शुक्रवार, 22 जून 2012

नरेश दिवाकर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नियुक्ति


नरेश दिवाकर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नियुक्ति

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। राज्य शासन द्वारा 31 शासकीय महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गयी है। जिन महाविद्यालयों में गणमान्य नागरिक को अध्यक्ष बनाया गया है, उनका कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा। अन्य महाविद्यालय जहाँ जन-प्रतिनिधियों को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है वहाँ अध्यक्ष का कार्यकाल उनके पद के कार्यकाल तक रहेगा।
जन-भागीदारी समिति शासकीय महाविद्यालय जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा में दीपक सिंह, दमुआ जिला छिन्दवाड़ा में श्री सोनू पाटिल, लोधीखेड़ा जिला छिन्दवाड़ा में श्री तारण जैन, सारंगपुर जिला राजगढ़ में श्री ओमप्रकाश राठौर, राजगढ़ में श्री संजय गुप्ता, चन्द्रविजय महाविद्यालय डिण्डोरी में श्री अवधराज बिलैया, कसरावद जिला खरगोन में
श्री जीतेन्द्र पाटीदार, स्नातक महाविद्यालय छतरपुर में श्री राकेश शुक्ला, के.पी. महाविद्यालय देवास में श्री राजेश यादव, संजय गाँधी महाविद्यालय सीधी में श्री संदीप उपाध्याय, रामपुर नैकिन जिला सीधी में श्री नरेन्द्र शुक्ला, बड़वानी में श्री महेश बिहारीलाल जोशी, सेंधवा जिला बड़वानी में श्री मकरंद ओक, कन्या महाविद्यालय बड़वानी में श्री रविन्द्र सुदाम कुलकर्णी, अंजड़ जिला बड़वानी में श्री भूपेन्द्र पाटीदार, एम.के.बी. कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय जबलपुर में श्री अश्विनी परांजपे, मनासा जिला नीमच में श्री अजय तिवारी, आलोट जिला रतलाम में श्री हरपाल सिंह सोलंकी, सिवनी में श्री नरेश दिवाकर, बरघाट जिला सिवनी में श्री गजेन्द्र भगत, खुरई जिला सागर में श्री विश्वास शर्मा, गोहद जिला भिण्ड में डॉ. दिलीप सिंह भदौरिया, कन्या महाविद्यालय शिवपुरी में श्रीमती रीता गुप्ता, स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में श्री अजय खेमरिया, निवाड़ी जिला टीकमगढ़ में श्री महेश झारखड़िया, बी.के. नवीन महाविद्यालय शाजापुर में श्री मनीष सक्सेना, सुसनेर जिला शाजापुर में श्री प्रदीप सोनी, कटंगी जिला बालाघाट में श्री मुकेश राठौर, हरसूद (छनेरा) जिला खण्डवा में श्री राम पवार, विजयपुर जिला श्योपुर में श्री लोकेन्द्र सिंह रावत और शासकीय महाविद्यालय बदनावर जिला धार में श्री कुलदीप शक्तावत को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

नगरीय सेवा के लिये पृथक से कॉडर बनेगा


नगरीय सेवा के लिये पृथक से कॉडर बनेगा

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि 74वें संविधान संशोधन के अधिकतम प्रावधानों का पालन करवाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। प्रदेश में महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से होता है। इनका कार्यकाल पाँच वर्ष का है, जबकि दिल्ली, पंजाब एवं गुजरात जैसे राज्यों में कहीं एक वर्ष तो कहीं ढाई वर्ष का कार्यकाल है। ऐसी स्थिति में विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने यह बात आज अखिल भारतीय महापौर परिषद की 104वी कार्य-समिति की बैठक का उद्घाटन करते हुए कही। अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष श्री कृष्णमुरारी मोघे ने की। श्री गौर ने कहा कि अखिल भारतीय महापौर परिषद को सम्पूर्ण भारत में एक जैसा कानून लागू करवाने का प्रयास निरन्तर करते रहना चाहिये। उन्होंने बिजली एवं पानी जैसे विषयों पर राज्य को आर्थिक भार वहन करवाने हेतु राज्य सरकारों से आग्रह करते रहने को कहा। श्री गौर ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही नगरीय प्रशासनिक सेवाओं के लिये पृथक से कॉडर बनेगा। इससे नगरीय क्षेत्र में विकास कार्यों के प्रति दक्ष एवं प्रतिबद्ध अधिकारियों की नियुक्ति निकायों में की जा सकेगी।
मंत्री श्री गौर ने कहा कि नगरीय प्रशासन एक सरकार है, विभाग नहीं। मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विभाग के आग्रह पर प्रतिवर्ष तीन हजार करोड़ के स्थान पर पाँच हजार करोड़ की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि नगरीय प्रशासन को मजबूत बनाने के लिये केन्द्र सरकार से आईएएस की तर्ज पर इण्डियन म्युनिसिपल सर्विस गठित करने की माँग भी की जायेगी, जिससे नगर निगमों में आयुक्त के पदों को इस संवर्ग से भरा जा सके।
गृह मंत्री परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि परिषद निरन्तर प्रयासरत् है कि नगरीय निकाय सक्षम स्वायत्त संस्था के रूप में कार्य कर सके। नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री श्री मनोहर ऊंटवाल ने प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत 27 नगरों की पेयजल योजना का संचालन प्रदेश सरकार ने अपने हाथ में लिया है।
उद्घाटन सत्र में उज्जैन के महापौर श्री रामेश्वर अखंड ने कहा कि महापौर और आयुक्त के मध्य बेहतर समन्वय की स्थापना के लिये महापौर को आयुक्त की सीआर लिखने का अधिकार दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर दिल्ली महानगर पालिका की उत्तरी दिल्ली की महापौर श्रीमती मीरा अग्रवाल तथा पूर्वी दिल्ली की महापौर श्री अन्नपूर्णा मिश्रा, भोपाल की महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, अहमदाबाद महापौर श्री असित वोरा, बरेली महापौर श्री सुभाष पटेल, भुवनेश्वर महापौर श्री जगन्नाथ महापात्रा, नागपुर महापौर श्री अनिल एम.सोले, जबलपुर महापौर श्री प्रभात साहू, बुरहानपुर महापौर श्रीमती माधुरी पटेल और रतलाम महापौर श्री शैलेंद्र डागा आदि उपस्थित थे।

बिजली विभाग के 6 अभियंता पदोन्नत


बिजली विभाग के 6 अभियंता पदोन्नत

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड ने आज 6 वरिष्ठ अभियंताओं के पदोन्नति आदेश जारी किये हैं। जारी आदेश के अनुसार मुख्य महाप्रबंधक श्री के.सी. बड़कुल को पदोन्नत कर कार्यपालक निदेशक (पॉवर मैनेजमेंट) तथा अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री ए.बी. बाजपेयी को पदोन्नत कर मुख्य महाप्रबंधक (कामर्शियल) के पद पर नियुक्त किया गया है।
इसी प्रकार 4 अभियंताओं को अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नत किया गया है। इनमें ऊर्जा विभाग भोपाल में उप सचिव के पद पर पदस्थ अधीक्षण अभियंता श्री मुकुंद धारीवाल, पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी, जबलपुर के मुख्य महाप्रबंधक (एच.आर.) कार्यालय में पदस्थ अधीक्षण अभियंता श्री रवीन्द्र द्विवेदी, मुख्य महाप्रबंधक (एल एण्ड आरएम) कार्यालय में पदस्थ अभियंता श्री के.के. अग्रवाल और मुख्य महाप्रबंधक (पॉवर मैनेजमेंट) कार्यालय, जबलपुर में पदस्थ अधीक्षण अभियंता श्री सूर्यबलि को अतिरिक्त मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नत किया गया है। इन चारों पदोन्नत अभियंताओं की पद-स्थापना पूर्ववत रहेगी। पदोन्नति उपरान्त सभी 6 अभियंता ने आज अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है।

कांग्रेस को ग्लेमरस बनाने की जवाबदेही राजीव शुक्ला पर!


कांग्रेस को ग्लेमरस बनाने की जवाबदेही राजीव शुक्ला पर!

पुराने चेहरों से उब चुके कार्यकर्ता चाह रहे नए लोकलुभावने चेहरे!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। सवा सौ साल पुरानी और देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उन्हीं पुराने चेहरों को देखकर कार्यकर्ता भी अब उबने लगे हैं। समरसता की स्थिति को तोड़ने के लिए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने नए ग्लेमरस चेहरों को समाजवादी पार्टी की तर्ज पर पार्टी से जोड़ने का जतन आरंभ किया है, ताकि कार्यकर्ताओं विशेषकर नए युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित किया जा सके।
इक्कीसवीं सदी के आगाज तक कांग्रेस में रणीनीति बनाने के लिए कुंवर अर्जुन सिंह को पार्टी के अंदर चाणक्य कहा जाता रहा, फिर उनके सक्रिय राजनीति से किनारा करने के साथ ही प्रणव मुखर्जी ने पार्टी को संकट से उबारने की कमान संभाल रखी थी। प्रणव मुखर्जी के महामहिम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने के बाद अब कांग्रेस के अंदर संकटमोचक की खोज तेजी से आरंभ हाो चुकी है।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को बतौर सांसद आवंटित सरकारी आवास) के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राजमाता को यह मशविरा दिया गया था कि कांग्रेस में पुराने उबाऊ चेहरों के बजाए अब नए ग्लेमरस चेहरों को सामने लाया जाए ताकि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी के मार्ग प्रशस्त हो सकें।
सूत्रों ने कहा कि इस कवायद के लिए पहले तो राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी राजी नहीं थीं, बाद में उन्होंने इसके लिए अपनी सहमति दे दी। जब दिखने और बिकने वाले चेहरों को कांग्रेस से जोड़ने की बात सामने आई तो इन्हें खीचकर लाने के लिए किसे पाबंद किया जाए इस बारे में कांग्रेस के अंदर विमर्श आरंभ हुआ।
सूत्रों ने कहा कि इसके लिए कुछ नेताओं ने सपा से टूटकर अलग हुए अमर सिंह का नाम सुझाया। जैसे ही अमर सिंह का नाम सामने आया तो सोनिया सहित अनेक नेताओं का मुंह कसैला हो गया। फिर मशविरे के बाद यह तय किया गया कि पार्टी के अंदर ही इस काम को करने के लिए किसी कुशल प्रबंधक और लाईजनर को पाबंद किया जाए।
सूत्रों के अनुसार इसके लिए कांग्रेस के संकट मोचक प्रणव मुखर्जी के समक्ष प्रस्ताव रखा जिसे उन्हें आग्रह कि साथ ठुकरा दिया। इसके बाद अहमद पटेल और सुरेश पचौरी के नाम पर विमर्श आरंभ हुआ, किन्तु मामला परवान नहीं चढ़ पाया। तभी कांग्रेस के एक चतुर सुजान ने मूलतः पत्रकार (अब अपने पेशे से विमुख होकर लाल बत्ती पा चुके) राजीव शुक्ला का नाम सुझाया।
फिर क्या था राजीव शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी गई। कहा जाता है कि इसके बाद से पार्टी के अंदर राजीव शुक्ला की पीठ पीछे को अमर सिंह कहकर ही बुलाया जाता है। यह अलहदा बात है कि राजीव शुक्ला को अमर सिंह का चरित्र कभी भी रास नहीं आया। कहा जाता है कि राजीव शुक्ला काफी हद तक अमर सिंह को नापसंद ही करते हैं।
पिछले दिनों पार्टी से ग्लेमरस चेहरे के रूप में गुजरे जमाने की अभिनेत्री रेखा और तथाकथित तौर पर क्रिकेट के भगवान की उपाधि पा चुके सचिन तेंदुलकर को कांग्रेस की ओर से राज्य सभा में लाकर राजीव शुक्ला ने एक तरह से कांग्रेस के लिए अमर सिंह का किरदार बखूबी निभाया है।
सूत्रों की मानें तो राजीव शुक्ला अब दादा यानी प्रणव मुखर्जी के रायसीना हिल्स पहुंचने के मार्ग प्रशस्त करने के लिए समाजवादी क्षत्रप मुलायम सिंह यादव से डील में जुटे हैं। कहा जाता है कि वे राजीव शुक्ला ही थे जिन्होंने ममता और मुलायम के बीच खाई खोदकर मुलायम को दादा के पक्ष में राजी किया है।
कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव और राजीव शुक्ला के बीच हुई गुप्त डील का ही नतीजा था कि कन्नोज में कांगेस ने डिंपल यादव के खिलाफ कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा था। अब राष्ट्रपति चुनावों में प्रणव मुखर्जी को समर्थन देने के एवज में मुलायम सिंह यादव ने अपनी खासी शर्तें कांग्रेस के सामने रख दी हैं।
सूत्रों की मानें तो महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को दूसरा कार्यकाल देने के पक्ष में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी कतई नहीं हैं। यही कारण है कि प्रतिभा देवी के स्थान पर कांग्रेस ने प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया है।
वहीं दूसरी ओर अब मुलायम सिंह यादव अपने भाई राम गोपाल यादव को भारत गणराज्य का उप राष्ट्रपति बनाना चाह रहे हैं। सचिन तेंदुलकर के शपथ ग्रहण समारोह में राजीव शुक्ला के साथ रामगोपाल यादव को देखकर यह चर्चा चल पड़ी थी कि मुलायम ने अपने भाई को उप राष्ट्रपति बनाने की आखिर ना केवल ठानी है, वरन रामगोपाल को सही हाथों में भी सौंप दिया है। वहीं कांग्रेस के व्ही.किशोर चंद देव भी इस पद के लिए लाबिंग करते नजर आ रहे हैं।

राजा का वनवास लगभग पूरा: बन सकते हैं मंत्री


राजा का वनवास लगभग पूरा: बन सकते हैं मंत्री

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश में दस साल तक लगातार राज करने वाले राघोगढ़ राजघराने के वंशज राजा दिग्विजय सिंह का वनवास लगभग पूरा होने को है। 2003 में चुनाव हारते ही सक्रिय राजनीति से दस सालों के वनवास की घोषणा को दिग्विजय सिंह ने निभाया और उनका वनवास इस साल के अंत में पूरा हो रहा है।
राजा दिग्विजय सिंह ने भले ही सक्रिय राजनीति से सन्यास लिया हो, पर कांग्रेस के संगठनात्मक पदों पर वे बने रहे और अपने विवादित बयानों के चलते मीडिया की सुर्खियां भी खूब बटोरी हैं राजा दिग्विजय सिंह ने। ज्ञातव्य है कि 2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह ने कहा था कि अगर वे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार नहीं बनवा पाए तो दस साल के लिए वे राजनीति से दूर रहेंगे।
इधर कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार कांग्रेस अब बदलाव की बयार बहाने को तैयार है और वह अपने अंदर कामराज योजना को लागू करने का मन बना रही है, जिसके तहत संगठन के कुछ पदाधिकारियों को लाल बत्ती से नवाजकर सरकार में हिस्सेदारी दी जाएगी।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि एआईसीसी चीफ सोनिया गांधी ने राजा दिग्विजय सिंह को यह संकेत भी दिया है कि वे केंद्र में मंत्री बनने को तैयार रहें। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को ठिकाने लगाने के आरोपों के बाद भी राजा दिग्विजय सिंह को सांसद ना रहते हुए भी दिल्ली में साउथ एवेन्यू के स्थान पर बड़ा बंग्ला देने की तैयारी की जा रही है जो इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में राजा की तूती केंद्र में बोलने वाली है।
ज्ञातव्य है कि गत मई माह में ही राजा दिग्विजय सिंह साउथ एवेन्यू के अपने बंग्ले को छोड़कर लोधी स्टेट में 64 नंबर की कोठी जो केंद्रीय मंत्री व्ही.किशोर चंद देव के नाम से आवंटित है। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी खर्च पर इस बंग्ले में रंग रोगन और इसकी साज सज्जा करवाई जा रही है। कहा जा रहा है कि अगले फेरबदल में राजा दिग्विजय सिंह को केंद्र में लाल बत्ती से नवाजा जाना लगभग तय ही है।