाद में बाहर से आए गुंडानुमा तत्व ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। सिवनी शहर में ही मिशन स्कूल के पीछे एक गली में देशी शराब खुले आम बिकती नजर आती है। शराब के आदियों की मानें तो पेकर्सके जरिए यह शराब ठेके से कम कीमत पर यहां बेची जाती है।
पिछले दिनों जिले भर में अबोध बच्चों के साथ दुराचार की खबरें तेजी से बढ़ी हैं। घंसौर में जिस फिरोज द्वारा गुड़िया के साथ दुराचार किया था वह मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का वेल्डर था और बिहार का रहने वाला था। इस संबंध में घंसौर पुलिस ने ही कहा था कि फिरोज का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं हुआ था। इन परिस्थितियों में पुलिस ने मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के खिलाफ कोई कदम शायद ही उठाया हो।
जिले भर में प्रदेश और केंद्र सरकार पोषित निर्माण कार्यों की बड़ी तादाद है। इन कार्यों को करने के लिए देश भर से मजदूर और अन्य विशेषज्ञों ने सिवनी में डेरा डाला हुआ है। किसके मन में क्या है यह जानना बहुत मुश्किल है। कोई भी कहीं भी वारदात करके भाग सकता है। इसीलिए पहले के समय में बाहर से आने वाले की मुसाफिरी दर्ज करवाई जाती थी।
सिवनी जिला अतिसंवेदनशील जिलों की फेहरिस्त में है। सिवनी में पिछले दिनों बड़ी मात्रा में बम गोले और असलहा बरामद हुआ था। इस लिहाज से सिवनी के लॉज होटलों की सतत निगरानी भी आवश्यक है। आज यह काम होता है पर महज रस्म अदायगी के लिए।
सिवनी में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की तादाद तेजी से बढ़ी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी के मद्देनजर जिले भर में सड़कों के किनारे टायर के पंचर बनाने वालों की भी तादाद बढ़ी है। ये कहां से आए हैं?, इनका मूल नाम पता क्या है? अगर ये कोई वारदात करके फरार होते हैं तो इन्हें कहां ढूंढा जाएगा?
यह तो राहत की ही बात मानी जा सकती है कि कम से कम सालों बाद, जिले के दो प्रमुख अधिकारी किराएदारी, बाहर से आए लोगों के चरित्र सत्यापन और मुसाफिरी के मामले में संजीदा दिख रहे हैं। सिवनी में कौन आता है कौन चला जाता है यह बात किसी को पता नहीं होती है। भागमभाग में आज लोग भी अपने आस पड़ोस में कौन आया कौन गया से ज्यादा मतलब नहीं रख रहे हैं।
इन परिस्थितियों में सिवनी अपराधियों के लिए शरण स्थली बन जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहले भी दक्षिण भारत से आए एक अपराधी ने अभिषेक कालोनी में निवास किया और अपना राशन कार्ड तक बनवा लिया था। इसके बाद बुधवारी में दरोगा मोहल्ला में बारूद फटने से एक व्यक्ति के चीथड़े उड़े, और एकता कालोनी में एक संदिग्ध आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा था।

जिले के मुखिया अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे चरित्र सत्यापन के मामले में अधीनस्थों को टाईम फ्रेम में बांधकर काम करने के लिए ताकीद करें, ताकि जिले का अमन चैन कायम रह सके।