गुरुवार, 7 जून 2012

युवराज की ताजपोशी में अडंगा बने पीएम


युवराज की ताजपोशी में अडंगा बने पीएम

राजगद्दी छोड़ने को राजी नहीं हैं मनमोहन

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार की पांचवी पीढ़ी की सत्ता की मलाई चखने की तैयारी में सोनिया गांधी के खासुलखास डॉ.मनमोहन सिंह सबसे बड़े शूल के रूम में सामने आ रहे हैं। देश का प्रथम पुरूष बनाने की शर्त पर मनमोहन ने गद्दी छोड़ने से साफ इंकार कर दिया है, जिससे कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी पर ग्रहण लग गया है।
ज्ञातव्य है कि देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंडित मोतीलाल नेहरू के पुत्र पंडित जवाहर लाल नेहरू देश के पहले वज़ीरे आज़म बने, उनके बाद उनकी पुत्री इंदिरा जिन्होंने पारसी मूल के फिरोज गांधी से विवाह किया था देश की प्रधानमंत्री वर्षों तक रहीं। फिरोज गांधी से विवाह के बाद इंदिरा का उपनाम (सरनेम) नेहरू से बदलकर गांधी हो गया।
इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री रहे। राजीव गांधी की अर्धांग्नी और इटली मूल की सोनिया मानियो (सोनिया गांधी) डेढ़ दशक से अधिक समय से कांग्रेस अध्यक्ष हैं, और वे देश की सबसे ताकतवर महिला बन चुकी हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वे परोक्ष तौर पर देश को संचालित कर रही हैं।
राजीव सोनिया की पुत्री प्रियंका ने व्यवसाई राबर्ट वढ़ेरा से विवाह किया और वे प्रियंका वढ़ेरा हो गईं। वहीं दूसरी ओर इनके कनिष्ठ पुत्र राहुल गांधी ने अपने खानदानी व्यवसाय (राजनीति) को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। वर्ष 2004 में वे पहली बार सांसद बने और इसकी पुनर्रावृत्ति 2009 में हुई।
2009 में जब दूसरी बार संप्रग की सरकार बनने की सुगबुगाहट हुई तब माना जा रहा था कि राहुल गांधी के हाथों कांग्रेस द्वारा देश को सौंप दिया जाएगा, किन्तु रणनीतिकारों ने राहुल को अपरिपक्व बताकर कुछ दिन और इस बियावान में संघर्ष करने और तपने की हिदायद देकर उनकी ताजपोशी टाल दी थी।
2010 के आगाज के साथ ही जैसे ही संप्रग वन के घपले घोटाले और भ्रष्टाचार की गूंज तेज हुई वैसे ही मनमोहन सिंह को हटाकर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की मांग तेज हो गई। उसी वक्त सियासी फिजां में मनमोहन सिंह के करीबियोें ने एक छुर्रा छोड़ दिया कि राहुल को सरकार का कामकाज सीखने के लिए मनमोहन सिंह के अधीन मंत्री बन जाना चाहिए। राहुल के सलाहकारों और शिक्षकों को यह बात नागवार गुजरी, पर बात में दम था इसलिए उन सभी ने खून का घूंट पिया और राहुल की ताजपोशी को आगे बढ़ा दिया।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि अब राहुल की ताजपोशी के लिए माकूल नजर आ रहा है 2014 का आम चुनाव। पर इसके लिए वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कहीं एजडेस्ट करना जरूरी नजर आ रहा है।
यही कारण है कि मनमोहन सिंह को इस साल के महामहिम राष्ट्रपति के चुनावों में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने का प्रलोभन दिया गया है। डॉ.मनमोहन सिंह संभवतः इस जुगत में लगे हैं कि वे देश के इतिहास में नेहरू गांधी परिवार से इतर एसे व्यक्ति के तौर पर अपना नाम दर्ज करवाएं कि जो सबसे लंबे समय तक वजीरे आजम की कुर्सी पर रहा हो।
उधर, पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि मनमोहन सिंह भी यह जानते हैं कि संख्या के गणित के आधार पर यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ही रायसीना हिल्स स्थित विशाल कोठी (राष्ट्रपति भवन) को अपना आशियाना बना सके। गठबंधन की बैसाखियों के बारे में मनमोहन सिंह से बेहतर कौन जान सकता है जो बार बार अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए गठबंधन धर्म को राष्ट्रधर्म से उपर रखते आए हैं।
इधर, कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) सूत्रों ने कहा कि मनमोहन ंिसंह ने कांग्रेस हाई कमान से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे रायसीना हिल्स के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले। सोनिया को मशविरा दिया गया है कि यही सही समय है जब मनमोहन सिंह से सीट खाली करवाकर 2014 में कांग्रेस का नेतृत्व करने राहुल गांधी को आगे लाया जाए, एवं केयर टेकर पीएम के बतौर या तो राहुल या फिर प्रणव मुखर्जी को सामने किया जाए, पर पीएम के नकारात्मक रूख के चलते एक बार फिर युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी टलती नजर आ रही है।

हामिद को सोनिया की ना!

हामिद को सोनिया की ना!

मुस्लिम राष्ट्रपति के पक्ष में नहीं हैं सोनिया


(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई) । इस साल जुलाई में रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के भवन को पांच साल के लिए नया मालिक मिलने वाला है। इसके लिए गुपचुप तरीके से जोड़तोड़ आरंभ हो गई है। इस दौड़ में वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी दौड़ में शामिल हैंपर कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी मुस्लिम प्रधानमंत्री के लिए राजी नहीं बताई जा रही हैं।
देश भर के अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिमों को लुभाने के लिए देश के प्रथम नागरिक की आसंदी पर मुस्लिम व्यक्ति को बिठाने की कवायद पर अब ठहराव आता दिख रहा है। रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के निवास के लिए दौड़ तो जमकर चल रही है पर इसमें से वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम फेहरिस्त से गायब बताया जा रहा है।
सियासी फिजां में चल रही चर्चाओं के अनुसार मुस्लिम प्रत्याशी को इस पद के लिए सोनिया के रेड सिग्नल का कारण यह बताया जा रहा है कि मुसलमानों के हिमायमती समझे जाने वाले समाजवादी पार्टी के क्षत्रप इसका सारा श्रेय ले उड़ेंगे। इसी डर के चलते सोनिया द्वारा अल्पसंख्यकों की नाराजगी मोल लेने का जोखिम भी उठाया जा रहा है। सिर्फ मुलायम के श्रेय्रश् लेने के डर से मुसलमान राष्ट्रपति पर सोनिया की ना को लेकर अब सियासत गर्माने लगी है।
कांग्रेस के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रपति के चयन के बारे में स्पष्ट गाईड लाईन बता दी गई है। मुलायम को साफ कर दिया गया है कि कांग्रेस के अंदर मुसलमानों की कमी नहीं है। कहा जा रहा है कि इसी के चलते मुलायम सिंह यादव की पहली पसंद एस.वाई,कुरैशी का पत्ता भी काट दिया गया है।
खबरों के अनुसार मुलायम को कहा गया है कि अगर देश को मुस्लिम राष्ट्रपति देना ही होगा तो इसका फैसला सोनिया गांधी ही करेंगीं। हामिद अंसारी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार ना बनाने की स्थिति में मुसलमानों की नाराजगी से निपटने के लिए कांग्रेस ने रणनीति तैयार कर रखी है।
अगर मुसलमानों को प्रसन्न करने की बात आई तो उपराष्ट्रपति पद के लिए सैफुद्दीन सोज या रहमान खान का नाम आगे कर कांग्रेस बैलेंस बराबर कर सकती है। इस बात की भनक शायद रहमान खान को लग गई है तभी उन्होंने मुस्लिम संगठनों के साथ लाबिंग आरंभ कर दी है। खान इन दिनों अल्पसंख्यक संगठनों के सीधे संपर्क में बताए जा रहे हैं।

प्रशासन के संरक्षण में हो रहा अवैध उत्खनन


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  95

प्रशासन के संरक्षण में हो रहा अवैध उत्खनन

खनिज मंत्री शुक्ला बौने साबित हो रहे थापर के सामने

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)।  देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में संयंत्र प्रबंधन द्वारा क्षेत्र में अवैध उत्खनन तेजी से किया जा रहा है। बार बार शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन के कानों में जूं नहीं रही है।
हद तो उस वक्त हो जाती है जब प्रदेश के उर्जा और खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल के द्वारा भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई और क्षेत्रीय भाजपा विधायक को अंधेरे में रखकर संयंत्र का मुआयना एवं उद्यघाटन आदि किया जाता है। इस दौरान खनिज और उर्जा मंत्री से अवैध उत्खनन की शिकायत की जाती है पर इस मामले में कोई कार्यवाही ही नहीं होती है।
जिला प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि 1260 मेगावाट की प्रस्तावित विद्युत इकाई के निर्माण के दरम्यान अवैध उत्खनन के द्वारा राजस्व क्षति के मामले सार्वजनिक होने के बाद भी जिला प्र्रशासन का मौन संदिग्ध ही माना जाएगा। सूत्रों के अनुसार गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा सिवनी जिले में ही अवैध उत्खनन के माध्यम से करोड़ों रूपयों की राजस्व क्षति पहुंचाई जा चुकी है।
बीते माह जब शिवराज सिंह चौहान के सहयोगी और प्रदेश के खनिज और उर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल इस इकाई का निरीक्षण करने पहुंचे तब यह मामले राजेंद्र शुक्ल के संज्ञान में लाया गया था। इसके बाद उन्होने भी इस मामले में मौन साध लिया। उर्जा और खनिज मंत्री राजेंद्र शुक्ल की आदिवासी विकासखण्ड घंसौर के ग्राम बरेला में लगने वाले इस पावर प्लांट में बेहद ज्यादा दिलचस्पी को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है।

(क्रमशः जारी)

निवेश को बढ़ावा देने हर संभव प्रयास: पीएम


निवेश को बढ़ावा देने हर संभव प्रयास: पीएम
(प्रियंका श्रीवास्‍तव)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने देश में नौ प्रतिशत की विकास दर फिर हासिल करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में प्रमुख क्षेत्र की परियोजनाओं में उच्च निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्ष २०१२-१३ के लिए बुनियादी ढांचा लक्ष्यों को अंतिम रूप देने के लिए कल हुई बैठक में डॉक्टर सिंह ने कहा कि सरकार मौजूदा स्थिति को बदलने और भारत के विकास परिदृश्य को और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने लक्ष्यों की समीक्षा की और उन्हें मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में देश को कारोबार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन प्रयास करने चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए जो निवेश के लिए अनुकूल हो। मौजूदा स्थिति में सुधार लाने तथा भारत की वृद्धि दर को फिर से पटरी पर लाने के वास्ते सरकार आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की जरूरतें काफी व्यापक हैं और इसके लिए अगले पांच वर्षों में दस खरब अमरीकी डॉलर की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि १२वीं पंचवर्षीय योजना में बुनियादी ढांचे में दस खरब डॉलर से अधिक निवेश की जरूरत है। सरकार अकेले इतनी बड़ी राशि निवेश नहीं कर सकती है। इसलिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रयासों में निजी क्षेत्र को शामिल करना महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई प्रणाली के तहत इस वर्ष साढ़े नौ हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण और चार हजार किलोमीटर से अधिक के रखरखाव की योजना है। डॉ० सिंह ने कहा कि रेल क्षेत्र में सरकार की योजना मुंबई में ऐलिवेटिड रेल गलियारे का निर्माण, दो नई लोको इंजन निर्माण इकाईयां लगाना और सार्वजनिक निजी भागीदारी से माल भाड़ा गलियारा बनाना है। उन्होंने कहा कि जहाजरानी क्षेत्र में सरकार को सार्वजनिक निजी भागीदारी से दो प्रमुख बंदरगाह बनाने का चुनौतीपूर्ण काम पूरा करना है।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि उड्डयन क्षेत्र में नवी मुंबई, गोआ और कन्नूर में तीन बंदरगाह तथा लखनऊ, वाराणसी, कोयम्बतूर, त्रिची और गया में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बनाये जाने हैं। प्रधानमत्री ने कहा कि बिजली क्षेत्र में १८ हजार मेगावाट क्षमता बढ़ाने की योजना है। इस बैठक में बिजली, सड़क, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन और कोयला मंत्री भी शामिल हुए।
उधर, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि आर्थिक गिरावट चिंता का विषय है लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारक मजबूत हैं इसलिए उच्च वृद्धि दर फिर से हासिल की जा सकेगी। श्री मुखर्जी के हवाले से कल नई दिल्ली में जारी सरकारी बयान में यह बात कही गयी है। श्री मुखर्जी ने कहा कि पूरी दुनिया कीं आर्थिक अनिश्चितता विशेषकर यूरो जोन संकट की वजह से देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे समय में उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन पर पूरा विश्वास है। उन्हें विश्वास है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर पाएगी।
इसके साथ ही साथ भारत ने जोर देकर कहा है कि अमरीका के साथ रक्षा व्यापार में उसकी प्राथमिकता खरीदने-बेचने के सौदों से आगे बढ़ने की है। नई दिल्ली में अमरीका के रक्षा मंत्री लिओन पेनेटा के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि भारत, स्वदेशी क्षमता विकसित करने के लिए तकनीक के हस्तांतरण और साझेदारी पर ध्यान देना चाहता है।
श्री पेनेटा ने आश्वासन दिया कि अमेरीकी सरकार प्रौद्योगिकी देने के उपाय करेगी। २१वीं शताब्दी में अमरीका और भारत की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण रहेगी। आज हमारे आर्थिक, सामाजिक और राजनयिक संबंध बढ़ रहे हैं जिनसे दोनों देश फायदा उठा रहे हैं। लेकिन इस संबंध से इस क्षेत्र और यहां तक कि विश्व के लिये सही रूप में सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये जरूरी है कि हम अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करें।

मीडिया से मिलने दिया जाए: जगन


मीडिया से मिलने दिया जाए: जगन
(रितु सक्सेना)
हैदराबाद (साई)। वाई एस आर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में राज्य सरकार और जेल प्रशासन को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे १२ जून को होने वाले उप-चुनावों के मद्देनजर उन्हें मीडिया के माध्यम से अपने बयान जारी करने की इजाजत दें।
कडप्पा के सांसद जगनमोहन ने कल उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें प्रिंट और इलैक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से अपनी हिरासत की अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश के मतदाताओं तक अपने बयान पहुंचाने के लिए कानून के मुताबिक इजाजत दी जाए। आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के पुत्र जगनमोहन को हैदराबाद की चंचलगुडा जेल में रखा गया है। आंध्र प्रदेश की १८ विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर १२ जून को चुनाव होंगे।

भारत चीन संबंधों में होगा सुधार


भारत चीन संबंधों में होगा सुधार
(एस.के.शर्मा)
ढाका (साई)। भारत ने चीन से कहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार उसकी विदेश नीति की प्राथमिकता है। उसने एशिया प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग और बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है। विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कल पेइचिंग में चीन के उप प्रधानमंत्री ली काचियांग से मुलाकात की और कहा कि दोनों देशों के बीच सुदृढ़ संबंधों के लिए आपसी विश्वास बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा आज चीन के विदेश मंत्री यांग जेइची से मिलेंगे।  श्री कृष्णा शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भाग लेने के लिए पेइचिंग में हैं। इससे पहले श्री कृष्णा ने दो भारतीय व्यापारियों श्याम सुंदर अग्रवाल और दीपक रहेजा से मुलाकात की, जिन्हें एक व्यापारिक विवाद के सिलसिले में वहां रोका गया है। उन्होंने इन भारतीय नागरिकों को हर कानूनी मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

भूपति सानिया फायनल में


भूपति सानिया फायनल में
(ब्यूरो)
पेरिस (साई)। भारत के महेश भूपति और सानिया मिर्जा की जोड़ी फ्रैंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता के मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में पहुंच गई है। सेमीफाइनल में भारतीय जोड़ी ने इटली के डेनियल ब्रेसियाली और कजाकिस्तान की गैलिना वास्कोबोएवा को ६-४, ६-२ से हराया। दूसरे सेमीफाइनल में भारत के लिएण्डर पेस और रूस की एलिना वेसनीना की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा।
मैक्सिको के सेन्टियागो गोंजालिस और पोलैंड की क्लॉडिया जेन्स इग्नाचिक ने उन्हें ७-६, ६-३ से हराया। मिक्स्ड डबल्स का फाइनल मुकाबला आज होगा। इस बीच पुरूष सिंगल्स में स्पेन के राफेल नडाल और डेविड फेरर अपने-अपने मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं।
इस बीच महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल मुकाबले तय हो गए हैं। पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की सामंता स्टोसर का मुकाबला इटली की सारा ईरानी से और दूसरे सेमीफाइनल में रूस की मारिया शारापोवा का मुकाबला चेक गणराज्य की पेट्रा क्विटोवा से होगा। महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल मैच भी आज खेले जाएंगे।

पूर्वोत्तर में गर्मी का प्रकोप


पूर्वोत्तर में गर्मी का प्रकोप
(जागृति बरूआ)
नई दिल्ली (साई)। देश के पूर्वी भागों में गर्मी का प्रकोप जारी है। लेकिन उत्तरी इलाकों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा से गर्मी में कुछ कमी आई है। ओड़िशा में कुछ स्थानों पर तापमान ४७ डिग्री सेल्सियस को पार कर  गया है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की संवाददाता के अनुसार यह स्थिति आगे आने वाले दिनों में भी जारी रहने की संभावना है।
ओडिशा के कई भागों में तापमान ४७ डिग्री से भी ऊपर पहुंच गया है। तलचर में तापमान ४७ दशमलव तीन डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी भुवनेश्वर में तापमान ४६ दशमलव सात डिग्री सेल्सियस रहा जो पिछले ४० वर्षों में सबसे अधिक है। तेज गर्मी के कारण राज्य में सामान्य जीवन बुरी तरह से प्रभावित है। पश्चिमी ओडिशा  में पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति अगले ४८ घंटों तक जारी रह सकती है।
उधर कोलकता से साई ब्यूरो दीपाली दास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में तेज गर्मी को देखते हुए सरकार ने स्कूल अधिकारियों को गर्मी की छुट्टियां और १० दिन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, राज्य में विभिन्न जिलों में गर्मी के कारण कुछ और लोगों के मरने की खबर है। खबरों में बताया गया है कि पिछले ४८ घंटों में दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में लू लगने से कम से कम ४६ लोग मारे गए हैं।
उधर, समूचे झारखंड में कल तेज गर्मी के कारण ४६ लोगों की मौत हो गई। हमारे संवाददाता ने बताया है कि सबसे ज्यादा मौतें बोकारो जिले में हुईं, जबकि दुमका और धनबाद में सात - सात लोगों के मरने की खबर है। दिल्ली में कल वर्षा की बौछार से गर्मी से कुछ राहत मिली है। आज भी हल्की बारिश की संभावना है। उत्तर प्रदेश में वर्षा होने से अलीगढ़, हापुड, इलाहाबाद और आगरा मंडलों में तापमान में कुछ कमी आई है। राजस्थान में भी तापमान में कुछ कमी आई है।    
इस बीच दक्षिण पश्चिम मानसून कल केरल तट पर पहुंच गया। मौसम विभाग के निदेशक बी पी यादव ने आकाशवाणी को बताया कि केरल तट पर कुछ दिनों से बारिश हो रही है, लेकिन बारिश की जो विशेषतायें हैं, उससे पता चलता है कि मानसून अब पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि पूरे केरल में मानसून की वर्षा हो रही है।

शराब व्यवसाई के आगे नतमस्तक कांग्रेस भाजपा!

कांग्रेस भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर!

निर्दलीय के जीतने की भविष्यवाणियां पैदा कर रही संदेह

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। जिले की लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों में कांग्रेस और भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। यहां निर्दलीय के जीतने की भविष्यवाणियों ने कांग्रेस और भाजपा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। कहा जा रहा है कि निहित स्वार्थ के चलते प्रमुख राजनैतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने एक शराब व्यवसाई के आगे घुटने टेक दिए हैं।
ज्ञातव्य है कि चुनाव आयोग द्वारा 4 जून को नगर पंचायत लखनादौन नगर पंचायत के चुनावों की घोषणा कर दी गई है। इस रण में प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा द्वारा अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत लखनादौन के पूर्व अध्यक्ष रहे मूलतः शराब व्यवसाई दिनेश राय मुनमुन ने अपनी मां को इस रण में उतारने का फैसला कर लिया है।
बताया जाता है कि दिनेश की माता जी श्रीमति सुधा हरिशंकर राय अगले मंगलवार 12 जून को अपरान्ह अपना चुनावी पर्चा दाखिल करेंगी। पिछली बार कांग्रेस और भाजपा के हथियार डालने के फलस्वरूप अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए दिनेश राय इस बार अभिमान सहित कांग्रेस और भाजपा को उनकी औकात दिखाते हुए हुंकार लगाते हुए कहते हैं कि पिछली बार निर्दलीय के बतौर उन्होंने जीत हासिल की थी, इस बार उनकी माता जी निर्दलीय ही चुनावी समर में उतरेंगी।
कहा जाता है कि पैसे के दम पर अपनी लोकप्रियता का अभिमान करने वाले दिनेश राय द्वारा पिछली बार 2008 में जब बतौर लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष एक साल का कार्यकाल बचा था, तभी लखनादौन वासियों से नाता तोड़कर सिवनी का विधायक बनने की जुगत लगाई थी। विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर उतरे दिनेश राय को कांग्रेस और भाजपा के कथित सहयोग के बाद भी मुंह की खानी पड़ी थी।
उस वक्त इसी लखनादौन नगर पंचायत की जनता दिनेश राय मुननुन से पूछा करती थी कि आखिर उसका क्या कसूर था कि दिनेश राय ने एक साल पहले ही लखनादौन का साथ छोड़ दिया। उल्लेखनीय होगा कि अगले वर्ष 2013 में फिर विधानसभा चुनाव हैं और इन चुनावों में उम्मीदवार बनने दिनेश राय की बाजू फड़कती दिखाई दे रही हैं। अगर वे सिवनी से चुनाव लड़ते हैं तो लखनादौन से उनका मोहभंग हो सकता है।
बहरहाल, जिला कांग्रेस कमेटी की कमान संभालने के बाद संभवतः हीरा आसवानी के लिए यह पहला मौका होगा जब वे नगरीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस उनके नेतृत्व में उतर रही है वहीं कमोबेश जिला भाजपा अध्यक्ष बनने के उपरांत सुजीत जैन की स्थिति भी है। दोनों ही राजनैतिक दलों के सामने लखनादौन नगर पंचायत प्रतिष्ठा का प्रश्न बनना चाहिए, वस्तुतः एसा होता दिख नहीं रहा है।
लखनादौन नगर पंचायत के लिए जिस तरह से क्षेत्र में दिनेश राय मुनमुन की मां श्रीमति सुधा राय की जीत के दावे किए जा रहे हैं, उसे देखकर पिछली बार दिनेश राय की विजय की यादें ताजा हो जाती हैं। माहौल देखकर लगने लगा है कि मानो लखनादौन में कांग्रेस और भाजपा का वजूद ही नहीं रहा हो।
कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनावों में हैहय क्षत्रिय समाज के लोगों को किसी राजनैतिक दल विशेष के पक्ष में परोक्ष तौर पर संदेश देने वाले दिनेश राय का उपकार चुकाने के लिए कांग्रेस के एक बलशाली नेता द्वारा इस बार लखनादौन में कांग्रेस को शांत कर दिया है।
वहीं दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के कनिष्ठ और वरिष्ठ नेताओं द्वारा दिनेश राय के चुनाव चिन्ह कप प्लेट के पक्ष में जिस तरह माहौल बनाने का प्रयास किया गया था और वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया को हरवाने की जुगत लगाई गई थी उसी तर्ज पर इस बार लखनादौन में भाजपा द्वारा भी हथियार डाल दिए गए हैं।
जिला मुख्यालय में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार इस बार लखनादौन में अगर एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी वह भी पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय मुनमुन की माता जी विजयश्री का वरण करती हैं तो यही माना जाएगा कि सिवनी जिले में कांग्रेस और भाजपा का कोई वजूद नहीं बचा है, दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल पूरी तरह से शराब व्यवसाई दिनेश राय के सामने नतमस्तक ही नजर आएंगे।

नक्सलियों ने पटरी उखाड़ी


नक्सलियों ने पटरी उखाड़ी
(आंचल झा)
रायपुर (साई)। दक्षिण बस्तर में मंगलवार को नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया। पेड़ गिराकर और पत्थर रखकर मार्ग अवरुद्ध करने की कोशिश की। किरंदुल रेल सेक्शन में पटरियां उखाड़ दी। इससे रेलमार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह थमी रही। दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने कई स्थानों पर सड़क किनारे पेड़ों पर जगह-जगह पर्चे भी चिपकाए हैं। पर्चे में 12 जून को दंडकारण्य बंद का उल्लेख किया गया है।

गैंगवार का नतीजा था हमला


गैंगवार का नतीजा था हमला
(विपिन सिंह राजपूत)
नई दिल्ली (साई)। नजफगढ़ के विधायक भरत सिंह पर जानलेवा हमला करने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक ने विकास उर्फ विक्की व उसके साथियों को मोहरा बनाकर विधायक पर हमला कराया था। उसने चारों को अत्याधुनिक हथियार व पैसा भी मुहैया कराया था।
इस मामले में पुलिस ने घटना के अगले दिन यानी तीन जून को विक्की व उसके तीन अन्य साथियों कुलदीप मित्तल, सुमित सिंह व वीरेंद्र सहरावत को गिरफ्तार किया था। उसी समय विधायक के परिजन समेत उनके समर्थकों को यह बात हजम नहीं हो रही थी कि ये लोग व्यक्तिगत रंजिश व किसी प्रकार के डर से वारदात को अंजाम दे सकते हैं। कयास लगाया जा रहा था कि इसके पीछे जरूर किसी न किसी बड़े गिरोह व विरोधी गुट का हाथ है, जिसने हमलावरों को मोहरा बनाया है। विधायक के बड़े भाई निगम पार्षद किशन पहलवान का कहना था कि घटनास्थल से जिस तरह 0.300.38 के कारतूस मिले हैं, वे हथियार हमलावर नहीं खरीद सकते हैं। क्योंकि कई हमलावरों की पारिवारिक हैसियत वह जानते हैं। अब जब इस मामले में चार अन्य लोग पकड़े गए हैं तब जाकर पता चला कि उक्तघटना पुराने गैंगवार का परिणाम था।
सेल के अधिकारी ने अभी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, किंतु सूत्रों के मुताबिक इस मामले में उदयवीर (40), सतीश (25, झड़ौदा कलां), नवीन (25) व रविंदर (25, झड़ौदा कलां) को गिरफ्तार किया गया है। विक्की के साथ हमला करने में सतीश, नवीन व रविंदर भी था। हमलावर न केवल तीन मोटरसाइकिल पर थे, बल्कि इनोवा में भी सवार थे। उदयवीर ढिचाऊं कला का रहने वाला है। इसके पिता व भाई की गुड़गांव में वर्ष 2002 में हत्या कर दी गई थी, जिसमें किशन पहलवान का नाम उछला था।
उसी समय से उदयवीर ने बदला लेने की ठान ली थी, किंतु उसे उपयुक्त मौका नहीं मिल रहा था। इस बीच जब उसने विक्की को देखा कि वह कई बार विधायक से झगड़ा कर चुका है और उन्हें सरेआम थप्पड़ मारकर जलील भी कर चुका है तब उसने विक्की पर हाथ रखना शुरू कर दिया। उसी ने हथियार व पैसा मुहैया कराया था। 

पौधे रोपकर लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प


पौधे रोपकर लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
(दिशा कुमारी)
विकासनगर (साई)। विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों ने कई स्थानों पर पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। तहसील परिसर में जहां पौधरोपण कार्यक्रम चला, वहीं वीर शहीदी केसरीचंद महाविद्यालय डाकपत्थर में क्विज आयोजित की गई। डाकपत्थर डिग्री कॉलेज के बीएड पाठयक्रम के छात्र छात्राओं ने विश्व पर्यावरण पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कॉलेज परिसर में पौधे रोपने के बाद पर्यावरण क्विज आयोजित की। इसमें अरविंदो सदन ने बाजी मारी। इस मौके पर प्रवक्ता अटल बिहारी, प्रिंसी कर्णवाल, गौरव भार्गव, खुशहाल सिंह, देवेंद्र सिंह, देवेश मिश्र आदि मौजूद थे। पछवादून विकास मंच की ओर से तहसील परिसर में पौधे रोपे गए और पर्यावरण गोष्ठी आयोजित की गई।
मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी अशोक पांडे ने कहा कि पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है। जल, जंगल व जमीन की शुद्धता बचेगी, तभी मनुष्य का अस्तित्व बच पाएगा। अध्यक्षीय संबोधन में राशिद आरफी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है कि वृक्षों का पातन न हो।
मंच संयोजक अतुल शर्मा ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने से तापमान में वृद्धि हो रही है। गर्मी से जंगल जल रहे हैं, जैव विविधता खतरे में है, ऐसे में सभी की जिम्मेदारी पर्यावरण बचाने की है। गोष्ठी में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक व्यक्ति पांच-पांच पौधे रोपे। इस मौके पर गुलमोहर, अर्जुन, सिल्वर, शहतूत आदि के पौधे रोपे गए।
इस मौके पर तहसीलदार हरगिरी, बार एसोसिएशन सचिव शूरवीर चौहान, जगमाल सिंह, पुष्पेंद्र त्यागी, हेमचंद सकलानी, सूरत सिंह, अनंत कुमार, एसएस कुशवाहा, अशोक कांबोज, सुभाष वर्मा, खालिद, राकेश कुमार, योगेंद्र नेगी, देवेश्वरी विडालिया व इशिता मौजूद थे।

सीबीआइ ने 30 के खिलाफ मांगी अभियोजन की अनुमति


सीबीआइ ने 30 के खिलाफ मांगी अभियोजन की अनुमति
(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में लखनऊ जिले की जांच कर रही सीबीआइ ने एक सीएमओ, तीन एसीएमओ समेत कुल 30 सरकारी डाक्टरों के खिलाफ अभियोजन की अनुमति मांगी है। संभावना है कि सरकार दो चार दिन के अंदर आवश्यक औपचारिकता पूरी कर सीबीआइ को अभियोजन की अनुमति प्रदान कर देगी। इन सभी को निलम्बित कर देने की भी तैयारी है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संजय अग्रवाल ने स्वीकार किया कि सीबीआइ ने अभियोजन की अनुमति मांगी है।
उच्च न्यायालय के आदेश पर लखनऊ जिले में एनआरएचएम घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने व्यापक छानबीन के बाद काफी स्वास्थ्य कर्मियों को इसमें संलिप्त पाया। इस दौरान सीबीआइ ने सीएमओ, एसीएमओ और कम्युनिटी हाल सेंटर तथा बाल महिला चिकित्सालय के प्रभारियों से कई चक्र में पूछताछ की। जांच टीम ने पाया कि सीएमओ और उनके मातहतों ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ ने सरकार को सीएमओ और एसीएमओ समेत करीब तीस सरकारी डाक्टरों की सूची सौंपकर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी। अनुमति मिलते ही आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी शुरू होगी। सीबीआइ को इस घोटाले में लखनऊ के तत्कालीन सीएमओ डाक्टर एके शुक्ला, एसीएमओ डाक्टर चित्रा सिंह, डाक्टर आरबी लाल और डाक्टर एके चौधरी की सीधी भूमिका मिली।
इसके अलावा कम्युनिटी हाल सेंटर के सुपरिटेंडेंट और बाल महिला चिकित्सालय के सुपरिटेंडेंट की भी संदिग्ध भूमिका पायी गयी। सीबीआइ को जांच में तीस ऐसे लोग मिले, जिन्होंने विभिन्न मदों के पैसों की बंदरबांट की और नियमों की अनदेखी की। सीबीआइ ने जांच के दौरान डिप्टी सीएमओ डाक्टर वाइएस सचान की भी संदिग्ध भूमिका पायी। अब उनका निधन हो चुका है, इसलिए उनका नाम सूची में शामिल नहीं है।
उल्लेखनीय है कि लखनऊ की जांच में सीबीआइ ने अदालत से लगातार समय मांगा और अब जांच पूरी करने की आखिरी तारीख 23 अगस्त है। सीबीआइ आरोप पत्र दाखिल करने से पूर्व सभी औपचारिकता पूरी कर लेना चाहती है। चूंकि लखनऊ के घोटाले ने ही पूरे प्रदेश में एनआरएचएम के बंदरबांट का रास्ता दिखाया और इस मामले को लेकर यहां दो सीएमओ परिवार कल्याण की हत्याएं भी हुई, इसलिए सीबीआइ ने लखनऊ जिले की बहुत ही सूक्ष्म जांच की है। जांच में सीबीआइ को पता चला कि पूरे विभाग में लूट मची हुई थी और जिसे अवसर मिला उसने बहती गंगा में हाथ धोया। घोटाले में शामिल लोगों की सूची और लंबी होने की आशंका जताई जा रही है। 

खत्री हितकारिणी सभा के पदाधिकारियों ने ली शपथ
(समीर त्रिवेदी)
वाराणसी (साई)। खत्री हितकारिणी सभा की महिला शाखा के पदाधिकारियों का मंगलवार को लहुराबीर स्थित एक रेस्तरा में चुनाव किया गया। साथ ही समारोहपूर्वक शपथ ग्रहण कराया गया। इसमें अमिता मेहरा को दोबारा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गयी। अंकिता खत्री को सचिव, नमिता टंडन को कोषाध्यक्ष व रीतू अरोड़ा को संयुक्त सचिव पद की शपथ दिलायी गयी।
वहीं उपाध्यक्ष पद पर शोभा कपूर, नीति कपूर, जया कपूर, शालिनी बर्मन, दीपाली टंडन, निधि वाही ने शपथ ली। इसके अलावा विंग कन्वीनर, एजुकेशनल जोन, कल्चरल कमेटी, एडवाइजरी बोर्ड, चाइल्ड ग्रूमिंग बोर्ड व हेल्थ जोन के सदस्यों के नाम भी घोषित किए गए।
डॉ. कुसुम चंद्रा संरक्षक व आलोक कपूर वरिष्ठ सलाहकार घोषित किए गए। खत्री मुकुंदलाल टंडन ने शपथ दिलाई। निशा चोपड़ा व कीर्ति मेहरा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए। इस दौरान विजय रमन सेठ, डॉ. अनुराग टंडन, सुनील मेहरोत्रा, विजय कपूर, विजय कक्कड़ आदि उपस्थित थे। 

जाट महासभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना याचिका दायर


जाट महासभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना याचिका दायर
(शैलेन्द्र)
जयपुर (साई)। राजस्थान के चर्चित दारा सिंह एनकाउंटर मामले में भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ को अधीनस्थ अदालत द्वारा आरोप मुक्त करने के फैसले पर टिप्पणी करने और हाईकोर्ट के जजों पर आरोप लगाने के मामले में राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील सहित तीन के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर हुई।
अधिवक्ता शैफाली शर्मा की ओर से दायर याचिका में दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी और दारा के भाई शीशराम को भी पक्षकार बनाया है। याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी। याचिका में कहा कि एक प्रेसवार्ता में राजाराम मील ने राठौड़ के आरोप मुक्त होने पर न्यायपालिका पर भी अंगुली उठाते हुए कहा कि इसमें हाईकोर्ट जजों की भी महलवपूर्ण भूमिका है।
मील ने सीबीआई पर भी मामले में मिलीभगत का आरोप लगाया। याचिका में कहा कि अदालत के फैसले पर टिप्पणी कराना गलत है और यह अदालत की अवमानना है, लिहाजा मील सहित अन्य लोगों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

2016 तक राज्य के सभी दफ्तर होंगे पेपरलेस


2016 तक राज्य के सभी दफ्तर होंगे पेपरलेस
(प्रतिभा सिंह)
पटना (साई)। शिक्षा प्रतिनिधि रू बिहार के सचिवालय सहायकों, पर्यवेक्षकीय संवर्गाे एवं समूह श्गश् के कर्मियों की कम्प्यूटर सक्षमता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सूबे के विज्ञान एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाहिद अली खान ने किया। राजधानी के पाटलिपुत्र अशोक होटल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 2016 तक राज्य सरकार के सभी दफ्तर पेपरलेसहो जायें।
उन्होंने कहा कि इसके लिए हम प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि भले ही राज्य में आइटी विभाग 2007 से शुरू हुआ हो, कम समय में ही इसने सूचना प्रौद्योगिकी के प्रचार-प्रसार में काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि सूबे में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि अगर आप कम्प्यूटर नहीं जानते हैं तो श्साक्षरश् नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब मदरसे के छात्र भी कम्प्यूटर के माध्यम से देश-दुनिया को जान रहे हैं।
इससे पूर्व एनआइएलआइटी के क्षेत्रीय निदेशक एचपी शुक्ला ने संस्था के कार्यकलापों एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सूबे के विभिन्न जिलों में कम्प्यूटर प्रशिक्षण एवं साक्षरता के चलाये गए कार्यक्रमों की जानकारी दी व आगामी योजनाओं के बारे में बताया।
सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आइटी एक क्रांति है व आज विदेश में देश की प्रतिष्ठा एवं साख में इसका बड़ा योगदान है। उन्होंने बताया कि सूबे की सरकार इस बात के लिए प्रयासरत है कि आइटी के माध्यम से कैसे शासन में सुधार लाया जाये।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव, सामान्य प्रशसन विभाग अजय कुमार चौधरी ने कहा कि अब कम्प्यूटर का युग है। अगर इसमें साक्षर नहीं हैं तो दूसरों पर निर्भर रहेंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में दाखिला लें, परीक्षा दें व सर्टिफिकेट पायें। 

नक्सलियों के लिए पनाहगार बना शिव का राज


नक्सलियों के लिए पनाहगार बना शिव का राज

(विनोद उपाध्याय)

बालाघाट (साई)। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में वारदात करने के बाद पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए नक्सली मप्र को पनाहगाह बना रहे हैं। जिसके कारण पहले से ही नक्सल प्रभाव से ग्रस्त मंडला, बालाघाट, सीधी, शहडोल, उमरिया जिलों में नक्सलियों की घुसपैठ बढ़ रही है। प्रदेश का बालाघाट जिला तो नक्सलियों का लालगढ़ बनता नजर आ रहा है। मप्र के लिए यह चिंता का सबब बन गया है। जिसके चलते मप्र की खुफिया एजेंसियों की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। अगर समय रहते नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो प्रदेश में कोई बड़ी वारदात हो सकती है।
बालाघाट जिले में पिछले 20 सालों में नक्सलियों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में की गई वारदातों में 81 लोगों की मौत हुई है। वहीं पुलिस मुठभेड़ में 14 नक्सली मारे गए हैं, जबकि 111 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। नक्सलियों ने वर्ष 1999 में कैबिनेट मंत्री लिखीराम कावरे की हत्या भी की थी। जिले में प्रारंभ में मुख्य रूप से संजू उर्फ संजय के नेतृत्व में मलाजखंड दलम, सगन उर्फ जमुना बाई के नेतृत्व में टाडा दलम और दिलीप गुहा के नेतृत्व में बालाघाट गुरिल्ला रकवा दलम ज्यादा सक्रिय था। वहीं देवरी दलम, दड़ेकसा दलम, जाब दलम, कोरची दलम, कुरखेरा दलम,खोब्रामेटा दलम और प्लाटून दलम सहयोगी थे। तीन मुख्य दलम और 7 सहयोगी दलम के साथ नक्सलियों ने जिले में अपनी सक्रियता बढ़ाई थी। बालाघाट के पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर भी मानते हैं कि पुलिस ने नक्सलियों की सक्रियता को देखते हुए जिले में अपने सर्चिंग आपरेशन को तेज कर दिया है। नक्सल प्रभावित बैहर, लांजी और परसवाड़ा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा बढ़ाई दी गई है।
पिछले 2-3 माह में इस इलाके में नक्सली सक्रियता बढ़ी है। फिलहाल यहां तीन ग्रुप में नक्सलियों की संख्या 100 के आसपास है। लेकिन उन्हें खदेडऩे और अंकुश लगाने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। जानकारों के अनुसार नक्सलियों ने जिले में छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले और महाराष्ट्र राज्य के भंडारा जिले से प्रवेश किया था। आज भी नक्सलियों का इन्हीं सीमावर्ती क्षेत्रों से आगमन होता है। नक्सली मुख्य रूप से घने जंगलों और आदिवासी अंचलों में रहने के लिए अपना स्थान ढूंढते हैं। इतना ही नहीं नक्सली आशियाना तलाशने से पूर्व उस क्षेत्र में कमजोर यातायात व्यवस्था, दूरसंचार सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 5 जनवरी 1990 को नक्सलियों ने जिले में अपनी दस्तक दी थी। नक्सली महाराष्ट्र राज्य के सालेकसा थाना अंतर्गत अदारी गांव से जिले के सीमावर्ती ग्राम मुरकुट्टा में पहुंचे थे। आजाद उइके के नेतृत्व में 9 सशस्त्र नक्सलियों ने जिले में प्रवेश किया था। इसके बाद से ही नक्सलियों की गतिविधि बढ़ी थी। सूचना मिलने पर जब पुलिस ने ग्राम मुरकुट्टा में घेराबंदी कर उन्हें पकडऩे की कोशिश की तब नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर फायर किया और अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग गए। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई थी। अलबत्ता पुलिस ने इस मुठभेड़ के बाद 12 बोर की रॉयफल, देशी कट्टा, 30 बुलैट, 303 रॉयफल के 40 बुलैट, टार्च, ब्लैंकेट और दैनिक उपयोग की सामग्री सहित अन्य सामान बरामद किए थे।

दबदबा बनाने पीडब्ल्यूजी हुआ सक्रिय
बालाघाट में वर्चस्व गंवा चुके नक्सली संगठन पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) ने दोबारा अपना दबदबा बनाने के लिए गोपनीय तरीके से एक बड़ी योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नक्सलियों ने इस जिले को अपनी दमदार मौजूदगी वाले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली डिवीजन में शामिल कर अपने पुराने तीनों दलम मलाज खंड, परसवाड़ा और टांडा की गतिविधियां तेज कर दी है। नक्सलियों की योजना छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र  की सीमा से लगे बालाघाट जिले को अपना डिवीजनल मुख्यालय बनाकर इसे पश्चिम बंगाल के लालगढ़ के अभेद्य दुर्ग की तरह बनाने की तैयारी है।
बालाघाट में पिछले कुछ सालों में नक्सलियों के केवल एक दलम मलाजखंड की सक्रियता देखी गई है। इसमें नक्सलियों की संख्या आमतौर पर 14 या 15 ही रही है। जबकि यहां पूर्व में सक्रिय रहे परसवाड़ा और टांडा दलम की यहां मौजूदगी न के बराबर ही बची थी। लेकिन पिछले कुछ माह से यहां नक्सलियों के चार-पांच ग्रुपों के मौजूद होने की खबरें पुलिस को मिल रही हैं। इन ग्रुपों ने लांजी और पझर थाना क्षेत्र बल्कि भरवेली, हट्टा, बैहर, किरनापुर और बालाघाट के ग्रामीण थाना क्षेत्रों में भी मूवमेंट बढ़ा दी है। पुलिस मुठभेड़ में एक महिला नक्सली के मारे जाने के बाद अधिकारियों ने सभी थाने और चौकियों को जवाबी कार्रवाई की संभावनाओं को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। साथ ही पुलिस को नक्सल क्षेत्रों में सर्चिंग के दौरान एहतियात बरतने की हिदायत दी है। इसके अलावा भी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), कोबरा और राज्य सशस्त्र बल (एसएएफ) जैसे बलों के अधिकारियों को भी आवश्यक सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

नक्सली वारदात
नक्सलियों ने वर्ष 1999 में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लिखीराम कावरे की हत्या उनके गृह ग्राम सोनपुरी में ही की थी। नक्सलियों ने अब तक 36 पुलिस जवानों व अधिकारियों, 4 शासकीय कर्मचारी, 40 आम आदमियों को मौत के घाट उतारा है। वहीं पुलिस के साथ हुई नक्सली मुठभेड़ में 20 वर्षों में केवल 13 ही नक्सली मारे गए हैं जबकि 110 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। गुरिल्ला स्क्वॉड फिर सक्रिय हो गया है। पिछले पांच माह में दो बार पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जबकि लगभग 3 बार पुलिस ने नक्सली विस्फोटक बरामद किया। लेकिन बीते 25 दिनों में पुलिस सतर्कता के बीच कोठिया टोला व बिठली में अडोरी कोरका में निर्माण कार्य बंद कराया है। वहीं पुलिस ने एक नक्सली सहयोगी को सोनेवानी निवासी अमर सिंह भलावी को 18 मई को गिरफ्तार किया था व 26 मई को नक्सलियों व पुलिस में मुठभेड़ में एक महिला नक्सली पुलिस की गोली का शिकार हो गई।

फर्नीचर दुकान से शास्त्री वार्डवासी परेशान


फर्नीचर दुकान से शास्त्री वार्डवासी परेशान

एस.डी.एम.न्‍यायालय के आदेश की अवहेलना

कोलाहल व बुरादे से लागों का जीना मुहाल

(अखिलेश दुबे)


सिवनी (साई)। जिले में प्रशासन की उदासीनता और ढुलमुल कायर््ाप्रणाली के चलते सरकारी आदेश की धज्जिय्ाां किस तरह उडाई जा रही हैं इस बात अंदाजा इसी से लगाय्ाा जा सकता है कि न्य्ााय्ाालय्ा अनुविभागीय्ा दण्डाधिकारी के आदेश को भी दरकिनार कर अपने कायर््ा को खुले आम अंजाम दिय्ाा जा रहा है। इस दुकान से महज सौ मीटर की परिधि में विधायक श्रीमति नीता पटेरियाकमल मस्कोलेहरवंश सिंहपूर्व विधायक डॉ.ढाल सिंह बिसेननरेश दिवाकरटक्कन सिंह मरकाम सहित विधानसभा प्रत्याशी रहे आशुतोष वर्माराजकुमार खुराना और प्रसन्न चंद मालू का निवास है।
जी हाँ अपर बेनगंगा कालोनी रोड स्थित शास्त्र्ाी वार्ड क्रं . 4 बारापत्थर में जहां पर रिहाय्ासी इलाके के बीच स्थित फर्नीचर की दुकान के कोलाहल से आसपडोस के लोग काफी परेशान हो रहे हैंजहां काम कारीगरोंकारपेंटरों के हाथों से होना चाहिए वहां मशीन के उपय्ाोग से लकडी की छिलाईकटाई व चिराई खुलेआम दिनरात हो रही है बीच मोहल्ले में स्थित इस फर्नीचर दुकान से निकलने वाली ध्वनि व बुरादे से आसपास पडोस के लोग तथा वहां से गुजरने वाले लोग खासे परेशान हो रहे हैं बार बार दुकान के संचालक को कहने के बाबजूद भी अपनी दादागिरी व दुकान मालिक के नाम का डर बताकर उक्त दुकान का संचालन बेखौफ किय्ाा जा रहा है। एस.डी.एम. न्य्ााय्ाालय्ा के आदेश अवहेलना करते हुय्ो फर्नीचर दुकान के संचालक द्वारा सुबह से देर रात तक ग्राइंडर मशीनखरात मशीनमिनी आरा मशीन के कान फोडू कोलाहल से आसपास के लागों का जीना मुहाल हो रहा हैफर्नीचर दुकान की इन मशीनों से निकलने वाली बारीक डस्ट से लोगों के स्वास्थ्य्ा पर बुरा प्रभाव पड रहा है।
ज्ञातव्य है कि उक्त फर्नीचर दुकान के संबध में पूर्व में भी वार्ड वासिय्ाों द्वारा अनेकों बार शिकाय्ातें दर्ज की जा चुकी हैं परन्तु उक्त दुकान के संचालक द्वारा स्थान बदल कर अपने धंधे को ठीक उसी तरह से अंजाम दिय्ाा जा रहा है जिससे आसपडोस के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। विश्वस्त सूत्र्ा बताते हैं कि उक्त दुकान के संचालक  के पास ना तो लाइसेंस है और ना ही वन संपदा को स्टाक रखने के कागजात फिर भी वन विभाग के अधिकारिय्ाों और कर्मचारिय्ाों से अपने खास संबंध को बताकर मेरा कौन क्य्ाा कर लेगा की बात कहते हुय्ो आय्ो दिन नम्बर दो का माल य्ाहां पहुंचता है तथा उक्त मशीन से कटाईछिलाई होने के पश्चात माल क ो ठिकाने लगा दिय्ाा जाता है। उक्त फर्नीचर दुकान का मामला पूर्व में न्य्ााय्ाालय्ा अनुविभागीय्ा दण्डाधिकारी के समक्ष पहुंच चुका है जहां से दिनांक 02/फरवरी/2011 को पारित आदेश को अगर देेेखा जाय्ा तो स्पष्ट हो जाता है कि इस तरह की फर्नीचर दुकानांे को रिहाय्ाशी इलाकों से दूर होना चाहिए। रिहाय्ाशी इलाकों में इस तरह की फर्नीचर दुकानों का संचालन द.प्र.सं.1973 की धारा 133 जा.फौ. तथा म.प्र. विधि संहिता की धारा तीन की कंडिका (22) के अंतर्गत पब्लिक न्य्ाूसेंस की श्रेणी मेें आता है। परन्तु जंहा प्रशासन ही सुस्त होजनप्रतिनिधि ही उदासीन हों तो वहां न्य्ााय्ाालय्ा तक के आदेश की इसी तरह से धज्जिय्ाां उडती रहें