शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

कोऊ हो नृप हमें का हानी . . .


0 मोदी बनेंगे पीएम

कोऊ हो नृप हमें का हानी . . .

(लिमटी खरे)

यह भाजपा है जो अपने एक सूबाई कार्यकर्ता को अपना देश का अध्यक्ष बना देती है। एक प्रदेश के निजाम को तीसरी फतह हासिल करने पर देश का प्रधानमंत्री बनाने की बात कह देती है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में वंशवाद और सामंतीराज का यह आलम है कि दिल्ली की निजाम श्रीमति शीला दीक्षित जो तीन बार दिल्ली पर फतह हासिल कर चुकी हैं, को प्रधानमंत्री तो दूर देश का गृह मंत्री बनाने की बात भी नहीं करती! नरेंद्र मोदी की जीत ने वाकई अनेक नेताओं को हिलाकर रख दिया है। मोदी से भयाक्रांत दिखने वाले नेताओं में कांग्रेस और अन्य दलों से ज्यादा भाजपा के नेताओं का शुमार है क्योंकि नरेंद्र मोदी की तेजी से बढती लोकप्रियता ने अनेक नेताओं को आईना दिखा दिया है। अब नरेंद्र मोदी के कद काठ का एक ही नेता है भाजपा के पास जो उन्हें टक्कर दे सकता है, सिर्फ और सिर्फ शिवराज सिंह चौहान! या तो शिवराज को भाजपा अभी ही केंद्र में ले जाएगी या फिर 2013 की पारी जीतने पर उन्हें 2014 के आम चुनावों में मोदी के समकक्ष खड़ा कर दिया जाएगा।

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में वैचारिक ही नहीं अनेक असमानताएं विद्यमान हैं। कांग्रेस का गठन जब किया गया था तब उसका उद्देश्य पवित्र और पावन हो सकता था, किन्तु आजादी के उपरांत कांग्रेस ने देश पर आधी सदी से ज्यादा राज किया फिर भी देश के बजाए कांग्रेस के नेताओं का आत्मनिर्भर होना इस बात का घोतक है कि आजादी के उपरांत कांग्रेस के नेताओं ने देश के बजाए स्वहित को ही प्राथमिकता के लिए आधार बनाया।
कांग्रेस को छोड़कर कमोबेश हरेक राजनैतिक दल में किसी परिवार विशेष का स्वामित्व नहीं रहा है। आजादी के उपरांत कांग्रेस को नेहरू गांधी परिवार का प्राईवेट लिमिटेड अघोषित तौर पर स्वीकार कर लिया गया है। अमूमन यही माना जाता है कि कांग्रेस में कार्यकर्ता, यानी पार्टी का झंडा डंडा उठाने वाले, बोरा फट्टी बटोरने वालों का काम वही था और रहेगा। कांग्रेस में वही उच्च स्थान या दूसरी पंक्ति के उपरांत तीसरी चौथी पंक्ति (पहली यानी अग्रिम पंक्ति तो नेहरू गांधी परिवार के लिए आरक्षित है) उसी को मिलती है जिस पर राजपरिवार (नेहरू गांधी परिवार) का वरद हस्त होता है।
कांग्रेस में दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित का उदहारण सबसे अच्छा है कि वे तीन बार लगातार दिल्ली में अपना ताज बचाने में कामयाब रही हैं। श्रीमति शीला दीक्षित महिला हैं, कुशल प्रशासक हैं, राजनैतिक समझ बूझ अच्छी है, फिर भी कांग्रेस के अंदर केंद्रीय स्तर पर उनकी स्वीकार्यता नहीं है। हो भी कैसे सकती है? कांग्रेस में नेहरू गांधी परिवार की इतालवी बहू श्रीमति सोनिया गांधी जो सर्वोच्च पद पर आसीन हैं। अगर श्रीमति शीला दीक्षित को तवज्जो देना आरंभ कर दिया गया तो फिर लोग सोनिया से शीला की तुलना करने लगेंगे और निस्संदेह शीला दीक्षित कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के समक्ष बीस ही साबित होंगीं।
वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी में महाराष्ट्र सूबे के अपेक्षाकृत कम चर्चित चेहरे नितिन गड़करी के हाथों भाजपा की देश की कमान सौंप दी जाती है। वहीं दूसरी ओर गुजरात में तीसरी मर्तबा परचम फहराने वाले नरेंद्र मोदी को भाजपा का अगला प्रधानमंत्री के बतौर दमकता चेहरा भी मीडिया में निरूपित करने पर किसी को आपत्ति नहीं होती है।
मीडिया की इतनी जुर्रत नहीं कि वह इस बात को रेखांकित कर दे कि नरेंद्र मोदी तो तीसरी पारी आरंभ ही कर रहे हैं उधर, श्रीमति शीला दीक्षित की तो तीसरी पारी समाप्ति की ओर है। शीला दीक्षित 1998 से लगातार मुख्यमंत्री हैं। मीडिया भी कांग्रेस के आलंबरदारों के घरों की लौंडी बन चुका है। सोनिया गांधी या राहुल गांधी की मुखालफत करने वाले अखबारों पर अनेक तरह की बंदिशें लगना स्वाभाविक ही है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन आने वाले डीएवीपी के द्वारा जारी होने वाले अरबों खरबों रूपए के विज्ञापनों में कटौती के डर से मीडिया भी 10, जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का आवास) से पंगा लेने से घबराता ही नजर आता है।
वैसे नरेंद्र मोदी की धमाकेदार जीत के बाद उनका 7, रेसकोर्स रोड (भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) पर कब्जे की बातों का फिजां में तैरना भारत गणराज्य के इतिहास में अहम ही माना जाएगा। प्रधानमंत्री बनने के पहले मुख्यमंत्री रहने वाले दो उदहारण हमारे सामने हैं एक थे विश्वनाथ प्रताप सिंह और दूसरे एच.डी.देवगौड़ा, किन्तु दोनों का सीएम से पीएम तक के सफर में मुख्यमंत्री रहने का सीधा सीधा कोई ताल्लुक नहीं रहा है।
उधर, नरेंद्र मोदी ने खुद कभी यह दावा नहीं किया है कि वे प्रधानमंत्री बनना चाह रहे हैं। यह तो स्थितियां परिस्थितियां हैं जो नरेंद्र मोदी को पीएम पद के लिए उनकी दावेदारी के मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। दरअसल, अटल बिहारी बाजपेयी के उपरांत सत्ता में आए मनमोहन सिंह से देश की जनता का भरोसा टूट गया है। मन मोहन सिंह को देश की जनता वास्तव में प्रधानमंत्री कम सोनिया गांधी का पिट्ठू ज्यादा मानती है।
मनमोहन सिंह के सामने देश को कांग्रेस और उनके सहयोगी लूट रहे हैं। सोनिया गांधी के दमाद भ्रष्टाचार के मामले में आकंठ फंसे हैं। यह सब देखकर भी नैतिकता के आधार पर ही कोई कार्यवाही करने के बजाए मनमोहन सरकार उन्हें बचाने में अपनी सारी शक्ति झोंक रही है। मीडिया भले ही कांग्रेस का गुणगान कर रहा हो पर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स द्वारा सच्चाई जनता के सामने लगातार लाई जा रही है जिससे जनता को अब कांग्रेस और उसकी केंद्र सरकार की हकीकत का पता चलने लगा है।
उधर, नरेंद्र मोदी के इस तरह के अभ्युदय से भाजपा के नेताओं की नींद में खलल पड़ना आरंभ हो गया है। भाजपा के आला नेता इस बात से चिंतित हो उठे हैं कि अगर मोदी का ग्राफ इसी तरह से बढता गया तो आने वाले समय में भाजपा में भी मोदी राज कायम हो जाएगा जो कम से कम दो तीन दशक तक तो हावी रहेगा ही। इसका कारण यह है कि गुजरात में पिछले दस सालों में विकास हुआ हो या ना हुआ हो पर मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लग पाए हैं। छुटपुट आरोपों की तो हर जगह गुंजाईश होती है पर मोदी भ्रष्ट हैं एसा कहने वालों की तादाद उंगलियांें में ही गिनी जा सकती है।
गुजरात चुनाव के आगाज के साथ ही साथ भाजपा के अंदर ही अंदर मोदी की काट की खोज भी आरंभ हो चुकी थी। आला नेता इस बात पर शोध कर रहे थे कि अगर मोदी धमाकेदार जीत दर्ज करते हैं तो केंद्र में उन्हें भाजपा संगठन में ही अंदर से टक्कर देने वाला कौन हो सकता है। इसके जवाब में दो ही चेहरे नेताओं के सामने उभरे, पहला था मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का तो दूसरा चेहरा था छत्तीसगढ़ के निजाम रमन सिंह का।
रमन सिंह और शिवराज सिंह दोनों में अनेक समानताएं हैं। दोनों ही जमीन से जुड़े नेता होने के साथ ही साथ सहज सुलभ उपलब्ध हैं। रमन सिह और शिवराज सिंह दोनों ही लो प्रोफाईल और बहुत ज्यादा महात्वाकांक्षी नहीं हैं। दोनों ही की प्रशासनिक पकड़ का कोई सानी नहीं है। दोनों ही दो बार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
रमन सिंह और शिवराज सिंह में देखा जाए तो नरेंद्र मोदी को टक्कर देने में शिवराज सिंह चौहान का चेहरा आला नेताओं को काफी हद तक मुफीद दिख रहा है। संभवतः यही कारण है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वाले एमपी भाजपाध्यक्ष प्रभात झा को वहां से रूखसत कर उनके स्थान पर नरेंद्र तोमर की ताजपोशी कर दी गई है।
अब भाजपा के समक्ष नरेद्र मोदी को रोकने के दो ही विकल्प दिख रहे हैं, पहला तो यह कि शिवराज सिंह चौहान या रमन सिंह को तत्काल ही केंद्रीय राजनीति में ले जाया जाए और उनकी छवि नरेंद्र मोदी की छवि से तगड़ी बना दी जाए, या फिर इंतजार किया जाए 2013 का। अगले विधानसभा चुनाव में अगर रमन सिंह और शिवराज सिंह चौहान में से किसी ने भी चमत्कार कर दिखाया तो ये दोनों भी मोदी के कद के होकर खड़े हो जाएंगे। किन्तु उस समय तक मोदी जीत का जश्न मनाते हुए इन दोनों से कोसों दूर जा सकते हैं।
इधर, जनता जनार्दन के नजरिए से अगर देखा जाए तो गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन है या कुशासन यह तो वहां की विपक्ष में मौन बैठी कांग्रेस बताए। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जनता सुखी है या दुखी यह तो वहां विपक्ष में मौन बैठी कांग्रेस बताए, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व में अमन चैन कायम है या नहीं यह तो विपक्ष में बैठी कांग्रेस बताए। यही नहीं देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की सरपरस्ती में प्रजातंत्र है या हिटलरशाही यह बात तो विपक्ष में मौन बैठी भारतीय जनता पार्टी बताए। जनता जनार्दन तो महज इतना ही कह रही है कि कोऊ हो नृप (राजा) हमें का हानी . . .(साई फीचर्स)

आहूजा के आने से अखाड़ा बन गया मध्य प्रदेश जनसंपर्क


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 30

आहूजा के आने से अखाड़ा बन गया मध्य प्रदेश जनसंपर्क

(विस्फोट डॉट काम)

भोपाल (साई)। बाणगंगा की बैतरणी में लाजपत आहूजा क्या उतरे ऐसा समुद्र मंथन शुरू हो गया है कि कभी कुछ निकलकर बाहर आ रहा है तो कभी कुछ। बाणगंगा की बैतरणी का मतलब मध्य प्रदेश शासन का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का मुख्यालय। हर राज्य में एक ऐसा विभाग होता है, इस राज्य में भी है। लेकिन इस राज्य के विभाग की कहानी न्यारी है। प्रदेश के पत्रकारों तारने मारने का काम इस जनसंपर्क संचालनालय से ही किया जाता है इसलिए यहां बाबूगीरी कम नेतागीरी ज्यादा होती है। इसी नेतागीरी की महिमा है कि लाजपत आहूजा को इलेक्शन इयर में बाणगंगा की बैतरणी में उतार दिया गया लेकिन पहले कथित तौर पर कांग्रेस ने विरोध किया अब भाजपा नामधारी एक व्यक्ति ने सीधे गणकरी को चिट्ठी लिखकर लाजपत को लजाने पर मजूबर कर दिया है।
नितिन गडकरी को किसी एलएन वर्मा ने पत्र लिखा है और दावा किया है कि वे राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े लोगों की कोई मदद नहीं कर रहे हैं उलटे अपनी गैंग बनाकर आपरेट करने की कोशिश कर रहे हैं। जरा पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। राष्ट्रवादी विचारधारा के कट्टर समर्थक कहनेवाले कथित वर्मा चिट्ठी में लिखते हैं-ष् राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़े पत्रकारों, संपादकों, साहित्यकारों, लेखकों को इन्हीं आहूजा साहब के चलते विभाग में अपमानित होने के चलते आपको सीधे पत्र लिख रहा हूं।ष् एल।एन।वर्मा के नाम से की गई उक्त शिकायत की स्केन की गई प्रति मीडिया के चुनिंदा लोगों को भी ईमेल के माध्मय से भेजी गई है।
इस शिकायत में सच्चाई कितनी है यह बात या तो आहूजा जानते होंगे या फिर शिकायतकर्ता वर्मा, पर अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा को सर्वशक्तिमान बनाने से अनेक मीडिया कर्मियों ने जनसंपर्क संचालनालय की ओर रूख करना छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि अब संचालनालय में जी हजूरी करने वालों की पौ बारह हो चुकी है। आहूजा के बारे में लिखा गया है कि वे जनसंपर्क को रंडियों का कोठा बना देंगे। इस संबंध में आहूजा का पक्ष जानने का प्रयास किया गया किन्तु वे फोन पर उपलब्ध नहीं हो सके।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि शराब और शबाब की शौक के लिए चर्चित राजेश बैन, समरजीत चौहान, संदीप कपूर आदि को फिर से विज्ञापन शाखा में पदस्थ किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि विश्व संवाद केंद्र से जुड़े होने के नाते इस संबंध में जब वर्मा द्वारा सारी हकीकत के बारे में भाजपाध्यक्ष प्रभात झा को आवगत कराया गया तो वे भी हतप्रभ रह गए थे। वैसे खबर तो यह भी चलाई जा रही है कि प्रभात झा के इशारे पर ही आहूजा की नियुक्ति यहां की गई है। अगर यह खबर सही है तो वे हतप्रभ क्यों रह गये यह अपने आप में हतप्रभ करनेवाली बात है।
इस संबंध में जब जनसंपर्क में पदस्थ अतिरिक्त संचालक लाजपत आहूजा का पक्ष जानने उनसे उनके कार्यालयीन दूरभाष 0755 - 4096502 पर सोमवार 11 जून को दोपहर साढ़े ग्यारह बजे संपर्क करने का प्रयत्न किया गया तो वहां उपस्थित भृत्य ने बताया कि अभी आहूजा साहब के कार्यालय में ना तो उनके कोई बाबू ही आए हैं और ना ही साहब!
कारण कुछ भी हों लेकिन आहूजा के आने से इतना तो हो गया है कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क जंग का पूरा अखाड़ा बन चुका है। जीतेगा कौन यह बाद में देखेंगे अभी लड़ाई में नये नये दांव पेंच इस्तेमाल किये जा रहे हैं और बाजी मारने की पुरजोर कोशिश हो रही है। पहले कांग्रेस के लोगों ने नाराजगी जताई अब भाजपाई भी उनसे खुश नजर नहीं आ रहे हैं।

जीतू और नीता का शनि होने लगा भारी!


जीतू और नीता का शनि होने लगा भारी!

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में भाजपा की सूबाई राजनीति में तेजी से बनते बिगड़ते समीकरणों के बीच अब अपनी कुर्सी बचाने और कुर्सी हथियाने की जुगत आरंभ हो चुकी है। दरअसल, प्रभात झा की बिदाई के साथ ही साथ अनेक सियासी नेताओं के साथ ही साथ सरकारी मुलाजिमों की गर्दन नपना तय माना जा रहा है जो संगठन के बजाए प्रभात झा की ही गणेश परिक्रमा को अपना मूल मंत्र मानकर चल रहे थे।
इसके साथ ही साथ प्रभात झा पर आरोपों की झडी लगने लगी थी कि प्रभात झा के साए में संगठन ही सरकार पर होता जा रहा है। इतना ही नहीं प्रभात झा के संरक्षण में सरकारी नुमाईंदों के हौसले इतने बुलंद हो चले थे कि वे मंत्रियों की बात को भी अनसुना ही कर देते थे।
कहा जा रहा है कि प्रभात झा के संरक्षण में अफसरशाही के बेलगाम घोड़े इस कदर कोहराम मचा रहे थे कि मीडिया और सरकार में अनेकों मर्तबा टकराहट की नौबत तक आ चुकी है। विधानसभा के शीत कालीन सत्र में पत्रकारों को जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा की प्रतीकात्मक शवयात्रा तक निकालने पर मजबूर होना पड़ा था। यद्यपि बाद में प्रतीकात्मक शवयात्रा के स्थान पर रैली ही निकाली गई पर यह मध्य प्रदेश के इतिहास में काला धब्बा ही मानी जा रही है।
भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष नरेंद्र तोमर इस बात को भली भांति जानते हैं कि प्रभात झा को बलात हटाया गया है। उनकी बिदाई की भनक शिवराज सिंह चौहान ने किसी को भी नहीं लगने दी थी। प्रभात झा ने नरेंद्र सिंह तोमर की ताजपोशी के वक्त अपनी बिदाई के बारे में दर्द को जाहिर करते हुए कह ही दिया था कि जिस तरह पोखरण विस्फोट की खबर अटल जी ने किसी को लगने नहीं दी उसी तरह उनकी बिदाई की खबर शिवराज सिंह चौहान ने किसी को लगने नहीं दी।
अब तोमर के सामने अपनी टीम बनाने के साथ ही साथ प्रभात झा के जहर बुझे तीरों की संभावनाओं से निपटना भी एक प्रमुख चुनौति है। भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेसी ऑफ इंडिया को बताया कि संगठन का एक तबका इस बात से खासा नाराज है कि इस तरह प्रभात झा की बिदाई नहीं होनी थी। वहीं संघ के सूत्रों ने साई न्यूज से चर्चा के दरम्यान कहा कि संघ का एक धड़ा भी तोमर की ताजपोशी को पचा नहीं पा रहा है।
उधर, शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र तोमर की दिल्ली यात्रा भी इस संबंध में काफी अहम मानी जा रही है। भाजपा से जुड़े सूत्रों ने समचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो को बताया कि तोमर और सीएम ने दिल्ली में नितिन गड़करी, एल.के.आड़वाणी, सुषमा स्वराज, अरूण जेतली जैसे आला नेताओं से मिलकर मिशन 2013 के लिए फ्री हेण्ड मांगा है।
कहा जा रहा है कि टीम प्रभात के अहम सदस्य भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष जीतू जिराती और भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया की उल्टी गिनती आरंभ हो चुकी है। माना जा रहा है कि नीता पटेरिया को हटाने के पीछे प्रभात झा द्वारा उन्हें सीएम मेटेरियल बताने के साथ ही साथ श्रीमति पटेरिया के खिलाफ बिजली चोरी, पुरोहित की थाली से दो सौ रूपए चुराने के आरोपों के साथ ही साथ आमानाला काण्ड में उनके खिलाफ खड़े कांग्रेस के विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह द्वारा स्वयं ही माननीय न्यायालय से चालन पेश करवाने की गुहार लगाने की बातों को प्रमुख माना जा रहा है।

अहमद पटेल की कार्यप्रणाली पर लगे प्रश्न चिन्ह!


हिमाचल में कांग्रेस तो गुजरात में खिला कमल

अहमद पटेल की कार्यप्रणाली पर लगे प्रश्न चिन्ह!

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। अंततः हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव परिणाम सामने आ ही गए। एक तरफ गुजरात में नरेंद्र मोदी ने परचम लहराकर कांग्रेस के नीति निर्धारक श्रीमति सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल को धूच चटा दी वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में भाजपा अपना गढ़ बचाने में नाकाम रही।
शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रीता वर्मा ने समाचार दिया है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सरकार विरोधी लहर के बीच भारतीय जनता पार्टी को हराकर पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। हिमाचल प्रदेश की कुल ६८ सीटों में से कांग्रेस को ३६ और भारतीय जनता पार्टी को २६ सीटें मिली है। हिमाचल लोकहित पार्टी ने एक और अन्य ने पांच सीटें जीती हैं। कांग्रेस को इस चुनाव में १३ सीटों की बढ़त मिली है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को १५ सीटों का नुकसान हुआ है। पिछली विधानसभा में कांग्रेस के पास २३ और भाजपा के पास ४१ सीटें थीं।
उधर, अहमदाबाद से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से जलपन पटेल ने खबर दी है कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में ११५ सीटें जीतकर लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता हासिल की है। राज्य विधानसभा की १८२ सीटों में से कांग्रेस को ६१ सीटें मिली हैं। कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को दो सीटें मिली जबकि गुजरात परिवर्तन पार्टी को भी दो सीटें मिली। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली जबकि एक सीट पर जनता दल युनाइटेड का उम्मीदवार विजयी रहा।
मोदी के करीबी सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि राज्य में नई सरकार २६ दिसम्बर को शपथ लेगी। भारतीय जनता पार्टी के अधिकतर वरिष्ठ नेता, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के भी शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड ने नरेंद्र मोदी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुनने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली को पार्टी के विधायक दल की बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजने का फैसला किया है।
कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष अर्जुन मोडवाड़िया ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी हाईकमान को इस्तीफा भेज दिया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस दोनों के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में हार गए हैं। इसके साथ ही साथ राज्य में अहमद पटेल के व्यक्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लगने आरंभ हो गए हैं।

बैंकिग कानून संशोधन विधेयक पारित


बैंकिग कानून संशोधन विधेयक पारित

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। अंततः बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक २०१२ को संसद की मंजूरी दे दी। इसे मंजूर मिलने के साथ ही कंपनियों का बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया है। इससे रिजर्व बैंक को विनियमन के ज्यादा अधिकार मिल जायेंगे। राज्यसभा में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक २०१२ को मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने संवाददाताओं को बताया कि देश में ज्यादा बैंकों की जरूरत है। उपभोग की वस्तुओं में बैंकों को व्यापार की मंजूरी से जुडे कुछ प्रावधानों को हटाने के बाद लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक इस बारे में दिशा निर्देशों का मसौदा पहले ही जारी कर चुका है और उसने सरकार को भरोसा दिलाया है कि संसद में बैंकिंग कानून संसोधन विधेयक पारित होने के बाद वह नए बैंकों के लाइसेंस जारी करना शुरू कर देगा। बीमा और पेंशन क्षेत्र मे ंसुधारों के बारे में चिदम्बरम ने आशा व्यक्त की कि इससे जुडे विधेयकों पर बजट सत्र में विचार किया जाएगा।

दिल्ली बम ब्लास्ट के आरोपी को मार गिराया


दिल्ली बम ब्लास्ट के आरोपी को मार गिराया

(विनोद नेगी)

जम्मू (साई)। जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय विस्फोट में शामिल एक बडे आतंकवादी को मार गिराकर बडी सफलता हासिल की है । इसकी पहचान शाकिर हुसैन शेख उर्फ छोटा हफीज के नाम से हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर पिछले वर्ष सात सितम्बर को हुए आतंकवादी हमले में १२ लोग मारे गए थे और ६२ घायल हो गए थे।
अर्धसैनिक बलों के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डोडा रामबन इलाके के डीआईजी के अनुसार ११ राष्ट्रीय रायफल पुलिस और स्पेशल ऑप्रेशनल गु्रप के जवानों ने शाम करीब सात बजे एक पुख्ता सूचना के आधार पर छोटा हाफिज को कदराना मनाओपाची माड़वा किश्तवाड़ में घेर लिया।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि उन्होंने उसको आत्मसमर्पण करने के लिए कहा पर उसने गोलाबाड़ी शुरू की। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने उसे मार गिराया। छोटा हाफिज के कब्जें से एक एके ४७ राइफल और मैग्जीन मिली है। इस धमाके का मुख्य आरोपी डॉक्टर वसीम अकरम और उसका साथी आमिर अब्बास देव पहले ही पकड़े जा चुके हैं।

नालों की दुर्गंध को बदल देंगे खुशबू में


नालों की दुर्गंध को बदल देंगे खुशबू में

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। मुंबई बृहन्नमुंबई नगर निगम की योजना अगर रंग लाती है तो जल्द ही शहर की नालियों से गुलाब जैसी खुशबू आएगी। एक सूत्र के मुताबिक, शहर में नालियों पर इत्रछिडकने का प्रस्ताव जल्द ही स्थायी समिति की बैठक में सामने आएगा। बीएमसी के एक सूत्र ने प्रस्ताव के बारे में बताया कि नाले की बदबू से आसपास रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। यह प्रस्ताव अगले सप्ताह पेश किया जाएगा। इत्र छिडकने पर करीब सात लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।

दुनिया का तीसरा सबसे बडा धर्म है हिंदू


दुनिया का तीसरा सबसे बडा धर्म है हिंदू

(अभिलाषा जैन)

लंदन (साई)। दुनिया भर में अनुयायियों की संख्या के लिहाज से ईसाई सबसे बडा, जबकि हिंदू धर्म तीसरा सबसे बडा धर्म है। इस्लाम दूसरे स्थान पर है। हिंदू धर्मावलंबियों की 97 फीसदी संख्या भारत, नेपाल और मारीशस में रहती है। प्यूके अध्ययन में कहा गया है कि भारत में दुनिया के बहुसंख्यक हिंदू रहते हैं और यह सभी प्रमुख धर्मों का देश है।
इस अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में 2.2 अरब ईसाई ( विश्व जनसंख्या का 32 फीसदी ), 1.6 अरब मुस्लिम ( 23 फीसदी ), एक अरब हिंदू ( 15 फीसदी ), करीब 50 करोड बौद्ध ( सात फीसदी ) और 1.4 करोड यहूदी ( 0।2 फीसदी ) है। ये आंकडे 2010 के हैं।
इसके अलावा 40 करोड से अधिक लोग अफ्रीका, चीन, अमेरिकी क्षेत्र और आस्ट्रेलिया के कई पारंपरिक पंथों-धर्मों से ताल्लुक रखते हैं। करीब 5.8 करोड लोग दूसरे धर्मों मसलन बहाई, जेन, सिख तथा पारसी से ताल्लुक रखते हैं। प्यू का कहना है कि 87 फीसदी हिंदू तीन देशों भारत, मारीशस और नेपाल में रहते हैं, जबकि 87 फीसदी ईसाई दुनिया के 157 ईसाई बहुल देशों में रहते हैं।
वैश्विक स्तर की पूरी आबादी में औसत आयु वाले लोगों की बात करें तो मुसमलमानों में 23 साल और हिंदुओं में 26 साल है। दुनिया भर में पूरी आबादी की बात करें तो मध्य आयु 28 साल है। अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर की मुस्लिम आबादी के 11 फीसदी भारत में बसते हैं। इंडोनेशिया के बाद भारत मुस्लिम आबादी वाला दूसरा सबसे बडा देश है।
वैश्विक मुस्लिम आबादी के इंडोनेशिया में 13 फीसदी, भारत में 11 फीसदी, पाकिस्तान में 11 फीसदी, बांग्लादेश में आठ फीसदी, नाइजीरिया में पांच फीसदी, मिस्र में पांच फीसदी, ईरान में पांच फीसदी और अल्जीरिया में दो फीसदी और मोरक्को में दो फीसदी मुसलमान रहते हैं। विश्व के 49 देशों में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है। दुनिया के करीब 73 फीसदी मुसलमान इन्हीं देशों में बसते हैं।

हैवान बन गए आजम!


हैवान बन गए आजम!

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश के जेल मंत्री आजम खान का हैवानियत भरा एक और चेहरा सामने आया है। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भले ही प्रदेश में गुंडई खत्म करने की बात करते हों, लेकिन अपने मंत्रियों, विधायकों पर ही उनका बस नहीं चलता। अब उनके कैबिनेट के एक प्रमुख मंत्री और एसपी के बड़े नेता आजम खान चर्चा में हैं। अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल के एसी कोच में आजम खान ने एक कोच अटेंडेंट को न सिर्फ थप्पड़ मारे, बल्कि घंटों मुर्गा बनाए रखा। यह घटना यूपी के रामपुर जिले की है।
रेल्वे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि मंगलवार की रात जब पंजाब मेल जब रामपुर पहुंची, तो मंत्री अपने दलबल के साथ एसी डिब्बे में चढ़ गए। मंत्रीजी ने एसी कोच के अटेंडेंट निर्मल मुर्मु को दबंग अंदाज में बुलाया और बिस्तर साफ न होने की बात कहते हुए डांटा। अटेंडेंट ने जब उन्हें बताया कि उनके पास ऐसे ही बिस्तर हैं तो आजम खां ने थप्पड़ जड़ दिए।
मंत्री के इस तरह के बर्बर होते देख उनके समर्थक भी उस मासूम अटेंडेंट पर टूट पड़े। देखते ही देखते मंत्री के समर्थकों ने बाकी अटेंडेंट्स को भी बुलाकर उन्हें मुर्गा बना दिया। मुर्गा बने हुए अटेंडेंट्स को समर्थक पीटते रहे। सभी अटेंडेंट्स ने आजम खान से माफी मांगते हुए जब बख्श देने की गुहार लगाई, तब जाकर मंत्रीजी ने कहा कि अगर पंजाब मेल यूपी से होकर गुजरेगी तो इसे अपनी व्यवस्था सुधारनी होगी।
इस मामले में गुरुवार शाम अमृतसर जीआरपी थाना में पंजाब मेल के सभी अटेंडेंट्स ने शिकायत दर्ज करवाई है। जीआरपी एक अधिकारी धर्मेंद्र कल्याण ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने सीनियर अधिकारियों से संपर्क साधा है। उन्होंने कहा कि चूंकि मामला रामपुर का, ऐसे में कानूनी कार्रवाई वहीं से बनती है। हालांकि उन्होंने कहा कि कानूनी राय लेने के बाद इस मामले में अगला कदम उठाया जाएगा।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सतर्कता बरतने के निर्देश


महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सतर्कता बरतने के निर्देश

(राज कुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं के विरूद्ध अपराध रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। मैक्सी कैब संचालकों, थ्री व्हीलर चालकों तथा प्राईवेट वाहनों के मालिकों को प्रशासन के पास वाहन चालकों के नाम, मालिक का नाम तथा वाहन संबंधि पूरा विवरण देना होगा। इसके अतिरिक्त नगरों में लड़कियों के स्कूल व कालेजों के गेटों पर वाहन खड़ा करने के लिए स्थान निर्धारित किए जाएंगे।
जिला उपायुक्त चंद्रशेखर व पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव ने आज स्थानीय न्यू पुलिस लाईन परिसर में मैक्सी कैब, थ्री व्हीलर व प्राईवेट वाहनों के मालिकों व चालकों की बैठक कर महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों को पूरी तरह से रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने कहा कि कोई भी वाहन चालक महिला सवारियों के साथ उचित व्यवहार करें। यदि कोई असामाजिक तत्व के बारे में पता चले तो तुुरंत पुलिस प्रशासन को हैल्प लाईन नंबर 1091, 100 तथा महिला पीसीआर के मोबाईल नंबर 97299-90291 पर तुरंत सूचित करें।
उपायुक्त ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना ने हम सभी को अंदर से झकझोर के रख दिया है। इसलिए प्रशासन को कैब संचालकों, थ्री व्हीलर चालकों तथा प्राईवेट वाहनों के मालिकों को विशेष चौकसी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अवैध रूप से चलने वाले वाहनों के दस्तावेज पुलिस द्वारा चौक किए जाएंगे तथा दस्तावेज पूरे न पाए जाने पर उन वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चालकों से कहा कि वे विशेष वर्दी में डियूटी पर रहें तथा खुद व वाहन को ठीक प्रकार से रखें। पेहवा चौक से पुल तक अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा न करें।
पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव ने कहा कि सभी वाहन चालक अपने-अपने वाहनों पर वाहन नंबर साफ-साफ लिखवाएं तथा रिफ्लैक्टर भी लगवाएं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सड़क पर चलते समय अपने दाएं-बाएं देखते हुए यातायात के नियमों का पूरी तरह से पालन करें। उन्होंने कहा कि महिला सवारियों का विशेष ध्यान रखें तथा उनके साथ तमीज से पेश आएं। कोई भी शिकायत मिलने पर वाहन चालक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।   इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश सिंह यादव ने कहा कि रिक्शा चालक व वाहन चालकों में भी अच्छे इंसान हैं, जो लड़कियों व महिलाओं की जरूरत पडऩे पर मदद कर सकते हैं।
यदि कोई भी सवारी किसी भी लड़की के साथ गलत ढंग से पेश आए तो उसकी शिकायत पुलिस प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर तुरंत करें। उन्होंने कहा कि हम सभी अपने-अपने बच्चों को भी समझाएं तथा उन्हें वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन करने की शिक्षा दें। एसडीएम हवा सिंह ने कहा कि शीघ्र ही वाहन चालकों व मालिकों के लिए प्रशासन द्वारा एक शिविर लगाया जाएगा, जिसमें इन वाहन चालकों को अपने-अपने वाहन संबंधि दस्तावेजों को पूरा करने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी वाहन चालक वाहन संबंधि दस्तावेज व ड्राईविंग लाईसैंस अपने साथ रखें। इस अवसर पर रोडवेज महाप्रबंधक अश्वनी डोगरा, डीएसपी टेकन राज, डीएसपी अनिल कुमार व पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। 

गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां प्रारंभ


गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां प्रारंभ

(ब्यूरो कार्यालय)

कैथल (साई)।  जिला प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह न्यू पुलिस लाईन के मैदान में भव्य ढंग से मनाया जाएगा। जिला उपायुक्त चंद्रशेखर ने आज न्यू पुलिस लाईन परिसर में अधिकारियों की बैठक में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किए जाने वाले प्रबंधों बारे आदेश दिए।
गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हरियाणा पुलिस की दो, होम गार्ड की एक, एनसीसी गर्ल्ज व ब्वायज सीनियर विंग की टुक्डिय़ों के साथ-साथ स्काउट गाइड व स्कूलों के बच्चे भाग लेंगे। उपायुक्त ने बताया कि समारोह के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों व अन्य अतिविशिष्ट व्यक्तियों के बैठने के लिए व्यवस्था ठीक ढंग से की जाए।
उन्होंने बताया कि 18 जनवरी से गणतंत्र दिवस समारोह के लिए रिहर्सल शुरू कर दी जाएगी। गणतंत्र दिवस समारोह में पुलिस, जिला ग्रामीण विकास एजैंसी, आईटीआई, स्वास्थ्य, वन, जन स्वास्थ्य, पंचायत व विकास, कृषि, वन विभाग की झांकियां तैयार की जाएगी। पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह यादव ने गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान वाहन पार्किंग व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए जाने वाले प्रबंधों बारे आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर एडीसी दिनेश सिंह यादव, एसडीएम हवा सिंह, जीएम अश्वनी डोगरा, डीएफएससी सुरेंद्र सैनी, डीडीपीओ राजेश कोथ व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

निजी अस्पताल में शिवसैनिकों का हंगामा


निजी अस्पताल में शिवसैनिकों का हंगामा

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर। (साई)। प्राइवेट अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं से खिन्न शिवसैनिको ने अस्पताल में हंगामा किया। हंगामे की सूचना मिलने पर नई मंडी पुलिस मौके पर पहंुची। पुलिस ने लाठियां भांजकर सभी को तीतर बीतर कर दिया।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना पुरकाजी क्षेत्र के कस्बा पुरकाजी निवासी मान सिंह का जानसठ रोड स्थित ऊषा क्लीनिक में उपचार चल रहा है। बताया जाता है कि इसी अस्पताल मे उसका आपरेशन भी हुआ था। घटनाक्रम के अनुसार अस्पताल में भर्ती मान सिंह का हाल जानने के लिए उसके कुछ परिचित शिवसेना पदाधिकारी ललित मोहन शर्मा, मंडल प्रमुख मनोज सैनी, जिला प्रमुख आनन्द प्रकाश गोयल, नगर अध्यक्ष मुकेश त्यागी, भुवन मिश्रा, नरेन्द्र पंवार आदि अनेक शिवसैनिक ऊषा क्लीनिक पर पहंुचे। जहां उन्होने अव्यवस्थाओ पर रोष व्यक्त करते हुए वहां हंगामा किया। हंगामे की खबर मिलते ही नई मन्डी इंस्पैक्टर विनोद सिरोही मय फोर्स मौके पर पहंुचे तथा हंगामा कर रहे शिव सैनिकों पर शांत किया। 

डिप्टी कलक्टर बिजेंद्र सिंह का निधन


डिप्टी कलक्टर बिजेंद्र सिंह का निधन

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। जनपद में दो वर्षो तक खतौली एवं जानसठ के उपजिलाधिकारी रहे बिजेंद्र सिंह का कैंसर के कारण निधन हो गया। डिप्टी कलेक्टर बिजेंद्र सिंह जनपद में दो वर्षो तक विभिन्न स्थानों पर उप जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत रहे। वर्तमान में वे डिप्टी कलक्टर मेरठ के पद पर आसीन थे। कैंसर के कारण आज सवेरे उनका उनके पैतृक गांव में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार ब्रजघाट में गंगा किनारे किया गया। बिजेंद्र सिंह के निधन पर कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों की शोकसभा हुई जिसमें दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी। एडीएम वित्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने डिप्टी कलक्टर बिजेन्द्र सिंह के निधन पर शोक जताया।
वहीं दूसरी ओर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार मुजफ्फरनगर। सड़क दुर्घटना मंे गंभीर रूप से घायल पूर्व प्रधान की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव मेघा शकरपुर का पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह कल देर शाम अपनी बाइक पर सवार होकर कस्बा पुरकाजी से अपने गांव मेघा शकरपुर वापिस जा रहा था कि जब उक्त प्रधान निकटवर्ती गांव सेठपुरा के समीप पहंुचा कि इसी बीच जंगल से निकली एक नील गाय ने प्रधान राजेन्द्र सिह पर हमला बोलते हुए उसे टक्कर मारकर बुरी तरह घायल कर दिया था। जिसे ग्रामीणों व पुलिस की मदद से उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने के साथ साथ इस घटना से उनके परिजनो को भी सूचित करा दिया गया था। आज सुबह हालत बिगड़ने पर जिला चिकित्सालय के डाक्टरों ने उसे मेरठ के लिए रैफर कर दिया लेकिन उसने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया। इस घटना से परिजनांे मंे शोक फैल गया। परिजनों ने इस मामले मंे किसी प्रकार की कार्यवाही कराने से इंकार कर दिया। सैंकड़ांे लोगों की मौजूदगी मंे गांव मेघा शकरपुर में पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। घटना से गंाव मे शोक व्याप्त है। 

सर्दियों में बथुआ खाएं, बीमारी दूर भगाएं



सर्दियों में बथुआ खाएं, बीमारी दूर भगाएं

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। सर्दी के मौसम को स्वास्थ्य बनाने का मौसम भी कहा जाता है इस मौसम में काया पूरी तरह निरोगी ही रहती है। हरी सब्जियों का सेवन करने से भरपूर मात्रा में लवण और विटामिन शरीर को मिलते हैं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा आर्युवेदाचार्यों, चिकित्सकों और अन्य जानकारों से संपर्क कर जानकारी जुटाई गई है।
बथुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। डाक्टरों के मुताबिक बथुआ को खाने में किसी न किसी रूप में शामिल जरूर करना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें आयरन प्रचुर मात्र में पाया जाता है। इसके साग को नियमित रूप से खाने से कई रोगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। इससे गुर्दे में पथरी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। गैस, पेट में दर्द और कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।
बथुआ के बारे में आर्युवेदाचार्यों का मानना है कि कच्चे बथुआ के एक कप रस में थोड़ा-सा नमक मिला कर रोजाना खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। गुर्दा, मूत्रशय और पेशाब के रोगों में बथुआ का रस पीने से काफी लाभ मिलता है। बथुआ को उबाल कर इसके रस में नींबू, नमक और जीरा मिला कर पीने से पेशाब में जलन और दर्द नहीं होता।
सिर में अगर जुएं हों तो बथुआ को उबाल कर इसके पानी से सिर धोएं। जुएं मर जायेंगे और सिर भी साफ हो जायेगा। सफेद दाग, दाद, खुजली फोड़े और चर्म रोगों में बथुआ को प्रतिदिन उबाल कर इसका रस पीना चाहिए। बथुआ का रस मलेरिया, बुखार और कालाजार संक्रामक रोगों में भी फायदेमंद होता है। कब्ज के रोगियों को तो इसका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। कुछ हफ्तों तक नियमित रूप से खाने से कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है।
बथुआ को साग के तौर पर खाना पसंद न हो तो इसका रायता बना कर खाएं। पथरी होने पर एक गिलास कच्चे बथुआ के रस में शक्कर को मिला कर रोज पिएं। पत्थरी टूटकर बाहर निकल आयेगी। बथुए के नियमित सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। आंखों की रोशनी बढ़ाने और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए बथुआ काफी फायदेमंद साबित होता है।
चिकित्सकों का मानना है कि बथुए के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से दूर रहा जा सकता है। मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें। आधा रहने पर छान कर पी जाएं। सर्दियों में नाश्ते के रूप में बथुआ के परांठों का सेवन दही के साथ कर सकते हैं। यह खाने से नाश्ता तो टेस्टी बनेगा ही, साथ ही सेहत को भी फायदा पहुंचेगा।

हलो मैं कलेक्टर बोल रहा हूँ तुम्हारी गाड़ी क्यों खड़ी है . . .


हलो मैं कलेक्टर बोल रहा हूँ तुम्हारी गाड़ी क्यों खड़ी है . . .

(राजीव सक्सेना)

ग्वालियर (साई)। हलो मैं कलेक्टर बोल रहा हूँ तुम्हारी गाड़ी निर्जन क्षेत्र में क्यों खड़ी है। मतदान दलों को लेकर जा रही एक बस के चालक से यह सवाल कलेक्टर पी नरहरि ने फोन लगाकर किया। उन्हें इस वाहन पर लगे जीपीएस सिस्टम से पता चला था कि यह वाहन मतदान केन्द्र न पहुँचकर बीच में ही खड़ा हो गया है।
पता करने पर यह बात सामने आई कि भितरवार मंडी के रूट क्रमांक-3 पर मतदान दलों को ले जा रही यह बस (एमपी07-7777) ग्राम बासोड़ी के समीप मार्ग में एक बड़े पत्थर की वजह से निकल नहीं पा रही थी। इसी तरह जीपीएस सिस्टम की मदद से ही पता चल सका कि भितरवार मंडी क्षेत्र में मतदान दलों को पहुँचाने के लिये लगाई गई एक अन्य बस एमपी07-एफ-0757 खराब होने से मार्ग में खड़ी हो गई है। बाद में इन बसों की बाधायें दूर कराई गईं और सभी मतदान दल समय से अपने मतदान केन्द्रों पर पहुँच गए।
गौरतलब है कि कलेक्टर एवं जिला निर्वाचक अधिकारी पी नरहरि की पहल पर मंडी निर्वाचन में लगाए गए कुछ वाहनों पर प्रयोग बतौर जीपीएस सिस्टम लगाया गया था। जिला प्रशासन का यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहा। कंट्रोल रूम से इन वाहनों पर नजर रखी गई और जहाँ जरुरत महसूस की गई वहाँ आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साथ ही वाहनों में आई खराबी भी समय से दूर कर दी गई। कलेक्टर नरहरि का कहना है कि मंडी चुनाव में जीपीएस सिस्टम के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। अब आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने का प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को भेजा जायेगा।
मंडी चुनाव में वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगवाने के दायित्व का निर्वहन कर रहे संयुक्त कलेक्टर अनुराग सक्सेना ने बताया कि मंडी निर्वाचन में प्रयोग बतौर 11 वाहनों पर जीपीएस सिस्टम लगाया गया था। इनमें से पाँच वाहन लश्कर मंडी, दो वाहन डबरा मंडी व चार वाहन भितरवार मंडी से संबंधित थे। सक्सेना ने बताया कि जीपीएस सिस्टम के जरिए ही आज पता चला कि एक वाहन लश्कर मंडी के मतदान दलों को मतदान केन्द्रों तक पहुँचाने के बाद निर्धारित स्थल हजीरा न पहुँचकर सिटी सेंटर क्षेत्र में घूम रहा है। पता करने पर वाहन चालक ने बताया कि खाना खाने के लिये हम लोग यहाँ आए हुए हैं। बाद में कड़े निर्देश देकर इस वाहन को निर्धारित स्थल पर पहुँचाया गया। 

मेगा लोक अदालत में 3306 विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा 2।81 करोड़ जमा


मेगा लोक अदालत में 3306 विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा 2।81 करोड़ जमा

(संजय कौशल)

नरसिंहपुर (साई)। नरसिंहपुर एवं गाडरवारा में शनिवार को लगाई गई मेगा लोक अदालत में 3 हजार 306 विद्युत उपभोक्ताओं ने 2 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि जमा कराई । इन उपभोक्ताओं को लोक अदालत के माध्यम से विद्युत संबंधी प्रकरणों में 83 लाख 52 हजार रूपये का लाभ और न्यायालयीन प्रक्रिया से छूट मिली।
उल्लेखनीय है कि लोक अदालत में विद्युत संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए विद्युत बिलों के बकायादारों एवं बिजली चोरी से संबंधित 8910 लोगों को मप्रपूक्षेविविकंलि द्वारा नोटिस भिजवाये गये थे। जिन विद्युत उपभोक्ताओं को नोटिस भिजवाये गये थे, उनमें से 5 हजार 604 विद्युत उपभोक्ता लोक अदालत में उपस्थित नहीं हुए। अब धारा 135 एवं 138 से संबंधित शेष विद्युत उपभोक्ताओं के प्रकरणों में कठोर कार्रवाई की जायेगी । बकायादार विद्युत उपभोक्ताओं से बकाया राशि तत्काल जमा कराने के लिए कहा गया है। यह जानकारी अधीक्षण अभियंता नरसिंहपुर ने दी है।