बुधवार, 21 अगस्त 2013

अदालत का भी खौफ नहीं रहा नगर परिषद् लखनादौन को!

अदालत का भी खौफ नहीं रहा नगर परिषद् लखनादौन को!

स्थगन के बाद चलता रहा काम, एसडीएम, विधायक रहे मूकदर्शक, दबंगई के साथ काम कर रही नगर परिषद् लखनादौन!

(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)

सिवनंी (साई)। लखन कुंवर की नगरी लखनादौन की नगर परिषद् पूरी दबंगई पर उतर आई है और इसकी दबंगई के सामने लखनादौन में पदस्थ अनुविभागीय दण्डाधिकारी लता पाठक के साथ ही साथ विधायक श्रीमती शशि ठाकुर भी अपने आप को असहाय ही महसूस कर रही हैं।
वैसे तो नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय की छवि एक बेहतर ग्रहणी और समझदार भद्र महिला की है, किन्तु चर्चा है कि नगर परिषद् लखनादौन के अध्यक्ष पद पर बैठी एक महिला श्रीमती सुधा राय की दबंगई इस कदर बढ़ गई है कि उसके सामने दो महिलाएं (एसडीएम लता पाठक और विधायक शशि ठाकुर) कुछ भी करने कहने में सक्षम नजर नहीं आ रही हैं। मामला चाहे पेट्रोल पंप चौराहे से रोटा नाला तक के सड़क निर्माण का हो या सब्जी मण्डी के निर्माण का, हर मामले में नगर परिषद् की दबंगई से सभी हत्प्रभ हैं।

सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का!
नगर परिषद् लखनादौन के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दरअसल, जिस स्थान पर नगर परिषद् द्वारा सब्जी मण्डी का निर्माण करवाया जा रहा है वह जगह कृषि उपज मण्डी के स्वामित्व वाली है। इस जमीन पर पूर्व में तत्कालीन नगर परिषद् अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन के कार्यकाल में अतिक्रमण कर लिया गया था, जबकि नगर परिषद् का काम अतिक्रमण हटाने का होता है। लोगों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने वाले ही अतिक्रमण पर अमादा हो जाएं तो कहना ही पड़ेगा, कि सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का।

महज 6 महीने के लिए ली थी जमीन
उधर, कृषि उपज मण्डी समिति लखनादौन के सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन नगर परिषद् अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन के अध्यक्षीय कार्यकाल में जब इस मण्डी का मामला गर्माया तब नगर परिषद् लखनादौन ने बैक फुट पर आकर इस जमीन को कृषि उपज मण्डी से महज 6 माह के लिए उपयोगार्थ चाही गई थी। सूत्रों की मानें तो अपने कौलके पक्के दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने इस जमीन को 6 माह के उपयोग के बाद कृषि उपज मण्डी लखनादौन को वापस करने का लिखित आश्वासन भी दिया था, सूत्रों ने कहा कि वे अपना वचन नहीं निभा पाए।

पहले बिल्ली फिर बन गए शेर
नगर परिषद् लखनादौन द्वारा कथित तौर पर कृषि उपज मण्डी लखनादौन की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। जब यह मामला उलझा तब नगर परिषद् लखनादौन ने अपने आप को निरीह दीन हीन बताया और भीगी बिल्ली बन गया, और इसके उपरांत एक बार फिर परिस्थितियां बदलते ही नगर परिषद् शेर की तरह दहाड़ मारने लगी। चर्चा तो यहां तक है कि लखन कुंवर की नगरी के एक चर्चित ठेकेदार ने यह तक कह डाला है कि नहीं होगी जमीन वापस जो उखाड़ते बने उखाड़ लो

हाई कोर्ट, एसडीएम कोर्ट का है स्थगन!
जिस जमीन पर लखनादौन नगर परिषद् की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय ने गाजे बाजे के साथ कार्यक्रम किया है, जिस सब्जी मण्डी का लोकार्पण होकर मीडिया में समाचार और फोटो छपवाए गए हैं, उस सब्जी मण्डी पर माननीय उच्च न्यायालय और एसडीएम कोर्ट का स्थगन है। लखनादौन नगर परिषद् शायद भारत गणराज्य का हिस्सा नहीं है तभी तो दो दो अदालतों के स्थगन को दरकिनार कर नगर परिषद् अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय ने इसका न केवल लोकार्पण कर दिया वरन् बताते हैं कि स्थगन के बाद भी वहां काम जारी रखा। इस मामले को एसडीएम लता पाठक के संज्ञान में लाने के बाद भी नतीजा सिफर ही निकला है।

रातों रात हुआ काम, एसडीएम बनीं शोभा की सुपारी
कृषि उपज मण्डी समिति लखनादौन के सूत्रों ने बताया कि एसडीएम कोर्ट के स्थगन मिलने के साथ ही नगर परिषद् लखनादौन की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय ने इस मण्डी को नगर परिषद् की संपत्ति मानकर रातों रात काम करवाने के आदेश दिए। एसडीएम कोर्ट के निर्देश को धता बताकर श्रीमती सुधा राय ने दबंगई के साथ लखनादौन में नियम विरूद्ध काम करवाते हुए कृषि उपज मण्डी की जमीन पर सब्जी मण्डी का निर्माण करवा दिया।

आडिट में कैसे होगा पास!

अब दूसरे की जमीन के मालिकाना हक के बाद इसमें नगर परिषद् द्वारा कराए गए काम को अंकेक्षण विभाग (आडिट डिपार्टमेंट) के सामने आखिर नगर परिषद् इसे कैसे दर्शाएगी। इस काम का भुगतान भी हो गया बताया जा रहा है, जबकि इस जमीन का मालिकाना हक कृषि उपज मण्डी का बताया जा रहा है। नगर परिषद् लखनादौन की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राय की दबंगई के सामने दो अन्य महिलाएं पहली एसडीएम लता पाठक और दूसरी विधायक श्रीमती शशि ठाकुर भी अपने आप को असहाय ही महसूस कर रही हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: