शनिवार, 14 अप्रैल 2012

नेताजी की ओर से फिक्रमंद नहीं है कांग्रेस


नेताजी की ओर से फिक्रमंद नहीं है कांग्रेस

पीएम और प्रजीडेंट नहीं बन सकते मुलायम!


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश को सबसे अधिक वज़ीरे आज़म देने वाले उत्तर प्रदेश सूबे में एक बार फिर तहलका मचाने वाले समाजवादी क्षेत्रप मुलायम सिंह यादव की तरफ से कांग्रेस के रणनीतिकार निश्चिंत ही नजर आ रहे हैं। भले ही मुलायम के करीबी नेताजी को  प्रधानमंत्री बनवाने के सपने देख रहे हों पर कांग्रेस इस मामले में बेहद सुकून में नजर आ रही है।
उत्तर प्रदेश पर अपना जादू दिखाने के बाद उमर दराज हो चुके मुलायम सिंह यादव की नजरें दिल्ली के तख्त पर जा टिकी हैं। मुलामय सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह चाह रहे हैं कि जल्द से जल्द उनका आशियाना 7, रेसकोर्स रोड यानी प्रधानमंत्री बन जाए। इसके बाद वे अपना सारा राजपाट समाजवादी पार्टी के नवोदित युवराज अखिलेश को सौंपक वानप्रस्थ आश्रम की ओर कूच कर जाएंगे।
उधर, कांग्रेस के अंदरखाते से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो कांग्रेस इस मामले में अपने आप को बेहद ही कंफरटेबल पोजीशन में पा रही है। कांग्रेस के अंदरखाने में यह चर्चा तेज हो गई है कि सीनियर नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव ना तो प्रधानमंत्री बन सकते हैं और ना ही महामहिम राष्ट्रपति ही। कांग्रेसी इस कदर निश्चिंत हैं कि सीनियर नेताजी चाहकर भी उपराष्ट्रपति भी नहीं बन पाएंगे।
इसके पीछे जो दलील दी जा रही है वह यह है कि चूंकि सीनियर नेताजी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है अतः वे संवैधानिक पद ग्रहण ही नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि अगर सीनियर नेताजी ने कांग्रेस को आंख दिखाई तो सरकार के इशारे पर सीबीआई द्वारा सीनियर नेताजी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला आरंभ किया जा सकता है।
उक्त पदाधिकारी के अनुसार होने को तो कांग्र्रेस के शासनकाल में कुछ भी हो सकता है। नियमों को शिथिल कर या नियमों को बलाए ताक रख कांग्रेस कुछ भी कर सकती है। पर इस मर्तबा यह हवाला दिया जा रहा है कि जब जाफर शरीफ साउदी अरब में राजदूत थे तब वे राज्यपाल भी नहीं बन पाए क्योंकि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला चल रहा था, फिर मुलायम किस खेत की मूली हैं।

अटारी में खुली चौकी

अटारी में खुली चौकी
  
(शरद खरे)

अटारी (साई)। भारत और पाकिस्तान के बीच पहली एकीकृत चौकी - आई.पी.सी शुक्रवार से पंजाब में अटारी सीमा पर खोल दी गयी है। गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने कल शाम अटारी सीमा पर इस चौकी का उद्घाटन करते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार सुविधा और लोगों का आपसी सम्पर्क मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के लिए उदार वीज व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है। श्री चिदम्बरम ने आशा व्यक्त की कि पाकिस्तान भी जल्द ही ऐसा करेगा।
चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने नई उदार वीजा व्यवस्था को मंजर किया है। उन्हंे पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने बताया कि जल्दी ही पाकिस्तान भी नई वीजा व्यवस्था को मंजरी देगा। उन्होंने कहा कि वे उस दिन के इंतजर में हैं, जब दोनों देशों के प्रतिनिधि इस नई उदार वीज व्यवस्था पर हस्ताक्षर करेंगे और इस नई वीजा व्यवस्था पर संचालन शुरू होगा।
श्री चिदम्बरम ने कहा कि एकीकृत चौकी से दोनों देशों के बीच सुचारू व्यापार सुविधाएं होगीं और लोगों के बीच आपसी सम्पर्क बढेगा। उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से अपील की कि वे इस नई एकीकृत चौकी और उसकी सुविधाओं का इस्तेमाल करे। एकीकृत चौकी का उद्घाटन दोनों देशों के वाणिज्य और गृहमंत्रियों ने किया । दोनों देशों के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ, एक व्यापार शिष्टमंडल के साथ वाघा सीमा पार कर आज भारत आए। वे, एक सौ पचास करोड़ रूपये की लागत से बनी नई सीमा चौकी के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। सौ एकड़ जमीन पर बनी इस सीमा चौकी में पूरे कन्टेनर को स्कैन करने वाले अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। नई सीमा चौकी पूरी तरह व्यापार के उद्देश्य से बनाई गई है और इससे वाघा सीमा चौकी पर भीड़ कम होने की संभावना है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने के उपायों का हिस्सा है।

टूजी मामले में सरकार की याचिका स्वीकारी सुको ने


टूजी मामले में सरकार की याचिका स्वीकारी सुको ने

 (दीपक अग्रवाल)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने टू जी स्पेक्ट्रम मामले में अपने फैसले पर सरकार की पुनर्विचार याचिका कल सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। सरकार ने सर्वाेच्च न्यायालय से पूछा है कि क्या प्राकृतिक संसाधनों को केवल नीलामी के जरिये निजी कंपनियों को आवंटित किया जाए। न्यायालय ने उन टेलीकॉम कंपनियों की सुनवाई से इन्कार कर दिया, जिन्होंने लाईसेंस रद्द होने के बाद पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की थी।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ ने गैर-सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन-सीपीआईएल तथा जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी को नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नोटिस जारी करने का यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि संबंधित फैसले के अमल पर किसी तरह की रोक लग गई है। न्यायालय ने कहा कि वह सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तारीख बाद में तय करेगा।

उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण बने: प्रधानमंत्री


उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण बने: प्रधानमंत्री


(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा है कि सरकार, देश में उद्यमिता की प्रगति और विकास के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। हरियाणा के मानेसर में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पाेरेट अफेयर्स के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ० मनमोहन सिंह ने कहा कि इससे देश के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन ंिसंह ने कहा कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में कॉरपोरेट क्षेत्र का एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इसलिए यह आवश्यक है कि निगमित क्षेत्र की वृद्धि के लिए पारदर्शी ग्राहकों के अनुकूल और निर्बाध वातावरण बनाने के लिए प्रयास किये जायें। इससे देश के आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी और उनका सामाजिक दायित्व भी पूरा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार, ऐसा नियामक और नीतिगत वातावरण बनाने के लिए वचनबद्ध है, जहां रचनात्मकता को बढ़ावा मिले और भारतीय गणतंत्र के संस्थापकों की आशाएं पूरी हों। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि निगम कानूनों में बदलाव लाने वाला और सामाजिक दायित्व को बढ़ावा देने वाला नया कंपनी विधेयक जल्द ही संसद में पारित हो जाएगा। यह विधेयक, कंपनी कानून-१९५६ की जगह लेगा।

सरकार से पारदर्शिता का आव्हान किया महामहिम ने


सरकार से पारदर्शिता का आव्हान किया महामहिम ने


(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रपति ने कहा है कि सरकारी कंपनियों को अपने संचालन में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भारत की अच्छी छवि बनी रहे। आज नई दिल्ली में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों के पुरस्कार समारोह में श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निगमित क्षेत्र को मिलकर दुनिया में भारत की छवि उजागर करने के प्रयास करने चाहिए।
महामहिम ने कहा हमें याद रखना चाहिए कि विकास जरूरी है लेकिन सामाजिक दायित्व के साथ ऐसा विकास हो जो नैतिक मूल्यों पर आधारित हो। मेरा मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र को इन तत्वों को अपनाना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय समग्र विकास में सीधी भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में निवेश की मांग पूरी करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को मिलकर काम करना होगा।