शनिवार, 10 नवंबर 2012

अंहकार सर चढ़कर बोल रहा जनसेवकों का


फेरबदल से क्या अलीबाबा . . . . 5

अंहकार सर चढ़कर बोल रहा जनसेवकों का

(लिमटी खरे)

भारत गणराज्य में जनसेवा के मायने बीसवीं सदी के समाप्त होते ही बदलने लगे थे। अब तो जनता के सेवक ही जनता के मालिक बन बैठे हैं। अपने आप को सर्वशक्मिान समझने वाले राजनेताओं के मुंह से ना जाने किस तरह के फिकरे निकल रहे हैं। कल तक संयमित रहने वाले जनसेवक आज भ्रष्टाचार में आकंठ डूबकर उल जलूल बयानबाजी कर रहे हैं। दरअसल, यह उनका अहंकार ही बोल रहा है। जनसेवक चाहे सत्ता में बैठे हों या विपक्ष में वे इस बात को भली भांति समझ चुके हैं कि अपनी बिरादरी (जनसेवक) का छद्म विरोध कर उसे बचाते रहो, जनता नादान और नासमझ है वह इस बयानबाजी में उलझी रहेगी और मूल मुद्दों को भूल जाएगी। मीडिया भी अब इन जनसेवकों की तान पर मुजरा कर रहा है। रोज किसी ना किसी के विवादित बयान को जमकर रगड़ा जा रहा है। मंहगाई और भ्रष्टाचार का मामला तो अब दब सा गया है। लगने लगा है मानो यह कांग्रेस और भाजपा की सोची समझी साजिश है कि इस तरह जनता को बरगलाते रहो और देश को पूरी तरह लूटते रहो।
मनमोहन सरकार में जनता के सेवकों ने जमकर देश को लूटा है। सभी जानते हैं कि जनता के पैसों में से करारोपण के माध्यम से संचित राजस्व से ही सरकार चलती है। देश में संघीय व्यवस्था है, इसलिए राज्यों का भी अपना हिस्सा है। केंद्र में अरबों करोड़ रूपयों की होली खेल दी गई। ना सत्ताधारी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने ही इसकी सुध ली और ना ही विपक्ष में बैठी भाजपा और उसके राजग के सहयोगी दलों ने। हमाम में सब नंगे हैं की तर्ज पर एक दूसरे के भ्रष्टाचार और अनाचार पर थोडी बहुत बयानबाजी कर मामले को एक सप्ताह में ही अंदर के पन्नों में खबर पहुंचाकर उसका गला घोंट दिया गया।
कांग्रेस नीत केंद्र सरकार में जब पानी सर के उपर से होकर गुजरा तब मनमोहन सरकार ने बड़ी ही चतुराई से अपने बावन पत्तों को आपस में फंेटा और चंद पत्तों को बाहर कर वापस फिर से उन्हीं दागियों को लाल बत्ती के साथ ही साथ और अच्छे विभाग देकर उपकृत और पुरूस्कृत भी कर डाला। जब भी कोई भ्रष्टाचार का मामला मीडिया की सुर्खी बनता है उसके तत्काल बाद ही किसी ना किसी नेता का विवादस्पद बयान सामने आ जाता है। जाहिर है अपनी टीआरपी (टेलीवीजन रेटिंग प्वाईंट) बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा इन बयानों पर दिन भर बहस का आयोजन किया जाता है।
देखा जाए तो इन चेनल्स की टीआरपी को सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स के आधार पर आंका जाना चाहिए। नेताओं के विवादस्पद बयानों को ट्विटर या फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर ज्यादा तवज्जो ना दिया जाना इस बात का घोतक है कि जनता इन बयानों के छलावे में नहीं आ रही है। देश के र्शीर्ष स्तर पर बिके हुए मीडिया द्वारा जनता को गुमराह करने का कुत्सित प्रयास किया जाना तत्काल बंद होना चाहिए।
वैसे देखा जाए तो मंच से बोलते समय तालियों की गड़गड़हाट सुनने को बेचेन राजनेता अक्सर अपना संयम तोड़ देते हैं। कभी कभी तो सुर्खियों में बने रहने भी नेताओं द्वारा आम जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है। मामला चाहे उत्तर भारतीयों को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे का हो या फिर शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे का। दोनों ही नेताओं ने जात पात और क्षेत्रवाद की बात कहकर लोगों के मन मस्तिष्क में जहर बो दिया है।
इस मामले में दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित भी पीछे नहीं हैं। कुछ साल पूर्व उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर टिप्पणी करने के बाद उन्हें लाख सफाई देनी पड़ी थी। हाल ही में राजधानी दिल्ली से सटे बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी एक कार्यक्रम के दौरान शीला दीक्षित ने एक विवादस्पद बयान दे डाला।उन्होंने कहा कि सरकार ने सब कुछ दिया है, दिल्ली वासियों के लिए। और अगर बिचौलियों दलालों के चलते गफलत हो रही हो तो लोग खासतौर पर महिलाएं मोर्चा संभालें। अगर तब भी बात न बने तो पिटाई भी की जाए। और अगर आवश्यक्ता पड़े तो दिल्ली में मुख्यमंत्री कार्यालय में आकर इस बात की इत्तला भी दी जाए।
देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है किसान। किसान का आशियाना गांव में ही होता है। ग्रामीण परिवेश में महिलाओं की स्थिति दयनीय है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। हाल ही में ग्रामीण महिलाओं पर समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव की एक टिप्पणी ने विवाद पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि समृद्ध तबके की महिलाओं की तुलना में ग्रामीण महिलाएं ज्यादा आकर्षक नहीं होतीं इसलिए महिला आरक्षण बिल से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार है। वह शुरू से महिला आरक्षण बिल का विरोध करते रहे हैं।
मुलायम सिंह यादव ने पहली मर्तबा एसा विवादस्पद बयान नहीं दिया है। नेताजी ने पूर्व में भी कई कर्तबा ऐसे बयान दिए हैं जिनकी निंदा की जानी चाहिए थी, किन्तु निंदा करना अब राजनैतिक बियावान में अदृश्य ही हो गया है। ज्ञातव्य है कि 2010 में भी मुलायम की एक टिप्पणी ने हंगामा खड़ा कर दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि अगर महिला आरक्षण बिल पास हो गया तो संसद ऐसी महिलाओं से भर जाएगी, जिन्हें देखकर लोग सीटियां बजाएंगे और शोर-शराबा करेंगे। उस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक दलों और महिला संगठनों ने मुलायम की काफी आलोचना की थी।
उत्तर प्रदेश के ही केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा भी कहां पीछे रहने वाले हैं। बेनी बाबू के जुबान भी बराबर फिसलती रहती है। कभी वे कहते हैं, सलमान खुर्शीद जैसे मंत्री 71 लाख का घोटाला नहीं कर सकते, हा बड़ी रकम होती तो सोचा भी जा सकता था। तो कभी वे 2014 के आम चुनाव में यूपीए की वापसी न होने का दावा कर हलचल मचा देते हैं। कभी अकलियत के रहनुमा होने का दावा करने बेनी प्रसाद ने तो यहां तक कह दिया कि केवल मुसलमान ही गरीब होते हैं?
वहीं केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा संचालित जाकिर हुसैन ट्रस्ट पर विकलागों का सरकारी पैसा खाने के आरोप से वह इतने तिलमिला गए कि सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल को अपने संसदीय क्षेत्र फर्रूखाबाद से न लौट पाने की धमकी दे डाली। उन्होंने तो यहा तक कह दिया कि वे खून का दरिया बहा देंगे।
बयानबाजी कर मीडिया की सुर्खियां बटोरना नेताओं का प्रिय शगल रहा है। भाजपा के विवादस्पद निजाम नितिन गड़करी की जुबान आए दिन फिसल जाया करती है। इसी साल यूपी विधानसभा चुनाव में विरोधी दलों के नेताओं की तुलना गधे से करते हुए कहा, इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे की गधे। अच्छे घोड़े को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। इसी तरह उन्होंने मुलायम और मायावती पर निशाने साधते हुए उन्हें काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी का तलवा चाटने वाला बता दिया। इसके बाद उन्होंने संसद हमले का दोषी अफजल अफजल गुरु को काग्रेस का दामाद कह दिया।
नितिन गडकरी की कॉमनवेल्थ घोटाले पर बोलते हुए ऐसी जुबान फिसली कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को गांधी जी का बंदर करार दे दिया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की चुप्पी गाधी जी के बंदर की तरह है- बुरा मत बोलो, बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो। भाजपा अध्यक्ष यहीं कहा रुकने वाले थे। दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में चोरों, पॉकेटमारों को पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया। अब गडकरी ने देश के सबसे वाछित आतंकी दाऊद इब्राहिम के आईक्यू की तुलना महान संत स्वामी विवेकानंद से कर नए विवाद को जन्म दे दिया है।
कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी द्वारा उद्धत यह जुमला उस वक्त मीडिया और कवि सम्मेलनों में जमकर उछला था जिसमें राजीव गांधी ने विरोधियों को ‘‘नानी याद दिला देंगे‘‘ का प्रयोग किया था। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी भी इसी फेहरिस्त में ही हैं। उन्होंने एक अखबार की संपत्ति खरीदने के लिए काग्रेस पार्टी द्वारा राहुल गाधी और सोनिया गाधी को लोन दिए जाने का मामला उठाया। इस पर राहुल के बयान आने के बाद स्वामी ने उन्हें बुद्धू कह दिया।
भारत गणराज्य के कथित तौर पर महान अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन ंिसह और वित्त मंत्री पलनिअप्पम चिदम्बरम भी रूपहले पर्दे के दामिनी चलचित्र की ही भांति मंहगाई कम करने के मामले में ‘‘तारीख पर तारीख ही दिए जा रहे हैं।‘‘ जब पानी सर से उपर होकर गुजरता है तो भारत गणराज्य के वज़ीरे आज़म डॉक्टर मनमोहन सिंह गैर जिम्मेदाराना बयान देकर कभी कहते हैं कि मेरे हाथों में जादू की छड़ी नहीं है, तो कभी कह उठते हैं कि पैसा पेड़ों पर नहीं उगता।
बयानबाजी कर मीडिया में बने रहने के लिए नेता कुछ भी कहने पर आमदा रहते हैं। यहां तक कि व्यक्तिगत आरोपों से भी नेताओं को गुरेज नहीं रहता है। हिमाचल प्रदेश में एक चुनावी रैली के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ने मानव संसाधान राज्यमंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा को 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड कहकर बवाल मचा दिया। दरअसल, आईपीएल की कोच्चि टीम को लेकर विवाद को लेकर संसद में दिए गए यह बयान कि जिसके सुनंदा, अकाउंट में 50 करोड़ रुपये हैं वह मेरी मदद क्यों लेगी। इस पर मोदी ने चुटकी ली थी। खैर इसपर उबाल तो आना ही था। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने मोदी को बंदर की उपमा दे दी।
भारतीय संस्कृति को बलाए ताक पर रखकर पाश्चात्य सभ्यता के हिमायती नेताओं को अपनी अर्धांग्नी की ही परवाह नहीं है। जब मोदी ने शशि थरूर की पत्नि पर आरोप लगाए तो उसका प्रतिकार करने या मोदी को सीमाओं में रहने की नसीहत देने के बजाए शशि थरूर ने उल्टे अपनी पत्नि सुनंदा पर एक प्राईज टेग लगाकर कह दिया कि उनकी पत्नि पचास करोड़ से ज्यादा कीमती है। अब एसे में भारत देश जहां देश को ही भारत माता कहकर पूजा जाता है वहां महिलाओं को कैसे सम्मान मिले जब नेता खुद ही इस तरह नारी जाति का अपमान कर रहे हों।
केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने अपने जन्मदिन पर कानपुर में आयोजित कवि सम्मेलन के दौरान बड़बोलापन प्रदर्शित किया। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की जुबान ऐसी फिसली कि वे तमाम महिला संगठनों के निशाने पर आ गए। उन्होंने कहा की नई-नई जीत और नई-नई शादी का अपना अलग महत्व होता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, जीत पुरानी होती जाती है। जैसे जैसे समय बीतता जाता है पत्नी पुरानी होती जाती है। फिर वो मजा नहीं रहता।
इसी तरह केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे भी बड़बोले तो नहीं हैं पर सच्चाई उनकी जुबान से निकल ही गई। पूना में उन्होंने कह दिया कि जनता की याददाश्त कम होती है। जिस तरह बोफोर्स घोटाला भूला है वैसे ही अन्य घोटाले भी भूल जाएगी जनता। अब बताईए क्या इस तरह की बयानबाजी करने के बाद इन नेताओं को देश के संवैधानिक पदों पर रहने का कोई नैतिक हक बचा है? क्या विपक्ष के नेताओं को अपनी अपनी पार्टी में सुप्रीमो बनने का हक है?
हालात देखकर तो यही सच्चाई लगती है कि जिस तरह अस्सी के दशक में कोई भी विवादस्पद स्थिति आने पर केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा करों में बृद्धि कर जनता का ध्यान इससे हटाया जाता था, अब भी वही तरीका ही कारगर साबित हो रहा है। बस कुछ मामलों में स्थितियां बदल गईं हैं। घपले घोटालों और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे जनसेवकों ने अब इससे जनता का ध्यान हटाने के लिए विवादस्पद बयानों का सहारा इसलिए लिया है क्योंकि अब मंहगाई तो चरम पर पहुंच चुकी है और इसके बढ़ने से उस पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिखता। (साई फीचर्स)
(क्रमशः जारी)

संगठन को कसने की कवायद में सोनिया!


संगठन को कसने की कवायद में सोनिया!

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल के बाद काँग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी अब संगठनात्मक ढांचे को कसने की तैयारी में लग गई हैं। अगले आम चुनाव 2014 को ध्यान में रखते हुये पार्टी की संभावनाओं को मद्देनज़र रख फेरबदल में खास ध्यान देने की महती जरूरत महसूस की जा रही है। सत्ता और संगठन के बीच तालमेल का अभाव साफ दिख रहा है। आम कार्यकर्ता अब सरकार और संगठन से विरत होता ही दिख रहा है, जिसे देख्कर सोनिया गांधी की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलकती दिख रही हैं।
मंत्रिपरिषद में हुए हालिया फेरबदल में राहुल गांधी की छाप साफ तौर पर देखने को मिली है। वैसे यह पहली बार देखा गया है जब राहुल गांधी का कैबिनेट में किसी तरह के फेरबदल को ले कर पीएम से वार्तालाप हुआ हो। इस बात की पूरी संभावना दिखाई दे रही है कि पार्टी की बागडोर बतौर नंबर 2 राहुल गांधी को सौंप दी जाए। जिस तरह से राहुल को प्रस्तुत किया जा रहा है उससे तो ऐसा ही लगता है। ऑल इंडिया काँग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में फेरबदल दीपावली के उपरांत या फिर लोकसभा सत्र के बाद हो सकेगा।
कांग्रेस के नेशनल लेबल की एक वरिष्ठ शक्सियकत ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि वैसे भी सोनिया गांधी की लोकप्रियता में कमी, पार्टी पर उनकी ढीली पड़ती पकड़, अपने और राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली और अमेठी वाले उत्तर प्रदेश सूबे में कांग्रेस को नहीं जिला (जिंदा करना) पाने के आरोपों के बाद अब सोनिया की मुखालफत तेज हो चुकी है।
उक्त नेता ने आगे कहा कि भ्रष्टाचार, घपले घोटालों के बाद भी सोनिया गांधी की इस मामले में चुप्पी का संदेश भी यही जा रहा है कि चूंकि सोनिया गांध्ी इटली मूल की हैं अतः देश की अर्थव्यवस्था से उन्हें कोई ज्यादा सरोकार नहीं है। अगर देश में कुछ विषम परिस्थितियां निर्मित हुईं तो उनके पास विकल्प के तौर पर पीहर यानी इटली देश तो है ही।
मप्र, छग जैसे राज्यों को, जहां चुनाव 2013 यानि अगले साल ही होने हैं, कैबिनेट फेरबदल में कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। चर्चा थी कि मप्र से कुछ और चेहरे मंत्रिमंडल में लिए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर मप्र को केंद्रीय मंत्रिमंडल में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलता तो मप्र काँग्रेस के लिए यह संजीवनी बन सकता था। काँग्रेस के आला संगठन में फिलहाल मप्र से एक राष्ट्रीय महासचिव तथा तीन सचिवों के अलावा दो सदस्य शामिल हैं, लेकिन संगठन फेरबदल की संभावनाओं के बीच पांच बड़े चेहरों दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, मीनाक्षी नटराजन, विजयलक्ष्मी साधौ और अरुण यादव को लेकर सबकी निगाहें लगी रहेंगी।
स्वभाव से कड़क और मप्र के तेज तर्रार नेताओं में शुमार सत्यव्रत चतुर्वेदी को भाषा पर अच्छी पकड़ के चलते पार्टी का पुनः प्रवक्ता बनाये जाने की भी प्रबल संभावनायें देखी जा रही हैं। चतुर्वेदी पहले भी लम्बे समय तक पार्टी के प्रवक्ता रह चुके हैं। उम्मीद की जा सकती है कि काँग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी संगठन फेरबदल में मप्र के कोटे को और बढ़ाएंगी। संगठन की सर्जरी का खामियाजा मप्र को नहीं उठाना पड़ेगा।

मध्यप्रदेश बना फर्जी प्रकाशनों का गढ़


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 10

मध्यप्रदेश बना फर्जी प्रकाशनों का गढ़

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश फर्जी प्रकाशनों का बड़ा केंद्र बन गया है। प्रदेश में करीब 27 हजार पत्र-पत्रिकाएं पंजीकृत हैं। जिनमें से 18 हजार से ज्यादा को भारत के सामाचार पत्रों के पंजीयक की डी ब्लाकसूची में डालना पड़ा है। अखबार और पत्रिकाएं निकालने के क्षेत्र में बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों ने भी घुसपैठ कर ली है।
ऐसो लोग अपने काम कराने या विज्ञापन या पैसा एंठने के लिए अधिकारियों दृकर्मचारियों को डराते धमकाते हैं। उनके खिलाफ कबर छापने की धमकी देकर या इधर-उधर झूठी शिकायातें कर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। हाल में गिरफ्तार अंतरराज्यीय गिरोह का मुखिया भी पत्रिका निकालता था और उसमें अपे साथ नेताओं की फोटो छापता था।
मध्यप्रदेश जनसंपर्क अधिकारी संघ ने मप्र के देश में बोगस पत्र-पत्रिकाओं के बड़े प्रकाशन केंद्र के रूप में उभरने पर गंभीर चिंता जताई है। संघ के अध्यक्ष देवेंद्र जोशी ने कहा कि इससे सामाजिक पत्र-पत्रिकाओं का सहित और सही पत्रिकारिता की बड़ी क्षति हो रही है। पत्र-पत्रिका निकालने के लिए पिछले दो साल में 1100 से ज्यादा शीर्षक लिए गए।
जिनमें से 75 फीसद से अधिक सिर्फ भोपाल स हैं। कई ऐसे लोग भी अखबार और पत्रिकाएं निकाल रहे हैं जिनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो केवल अपने निजी हित साधने के लिए पत्र-पत्रिका निकाल रहे हैं और जिनका पत्रकारिता से कोई समानता नहीं है। ये गैर जिम्मेदार लोग किसी के भी खिलाफ कुछ भी छापते हैं। सो पत्रकारिता के स्थापित मानदंड, आदर्श, मर्यादा और शालीनता का कोई मायने नहीं रखते। इसलिए इनके बढ़ते प्रभाव से पत्रकार और लेखक भी प्रभावित हो रहे हैं।
गलत किस्म के लोग राज्य सरकार की विज्ञापन नीति का भी दुरुपयोग कर जन धन हड़प रहे हैं। नई विज्ञापन नीति में 50 फीसदी प्रदर्शन विज्ञापन मझौले व छोटे पत्र-पत्रिकाओं को देने का प्रावधान किया गया है। इसका बेजा फायदा उठाने के मकसद से आल्ट्रेशन पद्धति से छपते असली पत्र पत्रिकाओं की बाढ़ आ गई है। इसकी रोकथाम करने वाले अधिकारियों को विज्ञापन देने को मजबूर करने के लिए उनके खिलाफ गुमनाम पत्र जारी कर चरित्र हनन करने जैसे ओछे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। विज्ञापन हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाने में ऐसे लोग भी पीछे नहीं हैं। जिनका अखबार या पत्रिका कहीं नहीं बिकती और जो सिर्फ फाइल कापी छापते हैं। ये लोग जनसंपर्क विभाग के विज्ञापन बजट का बड़ा हिस्सा हड़प जाते हैं।

आर्थिक मंदी का रोना फिर रोया मनमोहन ने


आर्थिक मंदी का रोना फिर रोया मनमोहन ने


(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। भ्रष्टाचार, घपले, घोटालों, अनाचार में डूबी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों से पैसा ना वसूलकर जनता पर करारोपण कर इसकी भरपाई की जा रही है। जनता के पैसों पर एश करने वाले सभी पार्टियों के सांसद विधायकों द्वारा भी इस बात का कोई विरोध नहीं किया जाना आश्चर्यजनक है। इसी के बीच प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने एक बार फिर खाली खजाने का रोना रोना आरंभ किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि राजकोषीय घाटे को कम करना, खाद्य वस्तुओं, पेट्रोलियम पदार्थों और उर्वरकों पर सब्सिडी के खर्च से निपटना तथा कृषि क्षेत्र में वृद्धि की गति तेज करना देश के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। कल हरियाणा के सूरजकुंड में कांग्रेस की संवाद बैठक को संबोधित करते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्ष २०११-१२ में राजकोषीय घाटा बढ़कर पांच दशमलव सात-छह प्रतिशत हो गया, जो वर्ष २००७-०८ में सकल घरेलू उत्पाद का दो दशमलव पांच प्रतिशत था।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि ऊंचे राजकोषीय घाटे का देश पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और हमारी अर्थव्यवस्था में विश्वास की कमी हो सकती है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश कम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि अगर आर्थिक वृद्धि में मंदी रहती है तो बेरोजगारी और गरीबी बढ़ेगी।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों के बारे में हाल में कई कड़े फैसले लेने पड़े लेकिन इस बात का ध्यान रखा गया कि गरीब और कमजोर वर्गों पर इसका सबसे कम असर पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए मिट्टी के तेल की कीमत नहीं बढ़ाई गई। डॉक्टर सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार, मध्याह्घ्न भोजन योजना, कौशल विकास मिशन, ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम इस सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में पार्टी कार्यकर्ताओं से वर्ष २०१४ के चुनाव में जनमत फिर हासिल करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को कहा।
कांग्रेस बैठक के परिणाम के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए पार्टी के महासचिव जनार्द्धन द्विवेदी ने बताया कि श्रीमती गांधी ने समापन भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार के हाथ मजबूत करने का अनुरोध किया।
बैठक को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिया। श्री चिदम्बरम ने कहा कि सरकार ने राजकोष को मजबूत करने और रुपए की स्थिरता के जरिए उच्च, वृद्धि दर हासिल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रशासन में पारदर्शिता लाने और लोगों को परिणाम देने वाली सेवाओं पर जोर दिया।

पिता पुत्र ने उड़ाई मन की दावत


पिता पुत्र ने उड़ाई मन की दावत

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। सरकार को कुछ सांसे उधार देने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अब अपने असली रूप में आते दिख रहे हैं। जनता के करों से संचित धन से संग्रहित राजस्व के पैसों से मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के सपा नेता मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव को भोज कराया। यह भोज मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को बचाने की गरज से आयोजित किया बताया जाता है।
पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि त्रणमूल कांग्रेस के सरकार से बाहर होने के बाद अब मनमोहन सिंह सरकार पर अविश्वास का संकट खड़ा हुआ है। यद्यपि ममता ने सरकार से बाहर रहने का फैसला किया है पर अभी वे अविश्वास प्रस्ताव लाएंगी या नहीं यह बात साफ नहीं हो सकी है, पर फिर भी कांग्रेस के रणनीतिकारों द्वारा सरकार को बचाने के जादुई आंकड़े को जुटाने की कवायद पहले से ही आरंभ कर दी गई है।
पीएमओ के सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कल रात समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला भी इस भोज में शामिल हुए। सूत्रों ने बताया है कि संसद के शीतकालीन सत्र से पहले यह आयोजन किया गया। सरकार, शीतकालीन सत्र में लोकपाल, व्हीसलब्लोअर और भूमि बिल जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पास कराना चाहती है। शीतकालीन सत्र २२ नवम्बर से शुरू हो रहा है।

एक जनवरी से सीधे खाते में जाएगी सब्सीडी


एक जनवरी से सीधे खाते में जाएगी सब्सीडी

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्र सरकार आधार पहचान संख्या के जरिए सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में सब्सिडी का भुगतान करने की व्यवस्था अगले वर्ष पहली जनवरी से शुरू करेगी। शुरू में ५१ जिलों में ये व्यवस्था शुरू की जायेगी। उसके बाद पहली अप्रैल से १८ राज्यों और एक वर्ष के भीतर १६ अन्य राज्यों को इसमें शामिल करने की योजना है।
लाभार्थियों को सीधे धन देने संबंधी कार्यकारी समिति की बैठक में कल ये फैसला किया गया। ये बैठक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और कैबिनेट सचिव के संरक्षण में हुई। लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजनाओं वाले सभी विभागों से कहा गया है कि जल्दी से जल्दी आधार भुगतान प्रणाली को अपनाकर नकदी सीधे खातों में भेजने की इलैक्ट्रोनिक व्यवस्था अपना लें। यह निर्देश भी दिए गए हैं कि सब्सिड़ी का सीधे भुगतान करने के लिए योजनाओं की सूची योजना आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय को २० नवंबर तक भेज दी जाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार योजना की शुरुआत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सब्सिडी पर मिलने वाली वस्तुओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए कर रही है। योजना को श्आधारश् भुगतान प्लैटफॉर्म के जरिए अमल में लाया जाएगा। आधार योजना पर भी तेजी के साथ अमल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, ‘‘यह तय किया गया है कि जो भी विभाग व्यक्तिगत लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने में लगे हैं। वह जल्द से जल्द इस काम को आधार भुगतान प्लैटफॉर्म के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर प्रणाली के जरिए करें। उन्हें इस प्रणाली के तहत लाई जाने वाली योजना की पहचान करनी होगी और इसके लिए समयबद्ध योजना तैयार करनी होगी ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके।‘‘

करजई पहुंचे भारत


करजई पहुंचे भारत

(निधि गुप्ता)

मुंबई (साई)। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कल महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकर नारायणन और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से मुम्बई में राजभवन में मुलाकात की। श्री करजई चार दिन की भारत यात्रा पर कल मुम्बई पहुंचे थे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने भी श्री करजई के साथ बैठक की।
राज्यपाल के सचिवालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया केा बताया कि बाद में राज्यपाल ने अफगान राष्ट्रपति के सम्मान में रात्रि भोज दिया। श्री करजई आज भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय व्यापारियों से अफगानिस्तान में निवेश करने का आग्रह करेंगे। वे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने के लिए कल शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे।
उधर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से अमित कौशल ने बताया कि दोनों देशों के बीच खनन, युवा मामले, छोटी विकास परियोजनाओं और उर्वरक के क्षेत्र में चार सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अफगानिस्तान को लघु विकास परियोजनाओं के वास्ते दस करोड़ डॉलर की सहायता देने को मंजूरी दी थी।

जेल में हिंसा 13 की मौत



जेल में हिंसा 13 की मौत

(एल.विश्वनाथन)

कोलंबो (साई)। श्रीलंका में कल रात कोलंबो की वेलिकाडा जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई हिंसा में १३ लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय अस्पताल के निदेशक अनिल जयसिंघे ने मीडिया को बताया कि कैदियों और पुलिसकर्मियों सहित ४५ लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है जिनमें से आठ की हालत गंभीर है।
ज्ञातव्य है किकोलंबो के वेलिकाडा जेल में पिछले दो सालों में दो बार कैदियों द्वारा हिंसा की वारदातें हो चुकीं हैं। इस बार भी कारण वही था। पुलिस का एक विशेष दस्ता जेल में प्रतिबंधित पदार्थों को जब्त करने गया तो कैदियों ने विद्रोह कर दिया। जेल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पुलिस को मिली सूचना के अनुसार जेल से बड़ी मात्रा में मोबाइल फोन और मादक पदार्थ पकड़े गए हैं।
जेल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि पुलिस दस्ते के कर्मियों को मार कर कैदियों ने जेल में रखे हथियार छीन लिए और वे छत पर चढ़ गए। आसू गैस नाकाम होने पर, सैना को बुलाना पड़ा। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार तलाशी अभियान अभी जारी है। इस जेल में ३३ भारतीय कैदी हैं जिनको भारत भेजने के लिए दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। जेल अधिकारियों ने सभी विदेशी कैदियों के सुरक्षित होने की पुष्टि की है।

पर्यटन को बढ़ावा देने दो नए प्रोग्राम



पर्यटन को बढ़ावा देने दो नए प्रोग्राम

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। पर्यटन मंत्रालय ने देश और दुनिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। पर्यटन मंत्री चिरंजीवी ने कल नयी दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फाइंड व्हाट यू सीक और घरेलू स्तर पर गो बियॉन्ड कहा गया है। उन्होंने बताया कि ये दोनों कार्यक्रम लंदन में पांच से आठ नवंबर को हुए वर्ल्ड टूरिज्$म मार्ट-२०१२ में शुरू किये गये।
दक्षिण भारत के अभिनेता से नेता बने केंद्रीय मंत्री चिरंजीव ने कहा कि केंद्र सरकार ने अतुल्य भारत अभियान का दूसरा चरण शुरू किया है। इसके दो कार्यक्रमों में गोबियोन्ड कार्यक्रम शामिल है। सब जानते हैं, २००२ से अतुल्य भारत अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है और हमने अच्छी सफलता हासिल की है। हम बदलाव लाना चाहते हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटक आकर्षित कर सकें।
मंत्रालय की प्राथमिकताएं बताते हुए श्री चिरंजीवी ने कहा कि सरकार देश में विदेशी पर्यटकों की आमद बढाना चाहती है। श्री चिरंजीवी ने कहा कि इस काम में लगभग दो करोड़ पचास लाख लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा।

किसानों के बिजली कनेक्शन हेतु एक अरब मंजूर


किसानों के बिजली कनेक्शन हेतु एक अरब मंजूर

(शैलेन्द्र)

जयपुर (साई)। किसानों की सुध अंततः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आ ही गई। राजस्थान सरकार ने राज्य में किसानों को बिजली कनेक्शन देने के लिए एक अरब रुपए मंजूर किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल जयपुर में बिजली से संबंधित एक समीक्षा बैठक में इस अतिरिक्त धनराशि की मंजूरी दी।
बिजली विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य में कृषि के लिए बिजली कनेक्शनों की एक लम्बी प्रतीक्षा सूची चल रही है। सरकार के इस फैसले से यह सूची छोटी होगी और चालीस हजार से ज्यादा किसानों को जल्दी ही बिजली के कनेक्शन मिल जाएंगे।
वहीं मुख्मंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने किसानों को रवि के दौरान बिजली के छह घंटे आबाद आपूर्ति के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। राज्य में भी कृषि कार्यों के लिए दी जा रही बिजली पर तीस प्रतिशत सब्सीडी दी जाती है। जिसे बढ़ाकर पचास प्रतिशत करने और दो सौ करोड़ रुपये का यह भार सरकार द्वारा वहन करने का फैसला लिया गया। कल रात ही जयपुर की महत्वाकांक्षी मेट्रों परियोजना की भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा की,

कैसे खुलेगा स्विस बैंक में खाता



कैसे खुलेगा स्विस बैंक में खाता

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। अस्सी के दशक से ही स्विस बैंक चर्चा और कोतुहल का विषय रहा है। इसके साथ ही साथ विदेश के अन्य बैंक में जमा भारतीयों का काला धन वापस लाने की अपील इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू योग गुरू रामकिशन यादव उर्फ बाबा रामदेव के करने के बाद अब यह मामला पूरी तरह टीम अण्णा के सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल ने हाईजेक कर लिया है। अब अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि भारत में एसबीआई या किसी दूसरे बैंक में अकाउंट खुलवाने से ज्यादा आसान स्विस बैंक में खाता खुलवाना है। उन्होंने स्विस बैंक में अकाउंट होल्डर तीन लोगों के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इंडिया में बैठे-बैठे स्विस बैंक के सारे काम हो जाते हैं। इन लोगों ने यह बयान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दिए थे।
इसके मुताबिक किसी को भी स्विस बैंक में खाता खुलवाने के लिए भारत में एचएसबीसी बैंक से संपर्क करने की जहमत उठानी होती है और जिसके बाद सारा काम आराम से हो जाता है। बैंक अपने किसी आदमी को अकाउंट खुलवाने वाले के घर भेजता है और फॉर्म भरवाता है। आइडेंटिटी प्रूफ लेता है और अकाउंट में पैसा जमा करने के लिए घर से ही ले जाता है। यह रकम जिनीवा या दुबई की किसी भी शाखा में अकाउंट होल्डर के नाम पर जमा हो जाएगी। अकाउंट में पैसे डालने या पैसे निकालने के लिए भी कहीं जाने की जरूरत नहीं होती। बस फोन करना होता है। अकाउंट खुलने के साथ ही अकाउंट होल्डर को जेनेवा या दुबई में बैठे किसी बैंक अधिकारी का नंबर दिया जाता है। अगर आपको पैसे जमा कराने हैं तो उसे फोन करना है। तुरंत भारत में ही उनका कोई प्रतिनिधि आपके पास आएगा और पैसे ले जाएगा। पैसे अकाउंट में जमा हो जाएंगे और इसकी जानकारी आपको फोन पर दे दी जाएगी। इसी तरह अगर आपको अपने इस अकाउंट से पैसे निकालने हैं तो भी बस फोन करना है। जितने पैसे आपको अकाउंट से निकालने हैं उतने पैसे लेकर बैंक का ही कोई एजेंट आपके पास आ जाएगा और आपको नकद रकम मिल जाएगी। इतनी राशि आपके अकाउंट से काट ली जाएगी।
केजरीवाल के मुताबिक फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाले अवतार सिंह कालरा ने अपने बयान में बताया कि खाता खोलने के बाद मैंने ज्यूरिख के खाते में रकम जमा कराने के लिए भारत में किसी शख्स को पैसे दिए। पैसे लेने के लिए अलग अलग समय पर अलग-अलग लोग आए। 8 से 9 करोड़ रुपये अलग-अलग लोगों ने दिल्ली में नकद दिए। मैं बस ज्यूरिख के इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट चार्ल्स हैबनेक को $41-794203575 नंबर पर कॉल करता था। इसी तरह जंगपुरा एक्सटेंशन में रहने वाले प्रवीण साहनी के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दिए बयान के मुताबिक एचएसबीसी की जिनीवा ब्रांच से जब भी पैसे निकालने होते थे तो जिनीवा में बैंक अधिकारी को फोन कर देते थे। बैंक के साथ सारा लेन देन बस फोन पर ही हो जाता था। हर बार नया शख्स पैसे देने आता था। वह बस बैंक अधिकारी मार्क को $44-2078605089 या कैरोलीन को $41- 792517653 नंबर पर फोन करते थे।

कर्नाड ने गुरूदेव को बताया दोयम दर्जे का नाटककार


कर्नाड ने गुरूदेव को बताया दोयम दर्जे का नाटककार

(श्वेता यादव)

बंग्लुरू (साई)। जनसेवकों के बाद अब रंगकर्मी भी विवादस्पद बयानों में घिरने लगे हैं। वी.एस. नायपॉल की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद लेखक और ऐक्टर गिरीश कर्नाड ने अब कवि रवींद्रनाथ टैगोर पर निशाना साधा है। बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कर्नाड ने कहा कि टैगोर एक महान कवि थे, लेकिन वह दोयम दर्जे के नाटककार थे। उनके समकालीन बंगाली थियेटर ने उनके नाटकों को कभी स्वीकार नहीं किया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कर्नाड ने कहा कि पिछले 50 साल में बादल सरकार, मोहन राकेश और विजय तेंडुलकर जैसे कई नाटककार हुए जो टैगोर से बेहतर हैं। पिछले महीने कर्नाड ने वी.एस. नायपॉल की उनके भारतीय मुस्लिमों के प्रति राय को लेकर आलोचना की थी। ययाति, तुगलक, नागा मंडल जैसे कई नाटकों को लेकर चर्चित कर्नाड ने कहा कि टैगोर गरीब पात्रों को नहीं समझते थे क्योंकि वह कुलीन वर्ग से आते थे।
उधर, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सौमित्र चटर्जी ने कर्नाड की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए इसे शर्मनाक बताया। वहीं, टैगोर के कई नाटकों का निर्देशन कर चुके देबाशीष रॉय चौधरी ने कहा कि कर्नाड गैर-बंगाली हैं, इसी वजह से टैगोर के सभी नाटकों तक उनकी पहुंच नहीं है।

खुशखबरी! घट सकते हैं पेट्रोल के दाम


खुशखबरी! घट सकते हैं पेट्रोल के दाम

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। अगले कुछ दिनों में जब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कीमत की समीक्षा करेंगी तो पेट्रोल की कीमत 1 रूपए प्रति लीटर तक घट सकती है। इससे पहले, 27 अक्टूबर को डीलरों का कमीशन 29 पैसे बढ़ाने से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 68.19 रूपए हो गई थी। देश की सबसे बड़ी ईधन रिटेलर इंडियन ऑयल कॉर्पाेरेशन के अध्यक्ष आरएस बुटोला ने कहा कि गैसोलीन की दरों में कुछ कमी आई है। इससे हमें पेट्रोल कीमतें कम करने की गुंजाइश नजर आ रही है, लेकिन हमें अंतिम फैसला करने से पहले कई मुद्दों पर ध्यान देना होगा। इसमें डॉलर की तुलना में रूपए की कीमतें प्रमुख मुद्दा है। 

मध्यप्रदेश को हस्तशिल्प और हथकरघा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और शिल्प गुरु अवार्ड


मध्यप्रदेश को हस्तशिल्प और हथकरघा के क्षेत्र में राष्ट्रीय और शिल्प गुरु अवार्ड

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश ने हस्तशिल्प और हथकरघा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय और शिल्प गुरु अवार्ड से सम्मानित किया गया। आज यहां विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति महोदय श्री प्रणब मुखर्जी ने हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्यों के लिए देश के शिल्पकारों और कलाकारों को सम्मानित किया।
मध्यप्रदेश की ओर से श्री इस्माइल सुलेमानजी खत्री को शिल्प गुरु अवार्ड वर्ष 2010 और श्री एस।के। सोनी को राष्ट्रीय अवार्ड वर्ष 2009 के लिए सम्मानित किया गया। कलाकारों और शिल्पकारों को सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति महोदय ने हस्तशिल्प और हथकरघा की कला को जीवित रखने और वर्षों पुरानी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कलाकारों को धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि आने वाली पीढ़ी भी इस कला को जीवित रखेगी। इस अवसर पर केन्द्रीय वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्री श्री आनन्द शर्मा भी इस अवसर पर मौजूद थे। 
मध्यप्रदेश हस्तशिल्प कला में ठप्पा छपाई के जनक तथा बाघ प्रिंट कला को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले बाघ प्रिन्टर्स श्री इस्माइल सुलेमानजी खत्री पुरस्कार पाने वाले मध्यप्रदेश के पहले शिल्पी होंगे। श्री खत्री को गोल्ड मेडल के साथ ही 6 लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया जायेगा।
76 वर्षीय श्री इस्माइल खत्री को देश-विदेश में बाघ प्रिन्ट को स्थापित करने का श्रेय जाता है। आज भारत ही नहीं विश्व के कई देशों में बाघ प्रिन्ट को श्री खत्री के नाम से जाना जाता है। उनके शिष्यों द्वारा कला को आगे बढ़ाने से भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार को समय-समय पर गौरव प्राप्त हुआ है। श्री इस्माइल सुलेमानजी खत्री ने देश-प्रदेश में आयोजित कई सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनियों में भाग लिया। इसके साथ ही विदेश में हालैण्ड और स्पेन फेयर (यूरोप) तथा मंगोलिया फेयर में उन्होंने शिरकत की है। 

श्रीराम कालेज में दीपोत्सव कार्यक्रम ने बांधा समां


श्रीराम कालेज में दीपोत्सव कार्यक्रम ने बांधा समां

(सचिन धीमान)

मुजफ्फरनगर। (साई)।श्रीराम कालेज के ललित कला संकाय में दीपोत्सव पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। शुभारम्भ सिटी मजिस्ट्रेट इन्द्रमणि त्रिपाठी, कालेज चेयरमैन डा। एसएसी कुलश्रेष्ठडा। बीके त्यागी, प्रमुख निर्देशक डा। आरएस चौहान, डा। आरके कोहली, नीलम बत्रा, राघव शुक्ला व मीडिया प्रभारी रवि गौतम ने संयुक्त रूप से किया।
दीपोत्सव के कार्यक्रम में ललित कला संकाय के छात्र छात्राओं ने विभिन्न कलाओं द्वारा दीप सज्जा, रंगोली, पोस्टर, डिजाईन, आर्ट एंड क्राफ्ट बनाकर अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित किया। दीपों को शिल्पकार, स्टोन, विभिन्न रंगों जैसे एक्रेलिक, पर्ल, स्पारकलिंग, ग्लास, थ्री डी आउट लाईन, ऑयल, पेस्टल, रंगों द्वारा अलंकृत किया गया। छात्र छात्राओं द्वारा उपरोक्त रंगों से मोर, सूर्य, चन्द्रमा, गणेश आदि को सुसज्जित किया। रंगोली डिजाईन में रंगीन चावल, सूजी, बरूदा, मार्बल्स, चिप्स आदि से रंगोली को विभिन्न आकृतियों जैसे अण्डाकार, त्रिभुजाकार, वृताकार, आयताकार में प्रस्तुत किया गया। पोस्टर डिजाईन में लक्ष्मी गणेश, दीप कुबेर, मोमबत्ती, पटाखे में दीपावली के महत्व को दर्शाते हुए पोस्टर बनाये गये। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि जिस पकार दीपक अपने प्रकाश से सभी जगह को प्रकाशित कर देता है उसी प्रकार छात्र छात्राएं भी शिक्षा के द्वारा ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन को प्रकाशित करते रहें और यह भी कहा कि कला विहीन व्यक्ति पशु के समान है।

पीड़ित युवती का पिता आया बसपा विधायक के परिवार के समर्थन में


पीड़ित युवती का पिता आया बसपा विधायक के परिवार के समर्थन में

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। बसपा विधायक के बेटे व उसके दो साथियों पर एक युवती द्वारा लगाये गये गैंग रेप के आरोप के मामले में आज उस समय नया मोड़ आ गया जब तथाकथित पीड़ित युवती के पिता बसेड़ा निवासी मौ। सलीम ने मीरापुर विधानसभा सीट से बसपा विधायक प्रतिनिधि के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपनी पुत्री व पत्नी के चाल चलन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त मां-बेटी का चाल चलन ठीक नहीं है।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद के थाना मीरांपुर छपार थाना क्षेत्र के ग्राम बसेडा निवासी मौ। सलीम ने बताया कि उसकी बेटी का भोकरहेड़ी के एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध है। एक बार उनको आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ने पर उसकी पुत्री ने खुद उस पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए छपार थाने में मामला दर्ज करा दिया था। मौ। सलीम का कहना था कि उसकी पुत्री पिछले लगभग बीस दिनों से घर से फरा है। सलीम ने बताया कि इस मामले में विधायक के पुत्र एवं उसके दोस्तों का कोई संबंध नहीं है। उक्त मामला पूरी तरह से फर्जी है। कुछ लोगों द्वारा पैसे के लेनदेन को लेकर उसकी पुत्री से विधायक पुत्र एवं उसके दो साथियों पर गैंगरेप का झूठा आरोप लगाया  गया है।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस कचहरी परिसर में पहंुची एक युवती ने उस समय अपने बयान से सनसनी फैला दी थी जब एक बसपा विधयक के बेटे व भांजे सहित तीन लोगों पर उसने गैंगरैप का आरोप जड़ दिया था। उक्त युवती ने आरोप लगाया था कि उसकी मुलाकात बस में एक युवक से उस समय हुई थी जब वह अपनी मां के साथ नगर में आ रही थी। फोन में बैलेंस खत्म होने के कारण उसने उक्त युवक का फोन इस्तेमाल किया था। उसके बाद उक्त युवक ने युवती का फोन नम्बर व नाम पूछ लिया था। जिसके बाद उसने उक्त युवती से कईं बार सम्पर्क साधा था। युवती का आरोप था कि नौकरी दिलाने के बहाने कार मे अपने साथ बैठा कर ले गए युवकों ने पहले उसे कोई नशीला पदार्थ खिलाया तथा इसके बाद विधायक लिखी उक्त कार को एक सुनसान जगह ले जाकर बारी बारी से उसके साथ रेप किया था। आरोपी युवती के पिता सलीम द्वारा विधायक परिवार के पक्ष में बयान देने से इस मामले में नया मोड आ गया है।

जिले के पूर्व एसपी बने एडीजी कानून व्यवस्था


जिले के पूर्व एसपी बने एडीजी कानून व्यवस्था

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। नगर में पूर्व में एसपी के पद पर तैनात रहे अरूण कुमार को प्रदेश में अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था बनाये जाने से प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अंकुश लगेगा। अरूण कुमार 1990 के दशक में जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रह चुके हैं। जिले में कई उपलब्धियां उन्होंने अपने खाते में दर्ज करायी। इसके अलावा मेरठ के डीआईजी रहने के बाद उन्हंे प्रदेश में पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था बनाया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस पद पर उनके आने से प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधर होगा। गौरतलब है कि अरूण कुमार पहले ऐसे पुलिस अध्किारी है जिन्होंने प्रदेश में सर्विलांस सिस्टम लागू कराया। इसके अलावा उन्होंने एसटीपफ एवं एटीएस टीमों का भी गठन किया था। इसी का परिणाम है कि आज एक से एक कुख्यात बदमाश सर्विलांस के जरिये पुलिस गिरफ्त में आ जाते हैं। समाजसेवी देवराज पंवार, होतीलाल शर्मा, शाहिद लुहारी ने अरूण कुमार के एडीजी कानून व्यवस्था बनने पर खुशी जताई।

कांग्रेस पर्यवेक्षक ने टटोला कांग्रेसियों को


कांग्रेस पर्यवेक्षक ने टटोला कांग्रेसियों को

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक राजवर्द्धन सिंह पर्यवेक्षक के रूप में पधारे। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए चर्चा की गयी जिसमें नये-पुराने कांग्रेसियों ने अपने-अपने दावे पेश किये। दावे पेश करने वालांे में मुख्य रूप से पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, अशोक बालियान, पूर्व सांसद सईदुज्जमा थे। पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्रपाल वर्मा के लिए भी कुछ लोगों ने पर्यवेक्षक से मिलकर दावेदारी पेश की। इस दौरान नानू मियां, पूर्व मंत्री दीपक कुमार, तारिक कुरैशी, महफूज राणा, सलमान सईद, शेख मौहम्मद फिरोज, सतीश शर्मा, नसीम मियां, गुफरान काजमी, सलीम मलिक, शशिकांत शर्मा, कन्हैया लाल किंगर आदि मौजूद रहे। 

हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का प्रदर्शन


हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का प्रदर्शन

(ब्यूरो कार्यालय)

मुजफ्फरनगर। (साई)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर सैंकड़ों अधिवक्ताओं ने शिव चौक पर मुख्य मार्ग बंद कर जोरदार प्रदर्शन किया। वकीलों द्वारा लगाये गये जाम से कई घंटे नगर के नागरिक हलकान रहे। बंद के दौरान वकीलों ने नागरिकों के साथ बदसलूकी भी की। बाइक सवार पिता पुत्र को वकीलों ने जमकर पीटा लेकिन पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। शिवचौक पर डेरा जमाये सीओ सिटी ने भी मामले की अनदेखी की।
बार संघ के जिलाध्यक्ष राजेश्वर दत्त त्यागी के नेतृत्व मे तथा महासचिव सुरेन्द्र सिंह मलिक की मौजूदगी में किए गए प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन को सौंपे गए प्रार्थनापत्र के माध्यम से बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता एवं अधिवक्ता पश्चिम में उच्च न्यायालय की बैंच की स्थापना के लिए पिछले कई वर्षो से आंदोलनरत हैं। इस दौरान रास्ता जाम, रेल जाम, कचहरी बंद, पश्चिम उत्तर प्रदेश बंद, भूख हडताल और धरना प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार को अवगत कराया जा चुका है लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों व अध्विक्ताओं की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया गया। सरकार सस्ता व सुलभ न्याय की बात तो कहती है परन्तु यह नहीं सोचती कि आठ सौ किलोमीटर दूर जाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को किस तरह सस्ता और सुलभ न्याय मिल पायेगा। इस लिए जरूरी है कि जल्द से जल्द पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे उच्च न्यायालय की बैंच की स्थापना यथाशीघ्र की जाए। बंद में प्रणजय चौहान, कुलदीप सिंह पुंडीर, जबर सिंह राणा, निश्चल त्यागी, विनय राणा, यशपाल सिंह राठौर, सुभाष सैनी, अनुराग सिंह, प्रदीप मलिक, दीपक चौधरी, शानू मलिक, विक्रांत मलिक, रणधीर सिंह उर्फ चुन्नू, महीपाल सिंह वर्मा, गुलबीर सिंह, फिरोज अली राणा, संजीव जैन, मीनाक्षी शर्मा, दिनेश कुमारी, भारतवीर, जयकंवार जावला, चंद्रपाल सिरोही, प्रवीण कुमार उर्फ गुड्डू, प्रगति त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, सतपाल त्यागी, नरेश चंद त्यागीसहदेव त्यागी, अरविन्द राठी, विपिन राणा, अमित वर्मा, आशुतोष राठी, परवेन्द्र पंवार, मोनू त्यागी, सिविल बार संघ के अध्यक्ष सुगंध जैन, ब्रजराज स्वरूप, अनिल आनंद, अशोक बालियान, पूर्व अध्यक्ष अनूप सिंह, सुदेश कुमार, रामअवतार सिंघल, जितेन्द्र कुमार, मानवेन्द्र जैन, राजपाल सिंह चाहल, चन्द्रपाल सिंह, प्रेमदत्त त्यागी, मेहरचंद गुप्ता आदि सैंकड़ों अधिवक्ता शामिल रहे।