गुरुवार, 12 सितंबर 2013

नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर बन रहा जिला कांग्रेस का भवन!

नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर बन रहा जिला कांग्रेस का भवन!

अंर्तकलह में उलझी डीसीसी को परवाह नहीं कमल नाथ की साख की!

(महेश रावलानी)

सिवनंी (साई)। महाकौशल के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की साख की जिला कांग्रेस कमेटी को कितनी परवाह है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग तीन माह बीत जाने के बाद भी जिला कांग्रेस कमेटी के भवन का निर्माण आरंभ नहीं हो सका है, जबकि कमल नाथ ने 13 जून को सिवनी दौरे के दरम्यान नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इमरान पटेल की गुजारिश पर सिवनी में डीसीसी भवन का काम एक माह के अंदर ही आरंभ करवाने की घोषणा की थी।
गौरतलब है कि सिवनी जिला कांग्रेस कमेटी के लिए भवन हेतु भूखण्ड काफी पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के जबलपुर रोड स्थित आवास के सामने आरक्षित कर दिया गया था। इस आरक्षित स्थल पर भवन का निर्माण आरंभ नहीं हो सका। बताया जाता है कि उस वक्त कांग्रेस के क्षत्रप हरवंश सिंह द्वारा जिला कांग्रेस भवन बनवाने में दिलचस्पी नहीं ली गई, जबकि प्रदेश में अनेक कांग्रेस भवनों के लिए हरवंश सिंह द्वारा ही आर्थिक इमदाद उपलब्ध करवाई बताई जाती है।
स्व.हरवंश सिंह ने जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों को एक छत के नीचे संभवतः कभी लाए जाने की कवायद नहीं की, वरना क्या कारण रहा कि आर्थिक, राजनैतिक तौर पर सक्षम हरवंश सिंह द्वारा लगभग ढाई दशकों तक प्रदेश में विभिन्न पदों पर रहने और जिले में अपने हिसाब से कांग्रेस को हांकने के बाद भी जिले में डीसीसी भवन का निर्माण नहीं करवाया गया, वह भी तब जबकि इसके लिए भूखण्ड आरक्षित किया जा चुका था।

कैसे दे दें इमरान को श्रेय!
जिला कांग्रेस कमेटी के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो वहां इस बात पर घमासान मचा हुआ है कि अगर यह भवन बन गया तो इसका सारा का सारा श्रेय नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इमरान पटेल को चला जाएगा। दशकों से कांग्रेस की धुरी बने हुए कांग्रेस के सरमायादारों को यह बात हजम नहीं हो पा रही है कि आखिर युवा नेता इमरान पटेल को इसका श्रेय कैसे ले लेने दिया जाए।

इमरान ने लूट लिया था मंच
13 जून को केंद्रीय मंत्री कमल नाथ का सिवनी आगमन हुआ। कमल नाथ की सियासी तरबियत से सिवनी के कांग्रेसी नेता शायद वाकिफ नहीं हैं। जाने अनजाने जैसे ही इमरान पटेल को संबोधन का अवसर मिला, उन्होंने ‘‘मिले मौका, मारो चौका‘‘ की तर्ज पर सिवनी में कांग्रेस भवन की मांग रख दी। इमरान पटेल की इस मांग को रखते ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हाथों के तोते उड़ गए। फिर उन्हें लगा कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ इमरान पटेल की इस मांग को अनसुना कर देंगे।
कहा जाता है कि कमल नाथ बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं। उन्होने इमरान पटेल की मांग को अनसुना नहीं किया। इमरान पटेल की मांग पर कमल नाथ ने मंच से ही घोषणा कर दी कि जिला कांग्रेस भवन का काम एक माह के अंदर आरंभ हो जाएगा। फिर क्या था, दशकों से कांग्रेस को अपने हिसाब से हांकने वाले नेताओं की आशाओं पर तुषारापात हो गया।

डीसीसी की लेट लतीफी
बताया जाता है कि इसके उपरांत जिला कांग्रेस कमेटी को आदेशित किया गया कि इसके निर्माण के पहले एक ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित किया जाए। जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव बनाने में हीला हवाला किया। बताते हैं कि दस जुलाई को लगभग एक माह बाद प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें बहुत ही सफाई से अपने आपको बचाते हुए जिला कांग्रेस कमेटी ने ट्रस्ट के गठन के लिए केंद्रीय मंत्री कमल नाथ को अधिकृत कर दिया।

अब आया नक्शा पास कराने का संकट!
इस कार्यवाही के उपरांत जिला कांग्रेस कमेटी भवन के नक्शे की बारी आई। बताया जाता है कि समय सीमा में काम निपटाने के आदी केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने तत्काल ही एक आर्किटेक्ट के माध्यम से नक्शा बनवा दिया। इस नक्शे को नगर पालिका परिषद सिवनी से पास करवाना अहम था।

उपेक्षित महसूस कर रहे कांग्रेस के पार्षद!
बताया जाता है कि इसके नक्शे को पास करवाने के लिए नगर पालिका में पार्षद दल के नेता शफीक, नगर पालिका उपाध्यक्ष राजिक अकील सहित अन्य पार्षदों को विश्वास में नहीं लिया गया है। कांग्रेस के एक पार्षद ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि नगर पालिका में कांग्रेस के पार्षद वस्तुतः जिला कांग्रेस कमेटी के निष्ठावान सिपाही हैं। होना यह चाहिए था कि, इन पार्षदों को जिला कांग्रेस कमेटी में बुलवाकर नक्शा दे दिया जाता और उसे पारित करवाने की जवाबदेही सौंप दी जाती। पर पता नहीं क्यों डीसीसी को अपने ही पार्षदों पर ऐतबार नहीं रहा कि उन्होंने पार्षदों को इस काम के लिए पाबंद नहीं किया।

ईई ने बताए नियम कायदे!
नगर पालिका परिषद में जैसे ही डीसीसी भवन का नक्शा पहुंचा, नगर पालिका के कार्यपालन यंत्री ने कांग्रेस भवन का नक्शा देखते ही नियम कायदों की फेहरिस्त बनाना आरंभ कर दिया। बताया जाता है कि इसी बीच इसकी जानकारी कांग्रेस के पार्षदों को लगी तो वे भी मौके पर पहुंचे। कमरे में अचानक क्या बात हुई यह तो पता नहीं चल सका पर कांग्रेस के अधिकांश पार्षद वहां से भुनभुनाते हुए निकलकर बाहर आ गए।

नहीं परवाह कमल नाथ की छवि की
कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार जिला कांग्रेस कमेटी को महाकौशल के क्षत्रप और केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की छवि की कतई चिंता नहीं है। कमल नाथ के द्वारा 13 जून को घोषणा कर कहा गया था कि एक माह में जिला कांग्रेस कमेटी भवन के निर्माण का काम आरंभ हो जाएगा, पर तीन माह बीतने के बाद भी कम मंथर गति से चल रहा है। आज आलम यह है कि इस भवन के नक्शे को नगर पालिका से अनुमति भी नहीं मिल सकी है।

डंप हो रही रेत गिट्टी
जिला कांग्रेस कमेटी भवन के लिए आरक्षित भूखण्ड पर सालों से रेत और गिट्टी तथा बिल्डिंग मैटेरियल डंप हो रहा था। अचानक ही एक दिन भूमि पूजन (जो संभवतः सालों पहले भी हो चुका है) के लिए जेसीवी लगाकर इसे खाली करवाया गया। उसके बाद इस भूखण्ड पर एक बार फिर बिल्डिंग मेटेरियल डंप होना आंरभ हो गया है।

मौन हैं प्रवक्ता

जिला कांग्रेस कमेटी के भवन के निर्माण या उसकी प्रक्रिया के बारे में बात बात पर जिले की समस्याओं, जिले में भाजपा के नगर पालिका प्रशासन, विधायक और सांसदों को छोड़कर, प्रदेश के प्रवक्ताओं की भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के प्रवक्ता भी मौन ही साधे हुए हैं, इससे मीडिया में भी भ्रम बना हुआ है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ की घोषणा पर जिला कांग्रेस कमेटी क्या संज्ञान ले रही है?

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