रविवार, 8 सितंबर 2013

अंडर वर्ल्ड को भा सकती है सिवनी की शांति

अंडर वर्ल्ड को भा सकती है सिवनी की शांति

लखन कुंवर की नगरी के रास्ते आमद दे सकता है सिवनी में अंडर वर्ल्ड

(महेश रावलानी/अय्यूब कुरैशी)

सिवनंी (साई)। लखन कुंवर की नगरी में पिछले एक दशक से आरंभ हुई भौंडे प्रदर्शन की परंपरा अगर सिवनी का अमन चैन छीन ले तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। जिले में मनोरंजन के नाम पर रूपहले पर्दे के थर्ड ग्रेड के अदाकारों को बुलवाकर शराब के नशे में उल जलूल प्रदर्शन करवाकर नई संस्कृति का आगाज किया गया, जिसकी परिणिति में अंडर वर्ल्ड की सिवनी में आमद की संभावना के बतौर देखा जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि नगर पंचायत के अध्यक्ष रहते हुए शराब करोबारी रहे, लखनादौन मस्ज़िद के सरपरस्त (जबकि इस्लाम में शराब को हराम माना गया है) लखनादौन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष (राय पेट्रोलियम के संचालक, जबकि एडव्होकेट एक्ट के तहत अधिवक्ता अन्य कोई व्यवसाय नहीं कर सकता) सिवनी से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके दिनेश राय उर्फ मुनमुन द्वारा जनता की अदालत में जाने का ढोंग रचा गया था।

हर साल जाते रहे जनता की अदालत में
वे लगातार हर साल जनता की अदालत में जाते रहे हैं। जनता से समर्थन पाने का उनका तरीका भी नायाब ही बताया जाता रहा है। इसे इत्तेफाक ही माना जाए कि वे सिवनी से विधानसभा चुनाव नहीं जीते वरना सिवनी में भी हर साल वालीवुड के थर्ड ग्रेड के सितारे आते और शराब के नशे में ठुमके लगाकर सिवनी की संस्कृति में अश्लीलता परोस जाते।

तरीका रहा शानदार
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार जनता की अदालत में जाने के स्वांग के बीच ही एनाउंसमेंट होता कि जो दिनेश राय से सहमत है वह हाथ उठाए। इसके साथ ही आसमान में आतिशबाजी छोड़ दी जाती और लोग हाथ उठा उठाकर एक दूसरे को आतिशबाजी दिखाते। इसी बीच 53 ग्रेड की सीमेंट के मानिंद उनके चाटुकार मीडिया पर्सन्स इसे अपने कैमरे में कैद करते और फिर क्या, दिनेश राय की वाहवाही की गूंज चहुंओर हो जाती।

इतिहास गौरवशाली है सिवनी का
सिवनी का इतिहास बहुत ही शानदार रहा है। सिवनी का हर नागरिक गर्व के साथ सिवनी का नागरिक होने का दावा इसलिए करता है क्योंकि सिवनी में गंगा जमुनी संस्कृति के साथ ही साथ यहां सामाजिक, व्यवहारिक, राजनैतिक भाईचारा और संयमित जीवन शैली पटी पड़ी है।

हाथ में लट्ठ नहीं देखा पर वो टांगते हैं कमर में पिस्टल!
सिवनी का इतिहास गवाह है कि यहां आज तक कोई भी व्यक्ति हाथ में लट्ठ लेकर नहीं घूमता नजर आया है, पर लखनादौन नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन को पता नहीं किससे खौफ है कि वे हर वक्त कमर में रिवाल्वर लटकाए घूमते नजर आते हैं। सिवनी मेें आधे से ज्यादा लोगों ने रिवाल्वर या तो सिनेमा में ही देखी होगी या फिर चित्रों में। कहा जाता है कि दिनेश राय उर्फ मुनमुन के इर्द गिर्द जुटने वाली भीड़ उनके आकर्षण के बजाए उनकी कमर में टंगे होस्टलर के अंदर फंसी रिवाल्वर को देखने ज्यादा उमड़ती है।

पति की बजाए पुत्र की परंपरा का पालन
अब तक का इतिहास इस बात का साक्षी है कि पिता या माता के आचरण का अनुपालन पुत्र या पुत्री द्वारा किया जाता रहा है। पर लखन कुंवर की नगरी में उलट बंसी बज रही है। लखनादौन के मर्ददिनेश राय के हवाले से मीडिया में जो बात परोसी गई है उसके मुताबिक लखनादौन नगर परिषद् की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय अपने पति या अन्य वरिष्ठ परिजनों के कामों या परंपराओं का अनुसरण करने के स्थान पर अपने पुत्र दिनेश राय की परंपराओं को ही आगे बढ़ा रही है। उसी क्रम में लखनादौन में जनता की अदालत का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि पुत्र की परंपराओं का अनुपालन बहुत ही अच्छी बात है पर अगर वे अपने पति या अन्य किसी वरिष्ठ पारिवारिक सदस्य की परंपराओं का अनुपालन करतीं तो यह वाकई अनुकरणीय ही होता।

भोगमान भोगेंगे खुद, कहां है आयकर विभाग!
मीडिया में अपनी वाहवाही लूटने के चक्कर में दिनेश राय उर्फ मुनमुन के हवाले से यह भी प्रकाशित किया गया है कि जनता की अदालत के इस आयोजन का खर्च भी दिनेश राय और श्रीमती सुधा राय द्वारा ही उठाया जाएगा। इसके पहले सालों साल जनता की अदालत का स्वांग रचा गया और हर बार उसका खर्च दिनेश राय द्वारा उठाया जाना दर्शाया गया है। सवाल यह उठता है कि इस साल रवीना टंडन, मोनिका बेदी जैसे सितारे आ रहे हैं, क्या ये महज दो चार हजार रूपए पारिश्रमिक लेकर आ रहे होंगे? जाहिर है नहीं? ये लाखों के नीचे तो बात भी नहीं करते हैं। इन परिस्थितियों में यक्ष प्रश्न फिर वही खड़ा हुआ है कि आखिर कल तक सायकल को मोहताज लखनादौन में मिलन होटल के बाजू में पीसीओ और फोटोकॉपी की दुकान चलाने वाले एक शख्स के पास कौन सा अलाऊद्दीन का चिराग आ गया है और वह रातोंरात इतना दौलतमंद हो गया है कि वह दोनों हाथों से पैसा लुटा रहा है। धार्मिक आयोजनों में बढ़ चढ़कर पैसा बांट रहा है। इस तरह के भौंडे प्रदर्शन में करोड़ों उड़ा रहा है। आखिर इन परिस्थितियों में आयकर विभाग का मौन यही साबित कर रहा है मानो आयकर विभाग का मुंह भी भारी भरकम थैली रखकर बंद कर दिया गया है।

सेट है कांग्रेस भाजपा
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को धूल चटाने वाले जिले के इकलौते कथित मर्द (पिछले विधानसभा में दिनेश राय उर्फ मुनमुन द्वारा खुद को मर्द कहा गया था, जो काफी हद तक मजाक का विषय बना रहा) के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा के साथ ही साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी कार्यवाही से कतराती है। लखन कुंवर की नगरी में बच्चे बच्चे की जुबान पर चर्चा है कि अगर दिनेश राय उर्फ मुनमुन के खिलाफ कोई भी कार्यवाही की गई तो रात की पर्चीबंद हो जाएगी और फिर सोडे की डकार के लिए अंटी के पैसे खर्चने होंगे। इसके साथ ही साथ यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा के नेता इसलिए भी लखनादौन नगर परिषद् के कामों में हस्ताक्षेप नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि दोनों दलों के आला नेताओं की भागीदारी, अनेक कामों में एक नेता विशेष के साथ है।

मोनिका बेदी का आना. . .
अंडर वर्ल्ड डॉन अबू सलेम की घोषित माशूका रही हैं मोनिका बेदी। मोनिका बेदी से अबू सलेम बेइंतहा मोहब्बत करता है, यह बात भी आईने की तरह ही साफ है। नगर परिषद् लखनादौन के अध्यक्ष के चुनावों के दर्मयान भी श्रीमती सुधा राय जिनकी छवि भद्र, घरेलू, कुलीन एवं आदर्शवादी महिला की है के द्वारा अपनी छवि से हटकर मोनिका बेदी को प्रचार हेतु बुला भेजा था। उस दौरान सोशल मीडिया पर मोनिका बेदी के लखन कुंवर की नगरी आकर उसे अपवित्र करने की बातें सामने आईं। इसके बाद पता नहीं कैसे बाकी के कलाकार तो आए पर मोनिका बेदी प्रचार में नजर नहीं आईं।

अंडर वर्ल्ड के लिए बन रहा रास्ता
कहा जा रहा है कि मोनिका बेदी को बार बार सिवनी जिले की सरजमीं पर लाने के प्रयासों से जाने अनजाने में अंडरवर्ल्ड के लोगों के लिए सिवनी में आमद के लिए उपजाऊ माहौल तैयार किया जा रहा है। पता नहीं लखन कुंवर की नगरी की नगर पंचायत में ऐसा कौन सा झाड़ लगा हुआ है जिसके पत्ते तोड़कर यहां के अध्यक्ष रातों रात धन्ना सेठ बन जाते हैं। इसके बाद हर साल जनता की अदालत में जाने के बहाने वालीवुड के थर्ड ग्रेड के कलाकरों को बुलवाकर फूहड़ता का प्रदर्शन करने से बाज नही आते हैं। वस्तुतः श्रीमती सुधा राय को अपनी अच्छी छवि और आयु के अनुरूप एक साल पूरे होने पर लखनादौन में अखंड रामायण पाठ, भागवत कथा जैसे धार्मिक आयोजन कराना चाहिए था। लोग तो यह कहने से भी नहीं चूक रहे हैं कि श्रीमती सुधा राय नाती पोतों वाली हो चुकीं हैं इस तरह के भौंडे आयोजन न तो उन्हें कराने चाहिए और न ही देखने की ही उनकी उम्र है। अगर उन्हें धर्म कर्म में आस्था नहीं है तो अपनी आयु के अनुरूप वे कवि सम्मेलन का आयोजन करवा देतीं तो आलोचना से बच सकतीं थीं।

कहा जा रहा है कि मोनिका बेदी के आगे पीछे अबू सलेम के गुर्गे एकाध सप्ताह पहले से सिवनी में आकर डेरा डाल लेंगे। उस वक्त सिवनी के नवागत पुलिस अधीक्षक बी.पी.चंद्रवंशी के लिए एक नया सरदर्द खड़ा हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि सिवनी की शांत फिजां और ढीला पोला लचर खुफिया सूचना तंत्र इन गुर्गों के लिए मुफीद साबित हो सकता है। सिवनी में अगर अंडरवर्ल्ड के लोगों की आमद हुई तो वह लखनादौन के रास्ते ही सबसे सुलभ मानी जा रही है।

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