सोमवार, 14 जनवरी 2013

नपुंसक हाकिम, बेबस पहरेदार!


ये है दिल्ली मेरी जान

(लिमटी खरे)

नपुंसक हाकिम, बेबस पहरेदार!
देश ने जब आजादी की सांसे ली होंगी तब कांग्रेस के नेताओं ने खुशियों में मिठाईयां बांटीं होंगी और यह सोचा होगा कि आने वाले समय में देश उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। इक्कीसवीं सदी की कल्पना करते वक्त महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के ना जाने कितने अरमान रहे होंगे। इक्कीसवीं सदी में कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथ में हैं। मानें ना मानें पर सोनिया हैं तो इटली मूल की, इसलिए देश के प्रति उनके लगाव पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक ही है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी कहर बरपाते हैं, संसद पर हमला होता है, कारगिल युद्ध में भारत के पहरेदार जवान अपने प्राण गंवाते हैं, हाड कपानें रक्त जमाने वाली ठण्ड में सैनिक देश की सीमा की पहरेदारी कर अपना जीवन दांव पर लगाते हैं, अपने ही देश में दुश्मन घुसकर सेना के जवानों को ना केवल मारते हैं, वरन् उसका सर काटकर ले जाते हैं, फिर भी भारत सरकार अपनी पीठ यह कहकर थपथपाती है कि हमने पाक के राजदूत को अंततः तलब कर ही लिया। सेना भूखी रखवाली कर रही है, उधर सोनिया मनमोहन के घर दावतें उड़ रही हैं। सारा देश कह रहा है
नपुंसक हाकिम, बेबस पहरेदार!
बिका है मीडिया, विपक्ष है लाचार!!
जय भारत जय जवान!!!
हो रहा भारत निर्माण!!!!

परंपराओं को उलट सकते हैं प्रणव!
माना जाता है कि भारत गणराज्य के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति बनने के बाद उसका दुबारा सक्रिय राजनीति में लौटना संभव नहीं होता है। देश के प्रथम नागरिक के रायसीना हिल्स स्थित आवास से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो वर्तमान महामहिम प्रणव मुखर्जी कुछ नया कर सकते हैं, वे अब तक की मान्य परंपराओं को उलट सकते हैं। कहा जा रहा है कि वर्ष 2014 के आम चुनावों में केंद्र में तस्वीर कुछ इस तरह होगी कि सभी को एक सूत्र में पिरोने के लिए किसी महारथी की आवश्यक्ता ही होगी। कांग्रेस के पास प्रणव मुखर्जी से अच्छा मनराखनलाल कोई दूसरा नहीं था। दादा अब रायसीना हिल्स पहुंच गए हैं, सो वे अब घोषित और प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस के संकटमोचक नहीं बन पा रहे हैं। दादा के समर्थक अब भी इसी उम्मीद में हैं कि जल्द ही दादा को दुबारा रायसीना हिल्स से वापस मुख्यधारा में लाया जाए और 2014 में उन्हें 7, रेसकोर्स रोड़ पर काबिज करवा दिया जाए। कहते हैं दादा ने भी इसके लिए अपनी सहमति दे दी है और वे संवेधानिक विशेषज्ञों से सलाह मशविरे में जुट चुके हैं।

फिर जगी आड़वाणी की उम्मीदें!
राजग के पीएम इन वेटिंग एल.के.आड़वाणी एक बार फिर मन में 7, रेसकोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के वजीरे आज़म का सरकारी आवास) को आशियाना बनाने की बात डोलने लगी है। देश में अराजकता की स्थिति, एक के बाद एक हर मोर्चे पर असफल होती केंद्र सरकार, पाकिस्तान के हमले, दिलेरी से बढ़ती मंहगाई आदि मामलों से अब आड़वाणी को लगने लगा है कि आने वाले समय में कांग्रेस चारों खाने चित्त होने वाली है। आड़वाणी के करीबी सूत्रों का कहना है कि आड़वाणी को लगने लगा है कि सोनिया गांध्ी निश्चित तौर पर किसी ना किसी बात का बदला भारत की जनता से ले रही हैं। इन परिस्थितियों में अब भाजपा को सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है। संभवतः यही कारण है कि पिछले दिनों भाजपा के महासचिव रामलाल जो गड़करी की दूसरी पारी के लिए आड़वाणी की सहमति लेने उनके निवास पर गए थे, को बेरंग लौटा दिया। आड़वाणी जुंडाली की मानें तो अंदर ही अंदर अब आड़वाणी एक बार फिर इस बात की तैयारी में लग गए हैं कि वे अपनी छाप पीएम इन वेटिंग से वेटिंग शब्द को हटा ही दें।

चिदम्बरम का है इकबाल बुलंद
पिछले दरवाजे यानी राज्य सभा के रास्ते राजनीति करने वाले वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम का इकबाल इन दिनों जमकर बुलंद नजर आ रहा है। चिदम्बरम की पांचों उंगलियां घी में और सर कढाई में है। विश्व के सबसे प्रभावशाली और विश्वस्त समझे जाने वाले इकनोमिस्ट वीकली ने पीत पत्रकारिता के तहत तो चिदम्बरम का नाम पीएम के बतौर नहीं उछाला है। दरअसल, चिदम्बरम को सबसे अधिक भाव दे रहे हैं कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी। मनमोहन सिंह की गलत नीतियों और रीढ़ विहीन कार्यशैली से कांग्रेस का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है। इसीलिए अब टीम राहुल ने मनमोहन का विकल्प खोजना आरंभ कर दिया है। राहुल को मनमोहन के विकल्प के बतौर चिदम्बरम ही मुफीद बैठ रहे हैं। सरकार के लिए राहत की बात यह है कि डीएमके ने भी दक्षिण भारत के नेता को पीएम बनाने की बात की वकालत कर दी है। प्रणव मुखर्जी के रायसीना हिल्स पहुंचने के उपरांत पलनिअप्पम चिदम्बरम के 7, आरसीआर पहुंचने के मार्ग प्रशस्त हो गए हैं।

दिल्ली से खफा हैं महाराष्ट्र काडर के आईपीएस
देश के महाराष्ट्र सूबे में भारतीय पुलिस सेवा के अफसरान की तादाद सबसे ज्यादा है। इस राज्य में आईपीएस अफसरों की संख्या 300 है। इस राज्य में केंद्र के नियमों के अनुसार लगभग साठ अफसरान को केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर होना चाहिए। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र से महज बीस अफसर ही ने दिल्ली का रूख किया है। पता नहीं क्यों महाराष्ट्र काडर के आईपीएस अफसर दिल्ली से नाखुश हैं। यही कारण है कि आज तक आईबी, सीबीआई या रा के निदेशक पद के लिए नहीं चुने गए हैं। महाराष्ट्र मूल के सुशील कुमार शिंदे के गृह मंत्री बनते ही यह माना जा रहा था कि केंद्र में अब महाराष्ट्र काडर के अफसरों की तादाद बढ़ेगी, वस्तुतः एसा हुआ नहीं। उधर, शिंदे के करीबी सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र के आईपीएस अफसर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बजाए अपने सूबे विशेषकर मुंबई में ही नौकरी करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।

सोनिया के निर्देश पर झुके चिदम्बरम!
एफडीआई मुद्दे पर सदन में कांग्रेस की नाक बचाने के लिए हर कोई संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ की ही माला जप रहा है। कमल नाथ के बढ़ते कद से सबसे ज्यादा चिंतित वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम ही दिख रहे हैं। बैंकिंग और बीमा बिल के मामले में सभी दलों को साथ ना ला पाने से कांग्रेस के आला नेताओं ने चिदम्बरम को जमकर खरी खोटी सुनाई थी। सोनिया के निर्देश पर कमल नाथ ने चिदम्बरम की मदद आरंभ की और एफडीआई का मामला सुलटा। कमल नाथ का जुगाड़ तंत्र इतना मजबूत है कि वे कभी भी कुछ भी कर सकते हैं। चिदम्बरम को डर है कि कहीं सधे कदमों से आगे बढ़कर कमल नाथ खुद अगले आम चुनावों में खुद को प्रधानमंत्री का दावेदार ना घोषित करवा लें। कमल नाथ की योग्यता पर चिदम्बरम को कोई शंका नहीं है। दोनों के बीच दूरिया बढीं तो सोनिया को हस्ताक्षेप करना पड़ा। बताते हैं कि कमल नाथ और चिदम्बरम एक साथ कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र छिंदवाडा में नाथ के फार्म हाउस पर गुपचुप बैठक भी कर आए हैं।

संगमा ठोंकेगे कांग्रेस के ताबूत में कील
मेघालय में विधानसभा चुनावों का बिगुल बजते ही कांग्रेस की नींद हराम हो गई है। इसका कारण पी.ए.संगमा हैं। संगमा ने अपने नए राजनैतिक दल नेशनल पीपुल्स पार्टी की घोषणा कर दी है। संगमा का मेघालय में गजब का दबदबा है। मेघालय में वर्तमान में मुकुल संगमा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, पर कांग्रेस को अब इस गढ़ को बचाना बहुत मुश्किल प्रतीत हो रहा है। कांग्रेस का मुकाबला नेशनल पीपुल्स पार्टी और यूडीएफ से है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक नेशनल पीपुल्स पार्टी अपने प्रभाव वाले गारो हिल्स में 24 में से 20 सीटों पर कड़ी टक्कर दे रही है। सर्वेक्षण में कांग्रेस की नींद में खलल इसलिए और पड़ा है क्योंकि कहा जा रहा है कि यहां के स्थानीय आदिवासी और यहां तक कि चर्च भी संगमा के साथ कदम से कदम मिला रहे हैं। अब देखना यह है कि अगर मेघालय कांग्रेस के हाथ से जाता है तो सोनिया को कटघरे में कौन कौन खड़ा करता है?

अटल को लेकर ही बंट गई भाजपा!
भारतीय जनता पार्टी को एक मुकाम तक पहुंचाने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी का नाम प्रमुख तौर पर लिया जाता है। प्रधानमंत्री रहते अटल बिहारी बाजपेयी ने जो काम किए हैं वे आज भी अनुकरणीय ही माने जाते हैं। पिछले दिनों अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न देने की मांग पर ही भाजपा बंटी हुई दिख रही है। भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर अटल जी को भारत रत्न देने की मांग की। इसके बाद भाजपा को मानों सांप सूंघ गया। भाजपा ने इस मांग को आगे नहीं बढ़ाया। भाजपा अध्यक्ष नितिन गड़करी सहित किसी भी पदाधिकारी ने यशवंत सिन्हा की मांग का समर्थन नहीं किया। यह जगजाहिर है कि यह तो अटल बिहारी बाजपेयी का ही चेहरा था जिसके सहारे भाजपा ने केंद्र में तेरह दिन, तेरह माह और पांच साल तक शासन किया। भाजपा के आला नेता ही नहीं चाह रहे हैं कि अटल बिहारी बाजपेयी को भारत रत्न ना मिले।

जनसंपर्क में दलाली चरम पर!
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली में इन दिनों मीडिया बिरादरी में मध्य प्रदेश के जनसंपर्क महकमे को लेकर तरह तरह की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कहा जा रहा है कि जनसंपर्क विभाग के सेवानिवृत अधिकारियों द्वारा छोटे, मझोले अखबारों के प्रतिनिधियों को यह ऑफर दिया जा रहा है कि अगर उन्हें समाचार पत्र का मध्य प्रदेश ब्यूरो बना दिया जाए तो वे लाखों के विज्ञापनों से अखबार को लाद सकते हैं। एक अखबार मालिक के करीबी सूत्र ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि एक सेवानिवृत अधिकारी ने अखबार नवीस को ऑफर इस तरह का ऑफर दिया है। उधर, अनेक अनाम पत्र पत्रिकाओं के बारे में कहा जा रहा है कि सुबह भोपाल एक्सप्रेस से भोपाल पहुंचो और ले दे कर दोपहर की शताब्दी से विज्ञापन लेकर रात तक दिल्ली वापस लौट जाओ। जनसंपर्क विभाग में एसा हो रहा है या नहीं यह बात तो वे ही जानें पर जनसंपर्क मंत्री की अनुशंसाओं को रद्दी में डालने के अनेक किस्से प्रकाश मे आ रहे हैं।

प्रभात झा दिल्ली में जमने की फिराक में
एमपी के निजाम शिवराज की चाणक्य नीति के चलते मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद दोबारा पाने में विफल रहे प्रभात झा अब दिल्ली में बड़ा पद पाने के लिए अपने सम्पर्काे को साधने मे लग गए हैं। उधर, झा के करीबी सूत्रों का कहना है कि झा को अंतिम समय तक अंधेरे में रखकर उनकी बिदाई कर देने से वे बेहद आहत हैं। यही कारण है कि उनकी बिदाई की संज्ञा उन्होंने पोखरण विस्फोट से कर दी थी। भाजपा के नेशनल हेडक्वार्टर के सूत्रों की मानें तो अपमान का घूंट पीकर शांत रहने वाले प्रभात झा की पहली प्राथमिकता इस समय दिल्ली में सम्मानजनक पद को पाना है। शिवराज से निपटने की रणनीति वे कुछ समय बाद बनाएंगे। उधर, आग और पानी का संतुलन बराबर रखने के लिए प्रभात झा को केन्द्रीय चुनाव समिति में शामिल किया जा सकता है। अठारह सदस्यीय केन्द्रीय चुनाव समिति में मध्यप्रदेश सेे फिलहाल थावरचंद गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर सदस्य हैं।

पुच्छल तारा
इंटरनेट पर इन दिनों आम आदमी की पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के सैन फ्रांसिस्को की यात्रा को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। कहा जा रहा है कि केजरीवाल जब सैन फ्रांसिस्को पहुंचे तो वहां उन्होंने एनआरआई को लुभाने की कवायद की। संभवतः फंडिंग के लिए किए गए इस काम के बाद केजरीवाल ने कुछ वक्त बाजार में भी बिताया। एक दुकान में केजरीवाल को चूहे की कांसे की मूर्ति दिखी, उन्हें यह भा गई और उन्होने उसका दाम पूछा। दुकानदार ने चूहे का दाम तो 12 डालर बताया किन्तु इसके साथ एक कहानी के लिए सौ डालर मांगे। केजरीवाल के पास समय कम था सो उन्होंने कहानी सुनने में दिलचस्पी दिखाने के बजाए 12 डालर देकर चूहा खरीद लिया। रास्ते में चूहा उनके हाथ से गिर गया। फिर क्या था? उन्हें एक दो चार नहीं सैकड़ों चूहों ने घेर लिया। वे बचकर भागते रहे पर कोई फायदा नहीं हुआ। चूहों की तादाद लाखों में पहुंच गई। तभी वे समुद्र किनारे पहुंचे और उन्होंने चूहे को लेकर समुुद्र में फेंक दिया। फिर क्या था, चूहों ने केजरीवाल को छोड़ समुद्र की राह पकड़ ली। वे वापस उसी दुकान लोटे, लुटे पिटे हैरान परेशान केजरीवाल को देखकर दुकानदार ने पूछा साहब सौ डालर दो और कहनी भी सुन जाओ। छूटते ही केजरीवाल बोले -‘‘अरे नहीं भई, कहानी तो समझ गया, पर यह बताओ क्या भारत के नेताओं की कांसे की प्रतिमा मिल सकती है?‘‘

गरीब गुरबों के 18 करोड़ अंतिम यात्रा में उड़ाए प्रतिभा पाटिल ने!




गरीब गुरबों के 18 करोड़ अंतिम यात्रा में उड़ाए प्रतिभा पाटिल ने!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। अपनी विदेश यात्राओं पर हुए खर्च से उत्पन्न विवाद के बावजूद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा अपने कार्यकाल के खत्म होने के ठीक पहले की गई अपनी अंतिम विदेश यात्रा पर करीब 18।08 करोड रुपये खर्च आया। यह आधिकारिक जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली है। प्रतिभा पाटिल ने अपनी विदेश यात्राओं पर 205 करोड़ रूपए खर्च किए हैं।
एयर इंडिया ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बताया कि प्रतिभा पाटिल की 29 अप्रैल से आठ मई तक की दक्षिण अफ्रीका और सेशेल्स की यात्रा के दौरान विमानन कंपनी के बोइंग 747-400 जंबो विमान पर ही 16।38 करोड रुपये का खर्च आया। इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिया में 1।46 करोड रुपये का खर्च आया। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर रुकने पर 71।82 लाख रुपये, 52।33 लाख रुपये यातायात पर और 22।12 लाख रुपये अन्य मदों में खर्च किये गये। डरबन में 23।55 लाख रुपये खर्च किये गये। अकेल होटल में रुकने का खर्च 18 लाख रुपये आया और यातायात पर 5।27 लाख रुपये खर्च हुये।
प्रतिभा के रुकने और अन्य खर्च के बारे में विवरण प्रिटोरिया और डरबन में भारतीय मिशनों ने आरटीआई के तहत मुहैया कराया। इससे पहले उस समय विवाद शुरु हो गया था जब पिछले साल यह खुलासा हुआ कि प्रतिभा पाटिल के पांच साल के कार्यकाल के दौरान 22 देशों की उनकी 12 विदेश यात्राओं पर 205 करोड रुपये खर्च आये। इसमें दक्षिण अफ्रीका और सेसेल्स की यात्रा का खर्च शामिल नहीं था। राष्ट्रपति भवन ने बचाव करते हुए कहा था कि द्विपक्षीय सहयोग को बढावा देने के लिए यात्राएं आवश्यक थीं। ये यात्राएं प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की अनुशंसा और उचित समीक्षा के बाद की गयी थीं।


कुंभ का आगाज!


कुंभ का आगाज!

(निधि श्रीवास्तव)

इलाहाबाद (साई)। पहले शाही स्नान के साथ ही तीर्थराज के नाम से मशहूर प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम तट पर महाकुंभ शुरू हो गया। परंपरा के मुताबिक शाही स्नान में सबसे पहले सुबह साढ़े पांच बजे महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने डुबकी लगाई। अखाड़ों के स्नान का क्रम  शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा।
इस दौरान 13 अखाड़ों के करीब 3 लाख साधु स्नान करेंगे। देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक एक करोड़ लोग संगम तट पर डुबकी लगा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सुबह पौने दस बजे तक ही 30 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे।
महानिर्माणी अखाड़ा के साथ अटल आखाड़ा और उसके बाद निरंजनी, आनंद, जूना, अवाहन, अग्नि, निर्वाणी, दिगंबर, निर्माेही, नया उदासीन, बड़ा उदासीन और निर्मल आखाड़ा के साधुओं का स्नान होता है। कुंभ में हर आखाड़े के साधुओं के स्नान की समय अवधि निश्चित है।
दरअसल, शाही स्नान को लेकर अलग-अलग आखाड़े के साधु एक दूसरे से झगड़ पड़ते थे, इसलिए अंग्रेजों के समय में ही इन आखाड़ों के स्नान का वक्त निश्चित कर दिया गया। आखाड़ों के आकार को देखते हुए उनके स्नान की अवधि को निश्चित किया गया है। यह अवधि 30 मिनट से एक घंटे तक की है। साधु जिस रास्ते से स्नान के लिए जाते हैं, उस रास्ते से लौटते नहीं हैं क्योंकि दो आखाड़ों के साधुओं के बीच झड़प की आशंका बनी रहती है।
साधु-संतों के साथ-साथ संगम तट पर आम श्रद्धालुओं का भी सैलाब उमड़ पड़ा है। आधी रात के बाद से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचने लगे थे। जैसे जैसे दिन चढ़ने लगा, संगम तट श्रद्धालुओं से पट गया।  एक करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान है।

केंद्र नहीं मोदी ने दिया पाक को करारा जवाब!



केंद्र नहीं मोदी ने दिया पाक को करारा जवाब!

(जलपन पटेल)

अहमदाबाद (साई)। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पतंग उत्सव राज्य में भले ही काफी लंबे समय से मनाया जाता रहा है, लेकिन उनकी सरकार ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का काम किया। मोदी ने यहां साबरमती नदी के किनारे 25वें अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘‘पतंग उत्सव एक नियमित कार्यक्रम रहा है। यह काफी लंबे वक्त से मौजूद था। लेकिन इसे विश्व को दिखाने का कौशल नहीं था। हमने दिखाया कि कैसे एक पतंग विश्व को गुजरात की तरफ आकर्षित कर सकती है।’’
उन्होंने कहा कि इस बार राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव को मोधेरा जैसे छोटे शहरों तक ले जा रही है। मोदी ने पर्यटन को बढावा देने के गुजरात सरकार के प्रयासों की भी बात की और कहा कि इस तरह के उत्सव पर्यटन को बढावा देने के साथ गरीबों को भी फायदा पहुंचायेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के पास विश्व को दिखाने और देने के लिये काफी कुछ है। लेकिन पहले पर्यटन को उतना बढावा नहीं दिया गया, जितना मिलना चाहिये था। हम लोगों को गुजरात बुलाना और दिखाना चाहते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत में पर्यटन क्षेत्र सात फीसदी की दर से विकास कर रहा है जबकि गुजरात में यह 16 फीसदी की दर से विकास कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने प्रयासों का फल मिल रहा है।’’ मोदी ने कहा कि गुजरात के छह करोड लोगों की ताकत विश्व भर से लोगों को यहां ला रही है।
इस मौके पर राज्य के पर्यटन मंत्री सौरभ पटेल, राजस्व मंत्री आनंदी पटेल, वित्त मंत्री नितिन पटेल समेत कई अन्य लोग भी मौजूद थे। अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव में 50 देशों और भारत के 10 राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हुये। यहां आये एक ब्रितानी नागरिक ने गुजरात के लोगों की मेहमाननवाजी की तारीफ की और कहा कि वे इस अनुभव का आनंद ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गुजरात की सरकार ने वो कर दिखाया जिसे केन्द्र सरकार नहीं कर पाई। गुजरात सरकार ने 22 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमण्डल से बड़ी विनम्रता से वाइब्रेंट गुजरात समिट छोड़कर जाने को कहा है।

ग्लोबल वार्मिंग पर लगा ब्रेक


ग्लोबल वार्मिंग पर लगा ब्रेक

(यशवंत)

वाशिंग्टन (साई)। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या एक वैश्विक चुनौती है और इस समस्या के लिए कोई एक देश नहीं, बल्कि लगभग सभी मुल्क जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस ग्लोबल वार्मिग की रोकथाम के लिए दुनिया के सभी देश प्रयासरत हैं। ग्रीनहाउस गैसों में कटौती से लेकर तमाम तरह की कोशिशें विश्व स्तर पर जारी है।
संभवतः इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि ग्लोबल वार्मिग से संबंधित एक अच्छी खबर सामने आयी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्ष 1998 से ग्लोबल वार्मिग की रफ्तार कम हो गयी है। पहले यह अनुमान लगाया गया था कि पृथ्वी का तापमान लगाता बढ़ रहा है, लेकिन अब भूवैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्व अनुमानों की अपेक्षा पृथ्वी का तापमान काफी धीमी गति से बढ़ रहा है।
उनके आकलन के मुताबिक, 1971-2000 के बीच पृथ्वी का तापमान तेजी से बढ़ा, लेकिन अगले पांच वर्षों में यह 0।43 डिग्री से अधिक नहीं बढ़ेगा। इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि पृथ्वी के तापमान में अगले पांच वर्षों में 0।54 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी होगी।
इस नये आंकड़े के आने के बाद अब वैज्ञानिकों के बीच यह विरोधाभास उत्पन्न हो गया है कि क्या ग्रीनहाउस गैसों के उत्सजर्न और पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी के बीच कोई संबंध है या नहीं। हालांकि, कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्लोबल वार्मिग भले ही कम हुआ हो, लेकिन यह पूरी तरह रुका नहीं है और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सजर्न से समुद्र की सतह के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

लोस नायक शहीद सुधाकर सिंह एवं शहीद हेमराज को दी श्रंद्धाजलि


लोस नायक शहीद सुधाकर सिंह एवं शहीद हेमराज को दी श्रंद्धाजलि

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। अभिनव भारत द्वारा युवाओं के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवककानंद जी की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें याद किया गया एवं लास नायक शहीद सुधाकर एवं लास नायक हेमराज को सम्मान पूर्वक श्रंद्धाजलि दी गई। विवेकानंद जी की जयंती के मौके पर अभिनव भारत के सदस्यों ने उनके विचारों को जन-जन तक पहुचाने का साथ-साथ लोगों से उनके पद चिन्हों में चलने की बात कहीं।
इसी के साथ सायं 6ः30 बजे बाहुबली चौक में अभिनव भारत के सदस्यों द्वारा लास नायक द्वारा शहीद सुधाकर सिंह एवं शहीद हेमराज की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर दो मिनिट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई साथ ही यह भी प्रार्थना की गई कि ईष्वर शहीदों के परिवार को इस गहन दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
इस कार्यक्रम में बोलते हुये वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेष यादव ने कहा कायर पाकिस्तान द्वारा की गई इस अमानवीय हरकत को भारत को बर्दाष्त नहीं करना चाहिये। यह भारत की मौन की पराकाष्ठा हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की इस धोखे की गई कायरतपूर्ण कार्यवाही से सारा भारत आहत हैं अतः भारत सरकार को ईष्वर सदबुद्धि दे ताकि वो बयानबाजी बन्द करके ठोस कार्यवाही हेतु कड़े कदम उठाये और पाकिस्तान को सबक सिखायें।

शिव के स्‍तुतिगान में जुटे तोमर

शिव के स्‍तुतिगान में जुटे तोमर

(नन्‍द किशोर)

भोपाल (साई)। एमपी के भाजपा निजाम नरेंद्र सिंह तोमर ने नरेंद्र मोदी, एल.के.आडवाणी, नितिन गडकरी सभी को पीछे छोडते हुए एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान को ही पीएम इन वेटिंग बना दिया। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है। उन्होंने अपनी बात में यह भी जोड़ दिया कि प्रदेश को स्वर्णिम राज्य में तब्दील करने के लिए बीजेपी को फिलहाल चौहान की अगुवाई की जरूरत है। 

तोमर ने कहा, 'शिवराज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उनमें प्रधानमंत्री बनने की भी काबिलियत है। लेकिन मध्य प्रदेश को स्वर्णिम राज्य में बनाने के लिए बीजेपी को फिलहाल उनके नेतृत्व की जरूरत है। मध्य प्रदेश के विकसित होने के बाद हमारा केंद्रीय नेतृत्व शिवराज की भूमिका के बारे में जो विचार करेगा, वह हमें मान्य होगा।' 
तोमर ने भरोसा जताया कि शिवराज की अगुवाई में बीजेपी इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी करेगी। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने एक सवाल पर इस बात से इनकार किया कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सड़क, बिजली और पानी के मुद्दे सत्तारूढ़ दल के सामने चुनौती पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता के कह देने से कि मेरे घर में बिजली नहीं है, तो क्या आम लोग बात मान लेंगे।

इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और कांग्रेस के बीच तनातनी के कारण तोड़-फोड़ और पथराव की हालिया घटनाओं पर तोमर ने कहा, 'प्रदेश की बीजेपी सरकार हर घटना पर निष्पक्ष रवैया अपनाती है। इन मामलों में भी कानून अपना काम करेगा। प्रदेश बीजेपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने बताया कि वह 15 जनवरी के बाद अपनी टीम की घोषणा कर देंगे।

मकर संक्रांति पर भगवान भास्कर की अराधना


मकर संक्रांति पर भगवान भास्कर की अराधना

(पंडित दयानंद शास्त्री)

नई दिल्ली (साई)। सभी संक्रान्तियों मे कर्क संक्रान्ति तथा मकर संक्रान्ति का विषेश महत्व धार्मिक तथा वैज्ञानिक दोनो रुपों मे माना जाता है। मकर संक्रान्ति एक मात्र ऐसा पर्व है जो सदैव ही 14 जनवरी को होता है मकर संक्रान्ति का पर्व सौर वर्ष  के आधार पर निर्धारित है।
सूर्य का एक राषि से दूसरी राशि मे प्रवेश की प्रक्रिया संक्रान्ति कहलाती है सूर्य का मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण तथा कर्क रेखा से दक्षिणीमकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायन कहलाता है उत्तरायण मे दिन बडे तथा रातें छोटी प्रतीत होती हैं धूप मे तेजी तथा षीत मे धीरे-धीरे कमी आने लगती है दक्षिणायन मे यही प्रक्रिया ठीक विपरीत स्थिति मे होती है अर्थात् दिन छोटे और राते बडी प्रतीत होती है यही अंतराल ऋतु परिवर्तन का कारक और कारण है वैसे तो मकर संक्रान्ति सूर्य के संक्रमण का त्यौहार है। पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार  ऊत्तरायण के समय देवताओं का निवास दिन मे तथा दक्षिणायन मे रात्रि मे होता है। उत्तरायण को देवयान तथ दक्षिणायन को पितृयान कहा जाता है। कहा जाता है कि मकर संक्रान्ति के दिन किसी भी धार्मिक क्रिया-कलाप मे देवता धरती पर प्रकट होते हैं तथा पुण्यात्मायें शरीर छोडकर स्वर्ग लोक मे जाती हैं।
पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार सूर्य को यदि वैज्ञानिक दृश्टि से देखा जाय तो सूर्य के मकर राषि मे प्रवेष करते ही अयन बदलता है यही वजह है कि मकर संक्रान्ति को सौम्यायन कहते हैं। सौम्यांयन के प्रारम्भ से ही हेमन्त ऋतु की समाप्ति तथा षिषिर ऋतु का प्रारम्भ हो जाता है। सूर्य सदैव मार्गी रहता है कभी भी अस्त नही होता है। अपनी निर्धारित चाल के साथ सदैव चलता रहता है और अपने निष्चित समय निष्चित राषियों मे पहुंच जाता है। प्रत्येक माह मे सूर्य एक राषि का भ्रमण पूरा कहते है सूर्य जी सदैव गतिषील रहकर १२ राषियों का भ्रमण ०१ वर्श मे पूरा कर लेते हैं। यही क्रिया ऋतु परिवर्तन का कारण बनती है।
मकर संक्रान्ति मे क्या करें
सूर्य का मकर राषि मे प्रवेश  14 जनवरी ,2013-दोपहर में  दो बजकर बीस मिनट मिनट पर है साथ मे दिन मे ०९ बजकर ०७ मिनट से पंचक भी प्रारम्भ हो जाते हैं। अर्थात् प्रातः काल सूर्याेदय क साथ ही पुण्य काल प्रारम्भ हो जायेगा जो अर्धरात्रि तक है।
पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल का अर्ध्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा।
अर्ध्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नमरू मंत्र का जप करते रहें।
१।’’’’मकर संक्रान्ति के पर्व का विधान अत्यन्त सरल है। संक्रान्ति के दिन प्रातः तिल का तेल और उबटन लगाकर स्नान करना चाहिये।
२।’’’’तिल के तेल से मिश्रित जल से स्नान करना चाहिये।
३।’’’’तिल का उबटन लगाना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।
४।’’’’तिल से होम करने से तमाम यज्ञों का पुण्य फल प्राप्त होगा।
५।’’’’जल मे तिल डालकर पानी पीना उत्तम है।
६।’’’’तिल से बने पदार्थों का खाना हितकर है तथा सुयोग्य पात्र को तिल का दान करना हितकर है।
विशेष प्रयोग /उपाय----पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार
1- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच की स्थिति में हो वे लोग यदि मकर संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र की स्थापना कर पूजन करें तो इससे उनकी कुंडली के दोष कम होते हैं और विशेष लाभ भी मिलता है। सूर्य यंत्र की स्थापना इस प्रकार करना चाहिए-
मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्य कर्मों से निपटकर सूर्य देव को प्रणाम करें। इसके बाद सूर्य यंत्र को गंगाजल व गाय के दूध से पवित्र करें। अब इस यंत्र का विधिपूर्वक पूजन करने के बाद सूर्य मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र
ऊँ घृणि सूर्याय नमः।
जप करने के बाद इस यंत्र की स्थापना अपने पूजन स्थल पर कर दें। इस प्रकार इस यंत्र का पूजन करने से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
क्या न करें
१।’’’’अपने अभिभावक पिता का अनादर न करें।
२।’’’’भगवान भास्कर की पूजा अराधना के अवसर पर तिल-गुड, चीनी के लड्डू दान करने की परम्परा है लेकिन सुयोग्य पात्र को ही दान करना हितकर है।
३।’’’’कम्बल तथा शुद्ध  देषी घी का दान गरीब, बेसहारा लोगों को ही करना उत्तम होगा।
४।’’’’सुयोग्य पात्र को ही मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर दान करना चाहिये।
५।’’’’सूर्य देव की उपासना, अराधना तथा सूर्य देव से जुडी किसी भी वस्तु का दान प्रसन्नचित्त होकर तथा प्रसन्न मन से करना चाहिये। तथा भगवान भास्कर का आशीर्वाद आपको तथा आपके  परिवार को प्राप्त होगा।
14 जनवरी(मकर संक्रांति ) की रात को करें यह उपाय/प्रयोग और पायें धन की  कमी से मुक्ति ------
मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होगा। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करता है किंतु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह प्रवेश क्रिया छरू-छरू माह के अंतराल पर होती है।
पंडित दयानन्द शास्त्री (मब।-09024390067) के अनुसार भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है अर्थात भारत से दूर होता है। इसी कारण यहां रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है, किंतु मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर आना शुरू हो जाता है। अतरू इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गरमी का मौसम शुरू हो जाता है।
दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होता है तथा रात्रि छोटी होने से अंधकार पंडितअतरू मकर संक्रांति पर सूर्य की राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना माना जाता है। प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतनता एवं कार्यशक्ति में वृद्धि होती है। ऐसा जानकर संपूर्ण भारतवर्ष में लोगों द्वारा विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना, आराधना एवं पूजन कर, उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की जाती है।
पंडित दयानन्द शास्त्री (मब।-09024390067) के अनुसार यदि आप धन की कमी से परेशान हैं तो अब वह समय आ गया है जब आपकी यह समस्या हमेशा के लिए दूर हो सकती है।
आपको सिर्फ मकर संक्रांति(14 जनवरी, सोमवार) की रात को नीचे लिखा टोटका करना है। यह टोटका इस प्रकार है-
टोटका-------
मकर संक्रांति की रात्रि में एकांत में लाल वस्त्र पहन कर बैठें। सामने दस लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखकर एख बड़ा तेल का दीपक जला लें और प्रत्येक कौड़ी को सिंदूर से रंग हकीक माला से इस मंत्र की पांच की पांच माला मंत्र जप करें
मंत्र-----
ऊँ ह्रीं श्रीं श्रियै फट्
इस प्रयोग से लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती है और आपके जीवन में फिर कभी धन की कमी नहीं होती।

स्वच्छता के प्रति युवाओं को जागरूक करने की जरूरत: उदिता त्यागी


स्वच्छता के प्रति युवाओं को जागरूक करने की जरूरत: उदिता त्यागी

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर। (साई)। वर्ष 2012 की मिसेज इंडिया इन्टरनेशनल तथा संयुक्त राष्ट्र के स्वच्छता अभियान के तहत माई क्लीन इंडिया की ब्रांड एम्बेसडर डॉ। उदिता त्यागी ने कहा कि स्वच्छता के प्रति युवाओं को जागरूक करने के साथ उन्हें स्वच्छता की संस्कृति से जो़डने की आवश्यकता है। उदिता आगामी 25 जनवरी से शहर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान की शुरूआत करेंगी।
मिसेज इंडिया डॉ। उदिता त्यागी ने इस अभियान के लिए डीएम सुरेंद्र सिंह के साथ इस विषय पर चर्चा की। बैठक में तय किया गया कि शहर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए युवाओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। इसमें आठवीं से इंटर कॉलेज तक के बच्चों को उक्त अभियान में सक्रिय रूप से जोड़ने पर चर्चा हुई। 25 जनवरी से औपचारिक रूप से शहर में इस अभियान की शुरूआत की जाएगी। बाद में डॉ। उदिता ने प्रयत्न संस्था के कार्यालय पर पहुंच कर संस्था को इस अभियान से जोड़ने पर चर्चा की। उदिता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के स्वच्छता मिशन के तहत माई क्लीन इंडिया अभियान देश के विभिन्न शहरों में चलाया जा रहा है। इस अभियान के साथ मुजफ्फरनगर को भी जोडा जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वच्छता की संस्कृति से जोडने की जरूरत है।  स्थिति यह है कि लोग अपने शहर को प्रथम आवास के स्थान पर कूड़ा फेंकने का स्थान समझते हैं। यही वजह है कि घरों से कूड़ा एकत्र कर उसे सड़कों पर फंेक दिया जाता है। उनका कहना है कि कूडे़ के साथ अब पॉलिथीन जैस अघुलनशील पदार्थ चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इनके मिट्टी में मिलने के साथ उर्वरता और जमीन में कैमीकल असंतुलन का खतरा पैदा हो गया है। उदिता ने कहा कि दुनिया मंे इस तरह के कचरे के सदुपयोग और पर्यावरण को इसके खतरों से बचाने के लिए अनेक प्रयोग हुए हैं। नीदरलैंड में तो पालिथीन कचरे से ईंटे बनाकर उनसे मकान तक बनाए जा रहे हैं। भारत में बेंगलूर में भी पालिथीन व दूसरे प्लास्टिक पदार्थों के सदुपयोग के लिए कई नए प्रयोग किए गए हैं। इसमें सड़क बनाने से लेकर कई तरह के प्रयोग शामिल हैं। उनका कहना था कि हमारे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कचरा फेंकने के लिए शहरों में लोग अपने घरों के पास तो स्थान नहीं देते। आम तौर पर यह देखा गया है कि कूडा घर पार्क, स्कूल तथा मंदिर मस्जिद जैसे सार्वजनिक स्थानों पर बन रहे हैं। उदिता ने कहा कि संस्था ने इस अभियान से इंटर कॉलेज तक के बच्चों को जोड़ने का अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के साथ कूडा निस्तारण के प्रति भी अधिक सक्रिय करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शीतल पेय में प्रयोग की जाने वाली बोतलें सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रही हैं, क्योंकि इनका दूसरा कोई उपयोग नहीं है। अब इन बोतलों से ईंटें बनाने का सफल प्रयोग किया गया है। शहरों में सत्तर प्रतिशत कूड़ा मकानों के मलबे के रूप में सामने आता है। इस मलबे को बारीक कर उन्हें इन बोतलों में भरकर ठोस बोतलें बनाई जा सकती हैं। इन्हें बाकायदा ईंटों में रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
इस मौके पर उनके साथ मुनिश्वर त्यागी, नीर फाउंडेशन के डायरेक्टर रमण त्यागी, राहुल कौशिक भी थे। इस अवसर पर प्रयत्न संस्था के अध्यक्ष समाजसेवी समर्थ प्रकाश, डॉ। गरिमा जैन, वरिष्ठ पत्रकार ऋषिराज राही, राहुल गोयल आदि उपस्थित रहे। 

क्रिकेट विवाद में दो पक्षों में मारपीट, कई घायल


क्रिकेट विवाद में दो पक्षों में मारपीट, कई घायल

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर (साई)। क्रिकेट खेलते समय बच्चों के बीच हुआ झगड़ा परिजनों तक जा पहुंचा। झगड़े में दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट मंे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भर्ती कराने के साथ आरोपियों के खिलाफ धारा 307 व 452 आईपीसी सहित विभिन्न धाराओ मंे मामला दर्ज किया।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना भोपा क्षेत्र के गांव अलीपुरा-तिस्सा निवासी राहुल व कमल पुत्रागण सोमपाल तथा उसके पडौसी राघव व कमल पुत्रगण सोमपाल के बच्चे कल देर शाम क्रिकेट खेल रहे थे। कि इसी बीच बच्चो के बीच झगडा शुरू हो गया। जो बच्चों के बीच शुरू होकर बडो के बीच जा पहंुचा। इस झगडे मे कमल जो दिल्ली पुलिस मे सिपाही भी है। कमल ने अपने भाई राहुल के साथ मिलकर राघव के घर पर हमला बोलते हुए अपने दस-बारह साथियों के साथ धरदार हथियारो से लैस होकर राघव के परिजनो को बुरी तरह घायल कर दिया। इस घटना में बीरो पत्नि जयपाल, उसका बेटा वेदव्यास, बाबूराम पुत्रा प्रकाश चन्द, सरला पत्नि बाबूराम सहित कई लोग गंभीर रूप् से घायल हो गए। गांव मे हुए बलवे की सूचना पर सीओ जानसठ जगतराम जोशी, एसओ भोपा मेहर सिह व भारी पुलिस मौके पर पहंुचा। पुलिस ने सभी घायलो को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। वहीं दूसरी ओर भोपा पुलिस ने कमल व राहुल आदि के खिलाफ धारा 307 व 452 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कराया। घटना से गांव में तनाव का माहौल है।