सोमवार, 2 जुलाई 2012

मोनिका कैंसिल, महिमा हो गईं बुक


मोनिका कैंसिल, महिमा हो गईं बुक

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों में रोड शो और चुनाव प्रचार के लिए अंडर वर्ल्ड डान की माशुका सिने तारिका मोनिका बेदी का नाम अब फेहरिस्त से हटने की खबर है। अभी अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार 3 जुलाई को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में लखन कुंवर की नगरी में बोल्ड सिने तारिका जिन्हें हाट सीन्स देने से कतई परहेज नहीं है उनके आने की खबर है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनादौन में किसी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए वालीवुड की नायिका महिमा चौधरी के आने की खबर है। वे आकर किसके पक्ष में ठुमके लगाएंगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है पर उनके आने से लखनादौन के नीरस चुनाव के रंगीन होने का अंदाजा लगाया जा रहा है।

कृष्णा ने करवाई राहुल की फजीहत!

कृष्णा ने करवाई राहुल की फजीहत!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। विदेश मंत्री सोमनहल्ली मलैया कृष्णा के कारण राहुल गांधी की फजीहत हुई है! यह प्रश्न इन दिनों सियासी गलियारों में अक्सर ही पूछा जाने लगा है। दरअसल, जैसे ही विदेश मंत्री कृष्णा ने राहुल गांधी को मंत्रीमण्डल में फेरबदल के बाद केंद्रीय मंत्रीमण्डल में शामिल होने का राग छेड़ा है तबसे मीडिया विशेषकर सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर राहुल गांधी पर वार तेज हो गए हैं।
कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के साथ ही साथ कांग्रेस के अंदर भी यह चर्चा तेज हो चुकी है कि यूपीए के संकट मोचक रहे प्रणब मुखर्जी की सियासत से विदाई के बाद अब क्या राहुल गांधी सरकार की मुश्किलों से उबारने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कैबिनेट मे शामिल होंगे? यूपीए सरकार से लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के गलियारों में इन दिनों यह चर्चा शुरू हो चली है।
पिछले दिनों विदेश मंत्री सोमनहल्ली मलैया कृष्णा ने सरकार में राहुल गांधी में शामिल होने का खुला राग फिर छेड़ कर इन चर्चाओं को अनायास ही बल दे दिया है कि आगामी मंत्रिमंडल फेरबदल में राहुल गांधी को बड़ी कुर्सी सौंपी जा सकती है। राहुल गांधी को सरकार के अगुवा बनने से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने तक को लेकर कयासों और अटकलबाजियों का दौर नियमित अंतराल में चलना कोई नई बात नहीं है। हालांकि राहुल खुद ही सरकार में शामिल होने की बातों को कई बार नकार चुके हैं।
कहा जा रहा है कि जैसे ही कांग्रेस के कथित संकट मोचक प्रणव मुखर्जी ने अपने पद से त्यागपत्र दिया वैसे ही कांग्रेस के अंदर उभरे वैक्यूम को भरने के लिए राहुल गांधी की जरूरत महसूस करवाना आरंभ हो गया है। यद्यपि कांग्रेस के पास संकट मोचकों की लंबी फेहरिस्त है और वर्तमान में कांग्रेस के सामने कोई संकट का क्षण भी नहीं है फिर भी काल्पनिक तौर पर संकट मोचक की जरूरत पैदा की जा रही है और इस पद के लिए राहुल गांधी को आगे लाने का प्रयास आरंभ हो गया है।
वहीं दूसरी ओर पिछले आधे दशक से देश में घपले घोटाले, भ्रष्टाचार अनाचार के बाद भी ना तो राहुल गांधी और ना ही सोनिया गांधी ने इस बारे में अपना मुंह खोला है। इससे देश की जनता के मन में उनके प्रति बहुत अच्छे भाव तो नहीं ही आ रहे होंगे। संभवतः यही कारण है कि मीडिया या सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर जब भी नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी राहुल गांधी अथवा सोनिया गांधी के बारे में कुछ भी टिप्पणी आती है तो उस पर लाईक करने अथवा कमेंट का कभी ना थमने वाला सिलसिला आरंभ हो जाता है।
हाल ही में विदेश मंत्री सोमनहल्ली मलैया कृष्णा द्वारा राहुल गांधी को जैसे ही केंद्रीय मंत्रीमण्डल में शामिल होने की बात सियासी फिजां में फेंकी गई वैसे ही राहुल के खिलाफ आक्रोश एक बार फिर पूरे उफान पर आ गया। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स पर नेहरू गांधी परिवार के फोटो डालकर उस परिवार को भी महान बताकर लोग जनता के गुस्से को इस परिवार के खिलाफ खदबदाने में उत्प्रेरक का ही काम कर रहे हैं।

गरीब गुरबों का दो सौ करोड़ बहा दिया महामहिम ने पानी में

खण्डित हो गई है राष्ट्रपति भवन की गरिमा! . . . 2

गरीब गुरबों का दो सौ करोड़ बहा दिया महामहिम ने पानी में

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। 15 अगस्त 1947 को ब्रितानी हुकूमत की गुलामी की जंजीरों से मुक्ति के बाद भी इस देश की गरीब जनता के प्रथम नागरिक अर्थात महामहिम राष्ट्रपति पद की गरिमा तार तार हो चुकी है। अपने निहित स्वार्थ, आरामतलबी आदि के चलते देश के गरीब गुरबों से करों के रूप में एकत्र किए गए राजस्व में से कई सौ करोड़ रूपयों में महामहिम के विदेश दौरों के लिए आग लगा दी गई।
महामहिम आवास के सूत्रों का कहना है कि महामहिम प्रतिभा पाटिल के विदेश दौरों में गरीब गुरबों के करों से संचित राजस्व में से दो सौ करोड़ रूपए में जबर्दस्ती आग लगा दी गई है। प्रतिभा पाटिल के विदेश दौरों के बारे में सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडियाको बताया कि महामहिम के इन दौरों की वैसे तो आवश्यक्ता नहीं थी, फिर उनके परिजनों को साथ ले जाने का ओचित्य सैर सपाटा और व्यवसायिक प्रयोजन ही कहा जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद सैर सपाटों के मामले में मजाक बन गया है। इस सर्वोच्च पद का इस्तेमाल अपने परिवार को राजा महराजाओं के मानिंद सात समंदर पार की खूबसूरत अनोखी दुनिया से रूबरू कराने के लिए ज्यादा किया गया है। सत्तर के दशक के उपरांत इस पद की गरिमा शनैः शनैः रसातल की ओर आना आरंभ हो गई थी।
महामहिम आवास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पूर्व महामहिम के.आर.नारायणन ने तो सारी वर्जनाएं ही ताक पर रख दी थीं। उन्होंने तय शुदा वक्त से अधिक समय तक उस ब्रिटेन में रहने की जिद की जिसने दो सौ सालों तक हिन्दुस्तान को गुलामी की जंजीरों में कैद कर रखा था।
नारायणन की जिद साउथ ब्लाक के लिए खासी मुसीबत खड़ी कर दी थी। दरअसल, ब्रितानी हुकूमत ने नारायणन की मेजबानी के लिए हाथ खड़े कर दिए थे। उधर, भारतीय अधिकारियों की पेशानी पर चिंता की लकीरें उभर रहीं थीं कि आखिर महामहिम की यात्रा का भोगमान किस मद से भोगा जाए।
उधर, महामहिम के.आर.नारायणन की जिद पर भारतीय अधिकारियों ने महामहिम के लिए भारतीय करदाताओं के गाढ़े पसीने की कमाई पर नारायणन को लंदन की दो दिन सैर करवाई। लगभग इसी तर्ज पर वर्तमान महामहिम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल की विदेश यात्राओं पर गरीब जनता के गाढ़े पसीने की कमाई हवा में ही लुटा दी गई।

आज आ सकती हैं डॉन की माशूका चुनाव प्रचार के लिए


आज आ सकती हैं डॉन की माशूका चुनाव प्रचार के लिए

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बाहुल्य लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के तहसील मुख्यालय लखनादौन के नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की कथित माशुका और सिने तारिका मोनिका बेदी के किसी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। लखनादौन नगर पंचायत के लिए मतदान 5 जुलाई को होना है।
गौरतलब है कि लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भरे गए नामंकनों में कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लिए जाने के उपरांत यह माना जाने लगा है कि कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी उकास अथवा निर्दलीय प्रत्याशी नूरबी या सुधा राय को वाकोवर दे दिया है।
यहां यह भी उल्लेखनीय होगा कि 18 जून को जब कांग्रेस प्रत्याशी ने नाम वापस लिया था उसके उपरांत समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से दूरभाष पर चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस के निजाम कांति लाल भूरिया द्वारा यह कहा गया था कि उन परिस्थितियों में कांग्रेस के द्वारा खड़े कराए गए निर्दलीय डमी प्रत्याशी को समर्थन दे दिया जाएगा।
लखन कुंवर की नगरी में कांग्रेस का डमी प्रत्याशी निर्दलीय नूर बी अथवा नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष एवं सिवनी विधानसभा से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस की जमानत जप्त करा चुके लखनादौन के विकास पुरूष दिनेश राय मुनमुन थे इस बारे में अब तक कुहासा हट नहीं सका है। चुनाव के तीन दिन पहले शाम तक इस बारे में कोई जानकारी कांग्रेस से नहीं मिल सकी है कि कांग्रेस ने आखिर अपनी तलवार रेत में किसके इशारे पर किसको लाभ पहुंचाने की गरज से गड़ाई है।
बहरहाल, प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार 3 जुलाई को सिवनी जिले में लखन कुंवर की नगरी लखनादौन में सिने स्टारों के आमद की खबर है। बताया जा रहा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की माशुका मोनिका बेदी, हास्य अभिनेता असरानी, अपने समय कुछ अच्छी फिल्में देने वाले राहुल राय किसी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार और रोड़ शो करने वाले हैं।
लखनादौन में सिने स्टारों का आना कोई नया नहीं है। ज्ञातव्य है कि पूर्व में अध्यक्ष रहते हुए दिनेश राय ने अपने कार्यकाल में हर साल सात जनवरी को सिने स्टारों का रंगारंग प्रोग्राम कर जनता को लुभाने का प्रयास किया है। माना जा रहा है कि सिने स्टार्स के आने से किसी प्रत्याशी विशेष के पक्ष में माहौल तो बन सकता है पर इससे अंडरवर्ल्ड की नजरों में सिवनी के चढ़ने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है

प्रणव पर आरोपों की झड़ी!


प्रणव पर आरोपों की झड़ी!

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। महामहिम राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल होते ही पूर्व वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी पर आरोपों की झड़ी लगना आरंभ हो गई है। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट फेसबुक पर प्रणव के द्वारा पद के दुरूपयोग की खबरें लगाई जाने लगी हैं। खबरों की तासीर देखकर लग रहा है मानो प्रणव मुखर्जी ने महामहिम पद के लिए समर्थन जुटाने की गरज से राज्यों को आनन फानन आवंटन जारी किया है।
एक एकाउंट में जारी समाचार के अनुसार ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान कुछ चुनिंदा राज्यों में राजनीतिक दलों को पैसा देकर अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाया।
खबर में आगे कहा गया है कि बीजू जनता दल (बीजद) अध्यक्ष पटनायक ने दिल्ली से लौटने के बाद रविवार रात संवाददाताओं से कहा कि प्रणब मुखर्जी ने देश का वित्त मंत्री रहने के दौरान करोड़ों रुपया बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को दिया। उन्होने पूछा कि क्या यह पैसा इसलिए दिया गया कि वह कुछ पार्टियों से राष्ट्रपति पद पर उनकी उम्मीदवारी के लिए समर्थन चाहते थे।
पटनायक चार दिन की यात्रा के बाद लौटे हैं। पटनायक ने कहा कि यह पैसा मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) के शासन वाले उत्तर प्रदेश, नीतीश कुमार के जनता दल (युनाइटेड) शासित बिहार और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में दिया गया।
उन्होंने कहा कि यह उनका निजी पैसा नहीं था, यह लोगों का पैसा था, यह आपका पैसा था। जब राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो ऐसे में केंद्र सरकार ने इतनी बड़ी राशि इन राज्यों को क्यों दी। पटनायक वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब के खिलाफ मई में सबसे पहले लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी.ए. संगमा की उम्मीदवारी की घोषणा की थी। वह संगमा के नामांकन पर्चाे पर हस्ताक्षर करने वाले पहले प्रस्तावक भी हैं। संगमा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), शिरोमणि अकाली दल और एआईएडीएमके का समर्थन भी प्राप्त है। राष्ट्रपति चुनाव 19 जुलाई को होना है।

असम के लिए पांच सौ करोड़ रूपए की सहायता


असम के लिए पांच सौ करोड़ रूपए की सहायता

(जाकिया तस्मिन रहमान)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री ने बाढ़ग्रस्त असम के लिए पांच सौ करोड़ रूपये की तदर्थ सहायता की घोषणा की है। असम के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद आज गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक केन्द्रीय दल, राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करेगा।
डाक्टर सिंह ने राज्य सरकार और सुरक्षाबलों द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अब तक चार लाख ८४ हजार लोगों ने सात सौ ६८ राहत शिविरों में शरण ली है। इन सभी को चलते फिरते स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज असम में बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई भी उनके साथ थे। इन तीनों नेताओं ने हेलीकॉप्टर से मजूली द्वीप, जोरहाट, सिबसागर, लखीमपुर और धेमाजी जिलों  का जायजा लिया, जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
इससे पहले, डाक्टर मनमोहन और श्रीमती सोनिया गांधी आज सुबह करीब ११ बजे विशेष उड़ान से नई दिल्ली से जोरहाट के रोरइया हवाईअड्डे पहुंचे। ये दोनों नेता, गुवाहाटी में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति पर विचारविमर्श करेंगे।असम में बाढ़ से अब तक ६१ लोगों की और भूस्खलन गिरने से १६ लोगों की मौत हुई है। २७ जिलों में बाढ़ का असर पड़ा है। काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क में भी बाढ़ का पानी भर गया है। 
उधर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के असम ब्यूरो ने बताया कि आज बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। अधिकतर नदियों में बाढ़ का पानी घटना शुरू हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक ७७ लोगों की बाढ़ और जमीन खिसकने से मौत हुई है। जिला प्रशासन ने ७६८ राहत शिविर स्थापित किए है जहां चार लाख ८५ हजार लोग रह रहे हैं।
स्वास्थ विभाग द्वारा आज १२२ चिकित्सादल तैनात किये गये हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने २१ बाढ़ प्रभावित जिलों में दवाईयां खरीदने के लिए ७५ लाख रूपये मंजूर किया है। पशु चिकित्सा विभाग ने भी ४५००० चिकित्सा शिविर लगाए हैं।  बचाव और राहत कार्य पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, और सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
इस बीच, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने असम के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बृहस्पतिवार से राहत और बचाव कार्य के लिए २४ उड़ानें भरी हैं। हेलीकॉप्टरों ने करीब ४ हजार किलोग्राम खाद्य सामग्री के पैकेट गिराए हैं। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार काफी बड़ी संख्या में लोगों ने अपने पशुओं के साथ ऐसे छोटे-छोटे स्थानों पर शरण ले रखी है जहां बाढ़ का पानी नहीं है। विज्ञप्ति के अनुसार पानी का स्तर घटना शुरू हो गया है और अभी हेलीकॉप्टरों ने खाद्य सामग्री गिराना भी रोक दिया है लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पायलट तैयार हैं।
उधर, भाखड़ा और पोंग बांधों में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जलस्तर कम है। भाखड़ा व्यास प्रबन्धन बोर्ड के सूत्रों के अनुसार आज भाखड़ा बांध में जलस्तर पन्द्रह सौ पैंतीस फुट है जबकि पिछले साल आज के दिन यह पन्द्रह सौ सतानवे फुट था। पोंग बांध का जलस्तर आज बारह सौ नब्बे फुट रिकॉर्ड किया गया जबकि पिछले वर्ष इसी दिन यह तेरह सौ इक्यावन फुट था। सरकारी सूत्रों के अनुसार ऊंची पहाड़ियों पर बर्फ न पिघलने और सतलुज तथा व्यास नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में अभी तक बारिश कम रहने के कारण इन बांधों में जलस्तर घटा है। जलस्तर कम हो जाने से बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ा है। पंजाब सरकार ने सिंचाई के लिए सप्ताह में एक बार पानी छोड़ने का फैसला किया है।