रविवार, 17 जून 2012

प्रदेश में बैकलॉग के रिक्त पद 33 हजार 207 नियुक्ति

प्रदेश में बैकलॉग के रिक्त पद 33 हजार 207 नियुक्ति

(ब्‍यूरो) 

भोपाल (साई)। प्रदेश में विशेष अभियान के माध्यम से अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग के रिक्त पदों पर वर्ष 2002 से 2011 तक की दस वर्ष की अवधि में विभिन्न विभाग में 33 हजार 207 पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं। इसमें अनुसूचित-जाति के 9,500, अनुसूचित-जनजाति के 18 हजार 346 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 5,361 बैकलॉग के रिक्त पदों को भरा गया है। राज्य शासन ने बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने के लिए चलाए जा रहे विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक वर्ष बढ़ाकर 30 जून, 2013 तक करने का निर्णय लिया है।भोपाल (साई) ।
विशेष भर्ती अभियान में पिछले दस वर्ष में बैकलॉग के रिक्त पदों पर सर्वाधिक 4,677 पदों पर भर्तियाँ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में की गई हैं। वन विभाग में 4,617, आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग में 3,475, चिकित्सा शिक्षा में 2,486, उच्च शिक्षा में 1,909, गृह (पुलिस) विभाग में 1,656, राजस्व में 962, कृषि में 918 एवं पशु-पालन विभाग में 857 बैकलॉग पद को भरा गया है।
विशेष भर्ती अभियान के जरिये स्कूल शिक्षा विभाग में 724, तकनीकी शिक्षा में 681, नगरीय प्रशासन एवं विकास में 566, वाणिज्यिक कर में 594, पंचायत एवं ग्रामीण विकास में 450, आवास एवं पर्यावरण में 372, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी में 362, जल-संसाधन में 335, श्रम विभाग में 292, महिला एवं बाल विकास में 285, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण में 251, लोक निर्माण में 246, सामान्य प्रशासन में 244, मछली-पालन में 232, जेल में 199 एवं लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में 144 अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग पद पर नियुक्तियाँ की गई हैं।

मनरेगा रैकिंग में मई माह में इन्दौर अव्वल

(पिंकी जैन)
भोपाल (साई)। प्रदेश में विशेष अभियान के माध्यम से अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग के रिक्त पदों पर वर्ष 2002 से 2011 तक की दस वर्ष की अवधि में विभिन्न विभाग में 33 हजार 207 पदों पर नियुक्तियाँ की गई हैं। इसमें अनुसूचित-जाति के 9,500, अनुसूचित-जनजाति के 18 हजार 346 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 5,361 बैकलॉग के रिक्त पदों को भरा गया है। राज्य शासन ने बैकलॉग के रिक्त पदों को भरने के लिए चलाए जा रहे विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक वर्ष बढ़ाकर 30 जून, 2013 तक करने का निर्णय लिया है।
विशेष भर्ती अभियान में पिछले दस वर्ष में बैकलॉग के रिक्त पदों पर सर्वाधिक 4,677 पदों पर भर्तियाँ लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में की गई हैं। वन विभाग में 4,617, आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग में 3,475, चिकित्सा शिक्षा में 2,486, उच्च शिक्षा में 1,909, गृह (पुलिस) विभाग में 1,656, राजस्व में 962, कृषि में 918 एवं पशु-पालन विभाग में 857 बैकलॉग पद को भरा गया है।
विशेष भर्ती अभियान के जरिये स्कूल शिक्षा विभाग में 724, तकनीकी शिक्षा में 681, नगरीय प्रशासन एवं विकास में 566, वाणिज्यिक कर में 594, पंचायत एवं ग्रामीण विकास में 450, आवास एवं पर्यावरण में 372, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी में 362, जल-संसाधन में 335, श्रम विभाग में 292, महिला एवं बाल विकास में 285, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण में 251, लोक निर्माण में 246, सामान्य प्रशासन में 244, मछली-पालन में 232, जेल में 199 एवं लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में 144 अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग पद पर नियुक्तियाँ की गई हैं।

मान गए युवराज!, एआईसीसी का बदलेगा चेहरा


मान गए युवराज!, एआईसीसी का बदलेगा चेहरा

मां बेटा मिलकर चलाएंगे कांग्रेस प्राईवेट लिमिटेड!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। आखिरकार, कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी की जिद के आगे झुकना ही पड़ा है। महामहिम राष्ट्रपति चुनावों के बाद कांग्रेस का चेहरा मोहरा दोनों ही बदलने वाला है। महामहिम के चुनावों के तत्काल बाद राहुल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया जाएगा। फिर मां (श्रीमति सोनिया गांधी) और बेटा (राहुल गांधी) मिलकर घोषित तौर पर कांग्रेस की नैया के खिवैया बनेंगे।
कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी अपनी अज्ञात और रहस्यमयी बीमारी का रूटीन चेकअप कराकर जैसे ही एक जुलाई को स्वदेश वापस आएंगी, वैसे ही कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की बयार बहती दिख जाएगी।
कांग्रेस की नजरों में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने को राजी हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस का सत्ता और शक्ति का शीर्ष केंद्र 10, जनपथ से खसककर 12 तुगलक लेन (बतौर सांसद राहुल गांधी को आवंटित सरकारी आवास) पहुंचने लगा है।
राहुल गांधी पर उनकी मां श्रीमति सोनिया गांधी का दबाव था कि वे सरकार में शामिल हों। राहुल इसके लिए सदा ही इंकार कर देते थे। अब सोनिया ने राहुल पर दबाव बनाया कि भले ही राहुल सरकार में शामिल ना हों पर कम से कम वे संगठन की जवाबदेही लेने को तो तैयार हो जाएं।
सूत्रों ने बताया कि इस काम के लिए सोनिया गांधी ने अपने सबसे विश्वस्त अहमद पटेल, सुरेश पचौरी और मोती लाल वोरा को पाबंद किया था। इन तीनों ने अपने अपने तरीके से राहुल को समझाया, अंततः श्रीमति सोनिया गांधी की ढलती उम्र और बिगड़ते स्वास्थ्य को देखकर राहुल गांधी ने संगठन में कार्यकारी अध्यक्ष बनने हेतु अपनी सहमति प्रदान कर ही दी।
सूत्रों का कहना है कि राहुल ने कार्यकारी अध्यक्ष बनने के पहले देश भ्रमण का मन बनाया है। राहुल की कर्नाटक और महाराष्ट्र की हालिया यात्राएं उनके इसी प्रोग्राम का हिस्सा मानी जा रही है। उधर, सूत्रों ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों को एक सूत्र में पिरोनेे की जवाबदेही भी एमपी के आदिवासी क्षत्रपों के कांधों पर डाली गई है। जल्द ही शहडोल संभाग में आदिवासियों का एक बहुत बड़ा सम्मेलन हो सकता है।
राहुल गांधी ने बतौर कार्यकारी अध्यक्ष अपनी टीम के गठन की कावायद भी आरंभ कर दी है। राहुल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एआईसीसी फेरबदल में बी.के.हरिप्रसाद और राजा दिग्विजय सिंह का कद कम किया जा सकता है। हरि प्रसाद और दिग्गी राजा को उनके गृह प्रदेशों की कमान सौंपी जा सकती है ताकि वहां विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अपना परचम लहरा सके।
इसके साथ ही साथ एआईसीसी से गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, विलास मुत्तेमवार, पंजाब के प्रभारी महासचिव गुलचैन सिंह चरक, डी.आर.शांडिल्य, मोहन प्रकाश, चौधरी वीरेंद्र सिंह जैसे नेताओं को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इनमें मोहन प्रकाश को राजस्थान की कमान सौंपी जाने के संकेत मिले हैं।
राहुल के नए सलाहकार के रूप में प्रचारित हो रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया जा सकता है। एआईसीसी में आमद देने वाले वायलर रवि को गुलाम नबी आजाद के स्थान पर आंध्र का नया प्रभारी बनाया जा सकता है। आजाद को वासनिक के साथ मंत्री पद की मलाई बाकायदा चखने के लिए छोड़ा जाएगा। टीम राहुल में अपेक्षाकृत युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जाएगी।
राहुल के कार्यकारी अध्यक्ष और सोनिया के अध्यक्ष रहने तथा अनेक कद्दावर नेताओं के एआईसीसी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की संभावनाओं के चलते अब एआईसीसी का महौल गर्मा गया है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से कहा कि अगर एसा हुआ तो आने वाले दिनों में विपक्ष के पास एक मुद्दा बैठे बिठाए ही मिल जाएगा कि मां बेटा मिलकर कांग्रेस प्राईवेट लिमिटेड का संचालन कर रहे हैं।

बहुत जल्दी में हैं नरेंद्र मोदी!


बहुत जल्दी में हैं नरेंद्र मोदी!

विधानसभा पूर्व ही होना चाहते हैं पीएम इन वेटिंग

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा को अपनी शर्तों पर नाच नचाने वाले गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी बहुत ही जल्दबाजी में दिख रहे हैं। मोदी चाह रहे हैं कि गुजरात विधानसभा चुनावों के पूर्व ही उन्हें राजग का पीएम इन वेटिंग घोषित कर दिया जाए। मोदी चाहते हैं कि गुजरात का चुनाव भी वे आम चुनावों के मुद्दे पर ही लड़ें ताकि उनकी छवि को अच्छी तरह से प्रोजेक्ट किया जा सके। उधर, संघ और भाजपा इस बारे में विमर्श कर रहे हैं कि अगला कदम क्या उठाया जाए?
नरेंद्र मोदी के इर्द गिर्द से छन छन कर बाहर आ रही चर्चाओं पर अगर यकीन किया जाए तो मोदी भले ही भाजपा संगठन को झुकाने का माद्दा रखते हों पर उन्हें सबसे ज्यादा खतरा इस वक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्य सभा के अरूण जेतली से नजर आ रहा है। यही कारण है कि मोदी चाह रहे हैं कि तत्काल ही पार्टी उन्हें अगला पीएम प्रोजेक्ट कर दे।
उधर, दिल्ली में झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय केशव कुंजमें चल रही बयार के अनुसार इस बारे में विमर्श होना अभी बाकी है। संघ ने इस बावत भाजपा को अभी कोई लाईन नहीं दी है। यही कारण है भाजपा भी इस मसले पर शांत ही बैठी है। माना जा रहा है कि सितम्बर में होने वाली भाजपा की नेशनल काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो।
भाजपा के अंदरखाने में चल रही चर्चाओें के अनुसार भाजपा नेतृत्व अभी इस उहापोह में ही है कि क्या अगला चुनाव किसी चेहरे को आगे कर लड़ा जाए या नहीं? अगर चेहरा सामने किया जाए तो वह चेहरा कौन हो? दरअसल, इस चर्चा के जनक भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी ही बताए जा रहे हैं, जिन्हें शंका है कि अगर किसी का चेहरा आगे किया गया तो उनकी बिसात महज पार्टी अध्यक्ष की ही रह जाएगी। इसके साथ ही साथ इस बात पर भी विमर्श होना बाकी है कि क्या नरेंद्र मोदी का चेहरा राजग के घटक दलों को स्वीकार्य होगा?
इतिहास पर अगर नजर डाली जाए तो साफ होता है कि पार्टी ने सदा ही किसी ना किसी का चेहरा सामने कर चुनाव लड़ा है पर वह चेहरा कभी भी पार्टी के नेशनल प्रेजीडेंट का नहीं रहा है। ज्ञातव्य है कि जिस वक्त भाजपा ने अटल बिहारी बाजपेयी को प्रोजेक्ट किया था तब पार्टी के अध्यक्ष एल.के.आड़वाणी थे।
इसके उपरांत 2009 में जब एल.के.आड़वाणी का चेहरा आगे किया गया था उस वक्त पार्टी की नेशनल प्रेजीडेंट की आसनी पर राजनाथ सिंह विराजमान थे। इन दोनों ही उदहारणों से साफ हो जाता है कि इस बार अगर किसी का चेहरा सामने कर पार्टी चुनावों में उतरती है तो इसमें नितिन गड़करी का चेहरा सामने लाने के लिए पार्टी को पुरानी परंपराओं को तोड़ना होगा।
इसके साथ ही साथ एक बात पर और गौर करें तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की आसनी पर बैठे व्यक्ति को ही अगले बार पीएम का स्वाभाविक दावेदार समझा जाता है। पिछली मर्तबा जब आड़वाणी को प्रोजेक्ट किया गया था उस वक्त अटल बिहारी बाजपेयी एनडीए के साथ ही साथ संसदीय दल के अध्यक्ष थे। वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष के पद पर सुषमा स्वराज विराजमान हैं।
सुषमा भी मन मारकर ही रह रहीं होंगी क्योंकि आड़वाणी के दावा छोड़ने के उपरांत ही वे अपना दावा करने की स्थिति में आ सकती हैं। उधर, जेतली भी अंदर ही अंदर अपने लिए आधार पुख्ता करने में जुट चुके बताए जा रहे हैं। सारे समीकरणों को देख सुनकर ही संभवतः नरेंद्र मोदी बहुत जल्दी में नजर आ रहे हैं और वे चहते हैं कि उनको जल्द से जल्द भाजपा प्रोजेक्ट कर दे ताकि बाकी मामलों पर मट्टी डाल दी जाए।

वित्त सुधारों पर सरकार संजीदा: प्रणव


वित्त सुधारों पर सरकार संजीदा: प्रणव

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सरकार सुधारों के बारे में चुप नहीं बैठी है। उन्होंने संकेत दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कल मौद्रिक नीति की समीक्षा में ब्याज दरों में कमी कर सकता है जिससे आर्थिक विकास में मंदी पर काबू पाया जा सकेगा।
अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव के लिए यू पी ए का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद एसोचौम सम्मेलन में अपने पहले सार्वजनिक भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि स्टैंडर्ड एण्ड पूअर्स जैसी विश्व एजेंसियों और उद्योग जगत  की चिंताएं दूर करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के तौर पर उन्होंने जमीनी वास्तविकताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकता। कभी उद्योग पतियों द्वारा और कभी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों द्वारा जो चिंताएं व्यक्त की गई हैं, वित्तमंत्री के तौर पर वे उनकी चिंताओं को खारिज नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि उनकी चिंताओं पर गंभीर संज्ञान लेते हैं और उनका हल खोजने की कोशिश करते रहे हैं। श्री मुखर्जी ने विश्वास व्यक्त किया कि रिजर्व बैंक सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अपनी मौद्रिक नीति में उसी तरह से समायोजन करेगा जैसा सरकार अपनी राजकोषीय नीति में कर रही है।

महामहिम चुनाव प्रक्रिया आरंभ


महामहिम चुनाव प्रक्रिया आरंभ

(संजीव प्रताप सिंह)

नई दिल्ली (साई)। निर्वाचन आयोग द्वारा कल अधिसूचना जारी किये जाने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ३० जून तक नामांकन पत्र दाखिल किये जाएंगे और दो जुलाई को इनकी जांच होगी। ४ जुलाई तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर जरूरी हुआ तो राष्ट्रपति पद के लिए १९ जुलाई को सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। मतगणना २२ जुलाई को होगी। वर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील का कार्यकाल २४ जुलाई को समाप्त हो रहा है।
यू पी ए ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। उधर, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए की बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी आज राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के बारे में अंतिम फैसला करेगी। कल शाम नई दिल्ली में भाजपा कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार संबंधी मुद्दे पर चर्चा हुई। पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने बताया कि इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ है।

कहीं तपन तो कहीं बाढ़ का कहर!


कहीं तपन तो कहीं बाढ़ का कहर!

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। देश में मानसून की दस्तक के साथ ही मौसम में बदलाव तेजी से देखा जा रहा है। कहीं सूरज की तपन झुलसा रही है तो कहीं बूंदाबांदी के बाद उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। पूर्वोत्तर में बाढ़ के कारण हालात चिंता जनक बताए जा रहे हैं।
गुवहाटी से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की ब्यूरो गायत्री बरूआ ने बताया कि असम के धेमाजी, बारपेटा, उदलगुड़ी और नलबाड़ी समेत सात जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक है। बाढ़ से १०० गांवों के ५० हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। ६०० हैक्टेयर से अधिक जमीन पर फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के अलावा भूमि कटाव से भी कुछ इलाकों में काफी नुकसान हुआ है। हमारे संवाददाता ने बताया कि असम सरकार ने बाढ़ पीड़ित जिलों में राहत और बचाव के कदम उठाए हैं।
सरकारी सूत्रों ने साई को बताया कि असम सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिले में आपदा कार्रवाई बलों को सतर्क रहने को कहा है। जिला प्रशासन ने उदलगुड़ी जिले में चार और नलबाड़ी कल दो अस्थाई राहत शिविरों की स्थापना की है। धेमाजी जिले में राहत और बचाव के लिए नाव सेवाएं उपलब्घ किए गए हैं। बारपेटा जिले में कालद्या नदी के कई जगहों पर तटबंध टूटने से कई गांव बाढ़ की चपेट में है। पाठशालां में शिविर अस्पताल, शहर में बढ़ते जल स्तर के कारण खाली किए गए हैं। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक कामरूप जिले में बुच्चीबाड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
उधर, अगरतला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से दीपमाला दत्ता ने बताया कि त्रिपुरा के दो जिलों के निचले इलाकों में पिछले २४ घंटों से जारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगरतला में जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार ढलाई जिले के कमालपुर सबडिविजन और खोवाई जिले के खोवाई सबडिवीजन के निचले इलाकों में लगातार बारिश से बाढ़ आने की खबर है। दोनों जिलों में कुल १३६ परिवारों पर बाढ़ का असर पड़ा है। प्रशासन ने अब तक छह राहत शिविर खोले हैं।
देश के हृदय प्रदेश में भी गर्मी उमस और बारिश का मौसम देखा जा रहा है। भोपाल से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से नंद किशोर ने बताया कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी है और आगे भी ऐसी ही संभावना बनी हुई है। इसके बावजूद लोगों को गर्मी और उमस से राहत नहीं मिल रही है।
राज्य में सबसे गर्म सीधी, खजुराहो व दतिया रहे, जहां शुक्रवार को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान भोपाल सहित अन्य स्थानों पर बारिश हुई है, इसके चलते अधिकतम तापमान में गिरावट भी आई है, लू का असर कम हुआ है, लेकिन तीखी धूप के कारण गर्मी का असर बना हुआ है और उमस बेचौन कर देने वाली है।
राज्य में जारी तापमान के उतार-चढ़ाव के चलते राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि राज्य के कई हिस्सों में अगले 24 घंटों में बारिश हो सकती है जिससे तापमान में और भी कमी आ सकती है। उधर सतपुड़ा और महाकौशल अंचल से तेज बारिश होने की खबर भी मिली है। कहा जा रहा है कि महाकौशल में बारिश से तापमान में कमी दर्ज की गई है, किन्तु तेज धूप के चलते उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है।
पटना से समाचार एजेंसी ऑफ इडिया, साई के ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने बताया कि बिहार में तापमान बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है, इस कारण गर्मी से लोग बेहाल हैं। गया का शुक्रवार सुबह का तापमान ही 33 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है जबकि गुरूवार को राजधानी पटना अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया।
पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के मुताबिक सुबह गया का तापमान 33.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया जबकि पटना का 30 डिग्री, भागलपुर का 29.6 डिग्री तथा पूर्णिया का सुबह का तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, राज्य में गुरूवार को गया सबसे ज्यादा गर्म रहा जहां का अधिकतम तापमान 456 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि पटना का अधिकतम तापमान भी 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसमविदों के मुताबिक अभी 48 घंटे के दौरान बिहार में बारिश की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। बिहार के कुछ हिस्सों में प्री मानसून की बारिश आ भी गई तब भी लोगों को गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है। गर्मी से बेहाल लोग अब मानसून का इंतजार कर रहे हैं।