सोमवार, 1 अप्रैल 2013

भाजपा के लिए अपरिहार्य हैं मोदी


भाजपा के लिए अपरिहार्य हैं मोदी


(लिमटी खरे)

भारतीय जनता पार्टी के अंदर इस समय एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है। अटल आड़वाणी युग के अवसान के साथ ही भाजपा में अब करिश्माई नेतृत्व का अभाव साफ दिखाई पड़ रहा है। नितिन गड़करी अपेक्षाकृत युवा थे, उन्हें जब पार्टी की बागडोर सौंपी गई तब कुछ उम्मीद की जा रही थी कि सूबाई राजनीति से राष्ट्रीय फलक पर जाने पर वे कुछ नया कर पाएंगे। विडम्बना ही कही जाएगी कि वे भी असफल ही साबित हुए। आनन फानन पार्टी की कमान राजनाथ सिंह को सौंप दी गई, जो सीधे और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। राजनाथ सिंह ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की जिसमें मोदी एण्ड संस का जलजला साफ दिखाई दे रहा है। राजनाथ सिंह के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह हिन्दुत्व के रास्ते पर आज भी अडिग है। टीम राजनाथ की घोषणा के साथ ही अब नई बहस आरंभ हो गई है कि भाजपा बड़ी है या नरेंद्र मोदी!

गुजरात जहां से कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के सियासी सलाहकार अहमद पटेल आते हैं वहां लगातार तीसरी बार धमाकेदार जीत दर्ज कराकर नरेंद्र मोदी ने अपना कद एकाएक बढ़ा लिया। वैसे तो दिल्ली की निजाम श्रीमति शीला दीक्षित भी तीन बार से लगातार दिल्ली पर काबिज हैं, पर कांग्रेस में सब कुछ गांधी एण्ड सन्स की मर्जी से होता है इसलिए उनकी तीन बार की जीत मायने नहीं रखती है।
गोधरा कांड का दाग नरेंद्र मोदी को धोने में छः साल लग गए। छः बरस पूर्व इन्हीं राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को भाजपा के संसदीय बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उस समय यह तर्क दिया गया था कि वे एक सीएम हैं अतः उन्हें नहीं लिया जा सकता है। अब उन्हें एक बार फिर संसदीय बोर्ड में शामिल कर दिया गया है। भाजपा में युवा और असरकारी प्रभावी चेहरों की कमी नहीं है। नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान, डॉ.रमन सिंह कुछ एसे चेहरे हैं जो आम जनता को लुभाने के लिए पर्याप्त माने जा सकते हैं।
राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को इसमें शामिल किया, यह खास नहीं है। खास बात तो यह है कि नरेंद्र मोदी इकलौते भाजपा के मुख्यमंत्री हैं जिन्हें संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है। मतलब साफ है कि आने वाले समय में नरेंद्र मोदी के चेहरे का उपयोग भाजपा करने वाली है। कहा जा रहा है कि आम चुनावों में नरेंद्र मोदी ही भाजपा के पोस्टर ब्वाय होंगे।
वैसे अभी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पीएम इन वेटिंग एल.के.आड़वाणी का प्रधानमंत्री बनने का मोह छूटा नहंी है। उधर, मोदी के नाम पर राजग की सहयोगी जनता दल यूनाईटेड भी तलवारें पजा रही है। मोदी को आगे लाकर भाजपा ने जदयू को भी यह संकेत दे दिया है कि उसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता अहम हैं और किसी के दबाव में भाजपा मोदी से किनारा करने वाली नहीं है।
राजनाथ सिंह ने 2006 में नरेंद्र मोदी को संसदीय बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाया फिर दुबारा राजनाथ सिंह ने ही उन्हें संसदीय बोर्ड में रखा। यह अबूझ पहेली बन गया है कि एक ही व्यक्तित्व के दो चेहरे, एक बार एक शख्स को मुख्यमंत्री होने के कारण संसदीय बोर्ड से हाथ धोना पड़ा और दूसरी बार मुख्यमंत्री रहते ही संसदीय बोर्ड में सम्मान के साथ प्रवेश दिया गया।
दरअसल, आपसी संघर्ष और सत्ता के लालच के चलते भारतीय जनता पार्टी अपने मार्ग से भटक चुकी है। एक समय था जब भाजपा को काडर बेस्ड पार्टी कहा जाता था। भाजपा के पितृ सगठन संघ ने भाजपा पर नियंत्रण के लिए अपने प्रचारक और कार्यकर्ताओं को भाजपा में बिठाया था। जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में है वहां संघ के नुमाईंदों पर भ्रष्टाचार और अनाचार के आरोप लगने तेज हो गए हैं, यही कारण है कि आज काडर बेस्ड पार्टी का काडर ही नहीं बचा है।
महज दो सीटों से केंद्र में सरकार बनाने वाली भाजपा अब आक्सीजन पर है। कुछ राज्यों में भाजपा की सत्ता दो तीन बार वापस आई है, पर इन राज्यों में कार्यकर्ता भाजपा से बहुत दूर हो चुका है। इसका कारण सत्ता और संगठन के बीच वर्चस्व की जंग ही माना जा रहा है। सत्ता में बैठे लोग अब कार्यकर्ताओं से पर्याप्त दूरी बना चुके हैं।
संघ के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो अगला आम चुनाव भाजपा के लिए करो या मरो का होगा। संघ के एक सर्वेक्षण से साफ हो गया है कि कांग्रेस और यूपीए का ग्राफ भ्रष्टाचार, अनाचार, व्यभिचार, कुशासन के चलते तेजी से गिरा है। यही मौका है जब भाजपा अपना बेहतरी प्रदर्शन कर सत्ता के लिए जादुई आंकड़ा जुटा सकती है।
भाजपा के पास वैसे तो कई चेहरे हैं जिन पर दांव लगाया जा सकता है। उमा भारती का गुस्सा उनके आड़े आता है। शिवराज सिंह चौहान, डॉ.रमन सिंह, नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज जैसे लोगों को लुभाने वाले नेता भी हैं भाजपा के पास। रमन सिंह के दामन पर कोयले के दाग हैं, तो सुषमा स्वराज का जनाधार बहुत अच्छा नहीं माना जा सकता है।
रही बात शिवराज सिंह चौहान की तो उनका मीडिया मैनेजमेंट बहुत ही पुअर है। साथ ही मध्य प्रदेश में शासन प्रशासन पर उनकी ढीली पकड़ उनके आड़े आ रही है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को घोषणावीर सीएम कहा जाने लगा है। सोशल मीडिया और छोटी बड़ी वेब साईट्स पर शिवराज सिंह चौहान के कुशासन विशेषकर मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग की कारगुजारियों ने उन्हें इस रेस से बाहर कर दिया है।
नरेंद्र मोदी ने एक साथ 53 सभाओं को संबोधित किया अब शिवराज एक साथ 250 सभाओं को संबोधित करने की तैयारी कर रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान नरेंद्र मोदी से दो कदम आगे ही चल रहे हैं पर उसके बाद भी वे आगे निकलने की होड़ से बाहर हो गए। संघ के एक आला दर्जे के पदाधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि मीडिया में एमपी के किसी सरकारी अधिकारी लाजपत आहूजा का नाम बार बार आने का खामियाजा शिवराज सिंह चौहान को भुगतना पड़ा है।
उधर, भाजपा के पास शिवराज सिंह चौहान के उपरांत नंबर दो पर नरेंद्र मोदी का चेहरा है जो लोगों को लुभा सकता है। नरेंद्र मोदी को लोग ज्यादा से ज्यादा सुनने को आतुर रहते हैं। नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा बंटी हुई है, पर कार्यकर्ताओं के दबाव में पार्टी और संघ का शीर्ष नेतृत्व मोदी की उपेक्षा करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। मोदी की कई खूबियां हैं, देखा जाए तो कांग्रेस ने मोदी को हीरो बनाया है।
कांग्रेस द्वारा भाजपा में अधिकांशतः नरेंद्र मोदी पर ही वार किया जाता है, जिससे साफ है कि कांग्रेस की नजर में मोदी से बड़ा कोई नेता भाजपा में नहीं है। शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ देश तो क्या प्रदेश स्तर पर कांग्रेस कोई वार करती नजर नहीं आती है। पार्टी को लगता है कि मोदी के नाम से ही कार्यकर्ता उत्साहित हो रहे हैं, ऐसे में लोकसभा चुनाव में मोदी कार्यकर्ताओं और पब्लिक में जोश भर सकते हैं।
नरेंद्र मोदी भी बहुत मंझे हुए खिलाड़ी हैं। नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया की ताकत का खूब अंदाजा है। नरेंद्र मोदी की जुंडाली ने सोशल मीडिया में उनके प्रमोशन का बहुत ही सटीक गेमप्लान बनाया। सोशल मीडिया में पिछले एक साल से नरेंद्र मोदी के फोटो और आकर्षक स्लोगन्स फ्लोट किए गए हैं। इन्हें जमकर शेयर किया जा रहा है। अगर आपके दोस्तों की संख्या पंद्रह सौ से अधिक है तो आपको अपनी वाल पर रोजाना कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी दिख ही जाएंगे।
भाजपा ने अमित शाह को प्रवेश दिया वहीं रवीशंकर प्रसाद, शांता कुमार, यशवंत सिन्हा, हेमा मालिनी, नजमा हेपतुल्ला, शिवराज सिंह चौहान, डॉ.रमन सिंह, वसुंधरा राजे सिंधिया जैसी हस्तियों को दूर ही रखा। इस बार राजनाथ सिंह ने संतुलन को भी ध्यान में नहीं रखा है। उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, असम, जम्मू एवं काश्मीर को एकदम उपेक्षित ही रखकर यहां से किसी को भी शामिल नहीं किया है।
राजनाथ सिंह के व्यक्तित्व से सभी वाकिफ हैं। राजनाथ सिंह इस बार मनराखनलाल बने हुए हैं। इस बार उनका पूरा ध्यान समन्वय और आपसी सहमति के साथ चलने पर है। नितिन गड़करी की बिदाई की बेला में वे जिस तरह सर्वमान्य बनकर उभरे हैं उसी को कायम रखते हुए उन्होंने राजस्थान को वसुंधरा के हवाले करते हुए मोदी को केंद्र में प्रवेश दिया है। अगर राजनाथ सिंह इसी तरह समन्वय बनाकर चलते रहे और भाजपा सत्ता में आई तो उनके लिए अनेक मार्ग प्रशस्त होने से कोई नहीं रोक सकता है।
वहीं अब सियासी फिजां में यह सवाल भी घुमड़ने लगा है कि नैतिकता के आधार पर भाजपा के अध्यक्ष राजनाथ सिंह को यह स्पष्ट करना ही चाहिए कि आखिर वे कौन से आधार थे, जिनके चलते 2006 में नरेंद्र मोदी को रूखसत किया गया था और अब किन खूबियों वाले आधार पर उन्हें प्रवेश दिया गया है। यह पार्टी के अंदर का नितांत निजी मामला है पर जनता को इन सवालों के जवाब जानने का पूरा हक है। (साई फीचर्स)

रेल किराए में हुई बढोत्तरी लागू


रेल किराए में हुई बढोत्तरी लागू

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। नये रेल बजट के प्रभावी होने के बाद आज से रेल से सफर करना मंहगा हो गया है। वर्ष २०१३-१४ के रेल बजट के प्रावधानों के अनुसार आरक्षण शुल्क, सुपर फास्ट शुल्क और तत्काल शुल्क में बढ़ोत्तरी आज से लागू हो गई है। आज यात्रा करने वालों को बढ़ा किराया अदा करना होगा।
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एसी क्लास के लिए आरक्षण शुल्क प्रति टिकट १५ से २५ रुपये बढ़ गया है। जबकि दूूसरे दर्जे और स्लीपर क्लास के आरक्षण शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सुपर फास्ट चार्ज में दूसरे दर्जे के लिए पांच रुपये, स्लीपर क्लास के लिए १० रुपये और एसी क्लास के लिए १५ से २५ रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है।
सूत्रों ने आगे बताया कि तत्काल शुल्क सैकिंड क्लास के लिए मूल किराए का १० प्रतिशत और ए सी क्लास के लिए ३० प्रतिशत बढ़ाया गया है। कैन्सेलेशन चार्ज यानी टिकट रद्द कराने के शुल्क में कन्फर्म टिकट पर १० से ५० रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है। जबकि प्रतीक्षा सूची और आर ए सी टिकटों के लिए कैन्सेलेशन चार्ज पांच से दस रुपये तक अधिक हो गया है।

अनेक शहरों हुआ टीवी प्रसारण बाधित


अनेक शहरों हुआ टीवी प्रसारण बाधित

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। देश के ३० से अधिक शहरों में आज से एनालॉग टेलीविजन सिग्नल प्रसारण बंद हो गया है। दूसरे चरण के डिजीटीकरण में औसतन ७० से ७५ प्रतिशत घरों में सेट टॉप बॉक्स लगा दिए गए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि बंगलौर और गुजरात के चार शहरों को छोड़कर डिजीटीकरण के दूसरे चरण में एनालॉग केबल सिग्नल को डिजीटल किया जा रहा है।
इन शहरों में अदालत के आदेश से डिजीटीकरण की समयसीमा बढ़ाई गई है। उत्तर प्रदेश और आंध्रप्रदेश सरकारों ने केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय से डिजीटीकरण की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। देश के १४ राज्यों के ३८ शहरों में डिजीटीकरण के दूसरे चरण की समयसीमा कल रात समाप्त हो गई। तीसरे चरण के तहत अगले वर्ष सितम्बर तक देश के अन्य शहरों में केबल एनालॉग सिग्नल को डिजीटल कर दिया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर भारत संचार निगम लिमिटेड ने घोषणा की है कि समुद्र में तीन केबलों के कट जाने से उसकी ब्रॉडबैंड सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। दूरसंचार कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय केबल के कई जगह से कटने से यूरोप और कई अन्य देशों से ब्रॉडबैंड संपर्क में बाधा आ रही है। कंपनी ने कहा है कि उसकी इंटरनेट क्षमता में २१ फीसदी की कमी आई है। प्रभावित होने वाले ग्राहकों की वास्तविक संख्या की जानकारी नहीं दी गई है।

गोवहाटी : कामरूप में पांच घंटे की ढील


कामरूप में पांच घंटे की ढील

(पुरबाली हाजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम में कामरूप जिले में सुआलकुची में आज सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्घ्यू में ढील दी गई है। उपायुक्त एस के रॉय ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। सुरक्षा बल चौकसी बरत रहे हैं। शनिवार को स्थानीय व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने कर्फ्घ्यू लगा दिया था। स्थानीय व्यापारी, मेखेला चादर के नाम पर आयातित कपड़ा बेचने का विरोध कर रहे थे।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि पूरब के मेनचेस्टर कहे जाने वाले सुआलकोशी में स्थिति सामान्य होने के कारण लोग घरों से निकलकर खरीदारी करते नजर आए। घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। रंगाली बिहू में दो हफ्ते से भी कम वक्त रहने कारण और कर्फ्यू में ढील देने के बाद स्थानीय बुनकर गांवछा और मेखला चादरों की उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद कर रहे हैं। गौरतलब है कि कामरूप जिले के उपायुक्त ने पूरे जिले में स्थानीय मेखला चादर के नाम पर बनारस से कपड़ों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुआलकोशी के लगभग पंद्रह हजार लोग इस उद्योग से जुड़े हुए हैं।

मायामी ओपन विजेता बने एंडी


मायामी ओपन विजेता बने एंडी

(टी.जोसफ)

मियामी (साई)। ब्रिटेन के एंडी मरे ने कल देर रात स्पेन के डेविड फेरर को हराकर दूसरी बार मायामी ओपन टेनिस सिगल्स खिताब जीत लिया है। ब्रेन्डेन पार्क वही हुआ जिसकी उम्मीद हर कोई कर रहा था। मुकाबला जीता ब्रिटेन के थर्ड सिडिड एंडी मरे ने और स्पेन के फिफ्थ रैंकिंग वाले डेविड फेरर के साथ उनका स्कोर रहा २-६, ६-४, ७-६ का २०११ के शंघाई मास्टर्स के बाद पहला और करियर पर कुछ नौ ईसीपी वर्ल्ड-२ फाइनल का खिताब जीतने वाले मरे २००९ में मयामी में खिताबी जीत हांसिल की थी।
दो घंटे चौवालिस मिनट तक चले फाइनल मुकाबले को जीतने के साथ ही एंडी मरे स्वीटजर लैंड के वह शख्स हैं जो सब को पीछे छोड़ कर दुनिया के नम्बर दो खिलाड़ी बन गए हैं। वहीं डेविड फेरर ने भी स्पेन के राफेल नडाल से आगे निकलकर चौथी रेंकिंग हासिल कर ली है। इस बीच, रूस की नादिया पैत्रोवा और स्लोवानिया की कैरीना स्रीेबोत्निक ने महिला डबल्स की ट्रॉफी अपने नाम की। तीसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी ने अमरीका की लीज$ा रेमंड और ब्रिटेन की लॉरा रॉबसन की जोड़ी को ६-१, ७-६ से हराया।

आतंकवादियों को मिल रहा देश में उपजाऊ माहौल


आतंकवादियों को मिल रहा देश में उपजाऊ माहौल

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। सियासतदारों की तुष्टीकरण की नीति अब देश पर भारी पड़ने लगी है। देश में आतंकवादियों से जुड़ने वाले लोगों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है। खुफिया विभाग के सूत्रों का दावा है कि आने वाले समय में यह नया ट्रेंड काफी खतरनाक हो सकता है। आतंकवादियों की नजरें अब महानगरों के बजाए गुमनाम छोटे शहरों की ओर लग चुकी हैं।
भारत में सक्रिय आतंकी संगठनों को अपने साथ लड़ाकों की नई जमात खड़ी करने के लिए अब ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं क्योंकि युवाओं की बड़ी फौज उनके साथ खुद ही जुड़ने के लिए उत्तेजित है। ऐसे युवा अपने साथ श्मुस्लिमों के साथ अन्यायश् वाली सोच पाले हुए हैं और आत्म कट्टरता से भरे हैं।
इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ऑपरेटिव्स के साथ हैदराबाद के हालिया बम धमाकों के संबंध में पूछताछ में यह सच सामने आया है। सुरक्षा एजेंसियां के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि बड़े अफसर इसे डीपली वरिंग ट्रेंड मान रही हैं, जहां आतंकी संगठन अधिक मेहनत किए बिना ही नए सदस्य पाने में सक्षम हैं। आईएम ऑपरेटिव्स सैयद मकबूल और इमरान खान व लश्कर सदस्य ओबैद उर रहमान ने एनआईए की पूछताछ में माना कि नए लड़ाकों को अपनी विश्वसनीयता बदलने पर किसी तरह का पछतावा नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि मकबूल और इमरान को बीते साल 1 अगस्त 2012 को हुए पुणे बम धमाकों के संबंध में गिरफ्तार किया गया था, यह हैदराबाद धमाकों के संबंध में रैकी करने के भी संदिग्ध हैं। रहमान लश्कर के उस मॉड्यूल का हिस्सा है जिसे बीते साल बेंगलुरु पुलिस ने खत्म कर दिया था। हैदराबाद के दिलसुख नगर धमाकों के संबंध में मकबूल और इमरान को रेकी करवाने में मदद के मामले में रहमान संदिग्ध है। दिलसुख नगर में बीती 21 फरवरी को दोहरे बम धमाकों में 16 जानें गई थीं।
एक जांच अधिकारी ने बताया कि पुणे धमाका हो या लश्कर मॉड्यूल, कुछ को छोड़कर बाकी सभी आरोपी आत्म प्रेरित ही थे। इन सभी ने आतंकी संगठनों तक पहुंच बनाकर उनके लिए काम करना शुरू किया। वर्तमान में सिर्फ आतंक की मॉनिटरिंग और उसे कंट्रोल करने में ही सुरक्षा एजेंसियों के हाथ-पांव भूल रहे हैं और अब यह नया ट्रेंड भविष्य के लिए बेहद घातक बन सकता है।

बियर नहीं ठर्रे में है बात!


बियर नहीं ठर्रे में है बात!

(सुनील सोनी)

पणजिम (साई)। गर्मी का मौसम गोवा के लिए अनुकूल तो नहीं है पर फिर भी बच्चों की परीक्षाओं से निजात पाने वाले इस ओर रूख अवश्य कर लेते हैं। गोवा में इन दिनों अन्य दिनों की तुलना में कम मंहगी चीजें उपलब्ध हो जाती हैं। सुरा के लिए मशहूर गोवा में इन दिनों देशी ठर्रे की बात ही कुछ ओर है।
गर्मियों की दस्तक के साथ ही पणजी-मडगांव राजमार्ग पर शराब की दुकानें लोगों को बड़ी संख्या में आकर्षित करने लगी है लेकिन यहां लोग बियर नहीं बल्कि अर्क (देसी शराब) का आनंद लेने के लिए आ रहे है जिसे काजू से बनाया जाता है। शराब के लिए मशहूर गोवा में गर्मियों की शुरुआत से वर्षा का मौसम आने तक लोग बियर और व्हिस्की के बजाए अर्क पीना पसंद करते हैं। पांच वर्ष पहले अपनी दुकान खोलने वाले एक पांचसितारा होटल के पूर्व बावर्ची पीटर फर्नांडीज ने कहा,” “बारिश के बाद शुद्ध अर्क नहीं मिलता। हम बाग से काजू लाकर शुद्ध अर्क लोगों को देते हैं।
फर्नांडीज की ताड़ के पत्तों और घास से बनी दुकान में भले ही तीन मेज और कुछ कुर्सियां ही रखी हैं लेकिन गर्मियों में उसकी इस झोपड़ी के बाहर लक्जरी कारों की लाइन लगी रहती है। वह कानाकोना जैसे स्थानों से अर्क लेकर आता है। फर्नांडीज ने कहा, “ यह ऐसा समय है जब मेरी दुकान और अन्य छोटी दुकानों में भारी भीड़ रहती है जहां ताजी मछली और शुद्ध अर्क मिलता है। आपको परनेम और सत्तारी से भी शुद्ध अर्क मिल सकता है। अर्क काजू और सेब के रस से बनता है जिसमें 12 से 14 प्रतिशत मदिरा होती है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिक एच आर प्रभुदेसाई ने बताया कि यह पेय पदार्थ खासकर पेट संबंधी बीमारियों के लिए लाभकारी है। उन्होंने बताया कि अर्क भूख बढाने में मदद करता है लेकिन इसके जरुरत से अधिक सेवन से नशा हो सकता है।फेनी की तरह अर्क को बोतल में बंद नहीं किया जाता इसलिए इसका निर्यात संभव नहीं है। राज्य आबकारी विभाग अर्क पर कर नहीं लगाता। एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने बताया कि अर्क पर कर नहीं लगाया जाता क्योंकि यह गोवा की विशिष्टता है और इसे काजू उत्पादक बनाते हैं।

खण्डवा : जननी सुरक्षा योजना से मिला सहारा


जननी सुरक्षा योजना से मिला सहारा

(अजय दीक्षित)

खण्डवा (साई)। जिले में पंधाना तहसील के कवड़ीखेड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र भगवानपुरा की निवासी संगीता पति शिवनारायण उम्र 21 वर्ष को गत् दिनों जिला चिकित्सालय खंडवा में प्रसव के लिये लाया गया। यह उनका पहला बच्चा है, जो कि सामान्य डिलेवरी से हुआ। संगीताबाई ने लड़की को जन्म दिया। जन्म के तुरंत बाद शिशु को माँ का दूध पिलाया लड़की जन्म होने उनके सास-ससुर पति एवं परिवार के सभी सदस्य खुश हुये। संगीता बाई को भगवानपुरा की आशा कार्यकर्ता ताजबी जननी एक्सप्रेस वाहन से खंडवा लेकर आई थी। वाहन समय पर पहुँचा। उन्होंने गर्भावस्था के समय ए.एन.एम. उर्मिला शाह द्वारा बताई गई सभी आवश्यक जाँच समय-समय पर करावई एवं स्वास्थ्य संबंधी समझाईस भी दी संगीताबाई ने आयरन की 100 गोलियाँ भी समय-समय पर ली। ए.एन.एम. द्वारा तीन जाँच की गई। एक जाँच डॉक्टर के द्वारा करवाई गई। सभी टीके भी समय पर लगवाये। आशा ताजबी द्वारा द्वारा नियमित रूप से गृह भेंटकर समझाईश दी गई। जिला चिकित्सालय में सभी सेवायें निःशुल्क मिली। किसी प्रकार के पैसे नहीं लगे। भोजन एवं अन्य आवश्यक दवाईयाँ जाँच सभी निःशुल्क है। चिकित्सालय स्टॉफ का व्यवहार भी अच्छा मिला। प्रसव के पश्चात् तीन दिन के बाद घर जाने के पहले बच्चे का टीकाकरण भी हो गया।                                

खण्डवा : पेयजल कठिनाईयों के निवारण हेतु कंट्रोल रूम गठित


पेयजल कठिनाईयों के निवारण हेतु कंट्रोल रूम गठित

(ब्यूरो कार्यालय)

खण्डवा (साई)। कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड खंडवा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के ग्रामीण क्षेत्र मंे होने वाली पेयजल कठिनाईयों के निवारण हेतु सूखा राहत प्रकोष्ठ का गठन किया जाकर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। खण्ड खंडवा में स्थापित कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0733-2223292 है। उक्त सूखा राहत प्रकोष्ठ के प्रभारी शिरीष मंुशी, उपयंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड खंडवा रहेंगे।
नियंत्रण कक्ष में दो शिफ्टों में कर्मचारी प्रथम रवि बंसोड़ प्रयोगशाला सहायक प्रातः 8 से दोपरह 3 बजे तक तथा के.एल.साल्वे प्रयोगशाला सहायक दोपहर 3 से रात्रि 9 बजे तक अपने नियत समय पर ड्यूटी देंगे तथा दूरभाष पर प्राप्त शिकायतों को पंजी में दर्ज कर प्रकोष्ठ प्रभारी को समय-समय पर अवगत करायेंगे। प्रकोष्ठ प्रभारी शिकायत का निवारण समयसीमा में किये जाने हेतु संबंधित सहायक यंत्री, उपयंत्री, मैकेनिक को अवगत करायेंगे। 

2015 में गुजरात होगा हिन्दु राज्य: तोगडिया


2015 में गुजरात होगा हिन्दु राज्य: तोगडिया

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। अपने तेज तर्रार और भड़काउ शैली की भाषणबाजी के लिए मशहूर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता प्रवीण तोगड़िया ने रविवार को दावा किया कि अगले दो साल में गुजरात के सभी 18,000 गांवों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के अलावा वीएचपी 2015 तक इस राज्य को हिंदू राज्य घोषित करेगी। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने अहमदाबाद में आयोजित हिंदू संगम में कहा, दो सालों में वीएचपी गुजरात के सभी 18 हजार गांवों में उपस्थिति दर्ज कराएगी और साल 2015 तक हम गुजरात को हिंदू राज्य घोषित कर देंगे।
वीएचपी ने हिंदुओं की सुरक्षा और समृद्धि के लिए हिंदू अग्रसर नामक आंदोलन शुरू करने के लिए इस कार्यकम का आयोजन किया था। इस आंदोलन का लक्ष्य गांवों, शहरों, नगरों एवं आदिवासी क्षेत्रों में हिंदुओं तक पहुंचना है। सुरक्षित हिंदू का मुद्दा उठाते हुए तोगड़िया ने कहा, सुरक्षित रहने और समृद्ध बनने के लिए हिंदुओं को सही मायनों में सक्रिय हिंदू बनकर तैयार होना पड़ेगा। हालांकि इस कार्यक्रम से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय थी क्येांकि जिस इलाके में यह कार्यक्रम हुआ वह मोदी के विधानसभा क्षेत्र में आता है।

मुजफ्फरनगर : गद्दा फैक्टी आग के गोले में तब्दील


गद्दा फैक्टी आग के गोले में तब्दील

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर (साई)। देर शाम नगर में स्थित गद्दा गोदाम में आग लगने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। गद्दा फैक्ट्री आग के गोले में तब्दील हो चुकी है। सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और डेढ़ घंटे की मषक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। गद्दा फैक्ट्री में आग लगने की सूचना पर एसपी सिटी राजकमल यादव, सिटी मजिस्ट्रेट इन्द्रमणि त्रिपाठी, सीओ सिटी संजीव वाजपेयी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहंुचे और घटना की जानकारी ली। दोनों मृतक मजदूरों के बेहद जले शवों को पोस्टमार्टम हाउस पर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उक्त गद्दा फैक्ट्री रेलवे लाईन के निकट स्थित थी जिससे शाम को जाने वाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस को भी आधा घंटे तक रोके रखा।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी कालोनी मौहल्ले के रहने वाले गौरव की सदर बाजार में मयूर हैंडलूम के नाम से दुकान है। गौरव ने गांधी कालोनी की बाल्मीकि बस्ती में फोम के गद्दे बनाने की फैक्ट्री एक मकान में चला रखी है। रविवार को देर शाम जब दो मजदूर उक्त फैक्ट्री में मौजूद थे तभी अचानक फैक्ट्री में भयंकर आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटें आसमान छूने लगी। आसपास के मकानों में रहने वाले अपने मकानों से बाहर आ गये तथा तुरंत फायर बिग्रेड व नई मंडी पुलिस को सूचना दी। आग की सूचना मिलते ही दमकलकर्मी फौरन मौके पर पहुंचे तथा स्थानीय निवासियों की मदद से आग पर काबू पाया। आग बुझने के बाद जब पुलिस अंदर फैक्ट्री में पहंुची तो दो मजदूरों के शव बुरी तरह जले मिलें। दो मजदूरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। फैक्ट्री मालिक गौरव आग लगते ही मौके पर पहुंच गया था। समाचार लिखे जाने तक दोनों मजदूरों की अभी षिनाख्त नहीं हो पाई है। एसपी सिटी के अनुसार मजदूरों की षिनाख्त कराने के प्रयास किये जा रहे हैं और फैक्ट्री मालिक से पूछताछ के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। आग किन कारणों से लगी इसका भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। मौके पर नगर कोतवाल सत्यपाल सिंह, नई मंडी के एसएसआई संजय वर्मा भारी पुलिस बल सहित मौके पर थे।

वानखेड़े स्टेडियम में नहीं घुस पाएंगे शाहरूख


वानखेड़े स्टेडियम में नहीं घुस पाएंगे शाहरूख

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। मुंबई क्रिकेट संघ द्वारा कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान पर लगाया गया पांच साल का प्रतिबंध जारी रहेगा और वह इस साल वानखेड़े स्टेडियम पर मुंबई इंडियंस के खिलाफ अपनी टीम के मैच नहीं देख सकेंगे।
एमसीए संयुक्त सचिव नितिन दलाल ने कहा ,‘‘ मुंबई इंडियंस के साथ कल होने वाले अनुबंध में एक प्रावधान है कि जिस व्यक्ति के भी स्टेडियम में प्रवेश पर निषेध है, वह हमारे परिसर में नहीं आ सकता। यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है।’’ दलाल ने कहा ,‘‘ हमने आईपीएल अधिकारियों और टीम मालिकों समेत सभी को बता दिया है।’’
एक अन्य संयुक्त सचिव पी वी शेट्टी ने इस मामले पर आगे बात करने से इनकार करते हुए कहा कि प्रतिबंध लागू रहेगा। शाहरुख के वानखेड़े स्टेडियम समेत एमसीए परिसर में प्रवेश पर पांच साल का प्रतिबंध है। विलासराव देशमुख की अध्यक्षता वाली एमसीए की प्रबंध समिति ने पिछले साल 18 मई को यह फैसला लिया था जब शाहरुख वानखेड़े स्टेडियम में सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए थे।
शाहरुख ने हालांकि इनकार किया कि उन्होंने कोई बदसलूकी की थी। उन्होंने कहा था कि सुरक्षा स्टाफ ने बच्चों के साथ बदतमीजी की थी जिसके बाद उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। इस बीच ऐसा पता चला है कि एमसीए के सुरक्षाकर्मियों को अधिकारियों ने बता दिया है कि तीन अप्रैल से शुरु हो रहे आईपीएल के छठे सत्र के दौरान वह शाहरुख को परिसर में ना घुसने दे।

रायपुर : सामाजिक समरसता का प्रतीक है छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी डॉ. रमन सिंह


सामाजिक समरसता का प्रतीक है छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी  डॉ. रमन सिंह

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि दक्षिण कोसल के नाम से प्रसिध्द छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी सिरपुर महानदी के किनारे भारतीय इतिहास में बौध्द, जैन. शैव और वैष्णव संस्कृतियों के प्रमुख आस्था केन्द्र के रूप में सामाजिक समरसता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने आज सवेरे यहां अपने निवास पर श्री ललित शर्मा द्वारा भेंट की गई पुस्तक श्सिरपुर-सैलानी की नजर सेश् का उल्लेख करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने पुस्तक के लेखक, अभनपुर निवासी श्री शर्मा को इसके प्रकाशन पर बधाई और शुभकामनाएं दी।  डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सिरपुर पर इतिहासकारों और पुरातत्व विदों ने समय-समय पर अपने दृष्टिकोण से बहुत कुछ लिखा है, लेकिन किसी पर्यटक के द्वारा एक सैलानी के दृष्टिकोण से लिखना और उसमें इतिहास और पुरातत्व पर आधारित तथ्यों को शामिल करना अपने आप में महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक वास्तव में सिरपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विशेषताओं का सुरूचिपूर्ण संकलन है, जो अत्यंत ज्ञानवर्धक है।
उल्लेखनीय है कि लगभग एक सौ पृष्ठों की इस पुस्तक में लेखक श्री ललित शर्मा ने सिरपुर के अपने यात्रा वृत्तांत को पर्यटन, इतिहास और पुरातत्व की पृष्ठभूमि में एक पर्यटक के नजरिए से प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पुस्तक में दिए गए अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि इतिहासकारों के अनुसार छठवीं-सातवी शताब्दी में चीनी पर्यटक व्हेनसांग ने भारत भ्रमण के दौरान सिरपुर की भी यात्रा की थी और अपने यात्रा वर्णन में उन्होंने सिरपुर के वैभव का उल्लेख किया था। इसी कड़ी में इस आधुनिक युग में सिरपुर की यात्रा के बाद उसके बारे में एक पर्यटक के नजरिए से श्री ललित शर्मा द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में वहां के इतिहास, कला और संस्कृति पर आधारित उनके गंभीर अध्ययन की झलक मिलती है।
मुख्यमंत्री के साथ पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य भण्डारगृह निमग के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज और प्रदेश सरकार के पुरातत्व सलाहकार श्री अरूण कुमार शर्मा सहित पुरातत्ववेत्ता श्री राहुल सिंह के भी विचार इस पुस्तक में संकलित किए गए हैं। उनके अलावा इंटरनेट पर ब्लॉगिंग की दुनिया में सक्रिय केरल के श्री प.न. सुब्रमनियन, पिट्सबर्ग के श्री अनुराग शर्मा, केलिफोर्निया की सुश्री प्रतिभा सक्सेना, दिल्ली के डॉ. रत्नेश त्रिपाठी, डॉ. टी.एस. दराल, श्री सतीश सक्सेना, बेंगलोर के श्री प्रवीण पाण्डेय, लखनऊ के डॉ. प्रवीण कुमार मिश्रा, जयपुर की सुश्री वाणी शर्मा, इंदौर की श्रीमती अर्चना चावजी, दुर्ग के श्री सूर्यकांत गुप्ता, नागपुर की श्रीमती संध्या शर्मा, बिलासपुर की श्रीमती संज्ञा टंडन, रायपुर के डॉ. सत्यजीत साहू और सुमीत दास तथा बागबाहरा के श्री महेन्द्र चन्द्राकर के अभिमत भी पुस्तक में शामिल किए गए हैं।

रायपुर : मंडी बोर्ड करेगा कृषक कल्याण निधि की स्थापना


मंडी बोर्ड करेगा कृषक कल्याण निधि की स्थापना

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू की अध्यक्षता में कल यहां मंडी बोर्ड कार्यालय में हुई बोर्ड के संचालक मंडल की 44वीं बैठक में किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मंडी बोर्ड के आगामी वित्तीय वर्ष 2013-14 के बजट का अनुमोदन भी किया गया। वित्तीय वर्ष 2013-14 में मंडी बोर्ड द्वारा 314 करोड़ 98 लाख रूपए व्यय किए जाने की योजना है। आगामी वित्तीय वर्ष में बोर्ड की आय 235 करोड़ 97 लाख रूपए अनुमानित है।
बैठक में मंडी बोर्ड ने किसान हितकारी कार्यों के लिए कृषक कल्याण निधि की स्थापना का निर्णय लिया। इसके लिए बजट में 70 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। मंडी बोर्ड आगामी वित्तीय वर्ष से कृषि उपजों के मूल्य स्थिरीकरण के लिए मंडियों को ऋण उपलब्ध कराएगा। इसके लिए पांच करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके तहत किसान अपने फसलों का उचित मूल्य न मिलने की स्थिति में उसे मंडी समितियों के गोदामों में भंडारित कराकर इसके एवज में अल्पकालिक ऋण ले सकेंगे। फसलों का सही मूल्य मिलने के समय वे अपने भंडारित उपज को बेच सकेंगे। इस योजना के शुरू हो जाने से किसानों को अपनी उपज कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। किसानों को राहत देने के लिए पांच लाख रूपए के विशेष मद की स्थापना भी मंडी बोर्ड द्वारा की जाएगी।
मंडी बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी से कोल्ड स्टोरेज और राइपनिंग चेंबर की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 30 करोड़ रूपए का विशेष प्रावधान 2013-14 के बजट में किया गया है। छत्तीसगढ़ की दस प्रमुख मंडियों में मंडी मैनेजमेंट एवं इनफॉर्मेशन सिस्टम और 12 स्थानों पर कृषक सेतुस्थापित करने के लिए कम्प्यूटरीकरण व आधुनिकीकरण की विशेष परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। कृषक सेतुके माध्यम से मंडी की सभी गतिविधियों का कम्प्यूटरीकरण कर ऑनलाइन किया जाएगा। इससे किसानों को कृषि तकनीक और फसलों के बाजार भाव जैसी जानकारियां तत्काल मिल सकेंगी। धान उपार्जन केंद्रों में चबूतरों के निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 110 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
मंडी बोर्ड 2013-14 में प्रदेश के कृषि महाविद्यालयों में अध्ययनरत् विशेष पिछड़ी जनजातियों के 50 विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता मुहैया कराएगा। पिछले वित्तीय वर्ष में इस वर्ग के 18 विद्यार्थियों को सहायता प्रदान की गई थी। रायपुर जिले के ग्राम तुलसी और बिलासपुर के तिफरा में निर्माणाधीन फल एवं सब्जी मंडी का कार्य पूर्ण कर इसे किसानों और व्यापारियों के लिए यथाशीघ्र शुरू करने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एम. के. राऊत, संचालक कृषि श्री प्रताप राव कृदत्त, मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक श्री ए. एन. मिश्रा, पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री ए. के. टोप्पो और मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री सुरेंद्र कुमार जायसवाल मौजूद थे।

रायपुर : मुख्यमंत्री दो अप्रैल को करेंगे सेक्टर-27 का लोकार्पण


मुख्यमंत्री दो अप्रैल को करेंगे सेक्टर-27 का लोकार्पण

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह मंगलवार दो अप्रैल को नया रायपुर में  छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल द्वारा निर्मित प्रथम आवासीय कॉलोनी सेक्टर-27 का लोकार्पण करेंगे। नया रायपुर टाउनशिप में 156 एकड़ के रकबे में विकसित विभिन्न बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित इस कॉलोनी में दो हजार 665 परिवारों के लिए मकानों का निर्माण किया गया है।  इनमें 1832 प्रकोष्ठ भवन और 833 स्वतंत्र भवन शामिल हैं। मुख्यमंत्री लोकार्पण समारोह में हितग्राहियों को मकानों का आधिपत्य भी सौंपेंगे। सेक्टर-27 में दो वाणिज्यिक सह व्यवसायिक परिसरों और  2 सुविधा शॉप का निर्माण कार्य भी पूर्णता की ओर है। अन्य सुविधाओं में सामुदायिक भवन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल प्राईमरी स्कूल, नर्सरी स्कूल, लाईब्रेरी, स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है । सामुदायिक भवन का निर्माण पी.पी.पी. मॉडल के आधार पर किया जाएगा तथा स्कूल एवं र्डिस्पेंसरी हेतु भूमि का आवंटन निजी संस्था को किया गया है । उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी 2009 को भूमिपूजन के पश्चात इस कॉलोनी का निर्माण कार्य शुरू किया गया था।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने सेक्टर-27 के रहवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल ने अपनी प्रतिबध्दता के मुताबिक अच्छे गुणवत्ता पूर्ण घर के साथ सुन्दर परिवेश वाली कॉलोनी बनायी है। कॉलोनी में रहवासियों की बुनियादी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है तथा सामुदायिक गतिविधियों के साथ ही नागरिकों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री सुभाष राव ने कहा कि कॉलोनी के निर्माण में आधाुनिक आवासीय परियोजनाओं के समस्त मानदंडों को पूरा किया गया है। कॉलोनी की चौड़ी सड़कों के किनारे एवेन्यू प्लांटेशन किए गए हैं। इससे इको-फ्रेंडली कॉलोनी में बसने का लोगों का सपना साकार होगा। सड़के क्रांकीट की बनाई गई है, जिनसे सड़क का जीवनकाल अधिक होने के साथ रख-रखाव हेतु खर्च भी कम होता है । इसके अतिरिक्त भी पूरी कॉलोनी में सघन पौधारोपण किए गए हैं। कॉलोनी के लोगों की मनोरंजन की सुविधाा का धयान रखते हुए गार्डन भी बनाए गए हैं। मनोरंजन के लिये हाट बाजार एवं चौपाटी के लिये स्थान सुरक्षित रखा गया है । उन्होंने बताया कि आधाुनिक मानदंडों के अनुरूप कॉलोनी में अंडरग्राउंड केबल सिस्टम, अंडरग्राउंड सीवरेज ट्रीटमेंट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, रिसाइक्लिंग, वाटर हारवेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। अंडरग्राउंड सीवरेज प्रणाली से कॉलोनी में स्वास्थ्यप्रद वातावरण बनेगा वहीं अंडरग्राउंड बिजली से दुर्घटनाओं की आशंका नहीं रहेगी।
कॉलोनी में पानी की सतत आपूर्ति बनाए रखने के लिए वाटर सप्लाई सिस्टम की व्यवस्था कॉलोनी में की गई है। यहाँ टीला जलाशय के माधयम से पचेड़ा फिल्टर प्लांट के माधयम से जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त भी जलसंचय के लिए वाटर हारवेस्टिंग की व्यवस्था भी कॉलोनी में की गई है। इन उपायों से सेक्टर 27 के रहवासी जलसंकट से मुक्त रहेंगे। कॉलोनी में सामुदायिक गतिविधिायों को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक भवन, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधााओं के लिए भूमि आरक्षित की गई है। व्यावसायिक गतिविधिायों को बढ़ावा देने के लिए व्यवासायिक कॉम्प्लेक्स भी बनाया गया है। यहाँ व्यावसायिक काम्प्लेक्स में कुछ दुकानें परियोजना प्रभावित रहवासियों के लिए आरक्षित होंगी। कॉलोनी के दक्षिण पूर्व में निर्मित व्यावसायिक परिसर में मिल्क पार्लर, वेजिटेबल पार्लर, सेलून, जैसी मूलभूत आवश्यक सेवाओं वाली दुकानें बिना लाभ-हानि के स्थानीय/व्यवस्थापित परिवारों को दी जाएंगी। कॉलोनी में बैंक, पोस्ट आफिस एवं इंश्योरेंस कंपनियों के कार्यालयों के लिए भी प्रावधाान किए गए हैं। बीएसएनएल को टेलीफोन एक्सचेंज के लिए भूमि भी आवंटित की गई है।
छत्ताीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि कॉलोनी में मिश्रित आवासीय योजना के अंतर्गत विभिन्न भवनों का निर्माण किया गया है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आयवर्ग के हितग्राहियों के मकान का सपना मंडल ने पूरा किया है और इन्हें सस्ते दर में गुणवत्ताापूर्ण आवास उपलब्धा कराए हैं। मकानों की डिजाइन में सौंदर्यशास्त्र के मानकों और वास्तुकला की खूबियों को शामिल किया गया है। वास्तुकला की नई तकनीकों को अपनाकर और अभिनव प्रयोग करने से मकान हितग्राहियों के लिए अधिाक उपयोगी हो गए हैं। सभी वर्गों के लोगों को आवास का लाभ मिले, इसके लिए मंडल ने इस कॉलोनी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सरकारी कर्मचारी, निरूशक्तजन, मंडल के कर्मचारी, पत्रकार, कलाकार, सैनिक और भूतपूर्व सैनिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, विधावा महिलाओं को आरक्षण के अनुसार आवास उपलब्धा कराए गए हैं। मामूली बदलावों ने निरूशक्तजनों के मकानों को उनके उपयोग के लिए अधिाक उपयोगी बना दिया है। श्री बोरा ने बताया कि एक अत्याधाुनिक एवं सर्वसुविधाायुक्त कॉलोनी बसाने के लिए सभी आवश्यक मापदंडों को पूरा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सेक्टर 27 में 332 प्रकोष्ठ भवन शासकीय अधिाकारियों/कर्मचारियों के लिए आवंटित किए गए हैं। इससे शासकीय कामकाज में इन अधिाकारियों/कर्मचारियों को सुविधाा बढ़ेगी। रायपुर से कनेक्टिविटी के लिए पब्लिक मास ट्रांसपोर्ट के तहत सिटी बस का प्रावधाान किया गया है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी सेक्टर 27 के निकट है। इस प्रकार कैपिटल कॉम्प्लेक्स से नजदीकी एवं रेल-बस-एयर कनेक्टिविटी सेक्टर 27 के रहवासियों के लिए वरदान साबित होगी। नियोजित बसाहट, इको फ्रेंडली परिवेश, अच्छी कनेक्टिविटी से रोजगार की नई संभावनाओं का जन्म होता है। सभी वर्गों के लोगों की बसाहट सुनिश्चत कर मंडल ने सामाजिक सोद्देश्यता की भावना को भी सर्वाेपरि रखा है। इसके चलते यह कॉलोनी निकट भविष्य में आर्थिक एवं सामाजिक रूप से जागरूक नागरिक समुदाय की बसाहट साबित होगी।

दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने पर उसके प्रभाव, लाभ एवं हानि तथा वास्तु उपचार


दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने पर उसके प्रभाव, लाभ एवं हानि तथा वास्तु उपचार

(पंडित दयानंद शास्त्री)

नई दिल्ली (साई)। वेदों से संग्रहीत शास्त्रों में से ज्योतिष शास्त्र एक है इसे वेदों का नेत्र भी कहते है द्य इसी शास्त्र का एक अंग है वास्तु शास्त्र  यह शास्त्र मंगल्मय एवं शिल्पादि निर्माणों का आधार है द्य यह संसार के समस्त प्राणियों को समान रूप से श्रेय पहुचाने वाला शास्त्र  है द्य इसे प्रगति दायक निर्माण भी केह सकते है द्य यह कल्पनायो कि बजाए अनुभव को प्रधानता देने वाला एक अपूर्ण शास्त्र है द्य इस शास्त्र को श्रस्ति वैचित्र एवं मानव कल्याण के बीच कि कड़ी भी मान सकते है , क्यों कि दिशा मानव कि दशा को बदल सकती है द्य
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार सकारात्मक दिशा के द्वार गृहस्वामी को लक्ष्मी (संपदा), ऐश्वर्य, पारिवारिक सुख एवं वैभव प्रदान करते हैं जबकि नकारात्मक मुख्य द्वार जीवन में अनेक समस्याओं को उत्पन्न कर सकते हैं।
वास्तुशास्त्र में दक्षिण दिशा का द्वार शुभ नहीं माना जाता है। इसे संकट का द्वारा भी कहा जाता है जबकि, पूर्व दिशा को समृद्घि का द्वार कहा जाता है। पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार यही कारण है कि लोग अधिक कीमत देकर भी पूर्व दिशा की ओर मुंह वाला मकान खरीदना पसंद करते हैं और दक्षिण की ओर मुंह वाला घर कम कीमत में भी लेना पसंद नहीं करते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घरों के द्वार की स्थिति के आधार पर सुख-संपत्ति, समृद्धि, स्वास्थ्य का अनुमान अलाया जा सकता हैं। प्राचीन समय में बड़े आवासों, हवेलियों और महलों के निर्माण में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता था। दिशाओं की स्थिति, चौकोर वर्ग वृत्त आकार निर्माझा और वास्तु के अनुसार दरवाजों का निर्धाश्रण होता था।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार वास्तु में सबसे ज्यादा मतांतर मुख्य द्वार को लेकर है। अक्सर लोग अपने घर का द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में रखना चाहते हें  लेकिन समस्या तब आती है जब भूखंड के केवल एक ही ओर दक्षिण दिशा में रास्ता हो। वास्तु में दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार रखने को प्रशस्त बताया गया है। आप भूखंड के 81 विन्यास करके आग्नेय से तीसरे स्थान पर जहां गृहस्थ देवता का वास है द्वार रख सकते हैं।
दिशा जिस काम के लिए सिद्ध हो, उसी दिशा में भवन संबंधित कक्ष का निर्माण हो और लाभांश वाली दिशा में द्वार का निर्माण करना उचित रहता हैं। प्लाटों के आकार और दिशा के अनुसार उनके उपयोग में वास्तु शास्त्र में उचित मार्गदर्शन दिया गया हैं।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार  मुख्य द्वार की दिशा ही घर को शुभ या अशुभ नहीं बनाती। किसी भी वास्तु विचार के लिए जल, अग्नि एवं वायु का ध्यान रखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि घर का समस्त वास्तु ठीक व नियम के अनुसार हो, तो सिर्फ दिशा का महत्व कम हो जाता है। हां! खराब समय में दक्षिण मुखी घर ज्यादा कष्ट दे सकता है।
इस तरह की धारणा का कारण यह है कि लोग वास्तु के नियम को गहराई से समझे बिना अपनी राय बना लेते हैं। पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार दक्षिण दिशा सभी व्यक्ति के लिए अशुभ नहीं होता है। जिन व्यक्तियों का जन्म मेष, धनु अथवा सिंह राशि में हुआ है उनके लिए दक्षिण दिशा का द्वार कष्टकारी नहीं होता है।
0 दक्षिण दिशा वाले द्वार से स्थायी वैभव की प्राप्ति होती हैं।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार  दक्षिण दिशा यम के अधिपत्य और मंगल ग्रह के पराक्रम की दिशा है। यह पृथ्वी तत्व की प्रधानता वाली दिशा है। इस में वास्तु नियमों के अनुसार निर्माण के बाद निवास करने वाले उन्नतिशील और सुखमय जीवन जीते हैं। दक्षिण मुखी प्लॉट में निर्माण कराते समय इन बातों का ध्यान रखना उपयोगी रहेगा।
सामान्यतरू दक्षिण का द्वार अच्छा नहीं माना जाता है। दक्षिण का द्वार यमद्वार कहलाता है। आमतौर पर इसे शुभ नहीं माना जाता है। वास्तु विशेषज्ञ की सलाह से इसका सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करें...
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार जिस भवन को जिस दिशा से सर्वाधिक प्राकृतिक ऊर्जाएं जैसे प्रकाश, वायु, सूर्य की किरणें आदि प्राप्घ्त होंगी, उस भवन का मुख भी उसी ओर माना जाएगा। ऐसे में मुख्घ्य द्वार की भूमिका न्घ्यून महत्घ्व रखती है।
भवन के मुख्य द्वार के सामने कई तरह की नकारात्मक ऊर्जाएं भी विद्यमान हो सकती हैं जिनमें हम द्वार बेध या मार्ग बेध कहते हैं।
प्रायरू सभी द्वार बेध भवन को नकारात्मक ऊर्जा देते हैं, जैसे घर का श्टीश् जंक्शन पर होना या गली, कोई बिजली का खंभा, प्रवेश द्वार के बीघ्चोंबीच कोई पेड़, सामने के भवन में बने हुए नुकीले कोने जो आपके द्वार की ओर चुभने जैसी अनुभूति देते हो आदि। इन सबको वास्घ्तु में शूल अथवा विषबाण की संज्ञा की जाती है।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार लेकिन जरूरी नहीं कि घर में रहने वाले सभी व्यक्तियों की राशि इन्हीं तीन में से एक हो। इसलिए दक्षिण दिशा के द्वार के अशुभ प्रभाव को लेकर किसी भी प्रकार की आशंका हो तो वास्तु दोष दूर करने के कुछ सामान्य से उपाय को आजमाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार वाले घर में भी सुख पूर्वक रहा जा सकता है।
जहां तक संभव हो पूर्व एवं उत्तर मुखी भवन का मुख्य द्वार पूर्वाेत्तर अर्थात ईशान कोण में बनाएं। पश्चिम मुखी भवन पश्चिम-उत्तर कोण में व दक्षिण मुखी भवन में द्वार दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
आजकल बहुमंजिली इमारतों अथवा फ्लैट या अपार्टमेंट सिस्टम ने आवास की समस्या को काफी हद तक हल कर दिया है।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार मुख्य प्रवेश द्वार के जरिये शत्रुओं, हिंसक पशुओं व अनिष्टकारी शक्तियों से भी रक्षा होती है। इसे लगाते समय वास्तुपरक बातों जैसे, प्रवेश द्वार के लिए कितना स्थान छोड़ा जाए, किस दिशा में पट बंद हों एवं किस दिशा में खुलें तथा वे लकड़ी व लोहे किसी धातु के हों, उसमें किसी प्रकार की आवाज हो या नहीं। प्रवेश द्वार पर कैसे प्रतीक चिन्ह हों, मांगलिक कार्यों के समय किस प्रकार व किससे सजाना इत्यादि बातों पर ध्यान देना उत्तम, मंगलकारी व लाभदायक रहता है। निम्नांकित बातों का ध्यान रखकर हम अपने एवं अपने पारिवारिक जीवन को सुखद व मंगलकारी बना सकते हैं
जहां तक मुख्य द्वार का संबंध है तो इस विषय को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैल चुकी हैं, क्घ्योंकि ऐसे भवनों में कोई एक या दो मुख्घ्य द्वार न होकर अनेक द्वार होते हैं। पंरतु अपने फ्लैट में अंदर आने वाला आपका दरवाजा ही आपका मुख्घ्य द्वार होगा।
यदि किसी कारणवश आप उपरोक्त दिशा में मुख्य द्वार का निर्माण न कर सके तो भवन के मुख्य (आंतरिक) ढांचे में प्रवेश के लिए उपरोक्त में से किसी एक दिशा को चुन लेने से भवन के मुख्घ्य द्वार का वास्तुदोष समाप्त हो जाता है।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार दक्षिण मुखी प्लाट में मुख्य द्वार आग्न्ये दक्षिण दिशा में बनाएं। किसी भी कीमत पर नैऋत्य दिशा में मुख्य द्वार नहीं बनाएं। क्योंकि नैऋत्य दिशा पितृ आधिपत्य की दिशा होती है। दक्षिण मुखी प्लाट में मकान बनाते समय उत्तर तथा पूर्व की तरफ ज्यादा व पश्चिम व दक्षिण में कम से कम खुला स्थान छोडें। बगीचे में छोटे पौधे पूर्व-ईशान में लगाएं।
आग्नेय कोण का मुख्यद्वार यदि लाल या मरून रंग का हो, तो श्रेष्ठ फल देता है। इसके अलावा हरा या भूरा रंग भी चुना जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में मुख्यद्वार को नीला या काला रंग प्रदान न करें।
दक्षिण मुखी भूखण्ड का द्वार दक्षिण  या दक्षिण-पूरब में कतई नहीं बनाना चाहिए। पश्चिम या अन्य किसी दिशा में मुख्य द्वार लाभकारी होता हैं।
0 इन वास्तु उपायों से करें दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार होने पर वास्तु उपचार0
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार द्वार के ठीक सामने एक आदमकद दर्पण इस प्रकार लगाएं जिससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति का पूरा प्रतिबिंब दर्पण में बने। इससे घर में प्रवेश करने वाले व्यक्ति के साथ घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक उर्जा पलटकर वापस चली जाती है। द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार का वास्तुदोष दूर होता है। मुख्य द्वार के ऊपर पंचधातु का पिरामिड लगवाने से भी वास्तुदोष समाप्त होता।
पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार जब घर बनावा रहे हों और उनके भवन का मुख्यद्वार दक्षिण दिशा के अलावा अन्य दिशा में नहीं हो सकता है तब दक्षिण दिशा के वास्तु को दूर करने के लिए गृह निर्माण के समय ही वास्तु उपाय कर लेना चाहिए। इसके लिए सबसे सरल उपाय यह है कि दक्षिण पूर्व से एक तिहाई भाग छोड़कर मुख्य द्वार का निर्माण करवायें।
0नए भवन के मुख्य द्वार में किसी पुराने भवन की चौखट, दरवाजे या पुरी कड़घ्यिों की लकड़ी प्रयोग न करें।
0मुख्य द्वार का आकार आयताकार ही हो, इसकी आकृति किसी प्रकार के आड़े, तिरछे, न्यून या अधिक कोण न बनाकर सभी कोण समकोण हो। यह त्रिकोण, गोल, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति का न हो।
0किसी भी रोग की शान्ति के लिए घर की पूर्व दिशा में एक कलश में जल भरकर रखें  और उस में चावल-हल्दी ओर पीली सरसों मिलाएं. साथ में एक देसी घी का दीपक जलाएं.
0घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा को हमेशा भारी रखें. वास्तु के किसी भी प्रकार की दोष की शान्ति के लिए घर के हर कोने में सेंधा नमक कटोरे में भर कर रखें.
0विशेष ध्यान दें कि कोई भी द्वार, विशेष कर मुख्य द्वार खोलते या बंद करते समय किसी प्रकार की कोई कर्कश ध्वनि पैदा न करें।
0अगर किसी का द्वार दक्षिण दिशा में है तो उस दोष की शान्ति के लिए हल्दी ओर रोली मिलाकर मुख्य दरवाजे की चौखट के दोनों ओर स्वस्तिक चिन्ह बनाने से दोष की शान्ति होती है.
0अगर पति-पत्नी में हमेशा कलह रहता है तो ईशान कोण में राधा कृष्ण जी का चित्र लगाए और उस जगह को साफ़ रखें.
0धन-धान्य बढ़ोतरी के लिए उतर दिशा में एक कलश में पानी भरकर उसमे दो-चार दाने चावल के और चुटकी भर हल्दी डाले. प्रतिदिन उसको बदलते रहें. नजर दोष से बचने के लिए घर के दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं.
0घर के दक्षिण-पश्चिम में मुख्य शयन कक्ष बनाना चाहिए क्योंकि यह यम का स्थान है. यम शक्ति और आराम का प्रतीक है.
0दरवाजों और खिड़कियों में आवाज आने से वास्तु दोष होता है. एक सीध में तीन दरवाजे होना वास्तु दोष कहलाता है. सीढ़ियों की संख्या 5-7-9 विषम संख्या में होनी चाहिए.   
0दरवाजा खोलते व बंद करते समय किसी प्रकार की आवाज नहीं आना चाहिए। बरामदे और बालकनी के ठीक सामने भी प्रवेश द्वार का होना अशुभ होता हैं।
0सूर्यास्त व सूर्याेदय होने से पहले मुख्य प्रवेश द्वार की साफ-सफाई हो जानी चाहिए। सायंकाल होते ही यहां पर उचित रोशनी का प्रबंध होना भी जरूरी हैं।
प्रवेश द्वार को सदैव स्वच्छ रखना चाहिए। किसी प्रकार का कूड़ा या बेकार सामान प्रवेश द्वार के सामने कभी न रखे। प्रातः व सायंकाल कुछ समय के लिए दरवाजा खुला रखना चाहिए।    
0पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार हमें दक्षिण की और र्सि करके ही सोना चाहिये क्योंकि र्सि उत्तर दिशा को रेप्रेज़ेंट करता है, जब आप चुम्बक के उत्तरी दिशा को दूसरे चुम्बक के उत्तरी दिशा की तरफ करते हैं तो वे चिपकते नहीं बल्कि दूर हो जाते है इसी तरह् जब उन दोनों को चिपकाने के लिये फोर्स लगेगा तो दर्द होगा. उसी तरह दो चुम्बकों के दक्षिण दूर जायेंगे. अगर एक चुम्बक की उत्तर दिशा दूसरे चुम्बक की दक्षिण दिशा की तरफ़ रचें तो दोनों चिपक जायेंगे. इस प्रकार शरीर का उत्तर दिशा को रेप्रेज़ेंट करने वाला हिस्सा दक्षिण की तरफ रखेंगे तो शरी में दर्द नहीं होगा और नींद भी अच्छी आयेगी. आप की लंबाई भी बढेगी, आप को गुस्सा भी कम आयेगा, आप का हृदय् या चित भी शांत रहेगा
0पंडित  दयानंद शास्त्री के अनुसार दक्षिण दिशा  यम की दिशा है, यहां धन रखना उत्तम होता हैं। यम का आशय मृत्यु से होता है। इसलिए इस दिशा में खुलापन, किसी भी प्रकार के गड्ढे और शोचालय आदि किसी भी स्थिति में निर्मित करें। भवन भी इस दिशा में सबसे ऊंचा होना चाहिए। फैक्ट्री में मशीन इसी दिशा में लगाना चाहिए। ऊंचे पेड़ भी इसी दिशा में लगाने चाहिए। इस दिशा में धन रखने से असीम वृद्धि होती हैं। कोई भी जातक इन दिशाओं के अनुसार कार्यालय, आवास, दुकान फैक्ट्री का निर्माण कर धन-धान्य से परिपूर्ण हो सकता हैं।
0दक्षिण मुखी भूखण्ड का द्वार दक्षिण या दक्षिण-पूरब में कतई नहीं बनाना चाहिए। पश्चिम या अन्य किसी दिशा में मुख्य द्वार लाभकारी होता हैं।मेन गेट को ठीक मध्य (बीच) में नहीं लगाना चाहिए।ध्यान रखें, प्रवेश द्वार का निर्माण जल्दबाजी में नहीं करें।
इन कुछ बातों का ध्यान प्रवेश द्वार के निर्माण के समय रखते हुए आप सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य आरोग्य एवं दीर्घायु प्राप्त कर सकते हैं।