रविवार, 2 जून 2013

चांदा ढूंढता रह गया अतिक्रमण विरोधी दस्ता

चांदा ढूंढता रह गया अतिक्रमण विरोधी दस्ता

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनी (साई)। जिलाधिकारी भरत यादव के निर्देशन में की जा रही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही में आज नेहरू रोड़ पर अतिक्रमण हटाने गया दस्ता माप के लिए सुबह से शाम तक चांदा ही ढूंढता रह गया।
ज्ञातव्य है कि नगर पालिका परिषद की कथित उदासीनता के चलते शहर के लिए नासूर बन गए अतिक्रमाण को हटाने की कार्यवाही जिला कलेक्टर के निर्देश पर की जा रही है। इसके तहत बस स्टेंड, शुक्रवारी, जीएन रोड़ आदि पर अस्थाई अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही गत दिवस तक जारी थी।
आज जब दस्ते ने नगर पालिका के सामने से नेहरू रोड़ में प्रवेश किया तब वहां राजस्व विभाग के चांदे को लेकर अधिकारी पशोपेश में रह गए। अधिकारियों को वह चांदा नहीं मिल पाया जहां से कि इसका माप किया जा सके। दिन भर पालिका और राजस्व विभाग के कर्मचारी चांदे को ही ढूंढने में व्यस्त रहे।
गौरतलब है कि आज शनिवार होने के कारण बाजार का अवकाश था। इसके साथ ही साथ आज कांग्रेस की एक जरूरी बैठक भोपाल तो भाजपा की बैठक ग्वालियर में थी, जिसके चलते कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता शहर से बाहर ही थे। इन परिस्थितियों में राजनैतिक विरोध की गुंजाईश इस सड़क पर कम ही थी।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि शहर में लाउड स्पीकर के माध्यम से मुनादी पिटवाई गई थी जिसमें इस कार्यवाही को अंजाम देने की बात कहकर स्वयं ही अतिक्रमण हटाने की बात कही जा रही थी।
राजस्व विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दरसअल, राजस्व विभाग के चांदे और मुनारों के जरिए जमीन की वस्तु स्थिति का सही अंदाजा लगाया जाता है। शहर के अंदर चांदा कहां हैं और किसके घर के अंदर दब चुका है इस बारे में पटवारी से बेहतर और कोई नहीं बता सकता है।
आज संपन्न हुई कार्यवाही में चांदा ढूंढते रह जाना अपने आप में एक आश्चर्य से कम इसलिए नहीं है क्योंकि वहां नगर पालिका परिषद के अलावा राजस्व विभाग का बड़ा अमला भी मौजूद था।
कहा जा रहा है कि सेठ साहूकारों के दबाव में आकर अतिक्रमण विरोध दस्ते ने अपनी कार्यवाही को अंजाम ना देते हुए चांदा खोजने में ही अपना दिन बिता दिया और शाम ढलते ही कर्मचारी अपने अपने घरों की ओर कूच कर गए।
संभावना व्यक्त की जा रही है कि अगर रविवार को इस सड़क पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है तो दुकानों पर लगी ग्राहकों की भीड़ इसमें बाधक बन सकती है। कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि इस दस्ते ने शनिवार को नेहरू रोड़ को अतिक्रमण से मुक्त कराने का एक सुनहरा मौका हाथ से गंवा दिया है।

इन पंक्तियों के लिखे जाने तक प्रशासन की ओर से इस संबंध में ना तो कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है और ना ही कोई विज्ञप्ति ही जारी की गई है।