रविवार, 16 जून 2013

मूत्रालय शौचालयों की कमी से जनता हलाकान

मूत्रालय शौचालयों की कमी से जनता हलाकान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। शहर में सुलभ शौचालयों की कमी निरंतर महसूस की जा रही है। जो पेशाब घर या गिनती के सुलभ शौचालय बने हुए हैं वे भी गंदगी से बजबजा रहे हैं। नगर में सार्वजनिक स्थलों में एक दो ही सुलभ शौचालय हैं। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि जनमानस की इस आधारभूत सुविधा की ओर ध्यान तो सभी का जाता है पर कोई पहल नहीं करता। नतीजतन यह समस्या जस की तस बनी हुई है।
सिवनी शहर के प्रमुख स्थलों बारा पत्थर बाहुबली चौक, गांधी भवन, कचहरी चौक, सोमवारी चौक भैरोगंज, पोस्ट ऑफिस का क्षेत्र, बस स्टैंड, शुक्रवारी चौक, नेहरू रोड, नगर पालिका चौक, बुधवारी बाजार, मंगली पेठ, छिंदवाड़ा चौक जैसे व्यस्ततम इलाकों में सुव्यवस्थित पेशाब घर या सुलभ शौचालय की सख्त आवश्यकता है। वर्षाें पूर्व बने पेशाबघरों की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है लेकिन मजबूरी मंे लोगों को उनका इस्तेमाल करना पड़ता है। बुधवारी के एकमात्र पेशाब घर में गंदगी का साम्राज्य पसरा हुआ है। यहां प्रवेश करने वालों का बदबू से बुरा हाल होता है।
गौरतलब है कि बुधवारी नगर का सबसे व्यस्ततम क्षेत्र है। इस बाजार में विभिन्न क्षेत्रों से लोग खरीदी के उद्देश्य से आते हैं। यहां स्थित पेशाबघर के आसपास एकदम सटे हुए सभी आवश्यक सामग्रियों की दुकाने, होटलें हैं। इससे बीमारियां फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। इसके अलावा नगर पालिका के सामने हिन्दी मेन बोर्ड स्कूल से लगा हुआ एक और पेशाबघर है। इस पेशाबघर की हालत तो और भी ज्यादा बेकार है। यहां गंदगी होने के अलावा इस पेशाब घर का इस्तेमाल, जनता बारिश के दिनों में इसलिए ज्यादा नहीं कर पाती क्योंकि यहां ऊपर शेड ही नहीं है।
यही हाल बस स्टैंड परिसर स्थित पेशाबघर का भी है। इसके आसपास भी कई उपयोगी सामग्रियों की दुकानें हैं जिससे लोगों का आना जाना यहां बना रहता है। मजे की बात तो यह है कि इसी पेशाबघर की दीवार से लगी हुई वर्षाें पुरानी कैंटीन भी यहीं से संचालित होती है जहां पेशाबघर से फैलती व्यापक बदबू के बाद भी लोग नाश्ता चाय पान करने मजबूर हैं।

कमोबेश पूरे शहर का ही ये हाल है। सबसे ज्यादा परेशानियों का शिकार महिलाओं को होना पड़ता है। संकोचवश कोई महिला संगठन भी इस पहल के लिए आगे नहीं आता है। पेशाबघरों में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण लोगों को खुले स्थान तलाशने पड़ते हैं। कई स्थान तो जैसे बलि ही चढ़ गए हैं। जनपद पंचायत कार्यालय और भारत संचार के बीच बनी सीमेंटेड रोड इसका ज्वलंत उदाहरण है। जबकि यह गणेश चौक को भैरोगंज से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है।

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