रविवार, 16 जून 2013

इस सड़क पर चलना सर्कस के बाजीगरों का काम

इस सड़क पर चलना सर्कस के बाजीगरों का काम

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। नगर के ज्यारत नाका क्षेत्र से पॉलीटेक्निक कॉलेज जाने वाले मार्ग की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है। कदम कदम पर उभर आए गड्ढों में पानी भर जाने के कारण वाहन चालकों को इन गड्ढों की गहराई का अंदाज न हो पाने के कारण उनका वाहन अनियंत्रित हो जाता है। पैदल चलने वाले भी, इस मार्ग से निकलने वाले वाहनों से उचटने वाले मैले पानी के छींटों के कारण बेतहाशा परेशान हैं।
इस मार्ग से गुजरने वाले कई लोगों को दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ता है। क्षेत्रीयवासी बताते हैं कि इस मार्ग से रेत, ईंट, पत्थर, मुरम से लोडेड डम्फर निकलते हैं जो मार्ग के जर्जर होने का कारण बनते हैं। इन वाहनों का दबाव यह सड़क सह नहीं पाती है और नतीजतन बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो जाते हैं। क्षेत्रीयवासियों का कहना है कि इस मार्ग का जीर्णोंद्धार किया जाना अत्यंत आवश्यक है और इसके साथ ही भारी वाहनों का प्रवेश भी इस मार्ग पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि यह मार्ग ज्यारत नाका क्षेत्र को बारापत्थर, पॉलीटेक्निक कॉलेज, बींझावाड़ा, बबरिया से जोड़ता है। इस मार्ग से रात्रि के समय भी आनाजाना जारी रहता है। कई लोग इस मार्ग के जर्जर हो जाने के कारण सर्किट हाउस चौराहे जाने वाले मार्ग का सहारा लेने को मजबूर होते हैं। यदि इस इस मार्ग का कायाकल्प कर दिया जाए तो प्रमुख मार्ग पर पड़ने वाले यातायात के दबाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

मूत्रालय शौचालयों की कमी से जनता हलाकान

मूत्रालय शौचालयों की कमी से जनता हलाकान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। शहर में सुलभ शौचालयों की कमी निरंतर महसूस की जा रही है। जो पेशाब घर या गिनती के सुलभ शौचालय बने हुए हैं वे भी गंदगी से बजबजा रहे हैं। नगर में सार्वजनिक स्थलों में एक दो ही सुलभ शौचालय हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जनमानस की इस आधारभूत सुविधा की ओर ध्यान तो सभी का जाता है पर कोई पहल नहीं करता। नतीजतन यह समस्या जस की तस बनी हुई है।
सिवनी शहर के प्रमुख स्थलों बारा पत्थर बाहुबली चौक, गांधी भवन, कचहरी चौक, सोमवारी चौक भैरोगंज, पोस्ट ऑफिस का क्षेत्र, बस स्टैंड, शुक्रवारी चौक, नेहरू रोड, नगर पालिका चौक, बुधवारी बाजार, मंगली पेठ, छिंदवाड़ा चौक जैसे व्यस्ततम इलाकों में सुव्यवस्थित पेशाब घर या सुलभ शौचालय की सख्त आवश्यकता है। वर्षाें पूर्व बने पेशाबघरों की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है लेकिन मजबूरी मंे लोगों को उनका इस्तेमाल करना पड़ता है। बुधवारी के एकमात्र पेशाब घर में गंदगी का साम्राज्य पसरा हुआ है। यहां प्रवेश करने वालों का बदबू से बुरा हाल होता है।
गौरतलब है कि बुधवारी नगर का सबसे व्यस्ततम क्षेत्र है। इस बाजार में विभिन्न क्षेत्रों से लोग खरीदी के उद्देश्य से आते हैं। यहां स्थित पेशाबघर के आसपास एकदम सटे हुए सभी आवश्यक सामग्रियों की दुकाने, होटलें हैं। इससे बीमारियां फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। इसके अलावा नगर पालिका के सामने हिन्दी मेन बोर्ड स्कूल से लगा हुआ एक और पेशाबघर है। इस पेशाबघर की हालत तो और भी ज्यादा बेकार है। यहां गंदगी होने के अलावा इस पेशाब घर का इस्तेमाल, जनता बारिश के दिनों में इसलिए ज्यादा नहीं कर पाती क्योंकि यहां ऊपर शेड ही नहीं है।
यही हाल बस स्टैंड परिसर स्थित पेशाबघर का भी है। इसके आसपास भी कई उपयोगी सामग्रियों की दुकानें हैं जिससे लोगों का आना जाना यहां बना रहता है। मजे की बात तो यह है कि इसी पेशाबघर की दीवार से लगी हुई वर्षाें पुरानी कैंटीन भी यहीं से संचालित होती है जहां पेशाबघर से फैलती व्यापक बदबू के बाद भी लोग नाश्ता चाय पान करने मजबूर हैं।

कमोबेश पूरे शहर का ही ये हाल है। सबसे ज्यादा परेशानियों का शिकार महिलाओं को होना पड़ता है। संकोचवश कोई महिला संगठन भी इस पहल के लिए आगे नहीं आता है। पेशाबघरों में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण लोगों को खुले स्थान तलाशने पड़ते हैं। कई स्थान तो जैसे बलि ही चढ़ गए हैं। जनपद पंचायत कार्यालय और भारत संचार के बीच बनी सीमेंटेड रोड इसका ज्वलंत उदाहरण है। जबकि यह गणेश चौक को भैरोगंज से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है।

आशुतोष वर्मा की पहल ला सकती है रंग

आशुतोष वर्मा की पहल ला सकती है रंग

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। वरिष्ठ इंका नेता आशुतोष वर्मा का रामटेक गोटेगांव रेल के लिए पोस्ट कार्ड अभियान अब रंग लाता दिख रहा है।
इंका नेता आशुतोष वर्मा द्वारा विगत कई वर्षों से, रामटेक गोटेगांव ब्रॉडगेज की मांग को लेकर लगातार अभियान चलाया जाते रहा है। इस अभियान में उन्होंने सभी वर्गों के लोगों के साथ जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया और इनके माध्यम से पोस्टकार्ड अभियान चलाकर ब्रॉडगेज की मांग को केंद्र से मनवाने का पूरा प्रयास किया गया। शुरू में इस अभियान को भले ही आशातीत कामयाबी न मिली हो लेकिन आशुतोष वर्मा की निरंतर जारी मेहनत अब रंग लाती नजर आ रही है। 13 जून को केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के आगमन ने आशुतोष वर्मा की मांग के पूरा होने के संकेत दिये हैं। इसे आशुतोष वर्मा की सतत् मेहनत का ही नतीजा कहा जायेगा कि कमल नाथ ने गोटेगांव रामटेक ब्राडगेज को मंजूरी दिलाने का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि जगदगुरू स्वरूपानंद महाराज एवं इंका नेत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री कु.विमला वर्मा की मांग को गंभीरता से लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व.नरसिंहराव ने इस रेल लाइन को पूरा किये जाने की घोषणा की थी। सुश्री विमला वर्मा एवं आशुतोष वर्मा  इसके बाद भी निरंतर प्रयासरत रहे, और पूर्ण गांधीवादी तरीके से इस मांग को पूरा किये जाने के लिये कार्य करते रहे।
गौरतलब है कि आशुतोष वर्मा द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना के लिये पोस्ट कार्ड अभियान भी चलाया गया। इस अभियान के द्वारा केंद्र सरकार के नेताओं को इस मांग की याद दिलाये जाते रही। इस अभियान की सबसे प्रशंसनीय बात यह रही कि दलगत राजनीति से ऊपर हटकर इस मांग को व्यापक समर्थन मिला। इसके बाद भी केंद्र की सरकारें इस ओर ध्यान नहीं दे रही थी।

इसे आशुतोष वर्मा की निःस्वार्थ और जनहित के लिये की गई मेहनत का नतीजा ही कहा जा सकता है कि हाल ही में परिवर्तन यात्रा के चलते केंद्रीय मंत्री कमल नाथ का सिवनी आगमन हुआ और कमल नाथ ने सुश्री विमला वर्मा के निवास स्थान जाकर उनसे मुलाकात कर, उन्हें गोटेगांव रामटेक रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दिलाये जाने के लिये प्रयास करने का आश्वासन दिया।

आधुनिक भारत निर्माण में सिंधी समाज का अमूल्य योगदान

आधुनिक भारत निर्माण में सिंधी समाज का अमूल्य योगदान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। हम दिल से हिन्दुस्तानी हैं और रहेंगे। हमें पाकिसतान भेजने की बात करने वाले प्रदेश के मंत्री बाबू लाल गौर अपनी मानसिकता बदले। सिन्धी समाज आज देश के विभाजन के पश्चात् अनेकों तकलीफों के बावजूद देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता आ रहा है। हम जिस मुकाम पर हैं वह भी सारा देश देख रहा है। सिन्धी समाज को पाकिस्तान भेजने की धमकी देने वाले बाबू लाल गौर अपने शब्द वापिस लें और सिन्धी समाज से माफी मांगे अन्यथा उनका विरोध प्रदर्शन एवं पुतला दहन किया जावेगा।
इस संबंध में सिन्धी समाज के वरिष्ठ नागरिक हीरा आसवानी, संतोष पंजवानी, मनोज गुरनानी, हरीश रावलानी, विनोद रावलानी, आनंद पंजवानी, सुशील आडवानी, बलराम गनवानी, भारत चैनानी, मुकेश आहुजा, अनिल बच्छानी, जीतू काछेलानी, दिलीप संच्चानी एवं अनेक गणमान्य नागरिकों ने बाबूलाल गौर के बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि बाबू लाल गौर के बयान से समूचा सिन्धी समाज आहत हुआ है। देश की आन बान और शान के लिए सिन्धी समाज ने विभाजन के समय अपनी समस्त सम्पत्ति छोड़कर भी हिन्दुस्तान में ही रहना पसंद किया। विभाजन की घोर त्रासदी हमारे समाज के बुजुर्गों, महिलाओं एवं बच्चों ने झेली है। बाबू लाल गौर ने नहीं? आज समूचा सिन्धी समाज स्वयं अपने बल पर देश के विकास में समुचित योगदान देता आ रहा है।

बलराम गनवानी द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रदेश के मंत्री बाबूलाल गौर द्वारा सिन्धी समाज के संबंध में दिए गये आपत्तिजनक बयान के विरोध में 16 जून को दोपहर 1 बजे नगर पालिका चौक में धरना प्रदर्शन कर बाबूलाल का पुतला दहन किया जावेगा। समस्त सामाजिक बन्धुओं एवं सिन्धी समाज से सहानुभूति रखने वाले गणमान्य नागरिकोें से अपील है कि इस विरोध प्रदर्शन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज करावें।

नहीं चेता एनएचएआई हो गई दुर्घटना!

नहीं चेता एनएचएआई हो गई दुर्घटना!

(जुगल किशोर श्रीवास)

कुरई (साई)। बार बार दुर्घटनाओं की आशंकाओं के समाचार मीडिया में उछलने के बाद भी एनएचएआई के अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंगी जिसके परिणामस्वरू शुक्रवार को कुरई में बस दुर्घटना घट गई।
ज्ञातव्य है कि हिन्द गजट ने ‘‘बारिश में उखड़ने लगी कुरई घाट की सड़क‘‘ शीर्षक से शुक्रवार को ही फोटो सहित समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस खबर में कहा गया था कि बरसात के आगमन के साथ ही कुरई घाटी रोड के उखड़ जाने की खबरें आना शुरू हो गई हैं। बताया जाता है एन.एच.7 की इस रोड को बने हुए अभी एक वर्ष भी नहीं हुआ है और शुरूआती बारिश में ही उसका धसकना शुरू हो गया है।
कुरई घाटी में विहंगम दृश्य के पास के मोड़ पर सड़क बुरी तरह से उखड़ गयी है। दुर्घटना की दृष्टि से इस मोड़ को अत्यंत खतरनाक माना जाता हैं। कई वाहन इस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में इस स्थान पर रोड का उखड़ना गंभीर विषय है। हालाकि ठेकेदार द्वारा सड़क के मरम्मत का कार्य शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन यदि तकनीकि दृष्टि से देखा जाये तो सड़क के दोनों छोर पर पानी की निकासी के लिये नाली का होना बेहद आवश्यक है। अन्यथा पूरी बारिश भर इस सड़क की टूट फूट होते रहेगी और फिर लंबे-लंबे जाम लगने की स्थिति पुनः निर्मित हो जायेगी।
एनएचएआई के आला अधिकारी मदमस्त हाथी के मानिंद मौन साधे बैठे हुए हैं। हालात देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि एनएचएआई को सांसद विधायकों यहां तक कि जिला प्रशासन का भी कोई भय नहीं बचा है।

नाथ के स्वागत में निष्क्रिय रहे कांग्रेस के अनेक धड़े!

नाथ के स्वागत में निष्क्रिय रहे कांग्रेस के अनेक धड़े!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की सिवनी यात्रा के दौरान कांग्रेस के अनेक धड़ों का निष्क्रिय रहना अपने आप में एक आश्चर्य माना जा रहा है। कमल नाथ के स्वागत में उमड़ी भीड़ उनके कद के अनुरूप कतई नहीं मानी जा सकती है। इस भीड़ में छिंदवाड़ा, मण्डला, जबलपुर, बालाघाट आदि जिलों के उनके समर्थकों की तादाद अधिक मात्रा में बताई जा रही है।
जिला कांग्रेस कमेटी के सूत्रों का दावा है कि सिवनी जिले के विभिन्न ब्लाक से कार्यकर्ताओं का टोटा साफ इस परिवर्तन यात्रा में दिखाई दिया। सूत्रों की मानें तो इसका कारण जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा इस कार्यक्रम की पूर्व तैयारी ना किया जाना ही प्रमख है।
सूत्रों के अनुसार इसके पूर्व किसी भी नेता की सभा के लिए जब तक ठाकुर हरवंश सिंह जीवित रहे तब तक उन्होंने ब्लाक स्तर की बैठक आहूत कर कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित की जाती रही है। यह पहला मौका होगा जब जिला कांग्रेस कमेटी इस दिशा में निष्क्रिय ही रही।
कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे हरवंश सिह ठाकुर की अंतिम यात्रा में जिस तरह सिवनी जिले के कांग्रेस के कार्यकर्ता उमड़ पड़े थे, उसके प्रकाश में यह माना जा रहा था कि उनके ना रहने पर कार्यकर्ता उन्हें याद करते हुए इस सभा में ज्यादा से ज्यादा तादाद में उपस्थित होंगे।
इस परिवर्तन यात्रा में केंद्रीय संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री कमल नाथ के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी शिरकत करने वाले थे। स्पष्ट तौर पर सिवनी में कांति लाल भूरिया और अजय सिंह के समर्थक नगण्य ही हैं, इसलिए उनके लिए कार्यकर्ता शायद ही मेहनत करते।
वहीं, दूसरी ओर यह भी माना जा रहा था कि कमल नाथ चूंकि पड़ोसी छिंदवाड़ा जिले के संसद सदस्य हैं और सिवनी से उनका गहरा नाता रहा है, सिवनी जिले की सिवनी, लखनादौन या बरघाट विधान सभा की टिकिट पाने के लिए कार्यकर्ता दिल्ली जाकर उनके दरबार में मत्था टेकते आए हैं। इस लिहाज से यह माना जा रहा था कि वे सभी लोग जो टिकिट की दावेदारी प्रस्तुत कर चुके हैं या भविष्य में करेंगे अपने समर्थकों के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित अवश्य होंगे।
वहीं, दूसरी ओर इसमें हरवंश सिंह के पुत्र रजनीश सिंह को भी अपने पिता का स्थान लेना तय माना जा रहा था, इस लिहाज से हरवंश सिंह के समर्थकों का भी ज्यादा से ज्यादा तादाद में वहां पहुंचना तय ही माना जा रहा था। वैसे देखा जाए तो सिवनी में कुंवर अर्जुन सिंह की अगुआई में नेतागिरी करने वाले अब नहीं बचे हैं। वहीं दिग्विजय ंिसंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरूण यादव अािद के गुट के लोग सिवनी में बचे नहीं हैं। रही बात सुरेश पचौरी की तो उनके समर्थक आज भी सिवनी में मौजूद हैं।

कांग्रेस के अंदर अब कमल नाथ के जाने के बाद उनकी यात्रा, उनके वक्तव्यों, कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा, नेताओं के रवैए आदि का पोस्ट मार्टम सार्वजनिक तौर पर आरंभ हो गया है। कुछ नेताओं का मानना है कि कमल नाथ की इस सभा में अन्य क्षत्रपों के समर्थकों ने अपने आप को लगभग निष्क्रीय ही रखा।