शनिवार, 9 मार्च 2013

गणेश सिंह ने उड़ा दिए बंसल के धुर्रे


गणेश सिंह ने उड़ा दिए बंसल के धुर्रे

(लिमटी खरे)

सत्रह साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री पवन बंसल ने केंद्र में रेल बजट पेश किया। रेल बजट में पवन बंसल ने भले ही अपनी पीठ थपथपाने के साथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को खुश करने का प्रयास किया हो किन्तु मध्य प्रदेश के सतना संसदीय क्षेत्र के सांसद गणेश सिंह ने दमदार विपक्ष की भूमिका अदा करते हुए रेल मंत्री को रेल बजट पर चर्चा के दौरान बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया। मध्य प्रदेश का पक्ष जिस वजनदारी से लोकसभा में गणेश सिंह ने रखा उसे देखकर लगने लगा है कि मध्य प्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाला कोई सशक्त नेतृत्व अभी मौजूद है। मध्य प्रदेश की रेल बजट में घोर उपेक्षा को भी गणेश सिंह ने बहुत ही करीने से रेखांकित किया है।

गणेश सिंह ने कहा कि रेल मंत्री ने पहली बार अपने बजट भाषण में चुनौतियों का जिकर अवश्य किया है पर रेल बजट को अगर गहराई से पढ़ा जाए तो भाषण में कही गई बातें महज कोरा आश्वासन ही साबित हुआ है। यह सच है कि देश में अभी 64 हजार 600 किलोमीटर की पटरियों का जाल बिछा हुआ है जिसमें लगभग 12 हजार 335 से अधिक गाडियां संचालित हो रही हैं। रेल्वे के ढांचे में आठ हजार से ज्यादा स्टेशन और दो करोड़ से ज्यादा सवारियों का समावेश है।
गणेश सिंह का तर्क बिल्कुल सही माना जाएगा कि उन्होंने कहा कि देश के रेल मंत्री गर्व के साथ कहते हैं कि अब भारत का रेल नेटवर्क उस मिलिनियम क्लब में शामिल हो चुका है जिसके सदस्य चीन और अमरीका हैं। पर जमीनी हकीकत में आज भारत का रेल तंत्र चीन और अमरीका से बहुत ही पीछे है। आजाद भारत में रेल्वे के नेटवर्क का कितना विस्तार हुआ इस बारे में भी चर्चा करते हुए गणेश सिंह ने कहा कि 1947 में आजादी के समय भारतीय रेल का नेटवर्क 53 हजार 396 किलोमीटर का था आज 64,600 अर्थात साढ़े छः दशकों में केंद्र की सरकार ने महज नौ हजार किलोमीटर रेल की पांते बिछा पाए?
कितना हास्यास्पद है कि रेल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है माल ढुलाई को। चीन में माल ढुलाई की गति यानी मालगाड़ी की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है और भारत गणराज्य में यह माल ढुलाई महज 26 किलोमीटर प्रति घंटा पर आकर रूक जाती है। यही आलम यात्री सवारी गाड़ियों का है चीन में सवारी गाड़ी की गति तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंची है तो भारत में अस्सी नब्बे किलोमीटर प्रति घंटे में ही रेल की सांसे फूलने लगती हैे। राजधानी और शताब्दी का भी यही आलम है। दिल्ली भोपाल रेल खण्ड में कुछ किलोमीटर पर अवश्य रेल्वे 150 किलोमीटर प्रति घंटे का दावा करता है पर बाकी जगह के हाल क्या हैं इस बात से रेल महकमा बेहतर वाकिफ है। इन परिस्थितियों में क्या रेल मंत्री पवन बंसल को अपनी पीठ थपथपा कर चीन और अमरीका से भारतीय रेल की तुलना कर देश को भ्रमित करना उचित है!
रेल किराए को बढ़ाने में पवन बंसल ने जो बाजीगरी दिखाई है उस भ्रम जाल को भी गणेश ंिसह ने बखूबी तोड़ने का प्रयास किया है। उनका कहना है कि 20 जनवरी को बजट के पहले ही रेल किराया पिछले दरवाजे से बढ़ा दिया गया। फिर बजट में अलग से आम आदमी पर गाज गिराई गई है। बजट में तत्काल, आरक्षण निरस्तीकरण आदि में एक बार फिर पैसे बढ़ाकर जनता की जेब ही काट दी गई। इतना ही नहीं डीजल के मंहगे होने का रोना रोकर अलग से फयूल चार्ज लगा दिया गया है। आंकड़ों की बाजीगरी तो देखिए इस चार्ज के नाम पर रेल्वे ने 4200 करोड़ रूपए वसूल किए हैं। जबकि रेल्वे का खर्च इस मद में 840 करोड़ रूपए ही बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में जहां पांच हजार किलोमीटर की रेल पांतों पर रेलगाड़ी दौड़ती है उसे पूरी तरह से उपेक्षित ही रखा गया है। इस बात को पुरजोर तरीके से उठाते हुए देश के हृदय प्रदेश के सतना संसदीय क्षेत्र के सांसद गणेश सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ रेल मंत्री पवन बंसल ने पूरी तरह पक्षपात किया है। मध्य प्रदेश के खाते में इस रेल बजट में कुछ भी नहीं आया है। 66 नई रेल गाड़ियों में से महज दो ही एमपी के खाते में आई हैं। उनका यह कथन सौ फीसदी सही है कि मध्य प्रदेश देश का हृदय प्रदेश है अगर इसे समृद्ध नहीं किया जाएगा तो पूरब को पश्चिम और उत्तर को दक्षिण से जोड़ना असंभव काम होगा।
भारतीय रेल द्वारा नई रेल लाईनों की मद में 250 रेल लाईनों को बंद करने का प्रस्ताव दिया जाता है और प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा रेल में मितव्ययता बरतने और रेल्वे को उंचाईयों पर पहुंचाने के लिए रेल मंत्री पवन बंसल की पीठ ठोकी जाती है। कांग्रेस में भविष्य के नेता राहुल गांधी द्वारा अनेक बार बुंदेल खण्ड को पिछड़ा निरूपित किया गया था। बुंदेल खण्ड में 1997 - 98 के रेल बजट में ललितपुर से सिंगरोली रेल खण्ड की प्रस्तावना की गई थी, यह आज भी अधूरी ही पड़ी है। पन्ना को सतना से जोड़ने के लिए एक विधायक के आंदोलन में उन्हें व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। खजुराहो में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मंदिर हैं।
मध्य प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र रहे विदिशा जहां से अब सुषमा स्वराज सांसद हैं में सांची में एक रेल कारखाना खोलने की बात रेल मंत्री ने कही थी, जो हवा हवाई ही साबित हुई है। इतना ही नहीं भोपाल में आयुर्विज्ञान महाविद्यालय की स्थापना भी रेल मंत्रालय को करना था जो अब तक नहीं हो पाया है। इस बार भोपाल के पास मिसरोद में जरूर एक करखाने की प्रस्तावना की गई है पर पता नहीं वह भी खुल पाता है या नहीं।
रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और उनके कारिंदों ने इस बार रेल यात्रियों की कमर तोड़ने का ही फैसला किया है। इस साल के रेल बजट में इंदौर से रीवा के लिए एक रेल सप्ताह में तीन दिन दी गई है जो 3 मार्च से आरंभ हो गई है। मजे की बात यह है कि इसका रनिंग टाईम 18 घंटे का है और इसमें चेयर कार है। क्या यह संभव है कि रेल में बैठे बैठे कोई अठ्ठारह घंटे सफर कर पाएगा, इसमें एक भी स्लीपर का प्रावधान ना किया जाना आश्चर्यजनक है।
रेल्वे के खान पान, साफ सफाई और अन्य सुविधाओं के मामले में अमूमन हवा में उड़ने वाले या एसी फर्स्ट क्लास में सफर करने वाले सांसदों को पता नहीं होता है पर 08 मार्च को सदन में रेल बजट पर चर्चा के दौरान सतना के सांसद गणेश सिंह ने आम आदमी के स्लीपर और जनरल क्लास में सड़ांध मारते शौचालय और पानी के ना होने के वाक्ये गिनाए तो लगा मानो आम आदमी का प्रतिनिधि बोल रहा हो। (साई फीचर्स)

आतंकवाद से समझौता नहीं: पीएम


आतंकवाद से समझौता नहीं: पीएम

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री ने फिर कहा है कि उनकी सरकार आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी केन्द्र की स्थापना के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा। इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल एकमत होंगे और हम व्यापक राष्ट्रीय सहमति के लिए एनसीटीसी के प्रस्ताव को सार्थक और ठोस रूप देने के वास्ते राज्य सरकारों का सहयोग लेंगे।
प्रधानमंत्री ने यह बात संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बारे में बहस का कल राज्यसभा में जवाब देते हुए कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक पाकिस्तान अपने यहां मौजूद आतंकवादी तंत्र पर अंकुश नहीं लगाता तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते। उन्होंने नेपाल और मालदीव की  घटनाओं का भी जिक्र किया।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने आशा व्यक्त की कि देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले दो-तीन वर्ष में सात से आठ प्रतिशत पर लौट आएगी। डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें सामाजिक सेवाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए अपनी सरकार पर गर्व है, जिससे समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के दृष्टिकोण की व्यापक राष्ट्रीय हित में सराहना की जानी चाहिए। उसे राजनीतिक या निहित स्वार्थों के कारण बुरा नहीं कहा जाना चाहिए।

बोलीं शीला: दिल्ली नहीं महफूज!


बोलीं शीला: दिल्ली नहीं महफूज!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। अगर किसी सूबे का निजाम ही कहे कि उसके राज्य में उसकी बेटी ही महफूज नहीं है तो क्या उसे मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहिए। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि उनकी बेटी भी दिल्ली में असुरक्षित महसूस करती है। उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहीं कि 16 दिसंबर की वारदात के बाद सिक्युरिटी बेहतर हुई है या नहीं। वह राजधानी की कानून-व्यवस्था से बिलकुल संतुष्ट नहीं हैं। इंटरनैशनल विमिंस डे पर एक निजी चेनल्स को दिए साक्षात्कार में शीला दीक्षित ने उक्ताशय की बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के आंकडे़ चौंकाने वाले हैं लेकिन यही सच है। मीडिया, सोसायटी और जिम्मेदार अधिकारियों को मिलकर इसका हल निकालना होगा। अलग-अलग संगठन जितना कर सकते थे उन्होंने किया है। पर ऐसा क्यों होता है कि सड़क पर चलती लड़की को कोई छेड़ देता है। जिस तरह से हमारे सोशल सेटअप में इन चीजों को लिया जा रहा है उससे भी मैं खुश नहीं हूं।
गौरतलब है कि दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर सीएम ने इससे पहले भी कई बार सवाल उठाए हैं। दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है। शीला दीक्षित ने कहा, मैं गृह मंत्री और चीफ जस्टिस से मिली और वर्मा कमिटी को सिफारिशें भी दीं, लेकिन सरकार पर सब कुछ नहीं डाला जा सकता।

सिंह ने की मन से शिव की तारीफ


सिंह ने की मन से शिव की तारीफ

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली  (साई)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विकास पथ पर तेजी से बढ़ते मध्यप्रदेश के विकास की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि कभी बीमारू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश ने तेजी से तरक्की की है। मनमोहन सिंह राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज राज्य सभा में धन्यवाद प्रस्ताव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के विकास की भी खुले दिल से सराहना की।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मध्यप्रदेश की विकास दर 11.98 प्रतिशत रही है। प्रदेश ने गत पंचवर्षीय योजना में 10.20 प्रतिशत विकास दर हासिल की जो देश की विकास दर से तीन गुना से भी अधिक है।
इसी तरह मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर इस वर्ष 18.89 प्रतिशत रही है। यह देश के सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। कृषि की यह विकास दर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कृषि को फायदे का धंधा बनाने के लिये किये गये प्रयत्नों का प्रतिफल है। मध्यप्रदेश देश का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण की सुविधा है। यहां कृषि कैबिनेट का प्रथक से गठन किया गया है। गांव में 24 घंटे बिजली और खेतों में लगातार 8 घंटे बिजली देने के कार्य पर भी तेजी से कार्य चल रहा है।

महिलाओं के आगे बढ़ने से परिवार व देश आगे बढ़ता है-धनंजय सिंह


महिलाओं के आगे बढ़ने से परिवार व देश आगे बढ़ता है-धनंजय सिंह

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टीसहकारिता प्रकोष्घ्ठ  के राष्घ्ट्रीय संयोजक धनंजय सिंह  ने आज अंर्तराष्घ्ट्रीय  महिला दिवस पर कहा कि बदलते परिवेश में महिलाओं को  और अधिक सशक्त बनाने की आवश्घ्यकता  है, ताकि वे सहकारिता विकास में अपना योगदान दे सकें। अपने वक्घ्तव्घ्य में सिंह ने आगे कहा कि सहकारिता  को अपना कर महिलाएं स्वावलंबी बन सकती हैं। उन्घ्होने सहकारिता विकास के लिए महिलाओं की विशेष भूमिका पर जोर दिया।
 राष्घ्ट्रीय संयोजक धनंजय सिंह  ने  सहकारिता में महिलाओं के योगदान की अप्रतीम सराहना करते हुये आगे कहा कि आईसीए की ‘‘ग्घ्लोबल-300’’ रिपोर्ट के आधार पर विश्घ्व में सहकारी क्षेत्र के परिदृश्घ्य पर गौर करें तो हम पाते हैं कि दुघ्निया में 300 सबसे बड़ी सहकारिताओं का कारोबार एक खरब 60 अरब डालर तक पहुंच गया है जो कई बड़े देशों के सकल घरेलू उत्घ्पाद (जीडीपी) के बराबर है। रूस, ब्राजील, भारत और अफ्रीका की केवल चार प्रतिशत जनता ही निजी क्षेत्र की विभिन्घ्न कंपनियों की शेयर धारक है जबकि उनकी 15 प्रतिघ्शत जनता सहकारी संस्घ्थाओं की सदस्घ्य है। केन्घ्या के जीडीपी में उसकी सहकारी संस्घ्थाओं का योगदान 45 प्रतिशत में न्घ्यूजीलैंड के जीडीपी में 22 प्रतिशत है।
वहीं भारत की स्थिति का प्रश्घ्न है तो अपनी छह लाख सहकारी समितियों के 25 करोड़ सदस्घ्यों के साथ भारत विश्घ्व में सहकारी आंदोलन का सिघ्रमौर बन चुका है। अपनी कृषिघ् आधारिघ्त ग्रामीण अर्थव्घ्यवस्घ्था की तो यह रीढ़ की हड्डी माना जाता है, जिसमें महिलाओं की विशेष भूमिका है।
दक्षिघ्ण भारत में मत्घ्स्घ्य क्षेत्र की सहकारिघ्ताओं के सदस्घ्यों में 19 प्रतशित महिघ्लाएं हैं। मत्घ्स्घ्य सहकारिघ्ताएं अपनी शीर्ष संस्घ्था फिघ्शकोफैडसे जुड़ी हुई हैं। वह उन्घ्हें ऋण, नई प्रौद्योगिघ्की, मछली प्रसंस्घ्करण और व्घ्यापार संबंधी अनेक सुविघ्धाएं उपलब्घ्ध कराती है। इसके साथ-साथ, ये शिघ्क्षा-प्रशिघ्क्षण से जुड़े कार्यक्रम और अनुसंधान परिघ्योजनाएं संचालिघ्त करती है।
देशभर में श्रमिघ्कों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने के लिघ्ए ठेका, श्रमिघ्कों और विघ्निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की 39 हजार से अधिक सहकारी समितियां कार्यरत हैं। उनके जिला स्घ्तरीय 215 संघ, राज्घ्य स्घ्तरीय 18 महासंघ और एक राष्घ्ट्रीय स्घ्तर का परिघ्संघ हैं। वन क्षेत्रों में वनोपज के संकलन, प्रसंस्घ्करण, भंडारण और विघ्पणन के क्षेत्र में वन श्रमिघ्कों की 2700 से अधिघ्क सहकारी समितियां कार्य कर रही हैं। आदिघ्वासी क्षेत्रों में आदिघ्वासी भी अनेक परम्घ्परागत वस्घ्तुएं बनाते हैं। उनके कल्घ्याण और विघ्कास में आदिघ्वासी सहकारी विघ्पणन विघ्कास परिघ्संघ अहम भूमिघ्का महिलाएं ही निघ्भा रही  हैं।
श्री सिंह ने महिला सशक्घ्तीकरण की भूरि-भूरि प्रशंशा करते हुये आगे कहा कि सहकारी क्षेत्र ने पिघ्छले दो-तीन दशकों में महिघ्ला सशक्घ्तीकरणकी धारणा, लक्ष्घ्य और आवश्घ्यकता को पूरा करने में भी सराहनीय भूमिघ्का निघ्भाई है। इसकी देशभर में फैली छह लाख समिघ्तिघ्यों के सदस्घ्यों में बड़ी संख्घ्या में महिघ्लाएं शामिघ्ल हैं। और, जब महिघ्लाएं आगे बढ़ती हैं, परिघ्वार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और इस तरह देश आगे बढ़ता है।
भाजपा नेता धनंजय सिंह ने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने स्घ्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को भी  सहकारी संस्घ्थाएं मानते हुए कानूनी प्रावधान करके उनके सहकारी संस्घ्थाओं के रूप में पंजीयन की अनुमति घ्दे दी है। देशभर में लगभग 48 लाख स्घ्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। वर्ष 2010-11 में बैंकों ने उन्घ्हें 312 अरब रुपये से अधिघ्क का ऋण प्रदान किघ्या था। इन समूहों के सदस्घ्यों में ज्घ्यादातर महिघ्लाएं हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि महिला सशक्घ्तीकरण का कारवां आगे ही बढ़ता जा रहा है, जो अब कभी नही रूकने वाला है।
 श्री धनंजय सिंह ने महिला सशक्तिकरण के बारे में बताया कि  भारत की कुल आबादी का 50ः महिलाएं हैं। लेकिन उनके आर्थिक, सामाजिक परिस्थिति आज भी दयनीय है। सहकारी समितियों स्वयं सहायता समूहों के गठन करते समय उसमें महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और महिला प्रतिनिधियों को आह्वाहन करना चाहिये जो अपने-अपने प्रदेशों में महिलाओं को सहकारी क्षेत्र में जोड़ने और स्वयं सहायता समूह गठन करने के लिए प्रेरित करें।
भाजपा सहकारिता प्रकोष्घ्ठ के संयोजक धनंजय जी ने लिज्घ्जत पापड़ में महिलाओं तारीफ करते हुये कहा कि  50 साल पहले 1959 में मुंबई में सात निरक्षर गुजराती महिलाओं नें वो काम कर दिखाया जिससे पूरा भारत ही नही बल्कि विश्घ्व हतप्रभ है। उधार लेकर 80 रुपये  से  शुरू किया गया सहकारी उद्योग  लिज्जत पापड़ जिसने धीरे-धीरे हर घर को अपना दीवाना बना लिया। भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक. पापड़ मतलब लिज्जत....हो गया।

देहरादून ‘योग‘ भारत की महान विरासत है-राज्यपाल


योगभारत की महान विरासत है-राज्यपाल

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी का कहना है ‘‘योगभारत की महान विरासत है जिसे आज पूरा विश्व  मानता है। साइंस एवं तकनीकी के विकास ने देशों को उन्नति में बहुत बडी भूमिका  निभाई है किन्तु मानवीय संवेदनाओं को भी नष्ट किया है। योग इन्हीं नष्ट मानवीय संवेदनाओं को जीवित करने का कार्य करता है।
योग में मनुष्य की शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि करने के साथ-साथ उसकी आन्तरिक क्षमताओं तथा मनोबल के उन्नययन की अद्भुत शक्ति निहित है।‘‘
राज्यपाल कल सायं ऋषिकेश में, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। गढ़वाल मण्डल विकास निगम एवं पर्यटन विभाग द्वारा मुनि की रेती स्थित गंगा रिजार्ट तथा स्वामी चिदानंद सरस्वती द्वारा परमार्थ निकेतन में 01 मार्च से 07 मार्च तक आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का समापन राज्यपाल द्वारा किया गया।
राज्यपाल ने योग शिक्षा को विश्व स्तर पर और अधिक विस्तार किए जाने की अवश्यकता पर बल देते हुए योग को स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की अनुशंसा की।
एक सप्ताह के योग शिविर में 50 से अधिक देशों के सैकड़ो प्रतिनिधियों के शामिल होने को राज्यपाल ने उत्तराखण्ड के लिए शुभ संकेत बताया और कहा कि विश्वभर में बढ़ रही योग की लोकप्रियता उत्तराखण्ड को विश्व का सरताज बना सकती है।
राज्यपाल ने इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के आयोजन को विश्व समागम तथा विश्व बंन्धुत्व की भावना के विस्तार के लिए अच्छा अवसर बताया।
गंगा रिजॉर्ट में आयोजित समारोह में उपस्थित सांसद सतपाल महाराज ने कहा कि योग ने पूरे विश्व में भारत को एक विशिष्ट पहचान दिलाई है इसे और विस्तार दिए जाने की जरूरत है। उन्होनें कहा योग कोई धर्म नही बल्कि एक विज्ञान है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि ने कहा कि 23 वर्षो से निरन्तर आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव को उत्तराखण्ड में विकसित हो रहे उद्योग की तरह ही विकसित किए जाने की जरूरत है।
राज्यपाल परमार्थ निकेतन में आयोजित समापन समारोह में उपस्थित विभिन्न देशों से आये योग-धर्मियों तथा विभिन्न धर्मों के विशिष्ट प्रतिनिधियों के साथ ‘‘गंगा आरती‘‘ में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ0 इंदिरा हृदयेश भी मौजूद थी।

सिवनी 11 माह का प्रेशर, एक माह में पूरी कर रहा वसूली


11 माह का प्रेशर, एक माह में पूरी कर रहा वसूली

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। वित्तीय वर्ष भारत सहित पूरे संसार में मार्च में समाप्त माना जाता है और इस माह बड़ी- बड़ी कंपनियों के साथ सरकारी विभागों को भी अपना वार्षिक लेखा- जोखा प्रस्तुत करना पड़ता है। इस क्रम में हमारा पुलिस विभाग भी शामिल रहता है। प्रत्येक वर्ष बाकी महीनों की अपेक्षा अधिकतर कार्यवाही मार्च के महीने में ही की जाती है। इसे देखकर अनायस ही लगता है कि 11 महीने का सोया कुंभकरण जाग गया। इसका सीधा सा उदाहरण कुछ दिनों से नगर में चल रही वाहन की चौकिंग से लगाया जा सकता है। माना जाता है कि यातायात महकमा जुआरियों, सटोरियो एवं अन्य अवैध कामों में लिप्त व्यक्तियों की डाटाशीट तैयार कर उनसे रकम वसूली जाती है। 11 महीने सोने वाले यातायात को मार्च के महीने में ही क्यों चिंता आती है? यदि ऐसा है तो यातायात विभाग को 11 महीने की छुट्टी दे देनी चाहिए, क्योंकि वह अपना काम इस माह ही पूरा करने में लगे रहते हैं।
इन दिनों अपने पूरे शबाब पर चल रही यातायात व पुलिस विभाग की वाहन चौकिंग की कहीं प्रशंसा तो कहीं निंदा की जा रही है। नगरवासियों द्वारा इस कार्यवाही की प्रशंसा इसलिए की जा रही है क्योंकि ऐसी कार्यवाही से जहां वाहन चालकों में सुधार आयेगा, वहीं दुर्घटनाओं में भी लगाम लगेगी। वहीं दूसरा पहलू निंदा का है, जो इसलिए भी की जा रही है क्योंकि यदि यातायात विभाग ऐसी कार्यवाही 11 महीने करें तो उसे 01 माह में इतनी मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगरवासियों का कहना है यातायात विभाग अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए मनमाने ढंग से वाहनों को रोक चालानी कार्यवाही कर रहा है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारों की माने तो यातायात व पुलिस विभाग की इस जबरदस्त कार्यवाही का मतलब है प्रेशर। यानि यातायात विभाग को भी अपने आला अधिकारियों को चालानी कार्यवाही व समन शुल्क की सूचना देनी होती है, जो शायद पूरी न होने के कारण यातायात विभाग ऐसी कार्यवाही कर रहा है। 

डिंडोरी जागरूकता शिविर संपन्न


जागरूकता शिविर संपन्न

(एस.के.वर्मा)

डिंडोरी (साई)। एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना डिण्डौरी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन विधिक सहायता प्राधिकरण डिण्डौरी महिला शाकित संगठन पतांजली योग सस्थान डिण्डौरी के नव-गठित महिला सशकितकरण विभाग डिण्डौरी के संयुक्त तत्वधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए एडीसनल डिसिट्रक्ट जज वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा महिला दिवस पर विधिक सेवा प्रधिकरण द्वारा जागरूकता शिविर लगाकर हम दूर गांव तक महिलाओं के हितों के संरक्षण के लिए बनाये गये कानूनों एवं प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहे है। किसी भी प्रकार के महिला विरोधी उपराध के रोक थाम तथा उससे बचाव के लिए पक्षकार को जरूरी प्रोशित खर्च अधिवक्ता उपलब्ध कराने का कार्य भी विघिक सेवा प्रधिकरण के द्वारा किया जाता है।
श्री मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मनोज तिवारी ने कहा की महिलाओं एवं बच्चों के लिए मौजूदा लाभ ,करने में बाल विकास सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। दहेज एवं बाल विवाह संबंधि कानूनों का प्रचार-प्रसार का बहुत जरूरत है। जिला सजिस्टार एवं ग्राम न्यायालय प्रमुख सुरेन्द्र मेश्राम ने विधिक सहायता कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य अतिथि श्रीमति सुशीला मार्काे, ने महिलाओं में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संबंध में चर्चा करते हुए कहा की महिला बाल विकास की सेवाएँ महिलाओं की मजबूती देने के लिए चलाई गई है। गांव-गांव तक महिलाओं के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैै। जिसका लाभ निचले स्तर पर डिण्डौरी जिले में संतोष पूर्ण ढंग से पहुचाया जा रहा है।
सुश्री पुष्पा सिहारे ने सामाज, शासकीय विभाग और आम जनता से महिलाओं की आत्मा निर्भरता पर ध्यान देने के महत्व को रेखांकित किया। अतिथि वक्ता श्रीमति सुधा जैन, श्रीमति ममता शुक्ला, श्रीमति अनीता उपाध्याय, श्रीमति सपना जैन, श्रीमति लक्ष्मी अहिरवार ने स्व-रचित कविता के साथ नारी शकित का आव्हान किया कि महिलाओं के विरूद्व सामाज में व्याप्त नजरिये को बदलना होगा तथा स्वयं आगे बढ़ कर महिलाओं को अपराधों के विरूद्व जूझना जरूरी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति कल्पना तिवरी, रिछारिया ने कहा कि डिण्डौरी जैसे जिले में महिला जागरूकता बढ़ी है। महिलाएँ अब घरेलू हिंसा के विरूद्व सामने आने लगी है। जिले में 130 महिलाओं ने डी.आई.आर. दाखित कराए है। श्रीमति कल्पना तिवारी ने विभागीय कार्यक्रमों जैसे मोर डुबुलिया, प्रोजेक्ट-प्रोत्साहन, वाहन-चालक प्रशिक्षण, नवाचार जो शुद्व रूप से महिलाओं के लिए क्रियांनवयित किए गए उन्होने चर्चा करते हुए कहा कि महिला कल्याण को लेकर राज्य सरकार सजग एवं सतत कार्यशील है।
सुश्री फिरौजा सिद्वकी एडवोकेट, श्रीमति वसुधा दुबे एडवोकेट, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपनी अभिव्यकियों में कहा की मौजूदा कानूनों के सफल क्रियांनवयन हेतु महिलाओं को स्वयं ही सतर्क और सजग रहना चाहिए।
दिन भर चली संगोष्ठी में श्रीमति मंजूषा शर्मा, श्रीमति सुलभा बिल्लौरे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का सुभारभं दीप-प्रज्जवलन से हुआ। एवं अतिथियों का स्वागत पर्यवेक्षक श्रीमति दर्शलता जैन, पार्वती धुर्वे, कमला मरावी, तीजा धुर्वे, केतकी परस्ते, तारेश्वरी धुर्वे,कृष्णा धुर्वे, चन्द्रवती मरावी कौतिका धारणे, उर्मिला जंघेला, सुश्री लेखनी दुबे, एन.एस.पूसाम, श्रीमति किरण पटेल, शैलेश दुबें, सलीम अहमद मंसूरी, भवनी शंकर झारिया, सुखराम सिंह परस्ते, धनीराम, ओमकार, सुरेश, नूर मोहम्मद, ने अतिथियों का पुष्प गुच्छो से स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमति दर्शलता जैन एवं आभार प्रदर्शन एस.सी. करवाडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम की समापित में दो वर्षीय नन्ही बालिका वेदाषी नन्होटे ने कविता सुनाकर उपसिथजनों का मन मोह लिया।

महिला दिवस


महिला दिवस

डिण्डौरी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना डिण्डौरी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन विधिक सहायता प्राधिकरण डिण्डौरी महिला शाकित संगठन पतांजली योग सस्थान डिण्डौरी के नव-गठित महिला सशकितकरण विभाग डिण्डौरी के संयुक्त तत्वधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम अध्यक्षता करते हुए एडीसनल डिसिट्रक्ट जज वीरेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा महिला दिवस पर विधिक सेवा प्रधिकरण द्वारा जागरूकता शिविर लगाकर हम दूर गांव तक महिलाओं के हितों के संरक्षण के लिए बनाये गये कानूनों एवं प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध करा रहे है। किसी भी प्रकार के महिला विरोधी उपराध के रोक थाम तथा उससे बचाव के लिए पक्षकार को जरूरी प्रोशित खर्च अधिवक्ता उपलब्ध कराने का कार्य भी विघिक सेवा प्रधिकरण के द्वारा किया जाता है।
श्री मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मनोज तिवारी ने कहा की महिलाओं एवं बच्चों के लिए मौजूदा लाभ ,करने में बाल विकास सेवाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। दहेज एवं बाल विवाह संबंधि कानूनों का प्रचार-प्रसार का बहुत जरूरत है। जिला सजिस्टार एवं ग्राम न्यायालय प्रमुख सुरेन्द्र मेश्राम ने विधिक सहायता कार्यक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
मुख्य अतिथि श्रीमति सुशीला मार्काे, ने महिलाओं में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के संबंध में चर्चा करते हुए कहा की महिला बाल विकास की सेवाएँ महिलाओं की मजबूती देने के लिए चलाई गई है। गांव-गांव तक महिलाओं के लिए सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैै। जिसका लाभ निचले स्तर पर डिण्डौरी जिले में संतोष पूर्ण ढंग से पहुचाया जा रहा है।
सुश्री पुष्पा सिहारे ने सामाज, शासकीय विभाग और आम जनता से महिलाओं की आत्मा निर्भरता पर ध्यान देने के महत्व को रेखांकित किया।
अतिथि वक्ता श्रीमति सुधा जैन, श्रीमति ममता शुक्ला, श्रीमति अनीता उपाध्याय, श्रीमति सपना जैन, श्रीमति लक्ष्मी अहिरवार ने स्व-रचित कविता के साथ नारी शकित का आव्हान किया कि महिलाओं के विरूद्व सामाज में व्याप्त नजरिये को बदलना होगा तथा स्वयं आगे बढ़ कर महिलाओं को अपराधों के विरूद्व जूझना जरूरी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमति कल्पना तिवरी, रिछारिया ने कहा कि डिण्डौरी जैसे जिले में महिला जागरूकता बढ़ी है। महिलाएँ अब घरेलू हिंसा के विरूद्व सामने आने लगी है। जिले में 130 महिलाओं ने डी.आई.आर. दाखित कराए है। श्रीमति कल्पना तिवारी ने विभागीय कार्यक्रमों जैसे मोर डुबुलिया, प्रोजेक्ट-प्रोत्साहन, वाहन-चालक प्रशिक्षण, नवाचार जो शुद्व रूप से महिलाओं के लिए क्रियांनवयित किए गए उन्होने चर्चा करते हुए कहा कि महिला कल्याण को लेकर राज्य सरकार सजग एवं सतत कार्यशील है।
सुश्री फिरौजा सिद्वकी एडवोकेट, श्रीमति वसुधा दुबे एडवोकेट, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपनी अभिव्यकियों में कहा की मौजूदा कानूनों के सफल क्रियांनवयन हेतु महिलाओं को स्वयं ही सतर्क और सजग रहना चाहिए।
दिन भर चली संगोष्ठी में श्रीमति मंजूषा शर्मा, श्रीमति सुलभा बिल्लौरे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए कार्यक्रम का सुभारभं दीप-प्रज्जवलन से हुआ। एवं अतिथियों का स्वागत पर्यवेक्षक श्रीमति दर्शलता जैन, पार्वती धुर्वे, कमला मरावी, तीजा धुर्वे, केतकी परस्ते, तारेश्वरी धुर्वे,कृष्णा धुर्वे, चन्द्रवती मरावी कौतिका धारणे, उर्मिला जंघेला, सुश्री लेखनी दुबे, एन.एस.पूसाम, श्रीमति किरण पटेल, शैलेश दुबें, सलीम अहमद मंसूरी, भवनी शंकर झारिया, सुखराम सिंह परस्ते, धनीराम, ओमकार, सुरेश, नूर मोहम्मद, ने अतिथियों का पुष्प गुच्छो से स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमति दर्शलता जैन एवं आभार प्रदर्शन एस.सी. करवाडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम की समापित में दो वर्षीय नन्ही बालिका वेदाषी नन्होटे ने कविता सुनाकर उपसिथजनों का मन मोह लिया।

साई भजन संध्या का आयोजन


साई भजन संध्या का आयोजन

(निधि श्रीवास्तव)

इलहाबाद (साई)। गुरुवार को कस्बा छर्रा के मोहल्ला शिवपुरी स्थित दुर्गा मंदिर में साई भजन संध्या का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन सांकरा गंगा घाट पर्यटन विकास सेवा समिति के तत्वाधान में कराया गया। शुभारम्भ सांकरा गंगाघाट पर्यटन विकास सेवा समिति के अध्यक्ष विनय यादव ने किया। बाल कलाकार लकी सोनी द्वारा गाये गये सांई भजनों पर उपस्थित भक्तजन झूम उठे। इस मौके पर विनय यादव ने घोषणा की कि प्रत्येक माह के एक गुरुवार को समिति भजन संध्या व प्रसाद वितरण कराएगी। गिरीश सक्सेना, मुन्नालाल सक्सेना, बंटी यादव, सूरजपाल, संदीप यादव, लकी वर्मा, धर्मेन्द्र सोनी, सुमित, हरीश सक्सैना, शरद वर्मा, गोल्डी वर्मा, संजू वर्मा, अर्जुन यादव, कुलदीप शर्मा, कल्लू मामा, हरीश आदि ने सहयोग किया।