मंगलवार, 4 जून 2013

सांसद के.डी.देशमुख ने ‘आज तक‘ से कहा हट्ट!

सांसद के.डी.देशमुख ने आज तकसे कहा हट्ट!

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। अन्नपूर्णा योजना का आगाज आज विवादों का केंद्र बन गया। इसके शुभारंभ के कार्यक्रम में सिवनी बालाघाट के सांसद के.डी.देशमुख मंच से जमकर गरजे। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की तारीफ में कशीदे गढ़कर भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। बाद में जब मीडिया ने उनसे इस संबंध में चर्चा की तो आज तक के प्रतिनिधि पुनीत कपूर को सांसद श्री देशमुख ने जोर से हट्ट कहकर अपना मुंह मोड़ लिया।
आज पालीटेक्निक कालेज में संपन्न कार्यक्रम में मंच पर बाकी अतिथियों ने तो संयमित भाषण दिया किन्तु जब बारी सांसद के.डी.देशमुख की आई तो मानो वे आपा खोने लगे। उन्होंने कैलाश जोशी से लेकर सुंदर लाल पटवा और दिग्विजय सिंह तक को भ्रष्टाचार पर जमकर कोसा।
उन्होने कहा कि वे पांच बार विधायक रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कैलाश जोशी, मोतीलाल वोरा, श्यामा चरण शुक्ल, सुंदर लाल पटवा यहां तक कि उमा भारती को भी देखा है। इनके शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था। नेता पैसा कमा रहे थे, अधिकारी किसी की भी नहीं सुनते थे। एसपी पैसा बटोरते थे।
इसी बीच जिला कलेक्टर भरत यादव का मोबाईल बजा और वे कुछ बात करने लगे तो यह बात सांसद के.डी.देशमुख को गवारा नहीं हुई, उन्होंने कहा कि कलेक्टर साहब यहां सुनिए। जिस तरह चीख चीख कर सांसद के.डी.देशमुख भाषण दे रहे थे उसे देखकर श्रोताओं में यह चर्चा चल रही थी कि कहीं सांसद के.डी.देशमुख के अंदर क्रांतिवीर के नाना पाटेकर की आत्मा तो प्रवेश नहीं कर गई है।
वहीं कुछ भाजपाई यह चर्चा करते पाए गए कि सांसद के.डी.देशमुख दरअसल, विधानसभा चुनावों की टिकिट चाहते हैं इसलिए वे शिवराज सिंह चौहान की शान में कशीदे गढ़ रहे हैं।
बहरहाल, मध्यप्रदेष में बी.पी.एल और अन्त्योदय अन्न योजना के कार्ड धारियों को इस माह से एक बहुत बड़ी सौगात मिली है। हर गरीब की थाली में भरपेट भोजनरूपी खुषहाली का सपना अब साकार होकर धरातल में दिखने भी लगा है। मध्यप्रदेष के सभी बी.पी.एल. और ए.ए.वाय. कार्ड धारियों सहित वृद्धजनों को भी मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत एक रूपये किलो गेहूॅं, 2 रूपये किलो चावल और एक रूपये किलो आयोडीनयुक्त नमक दिया जायेगा।
इसमें बी.पी.एल. कार्डधारियों को कुल 20 किलो खाद्यान्न (जिसमें 18 किलो गेहॅूं, 02 किलो चावल और एक किलो नमक) तथा अन्त्योदय अन्न योजना के कार्डधारियों (वृद्धजनों सहित) को कुल 35 किलो खाद्यान्न (जिसमें 17 किलो गेहॅूं, 18 किलो चावल और एक किलो नमक) दिया जायेगा। सरकार की इस अत्यंत महत्वकांक्षी योजना का लाभ समाज के अंतिम छोर के अंतिम जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिये हर स्तर पर पुख्ता इंतजाम किये जायेगें। इस आषय के उद्गार प्रदेष के स्कूल षिक्षा राज्यमंत्री एवं सिवनी जिले के प्रभारी मंत्री नानाभाऊ मोहोड़ ने व्यक्त किये।
प्रभारी मंत्री मोहोड़ आज स्थानीय पॉलीटेक्निक मैदान में सिवनी जिले में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के भव्य शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रभारी मंत्री मोहोड़ व अन्य अतिथियों ने फीता काटकर जिले में इस योजना का विधिवत शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री व मौजूद अतिथियों ने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही श्रीमती पन्नी बाई डहेरिया व शेख जहीर खान, ए.ए.वाय. कार्डधारी हितग्राही रम्मूलाल यादव, श्रीमती सावित्री बाई व मोहम्मद इसराइल तथा वृद्धजन हितग्राही इजहार अहमद व श्रीमती हाषम बी को इस योजना के तहत पात्रतानुसार खाद्यान्न बैग्स का वितरण किया।
इस मौके पर अतिथियों ने मध्यप्रदेष श्रम एवं अन्य कर्मकार कल्याण मंडल योजना के तहत छह पात्र हितग्राहियों को चैक सौपने के अलावा पांच लाड़ली लक्ष्मियों को राष्ट्रीय बचत पत्र, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत छह हितग्राहियों को 50-50 हजार रूपये के ऋण स्वीकृति पत्र, रानी दुर्गावती योजना के तहत 3 पात्र हितग्राहियों को बड़े टेक्सी वाहनों की चाबियॉं तथा मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना के तहत भी 3 पात्र हितग्राहियों को बड़े टेक्सी वाहनों की चाबियों का वितरण किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये प्रभारी मंत्री मोहोड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत सभी पात्र हितग्राहियों को एकमुष्त एक माह का राषन एक साथ वितरित किया जायेगा। प्रभारी मंत्री ने इस योजना के बारे में बताया कि मध्यप्रदेष के अलावा केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसी योजना लागू है जिसमें गरीबों में को बेहद कम मूल्य पर राषन का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक राषन दुकान में एक निर्धारित समयबद्ध कार्यक्रम के तहत खाद्यान्न का वितरण अधिकारियों की निगरानी में कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिले की सभी सेवा सहकारी समितियों को और अधिक मजबूत बनाया जायेगा और यह सुनिष्चित किया जायेगा कि राषन लेने के लिये दुकान में आया कोई भी पात्र हितग्राही इस योजना के राषन से वंचित न रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन चंदेल ने कहा कि सर्वजन के कल्याण का दायित्व मध्यप्रदेष सरकार ने बखूबी निभाया है। हर व्यक्ति भर पेट भोजन उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का शुभारम्भ मध्यप्रदेष सरकार का प्रयास निःसन्देह वंदनीय है, अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है कि समाज के हर जरूरतमंद आदमी तक इस योेजना का लाभ पहुचें।

स्वागत भाषण में कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि यह योजना मध्यप्रदेष सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है, क्योंकि देष में ऐसा पहली बार हो रहा है कि गरीबों को एक दिन की मनरेगा मजदूरी से भी कम राषी में अति न्यूनतम मूल्य पर पूरे महीने भर का एकमुष्त राषन मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत आवंटित राषन का चार, पांच, छह और सात जून को जिले की प्रत्येक शासकीय उचित मूल्य दुकान में कार्यक्रम आयोजित कर पात्र कार्डधारियों को वितरण कराया जायेगा। इस खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम की निगरानी के लिये जिले के सभी अधिकारियों की ड्यिूटी लगाई गई है। कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्र की उचित मूल्य दुकान में आयोजित खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम पहुंचे और अपनी मौजूदगी में सभी पात्रों को इस योजना का लाभ दिलवायंे।

दिनेश राय हमें जान से मारने की योजना बना चुके हैं: खरे

दिनेश राय हमें जान से मारने की योजना बना चुके हैं: खरे

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। ‘‘शराब व्यवसाई रहे और वर्तमान में लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने हमें जान से मारने की योजना बना चुके हैं, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में उनके द्वारा 22 मई को दिया गया आवेदन उसकी पहली कड़ी है!‘‘ उक्ताशय की बात आज जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय को दिए आवेदन में हिन्द गजट के संपादक एस.के.खरे द्वारा कही गई है।
अपने आवेदन में श्री खरे ने कहा है कि दिनेश राय, पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, सिवनी द्वारा मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर आपके कार्यालय में 22 मई को एक आवेदन दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर मेरे साथ कोई घटना कारित होती है तो उसके लिए दिनेश राय को जिम्मेदार ना समझा जाए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से निवेदन किया है कि उक्त आवेदन की प्रमाणिक प्रति श्री खरे को उपलब्ध कराने का कष्ट करे।
अपने आवेदन में श्री खरे ने कहा है कि इसके साथ ही साथ दिनेश राय का पूर्व का रिकार्ड भी अच्छा नहीं माना जा सकता है। इसके पूर्व में लखनादौन में एक पत्रकार के साथ हाथापाई की गई थी, 2008 में विधानसभा चुनाव के पूर्व सहारा समय के मिशन हाई स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में दिनेश राय द्वारा युवा नेता बाबू लाल श्रीवास्तव के प्रश्न पर बाहें चढ़ाकर उन्हें मारने उठ गए थे।
श्री खरे ने कहा है कि 30 साल के पत्रकारिता के जीवन में उनका आज तक कोई वाद विवाद, झगड़ा आदि नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि उन्हें तो वाद विवाद या झगड़े की आशंका नहीं है किन्तु दिनेश राय द्वारा इस तरह की आशंका व्यक्त की गई है, जिससे साफ हो जाता है कि इनके द्वारा भविष्य में उनके साथ झगड़ा या जान से मारने की योजना बना चुके हैं और कभी भी इसे अंजाम दे सकते हैं। एवं इसी कड़ी में यह उनकी पहली कोशिश है। श्री राय का यह कदम अपने आप को बचाने के लिए पूर्व तैयारी का हो सकता है।
श्री खरे ने अपने आवेदन में कहा है कि वे पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में इस बात को लाना चाहते हैं कि पूर्व में 15 मई को लखनादौन नगर पंचायत जहां के दिनेश राय अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में उनकी माता श्रीमति सुधा राय अध्यक्ष हैं के एक पार्षद प्रमोद झारिया द्वारा भी उन्हें फोन पर धमकाया गया था, जिसकी सूचना 15 मई को आपके कार्यालय को दी जा चुकी है। इसकी प्रति भी उन्होंने संलग्न कर भेजी है।
श्री खरे ने आगे कहा है कि सिवनी जिले में उनकी छवि के बारे में पता किया जा सकता है, ना तो वे अय्याशी में ही संलग्न हैं और ना ही नशे के आदी ही हैं। आखिर किस आधार पर दिनेश राय द्वारा उनकी छवि के बारे में कहा जाकर उनका चरित्र सत्यापन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ किसी भी थाने में कोई भी अपराध पंजीबद्ध नहीं है। वे एक अधिमान्य पत्रकार हैं एवं अधिमान्यता के पूर्व पुलिस वेरीफिकेशन किया जाता है, जिसमें उनका रिकार्ड दिल्ली और भोपाल पुलिस के पास साफ सुथरा है। उन्होंने कहा कि उनके पास दस साल से अधिक समय से पासपोर्ट भी बना हुआ है जिसमें कोतवाली सिवनी पुलिस ने भी पुलिस वेरीफिकेशन किया हुआ है। इसकी तसदीक की जा सकती है।
अपने आवेदन के अंत में श्री खरे ने पुलिस अधीक्षक से अपील की है कि दिनेश राय के खिलाफ तत्काल उचित कार्यवाही करते हुए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि अगर उनके साथ अगर कोई भी दुर्घटना कारित होती है तो उसके लिए दिनेश राय को ही जवाबदेह माना जाए, क्योंकि उन्हें तो यह आशंका कतई नहीं थी कि उनके साथ कोई दुर्घटना या झगड़ा होगा, पर दिनेश राय को यह किस आधार पर लगा कि उनके साथ कोई दुर्घटना कारित हो सकती है। इससे साफ हो जाता है कि वे हमें जान से मारने की योजना बना चुके हैं।
श्री खरे का कहना है कि दिनेश राय एक जिम्मेदार नागरिक हैं। वे लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके हैं, सिवनी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, अतः अगर उन्होंने अपने हस्ताक्षरों से युक्त कोई आवेदन जिला पुलिस अधीक्षक को दिया है तो निश्चित तौर पर पूरी जिम्मेदारी और जवाबदारी के साथ दिया होगा। श्री खरे ने दिनेश राय को चुनौति देते हुए कहा है कि दिनेश राय इस बात के प्रमाण अवश्य प्रस्तुत करें कि श्री खरे अय्याश और नशे के आदी हैं, अथवा सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा कानूनी कार्यवाही के लिए श्री खरे स्वतंत्र होंगे।

मुंह देखी अतिक्रमण विरोधी मुहिम!

मुंह देखी अतिक्रमण विरोधी मुहिम!

(लिमटी खरे)

सिवनी शहर के लोग सुकून महसूस कर रहे थे कि युवा एवं उर्जावान जिलाधिकारी भरत यादव द्वारा शहर में नासूर बन चुके अतिक्रमण को हटाने की मुहिम छेड़ी जा रही थी। इस मुहिम के आरंभ होते ही लोग बहुत ही प्रसन्न नजर आ रहे थे। अचानक ही पता नहीं कैसे इस पर ग्रहण सा लगता दिख रहा है, जिससे लोगों में निराशा होना स्वाभाविक ही है।
सालों से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही  ना किया जाना भी आश्चर्य का ही विषय है। शहर के मुख्य मार्ग अतिक्रमण की जद में हैं। यहां तक कि नगर पालिका के सामने ही अतिक्रमण पसरा हुआ है तो बाकी की कौन कहे। इस अतिक्रमण के कारण लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो चुका है।
बुधवारी बाजार, नेहरू रोड जैसे मार्ग तंग गलियों में तब्दील हो चुके हैं। प्रतिष्ठानों के सामने दो पहिया वाहनों की भरमार से आवागमन अवरूद्ध हुए बिना नहीं रहता है। अस्सी के दशक में कोतवाली पुलिस की लारी जिसे डग्गा भी कहा जाता था इस सड़क पर जब निकलता तो दुकानदार खुद सड़क पर आकर वाहनों को अलग कर लिया करते थे। उस वक्त पुलिस वाहनों को इस लारी में भरकर ले जाया करती थी।
समय के साथ पुलिस पर बनने वाले कानून व्यवस्था के दबाव में यातायात पुलिस का काम बढ़ गया है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। यातायात पुलिस के पास अमला भी पर्याप्त नहीं है। जिला संवेदनशील की श्रेणी में है, फिर भी सांसद विधायकों ने पुलिस में तैनाती के लिए भी ठोस पहल ना किया जाना आश्चर्यजनक ही है। ऐसा नहीं कि सांसद विधायक अगर मुख्यमंत्री या गृह मंत्री को पत्र लिखें और उनके पत्र पर कार्यवाही ना हो।
बस स्टेंड से छिंदवाड़ा चौक तक वाहन दिल्ली के मानिंद ही रेंगते नजर आते हैं। इसका कारण सड़कों के किनारे वाले प्रतिष्ठानों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण किया जाना ही है। यातायात पुलिस के साथ ही साथ पुलिस के आला अधिकारी, नगर पालिका एवं जिला प्रशासन के अफसर भी इन मार्गों से होकर गुजरते हैं पर किसी को भी इसे पटरी पर लाने की सुध नहीं रहती है।
नवागत जिला कलेक्टर भरत यादव एवं जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला ने सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर चौड़ा करने की मुहिम अवश्य ही चलाई है, पर यह मुहिम राजनीतिक दांव पेंच में उलझती दिख रही है। वस्तुतः जिला प्रशासन को चाहिए कि वह नेहरू रोड़, जीएन रोड़, शुक्रवारी, बुधवारी आदि स्थानों का नक्शा बुलवाए और इन स्थानों पर सड़कों की चौड़ाई देखे।
जिला प्रशासन को अगर शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना है तो उसे कठोर कदम उठाने ही होंगे। नब्बे के दशक के आरंभ में जब बाबू लाल गौर स्थानीय शासन मंत्री हुआ करते थे तब प्रदेश स्तर पर अतिक्रमण के खिलाफ जबर्दस्त अभियान चलाया गया था। भोपाल की ग्रेंड होटल को तो एक किनारे में समेट दिया गया था।
सिवनी में उस वक्त तत्कालीन जिलाधिकारी पुखराज मारू एवं जिला पुलिस अधीक्षक संजय चौधरी की जुगल जोड़ी ने बाबू लाल गौर की मंशाओं को इस कदर मूर्तरूप दिया था कि शहर खिल उठा था। लोग उस वक्त यह कहने से नहीं चूक रहे थे कि ऐसा लग रहा है मानो शहर की दाढ़ी ही बना दी गई हो।
शहर भर में खरपतवार की तरह अतिक्रमण पसर गया है। देखा जाए तो यह जवाबदेही नगर पालिका प्रशासन के साथ ही साथ यातायात पुलिस की है। सालों से दोनों ही चिरनिंद्रा में लीन हैं। दोनों ही जवाबदेह विभागों ने इस संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं की है। अगर कोई कार्यवाही हुई भी है तो उस पर भी मुंहदेखी कार्यवाही के आरोप लगे हैं।
जिला प्रशासन अगर सभी दलों के नेताओं को एक साथ बिठाकर अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही को राजी कर लेता है तो यह वाकई एक बड़ी सफलता माना जाएगा। इस काम में सिवनी में सियासी बियावान में चहलकदमी करने वाले नेताओं को भी निहित स्वार्थ तजना आवश्यक है।
नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह शहर उनका अपना शहर है, इसे संुदर बनाने में उन्हें आगे आना ही होगा। भाई भतीजावाद, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप एक अलग बात हो सकती है, पर जब शहर को साफ सुथरा अतिक्रमण मुक्त बनाने की बारी आए तब सभी एक सुर से प्रशासन का इसमें साथ दें।
वर्तमान में जिसका जहां मन आ रहा है, वहां चौपाटी तो कभी हाकर्स कार्नर खोल दे रहा है। नगर पालिका परिषद द्वारा ऐतिहासिक दलसागर तालाब में चौपाटी की स्थापना करवा दी गई है जो अनुचित ही है। इसका कारण यह है कि इस चौपाटी के कचरे से दलसागर तालाब के गंदे होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
पालिका प्रशासन यह दुहाई अवश्य ही दे सकता है कि उसने वहां डस्टबिन रखवा दिए हैं, पर इन कचरादानों में कितने लोग कचरा डाल रहे हैं यह देखना भी प्रशासन की ही जवाबदारी है। एक दूसरे पर आरोप लगाना, परनिंदा का काम सबसे आसान होता है। इससे आप अपनी जवाबदेही से तो बच सकते हैं पर सच्चाई से कतई नहीं।

शहर को साफ और अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए यह आवश्यक है कि राजनैतिक दल के लोग आगे आएं और प्रशासन की इस मुहिम में उसका साथ दें। इसके लिए प्रशासन को भी पारदर्शी रवैया अपनाना अत्यावश्यक होगा, अन्यथा एक बार फिर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को मुंहदेखी कार्यवाही कहने से नहीं चूकने वाले लोग।