सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

दिग्विजय होने का मतलब!


दिग्विजय होने का मतलब!

(लिमटी खरे)

वैसे तो दिग्विजय स्त्रीलिंग है और इसका शाब्दिक अर्थ है संसार पर धाक जमाना। दिग्विजय का अर्थ खंगालने पर यह प्राचीन भारतीय महाराजाओं की एक प्रथा जिसमें वे अपना पौरूष और बल दिखाने के लिए सेना सहित निकलकर आस पास विशेषतः चारों ओर के देशों और राज्यों को अपने अधीन करते चलते थे भी मिलता है साथ ही साथ किसी बहुत बड़े गुणी या पंडित का दूसरे स्थानों पर आकर वहाँ के गुणियों और विद्वानों को अपनी कलाओं, गुणों आदि से परास्त करके उन पर अपनी विशिष्टता का सिक्का जमाना भी दिग्विजय की श्रेणी में ही आता है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह के माता पिता ने उनका नाम बहुत सोच समझकर रखा होगा। कांग्रेस में इक्कीसवीं सदी के चाणक्य की भूमिका में दबे पांच चलने वाले कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह इस समय सबसे ताकतवर क्षत्रप बनकर उभर चुके हैं। कांग्रेस में अघोषित तौर पर नंबर दो वाली भूमिका में कभी सोनिया गांधी के सचिव जार्ज विसेन्ट थे तो बाद में उनका स्थान अहमद पटेल ने ले लिया था। अब इस आसनी पर राजा दिग्विजय सिंह बैठे दिखाई दे रहे हैं। अपने नाम के अनुरूप राजा दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस में सत्ता की धुरी अपने इर्द गिर्द ही समेट रखी है।

1993 से 2003 तक लगातार दस साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं राजा दिग्विजय सिंह। इन दस सालों में ना जाने कितने उतार चढ़ाव आए और ना जाने कितनी प्रतिकूल परिस्थितियां निर्मित हुईं पर राजा दिग्विजय सिंह के चहरे की मुस्कान और उनके ठहाके बरकरार ही रहे। सबसे बुरा समय तो तब आया था जब राजा दिग्विजय सिंह के सियासी गुरू अर्जुन सिंह ने तिवारी कांग्रेस का गठन कर लिया था। उस वक्त राजा दिग्विजय सिंह के एक एक कदम को उनके विरोधी हर दृष्टिकोण से नाप तौल कर उनमें कमियां निकालने का प्रयास कर रहे थे। उस वक्त राजा दिग्विजय सिंह ने तलवार की धार पर चलकर अपनी नैया को पार लगाया है।
कांग्रेस में आज भी सामंतशाही की बू आती है। आजादी से आज तक कांग्रेस की नैया के खिवैया नेहरू गांधी परिवार के लोग ही रहे हैं। बाकी सारे के सारे चरण सेवक की भूमिका में ही दिखे हैं। अस्सी के दशक में कांग्रेस के लिए नए राजमहल के रूप में पहचाना गया था 10 जनपथ। यह राजीव गांधी का आधिकारिक निवास हुआ करता था। राजीव गांधी के निधन के बाद इस घर में श्रीमति सोनिया गांधी रहने लगीं।
जबसे कांग्रेस की कमान श्रीमति सोनिया गांधी के हाथों आई उसके बाद से यह राजमहल सत्ता और शक्ति का शीर्ष केंद्र में तब्दील हो गया। इक्कीसवीं सदी के आगाज के साथ ही सोनिया गांधी राजमाता तो राहुल गांधी युवराज की भूमिका में आ गए। हाल ही में जयपुर में कथित तौर पर चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें राहुल गांधी को उपाध्यक्ष पद से नवाज दिया गया। राहुल गांधी के अघोषित राजगुरू हैं राजा दिग्विजय सिंह। इस लिहाज से राजमहल के अंदर राजा दिग्विजय सिंह के भाव अब काफी उंचे हो गए हैं।
राजा दिग्विजय सिंह वैसे भी अपनी चालों के लिए माहिर माने जाते हैं। जब वे मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री थे तब यह कहा जाता था कि राजा ने जिसके कंधे पर हाथ रख दिया उसका पतन सुनिश्चित ही है। 2003 में कांग्रेस की सरकार ना बनने पर दस साल का सियासी बनवास लेने की कसम उठाई राजा ने और फिर 2013 आने को है राजा ने पार्टी की सेवा की पर कोई संवैधानिक पद नहीं लिया। लगातार दस साल तक राजा ने अपना कौल निभाया। इस साल के अंत में राजा का वनवास खतम हो जाएगा। दस साल तक पदों की तृष्णा से दूर रहकर राजा दिग्विजय सिंह ने अपने नाम को साकार कर ही दिया है।
जयपुर के चिंतन शिविर में भी राजा दिग्विजय सिंह लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। राजा के इर्द गिर्द युवा मंत्रियों सहित नेताओं की भीड़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि लोग उनसे सलाह मशविरे के लिए किस कदर आतुर थे। राजा की इस कदर बढ़ती लोकप्रियता से उनके घुर विरोधी समझे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, जतिन प्रसाद, सचिन पायलट जैसे युवा आईकान्स की पेशानी पर पसीने की बूंदे भी परिलक्षित हो रही थीं।
राजा दिग्विजय सिंह के बढ़ते कद का ही नतीजा है कि तेलंगाना मामलों में बनी कांग्रेस की कोर कमेटी में उन्हें विशेष तौर पर बुलाया गया था। इतना ही नहीं उन्हें सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों पर गठित एक विशेष और अतिमहत्वपूर्ण समूह की अगुआई का जिम्मा भी सौंपा गया है। कांग्रेस के थिंक टैंक और संकटमोचक प्रणव मुखर्जी के रायसीना हिल्स जाने के उपरांत राजा दिग्विजय सिंह सबसे ताकतवर क्षत्रप के बतौर उभरे हैं।
एक समय था जब 10, जनपथ पर विसेन्ट जार्ज की तूती बोला करती थी। जार्ज के इशारों के बिना वहां पत्ता भी नहीं हिलता था। सोनिया गांधी के शुरूआती राजनैतिक अनुभवहीनता के चलते जार्ज काफी कमजोर हो गए और उनका स्थान सोनिया के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल ने ले लिया। इसी बीच युवराज तेजी से आगे कदम बढ़ाने लगे। कहते हैं राजा ने भविष्य की आहट को समझते हुए राहुल गांधी को अपनी उंगली पकड़ा दी और राहुल को सियासी ककहरा सिखाना आरंभ कर दिया। सोनिया तक गुरू चेले की जुगलबंदी की खबरें पहुंची तो सोनिया काफी हद तक संतुष्ट भी नजर आईं। राहुल भले ही बिहार, उत्तर प्रदेश और गुजरात में करिश्मा ना दिखा पाए हों पर उन्हें बहुत सीमित रखकर राहुल के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ा दी राजा दिग्विजय सिंह ने।
देखा जाए तो राहुल की ताजपोशी के राजा दिग्विजय सिंह काफी समय से प्रयासरत थे। राहुल को नेहरू गांधी परिवार के बिल्ले के चलते तत्काल ही महासचिव बना दिया गया। कांग्रेस के अंदर यह चर्चा तेज है कि राहुल की योग्यता महासचिव लायक नहीं थी फिर भी उन्हें योग्य नेताओं के उपर लाद दिया गया है। राहुल गांधी अगर महासचिव से उपाध्यक्ष बन पाए हैं तो इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ राजा दिग्विजय सिंह को ही जाता है।
सुनियोजित तरीके से पार्टी के अंदर राहुल गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष या सकेरेटरी जनरल बनाने की बात छोड़ी गई ताकि पार्टी का रूख भांपा जा सके। कहते हैं पार्टी के अनेक नेताओं ने साफ तौर पर कह दिया कि कार्यकारी अध्यक्ष विशेष परिस्थितियों में ही बनाया जा सकता है। ज्ञातव्य है कि श्रीमति इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय कार्यकारी अध्यक्ष इसलिए बनाए गए थे क्योंकि उस वक्त प्रधानमंत्री के साथ ये दोहरी जवाबदेही नहीं संभाल सकते थे। रही बात सेकरेटरी जनरल की तो इस मामले में भी मतभिन्नता ही सामने आई।
कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो अंततः राजा दिग्विजय सिंह ने अपनी अंतिम चाल को चला और जयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी की ताजपोशी करवा ही दी। इस चिंतन शिविर में राजा दिग्विजय सिंह एक जगह कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के गले में हाथ डाले नजर आए (फोटो देखें) बस लोगों को लगा कि अब अहमद पटेल की बिदाई की डुगडुगी बजने ही वाली है। वैसे राजा दिग्विजय सिंह ने अपना यह दांव चलकर एक तरह से खुद की जीत और पुराने कांग्रेसी नेतृत्व को चारों खाने चित्त कर पटखनी दे ही दी है। (साई फीचर्स)

दिग्विजय को गुरू बना लिया शिवराज ने!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------48

दिग्विजय को गुरू बना लिया शिवराज ने!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। क्या देश के हृदय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ होने वाला है? क्या कांग्रेस के इक्कीसवीं सदी के चाणक्य राजा दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना सियासी गुरू बना लिया है? क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस एक बार फिर लौटने की तैयारी मुकम्मल कर चुकी है? इस तरह के प्रश्न इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालयों की वीथिकाओं में घुमड़ रहे हैं।
कांग्रेस के मुख्यालय 24, अकबर रोड़ के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो दस साल तक लगातार राज करने के उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह के कार्यकाल को कोई इसलिए कंपेयर नहीं कर पा रहा है क्योंकि उसके बाद भाजपा का शासन है अतः कांग्रेस के पूर्व निजामों में दिग्गी राजा का कार्यकाल ही सर्वोत्तम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि वे ही लगातार सीएम रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के मुख्यालय 11, अशोक रोड़ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मध्य प्रदेश के हालात देखकर लग रहा है मानो शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस महासचिव दिग्गी राजा को अपना गुरू बना लिया हो। या दिग्विजय सिंह के अंतिम सालों के फार्मूलों को अपना लिया हो। शिवराज सरकार में अब अफसरशाही भाजपा का साथ छोड़ती नजर आ रही है।
सूत्रों के अनुसार यह वाकई बहुत ही आश्चर्य का विषय है कि चुनावी साल में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान प्रदर्शित होने वाली झांकियों के प्रस्ताव, वीर बच्चों के प्रस्ताव ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार को नहीं भेजे गए हों। इतना ही नहीं कलाकारों को भी इस बार दिल्ली नहीं भेजा गया है। चुनावी साल में अगर मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन, मुख्यमंत्री द्वारा की जाने वाली पंचायतें या फिर लाडली लक्ष्मी योजना के प्रस्ताव ही भेजे जाते तो कम से कम भारतीय जनता पार्टी के एमपी नहीं राष्ट्रीय स्तर पर इसका लाभ मिलने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।

मौसम ने ले ली करवट


मौसम ने ले ली करवट

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। मौसम विभाग का पूर्वानुमान अंततः सही साबित होता दिख रहा है। उत्तर भारत में मौसम ने यू टर्न ले लिया है। दिल्ली में भी बूंदाबांदी से मौसम में ठण्डक बढ़ गई है। मैदानी इलाकों में भी ठण्डी हवाएं चलने की खबरें आ रही हैं। मध्य प्रदेश में सूर्य नारायण की बादलों में लुकाछिपी और सर्द हवाओं ने तापमान में गिरावट ला दी है।
जाते जाते सर्दी फिर वापसी कर रही है, मौसम विभाग के मुताबिक आज से पूरे उत्तर भारत में मौसम का मिजाज जबरदस्त करवट लेने वाला है, जिसकी वजह से ठंड फिर लौटेगी। मैदानी इलाकों में जहां भारी बारिश और ओले पड़ने की संभावना है तो वहीं पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी होगी।
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के लोग आने वाले हफ्ते में ठिठुरते नजर आ सकते हैं। मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया का बताया कि आज से पूरे उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी की वजह से पारा काफी गिर सकता है। मौसम विभाग की मानें तो 4 और 5 फरवरी को ठंड की ठिठुरन सबसे ज्यादा होगी। इस सिलसिले में मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए के सूत्रों ने साई न्यजू को बताया है कि मौसम में इस बदलाव की वजह है वेस्टर्न डिस्टरबेंस।
उधर जम्मू से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से विनोद नेगी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जवाहर सुरंग के दोनों ओर आज सुबह हिमपात के कारण रास्ता रोक दिया गया है। साई ब्यूरो ने बताया है कि कई स्थानों पर यात्री और वाहन फंसे हुए हैं।
स्थानीय स्तर पर जम्मू संभाग के कई ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी और मैदानी इलाकों में कल देर शाम से हो रही वर्षा के कारण तापमान में एक बार फिर से गिरावट दर्ज की गई है। जम्मू संभाग के पत्नीटॉप, नथडापुर और कई दूसरे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर भी बर्फबारी की खबरें मिली हैं जो आज सुबह भी जारी थी। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम विक्षोभ के जम्मू कशमीर में पहुंचने के कारण राज्य के मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। हालांकि मंगलवार से मौसम में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि गत शाम से ही उत्तर भारत में हल्की बारिश के साथ मौसम में बदलाव होना शुरू हो गया है। मैदानी इलाकों में भारी बारिश के साथ ओले पड़ने की भी संभावना है। बारिश का सबसे ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दिख सकता है। वहीं जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फवारी की आशंका है। इतना ही नहीं सर्दी से अमूमन अछूते रहे उत्तर गुजरात और पश्चिम मध्य प्रदेश तक पर इसका असर पड़ने की संभावना है।
मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक मौसम विभाग की मानें तो भारी बर्फबारी की वजह से पहाड़ों पर सड़क यातायात पर भी असर पड़ सकता है। बर्फबारी के चलते रास्ते बंद होने की भी संभावना है। मौसम विभाग के आंकड़ों की मानें तो इन दो दिनों में पहाड़ी इलाकों में रोज चार से सात सेंटीमीटर बर्फभारी की संभावना है। वहीं मैदानी इलाकों में 2 से 4 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टरबेंस जाने के बाद तापमान में एक बार फिर से गिरावट दर्ज होगी और ठंड अगले कुछ दिनों तक बनी रहेगी। मौसम विभाग की मानें तो पूरे उत्तर भारत में मौसम के इस बदलाव की वजह से तापमान में 4 से 6 डिग्री तक गिरावट दर्ज होगी।

यौन हिंसा अध्यादेश लागू


यौन हिंसा अध्यादेश लागू

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। महिलाओं के प्रति यौन हिंसा से निपटने का अध्यादेश लागू हो गया है। इसमें यौन हिंसा से पीड़िता की मृत्यु होने पर मृत्युदंड का प्रावधान है। गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि फौजदारी कानूनों में संशोधन से संबंधित इस अध्यादेश को कल राष्ट्रपति ने मंजूरी दी।
कानून मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महिलाओं के प्रति यौन हिंसा के मामले में पीड़िता की मृत्यु होने या स्थाई रूप से उसे निष्क्रियता की स्थिति में लाने पर मृत्युदंड और दुष्कर्म मामले में बीस वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया गया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश में न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा समिति की अधिकतर सिफारिशों को शामिल किया है।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि महिलाओं का पीछा करने, निर्वस्त्र करने तथा अश्लील तरीके से देखने जैसे कृत्यों को अपराध की श्रेणी में माना गया है और इसके लिए कड़ा दंड दिया जाएगा। यौन ंिहंसा की परिभाषा भी व्यापक बनाई गई है। अध्यादेश में बलात्कार की जगह यौन हिंसा शब्द का इस्तेमाल किया गया है जिससे महिलाओं के प्रति सभी तरह के यौन अपराधों को इसमें शामिल किया जा सके। अध्यादेश के जरिए भारतीय दंड संहिता, अपराधिक मामलों से निपटने की प्रक्रिया तथा साक्ष्य कानूनों में संशोधन किया गया है।
दिल्ली में १६ दिसम्बर की सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद सरकार ने आपराधिक कानूनों में संशोधन के सुझाव देने के लिए न्यायमूर्ति वर्मा समिति का गठन किया था। इस समिति ने निर्धारित समय पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आश्वासन दिया था कि न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिशों पर सरकार तेजी से कार्रवाई करेगी। 

मनरेगा सुपर हिट है छग में


मनरेगा सुपर हिट है छग में

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना भले ही भ्रष्टाचार का गढ़ बन रही हो पर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में यह वरदान ही साबित हो रही है। जिला प्रशासन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महात्मा गांधी नरेगा की वजह से लोगों का पलायन रुका है।
सूत्रों ने साई न्जूज को बताया कि महात्मा गांधी नरेगा ने कुछ ही समय में इस गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल दी हैं। इस योजना के तहत इस गांव में पांच तलाबों को गहरा किया गया, तीन स्टॉप डैम बनाए गए और भूमि सुधार के भी कई काम किए गए। इससे लोगों को रोजगार ही नहीं मिला बल्कि बारिश का पानी ठहरने की वजह से यहां का जलस्तर भी बढ़ा और लगभग सूख चुके पानी के स्त्रोत फिर से लबालब हो गए। महात्मा गांधी नरेगा के तहत कराए गए इन शानदार कामों के तहत गातापार ग्राम पंचायत को बीती २ फरवरी को प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने पुरस्कार प्रदान किया है। गातापार देश की उन ११ ग्राम पंचायतों में से एक है जिन्हें यह पुरस्कार मिला है।

पुस्तक मेला आरंभ


पुस्तक मेला आरंभ

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी के प्रगति मैदान में आज से दिल्ली विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशी थरूर ने इसका उद्घाटन किया। यह पुस्तक मेला १० फरवरी तक चलेगा जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट आयोजित कर रहा है। इस बार पुस्तक मेले की थीम है-देशज अभिव्यक्तियां- भारतीय परिकल्पना में लोक और जन जातीय साहित्य। पुस्तक मेले में भारत सहित २३ देशों के ग्यारह सौ से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं। इस मेले में सरकार की विशेष भागीदारी है और इसमें ई-बुक्स पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। युवा वर्ग और बच्चों के लिए विशेष मंडप बनाया गया है।
आयोजन समिति ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रगती मैदान में आयोजित हो रहे इस मेले में नई पीढ़ी के अधिक से अधिक पाठकों को जोड़ने का प्रयास रहेगा। उनके लिए अलग से पैवेलियन हैं और प्रकाशक युवाओं को आकर्षित करने वाली पुस्तकें ला रहे हैं। इसके अतिरिक्त युवा लेखकों की पुस्तकों की भी मेले में भरमार रहेगी। 30 से ज्यादा युवा लेखकों की किताबों का विमोचन इस पुस्तक मेले में होगा।
नई पीढ़ी के युवाओं को लेखकों से सीधे जोड़ने के लिए आयोजकों ने इस बार ऑथर्स कॉर्नरबनाया है, जहां लेखक-पाठक के बीच सीधा संवाद हो सकेगा। एक सप्ताह के आयोजन में सौ से ज्यादा लेखक यहां पाठकों से जुड़ेंगे। यहां ऐसे सत्रों का भी आयोजन है, जिनमें लेखक युवाओं को लेखन कौशल बेहतर बनाने के टिप्स देंगे और अपने लेखन संबंधी अनुभव साझा करेंगे।
बच्चों और युवाओं में पुस्तकों को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक स्कूल, कॉलेज और एनजीओ छोटे-छोटे नाटकों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। यही नहीं युवाओं को करियर गाइडेंस समेत मतदान के प्रति युवाओं को जागरूक करने के कार्यक्रम भी यहां होंगे। एक पूरा पैवेलियन बच्चों और युवाओं की गतिविधियों पर केंद्रित होगा।
प्रकाशक जहां शिक्षा, साहित्य और संस्कृति से जुड़ी पारंपरिक और नई किताबें ला रहे हैं, वहीं गॉड पार्टिकल जैसे विषय और स्टीव जॉब्स जैसी शख्सीयत पर ढेरों नई किताबें पुस्तक मेले में आ रही हैं। हिंदी साहित्य के प्रकाशक भी युवा लेखकों के कहानी संग्रह और उपन्यास प्राथमिकता से ला रहे हैं। वहीं शनिवार को 98 वर्ष के हुए लेखक-पत्रकार खुशवंत सिंह की किताब देयर इज नो गॉडका हिंदी अनुवाद भगवान बिकाऊ नहींशीर्षक से आ रहा है।

दवाओं पर मनमानी अब नहीं चलेगी


दवाओं पर मनमानी अब नहीं चलेगी

(विम्मी अर्गल)

नई दिल्ली (साई)। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स अब मूल्य नियंत्रण के दायरे में आने वाली दवाओं की कीमतों पर नजर रखने के लिए और चौकसी बरतने जा रहा है। इसके लिए वह देश के विभिन्न राज्यों में नैशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के दफ्तर खोलने के लिए कमर कस रहा है। इस मामले में सिर्फ योजना आयोग की मंजूरी का इंतजार है।
इस कवायद का मकसद दवा कंपनियों द्वारा प्राइस कंट्रोल के दायरे में आने वाली दवाओं को मनमाने दामों पर बेचने से रोकना है। गौरतलब है कि दवा कंपनियां सरकार के इंतजामों को दरकिनार करते हुए पिछले साल तक उपभोक्ताओं से करीब 2577 करोड़ रुपये ज्यादा वसूल चुकी थीं और इसमें से सिर्फ 234 करोड़ रुपये की वसूली ही सरकार कर पाई है। डिपार्टमेंट इस मामले में और चौकसी इसलिए भी बरतना चाहता है क्योंकि पहले मूल्य नियंत्रण के दायरे में 74 बल्क ड्रग्स आती थीं। अब इस कैटिगरी में 348 दवाओं को शामिल कर लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि दवाओं के दाम तय करने का फॉर्म्युला पूरी तरह से फार्मा कंपनियों की पसंद का न बनने के कारण दवाओं को मनमाने रेट्स पर बेचने का सिलसिला और तेज हो सकता है।
एनपीपीए के दफ्तर पूरे देश में खोले जाने के लिए 11वीं पंचवर्षीय योजना में भी काफी कोशिशें हुई थीं, लेकिन योजना आयोग की मंजूरी नहीं मिलने से मामला लटक गया था। आयोग ने इस बार भी इस मद में पैसा आवंटित नहीं किया है, मगर कोशिश की जा रही है कि वह इस योजना को मंजूरी दे दे। सूत्रों का कहना है कि आयोग के स्वास्थ्य मामलों के पैनल ने एनपीपीए को मजबूत बनाने के लिए जोरदार सिफारिश की थी। खुद आयोग दवाओं के बढ़ते दामों पर कई बार चिंता जता चुका है। उसका आकलन है कि दवाओं के ज्यादा रेट्स की वजह से आज देश की चार फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे चली गई है। 

अजब गजब: राष्ट्रपति की माशुका को फर्स्ट लेडी का दर्जा


अजब गजब: राष्ट्रपति की माशुका को फर्स्ट लेडी का दर्जा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। 14 फरवरी को फ्रांस के राष्ट्रपति एफ.होलांडे भारत दौरे पर आ रहे हैं। यह उनकी पहली भारत यात्रा है। होलांडे के साथ उनकी गर्लफ्रेंड वेलेरिए भी आएंगी। भारत सरकार ने होलांडे की गर्लफ्रेंड को फर्स्ट लेडी का दर्जा देने का फैसला किया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसका मतलब साफ है कि फ्रांस के राष्ट्रपति की गर्लफ्रेंड के लिए भी रेड कारपेट बिछाया जाएगा। इसे भारत के नजरिए में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले 2008 में जब निकोलस सारकोजी फ्रांस के राष्ट्रपति के रूप में भारत दौरे पर आए थे तब उनकी गर्लफ्रेंड कार्ला ब्रून भी साथ आई थी।
उस वक्त भारत ने ब्रूनी को फर्स्ट लेडी का दर्जा नहीं दिया था। साउथ ब्लॉक ने पेरिस को संदेशा पहुंचाया था कि ब्रूनी को फर्स्ट लेडी का दर्जा नहीं दिया जाएगा। इस कारण ब्रून को ड्रॉफ आउट करना पड़ा था। ब्रूनी को फर्स्ट लेडी का दर्जा इसलिए नहीं दिया गया था क्योंकि उनकी सारकोजी से शादी नहीं हुई थी।
बाद में सारकोजी और ब्रूनी ताजमहल का दीदार करने आगरा गए थे। भारत दौरे के बाद जब सारकोजी फ्रांस पहुंचे तो एक हफ्ते में ही उन्होंने ब्रूनी से शादी कर ली। इस बार जब होलांडे भारत दौरे पर आ रहे हैं तो विदेश मंत्रालय की प्रोटोकॉल डिवीजन फिर परेशानी में पड़ गई।
परेशानी यह थी कि होलांडे की गर्लफ्रेंड को फर्स्ट लेडी का दर्जा दिया जाए या नहीं। एक समाचार पत्र के मुताबिक ज्यादातर अधिकारियों ने कहा कि सरकार को वक्त के मुताबिक आगे बढ़ना चाहिए। उन्हें शिष्टाचार देना चाहिए। इसके बाद फैसला हुआ कि जो सम्मान किसी राष्ट्राध्यक्ष की कानूनन पत्नी को दिया जाता है वही सम्मान इनको भी दिया जाना चाहिए।
होलांडे की गर्लफ्रेंड पेशे से पत्रकार है। उनका दो बार तलाक हो चुका है। उनके तीन बेटे हैं। 2007 से वह होलांडे के साथ रह रही है। पिछले साल अक्टूबर में भी भारत को उस वक्त मुश्किल का सामना करना पड़ा था जब ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के भारत दौरे के लिए तैयारियां चल रही थी। गिलार्ड के उस वक्त अपने पार्टनर टिम मैथिएसन के साथ भारत आने की खबर थी। उस वक्त उनको स्पाउज स्टेट्स देने का फैसला हुआ। हालांकि आखिरी मिनट में टिम ने भारत आने का फैसला टाल दिया।

दीपा सिर्फ डांसर: त्रणमूल


दीपा सिर्फ डांसर: त्रणमूल

(प्रतुल बनर्जी)

कोलकता (साई)। पार्क स्ट्रीय गैंग रेप पर विवादित बयान देने वाली तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली दास्तीदार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कांग्रेस सांसद और केन्द्रीय मंत्री दीपादास मुंशी को लेकर विवादित बयान दिया है। काकोली ने कहा कि डांसिंग और मेक अप से आप नेता नहीं बन सकती। तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने केन्द्रीय मंत्री को चुनौती दी कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की सीटें 19 से 1 पर लाकर दिखाएं। दासमुंशी कई मौकों पर घ्सा दावा करती आई है। दास्तीदार ने कहा कि वह (दीपादास मुंशी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लड़ाई के बारे में भूल जाएं।
उन्होंने कहा कि वे चुनौति देती हैं कि उनके चुनाव क्षेत्र में आएं और अगले लोकसभा चुनावों में उन्हें हराकर दिखाएं। दासमुंशी ने तृणमूल सांसद के बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं घ्से भड़काऊ,घटिया और सस्ते बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकती।
इस तरह के बयान पश्चिम बंगाल की संस्कृति के खिलाफ हैं। ये कांग्रेस की कल्चर के भी खिलाफ हैं। बंगाल कांग्रेस के प्रमुख प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि काकोली दास्तीदार इसलिए दीपादास मुंशी को निशाना बना रही है क्योंकि वे बंगाल के कुशासन के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। 

साकादेही ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार


साकादेही ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार

(आशीष माहेश्वरी)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की साकादेही ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती हेमलता वाडिव को श्रेष्ठ कार्यों के लिए यहां राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विज्ञान भवन में आयोजित 8वें मनरेगा दिवस समारोह में यह पुरस्कार प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह की उपस्थिति में यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने दिया। इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भी उपस्थित थे। यह पुरस्कार देश की 11 ग्राम पंचायतों को दिया गया।
उल्लेखनीय है कि कुल 2136 आबादी वाली साकादेही ग्राम पंचायत ने वर्ष 2011-12 में मनरेगा में 14 कपिल धारा कूप निर्माण कर 17 हेक्टेयर जमीन में सिंचाई उपलब्ध करवाने के साथ-साथ आठ हितग्राहियों को नंदनफलोद्यान योजना के तहत विभिन्न प्रजाति के 860 पौधे रोपित करने के लिए उपलबध करवाये। साथ ही निर्मल नीर पेयजल कूप योजनार्न्तगत 25 परिवारों को पेयजल सुविधा भी दी गयी। पंचायत क्षेत्र में दो ग्रामीण क्रीड़ागण निर्मित कर बच्चों को खेलकूद की सुविधा उपलब्ध करवायी गयी। इसके साथ ही वृक्षारोपण कार्य से 20 महिलाओं के समूह को जोड़कर उन्हें आजीविका के सृजन में मदद की गयी।
इसके अलावा इस ग्राम पंचायत ने पंच परमेश्वर योजना की सीमेंट कंाक्रीट सड़क निर्माण कर गांव में आंतरिक आवागमन सुविधा को आसान बनाया। दो ग्रेवल सड़कों का निर्माण कर तीन गांवों को बेहतर आवागमन सुविधा प्रदान की गयी। पंचायत में 304 परिवारों को 17 हजार 131 दिवस का रोजगार इस योजना के तहत मुहैया कराया गया। 

‘मौलिक भारत‘ आन्दोलन का श्रीगणेश


मौलिक भारतआन्दोलन का श्रीगणेश

(रोशनी भार्गव)

नई दिल्ली (साई)। हम सभी आज यह अनुभव कर रहे हैं कि देश में वर्तमान व्यवस्था पूरी तरह असफल सिद्ध हो चुकी है। मामला भ्रष्टाचार का हो या देश की सुरक्षा का, देश का शासन हर मोर्चे पर असफल सिद्ध हो रहा है। पिछले कुछ वर्षो से देश में कई आंदोलन चल रहे हैं जो इस बात के प्रतीक हैं कि देश में एक प्रकार का असंतोष व्यापक पैमाने पर पनप रहा है। परंतु ये आंदोलन इस असंतोष को सकारात्मक दिशा दे पाने में असफल रहे हैं। ऐसे में जरूरत है देश को उसकी जड़ों यानी मौलिक भारत की ओर वापस ले जाने की। कैसा स्वरूप होगा मौलिक भारत का और उसे कैसे पाया जा सकेगा, यह गहन चिंतन का विषय है। ऐसे में देश के अनेक प्रबुद्ध लोग देश में एक व्यवस्था परिवर्तन व देश के नवनिर्माण का रचनात्मक कार्य खड़ा करने के लिए एक मंच पर आए हैं, जिसका नाम है, मौलिक भारत।
गांधी शांति प्रतिष्ठान में गांधी के देखे हुए सपनों को हकीकत की जमीन पर उतारने के लिए प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एस्ट्रो अंकल पवन सिन्हा, आईपीएस अमिताभ ठाकुर, प्रसिद्ध कवि गजेंद्र सोलंकी, से।नि। मेजर संगीता तोमर, लोकराज अभियान के अमरनाथ ओझा, अनंत त्रिवेदी, पर्यावरणविद अरूण तिवारी, जनसंसद की संकल्पना पर अभियान चलाने वाले नेपाल सिंह तोमर, आध्यात्मिक प्रणाम आंदोलन की प्रमुख मीनाजी, डायलॉग इंडिया के संपादक अनुज अग्रवाल सहित अनेक प्रमुख लोगों ने मिलकर मौलिक भारत की स्थापना की घोषणा की।
इस अवसर पर मौलिक भारत के संयोजक पवन सिन्हा ने कहा कि देश भर में एक बेचैनी है, हमारी वर्तमान सरकार सभी क्षेत्रों में असफल रही है। आज जरूरत है देश में एक नया नेतृत्व खड़ा करने की और यह हमें कई दशकों में नहीं, कुछ वर्षो में ही पूरा करना है। ऐसा हमारा संकल्प है। यह संकल्प पूरा करने की समय सीमा कम से कम करना हमारे हाथ में। इसका रास्ता गुरु गोविंद सिंह ने बता रखा है- सवा लाख से एक लड़ाऊंतो गुरु गोविंद सिंह कहलाऊं। हमारे भी गुरु गोविंद सिंहजी हैं। अगर हम भी सवा लाख से एक लड़ाऊबन पाए व उनके साथ सवा लाख से लड़ाऊवाले और भी नेता-कार्यकर्ता जोड़ पाए तो यह समय सीमा हम न्यूनतम करने में सफल होंगे।
मौलिक भारत के स्थापना दिवस पर पचास से अधिक संस्थाओं ने इस अभियान से जुड़कर इसे सफल बनाने में पूरा सहयोग करने का संकल्प लिया।

साई मंदिर में हुई चोरी


साई मंदिर में हुई चोरी

(मीता बख्शी)

जमशेदपुर (साई)। जमशेदपुर के कदमा थाना अंतर्गत गोस्वामी पथ उलियान निवासी भोलानाथ गोस्वामी के घर में स्थित साई मंदिर में चोरों ने ताला तोड़कर चांदी का मुकुट, दान पेटी के अलावा घर से 25 हजार रुपये नकद की चोरी कर ली। इस संबंध में भोलानाथ गोस्वामी के बयान पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
पुलिस को दिए बयान में भोलानाथ गोस्वामी ने कहा है कि मंदिर के पुजारी ताला बंद कर अपना घर चले गए। इसके बाद वे भी अपने कमरे में सो गये। रविवार की सुबह जब पुजारी मंदिर आए तो देखा कि मंदिर का ताला टूटा हुआ है। अंदर जाकर देखा तो पाया कि साई बाबा का चांदी का मुकुट दान पेटी गायब है। घटना की जानकारी तत्काल भोलानाथ गोस्वामी को दी गयी। देखते ही देखते बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ गए। जब भोलानाथ गोस्वामी ने अपना पैंट चेक किया तो उसमें रखे 25 हजार रुपये भी गायब थे।

मनाया साई बाबा प्रतिमा का स्थापना दिवस


मनाया साई बाबा प्रतिमा का स्थापना दिवस

(जया श्रीवास्तव)

रायसेन (साई)। शहर के राहुल नगर पाटनदेव के समीप साई बाबा मंदिर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को मंदिर में कई धार्मिक आयोजन हुए। मंदिर परिसर में सत्यनारायण की कथा का आयोजन हुआ। दिनभर भजन कीर्तन, श्रीराम संकीर्तन, अखंड रामायण पाठ का आयेाजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी जनता शामिल हुई।
श्रीसाई बाबा की महाआरती के बाद नगर भंडारे का आयोजन किया गया। इस आयोजन में वकील हिम्मत सिंह कुशवाह सहित मंदिर समिति के सदस्यों और धर्मप्रेमी जनता ने भरपूर सहयोग दिया। सुबह से ही साई भक्तों का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था। कथा के बाद शुरू हुए भजनों में महिलाओं ने बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया। देर शाम तक मंदिर में दर्शनार्थियों का आना-जाना लगा रहा। मंदिर में रात्रि के समय भक्तों द्धारा साई भजन भी किए जाएंगे। 

बैटरी चोरी मामले में धरे गए दो


बैटरी चोरी मामले में धरे गए दो

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। किठाना टावर से 82 हजार की बैटरी चोरी मामले में सीआईए पुलिस ने 2 आरोपी गिरफ्तार किए है। 4 अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके है। आरोपियों के कब्जा से 2 चोरीशुदा बैटरी बरामद की गई है। दोनों को आज अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पीआरओ आर.एल. खटकड़ ने बताया 20 जनवरी रात को किठाना वोडाफोन टावर से 82 हजार रुपये मुल्य की 48 बैटरी अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गये। उक्त मामले में सीआईए पुलिस के एएसआई राजबीर सिंह ने आरोपी फुलकुमार व सुनील वासी सालवन जिला करनाल को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के 4 अन्य साथी राजीव, प्रदीप, रङ्क्षवद्र व दीपक वासी सालवन पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके है, जिनके कब्जा से काफी बैटरी व वारदात में प्रयुक्त पीकअप गाड़ी बरामद की जा चुकी है। गिरोह से जुड़े 7वें आरोपी की भी पुख्ता पहचान कर ली गई,जिसकी तलाश की जा रही है।

बिजली देयकों की करें नियमित अदायगी


बिजली देयकों की करें नियमित अदायगी

(आर.के.अग्रवाल)

कैथल (साई)। उपायुक्त चंद्रशेखर ने लोगों से कहा कि वे हरियाणा सरकार की बिजली बिल माफी योजना का लाभ उठाते हुए बिजली के बिलों की नियमित अदायगी करें, ताकि उन्हें कम से कम 22 घंटे लगातार बिजली दी जा सके। कुंडी कनैक्शन हटाकर अपने-अपने घरों में बिजली मीटर लगाकर ईमानदार उपभोक्ता बनकर बिजली सुधार की दिशा में सहयोग दें।
 चंद्रशेखर जिला प्रशासन के रात्रि ठहराव कार्यक्रम के अगले दिन आज प्रातरू सफाई अभियान चलाने के बाद गांव पबनावा के पंचायत भवन में ग्राम वासियों से मुखातिब थे।ग्रामीण लोगों की शिकायतें सुनते हुए चंद्रशेखर ने ग्राम वासियों से कहा कि वृद्धावस्था समान भत्ता योजना के फार्म उन्ही लोगों को भरवाए जाएं, जो 60 वर्ष से अधिक उम्र पार कर चुके हैं। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं, लेकिन कई बार अपात्र लोग भी बीपीएल कार्ड बनवाकर पात्र लोगों का हक छिनते हैं। बीपीएल कार्ड उन्हीं लोगों को बनवाए जाएं, जो सभी नियम व शर्तें वास्तव में पूरी करते हैं। उपायुक्त ने बताया कि पिछले दिनों अंगोध में रात्रि ठहराव कार्यक्रम के दौरान गांव में घुमते हुए ऐसे समृद्ध परिवार के मकान को देखा, जो बीपीएल की श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवा चुका था। इस परिवार का दोबारा से सर्वेक्षण करके नाम काटा जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि रात्रि ठहराव कार्यक्रम गांव के विकास कार्यों को गति देने के लिए तथा पात्र लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए चलाए गए हैं। इस कार्य में ग्राम वासियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भरपूर सहयोग दिया है। उपायुक्त ने इस मौके पर ग्राम पंचायत साकरा की सरपंच सरिता देवी को समानित किया। सरपंच सरिता देवी ने ग्राम वासियों के सहयोग से ग्राम पंचायत द्वारा यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि जो भी ग्राम वासी किसी भी सड़क पर जाम लगाएंगे, उनका बहिष्कार किया जाएगा। साकरा ग्राम पंचायत ने एक अच्छी पहल की है, बाकि ग्राम पंचायतों को भी साकरा ग्राम पंचायत का अनुसरण करते हुए जाम न लगाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाम लगाने से किसी भी समस्या का हल नही है। उपायुक्त ने गांव के निकट तालाब में कुड़ा-कर्कट से फैली गंदगी के समाधान के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि गंदे पानी की निकासी करने के साथ-साथ यहां एक चौबर भी बनाया जाएगा।

दिग्गी मंत्र से निकलेगा तेलंगाना का हल!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

दिग्गी मंत्र से निकलेगा तेलंगाना का हल!
तेलंगाना का मुद्दा बहुत तेजी से उभरकर सामने आ रहा है। यह कांग्रेस के गले की फांस भी बना हुआ है। अब तेलंगाना के मामले को सुलटाने के लिए महासचिव राजा दिग्विजय सिंह की सेवाएं ली जाने वाली हैं। पिछले दिनों तेलंगाना मामले पर हुई कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में राजा दिग्विजय सिंह को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। दिग्विजय सिंह की वाईएसआर से काफी छनती थी। वाईएसआर के पुत्र जगमोहन भी दिग्गी राजा को काफी मानते हैं। इन परिस्थितियों में आंध्र प्रदेश का प्रभार गुलाम नवी आजाद से वापस लेकर दिग्विजय सिंह को दे दिया जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। अपनी अलग तरह की सर्जरी में माहिर दिग्विजय सिंह तेलंगाना का हल बहुत सटीक और सर्वसम्मति वाला निकाल लेंगे इस बात के लिए कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी आशान्वित हैं।

लखनऊ से ताल ठोंक सकते हैं मोदी!
उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता रहा है कि इस सूबे ने देश को सबसे ज्यादा वजीरे आजम दिए हैं। भाजपा के प्रतीक पुरूष अटल बिहारी बाजपेयी भी लखनऊ से ही सांसद रहते सत्तारूढ़ हुए थे। एक अनार सौ बीमार की तर्ज पर लखनऊ से चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त भाजपा में काफी लंबी बताई जा रही है। राजनाथ सिंह, अरूण जेतली के साथ ही साथ नरेंद्र मोदी भी यहां से हाथ आजमाना चाह रहे हैं। आड़वाणी के बारे में यह कहा जा रहा है कि अगर वे गांधीनगर के स्थान पर लखनऊ को चुनते हैं तो उनकी मोदी पर निर्भरता काफी हद तक खत्म हो सकती है। भाजपा के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो पंडितों ने भी मोदी, आड़वाणी, जेतली सहित अनेक नेताओं को यह कह दिया है कि लखनऊ से चुनाव जीतने वाला ही देश का अगला वज़ीरे आज़म बन सकेगा। यही कारण है कि भाजपा में सारे के सारे पीएम इन वेटिंग अब लखनऊ से चुनाव लड़ने की जुगत भिड़ाने में लग गए हैं।

अटल को बिसारती भाजपा!
भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने में अटल बिहारी बाजपेयी की महती भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। अटल बिहारी बाजपेयी पांच सालों से ज्यादा समय से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। आउट ऑफ साईट आउट ऑफ माईंट कहावत को चरितार्थ करते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पंडित अटल बिहारी बाजपेयी को भुला ही दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भाजपा के इकलौते प्रधानमंत्री अटल बिहारी को भारत रत्न देने की मांग की, तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मामले में मौन ही साधे रहा। निर्वतमान अध्यक्ष नितिन गड़करी और वर्तमान निजाम राजनाथ सिंह का स्टेंड भी इस मामले में नकारात्मक ही समझ में आ रहा है। भाजपा में अटल बिहारी बाजपेयी जैसे सच्चे और अच्छे चरित्र का भी कोई विरोधी हो सकता है यह सोचकर आश्चर्य ही होता है।

निजाम बदलने का असर दिखेगा कैंटीन पर!
जब भी किसी भी सियासी पार्टी का निजाम बदलता है वैसे ही उसके नेशनल हेडक्वार्टर की कैंटीन का मेन्यू बदल दिया जाता है। नितिन गड़करी जब भाजपा अध्यक्ष थे तब उन्हें डोसा, इडली सांभर, उपमा, उत्तपम जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन पसंद थे, इसलिए कैंटीन में यह बस मिल जाया करता था। खाने के बेहद शौकीन गड़करी की दूसरी पारी के पहले ही एक दक्षिण भारतीय रेस्टारेंट चलाने वाले के साथ भाजपा का समझौता हुआ था। इधर, राजनाथ सिंह को उत्तर भारतीय खाना पसंद है। राजनाथ सालों से दिल्ली में सक्रिय हैं। भले ही वे कैंटीन के खाने का लुत्फ ना उठाएं पर कैंटीन के मेन्यू में दक्षिण भारतीय भोजन का स्थान उत्तर भारतीय भोजन ले लेगा। अब दक्षिण भारतीय खाने के लिए भाजपा की कैंटीन में मीडिया पर्सन्स को भी तरसना ही होगा। अब वहां समोसा, कचोड़ी दही पराठा जैसी चीजें मिलने लग जाएंगी।

यूपी में संभावनाएं तलाशते दिग्गी राजा!
कांग्रेस की नजरों में भविष्य के वजीरे आज़म राहुल गांधी के अघोषित सियासी गुरू कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह अब मध्य प्रदेश में अपने पत्ते बिछाने के उपरांत उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने की संभावनाएं तेजी से टटोल रहे हैं। दिग्विजय सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि सोनिया और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश को अब वे अपना घर जैसा मानने लगे हैं। उधर दिग्गी राजा की घुर विरोधी उमा भारती भी उत्तर प्रदेश से विधायक हैं। कांग्रेस के एक आला नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि दिग्विजय सिंह को उनके एक भरोमंद पंडित ने मशविरा दिया है कि वे लखनऊ से किस्मत आजमाएं क्योंकि 2014 में मई के उपरांत जो योग बन रहे हैं उसके हिसाब से लखनऊ से बनने वाला सांसद ही देश का सबसे ताकतवर पद को हासिल करेगा। कहते हैं राजा दिग्विजय सिंह ने सर्वे एजेंसियों को भी पाबंद कर दिया है कि वे लखनऊ में उनकी जमीन का सही चित्रण उनके सामने प्रस्तुत करें।

रविशंकर पर दांव लगा सकते हैं राजनाथ!
दिल्ली में शीला दीक्षित के मजबूत गढ़ को ढहाने के लिए भाजपाध्यक्ष राजनाथ सिंह की नजरें भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद पर आकर टिक गईं हैं। राजनाथ की किचिन कैबनेट का कहना है कि जहां भाजपा की सरकार नहीं है वहां भाजपा का परचम लहराकर राजनाथ अपने आप को मजबूत करना चाहेंगे। जहां सरकार है वहां हार भी गए तो वह एंटी इंकंबेंसी फेक्टर में चली जाएगी। रविशंकर प्रसाद पर दांव लगाने के पीछे बड़ी ठोस वजह बताई जा रही है। दरअसल, दिल्ली में अब तीस फीसदी पंजाबियों के मुकाबले यूपी बिहार (पूर्वांचल) के लोगों की जनसंख्या 35 फीसदी हो गई है। वैसे भी भाजपा का मानना है कि पिछले चुनाव में भाजपा को विजय कुमार मल्होत्रा के कारण खासा नुकसान उठाना पड़ा था। अब लाख टके का सवाल यह है कि क्या दिल्ली जैसे छोटे से राज्य की कमान संभालने के लिए रविशंकर प्रसाद अपनी सहमति देंगे, जबकि आने वो निकट भविष्य में दिल्ली में कोई बड़ा सरकारी आयोजन भी ना होने वाला हो।

अमजद अली बनाम संगमा!
मेघालय में विधानसभा चुनावों के पहले अब सियासी तूफान उठता दिख रहा है। मेघालय में पी.ए.संगमा पूरा जोर लगा रहे हैं पर कांग्रेस के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को हटाने का। अब पी.ए.संगमा एण्ड पार्टी ने मुकुल संगमा पर व्यक्तिगत आरोपों की झड़ी लगा दी है। उनका कहना है कि मुकुल आदिवासी हैं ही नहीं वे मुस्लिम हैं और उनका असली नाम अमजद अली खान है। कहा जा रहा है कि जब मुकुल संगमा अध्यनरत थे तब एक कक्षा में दाखिले को लेकर उन्होंने अपना धर्म बदला था, क्योंकि वह सीट एसटी के लिए आरक्षित थी। पी.ए.संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी के भद्र जनों ने मुकुल की आर्युविज्ञान की पढ़ाई के दौरान वाले दस्तावेज भी सार्वजनिक करना आरंभ कर दिया है। पीपुल्स पार्टी का यह प्रचार या दुष्प्रचार कांग्रेस के लिए घातक सिद्ध होता दिख रहा है।

पचौरी का शनि हुआ भारी
एक मशहूर टीवी समाचार चेनल की नौकरी छोड़कर प्रधानमंत्री के मीडिया एडवाईजर बनने वाले पंकज पचौरी कई माहों से गुमनामी के अंधेरे में जी रहे हैं। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि महीनों से उनका और पीएम का आमना सामना ही नहीं हुआ है। पीएमओ के सबसे ताकतवर अधिकारी पुलक चटर्जी ही पीएम के मीडिया एडवाईजर की भूमिका भी निभा रहे हैं। अमन चैन के साथ लगभग लाख रूपए महीने की पगार और बाकी सुविधाओं का उपभोग करने वाले पचौरी पर एक बार फिर नजला टूट रहा है। देश के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन के अंत में जय हिन्द के बजाए ठीक है आने पर सारा का सारा दोष पचौरी पर ही मढ़ा जा रहा है। इसके लिए पचौरी पर गाज गिरना तय बताया जा रहा है। उधर, पचौरी के करीबियों का कहना है कि पंकज पचौरी को तो पता ही नहंी था कि पीएम कोई संबोधन देने जा रहे हैं तो फिर वे उस संबोधन को चेक करते भी तो कैसे?

आगे पीछे हो रहा माया का मन!
बसपा सुप्रीमो मायावती का आगे का एजेंडा क्या है? इस बारे में सोच सोचकर कांग्रेस की नींद उड़ी हुई है। बसपा के हाल ही के पार्टी सांसदों और विधायकों के लखनऊ में हुए सम्मेलन की खुफिया रिपोर्ट जब सोनिया के पास पहुंची तो उनके हाथों के तोते उड़ गए। इस सम्मेलन में मायावती ने दो टूक शब्दों में अपने सांसद विधायकों को कहा कि वे चुनाव के लिए कमर कस लें क्योंकि यह बजट सत्र मनमोहन सरकार का अंतिम बजट सत्र साबित होगा। 10 जनपथ के सूत्रों ने बताया कि इसके बाद सोनिया को बताया गया कि बजट सत्र में एससी एसटी आरक्षण बिल पर दबाव बनाने मायावती ने यह चाल चली है। मनराखन लाल संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ से चर्चा के उपरांत ही कांग्रेस अब इस मामले में कोई राय कायम करेगी। हो सकता है कि कमल नाथ अपना जादू दिखाकर मायावती को ममता बनर्जी की ही तरह अलग थलग करवा दें।

बिरयानी में चूहा!
इधर, भारत गणराज्य के रेल मंत्री पवन कुमार बंसल भारतीय रेल का किराया बढ़ाकर सुविधाएं देने का दावा कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर रेल में मिलने वाले खाने में मरा चूहा मिलने की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं। रेल्वे के सूत्रों ने बताया कि गुजरात के वलसाड़ के रहने वाले एक परिवार को ट्रेन में एक ऐसा अजीब व्यंजन परोसा गया कि वे हत्प्रभ रह गए। वैष्णो देवी यात्रा से लौट रहे गुजरात के एक परिवार को सर्वाेदय एक्सप्रेस ट्रेन में चूहा बिरयानी परोसी गई।  ट्रेन की पैन्ट्री में उन्होंने तीन वेज बिरयानी ऑर्डर किया। एक बिरयानी को उन्होंने अपने दोनों बच्चों से शेयर करने को कहा। जैसे ही उनके सात साल के बेटे मोनिक ने बिरयानी में चम्मच डाला, उसने कुछ भारी चीज को रुकावट के तौर पर महसूस किया। जब निलेश पटेल ने अपने बेटे की मदद करने की कोशिश की तो उन्होंने पाया कि बिरयानी के साथ एक चूहा भी पकाया गया है।

शिव नहीं चाहते भाजपा को मिले योजनाओं का लाभ!
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शीर्ष स्तर पर जो कुछ चल रहा है उसे देखकर लगने लगा है मानो चुनावी साल में गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी सांस्कृतिक टीम और बहादुर बच्चों का ना होना एक साची समझी साजिश का ही हिस्सा हैै। भाजपा के लिए आत्मघाती इस कदम को मीडिया द्वारा बार बार इस बात को उठाने पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दोषी अफसरान के खिलाफ कार्यवाही ना करना और कांग्रेस द्वारा इस मामले को ना उठाना भी आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेशनल हेडक्वार्टर के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा  कि कांग्रेस इस मामले को कैसे उठा सकती है जबकि प्रदेश में भाजपा की हेट्रिक को कांग्रेस तोड़ने पर आमदा है। जब मध्य प्रदेश के अधिकारी ही भारतीय जनता पार्टी संगठन को उनकी ही सरकार की अभिनव और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेने देना चाहते तो भला हम क्यों दिलाएं भाजपा को लाभ!

पुच्छल तारा
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट कमाल की चीज है। इस पर जो मन में आए वह लिखकर पोस्ट कर दो। फेसबुक पर कई बातें इतनी रोचक होती हैं कि चाहकर भी आप उसकी अनदेखी नहीं कर सकते हैं। पिछले दिनों एक पोस्ट पढ़कर लगा वाकई भारत में क्या हो रहा है। पोस्ट में था कि
- मेरा आयकर जमा करने का रिटर्न फार्म गलत जानकारी देने पर वापस आ गया। फार्म में लिखा था कि आपकी कमाई पर निर्भर सदस्यों की संख्या लिखिए।
- मैने लिखा तीन करोड़ बंग्लादेशी, अफजल गुरू, सलेम, मदनी सहित नौ लाख अन्य अपराधी,
- मनरेगा की दिहाडी लेने वाले 20 से 25 करोड़ लोग
- डायरेक्ट कैश ट्रांसफर का लाभ लेने वाले 25 से 30 करोड़ लोग
- वाहन भत्ते सुरक्षा आदि लेने वाले 750 संसद सदस्य
अब आप बताईए कि क्या इसमें कोई छूट गया जो मेरा फार्म वापस आ गया! क्या ये सब मेरे इंनकम टेक्स पर निर्भर नहीं है!