रविवार, 8 सितंबर 2013

कलेक्टर के निर्देशों की सरेआम हो रहे अव्हेलना!

कलेक्टर के निर्देशों की सरेआम हो रहे अव्हेलना!

जिला मुख्यालय में ही कचरे की टोकरी की शोभा बढ़ा रहे कलेक्टर के निर्देश

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनंी (साई)। जिले को सुव्यवस्थित करने की गरज से संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा लगभग रोज ही बैठकों का आयोजन कर कड़े निर्देशजारी किए जा रहे हैं। उनके निर्देशों का पालन हो रहा है अथवा नहीं इसकी मानिटरिंग नहीं हो पाने से जिला कलेक्टर के निर्देश अब उनके मातहतों के लिए मायने नहीं रख रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण जिला मुख्यालय में नगर पालिका प्रशासन ही दे रहा है।
जिला कलेक्टर द्वारा दो तीन बार इस बात को कड़ाई से कहा गया है कि आवारा मवेशी सड़कों पर न घूमें। आवारा मवेशी यातायात को बाधित न करें। इसके लिए जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा जिले भर की नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, ग्राम पंचायतों आदि को साफ तौर पर निर्देशित किया जा चुका है।
विडम्बना ही कही जाएगी कि जिला मुख्यालय में ही नगर पालिका परिषद् को जिला कलेक्टर के निर्देशों की ज्यादा परवाह नहीं दिख रही है। जब भी जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा कड़े निर्देशदिए जाते हैं, नगर पालिका उसके अनुपालन का स्वांग रचकर दूसरे ही दिन पुराने फिल्टर प्लांट में जंग खा रही कुत्ते पकड़ने की ट्राली निकालकर रस्म अदायगी कर दी जाती है।
नगर पालिका की हाका गैंग के दीदार लोगों को कई सालों से नहीं हुए हैं। शहर में डेंगू मलेरिया का खतरा मण्डरा रहा है। फागिंग मशीन कहां चल रही है, किसी को नहीं पता। गटर का पानी उगल रहे हैं नल, पर विपक्ष में बैठी कांग्रेस चुपचाप तमाशबीन बनी है, जिसके चलतेे आंत्रशोध, पीलिया, डायरिया, उल्टी दस्त, आदि जल जनित बीमारियां कहर बरपा रही हैं।
पिछले एक सप्ताह में दो घटनाएं घटीं। एक तो भाजपा के एक जनसेवक ने कुत्तों के कर्कश नाद से तंग आकर आधी रात को उन्हें भगाने पत्थर बरसाए तो उनकी अपनी ही स्कॉर्पियो का कांच टूट गया। दूसरा शुक्रवारी चौक में एक सांड ने दो महिलाओं को उठाकर पटक दिया। इसके पहले बारापत्थर में भी एक वृद्धा को सांड ने इस कदर पटका था कि उनकी इहलीला ही समाप्त हो गई थी।
इन परिस्थितियों को देखकर लोगों का अब जिला प्रशासन से भी विश्वास उठने लगा है। लोगों का मानना है कि संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव के कड़े निर्देशकी मानिटरिंग न हो पाने से उनके मातहत कर्मचारी अधिकारी ही उनके निर्देशों को हल्के में लेेने लगे हैं। अगर जिला कलेक्टर हुक्म उदूली के मामलों पर गंभीर होकर दो चार अधिकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दें फिर देखिए उनके आदेशों की तामीली किस कदर होती है। लोगों का मानना है कि जिला कलेक्टर भरत यादव को चाहिए कि वे अपने इस निलंबन अभियान का श्रीगणेश नगर पालिका परिषद् सिवनी से ही आरंभ करें।

आतंक मचाने वाले सांड की मौत

गत दिवस शुक्रवारी के आसपास एक सांड जमकर बिफर गया और वह रास्तों से गुजरने वाले लोगों को मारकर घायल कर रिहा था। बताया जाता है कि बीती शाम 3-4 बजे के बीच शुक्रवारी में सांड ने दो महिलाओं को सींग से पटककर घायल कर दिया फिर उक्त सांड महाराष्ट्र बैंक के पस पहुंची वहां भी सांड ने आतंक फैलाया और एक महिला को मारा। बताया जाता है कि सांड के पागलपन के कारण थोड़ी देर में ही अफरा-तफरी मच गई। शाम को पता चला कि उक्त सांड बरघाट रोड एमपीईबी ऑफिस के सामने गिरकर मर गया और उसके मुंह से खून निकल रहा था। बताया जाता है कि उक्त सांड को किसी कुत्ते ने काट दिया था, उसके बाद से ही सांड पागलों की तरह उत्पात मचा रहा था। खुलेआम सांड का उत्पात मचाना और जगह- जगह मवेशियों का बैठे रहना व आवारा कुत्तों के आतंक से एक बार फिर हाका गैंक की पोल खुल गई क्योंकि यदि हाका गैंक सक्रिय रहती तो सड़कों में आवारा पशुओं का आतंक नहीं रहता। 

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