मंगलवार, 24 सितंबर 2013

डेंगू पर सख्त हुए संवेदनशील कलेक्टर भरत यादव

डेंगू पर सख्त हुए संवेदनशील कलेक्टर भरत यादव


समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ने दिया था जुर्माने का सुझाव, चुनाव की आपाधापी में कहीं खो न जाएं कलेक्टर के कड़क निर्देश!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। अंततः सिवनी जिले के संवेदनशील जिलाधिकारी भरत यादव ने डेंगू के मसले में अब सख्त कदम उठाने का मन बना ही लिया है। बार बार मीडिया में डेंगू की स्थिति की जानकारी प्रशासन के ध्यान में लाने के बाद जब संबंधित महकमों द्वारा इससे निपटने में कोताही बरती गई तो जिला कलेक्टर ने समय सीमा (टीएल) की बैठक में अधिकारियों के रवैए पर नाराजगी जताते हुए डेंगू के मामले में अपना रूख स्पष्ट कर दिया है।
कलेक्टर कायर््ाालय्ा स्थित सभाकक्ष में कलेक्टर भरत य्ाादव की अध्य्ाक्षता में समय्ा सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक के दौरान श्री य्ाादव ने निर्देश दिय्ो कि स्वास्थ्य्ा एवं राजस्व विभाग अमला डेंगू से बचाव हेतु जनता में जागरूकता पैदा करें कि अपने घरों में तथा आसपास पानी के जमाव को खत्म करें ताकि डेंगू फैलाने वाला मच्छर पैदा ही न हो पाय्ो।

करें जुर्माने की कार्यवाही
स्वास्थ्य्ा विभाग एवं स्थानीय्ा निकाय्ा के कर्मचारिय्ाों की एक समिति गठित कर लोगों के घर जाकर उनके घरों में ७ दिन से अधिक दिन तक जमा पानी की निकासी करवाय्ों तथा दुबारा य्ाही स्थिति मिलने पर ऐसे लोगों पर जुर्माने जैसी सख्त कायर््ा कायर््ावाही की जाय्ो। स्वास्थ्य्ा विभाग डेंगू के मरीजों का प्राथमिकता के साथ उपचार करें, लोगों को डेंगू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में जानकारी दें।

साई न्यूज ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा पूर्व में लंबे समय से सिवनी जिले में डेंगू के तेजी से फैलते डैनों के बारे में लगातार खबरें जारी कर इसकी भयावहता के बारे में लोगों को चेताया था। इतना ही नहीं साई न्यूज द्वारा बार बार यह बात कही जा रही थी कि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय निकायों द्वारा डेंगू के बारे में एडवाईजरी तक जारी नहीं की गई है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा पूर्व में डेंगू के कारण और निवारण के बारे में भी पाठकों को विस्तार से जानकारी दी गई थी। साई न्यूज ने ही सबसे पहले दिल्ली ब्यूरो के हवाले से यह बात उठाई थी कि प्रशासन को चाहिए कि इसके लिए जनता को जागरूक करने के साथ ही साथ जुर्माने का प्रावधान भी किया जाए।

अब तक जारी नहीं हो सकी है एडवाईजरी
यहां एक बात उल्लेखनीय है कि जिस दिन मलेरिया विभाग द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था ऐन उसके बाद से ही सिवनी में डेंगू के संभावित मरीजों के मिलने का सिलसिला आरंभ हो गया था। इससे साबित हो जाता है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा महज कागजों पर ही अभियान चलाया जाकर इसके लिए आने वाली राशि को डकार लिया जाता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि बारिश का मौसम समाप्ति की ओर है और अब तक नगर पालिका परिषद् सिवनी सहित अन्य स्थानीय निकायों और स्वास्थ्य विभाग या मलेरिया विभाग द्वारा न तो मुनादी ही पिटवाई गई और न ही इश्तेहार के जरिए डेंगू के बारे में नागरिकांे को जागरूक किया गया।

जिला मुख्यालय में मिल रहा लार्वा
इस मसले का सबसे दुखदायी पहलू यह है कि बार बार मीडिया में डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छर जनित रोगों के बारे में खबरों के प्रकाशन और प्रसारण के उपरांत भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। डेंगू का लार्वा सबसे पहले विवेकानंद वार्ड और उसके उपरांत शहीद वार्ड में मिला था। अब डेंगू का लार्वा इन दोनों वार्ड से निकलकर सारे जिला मुख्यालय सहित केवलारी, छपारा आदि सहित समूचे जिले में पहुंच चुका है।

हो चुकी हैं मौतें
डेंगू के संभावित मरीजों में से कुछ की मौत के समाचार भी हैं। साधन संपन्न लोग तो इसके उपचार के लिए जबलपुर नागपुर जाकर अपना इलाज करवा ले रहे हैं पर साधनहीन कहां जाकर इलाज करवाएं यह यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही है।

सबसे पहले हो कार्यालयों की जांच
डेंगू या मलेरिया के मच्छरों का लार्वा समूचे जिले में खोजा जाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले सरकारी कार्यालयों के प्रांगड़, रिक्त पड़े भूखंडों में भरे पानी आदि में इसकी जांच की जानी चाहिए। जिला चिकित्सालय में ही अनेक स्थानों पर पानी भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर एसपी बंग्ले और सीईओ जिला पंचायत के आवास के आसपास रिक्त पड़े बड़े भूभाग में भी बारिश का पानी भरा हुआ है। इस तरह के पानी में डेंगू के मच्छरों के लार्वा के मिलने से इंकार नही किया जा सकता है।

विधायक पतियों के हैं मजे

सिवनी में स्वास्थ्य महकमे में लखनादौन विधायक श्रीमती शशि ठाकुर के पति डॉ.वाय.एस.ठाकुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर तो सिवनी विधायक श्रीमती नीता पटेरिया के पति डॉ.एच.पी.पटेरिया, मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए पाबंद जिला मलेरिया अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। जानकारों का कहना है कि दोनों ही भाजपा विधायक हैं और अगर वे अपने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करतीं तो सिवनी में योग्य चिकित्सकों की तैनाती कब की हो चुकी होती। साथ ही साथ मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए वे अतिरिक्त मद और प्रशिक्षित अमला भी सरकार से मांग सकती थीं, वस्तुतः ऐसा हुआ नहीं हैं। भाजपा के एक अन्य विधायक कमल मर्सकोले भी हैं। तीनों सत्ताधारी दल के विधायक चाहते तो सिवनी में डेंगू प्राथमिक लक्षण मिलते ही सरकार को हिलाकर रख देते और मई माह में ही डेंगू को सिवनी से विदा कर दिया गया होता। पर माना जा रहा है कि तीनों विधायक आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी अपनी टिकिट पक्की कराने के चक्कर में अपने मतदाताओं से प्राप्त जनादेश को ही भूल गए।

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