सोमवार, 21 मई 2012

धूमकेतू के मानिंद उभर रहे हैं महाराजा

धूमकेतू के मानिंद उभर रहे हैं महाराजा

सिंधिया कैंप में लग सकता है हाऊस फुल का बोर्ड

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में इस समय एक धूमकेतू का उदय हुआ है, जिसकी चमक के आगे बाकी के सारे तारे सितारों की चमक फीकी पड़ती दिख रही है। देश के हृदय प्रदेश में चुनावों से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व सियासी उबाल आ रहा है, माना जा रहा है कि दो तीन माह में जब यह उफान शांत होगा तब सियासी परिदृश्य काफी हद तक साफ हो सकता है कि आने वाला समय किसका है?
ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के महाबली क्षत्रपों में पूर्व मुख्यमंत्री और महासचिव राजा दिग्विजय सिंह, केंद्रीय मंत्री कमल नाथ अगली पंक्ति में स्थापित नेता हैं तो इनके उपरांत सुरेश पचौरी, सत्यव्रत चतुर्वेदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांतिलाल भूरिया, अरूण यादव, अजय सिंह, गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी जैसे नेता अपने अपने समर्थकों की सेनाओं के साथ डटे हुए हैं।
लगभग एक दशक से मध्य प्रदेश से पर्याप्त दूरी बना चुके कांग्रेस के क्षत्रपों के समर्थकों में भारी निराशा साफ देखी जा रही है। इन क्षत्रपों के समर्थक जब अपने आकाओं के दिल्ली दरबार में झिड़कियां पाते हैं तो वापसी के दौरान नई दिल्ली या निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन से ही इन नेताओं को लानत मलानत भेजना आरंभ कर देते हैं।
पिछले एक साल से मध्य प्रदेश के सारे नेताओं के समर्थकों को नए मजबूत ठौर की दरकार साफ दिखाई दे रही है। कुंवर अर्जुन सिंह के निधन के उपरांत उनकी राजनैतिक विरासत काफी हद तक उनके पुत्र अजय सिंह ने संभाल ली है। कुंवर अर्जुन सिंह के छिटके समर्थकों ने राजा दिग्विजय सिंह के खम्ब के पास ही अपने आप को सुरक्षित महसूस किया।
वर्ष 2012 के आगाज से साथ ही मध्य प्रदेश के सियासी समीकरण तेजी से बदलना आरंभ हुए। कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी की किचिन कैबनेट में शामिल मीनाक्षी नटराजन के अपने संसदीय क्षेत्र में ही बवाल मचने के चलते उनके समर्थक छितरा कर बिखर गए। यही कारण है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है।
कमल नाथ को प्रदेश का सर्वमान्य नेता माना जाता रहा है। मालवा, महाकौशल, विन्ध्य, बुंदेलखण्ड आदि क्षेत्रों में कमल नाथ की पूर्व में हुई रेलियों ने अन्य क्षत्रपों को हिलाकर रख दिया था। विडम्बना ही कही जाएगी कि कमल नाथ के समर्थक भी उनके 1, तुलगल रोड़ स्थित दरबार में तवज्जो ना मिल पाने से खासे निराश नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कमल नाथ खेमे के कद्दावर नेता सज्जन सिंह वर्मा, दीपक सक्सेना, कल्पना पारूलेकर आदि ने सिंधिया खेमे में दिलचस्पी बढ़ा दी है।
उधर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह भी प्रदेश में कमजोर होते दिख रहे हैं। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में सीएम हाउस के चाणक्य कहे जाने वाले मालवा के एक दिग्गज ने सुरेश पचौरी का दामन थाम लिया, तो महाकौशल में राजा के खासुलखास सिपाहसलार ने उनका दामन छोड़ अपना ही गुट बना लिया है।
उधर, सुरेश पचौरी से टूटकर बिखरने वाले नेताओं का बड़ा वर्ग कमल नाथ और सिंधिया की देहरी पर दिखाई देने लगा है। पचौरी के खासुल खास सांसद राव उदय प्रताप सिंह आजकल कमल नाथ के आवास की शोभा बढ़ाते दिख रहे हैं। 66 बसंत देख चुके कमल नाथ के सामने महाराजा काफी युवा हैं। सियासी गलियारों में राजा दिग्विजय सिंह की बात कि साठ साल के बाद सियासी नेताओं को स्वेच्छिल सेवानिवृत्ति ले लेना चाहिए चटखारे लेकर कही जा रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय 24, अकबर रो़ड में एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर खुलासा करते हुए कहा कि वर्ष 2013 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बिछात बिछने लगी है। पिछले बार चुनाव में अनेक क्षत्रप अपने अपने समर्थकों को टिकिट नहीं दिलवा पाए थे। इस बार वे सारे दावेदार मजबूत कांधों को तलाश कर रहे हैं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश में इस समय पाला बदल प्रतियोगिता चल रही है।
उधर, कांग्रेस के नए शक्ति केंद्र 12, तुगलक लेन (राहुल गांधी का सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हर हाल में मध्य प्रदेश पर फतह चाह रही है। इसके लिए राहुल गांधी द्वारा करवाए गए सर्वे के अनुसार मध्य प्रदेश में सबसे अधिक टीआरपी वाले नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सभी को पीछे छोड़ दिया है।
सिंधिया के बाद लंबे अंतराल में कमल नाथ का नाम है। बाकी नेताओं की टीआरपी बेहद कम बताई गई है। जुगल जोड़ी में कराए गए सर्वेक्षण में भी अजय सिंह राहुल और ज्योतिरादित्य को ही सबसे अधिक तवज्जो मिली बताई जा रही है। सिंधिया की बढ़ती लोकप्रियता और लोगों में उनके प्रति दीवानगी देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंप में हाउस फुलका बोर्ड लग जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने मन बना लिया है कि आने वाले समय में ज्योतिरादित्य सिंधिया का धवल, निर्विवादित चेहरा सामने कर कांग्रेस एमपी में चुनाव लड़ेगी। रही बात प्रदेश के आदिवासी दलित मतदाताओं की तो इसके लिए वह कांग्रेस का ही कोई निर्विवादित किन्तु सक्रिय चेहरा सामने लाने पर विचार कर रही है।

अनेक देशों से संबंध सुधार चाह रहे गड़करी


अनेक देशों से संबंध सुधार चाह रहे गड़करी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। यद्यपि भाजपा के निजाम नितिन गड़करी की दूसरी पारी पर अभी कार्यसमिति की मुहर नहीं लगी है फिर भी नितिन गड़करी अपने राजनैतिक अभ्युदय से खासे गदगद हैं। प्रधानमंत्री बनने की तमन्नाएं मन में पाले हुए गड़करी इस समय विदेशों से संबंध सुधारने और अपनी राय बदलने की जुगत में हैं।
अपने गृह क्षेत्र और महाराष्ट्र की राजधानी नागपुर के आधा सैकड़ा किसान पुत्रों के साथ पिछले सोमवार 14 मई को गड़करी मुंबई से तेल अबीव के लिए कूच कर चुके हैं। वे आज कल में वापस आ सकते हैं। इजराईल की राजधानी में आयोजित होने वाले एग्रोटेक सेमीनार प्रदर्शनी में भाग लेने गड़करी किसानों के दल के साथ विदेश यात्रा पर हैं। इस प्रदर्शनी मे किसानों के लिए नई नई तकनालाजी के बारे में प्रदर्शन किया जाता है। गौरतलब है कि पहले ही इजराईल द्वारा यह सफल प्रदर्शन किया जा चुका है कि किस तरह कम पानी में खेती की जा सकती है।
गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि किसानों के साथ इजराईल जाना तो महज एक बहाना है। दरअसल, गड़करी इजराईल के बारे में अपनी और अपने बारे में इजराईल की धारणा बदलना चाह रहे हैं। इस दौरे में गड़करी वहां के वजीरे आजम और बैंक ऑफ इजराईल के गर्वनर से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात में अनेक निहितार्थ खोजे जा रहे हैं। इसके पहले इजराईल द्वारा आड़वाणी और सुषमा स्वराज को न्योता दिया जा चुका है। इस बार बारी गड़करी की है। देखना यह है कि दोनों में से कौन अपनी धारणा बदलाता है।

आदिवासियों के मुंह से निवाला छीना दलालों और राजस्व अधिकारियों ने


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  86

आदिवासियों के मुंह से निवाला छीना दलालों और राजस्व अधिकारियों ने

(शिवेश नामदेव)

सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में जमीनों की खरीद फरोख्त में किसानों को छलने वाले किसानों की अज्ञानता का लाभ उठाकर कांग्रेस और भाजपा का संरक्षण प्राप्त दलालों ने उन्हें जमकर छला है।
धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि उनकी अज्ञानता और भोलेपन का फायदा उठाकर सरकारी कारिंदों और जनप्रतिनिधियों  ने बहला फुसलाकर उनकी जमीन कोड़ियों के भाव हथिया ली है। किसानों का आरोप है कि उन्हें काफी बाद में जमीन अधिग्रहण से जुड़े पर्नवास प्रावधानों और नियमआदि की जानकारी मिली। जब समूची स्थिति किसानों के सामने आई तो उन्होंने अपने आप को ठगा सा महसूस किया।
बताया जाता है कि इस करोबार में प्रशासनिक अमले, जनप्रतिनिधि और उनके विश्वस्त गुर्गे शामिल थे। कहा जा रहा है कि राजनेतिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के इशारों पर उनके गुर्गों ने जमीन के मामले में गौतम थापर और इस संयंत्र प्रबंधन के दलालों की भूमिका अदा की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुनर्वास प्रावधानों के तहत उन्हें जमीन की खरीद पर चार लाख तीस हजार रूपए के अतिरिक्त नौ लाख 14 हजार रूपए का पुनर्वास पैकेज और 36 लाख रूपए का विशेष पुनर्वास पैकेज मिलना था। किसानों के बीच चल रही चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो यह पूरी राशि नेताओं ने अपने गर्गों, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार राजस्व आदि के साथ मिलकर आपस में बांट ली गई है।

(क्रमशः जारी) 

वेश्यावृति वाली विदेशी बालाओं को उनके देश करें वापस


वेश्यावृति वाली विदेशी बालाओं को उनके देश करें वापस

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सलाह दी है कि वह मानव तस्करी का शिकार होकर वैश्यावृत्ति के पेशे में आने को मजबूर हुई विदेशी महिलाओं के खिलाफ अदालत में मामला चलाये जाने के बजाय उन्हें स्वदेश वापस भेजने की व्यवस्था करें।
राज्य सरकारों को दी गई सलाह में गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगर जांच में यह पाया जाता है कि ऐसी महिलाएं और बच्चे मानव तस्करी का शिकार होने की वजह से इस पेशे में आए हैं तो उनके खिलाफ विदेशी कानून के तहत मुकदमा चलाये जाने की बजाय तत्काल उनके देश वापस भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
यद्यपि, सरकार ने साथ ही यह भी कहा है कि अगर ऐसी महिलाएं अपनी इच्छा से ऐसे पेशे में आई हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। सरकार ने दिल्ली, मुंबई और बंगलौर जैसे बड़े शहरों में उक्रेन, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान और यूरोपीय देशों से आई कई विदेशी महिलाओं के वैश्यावृत्ति करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद यह कदम उठाया है।

गंगा के लिए सरकार चिंतित


गंगा के लिए सरकार चिंतित

(निधि श्रीवास्वत)

इलहाबाद (साई)। केन्द्र सरकार ने कहा है कि ऐसी निगरानी व्यवस्था कायम की जाएगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि गंगा नदी में दूषित जल और कचरा नहीं बहाया जा सके। पर्यावरण और वन मंत्री जयंती नटराजन ने भारत-तिव्वत सीमा पुलिस द्वारा आयोजित रिवर रैफ्टिंग अभियान के तीसरे चरण का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार देश में प्रदूषण मुक्त पर्यावरण और नदियों के जल को स्वच्छ बनाने के प्रति वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला राष्ट्रीय गंगानदी घाटी प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि शहरों का मल-जल और उद्योगों का प्रदूषित जल बिना साफ किए गंगा नदी में नहीं बहाया जा सके। इस कार्य को वर्ष २०२० तक पूरा कर लिया जाएगा और इसे केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर पूरा करेंगी।
केन्द्र सरकार गंगा के संरक्षण और सफाई के लिए सात हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी। पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने कहा  कि इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रधानंमत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय गंगा नदी थाला प्राधिकरण-एनजीआरबीए ने काम करना शुरू कर दिया है और केन्द्र सरकार इसके लिए दो हजार छह सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पहले ही मंजूर कर चुकी है।
कल इलाहाबाद में आयोजित एक समारोह में श्रीमती नटराजन ने कहा कि इसमें से एक हजार तीन सौ ४२ करोड़ रुपये की राशि उत्तर प्रदेश में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और अन्य कार्यों के लिए रखी गयी है। उन्होंने कहा कि एनजीआरबीए केन्द्र और राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयासों से ये सुनिश्चित करेगा की साल २०२० तक सीवर या उद्योगों का गंदा पानी गंगा में न जाए। श्रीमती नटराजन ने कहा कि सरकार गंगा की सफाई में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
श्रीमति नटराजन ने कहा कि इस सरकार की पर्यावरण और वन मंत्री के नाते वे जनता से वादा करती हैं कि सरकार गंगा की अविरल और निर्मल धारा का प्रवाह सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। ताकि आने वाली पीढ़ी को गंगा की वही पावनता और प्रवाह मिल सके जो हमें हमारे पूर्वजों से प्राप्त हुई है।
श्रीमती नटराजन ने कहा कि उनका मंत्रालय अगले साल इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले से पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जनता को जागरूक करने के वास्ते अभियान चलाएगा। श्रीमती नटराजन ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के रिवर राफ्टिंग अभियान के चौथे चरण का भी उद्घाटन किया। छह चरणों का गंगा पुनर्दर्शन अभियान २३ अप्रैल को गौमुख से शुरू हुआ था। इसके मई के आखिर में पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में सम्पन्न होने की संभावना है।

अजीत सिंह मिलेंगे यूनियन से


अजीत सिंह मिलेंगे यूनियन से

(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री अजित सिंह आज एयर इंडिया के १३ मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से मिलने वाले हैं। इस बैठक में इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसियेशन, केबिन क्रू, ग्राउंड हैंडलर्स और अन्य श्रेणी के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है।
एयर इंडिया ने इंडियन पायलट्स गिल्ड की मान्यता समाप्त कर दी है, इसलिए उसे बैठक में नहीं बुलाया गया। एयर इंडिया में पायलट हड़ताल का आज १४ वां दिन है। उसने अपनी कई अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी हैं। पश्चिमी देशों के लिए रोजाना १६ की बजाय सिर्फ सात उड़ानें चल रही हैं। नागर विमानन मंत्री ने हड़ताली पायलटों से यह कहते हुए काम पर लौटने की अपील की थी कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा। 

रक्षा साजो सामान का सम्मेलन


रक्षा साजो सामान का सम्मेलन
(विनीता विश्वकर्मा)
पुणे (साई)। पुणे स्थित रक्षा उन्नत प्रौद्योगिकी संस्थान ने रक्षा साजो सामान में काम आने वाली सामग्री के बारे में तीन दिन के एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत इस संस्थान को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल है। यह सम्मेलन कल संपन्न हो गया।
ज्ञातव्य है कि देश की रक्षा के लिए गोलाबारूद के साथ-साथ अन्य कई चीजों की जरूरत होती है और इन जरूरतों में अब बहुत बदलाव आया है। इस बदलाव को देखते हुए कई नई-नई चीजें बनाई जाती है और इनको लगने वाली मटेरियल पर पूरे विश्व में अनुसंधान चल रहा है।
पुणे में हुए कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर व्यापक चर्चा हुई। अमरीका, ब्रिटेन, सिंगापुर और इटली के साथ-साथ आठ देशों से आए २०० अभ्यासकों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। भारत में यह कॉन्फ्रेंस पहली बार हुआ है। इसके द्वारा विभिन्न देशों से संयुक्त अनुसंधान की नीव रखी गई, जो आगे चलकर प्रमुख चीजों की निर्माण करेगी।

तैयबा के ठिकाने पर पुलिस कार्यवाही


तैयबा के ठिकाने पर पुलिस कार्यवाही

(ब्यूरो कार्यालय)
पुंछ (साई)। जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले में पुलिस ने चार लोगों की गिरफ्तारी के साथ आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक ठिकाने का भण्डाफोड़ करने का दावा किया है। पुंछ जिले के पुलिस अधीक्षक शमशीर हुसैन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग आतंकवादी संगठन को हथियारों और संचार उपकरणों की आपूर्ति कर रहे थे।
श्री हुसैन ने बताया कि निसार से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसके तीन साथियों हक नवाज, अशल उल हक और आफतार अहमद को कल रात गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक इन आतंकवादियों के पास पाकिस्तान से लाए गए मोबाइल सिम कार्ड, दो ए.के. राइफल, १५ मेगजीन ८१० राउंड गोलिया एक पीका गन और ५१ एम एम की मोर्टार तोप और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। ये आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख कमाण्डर हाजी हंजाला के साथ भी सम्पर्क में थे।

उत्तगराखण्डं भाजपा विधायक शीघ्र होगें कांग्रेस में शामिल, भाजपा में हडकम्प


उत्तगराखण्डं भाजपा विधायक शीघ्र होगें कांग्रेस में शामिल, भाजपा में हडकम्प
(चन्द्रशेखर जोशी)
देहरादून (साई)। नागपुर में 28 अप्रैल को उत्तराखण्ड के मुख्घ्यमंत्री विजय बहुगुणा ने खुलासा किया कि बहुगुणा उनका उपनाम नहीं है, बल्कि उनके पूर्वज मूलतः बंगाली ब्राह्मण बनर्जी थेनागपुर में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा दिये गये बयान से राजनीतिक अर्थ निकालते हुए विजय बहुगुणा का बयान साफ इशारा कर रहा है कि वह उधम सिंह नगर जनपद की बंगाली बाहुल्य सीट से विधानसभा चुनाव लड सकते हैं, जो 18 मई को सत्य साबित हुआ। भाजपा इस खबर के प्रति अंजान बनी रही जिसका नुकसान उसे अपने भाजपा विधायक के नुकसान से उठाना पडा।
विगत सप्ताह उत्तराखण्ड के राजनीतिक परिद़श्य में कुछ महत्वपूर्ण घटनायें घटी, उत्तराखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष तथा काबिना मंत्री यशपाल आर्य भाजपा के गढ में सेंध लगाने में सफल हुए, कांग्रेस में शामिल होने जा रहे सितारगंज क्षेत्र से भाजपा विधायक मंडल ने सरकार के समक्ष जो कुछ शर्ते रखी हैं उनमें से अधिकतर राजस्घ्व मंत्री यशपाल आर्य के विभाग से ही संबंधित है, जिस पर यशपाल आर्य ने समस्घ्त मांगों को प्रमुखता से मानने का वचन दिया, इससे भाजपा विधायक के कांग्रेस में आने की मुहिम परवान चढ सकी।
18 मई 2012 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी तीन माह की कवायद के बाद उत्घ्तराखण्घ्ड में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर रानीखेत के विधायक और पूर्व मंत्री अजय भट्ट को चुनने का फैसला ले रहे थे, उस समय उत्घ्तराखण्घ्ड भाजपा में कांग्रेस सेंधमारी करने के आपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे रही थी,
वहीं दूसरी ओर घटे घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को फोन पर मिली धमकी में सरकारशब्द पर विशेष जोर देते हुए कहा गया सरकार बनाने का ख्वाब देखना छोड़ दो। अब किसी भी हाल में सरकार नहीं बनने वाली। अगला चुनाव भी नहीं देख सकोगे।’  निशंक का इस पर कहना है वह सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं या नहीं, इससे किसी आम आदमी का क्या लेना-देना। उन्हें आशंका है उनके खिलाफ कोई बड़ी राजनीतिक साजिश हो रही है। यह धमकी कोई आम आदमी अथवा अपराधी की नहीं, इसके पीछे और भी कुछ है। 
इसके अलावा फेसबुक में चल रही जनचर्चा के अनुसार बीजेपी के एक विधायक द्वारा विजय बहुगुणा के लिए सीट खाली करने में बीजेपी के बडे नेताओं का भी आशीर्वाद माना जा रहा है। इन सब से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्घ्तराखण्घ्ड के राजनीतिक पटल पर राजनीतिक साजिशों का ताना बाना बुना जा रहा है जिसकी परिणति सितारगंज के भाजपा विधायक द्वारा कांग्रेस के खेमे में जाने के रूप में सामने आयी है।
वही तेजी से घटे घटनाक्रम में सितारगंज से भाजपा विधायक किरण मंडल की गुमशुदगी को भाजपा ने कांग्रेस द्वारा अपने विधायक के अपहरण का आरोप लगाकर अपनी खाल बचाने की कोशिश की, रही है, जबकि चर्चा थी कि किरण मंडल को दिल्ली ले जाया गया है और वह वहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी शनिवार को दिल्ली पहुंच गये। भाजपा की असफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का बयान था कि सितारगंज के भाजपा विधायक किरण मंडल के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को खुद पहल कर यह जांच करानी चाहिए कि किरण मंडल कहां हैंकिरण मंडल भाजपा के वरिष्ठ विधायक व अनुशासित सिपाही हैं और वह पूरी तौर पर पार्टी विधायक दल के साथ हैं हालांकि अजय भट्ट यह भी स्वीकार कर रहे थे कि किरण मंडल से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि वह दूसरी पार्टियों के विधायकों को झूठे पल्रोभन देकर अपने साथ मिलाने का प्रयास कर रही है परन्घ्तु भाजपा के नेता प्रतिपक्ष इस बात का जवाब नहीं दे पाये कि भाजपा ने खुद कांग्रेस विधायक लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) टीपीएस रावत से अपने मुख्यमंत्री खंडूड़ी के लिए सीट छु़ड़वाई थी, इस पर उन्होंने कहा कि टीपीएस रावत बुद्धिजीवी वर्ग से आते हैं।  इसका मतलब किरण मंडल बुद्विजीवी नहीं है तो उनको भाजपा से इस्घ्तीफा देने का हक नहीं है ।
 वहीं अजय भट्ट भाजपा प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि इस तरह की अपुष्ट जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस के कुछ नेता भाजपा के विधायकों को डरा-धमका रहे हैं और उन्हें प्रलोभन भी दे रहे हैं। उनके इस बयान से यह अर्थ निकाला जा सकता है कि भाजपा के कुछ और विधायक डर कर या प्रलोभन से कांग्रेस में जा सकते है । चर्चा यह भी है कि अंदरखाने से कांग्रेस में जाने के लिए भाजपा विधायकों को कोई शह मिल रही है ।
भाजपा अपने विधायक द्वारा उनके संबंध तोडने को लोकतंत्र की हत्या का प्रयास  व अपहरण  जैसा नाम दे रहे है भाजपा तमाम कोशिशों के बाद अपने विधायक से संपर्क करने में कामयाब नहीं हो पाई। इस पर पार्टी ने राज्यपाल व विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी विधायक की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
जबकि  कांग्रेस का कहना है कि  भाजपा को अपने विधायकों पर ही भरोसा नहीं रहा है, इसीलिए वह कांग्रेस पर इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रही है। कांग्रेस का आपरेशन मंडल अंजाम की ओर अग्रसर नजर आ रहा है। भाजपा के विधायक किरण मंडल को पार्टी से तोड़ने की इस मुहिम की सफलता के लिए सरकार ऊधमसिंह नगर जिले में बसे बंगाली समुदाय को भूमिधरी अधिकार देने की कवायद में जुट गई है तो केंद्र सरकार से संबंधित मांगों को लेकर पार्टी ने एक वरिष्ठ नेता को दिल्ली भेज दिया है।
 वहीं दूसरी ओर सितारगंज के भाजपा विधायक किरण मंडल के इस्तीफे की चर्चा के बीच यह खबर भी आयी है कि भाजपा विधायक मंडल ने सरकार के समक्ष कुछ शर्ते रखी हैं। इनमें मुख्य है राज्य में बंगाली समुदाय को भूमिधरी अधिकार देना। इसके अलावा नमोरूशूद्र जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करना व क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज की डिमांड भी शर्ताे में शुमार बताई जा रही है।  दूसरी मांग केंद्र से संबंधित है, जिसके लिए एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को दिल्ली भेज दिया गया है। इन शर्ताे में भूमिधरी अधिकार संबंधी शर्त मुख्य है और राज्य सरकार के राजस्घ्व मंत्री यशपाल आर्य ने तेजी से इसके लिए कदम भी बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
राजस्घ्व मंत्री ने सितारगंज के भाजपा विधायक की कांग्रेस में आने की शर्ताे को पूरा करने हेतु राजस्व विभाग और ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही आरंभ करने के निर्देश दे दिए हैं। ज्ञात हो कि 1971 में पूर्वी बंगाल, यानी बांग्लादेश की स्थापना के बाद भारत सरकार ने वहां के शरणार्थियों को वर्तमान ऊधमसिंह नगर जिले में कई स्थानों पर पुनर्वासित करने के आदेश दिए थे। इन लोगों को रिहायशी भवनों के अलावा खेती के लिए भूमि के पट्टे दिए गए। इन पट्टों के भूमिधरी अधिकार सौंपे जाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी भी जरूरी है। वर्तमान में केंद्र व राज्य, दोनों जगह कांग्रेस सत्ता में है, लिहाजा राज्य सरकार आसानी से इस मामले का निबटारा कर सकती है।
वहीं दूसरी ओर सितारगंज के भाजपा विधायक किरण मंडल के कांग्रेस में शामिल होने की पुख्घ्ता खबर आने से उत्घ्तराखण्घ्ड में पार्टी सकते व मुंह छिपाऊ स्घ्थिति में है।  प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक  ने कमान संभाल कर  उनसे संपर्क की कोशिशें की परन्घ्तु सम्घ्पर्क नहीं हो पाया इस पर सतीश लखेड़ा, प्रवक्ता, उत्तराखंड भाजपा ने कहा कि सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के इशारे पर विधायक किरण मंडल को दबाव बनाकर चंडीगढ़ भेज दिया गया है। 
विधायक किरन चंद्र मंडल के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए सीट छोड़ने की अटकलों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए  कहा गया कि  मंडल का बंगाली समाज व विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ यह विश्वासघात होगा परन्घ्तु बंगाली समाज भाजपा के इस तर्क से सहमत नजर नहीं आ रहा है।
 भाजपा के गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने  यह विशेषकर बंगाली समुदाय के साथ विश्वासघात होगा।  पूर्व सांसद बलराज पासी ने आरोप लगाया कि यह काग्रेस की सोची-समझी साजिश है। कहा कि भाजपा ने मंडल को टिकट देकर बंगाली समाज का सम्मान किया। यदि वह सीट छोड़ते हैं तो बंगाली समाज उन्हें माफ नहीं करेगा।  वहीं शक्तिफार्म में विधायक किरन चंद्र मंडल के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए सीट छोड़ने की अटकलों के कारण तीखी प्रतिक्रियाओं के मद्देनजर उनके आवास पर पुलिस तैनात कर दी गई। 
इसके अलावा शक्तिफार्म में भाजपा विधायक किरन चंद्र मंडल के कांग्रेस में शामिल होकर मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए विधानसभा सीट रिक्त करने की चर्चाओं के मध्य क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने कहा कि श्री मंडल समस्याओं के हल होने की शर्त पर विधायक विधानसभा से इस्तीफा देते हैं तो यह स्वागत योग्य है। बंगाली समाज ने विधायक द्वारा अपनी सीट की कुर्बानी को असामान्य मानते हुए स्घ्वागतयोग्घ्य कदम बताया है।
बंगाली कल्याण समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्रनाथ सरकार के आवास पर हुई बैठक में लोगों ने कहा क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं शक्तिफार्म में भूमिधरी अधिकार लागू करना, प्रदेश में रह रहे बंगाली नमोशूद्र उपजातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाना, सितारगंज में महाविद्यालय एवं रोडवेज स्टैंड निर्माण, सिरसा से सिडकुल तक मार्ग एवं सूखी नदी में पुल निर्माण, बाढ़ से बचाव के लिए सूखी, बैगुल नदी में तटबंध की समस्या से निजात पाने के लिए लोगों ने एकमत होकर किरन मंडल की जीत सुनिश्चित की थी। कहा कि विधायक मंडल ने मुख्यमंत्री के लिए सीट रिक्त करने के एवज में इन समस्याओं को पूरा करने की शर्त रखी है। लोगों का कहना है 50 वर्षों से जूझ रहे समस्याओं को हल कराने के लिए विधायक द्वारा अपनी सीट की कुर्बानी असामान्य घटना है और इससे समाज के लोगों का हित निहित है।