गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

धूमल को क्यों नहीं फालो करते शिवराज


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  66

धूमल को क्यों नहीं फालो करते शिवराज

वन भूमि बचाने हिमाचल सरकार की अभिनव पहल

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। वन भूमि को बचाने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रेम कुमार धूमल की सरकार ने एक साहसिक निर्णय लिया है, जिसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी। खतरे में पड़े वनों को उजाड़ने के लिए सरकार ने अब विकास का बहाना नहीं चलने देने की बात कही है। एक तरफ तो धूमल सरकार द्वारा वनों को बचाने की जुगत लगाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा संरक्षित वन में ही उद्योग लगाने की वकालत की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वन भूमि पर अब विद्युत परियोजनाएं लगाना आसान नहीं होगा। कैट प्लान के तहत हुई बैठक में वन एवं ऊर्जा विभाग ने यह निर्णय लिया है। इस दौरान कहा गया कि वन भूमि पर यदि एक भी पेड़ लगा हो तो विभाग वहां पर परियोजना लगाने की अनुमति नहीं देगा।
गौरतलब है हिमालच प्रदेश में वन भूमि पर लगी ऐसी अधिकतर परियोजनाओं के लिए विभाग एनओसी जारी करता था, जिस पर बेशक जितने भी पेड़ लगे हों। पहले वन भूमि पर लगी परियोजनाओं से विभाग को रायल्टी के तौर पर मुआवजा भी नहीं मिला है। कुल्लू में पार्वती प्रोजेक्ट, किन्नौर में कड़छम वांगतू और कुडू आदि अनेक परियोजनाओं के लिए हजारों पेड़ों की बलि दी गई।
वन भूमि पर विद्युत परियोजनाओं की स्वीकृति न मिल पाने को प्रदेश में पर्यावरणविद सही मान रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार को वन भूमि पर किसी भी प्रकार की परियोजनाएं चलाने पर बहुत पहले ही रोक लगा लेनी चाहिए थी। इसके अलावा वन भूमि पर अवैध खनन और कटान के मामलों में भी सरकार को सख्त कार्रवाई अमल में लाने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं प्रधान सचिव (वन) एस राय ने कहा कि प्रदेश की वन भूमि पर अब विद्युत परियोजनाओं को स्वीकृति नहीं दी जाएगी। कैट प्लान के तहत हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार वन भूमि पर अवैध खनन व कटान करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेगी।
यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट जो वास्तव में परिसीमन में विलोपित हुई घंसौर विधानसभा का अंग है में स्थापित किया जा रहा है। इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश विधानसभा में श्रीमति उर्मिला सिंह द्वारा सालों साल किया गया है। उर्मिला सिंह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश की महामहिम राज्य पाल के पद पर पदस्थ हैं। क्षेत्र के आदिवासी अपनी जनसेवक रहीं श्रीमति उर्मिला सिंह जो स्वयं आदिवासी समुदाय से हैं की ओर बेहद आशा भरी नजरों से ताक रहा है कि वे संबंध में कुछ पहल कर आदिवासियों को न्याय दिलवाने में महती भूमिका निभाएं।

(क्रमशः जारी)

किसके कहने पर खोला भईया जी ने मुंह


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 88

किसके कहने पर खोला भईया जी ने मुंह

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश की सियासत में दल बदलकर कांग्रेस में आए केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा (भईया जी) ने प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को सीधे सीधे उमरदराज यानी बूढ़े की संज्ञा दे डाली है। सियासी हल्कों में अब यह शोध हो रहा है कि आखिर भईया जी को यह लाईन दी तो दी किसने। वैसे भी विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक की अघोषित उपाधि पा चुके डॉ.मनमोहन सिंह की डिमांड न होने से वे आराम ही फरमा रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र में त्रणमूल कांग्रेस द्वारा बार बार कांग्रेस की कालर पकड़कर घुड़की देने से आज़िज आ चुकी कांग्रेस ने अब ममता बनर्जी से किनारा करने का मन बना ही लिया है। कांग्रेस के पास अब मुलायम सिंह की बैसाखी का सहारा दिख रहा है। उधर, मुलायम सिंह ने बेनी को कैबनेट से बाहर का रास्ता दिखाने की शर्त पर ही समर्थन देने का फैसला किया है। इन परिस्थितियों में बेनी वर्मा की बिदाई का ताना बना बुना जा रहा था।
उधर, कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (कांग्रेस अध्यक्ष का सरकारी आवास) के सूत्रों ने बताया कि अगर बेनी को बाहर कर दिया गया तो मुलायम सिंह पर नकेल कसना मुश्किल हो जाएगा। फिर क्या था नेहरू गांधी परिवार की वर्तमान पीढ़ी के सबसे विश्वस्त ट्रबल शूटर यानी कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह के पाले में यह गेंद डाल दी गई।
दिग्गी राजा के करीबी सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह ने बेनी वर्मा को फोन पर एक घुटी पिलाई। बेनी वर्मा को इस घुटी का स्वाद इतना जमा कि उन्होंने प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह को अस्सी साल का और अगले आम चुनाव में बयासी का होने की बात कह डाली।
जानकारों का कहना है कि इस तीर से राजा दिग्विजय सिंह ने अनेक निशाने साध लिए हैं। अव्वल तो प्रधानमंत्री को ढलती उम्र के साथ आईना दिखा दिया, फिर भाजपा के उमर दराज नेता एल.के.आड़वाणी को भी उनकी उमर का अहसास करवा दिया। भईया जी को राहुल गांधी की गुड बुक्स में ला दिया। ममता बनर्जी को जतला दिया कि अगर उन्होंने ज्यादा तल्खी दिखाई तो सरकार के पास अब मुलायम हैं। इधर मुलायम को जतला दिया कि बेनी वर्मा को निकाल पाना अभी संभव नहीं है।

(क्रमशः जारी)

मौसम की जारी है अनिश्चितता



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश भर में मौसम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। पूर्वोत्तर और उत्तर में जहां भारी हिमपात है वहीं मैदानी इलाकों में ठंड से राहत के बाद बुधवार को पानी ओले और मवाठों ने मौसम में ठंडक धोल दी है। त्रिकुटा के पर्वतों पर विराजी माता वेष्णों देवी के भक्तों ने भी भारी बर्फबारी के बीच अपनी चढ़ाई पूरी की।
देहरादून साई ब्यूरो अर्जुन कुमार ने बताया कि सूबे में सर्द हवाओं ने जीना मुहाल किया हुआ है। राज्य के चकराता में हिमपात से ठिठुर रहे लोगों को दिन भर छायी घटाओं ने बेहाल किया। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग घरों में कैद रहे। मौसम के बिगड़े मिजाज से फिर से बर्फबारी के आसार बढ़ गए हैं।
बुधवार को चकराता क्षेत्र में आसमान में घटाओं ने डेरा डाले रखा। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग ठिठुरन की चपेट में आ गए। बाजारों में सन्नाटा पसर गया। तहसील प्रशासन द्वारा अलाव न जलाने पर स्थानीय लोगों ने अपने रुपये से अलाव की व्यवस्था कर आग तापी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में ऊंचे स्थान पर स्थित लोखंडी, देववन में भारी बर्फबारी के कारण भी पूरा क्षेत्र शीत की चपेट में है।
उधर, धर्म नगरी हरिद्वार से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया संवाददाता ने बताया कि शहर में गंगा किनारे घाट पर ठिठुरता मिले मासूम से सनसनी फैल गई। धर्मनगरी में एक बार फिर ममता शर्मसार हो गयी। एक साल के शिशु को गंगा किनारे अलकनंदा घाट पर लावारिस छोड़ दिया गया। समय रहते ठंड में ठिठुर रहे मासूम पर लोगों की नजर पड़ गयी। सूचना पर नगर पुलिस ने मासूम को अपनी देखरेख में ले लिया। देर शाम तक बच्चे के मां-बाप का कोई पता नहीं चल पाया था। नगर कोतवाल पीसी मठपाल ने बताया कि बच्चे की घाट पर मिले बच्चे की उम्र करीब एक साल है। हरकी पैड़ी पर भी इस संबंध में घोषणा कराई गई। साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में लोगों से जानकारी जुटायी गयी। फिलहाल बच्चे को कोतवाली में ही रखा गया है।
जम्मू से साई ब्यूरो विनोद नेगी ने बताया कि एनएच के बंद रहने से दिनभर भड़के रहे यात्री। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से जम्मू के मुख्य बस स्टैंड में फंसे सैकड़ों यात्रियों का गुस्सा बुधवार को सातवें आसमान पर रहा। उन्होंने दिनभर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यात्री उन्हें एयरलिफ्ट कर श्रीनगर पहुंचाने की मांग कर रहे थे। लगातार तीसरे दिन भी राजमार्ग बंद रहने से बस स्टैंड में फंसे यात्रियों ने इंदिरा चौक पहुंचकर मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। अलबत्ता, जम्मू के डिप्टी कमिश्नर संजीव वर्मा ने बस स्टैंड पहुंचकर यात्रियों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। निशुल्क लंगर की व्यवस्था करवा दी गई है। कोशिश की जाएगी कि राजमार्ग नहीं खुलने की सूरत में उन्हें श्रीनगर पहुंचाने के लिए उचित प्रबंध किए जाएं। अनंतनाग के गुलाम हसन, सलीम व नसीम का कहना था कि सरकार बुरी तरफ फ्लाप हो चुकी है। हर साल बर्फ से राजमार्ग बंद होता है, बावजूद इसके कहीं भी यात्रियों की सुविधा के लिए इंतजाम नहीं है। बस स्टैंड में चार सौ के करीब यात्री फंसे हुए हैं। इसी बीच राजमार्ग बुधवार शाम को खुल गया और देर रात तक वाहनों को निकाला जाता रहा।
उधर, कश्मीर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि राज्य में मंगलवार को न तो मौसम में सुधार हुआ और न ही बंद पड़ा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग दूसरे दिन खोला जा सका। हालांकि प्रशासन के काफी प्रयास के बाद हाइवे पर फंसे कुछ वाहनों को श्रीनगर की ओर निकाला गया, लेकिन भूस्खलन व भारी बर्फबारी में वे फिर फंस गए। उधर, बांडीपोरा जिले में हिमस्खलन हुआ, लेकिन इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जम्मू संभाग में माता वैष्णो देवी, पुंछ व राजौरी जिले के उच्चपर्वतीय इलाकों में भी हिमपात हुआ है। राहत की बात यह रही कि जम्मू में दो दिन बाद हल्की धूप खिली।
बीकम कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के बाद पंथाल व रामबन में रुके कुछ वाहनों को श्रीनगर की तरफ रवाना करने की कोशिश की गई, लेकिन शैतानी नाले के निकट हुए एक बड़े भूस्खलन व भारी बर्फबारी ने गाड़ियों पर फिर ब्रेक लगा दिया। बीकन के चीफ इंजीनियर डीके वोहरा ने कहा कि मार्ग से लगातार बर्फ हटाई जा रही है, लेकिन जबरदस्त बर्फबारी के चलते काम में बाधा आ रही है। इस बीच, आइजी ट्रैफिक हेमंत लोहिया ने बताया कि अभी भी 600 से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन राजमार्ग पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार को श्रीनगर तथा जम्मू के लिए राजमार्ग पूरी तरह से बंद रखा जाएगा, अलबत्ता डोडा के लिए वाहनों को आने-जाने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते मौसम साफ रहना चाहिए। इसके अलावा बर्फबारी में फंसे वाहनों को भी निकालने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि डोडा के लिए निकलने वाले वाहन सुबह 6 से 9 बजे तक नगरोटा पार कर लें। इसके बाद किसी भी वाहन को नहीं जाने दिया जाएगा। लोहिया ने कहा कि मौसम साजगार हुआ तो वीरवार को राजमार्ग को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।
उधर, गुलमर्ग समेत तमाम उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। जबकि श्रीनगर व इसके साथ सटे इलाकों में बारिश व हल्की बर्फबारी रुक-रुक कर होती रही। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी तथा बारिश की संभावना जताई है। मंगलवार को जम्मू का अधिकतम तापमान 19.2 तथा न्यूनतम 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।  बांडीपोरा जिले के खनड़याल गांव में सोमवार रात हुए हिमस्खलन में कई मकानों की छतें क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पहले की सावधान कर देने से लोग इस इलाके को खाली कर सुरक्षित स्थानों की तरफ कूच कर गए हैं।
जिला मुख्यालय उधमपुर से करीब 65 किलोमीटर दूर नागसैनी ब्लॉक के पोलर गांव में एक कच्चे मकान पर बर्फ का तोंदा गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पति-पत्नी और उनका आठ माह का बच्चा शामिल है। किश्तवाड़ के डीसी मुहम्मद हुसैन मलिक ने बताया कि पोलर गांव का सुलेमान गुज्जर पुत्र हाशिम दीन मंगलवार रात को अपनी पत्नी सलीमा बेगम व आठ माह के बच्चे के साथ अपने कच्चे मकान में सोया था। बुधवार सुबह करीब पांच बजे पहाड़ से बर्फ का एक हिस्सा टूटकर उनके मकान पर जा गिरा। इससे सुलेमान उसकी पत्नी व बच्चे की मौत हो गई। बर्फ में दबकर उनके दस मवेशी भी मारे गए। हादसे की खबर मिलते ही तहसीलदार किश्तवाड़ इंद्रजीत सिंह परिहार पुलिस व डॉक्टरों की टीम लेकर मौके पर पहुंचे। मृतकों को बाहर निकालकर मौके पर ही पोस्टमार्टम कर शव उनके रिश्तेदारों के हवाले कर दिए गए। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है। सनद रहे कि सात जनवरी को भी किश्तवाड़ के वृंदावन में बर्फबारी में पैर फिसलने से खाई में गिरकर ग्रेफ कर्मचारी की मौत हो गई थी। इसके अलावा पाडर के इश्तयारी इलाके में भी एक ग्रामीण बर्फ में दबकर मारा गया था।
शिमला से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो स्वाति सिंह ने खबर दी है कि राज्य के अनेक इलाकों में आज हल्के बादल छाए रहे और बीच- बीच में धूप खिली रही मगर लोगों को कड़ाके की ठंड से कोई निजात नहीं मिली है। दूसरी ओर जनजातीय लाहौल स्पिति व किन्नौर जिलों सहित चंबा के पांगी और भरमौर में आज लगातार चौथे दिन भी रूक-रूक कर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। मौसम खराब रहने पर लाहौल घाटी व चंबा-किलाड़ के लिए आज निर्धारित हैलिकॉप्टर उड़ानें भी नहीं करवाई जा सकीं। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के लाहौल स्पिति संवाददाता ने बताया कि हैलिकॉप्टर उड़ानें न होने से लाहौल घाटी में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और कई मरीज बेसब्री से उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं। स्पिति में सडक मार्ग बंद होने से मरीजों को काजा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहंुचान मुश्किल है जिसके चलते स्पिति पंचायत की प्रधान चंपा डोलमा ने यहां जल्द हैलिकॉप्टर उड़ान करवाने की मांग की है। लगातार हो रही बर्फबारी से म्याड़ घाटी में संचार, पानी व बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। तिंगरिट पंचायत की प्रधान सावित्री देवी ने घाटी में बिजली आपूर्ति जल्द बहाल करने की गुहार लगाई है। किन्नौर जिले की उपरी चोटियों पर भी हिमपात जारी रहने से लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। जिले के अधिकांश सम्पर्क मार्गों को अभी भी यातायात अवरूद्ध बना हुआ है। शिमला जिले के दुर्गम डोडराक्वार इलाके में लगातार हो रही बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पिछले एक महीने से ठप्प है। रोहडू कांग्रेस मंडल के प्रधान महेन्द्र वासू ने क्षेत्र में बिजली आपूर्ति जल्द बहाल करने की सरकार से मांग की है। इधर राजधानी शिमला व इसके आस पास के इलाकों में हल्के बादल छाए रहे और सर्द हवा का सिलसिला जारी रहा। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों में राज्य के अनेक इलाकों में वर्षा व हिमपात का सिलसिला जारी रहने की संभावना जताई है।
शिमला साई ब्यूरो से आशय अर्गल ने बताया कि प्रदेश में बुधवार को भी ऊंचे क्षेत्रों में रुक-रुक कर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा। इसकारण तापमान में काफी गिरावट आई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेशभर में 19 फरवरी तक मौसम के तेवर बदलते रहेंगे। इस दौरान प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में जहां बर्फबारी का दौर जारी रहेगा तो मध्यम ऊंचाई वाले और मैदानी इलाकों बारिश का सिलसिला रहेगा। बुधवार को जहां प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हुई वहीं कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में बारिश रिकार्ड की गई। बुधवार को कल्पा में 16.6, सलोनी में 10.0, केलंग में 3.0 व मनाली में 1.0 ताजा हिमपात दर्ज किया गया वहीं खैरी में 24, तीसा में 13, जोगेंद्रनगर 3, नूरपुर में 1, सुंदरनगर में 0.2, भुंतर में 1.1, धर्मशाला में 8.4, पालमपुर में 3.8, मनाली 7.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। बुधवार को प्रदेश में जला जिला नाहन के पांवटा साहिब में अधिकतम तापमान 20.0 रिकार्ड किया गया वहीं केलंग का न्यूनतम तापमान माइनस 10.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
उधर चांपा से साई ब्यूरो ने बताया कि बर्फबारी का तांडव झेल रहे जिला की हालत पतली हो चुकी है। बुधवार को थोड़ी देर के लिए मौसम साफ होते ही कई दिन से बर्फ व बारिश के थपेड़े झेलते आ रहे मकान व डंगे गिरने शुरू हो गए हैं। चंबा में करीब आधा दर्जन मार्गाे पर हुए भूस्खलन से आवाजाही बुरी तरह प्रभावित रही। लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल जाना पड़ा। उधर, चंबा उपमंडल के टिप्परा गांव में एक मकान के जमींदोज होने का भी समाचार है। उक्त मकान के गिरने से पीड़ित यूसुफ पुत्र नूर मोहम्मद निवासी टिप्परा को लाखों रुपये की क्षति हुई है। एसडीएम चंबा रोहित राठौर ने पीड़ित परिवार को जल्द राहत राशि प्रदान करने का फैसला किया है। टिप्परा में कुछ दिन से बारिश व बर्फबारी का प्रकोप जारी था। इसके बाद लगातार पानी लगने से उक्त मकान क्षतिग्रस्त हो चला था जो बुधवार को गिर गया। प्रशासन ने मकान के संबंध में पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके अलावा चंबा-पठानकोट मुख्य मार्ग पर परेल घार के समीप हुए भूस्खलन के बाद मार्ग काफी देर तक बंद रहा। इस दौरान बाहरी इलाकों से चंबा की तरफ आ रहे राहगीरों को सामान उठाकर करीब छह किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। हालांकि मार्ग बाधित होने की खबर मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने कर्मचारियों को मौके पर भेज दिया था। लेकिन इसके बावजूद काफी देर तक वाहनों को कतार में खड़ा रहना पड़ा। चंबा-साहो मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन से दिनभर आवाजाही प्रभावित रही। मार्ग में भूस्खलन के बाद पड़ी मिट्टी को हटाने में कर्मचारी जुटे रहे। साहो में शिवरात्रि का उपमंडलस्तरीय कार्यक्रम आयोजित होना है जिसे देखते हुए मंदिर कमेटी साहो समेत अन्य ग्रामीणों ने उक्त मार्ग को समय रहते दुरुस्त करने का आह्वान किया है। ताकि शिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो। इसके अलावा चंबा शहर में चंबा-चामुंडा मार्ग पर हुए भूस्खलन के बाद इस मार्ग पर भी दोपहर तक आवाजाही प्रभावित रही। प्रशासन की मदद से मार्ग को खोलने का प्रबंध किया गया।
उधर, एसडीएम रोहित राठौर का कहना है कि बारिश प्रभावित मार्गाे को दुरुस्त करने का अभियान छेड़ा जा चुका है। बारिश से कुछ मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्हें मुआवजा देने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों को खराब मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। बारिश थमते ही पूरे उपमंडल में बारिश व बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा।
जनजातीय क्षेत्र पांगी में लोगों की उम्मीद एक बार फिर खराब मौसम ने तोड़ दी है। बुधवार को मौसम साफ होने के बाद पांगी के लिए हेलीकाप्टर की उड़ान की संभावना थी। इसे देखते हुए प्रशासन ने भी तैयारी कर ली थी। अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस समेत वे तमाम यात्री जिन्हें प्रशासनिक तौर पर पांगी भेजने की सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं, सभी बुधवार तड़के ही हेलीपैड पहुंच गए थे। लेकिन ऐन मौके पर उड़ान रद होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ा। चंबा से पांगी के लिए अभी तक दो ही बार उड़ान संभव हो पाई है। कुछ दिन से लगातार खराब मौसम से हवाई यात्रा पर असर पड़ रहा है। इससे पूर्व पांगी के लिए विशेष उड़ान का प्रबंध करने से संबंधित एक पत्र पहले ही जिला प्रशासन जनजातीय विकास निगम को भेज चुका है। लेकिन यह सब तभी संभव है जब चंबा में मौसम साफ हो। चंबा-पांगी की हवाई यात्रा में खलल पड़ने से कई यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। घाटी जाने के लिए तैयार यात्री लंबे समय से चंबा में फंसे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने यात्रियों की हरसंभव मदद का ऐलान किया है। लेकिन घाटी से बाहर फंसे लोग जल्द घरों तक पहुंचना चाहते हैं। इसके अलावा पांगी कल्याण संघ भी जिला प्रशासन से घाटी के बाहर फंसे लोगों की मदद के लिए गुहार लगा चुका है। उधर, प्रशासन ने मौसम साफ होते ही उड़ान का प्रबंध करने की बात कही है।
मौसम के बिगडे़ मिजाज से संकट में फंसे जनजातीय इलाकों के लोग अब देवताओं को मनाने में जुट गए हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रकृति के इस तांडव से उन्हें देवता ही बचा सकते हैं। बर्फबारी की आफत को टालने के लिए समूचे उपमंडल के मंदिरों में जगह-जगह पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। देवताओं के आगे नत्मस्तक लोग भीषण बर्फबारी से निजात की गुहार लगा रहे हैं। उपमंडल प्रशासन भी यह तय कर चुका है कि जब तक मौसम साफ नहीं हो जाएगा तब तक कोई भी काम पूरा नहीं हो सकता है। फिलहाल, मौसम के इस रुख के बीच बुधवार को भी जनजातीय क्षेत्र भरमौर में मौसम का मिजाज हल्का नहीं हुआ है। रुक-रुक कर हिमपात का दौर जारी रहा। बिजली, पेयजल व सड़क संपर्क बुधवार को बहाल नहीं हो पाए। आफत में फंसे लोगों के लिए प्रशासनिक तौर पर हरसंभव मदद का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मौसम के बिगड़ैल रुख के आगे यह प्रयास फीके नजर आ रहे हैं। जनजातीय क्षेत्र में अब तक आम लोगों समेत प्रशासन को भी लाखों रुपये की क्षति हो चुकी है। इसका अनुमान मौसम में सुधार आने के बाद ही किया जा सकेगा। बर्फबारी के तांडव के बीच जनजातीय क्षेत्र के लोगों को सबसे बड़ी राहत की खबर सरकारी स्कूलों में छुट्टियां होना ही है। जनजातीय क्षेत्र में बुधवार को सुबह थोड़ी देर के लिए मौसम साफ होने के बाद दोबारा बर्फबारी शुरू हो गई। क्षेत्र के लोग अब किसी भी कीमत पर इस आफत से निजात पाना चाहते हैं। हालांकि बर्फबारी के बीच सबसे अच्छी खबर अब तक यही है कि भरमौर समेत पूरे जनजातीय क्षेत्र में बर्फबारी से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उधर, प्रशासन ने चेतावनी को दोहराते हुए लोगों से घरों में ही रहने का आह्वान किया है। जिला प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी कीमत पर घरों से बाहर न निकलें।
चंबा में दिन के समय तापमान पांच से आठ डिग्री पर ठहरा हुआ है। कुदरत के इस कहर का सामना कर रहे लोगों की हालत पतली हो चुकी है। लगातार बारिश से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जगह-जगह सड़कें बंद हैं व आवाजाही लगभग ठप हो चुकी है। नए साल की शुरूआत के बाद से अब तक करीब डेढ माह के अंतराल में चंबा में सबसे ज्यादा बारिश व बर्फबारी दर्ज की गई है। भरमौर में पिछले 48 घंटे से बर्फ गिर रही है। यहां के ज्यादातर इलाकों में बिजली, पानी, सड़क व संचार सुविधाएं चरमरा गई है। चंबा-भरमौर-होली मार्ग पर कई जगह गाड़ियां फंसी हुई हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग मार्ग को बहाल करने में जुटा हुआ है लेकिन बर्फबारी न थमने से विभागीय कर्मचारियों को कामयाबी नहीं मिल पा रही है। करीब डेढ माह के दौरान भरमौर व होली में मुश्किल से एक सप्ताह तक ही आवाजाही संभव हो पाई है। इसके बाद सभी मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं। जल्द ही क्षेत्र में हालात न सुधरे तो लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है। उधर, पांगी घाटी में अब तक करीब तीन फुट ताजा हिमपात हो चुका है। यहां 48 घंटे से लगातार बर्फबारी हो रही है। प्रशासन ने किसी भी हालत में लोगों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी है। चंबा में इससे पूर्व भी भारी बर्फबारी के दौरान चुराह इलाके में बर्फीले तूफान से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। बर्फबारी व बारिश से जिला में विकास कार्य प्रभावित हुए हैं तथा लोगों को बिजली व पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कोल्ड स्टोर समझे जाने वाले भरमौर के लोगों ने भी बर्फबारी का इतना लंबा दौर कभी नहीं देखा। भरमौर में करीब 20 साल पूर्व 24 घंटे लगातार हुई बर्फबारी से क्षेत्र में करीब चार से छह फुट तक बर्फ जम गई थी। इस बार समूचा जनजातीय क्षेत्र करीब डेढ माह से बर्फबारी का सामना करना रहा है। टुकड़ों में गिरी बर्फ का आकलन करीब दस फुट से ज्यादा हो चुका है। भरमौर में रोजाना करीब दो से अढ़ाई फुट तक बर्फ गिर रही है, जबकि होली में करीब डेढ फुट बर्फ रोजाना गिरने का अनुमान है। बर्फबारी से भरमौर की सभी पंचायतों का संपर्क आपस में कट चुका है। 1991 में हुई बर्फबारी 24 घंटे जारी रही थी लेकिन उसके बाद मौसम साफ हो गया था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। जनजातीय क्षेत्र में पिछले 20 साल से बर्फबारी व ठंड के घटते क्रम के बीच ज्यादातर लोगों ने विस्थापन छोड़ दिया था। इस बार सर्दियों में क्षेत्र के बहुत से परिवार घरों को छोड़कर कांगड़ा या अन्य निचले इलाकों में नहीं गए। इसके साथ ही 20 साल से भरमौर की युवा पीढ़ी भी लगातार बर्फबारी के दौर को झेलने की आदि नहीं रही है जिससे क्षेत्र में लोगों को इस बार ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में लोग रोजाना घरों की छत से बर्फ हटाते हैं और दूसरे दिन उससे भी ज्यादा बर्फ दोबारा जमा हो जाती है। जनजातीय क्षेत्र में मौसम का यही हाल रहा तो आने वाले कुछ दिनों में इलाके के लोगों को खाद्य संकट से भी जूझना पड़ सकता है।
उपमंडल डलहौजी में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण उपमंडल प्रशासन ने हाइ अलर्ट घोषित कर दिया है। उपायुक्त चंबा के कार्यालय से मिले आदेश के बाद उपमंडलाधिकारी (नागरिक) डलहौजी डॉ. मधु चौधरी ने उपमंडल के ऊंचाई वाले इलाकों जहां कि भारी हिमपात हो रहा है, में रहने वाले लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है। वहीं घरों की छतों से बर्फ हटाते रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डलहौजी सहित आसपास के इलाकों के लोगों को भी हिमपात में बाहर न निकलने की सलाह दी है। ज्ञात हो कि जिला प्रशासन को 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्लखन की चेतावनी मिली थी। इसके बाद सभी उपमंडलों में हाइ अलर्ट घोषित किया गया था।
पोर्ट ब्लेयर से साई ब्यूरो पीयूष शाह ने बताया कि मौसम कार्यालय अनुमान के अनुसार अगले चौबीस घंटों के दौरान मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होगा। आज पोर्ट ब्लेयर में अधिकतम तापमान बत्तीस दशमलव एक डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान तेइस दशमलव छह डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जयपुर से साई ब्यूरो ने खबर दी है कि राज्य के ज्यादातर स्थानों पर रात के तापमान में एक बार फिर गिरावट हुई है। माउंट आबू और बूंदी में पारा साढ़े तीन डिग्री सैल्सियस तक लुढक गया। इसके अलावा श्रीगंगानगर में साढ़े चार, चूरू में पांच, पिलानी में साढ़े पांच और जैसलमेर में करीब साढ़े आठ डिग्री सैल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। आज सुबह ठण्डी हवाएं चलने से सर्दी का अहसास फिर से बढ़ गया।

समान लाईसेंस शुल्क नीति घोषित


समान लाईसेंस शुल्क नीति घोषित

मोबाईल यूजर्स को मिलेगा लाभ

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने एक समान दूरसंचार लाइसेंस शुल्क नीति की घोषणा की है। नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि भविष्य में एकीकृत लाइसेंस ही जारी किये जाएंगे और हर शहर में दूरसंचार स्पेक्ट्रम ऑपरेटरों को अलग से आवंटित किये जाएंगे। उधर, ट्राई ने मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों पर जमकर कसावट की मंशा बनाई है।
संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि समान लाइसेंस शुल्क, दूरसंचार कंपनी के समायोजित सकल राजस्व के आठ प्रतिशत के बराबर होगा। श्री सिब्बल ने कहा कि नई दूरसंचार नीति अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार नियामक प्राधिकरण -ट्राई मौजूदा लाइसेंस धारकों को एकीकृत लाइसेंस व्यवस्था की तरफ ले जाने के तरीकों की घोषणा करेगा।
श्री सिब्बल ने बताया कि एकीकृत लाइसेंस अपनाने के लिए प्रवेश शुल्क देना होगा। लाइसेंस खत्म हो जाने के बाद दस साल के लिए नवीनीकरण किया जाएगा। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में ३५ प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनियों के विलय और अधिग्रहण की अनुमति आसान और त्वरित प्रक्रिया के अंतर्गत  दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के सुचारू प्रबंधन के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई नियमित रूप से स्पेक्ट्रम ऑडिट करेगा। प्राधिकरण उपलब्ध स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की समीक्षा भी करेगा। दोनों स्थिति में प्राधिकरण सरकार को अपनी सिफारिशें देगा। सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले से पड़ने वाले असर की जाचं कर रही है।  प्राधिकरण की सिफारिशें मिलने के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर ट्राई ने मोबाईल धारकों को सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने आरंभ कर दिए हैं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह से मोबाइल धारकों को और ज्यादा सुविधाएं मिलने और विभिन्न ऑपरेटरों की सर्विस में सुधार होने की संभावनाएं हैं। ट्राई ने इसके लिए तमाम मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों को 45 दिनों के अंदर पहल करने को कहा था।
ट्राई की ओर से दी गई समयावधि 20 फरवरी को पूरी हो जाएगी। ट्राई ने नेटवर्क, टैरिफ कार्ड, कस्टमर केयर और प्री-पेड जैसी सुविधाओं में सुधार के लिए कई निर्देश दिए थे। इनमें ग्राहकों के लिए अलग से शिकायत केंद्र बनाना, टैरिफ के बारे में ग्राहकों को सही-सही जानकारी देना, प्री-पेड ग्राहकों को भी पोस्ट-पेड ग्राहकों की ही तरह बिल देना और नेटवर्क बेहतर करना जैसी कई अहम बातें थी। ट्राई ने कहा था कि इन मामलों में सबसे अधिक शिकायतें आती रही हैं जिस पर सुधार की जरूरत है।

पुण्‍य मिलता है महाशिवरात्रि पर पूजन से


पुण्‍य मिलता है महाशिवरात्रि पर पूजन से

(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। महाशिवरात्रि शिव और शक्ति का एकाकार होने का पर्व है। यह मिलन कल्याणकारी भी है और प्रेरणादायी भी। यह पर्व हमें शिवत्व का बोध कराता है। धर्मनगरी ही शिव-शक्ति के एकाकार होने की स्थली मानी जाती है। इसलिए यहां इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आने वाले महाशिवरात्रि पर्व का धार्मिक महत्व सीधे-सीधे हरिद्वार से जुड़ा हुआ है। पौराणिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन ही धर्मनगरी के कनखल में शिव शंकर और सती का विवाह हुआ था। इसीलिए हरिद्वार को आशुतोष की ससुराल भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव-सती के विवाह के समय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का योग था।
एक और मान्यता के अनुसार फाल्गुनी मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की मध्यरात्रि को ही भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसीलिए भी यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने का अर्थ भगवान शिव शंकर की आराधना और शिवत्व का बोध करना है।
स्कंद पुराण में महाशिवरात्रि के व्रत को भी विशेष महत्व दिया है। आराधना तीन प्रकार की बताई गई है। उपवास, शिर्वाचन और रात्रि जागरण। ज्योतिषाचार्य विपिन कुमार पाराशर बताते हैं कि इस बार बीस फरवरी को महाशिवरात्रि सोमवार और श्रवण नक्षत्र में आ रही है। सोमवार और श्रवण नक्षत्र शिव शंकर को अतिप्रिय हैं। ज्योतिषाचार्य धरणीधर शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक करने से शिव शंकर समस्त मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।

गेंदबाजों की खोज में खाक छानेगा बीसीसीआई

गेंदबाजों की खोज में खाक छानेगा बीसीसीआई

(धीरेंद्र श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। नई दिल्ली रू देश में गेंदबाजों की मजबूत फौज तैयार करने की कवायद में बीसीसीआइ ने नया कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत विभिन्न केंद्रों पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों के लिए ओपन ट्रायल होगा। बीसीसीआइ की विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी अगले दो सप्ताह के दौरान हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, झारखड और छत्तीसगढ़ में इस तरह के ट्रायल करवाएगी।
इसमें 17 से 22 साल तक की उम्र के लड़के भाग ले सकते हैं। वह खिलाड़ी बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त किसी टूर्नामेंट खेला होना चाहिए। पूर्व टेस्ट क्रिकेटर करसन घावरी और योगिंदर पुरी ट्रायल के दौरान उपस्थित रहेंगे और गेंदबाजों का चयन करेंगे। हिमाचल के धर्मशाला में 18 से 19 फरवरी के बीच ट्रायल होगा। इसके बाद जम्मू में 22 और 23 फरवरी, राची में 25 फरवरी और रायपुर में 28 फरवरी को ट्रायल शिविर लगाया जाएगा

किस बात की है विकास यात्रा यह तो बताए भाजपा: इमरान


किस बात की है विकास यात्रा यह तो बताए भाजपा: इमरान

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। ‘‘भाजपा के शासनकाल में आठ सालों में सिवनी को लेकर कोई एक उपलब्धि जो भारतीय जनता पार्टी को गोरवांन्वित कर सके, यह बताए भाजपा! सिवनी जिले की जनता आज भाजपा के स्थानीय नुमाईंदों से पूछना चाह रही है कि आखिर किस बात की विकास यात्रा निकाल रही है?‘‘ उक्ताशय की बात नगर काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इमरान पटेल ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में कही है।
शहर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता फिरोज खान के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष इमरान पटेल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि क्या यह विकास यात्रा इसलिए तो नहीं की जा रही है कि प्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तक सिवनी को लेकर जितनी घोषणाएं की हैं वे आज तक कागजों पर आकार भी नहीं ले सकीं हैं। शहर में विकास यात्रा निकालने के पहले भाजपा को जनता को इस बात का जवाब देना होगा कि मुख्यमंत्री के माडल टाउन बनाने की घोषणा का क्या हुआ? माडल टाउन में हर काम प्लान के मुताबिक होता है और जिले के प्रमुख अधिकारी को एक माह के अंदर प्लान तैयार करना होता है।
उन्होंने कहा कि आखिर संगठन इस बात पर खामोश क्यों है कि पुरोहित की पूजा की थाली से दो सौ रूपए चुराने वाली विधायक श्रीमति नीता पटेरिया ने सांसद रहते हुए सिवनी जिले में पदस्थ एक सरकारी कर्मचारी के नाम पर आरटीओ में रजिस्टर्ड जीप में भ्रमण के नाम पर सात सौ किलोमीटर के डीजल का भुगतान सरकारी खजाने से कैसे प्राप्त कर लिया, जबकि सांसद, यह राशि उनके खुद के नाम पर रजिस्टर्ड वाहन से लेेने के लिए अधिकृत हैं। उन्होंने कहा कि क्या इसी के लिए विकास यात्रा की जा रही है?
इमरान पटेल ने कहा कि भाजपा के शासनकाल की 54 सड़कों का मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के ईयर मार्क आवास पर पूर्व सांसद और वर्तमान विधायक श्रीमति नीता पटेरिया के कब्जा जमाए जाने के सामने से होकर गुजरने वाली सड़क, बाहूबली चौक से पुराने आरटीओ तक की सड़क और हरी सिंघानिया के घर से मठ मंदिर तक की सड़क के धुर्रे उड़ चुके हैं सात साल में बनीं सारी की सारी सीमेंट रोड़ गायब होने के की स्थित में हैं, जो भाजपा के शासनकाल में बनीं थीं, इसकी विकास यात्रा है यह?
नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि क्या यह विकास यात्रा इसलिए निकाली जा रही है कि शहर में नगर पालिका द्वारा 15 रूपए प्रति वर्ग फुट विकास शुल्क लेने के बाद भी नगर वासी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं? शहर गंदगी से बजबजा रहा है, नालियां सड़ांध मार रही हैं, लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं, जगह जगह कचरों के ढेर इस विकास यात्रा के स्वागत को आतुर दिख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर दो सालों से इसे भरा नहीं जा सका है, इतना ही नहीं इसे खाली रखने से आसपास के नलकूप, कुंए और बावली रिचार्ज नहीं हो पा रहे हैं। क्या यह विकास यात्रा दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण की थाह ढूंढने के लिए की जा रही है?

भगवान बद्री विशाल के कपाट 19 अप्रेल को खुलेंगे


भगवान बद्री विशाल के कपाट 19 अप्रेल को खुलेंगे

(साई ब्यूरो)

चमोली (साई)। चमोली जिले में स्थित भगवान बदरी विशाल के कपाट आगामी उनतीस अपै्रल को श्रद्धालुओं के लिए शीतकालके बाद खोल दिए जाएंगे। इसके लिए जिला पशासन द्वारा व्यापक तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। जिलाधिकारी डा. रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें जिला स्तरीय अधिकारियों को यात्रा व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो यात्रा मार्ग में पड़ने वाले पड़ाव तथा मार्ग में यात्रियों की समुचित सुविधाओं का ध्यान रखेंगे।
इसके अलावा विद्युत, पेयजल, दूरसंचार व स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी कमेटियों का गठन किया गया है, ताकि बाहर से आने वाले किसी भी तीर्थयात्री को मुष्किलों का सामना न करना पड़े। यातायात व ठहरने की आवासीय व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागीय अधिकारियों के कार्यालयों में आवासों की सूचियां, टेलीफोन नम्बर व आवष्यक व्यवस्थाओं की जानकारी रहेगी।
इसके अलावा सीमा सड़क संगठन से यात्रा शुरु होने से पूर्व ही राष्ट्रीय राजमार्ग को दुरुस्त करने के निर्देष दिए गए हैं। साथ ही गोविन्दघाट-हेमकुण्ड पैदल मार्ग के रख-रखाव व मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देषित किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अगामी यात्रा सुगम हो, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहें हैं।

मां पूर्णागिरि-ट्रस्ट बनेगा


मां पूर्णागिरि-ट्रस्ट बनेगा

(साई ब्यूरो)

चम्पावत (साई)। उत्तर भारत में प्रसिद्ध चम्पावत जिले के मां पूर्णागिरि मंदिर को वैष्णो देवी की तर्ज पर ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। इस संबंध में प्रदेष शासन के धर्मस्व अनुभाग द्वारा देहरादून में जिला प्रषासन की बैठक होनी है। मां पूर्णागिरि मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्षन व पूजन के लिए आते हैं, लेकिन उचित सुविधा न मिल पाने के कारण श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए विभिन्न संगठनों द्वारा मां पूर्णागिरि मंदिर को ट्रस्ट बनाने की मांग उठती रही।
गत वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री रमेष पोखरियाल निषंक द्वारा मां पूर्णागिरि मंदिर को ट्रस्ट बनाने की घोषणा के बाद पर्यटन व धर्मस्व विभाग द्वारा कई बार यहां मौका मुआयना किया गया। हालांकि 1999 व 2000 में उत्तर प्रदेष संस्कृति मंत्रालय द्वारा भी जिला प्रषासन से पूर्णागिरि को ट्रस्ट बनाने संबंधी प्रस्ताव मांगा गया था, मगर उचित पहल न हो पाने के बाद इस पर विराम लग गया था। प्रदेष बनने के बाद शुरु हुई इस पहल से जहां श्रद्धालुओं को समुचित सुविधाएं मिल सकेंगी, वहीं जिले को भी संस्कृति व पर्यटन की दृष्टि से उचित स्थान मिल सकेगा।

राजस्थान ने किया शीतलहर पाला को प्राकृतिक आपदा घोषित


राजस्थान ने किया शीतलहर पाला को प्राकृतिक आपदा घोषित

(शैलेन्द्र)

नई दिल्ली। (साई)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में दूसरी हरित क्रांति का सूत्रपात करने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत प्रत्येक राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और आवश्यकता के अनुसार विशेष योजनाएं बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने शीतलहर और पाला को प्राकृतिक आपदा घोषित कर किसानों को राहत देने की जरूरत बताई।
श्री गहलोत नई दिल्ली में कृषि मंे भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत उपायांे पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला का उद्घाटन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील ने किया। कार्यशाला को प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और कृषि मंत्री शरद पवार ने भी संबोधित किया।
श्री गहलोत ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रपति की पहल पर आयोजित यह कार्यशाला वर्षा सिंचित और शुष्क भूमि खेती को नया स्वरूप देगी और किसानों की सामाजिक आर्थिक स्थिति सुधारने में सहायक सिद्ध होगी । श्री गहलोत ने कहा कि यदि युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ने के प्रयास नहीं किए गए तो किसानों के पास अपने खेतों की जमीन बेचने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचेगा । उन्होंने यह राय भी दी कि फसलों के समर्थन मूल्यों को घोषणा बुवाई से पहले की जानी चाहिए ताकि किसानों में अपने उत्पादों की बिक्री का भरोसा बना रहे ।

केंद्रीय मंत्री ने अस्पताल का किया निरीक्षण


केंद्रीय मंत्री ने अस्पताल का किया निरीक्षण

(साक्षी शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस. गांधी सेलवन ने पोर्ट ब्लेयर के जी.बी. पंत अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने आकस्मिक विभाग, आई.सी.यू., डायलिसिस इकाई, रेडियोलॉजी विभाग और सामान्य वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने मरीज़ों से भी बातचीत की। बाद में श्री गांधी सेलवन ने आयुक्त और स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवा निदेशक और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया।

उपेक्षा का आरोप लगाया सांसद ने


उपेक्षा का आरोप लगाया सांसद ने

(आरती शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। द्वीपसमूह के सांसद बिष्णु पद रे ने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह सरकारी आयोजनों और कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित न कर नज़रन्दाज कर रहा है। लोकसभा अध्यक्ष के नाम भेजे पत्र में सांसद ने इस मामले में उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है।
पत्र में श्री बिष्णु पद रे ने स्पष्ट किया है कि पिछल माह गृहमंत्री के द्वीपसमूह दौरे के समय पोर्ट ब्लेयर और कार-निकोबार में आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। सांसद ने कई अन्य कार्यक्रमों का भी विवरण पेश किया है, जिसमें प्रशासन ने उन्हें नज़रन्दाज किया है। श्री बिष्णु पद रे कहा है कि प्रशासन का यह कदम भारत सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का उल्ल्ंघन करता है।

हिमाचल में आवास भत्ता दोगुना


हिमाचल में आवास भत्ता दोगुना

(स्वाति सिंह)

शिमला (साई)। प्रदेश के कर्मचारियों को इस वर्ष पहली मार्च से दोगुना आवास भत्ता मिलेगा। प्रदेश मंत्रिमंडल की शिमला में मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया। आवास भत्तों में बढ़ौतरी से राज कोष पर सालाना सौ करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पडे़गा।
इसके अलावा सिचंाई व जनस्वास्थ्य विभाग में अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के माध्यम से कनिष्ठ अभियंताओं के सौ पद भरने का निर्णय भी लिया गया। राज्य सचिवालय में कनिष्ठ आशुटंककों के 12 पद, आबकारी व कराधान विभाग में स्टैनोटाईपिस्ट के 9 पद भरने के अलावा ,राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत डैंटल मैकेनिक व डैंेटल हाईजिनिस्ट के 12-12 पद भरने को मंजूरी दी गई। बैठक में अदालतों के अधीनस्थ कर्मचारियों को भत्ते प्रदान करने के लिए शेटटी आयोग की सिफारशें लागू करने को भी मंजूरी दी गई। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने जनहित से जुड़े अनेक अन्य फैसले भी लिए।

लाहौल स्पीति में सर्वाधिक लिंगानुपात


लाहौल स्पीति में सर्वाधिक लिंगानुपात

(आशय अर्गल)

शिमला (साई)। लाहौल-स्पिति जिले को महिला लिंग अनुपात में देशभर में अब्बल आंका गया है। पिछले एक दशक के दौरान जिले में एक हजार पुरूषों के मुकाबले एक हजार 17 महिलाएं हैं। मुख्यमन्त्री प्रेमकुमार धूमल ने शिमला में कन्या शिशु के अधिकार व असंतुलित लिंग अनुपात पर भावी प्रभाव विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन अवसर पर ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जनजातीय जिला होने के बावजूद लाहौल-स्पिति में लिंग अनुपात के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुआ है और इसका श्रेय सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों को जाता है। धूमल ने कहा कि वर्तमान जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक हजार पुरूषो के मुकाबले 9 सौ 64 महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि गर्भाधान पूर्व लिंग जांच दण्डनीय अपराध है और इसकी जांच करने व कन्या गर्भपात करने वालों की सूचना देने वालों को सरकार ईनाम देती है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि ‘‘बेटी है अनमोल कार्यक्रम’’ के तहत गरीब परिवार की कन्या के जन्म के समय डाकघर में उसके नाम पर 51 सौ रूपये जमा किए जाते हैं जो बड़े होने पर उसे ब्याज सहित दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम शिशु दर के लिए भी हिमाचल को देशभर में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है। राज्य महिला कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष वीना ठाकुर ने इस मौके पर कन्या शिशु की सुरक्षा व कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।

आकाशवाणी का साहित्य सम्मेलन


आकाशवाणी का साहित्य सम्मेलन

(सविता सांघवी)

शिमला (साई)। आकाशवाणी शिमला द्वारा आयोजित दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन शिमला के गेयटी थियेटर में शुरू हुआ जिसका उद्घाटन आकाशवाणी के महानिदेशक लीलाधर मंडलोई ने दीप प्रज्जवलित कर किया। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी के इस तरह के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों की प्राचीन सभ्यता व ंसंस्कृति के संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को बल देना है।
मंडलोई ने कहा कि सम्मेलन से साहित्यकारों को जहां एक मंच पर विचारों के आदान प्रदान का अवसर मिलता है वहीं लोगों को साहित्य के बारे में जानकारी मिलती है। आने वाली पीढ़ियां इन्हें सुन सकती हैं। सम्मेलन के पहले दिन आज लोक संस्कृति, जनजातीय संस्कृति, साहित्य व पहाड़ी समाज विषय पर कवियों और साहित्यकारों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। इसके अलावा काव्य पाठ का आयोजन भी किया गया जिसमें हिमाचल सहित उत्तराखण्ड के कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
सूचना व प्रसारण मन्त्रालय के गीत व नाटक प्रभाग की शिमला इकाई द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर आकाशवाणी शिमला के अभियान्त्रिकी निदेशक सुनील भाटिया, व कार्यक्रम प्रमुख देवेन्द्र महेन्द्रूू, दूरदर्शन शिमला के निदेशक ओम गौरी दत्त शर्मा, प्रदेश साहित्य अकादमी के सचिव तुलसी रमण तथा वरिष्ठ साहित्यकार गंगा प्रसाद बिमल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सम्मेलन के दूसरे दिन कल कहानी पाठ का आयोजन किया जाएगा।

ब्लड प्रेशर की आशंका कम करता है सूरज मुखी


हर्बल खजाना ----------------- 26

ब्लड प्रेशर की आशंका कम करता है सूरज मुखी



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। यह एक वार्षिक पौधा है जिसके बीजों से खाद्य तेल प्राप्त किया जाता है। भारत के अनेक हिस्सों में इसकी खेती की जाती है। सूरज की तरह दिखाई देने वाले फ़ूलों के इस पौधे का वानस्पतिक नाम हेलिएन्थस एनस है। माना जाता है कि इसके तेल के उपयोग से ब्लडप्रेशर की आशंका नहीं या कम के बराबर हो जाती है।
इसकी पत्तियों का रस निकाल कर मलेरिया आदि में बुखार आने पर शरीर पर लेपित किया जाता है, पातालकोट के आदिवासियों का मानना है कि यह रस शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। जी मिचलाना और उल्टी होने जैसे विकारों में सूरजमुखी के बीजों का तेल (२ बूँद) यदि नाक में डाल दिया जाए तो आराम मिलता है।
कान में कीडे के प्रवेश कर जाने पर डाँग- गुजरात के आदिवासी सूरजमुखी तेल में लहसून की दो कलियाँ डालकर गर्म करते है और फ़िर इस तेल की कुछ बूँदें कान में डालते है, इनका मानना है कि कीट बाहर निकल आता है। सूरजमुखी की पत्तियों को इसी के तेल के साथ कुचला जाए और बवासीर के रोगी को बाह्यरूप से लेपित किया जाए तो आराम मिलता है।
अपचन और पेट में गडबडी की शिकायत होने पर गर्म दूध में सूरजमुखी का तेल (४-५ बूँदें) डाल दी जाए और सेवन किया जाए तो समस्या दूर हो जाती है। शारीरिक दुर्बलता और कमजोरी में सूरजमुखी की पत्तियों का रस बडा गुणकारी है, इस हेतु लगभग ५ पत्तियाँ लेकर १०० मिली पानी में तब तक उबाला जाए जब तक कि यह आधा शेष बचे, और फ़िर इसका सेवन किया जाए।

(साई फीचर्स)
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