गुरुवार, 24 जनवरी 2013

धसका किला गड़करी से राजनाथ को हस्तांतरित!


धसका किला गड़करी से राजनाथ को हस्तांतरित!

(लिमटी खरे)

सूबाई राजनीति से उठकर राष्ट्रीय फलक पर पहुंचने वाले नितिन गड़करी एकाएक धड़ाम से जमीन पर आ गए हैं। भाजपा सहित सारे देश में गड़करी के जाने के कारणों पर गोर किया जा रहा है साथ ही साथ राजनाथ सिंह के हाथ भाजपा की कमान आने पर बनने वाले समीकरणों पर भी लोगों की बारीक नजर है। गड़करी आखिर गए क्यों और कैसे? जबकि गड़करी को दूसरा कार्यकाल दे ही दिया गया था। इसके अलावा नरेंद्र मोदी फेक्टर भी भाजपा के लिए बहुत अहमह है। गड़करी पर हो रहे आयकर के हमलों से भाजपा हिली हुई थी। भाजपा को लग रहा था कि अगर गड़करी रहे तो वे बंगारू लक्ष्मण बन जाएंगे। उधर, भाजपा के पास साफ सुथरी छवि वाला दूसरा नेता नहीं था। नरेंद्र मोदी अभी गुजरात छोड़कर आने की स्थिति में नहीं हैं तो शिवराज सिंह चौहान और रमन ंिसंह को इसी साल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की वेतरणी पार करवाना है। भाजपा की स्थिति काफी दयनीय है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। जब गड़करी के हाथों भाजपा की कमान आई थी तब कहा जा रहा था कि धसके किले की कमान उन्हें सौंप दी गई है। कमोबेश अब यही कहा सकता है कि धसके किले की कमान अब गड़करी से राजनाथ को स्थानांतरित हो गई है।

भाजपा के अंदर पिछले कुछ माहों से गंभीर मंथन चल रहा था। उससे भी ज्यादा मंथन संघ के अंदर चल रहा था। घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के खिलाफ आम चुनाव में भ्रष्टाचार को ही सबसे बड़ा मुद्दा बनाने की चाह दिख रही है, भाजपा की। इन परिस्थितियों में अगर गड़करी की पूर्ति कंपनी पर छापे दर छापे से भाजपा की साख खराब होने का डर था। उधर, संघ को भी यह डर सता रहा था कि कहीं यूपीए द्वारा गड़करी को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बंगारू लक्ष्मण ना बना दिया जाए। संघ को यह डर भी सता रहा होगा कि आयकर छापों में अगर भाजपाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो फिर भाजपा कहीं भी मुंह दिखाने के लायक नहीं बचेगी।
उधर, संघ के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार गड़करी की बिदाई और राजनाथ सिंह की ताजपोशी से साफ हो गया है कि ना संघ जीता और ना भाजपा हारी। यहां उल्लेखनीय होगा कि सूरजकुण्ड सम्मेलन में गड़करी को दूसरी पारी देने पर मुहर लगने के बाद साफ हो गया था कि गड़करी जनवरी में अपनी नई पारी की शुरूआत के साथ ही भाजपा को मजबूती प्रदान करने के लिए अपनी टीम अपने मुताबिक चुनेंगे।
सूत्रों की मानें तो एल.के.आड़वाणी की जिद के चलते ही गड़करी को अध्यक्ष पद का ताज उतारना पड़ा। आड़वाणी चाह रहे थे कि गड़करी के स्थान पर नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को बिठा दिया जाए। इस तरह आड़वाणी नेता प्रतिपक्ष के पद पर अपनी सक्सेसर बनी सुषमा को वहां से हटवा भी देते और इधर गड़करी को भी चलता ही कर देते। संघ को भी सुषमा स्वराज के नाम पर पूरा एहतराम नहीं था, अगर संघ उसमें राजी होता तो यह आड़वाणी की विजय होती। इन परिस्थितियों में संघ ने गड़करी के द्वारा राजनाथ के नाम को आगे किए जाने पर अपनी सहमति दे दी। आने वाले समय में संघ के निशाने पर आड़वाणी आ जाएं तो किसी को एतराज नहीं होना चाहिए।
राजनाथ सिंह को भाजपा की कमान उस वक्त सौंपी गई है जब भाजपा के पास खोने को कुछ भी नहीं बचा है। केंद्र में कांग्रेस के भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार, अराजकता आदि पर भाजपा का स्टेंड जनता को निराश करने वाला ही रहा है। इन परिस्थितियों में अब आम जनता यह मानकर चल रही है कि भाजपा केंद्र में पूरी तरह मैनेज्ड ही है। इसका कारण भाजपा की ओर से अब तक एक भी प्रभावी विरोध दर्ज करना नहीं है। कीमतें आसमान छू रही हैं, पर भाजपा शांत बैठी है। यदा कदा भाजपा द्वारा रस्मी तौर पर प्रतीकात्मक विरोध अवश्य ही दर्ज करवा दिया जाता है।
जिस तरह कांटों का ताज नितिन गड़करी ने पहना था उसमें दस गुने कांटे लगाकर वह ताज अब राजनाथ सिंह के सिर पर रख दिया गया है। राजनाथ सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती अगले आम चुनावों में भाजपा को स्थापित करना है। राजनाथ उमर दराज हो चुके हैं, फिर भी राजनैतिक तौर पर वे युवा हैं। देखना तो यह होगा कि क्या राजनाथ सिंह के पास राहुल गांधी के युवा कार्ड का कोई हल होगा?
उधर, अगले आम चुनावों में किसी ना किसी के चेहरे को प्रधानमंत्री का बताकर भाजपा को चुनाव लड़ना ही होगा। तब प्रश्न यह होगा कि भाजपा की ओर से पीएम केंडीडेट किसे घोषित किया जाएगा, क्योंकि पीएम की कुर्सी पाने भाजपा में दावेदारों की तादाद अन्य पार्टियों की तुलना में कहीं ज्यादा है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर नरेंद्र मोदी के चाहने वालों ने तो उन्हें अभी से अगला पीएम बना दिया है। सवाल यह है कि क्या नरेंद्र मोदी को पैजामे के अंदर रखने में कामयाब हो सकेंगे राजनाथ सिंह!
वैसे देखा जाए तो राजनाथ सिंह के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा हुआ है। नितिन गड़करी संघ के लाड़ले, दुलारे थे। कहा तो यह भी जाता है कि संघ मुख्यालय नागपुर का सारा का सारा भोगमान नितिन गड़करी ही सालों से भोगते आ रहे हैं। भाजपा नेताओं की चौं चौं के चलते संघ ने गड़करी को तो पीछे कर लिया है, पर अब क्या संघ के जहर बुझे तीरों को बर्दाश्त कर पाएंगे राजनाथ सिंह? भाजपा को संघ के साथ लेकर चलना राजनाथ के लिए तलवार की धार पर चलने के बराबर ही साबित होने वाला है।
राजनाथ सिंह को अगर सफलता के साथ चलकर अगले आम चुनाव में सरकार बनाना है तो इसके लिए उन्हें सबसे पहले राजग गठबंधन के पुराने सहयोगियों को एक सूत्र में पिरोना होगा। इसके लिए राजनाथ सिंह के लिए सबसे दुष्कर कार्य नरेंद्र मोदी और नितीश कुमार को एक मंच पर लाने का होगा। इसके साथ ही साथ संप्रग के घटक दलों को भी तोड़कर राजग के साथ लाना होगा।
राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनते ही मध्य प्रदेश, छत्तीगढ़, दिल्ली आदि में विधानसभा चुनाव हैं। राजनाथ को एमपी और छग में अपनी सरकार बचाने के साथ ही साथ दिल्ली पर कब्जा करना भी बड़ी चुनौती होगा। जिस तरह कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी पर उनके संसदीय क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश को बचा ना पाने के आरोप लगते हैं उसी तरह राजनाथ सिंह को अपने गृह सूबे उत्तर प्रदेश को बचाना और उसमें भाजपा को मजबूत करना पहली प्राथमिकता होगा।
अचानक ही आनन फानन कैसे गड़करी की बिदाई की पटकथा लिख दी गई। कहा जा रहा है कि लगभग एक पखवाड़े से गड़करी के खिलाफ छापों की बात अंदरखाने में गूंज रही थी। फिर अचानक छापे 22 तारीख को ही क्यों। भाजपा के एक चतुर सुजान ने कांग्रेस से मिलकर दनादन छापे घलवा दिए, संघ को इसका भान पहले से ही था, फिर क्या एक पखवाड़े से ही गड़करी के विकल्प के बतौर राजनाथ को स्टेंडबाय में तैयार रखा गया था। (साई फीचर्स)

आखिर क्यों नाराज हैं शिवराज से अफसरान!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------42

आखिर क्यों नाराज हैं शिवराज से अफसरान!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश सरकार को अपनी जनकल्याणकारी अभिनव योजनाओं को प्रदर्शित करने और उनका पालीटिकल माईलेज वह भी चुनावी साल में लेने का अंतिम मौका मिला पर सरकार इसमें चूक गई। आखिर क्या वजह है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उसके अफसर ही शिवराज से किनारा करते नजर आ रहे हैं? आखिर शिवराज सिंह चौहान को उनकी मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं का राजनैतिक लाभ लेने से वंचित रखा जा रहा है, गणतंत्र दिवस पर राजपथ में प्रदेश की झांकी लगातार दूसरी साल प्रदर्शित ना किया जाकर!
जैसे ही लगातार दूसरी बार दिल्ली के राजपथ पर मध्य प्रदेश की झांकी प्रदर्शित ना किए जाने की खबर आम हुई मध्य प्रदेश के आला अफसरान के कान खड़े हो गए हैं। पिछले साल गणतंत्र 2012 की झांकी के लिए तीन लचर प्रस्ताव केंद्र को प्राप्त हुए थे जो कि अस्वीकार कर दिए गए। इसके उपरांत वर्ष 2013 के गणतंत्र के लिए तो मध्य प्रदेश की ओर से प्रस्ताव ही नहीं भेजा जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश से जुड़े दिल्ली में पदस्थ एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि दरअसल, प्रभात झा के भाजपाध्यक्ष रहते हुए मध्य प्रदेश में अफसरों ने भी राजनैतिक सरपरस्ती ढूंढ ली थी। यही कारण है कि अब भारतीय जनता पार्टी ही नहीं, वरन् मध्य प्रदेश में अफसरशाही भी सियासी झंडों के गुटों तले दबी सांसे ले रही है।
उक्त अधिकारी ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान कहा कि जब शिवराज सिंह चौहान पर संकट के बादल छाए थे और कैलाश विजयवर्गीय का नाम सीएम के लिए उछला था, तभी विजयवर्गीय ने इंदौर में पदस्थ सुरेश तिवारी को मध्य प्रदेश सूचना केंद्र दिल्ली का प्रभारी बनवा दिया था। माना जाता है कि दिल्ली के मीडिया को अगर मैनेज कर लिया जाए तो बाकी को साधना आसान ही होता है। इसके बाद जब विजयवर्गीय कमजोर हुए तब सुरेश तिवारी के स्थान पर सुरेंद्र द्विवेदी को दिल्ली पदस्थ कर दिया गया था।
उक्त अधिकारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि सुरेश तिवारी वर्तमान में जनसंपर्क संचालनालय में क्षेत्रीय प्रचार की कमान संभाले हैं। अब समीकरणों के हिसाब से यह कहा जा सकता है कि कैलाश विजयवर्गीय के इशारे पर ही इस लगातार दूसरे साल गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी प्रदर्शित नहीं की जा रही है। इसे शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एक षणयंत्र भी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगा।
देखा जाए तो चुनावी साल में देश की राजधानी में मध्य प्रदेश की झांकी ना होना आश्चर्य का ही विषय है। ज्ञातव्य है कि देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ अभियान का आगाज किया। इसके उपरांत 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना का श्रीगणेश किया जिसमें लगभग साढ़े तेरह लाख बच्चियां अब तक लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं। महिलाओं पर आधारित तेजस्वनी योजना के तहत स्वसहायता समूहों का गठन भी किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान के खाते की सबसे सुपर डुपर हिट योजना है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना। इस योजना पर आधारित झांकी अगर इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ से गुजरती तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भाजपा को जमकर लाभ होता। इस योजना में उत्तराखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, जम्मू काश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडू, झारखण्ड, कर्नाटक और महाराष्ट्र का चयन किया गया है।
अब मध्य प्रदेश के आला अधिकारी एक दूसरे से यह कहकर खाल बचाते नजर आ रहे हैं कि जरूरी नहीं कि हर साल हर प्रदेश की झांकी को राजपथ पर स्थान मिले, पर उन आला अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर क्या वजह है कि इस साल चुनावी साल होने के बाद भी झांकी के लिए प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजे गए। प्रस्ताव अगर भेजे जाते और वे निरस्त होते तो अलग बात थी पर प्रस्ताव ही नहीं भेजना षणयंत्र का ताना बाना का आभास करने के लिए पर्याप्त कहा जा सकता है।

बधाई दामनि को मिले 73 फीसदी मार्कस


बधाई दामनि को मिले 73 फीसदी मार्कस

(के.दिशा)

देहरादून (साई)। दिल्ली में गेंग रेप की पीडिता और फिजियोथेरिपी की छात्रा ने अपना अंतिम इम्तेहान दिया था उत्तराखण्ड में और उसका परिणाम आ गया है उसने परीक्षा 73 फीसदी अंकों से पास की है। देहरादून में उसकी शिक्षण संस्थान के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उसे शानदार मार्क्स मिले हैं जो कि औसत 55 से 65 पर्सेंट के करीब हैं। 23 साल की गैंगरेप विक्टिम इसी इंस्टिट्यूट में चार सालों से पढ़ रही थी। उसके शिक्षकों ने कहा कि उसका शानदार परफॉर्मेंस रहा।
गौरतलब है कि गैंगरेप विक्टम 16 दिसंबर की रात चलती बस में बर्बर तरीके से गैंग रेप का शिकार बनी थी। करीब एक हफ्ते से ज्यादा जिंदगी और मौत से बहादुरी से जूझते हुए उसकी 29 दिसंबर को सिंगापुर हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी की तरफ से ली गई 6 पेपर्स की परीक्षा में उसे टोटल 1100 में से 800 मार्क्स मिले हैं। इस परीक्षा के बाद ही गैंगरेप विक्टिम दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली इंटर्नशिप करने आई थी।
इस खबर के बाद जब उसके परिजनों से संपर्क साधा गया, तो पहले वे कुछ भी कहने में खुद को असमर्थ पा रहे थे। फिर उन्होंने कहा, कि रिजल्ट तो बढ़िया है। लेकिन हम इस खुशी को महसूस नहीं कर पा रहे हैं। उसके नहीं होने की वजह से यह खुशी नहीं बल्कि उदासी और गम ही है। हम यही उम्मीद करते हैं कि मेरे दोनों बच्चे इससे जरूर प्रेरणा लेंगे।
संस्थान के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि फिजियोथेरपी अर्थाेपेडिक्स में 200 में 124, फिजियोथेरपी न्यूरोलॉजी में 200 में 147, फिजियोथेरपी कार्डिलॉजी में 200 में 151, फिजियोथेरपी मेडिसीन में 220 में 144, बायो स्टैटिक्स में 100 में 74 और क्लिनिकल प्रॉजेक्ट में 200 में से 160 मार्क्स मिले हैं।

गणतंत्र पर हाई अलर्ट पर होगा देश

गणतंत्र पर हाई अलर्ट पर होगा देश

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। अजमल कसाब की मौत का बदला देने के लिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी संगठनों भारत में 26 जनवरी को बड़ी वारदात करने का ऐलान किया है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो ने खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के हवाले से बताया कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और तहरीक-ए-तालिबान ने मिलकर 26 जनवरी समारोहों में आतंकी हमलों का प्लान बनाया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए बारूद और हथियार भारत पहुंचा दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां इस धमकी को बेहद गंभीरता से ले रही हैं। गौरतलब है कि कसाब को 21 नवंबर को पुणे की जेल में फांसी दी गई थी। तब से आतंकी संगठन कसाब की मौत का बदला लेने के लिए कई बार धमकियां दे चुके हैं। इस बार मामला गंभीर है। आईबी के मुताबिक आतंकियों ने इसके लिए दिल्ली में चार प्रमुख स्थानों को चुना है। इसमें लोटस टैंपल, चांदनी चौक, गांधी नगर मार्केट और एक मुख्य मेट्रो स्टेशन शामिल है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान में मौजूद लश्कर-ए-जहानवी ने 26 जनवरी को 26/11 जैसे हमले की भी योजना बनाई है। इसके लिए आतंकियों को अफगान पासपोर्ट मुहैया करा दिए गए हैं।
उधर, सूत्रों ने साई न्यूज को यह भी बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकियों की रेकॉर्ड की गई बातचीत से एक और साजिश का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि 26 जनवरी को भारतीय सैनिकों पर और हमले हो सकते हैं। आईएसआई ने आतंकियों को भारतीय सेना पर हमले के लिए इनाम का ऐलान किया है। आईएसआई ने लैंडमाइन बिछाने के लिए 5 हजार और भारतीय जवान का सिर काटने पर 5 लाख का इनाम रखा है।

सुरक्षित है सुभाषचन्द्र बोस की रसोई

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। करोड़ों युवाओं के पायोनियर सुभाष चंद्र बोस जिस बावर्चीखाने का उपयोग करते थे, वह आज भी सुरक्षित है। मध्य प्रदेश सरकार को उस रसोई की कोई चिंता नहीं है। इस एतिहासिक इमारत में आज बाल संप्रेक्षण गृह संचालित हो रहा है। पूर्व में एतिहासिक जिला जेल की रिक्त हुई इमारत में जब पूर्व में केंद्रीय विद्यालय संचालित होता था तब नेताओं के दबाव में तत्कालीन जिला कलेक्टर सारस्वत ने इसे खाली करवा दिया गया था।
सिवनी के बाल न्यायालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की रसोई और उनके द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली वस्तुएं आज भी सुरक्षित हैं। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगाका नारा बुलंद कर आजादी की लडाई में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सिवनी जेल में अपने जीवन के 147 दिन गुजारे थे। ब्रिटिश हुकुमत ने उन्हें तीन जनवरी 1932 से लेकर 30 मई 1932 तक आजादी के दीवानों के साथ सिवनी की ऐतिहासिक जेल में निरुद्ध किया था। इन दिनों में नेताजी अपना भोजन खुद बनाते थे।
उस समय की ऐतिहासिक जेल के स्थान पर आज यहां बाल सुधार गृह है, जहां नेताजी की रसोई और उनके उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुऐं आज भी सुरक्षित रखीं हैं। बाल सुधार गृह में नेताजी की यादों के साथ साथ समाज से भटके हुए बालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अनेक रोजगारनोन्मुख कार्य सिखाये जाते हैं।

बलात्कार पीडिता ने अदालत परिसर में खाया जहर


बलात्कार पीडिता ने अदालत परिसर में खाया जहर

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। अहमदाबाद में सामूहिक बलात्कार की शिकार लडकी ने आज मेट्रोपोलिटन अदालत के परिसर में इंसाफ में देरी का आरोप लगाते हुए जहरीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी की कोशिश की। लडकी के वकील और घटनाक्रम के चश्मदीद भरत शाह ने बताया कि वर्ष 2008 के कथित दुष्कर्म मामले में सुनवाई के लिए आई पीडिता को जब पता चला कि मामले में अगली सुनवाई की तारीख 8 फरवरी मुकर्रर की गयी है तो वह पांचवीं मंजिल पर स्थित अदालत कक्ष से बाहर आई और किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। उसने कहा कि इंसाफ में देरी की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक लडकी को अस्पताल पहुंचाया गया। लडकी के वकील ने कहा कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस वी पारिख की अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की थी लेकिन उनके अनुरोध पर इसे बदलकर 8 फरवरी कर दिया गया। वकील के मुताबिक लडकी शहर के अंबराईवाडी इलाके में एक कपडा कंपनी में काम करती थी और उसने 2008 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी के मालिक और तीन अन्य लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस कृत्य में उन्होंने दुकान पर काम करने वाली तीन महिला कर्मचारियों की मदद ली थी।

प्रसव मामलों में जिला सलाहकार समिति की बैठक संपन्न


प्रसव मामलों में जिला सलाहकार समिति की बैठक संपन्न

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। जिले के सभी अल्ट्रा साउंड क्लीनिक्स (सोनोग्राफी सेन्टर्स) का निरीक्षण होगा। यह निरीक्षण ३१ जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा। प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात गर्भ निदान तकनीक अधिनियम (पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी.एक्ट) के क्रियान्वयन के लिये गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर एवं जिला समुचित प्राधिकारी अजीत कुमार ने की। यह बैठक १८ से २४ जनवरी तक बालिका सप्ताह मनाये जाने के परिप्रेक्ष्य में आयोजित की गई थी। कलेक्टर ने कहा कि बालिका सप्ताह मनाने के लिये जिन विभागों को जो दायित्व दिये गये हैं, वे उन्हें गंभीरतापूर्वक पूरा करें। अल्ट्रा साउंड क्लीनिक्स के निरीक्षण के दौरान डाक्टर्स एवं अन्य से वार्ता के लिये अपनी पहचान बताने के लिये जिला सलाहकार समिति के सदस्यों के पास कोई ऑफिशियल परिचय-पत्र न होने की जानकारी दिये जाने पर कलेक्टर ने सी.एम.एच.ओ. को समिति के सभी सदस्यों का आईडेन्टिटी कार्ड बनाने के निर्देश दिये।
बैठक में सी.एम.एच.ओ. एवं सचिव जिला सलाहकार समिति डा.वाय.एस.ठाकुर ने बताया कि जिलास्तरीय निरीक्षण दल में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट भी नियमित रूप से उपस्थित हो रहे है। जिले में आठ अल्ट्रासाउंड सेंटर पंजीकृत हैं। जिलास्तरीय निरीक्षण दल द्वारा कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के साथ  नवंबर माह में दो अल्ट्रासाउंड क्लीनिक क्रमशरू डॉ. श्रीमती सोनल त्रिवेदी एवं डॉ. श्रीमती विद्या जठार हास्पिटल का निरीक्षण किया गया। जनवरी माह में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान डॉ. विमलेश चौधरी एवं डॉ. एस.के.श्रीवास्तव के अल्ट्रासाउंड क्लीनिक बंद पाये गये, केवल एक अल्ट्रासाउंड क्लीनिक डॉ. पी.के.जैन आर्शीवाद नघ्सग होम सिवनी का निरीक्षण किया गया। गत आठ दिसंबर को पी.सी. एंड पी.एन.डी.टी. एक्ट की प्रचार-प्रसार (मीडिया) कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। कार्यशाला में मीडिया प्रतिनिधियों, शासकीय प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों, एन.जी.ओ. सहित कुल १०२ प्रतिभागियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि डॉ. एस.के.श्रीवास्तव एवं डॉ. श्रीमती विद्या जठार द्वारा फार्म एफ की छायाप्रति नियमित जमा न करने के संबंध में अपनी गलती स्वीकार कर लेने के कारण उन्हें चेतावनी पत्र जारी कर प्रकरण नस्तीबद्व कर दिया गया है।
बैठक में सी.एम.एच.ओ. ने गत तीन वर्षाे में सिवनी जिले में गर्भवती माताओं के पंजीयन तथा पैदा हुए बालक/ बालिकाओं की संख्या एवं जन्म पंजीयन संबंधी आकडे भी प्रस्तुत किये। कलेक्टर ने बश्चों के जन्म पंजीयन की कार्यवाही को और अधिक बेहतर और पुख्ता करने के निर्देश दिये। सी.एम.एच.ओ. ने बताया कि लखनादौन की श्रीमती आभा राजपूत ने एस.डी.एम. लखनादौन को लिखित सूचना दी है कि उनकी सोनोग्राफी मशीन तीन वर्षाे से खराब है और उपयोग नही की जा रही है। उनकी मशीन को सीलबंद कर लिया जाये। लखनादौन के ही मिशन क्रिश्चयन अस्पताल की सोनोग्राफी मशीन भी लगभग दो वर्ष पूर्व सीलबंद की गई थी, इस मशीन का पुनरू निरीक्षण एवं निराकरण होना है। कलेक्टर ने सी.एम.एच.ओ. को दोनों मशीनों को राजसात कर लेने के निर्देश दिये। सी.एम.एच.ओ. ने बताया कि सिवनी नगर स्थित डॉ. सोनल त्रिवेदी, डॉ. विद्या जठार तथा डॉ. पी.के.जैन के सोनोग्राफी क्लीनिक का निरीक्षण हो चुका है, शेष क्लीनिक्स का निरीक्षण ३१ जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा। बैठक में समिति के सदस्य सहायक संचालक/जिला जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम, एस.डी.एम. सिवनी शहरी चन्द्रशेखर शुक्ला, जिला चिकित्सालय के डाक्टर्स, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, समिति के लीगल एडवाइजर जिला अभियोजन अधिकारी, अशासकीय सदस्य श्रीमती पुष्पा मेहदीरत्ता एवं श्रीनिवास मूर्ती उपस्थित थे!

एसआईएफ से मदद मंजूर


एसआईएफ से मदद मंजूर

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सी.एम.एच.ओ. ने आज यहां बताया कि जिला बीमारी सहायता निधि से जिले के ७ रोगपीडितों को ९ लाख ४१ हजार रूपये की मदद मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी से पीडित सिवनी तहसील के ग्राम कन्हरगांव निवासी देवकरण पिता माधवराम सनोडिया को एक लाख ६५ हजार रूपये, बरघाट तहसील के ग्राम निवारी निवासी श्रीमती योगिताबाई पति शेरसिह ठाकरे को एक लाख ३० हजार रूपये, ग्राम छपारा मकान नंबर ५७२ वार्ड क्रमांक १९ निवासी श्रीमती इन्द्राबाई पति धनराम मरार को एक लाख ३० हजार रूपये, लखनादौन तहसील के ग्राम चीलचौद निवासी श्रीमती रजनीबाई पति सुरेश कावरे को एक लाख ३० हजार रूपये, कुरई तहसील के ग्राम बुडडी निवासी कुबेर ङ्क्षसह आत्मज नूरङ्क्षसह रघुवंशी एवं केवलारी तहसील के ग्राम बनाथर निवासी ईश्वरदयाल पति लेखराम पटले, दोनों को ९७-९७ हजार रूपये तथा केवलारी तहसील के ग्राम सुरसुरा निवासी श्रीमती सीमा पति श्यामलाल को ९५ हजार रूपये की मदद राशि दी गई है। इन सभी रोगपीडितों को कहा गया है कि वे रेफर किये गये संबंधित संस्थानों में जाकर शीघ्र अपना ईलाज करायें।

साई भजनों से गूंज उठा बद्दी


साई भजनों से गूंज उठा बद्दी

(रीता वर्मा)

शिमला (साई)। राज्य के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी हाउसिंग बोर्ड साई मंदिर का छठा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लेकर साई राम साई शाम का गुणगान किया। जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एसपी गुप्ता व सुभाष गर्ग ने बताया कि साई मंदिर हाउसिंग बोर्ड बद्दी के छठे स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर सबसे पहले महिलाओं द्वारा प्रभातफेरी निकाली गई व पूरे हाउसिंग बोर्ड में साई जी का गुणगान हुआ। उसके बाद  साई जी को पवित्र स्नान करवाया गया, जिसमें सैकड़ों लेगों ने इस पवित्र स्नान में हिस्सा लेकर साई जी का आशीर्वाद लिया। उन्होंने बताया कि यह पवित्र स्नान साई जी को साल में पांच बार करवाया जाता है। अंत में निकाली गईं साई शोभायात्रा में साई जी की छह अलग-अलग झांकियां निकाली गईं तथा भोले शंकर व काली माता की झांकियां निकाली गई, जो साई मंदिर से होती हुई हाउसिंग बोर्ड, बद्दी-साई मार्ग से होती हुई सब्जी मंडी होते हुए साई मंदिर पहुंची व पूरा क्षेत्र साई राम साई शाम के गुणगान से झूम गया। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह लोगों ने खान-पान की व्यवस्था की, जहां लोगों ने प्रसाद छका। इसके बाद मंदिर प्रांगण में जालंधर से आई साई मंडली के प्रमुख गायक वीरेंद्र एंड पार्टी ने साई संध्या का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न प्रकार की झांकियां निकालकर व साई भजन गाकर लोगों का मनोरंजन किया तथा साई जी का गुणगान किया। इस मौके पर  ग्राम पंचायत भटौलीकलां के प्रधान अच्छरपाल कौशल, एसपी गुप्ता, सुभाष गर्ग, राजिंद्र मितल, डाक्टर मुकेश मल्होत्रा, रमेश चंदेल, सुरिंद्र शर्मा,सुभाष चौहान, ईश्वर चंदेल, पंडित चंद्रशेखर, दीदार सिंह, भीम सिंह, अंकुश समेत अनेक लेग उपस्थित थे।