मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

‘नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओ‘ के पंपलेट पोस्टर्स बने चर्चा का विषय

नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओके पंपलेट पोस्टर्स बने चर्चा का विषय

पोस्टर वार से लगे खुफिया तंत्र पर सवालिया निशान!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। चुनाव की आचार संहिता लगे लंबा समय बीत गया है। जिला प्रशासन द्वारा प्रशासन के मुस्तैद होने का दावा बार बार किया जाता है। इसके साथ ही साथ चोरों के हौसले भी बुलंदी पर हैं। पुलिस द्वारा वाहनों की सघन तलाशी का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है। बावजूद इसके जिले में अवैध शराब बिकने की खबरें चरम पर हैं। गत दिवस भारतीय जनता पार्टी के नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओकी इबारत वाले पोस्टर्स चस्पा होने से पुलिस की रात्रिकालीन गश्त और खुफिया तंत्र पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
गत दिवस नगर के विभिन्न चौक चौराहो पर अज्ञात लोगों के द्वारा नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओकी इबारत वाले पंपलेट पोस्टर्स चस्पा कर दिए गए थे। इस बात को सिवनी में मीडिया ने जमकर तवज्जो दी। सरकारी विज्ञप्ति में नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओके पंपलेट पोस्टर्स चस्पा होने की खबर के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरूद्ध धारा 188 भारतीय दण्ड विधान एवं संपत्ति निरूपण अधिनियम 1994 की धारा 3 का अपराध पंजीबद्ध कर अज्ञात लोगों की तलाश में जुट गई।

यहां चिपके थे पोस्टर्स पंपलेट
बताया जाता है कि नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओके पंपलेट पोस्टर नगरपालिका के सामने, जनपद की दीवारों, भाजपा कार्यालय, बस स्टैण्ड हाईमास्क पोल, अमन हॉटल, महात्मा गांधी स्कूल के सामने चिपकाए गए थे। पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यह काम दिन में होना संभव नहीं है, रात में चहल पहल शांत होने के बाद ही इस काम को अंजाम दिया गया होगा।

रात्रि गश्त पर लगे प्रश्न चिन्ह!
अगर देर रात किन्ही अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा इस काम को अंजाम दिया गया है तो यक्ष प्रश्न तो अभी भी खड़ा ही है कि रात में पुलिस की गश्त और पुलिस के मुखबिर या खुफिया तंत्र को क्या जंग लग चुकी है, कि रात में शहर जब गहरी नींद में सोया होता है तब इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है, और खुफिया तंत्र को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है कि इसके लिए जिम्मेवार कौन हैं? देर रात में यदा कदा लोगों को दूर से ही पुलिस के हूटर की कर्कश आवाज सुनाई देती है।

शरारती तत्व या किसी दल के नुर्माइंंदे हैं पोस्टर चिपकाने वाले!

शहर में यह चर्चा भी तेज हो गई है कि आखिर वे तत्व कौन हैं जो नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओकी इबारत वाले पोस्टर्स को जगह जगह चस्पा कर रहे थे। जिस दिन यह घटना घटी उस दिन या रात में कोतवाली में तैनात डे या नाईट अफसर से क्या पुलिस के आला अधिकारियों ने जवाब तलब किया है कि आखिर यह घटना कैसे घट गई? और अगर घटी तो उस वक्त वे क्या कोतवाली के पास, बारापत्थर में या शहर के अन्य स्थानों पर जहां पुलिस के सिपाही प्वाईंट्स पर तैनात होते हैं या ब्रेकर भी पेट्रोलिंग करते हैं की नजरों में ये लोग कैसे नहीं आए? वहीं यह बात भी तेजी से चल रही है कि नीता नरेश हटाओ, भाजपा बचाओकी इबारत वाले पोस्टर्स लगाने वाले लोग क्या वाकई शरारती तत्व हैं, या फिर किसी सियासी दल के कार्यकर्ता?

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