बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

क्या काले को सफेद कर पाएंगे पचौरी!


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 81

क्या काले को सफेद कर पाएंगे पचौरी!

सरकार की नाकामियों पर पर्दा डाल पाएंगे पंकज!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। वज़ीरे आज़म डॉक्टर मनमोहन सिंह की नाक का बाल बन चुके हरीश खरे को एकाएक प्रधानमंत्री कार्यालय से रूखसत कर उनके स्थान पर लाए गए टीवी एंकर पंकज पचौरी के सामने अब प्रमुख चुनौती यह सामने आ रही है कि क्या वे सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने का जतन कर पाएंगे। सियासी और मीडिया के हल्कों में चल रही चर्चाओं के अनुसार क्या पंकज पचौरी काले को सफेद कर पाएंगे?
सरकार के आलोचकों और समालोचकों के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार हरीश खरे को आनन फानन हटाकर सरकार ने अपना चेहरा बदलने का प्रयास अवश्य ही किया है पर वह इस मामले में सफल नहीं हो पाएगी। इसका कारण यह है कि सरकार का चेहरा तो मनमोहन सिंह हैं, हरीश खरे तो बस मेकपमेन की भूमिका में थे। कहा जा रहा है कि हरीश खरे वाकई तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी थे, जिनके मुकाबले पंकज पचौरी पासंग में नहीं बैठ रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में नए प्रमुख पुलक चटर्जी ने दस जनपथ की नज़दीकियों के चलते तरक्की को गले लगा लिया है, किन्तु उन्हें पंकज पचौरी के साथ काम करके वह अनुभव कतई नही हो सकता है जो हरीश खरे के रहते होता। पिछले दो तीन सालों में भ्रष्टाचार के महा घोटाले सामने आए हैं, उससे जनता की यह सोच बन चुकी है कि प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह अब भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक हैं। चर्चाओं के अनुसार पंकज पचौरी के हाथों में जादू छड़ी नहीं है कि वे रातों रात जनता की इस सोच को बदल सकें।

(क्रमशः जारी)

. . . तो जुड़ जाता सिवनी शहर भी ब्राडगेज से


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  59

. . . तो जुड़ जाता सिवनी शहर भी ब्राडगेज से



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। अगर देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जा रहे 1200 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट को सिवनी शहर के इर्द गिर्द कहीं स्थापित किया जा रहा होता तो निश्चित तौर पर सिवनी शहरवासियों को ब्राडगेज की सौगत तत्काल ही मिल जाती।
जिस तरह सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड घंसौर में गौतम थापर के पावर प्लांट के लिए नेरोगेज का अमान परिवर्तन कर उसे ब्राडगेज में तब्दील किया जा रहा है, उसे देखकर लगने लगाता है कि गौतम थापर जिनका इकबाल राजनैतिक तौर पर काफी हद तक बुलंद है, के द्वारा अगर इस पावर प्लांट को सिवनी शहर के आसपास लगाया गया होता तो कोयला परिवहन के लिए यहां का अमान परिवर्तन अवश्य ही कर दिया जाता।
रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले के दोनों सांसदों द्वारा भी जबलपुर से बालाघाटा रेल खण्ड के अमान परिवर्तन का काम जबलपुर के सिरे से आरंभ करवाने हेतु अपनी सैद्धांतिक सहमति दी है। दोनों ही सांसदों ने इस बारे में अपनी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई है कि काम को नैनपुर या बालाघाट के सिरे से आरंभ किया जाए।
गौरतलब है कि लगभग 6800 करोड़ रूपयों की लागत से स्थापित होने वाले इस पावर प्लांट के लिए कोयला प्रमुख अव्यव है और इसके परिवहन के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करना संयंत्र प्रबंधन का ही काम है। ब्राडगेज के जबलपुर तक ही होने के चलते संयंत्र प्रबंधन ने इसे सड़क मार्ग से ढोने पर भी विचार किया था। संभवतः यही कारण था कि तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ ने रीवा से लेकर लखनादौन तक तक के नेशनल हाईवे को फोरलेन का करने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी।
उधर, अवंथा समूह के सूत्रों का कहना है कि शुरूआती दौर में जब जबलपुर से नैनपुर के रेल खण्ड का अमान परिवर्तन खटाई में पड़ता दिख रहा था तब अवंथा समूह के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इस बारे में भी विचार करना आरंभ कर दिया था कि भूमि खरीदकर सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के बिनेकी ग्राम से जबलपुर तक निजी तौर पर ब्राडगेज की पटरियां बिछाई दी जाए। सूत्रों की मानें तो अवंथा समूह को उससे बेहद कम लागत में ही ‘‘थेंक्यू सर्विस‘‘ पर अब बनी बनाई पटरियां कोयला परिवहन के लिए मिलने वाली हैं।

(क्रमशः जारी)

मौसम ने फिर खेली आंख मिचौली


मौसम ने फिर खेली आंख मिचौली



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी में मंगलवार शाम हुई हल्की बारिश के चलते अधिकतम तापमान अचानक पांच डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। जिससे चलते लोगों को गत दिनों की तुलना में अधिक ठंड का एहसास हुआ। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री कम था। मौसम विभाग के मुताबिक सिर्फ 0.4 मिलीमीटर बारिश के बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। बारिश के बाद अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री से गिरकर 15.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जिसके चलते शाम के समय गत दिनों की तुलना में अधिक ठंड रही। विभाग की मानें तो अगले दो-तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में भी दो से तीन डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे ठंड बढ़ेगी। वहीं, दिन का न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज किया गया, जोकि सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम था। बारिश के चलते दफ्तर से निकल घर के लिए रवाना हुए लोगों को भी थोड़ी परेशानी हुई।
हिमाचल प्रदेश से साई संवाददाता ने बताया कि राज्य में फिर से कड़ाके की ठंड की चपेट में है। शिमला, मनाली, डलहौजी तथा धर्मशाला के ऊंचाई वाले इलाकों में कल रात से बर्फबारी हो रही है। शिमला, कुल्लू, चम्बा और मंडी जिलों के स्कूल सर्दी की वजह से एक हते के लिए बंद कर दिये गए हैं। जनजातीय इलाकों में बिजली, संचार और जल सेवाओं पर असर पड़ा है। नारकंडा और खड़ा पत्थर के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग -२१ के कई स्थानों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
देहरादून से साई ब्यूरो अर्जुन कुमार ने खबर दी है कि मौसम ने फिर करवट बदली है और आसमान में मेघों की आवक शुरू हो गई है। राजधानी में तो बादलों ने शाम को हल्की फुहारें भी पड़ीं। उधर, मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को भी बादल रहेंगे और राज्य में कुछ स्थानों पर वर्षा के साथ ही चेाटियों पर बर्फबारी की संभावना है।
मौसम बीते दो रोज से खुशगवार हो चला था, लेकिन मंगलवार को इसने अचानक करवट बदली और आसमान में होने लगी बादलों की कदमताल। शाम को बादल घने हुए तो राजधानी समेत कुछ अन्य स्थानों पर कहीं बूंदाबादी तो कहीं हल्की फुहारें भी मिल गई। उधर, मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते आसमान में बादल उमड़े हैं। और अगले चौबीस घंटों में इनके बरसने के आसार भी हैं। कुछ स्थानों पर वर्षा तो कहीं बर्फ गिरने की संभावना है। राजधानी में गर्जन वाले बादल विकसित होने और हल्की वर्षा के आसार बने हैं।
उधर हरिद्वार से लौटकर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया संवाददाता दिशा ने बताया कि मंगलवार दिन भर चटक धूप खिलने के बाद शाम को मौसम ने करवट बदल ली। शाम के वक्त हल्की-हल्की बारिश होनी शुरू हुई। समाचार लिखे जाने तक बारिश जारी थी। धर्मनगरी में मौसम का मिजाज तीन-चार दिन से पल-पल बदल रहा है। तीन-चार दिनों से सूर्य देव आंख मिचौनी का खेल खेलते रहे हैं। धूप के दर्शन तो केवल कहने भर को हो रहे हैं, लेकिन मंगलवार को सुबह से ही मौसम खिला रहा और चटक धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली। शाम के वक्त आसमान पर बादलों की चहल-कदमी होने लगी और साढे़ सात बजे के आसपास हल्की-हल्की बारिश होनी लगी। खबर लिखने तक बारिश जारी थी। बारिश होने से ठंड का असर और तेज हो गया है।
शिमला से साई संवाददाता स्वाति सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से साफ मौसम रहने के बाद बीते रोज मौसम ने अचानक करवट बदली और समूचा प्रदेश एक बार फिर ठंड की चपेट में आ गया है। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र तथा ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं पर देर रात से हिमपात जारी है जबकि निचले क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। राजधानी शिमला समेत राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों मनाली और नारकंडा में चार से पांच इंच ताजा बर्फ गिर चुकी है तथा बर्फ का सिलसिला अब भी जारी है। राज्य के अनेक भागों में यातायात भी बाधित हुआ है। कुफरी तथा नारकंडा में भारी हिमपात होने के कारण हिमाचल परिवहन निगम द्वारा रामपुर के लिए बसों को वाया धामी भेजा जा रहा है।
बर्फबारी और बारिश से बेहाल जनता ने मंगलवार को राहत की सांस ली है। मंगलवार को प्रदेश सहित राजधानी में मौसम साफ रहा, व लोगों ने अच्छी धूप का लुत्फ उठाया, हालांकि बाद दोपहर कई जगह बादलों ने फिर डेरा जमा लिया। मौसम साफ होने से बागवान खुश हैं और अपने बगीचों के काम निपटाने में व्यस्त हो गए हैं। इस वर्ष हुई अच्छी बर्फबारी के कारण जमीन में पर्याप्त मात्रा में नमी होने के कारण उत्पादक सब्जी लगाकर भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं। मौसम विभाग के अनुसार अब प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा, मगर ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में आठ फरवरी को कुछ स्थानों पर हल्की बोछारें और हिमपात हो सकता है। मंगलवार को सबसे कम तापमान केलंग में माइनस 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना का तापमान 23.0 डिग्री सबसे अधिक रहा।
श्रीनगर से साई संवाददाता विनोद नेगी ने बताया कि जवाहर सुरंग के निकट भारी बर्फबारी तथा रामबन व पंथाल के बीच हुए भूस्खलन के चलते बीते तीन दिनों से बंद पड़ा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के खुलने पर जम्मू से छोटे-बड़े वाहनों को श्रीनगर रवाना किया गया। यातायात पुलिस के इंसपेक्टर जनरल एचके लोहिया ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बीकन कर्मचारियों द्वारा मलबे हटाए जाने के बाद मार्ग को यातायात के योग्य बनाया गया। सोमवार शाम 6.30 बजे तक जम्मू से 700 के करीब छोटी बड़ी गाड़ियों, जिनमें अधिकांश खाद्य सामग्री से भरे ट्रक थे, को श्रीनगर रवाना किया गया। सड़क पर अभी भी फिसलन है, लिहाजा वाहनों को धीमी गति से चलने की सलाह दे रहे हैं। मंगलवार को भी मौसम साफ रहने पर राजमार्ग एकतरफा खुला रहेगा।
वादी में बीते तीन दिनों से जारी बारिश और बर्फबारी सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही। इसके चलते अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी और न्यूनतम फिर गिरकर जमाव बिंदू पर आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, पहलगाम में सुबह 8.30 से शाम 6.30 बजे तक 7.9 मिलीमीटर बारिश व बर्फ, गुलमर्ग में 7.9, काजीगुंड में 8.1, जबकि कोकरनाग में 6.1 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। श्रीनगर में अधिकतम तापमान 10.2 तो न्यूनतम -0.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गुलमर्ग सबसे ठंडा रहा। वहां पारा -10.2 डिग्री दर्ज किया गया। पहलगाम में -4.5, कोकरनाग में -2.8, जबकि लेह का न्यूनतम तापमान -14.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। विभाग की मानें तो अगले चौबीस घंटों में कई इलाकों में बारिश व हल्की बर्फबारी होने की संभावना है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार को भी यातायात के लिए एकतरफा खुला रहा। इस बीच वाहनों को श्रीनगर से जम्मू की तरफ रवाना किया गया। यातायात पुलिस के इंसपेक्टर जनरल एचके लोहिया ने कहा कि मंगलवार शाम 6.30 बजे तक करीब 1200 गाड़ियों को जम्मू के लिए रवाना किया गया। मौसम ठीक रहने की सूरत में बुधवार को भी मार्ग को एकतरफा यातायात के लिए खुला रहेगा। गौरतलब है कि शुक्रवार को वादी में भारी बर्फबारी के राजमार्ग बंद कर दिया गया था।
जम्मू काश्मीर की वादी में चार दिनों से जारी बर्फबारी मंगलवार को थम गई। साथ ही दिन भर खिली धूप ने मौसम को खुशगवार बना दिया। अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री की बढ़ोत्तरी हुई। मंगलवार को पारा 12.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा गया। हालांकि, न्यूनतम तापमान में सुधार नहीं हुआ है। गौरतलब है कि बीते चार दिनों से वादी में हुई बर्फबारी ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। तापमान में गिरावट के चलते शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया था। लेकिन, मंगलवार को मौसम ने फिर एक बार खुशगवार करवट बदली। लोगों ने खिली धूप का दिनभर आनंद लिया। वहीं, गुलमर्ग वादी का सबसे ठंडा क्षेत्र रहा। यहां न्यूनतम तापमान -11.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पहलगाम में तापमान -9.0, कोकरनाग में -3.6 जबकि श्रीनगर का न्यूनतम तापमान -0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उधर लेह का पारा -9.2 डिग्री रहा। जबकि, करगिल का -9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटों में वादी में मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है।
इसके पूर्व पिछले दिन बर्फीले तूफान और हिमस्खलन की आशंका के बीच जम्मू संभाग के रियासी जिले की माहौर तहसील में बर्फ का तोंदा गिरने से दो लोग दब गए, जबकि दो अन्य ने किसी तरह भागकर जान बचाई। बर्फ में दबे लोगों की तलाश में पुलिस व सेना ने अभियान चला रखा है। उधर, भारी हिमपात व भूस्खलन के कारण दो दिन से बंद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रविवार एक तरफा खोल दिया गया। मौसम ठीक रहा तो सोमवार को वाहन जम्मू से श्रीनगर जाएंगे। इस बीच, प्रशासन ने उच्च पर्वतीय इलाकों और पीरपंजाल पर्वतश्रृंखला के साथ सटे इलाकों में सोमवार शाम पांच बजे तक बर्फीले तूफान की आशंका जताते हुए लोगों को सावधान रहने को कहा है।
हिमस्खलन रू रियासी जिले के खुमी झाड़ इलाके से शनिवार शाम को चार लोग पैदल गुजर रहे थे। तभी अचानक बर्फ का बड़ा तोंदा उन पर आ गिरा। दो लोगों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, जबकि दो बर्फ के नीचे दब गए। साथियों ने उनकी काफी तलाश की, लेकिन कामयाबी न मिलने पर वह कई मील पैदल चलकर देर रात माहौर पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। बर्फ में दबे लोगों की पहचान विक्रम सिंह (30) पुत्र कपूर सिंह निवासी वागनकोट तथा बलदेव सिंह पुत्र रिखी राम निवासी डंगाकोट के रूप में हुई है। एसएसपी रियासी अतुल गोयल ने बताया कि लापता लोगों की तलाश में माहौर के डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस के साथ सेना ने अभियान चला रखा है।
बर्फबारी के कारण बंद हुआ जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग रविवार दोपहर एक-तरफा वाहनों के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही राजमार्ग पर फंसे करीब 200 वाहन जम्मू व श्रीनगर पहुंच सके। आइजी ट्रैफिक हेमंत लोहिया के अनुसार सुबह 9 बजे डोडा मार्ग को खोल दिया गया। राजमार्ग से बर्फ व पस्सियां हटाने का काम भी पूरा किया गया। बनिहाल और रामबन में फंसे करीब 500 ट्रकों को भी धीरे-धीरे आगे छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि मौसम साफ रहने की सूरत में सोमवार को जम्मू से श्रीनगर के लिए राजमार्ग खुला रहेगा।
बर्फबारी रू वादी के उच्चपर्वतीय व निचले इलाकों में बारिश और हिमपात हो रहा है। हालांकि श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में हिमपात सुबह आठ बजे तक थम गया, लेकिन गुलमर्ग, जवाहर सुरंग, खिलनमर्ग, पवित्र अमरनाथ गुफा, युसमर्ग, साधना पास, राजदान पास और जोजिला समेत उच्चपर्वतीय इलाकों में दिनभर रुक-रुककर बर्फ गिरती रही। मौसम विभाग के अनुसार, वादी के विभिन्न इलाकों में दो से आठ इंच तक बर्फ रिकॉर्ड की गई है। शनिवार को श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -0.1 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में -0.7, काजीगुंड में -0.2, कोकरनाग में -0.2 और कुपवाड़ा में -0.1, गुलमर्ग में -7.5 व लेह में -7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जम्मू में रविवार का अधिकतम तापमान 19.3 जबकि न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
जयपुर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो शैलेंद्र ने बताया कि प्रदेश में शीतलहर के कारण सर्दी का असर एक बार फिर बढ़ गया है और उत्तर पश्चिमी सहित कई इलाको में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। माउंट आबू में न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु पर पहुंच गया है। वहीं मैदानी इलाकों में एक दशमलव सात डिग्री सेल्सियस तापमान जैसलमेर में रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह चूरु में एक दशमलव आठ, पिलानी में दो दशमलव तीन, गंगानगर में ढ़ाई, बीकानेर में साढ़े तीन, अजमेर में चार दशमलव दो, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर मे साढ़े पांच, जोधपुर छह और जयपुर में सात दशमलव तीन डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।

एक्जिट पोल पर तीन तक रोक


एक्जिट पोल पर तीन तक रोक

(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोआ विधानसभाओं का चुनाव होने तक एग्जिट पोल के प्रसारण और प्रकाशन पर तीन मार्च तक रोक लगा दी है। समाचार पत्र और समाचार चेनल्स आदि अब एग्जिट पोल को न प्रकशित कर पाएंगे और ना ही प्रसारित। यह रोक तीन मार्च शाम तक जारी रहेगी।
आयोग ने इस आशय की अधिसूचना जारी करते हुए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम १९५१ की धारा १२६ के तहत प्रत्येक चरण में मतदान समाप्त होने से पहले की ४८ घंटे की अवधि के दौरान इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर किसी भी रूप में जनमत सर्वेक्षण के प्रसारण पर भी रोक लगा दी है। एग्जिट पोल पर रोक तीन मार्च की शाम साढ़े पांच बजे तक इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया दोनों पर लागू होगी जबकि जनमत सर्वेक्षण पर रोक केवल इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए है।

वन माफिया और राजस्व की सांठ गांठ से करोड़ों के वारे न्यारे


वन माफिया और राजस्व की सांठ गांठ से करोड़ों के वारे न्यारे

अवैध कटाई को हवा धुंध में गिरे बताने का चल रहा है खेल

मण्डला में कलेक्टर करते है एसे वृक्षों को राजसात



(विपिन सिंह राजपूत)

सिवनी (साई)। देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले में वन माफिया और राजस्व विभाग की सांठ गांठ से करोड़ों रूपयों के वारे न्यारे हो रहे हैं। राजस्व विभाग की मिली भगत से जिले में वन माफिया द्वारा अवैध कटाई चरम पर है। जिले के आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड घंसौर में इस वक्त करोड़ों रूपयों की वन संपदा अवैध तौर पर कटी हुई पड़ी है, जिसे वन माफिया राजस्व विभाग के साथ मिलकर एक नंबर में करने की जुगत लगा रहा है।
वन विभाग के सूत्रों का दावा है कि राजस्व विभाग के तहसीलदार की शह पर वन माफिया के हौसले बुलंदी पर हैं। सूत्रों का कहना है कि वन माफिया द्वारा निजी भूमि पर लगी बेशकीमती वन संपदा को अवैध रूप से काट दिया जाता है। इसके उपरांत राजस्व विभाग के कारिंदों द्वारा इसे हवा धुंध आंधी में गिरा हुआ प्रमाणित कर दिया जाता है। इसके बाद आरंभ होता है सारा खेल। वन विभाग द्वारा राजस्व के इस प्रमाणपत्र के मिलते ही इन गिरे हुए वृक्षों पर हेमर लगाकर इन्हें एक नंबर की लकड़ी में तब्दील कर दिया जाता है।
इस पूरी कार्यवाही में तहसीलदार द्वारा भूमि स्वामी पर नाम मात्र का फाईन लगा दिया जाता है। इस फाईन के बाद यह अवैध तरीके से काटी गई पूरी  की पूरी लकड़ी पूरी तरह से वेध हो जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके बाद यह कटी हुई लकड़ी सीधे वन विभाग के डिपो पहुंच जाती है, इसकी ग्रेडिंग की जाकर इसके अलग अलग लाट बनवा दिए जाते हैं।
वन विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि चूंकि तहसीलदार को ही राज्य सरकार द्वारा अधिकार दिए गए हैं अतः यह मामला जिला कलेक्टर की जानकारी तक पहुंच ही नहीं पाता है और करोड़ों अरबों रूपए के वारे न्यारे हो जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि बिना अनुमति के काटे गए झाड़ों को राजस्व की धारा 240 और 241 के तहत राजसात करने का अधिकार दिया गया है। सीमावर्ती मण्डला जिले में जिला कलेक्टर ने इस तरह की लकड़ी को राजसात करने के सख्त आदेश जारी किए हुए हैं।
व्याप्त चर्चाओं के अनुसार एक चक में अवैध तरीके से काटे गए इस तरह के झाड़ों के लिए पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक प्रति प्रकरण दो दो हजार रूपए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदार एक एक हजार रूपए, वन विभाग के रेंजर पांच सौ रूपए घन मीटर, अनुविभागीय अधिकारी वन एक हजार रूपए घन मीटर, डिपो में ग्रेडिंग के लिए वहां तैनात अमला ग्रेड के हिसात से अपना हिस्सा निर्धारित करता है। अपेक्षा व्यक्त की जा रही है कि जिला कलेक्टर अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर जिले में अवैध ट्री फालिंग के लिए राजस्व की धारा 240 और 241 के तहत राजसात की कार्यवाही को सख्ती से लागू करवाएं।

सरकारी खर्च पर भाजपा की विकास यात्रा: फिरोज़ खान


सरकारी खर्च पर भाजपा की विकास यात्रा: फिरोज़ खान



(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। ‘‘भारतीय जनता पार्टी की विकास यात्रा में मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा शासन प्रशासन का दुरूपयोग किया जा रहा है। एक तरफ तो इस यात्रा से सांसद विधायक कन्नी काट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भीड़ बढ़ाने के लिए विधयकों के कारिंदों द्वारा शालाओं में जबरन ही अवकाश करवाकर बच्चों को जबरिया इसमें शामिल करवाया जा रहा है।‘‘ उक्ताशय की बात नगर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता फिरोज़ खान द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति में कही है।
फिरोज खान ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा पंच परमेश्वर योजना के तहत प्रत्येक ग्राम में ढाई लाख रूपए की राशि से सड़क निर्माण की घोषणा की है। भाजपा की विकास यात्रा इसी पंच परमेश्वर योजना पर ही आधारित है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसद विधायकों से आम जनता बुरी तरह आज़िज आ चुकी है। मुख्यमंत्री ने यह कदम इसलिए उठाया कि पंच परमेश्वर योजना के तहत भूमिपूजन के दौरान गांव की जनता भाजपा के सांसद विधायकों को न खदेड़ पाए इसलिए सरकारी धन के अपव्यय का यह ताना बाना शिवराज सरकार द्वारा बुना गया है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भाजपा इस विकास यात्रा को पार्टीगत प्रोग्राम जतलाती है, वहीं दूसरी ओर इस विकास यात्रा में सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फोटो के साथ मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। इन परिस्थितियों में जनता के मन में यह प्रश्न उठना लाज़िमी है कि यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश सरकार का है या फिर भाजपा का!
फिरोज खान ने आगे कहा कि समूचे जिले से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि विधायकों द्वारा इस प्रोग्राम में जनता के न जुड़ने के कारण भीड़ बढ़ाने के लिए शालाओं की जबरन ही छुट्टी करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इतना घ्रणित काम कर रही है जिसकी निंदा की जाना जरूरी है। अब जबकि परीक्षाएं सर पर हैं इन परिस्थितियों में बच्चों की छुट्टी करवाकर भाजपा देश के नौनिहालों के साथ मजाक और अन्याय कर रही है।
नगर कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि क्या सिवनी जिला भाजपा में इतना नैतिक साहस है कि वह अपने मुख्यमंत्री से यह पूछ सके कि आखिर क्या वजह है कि प्रदेश सरकार द्वारा सिवनी जिले के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री घोषणाओं पर घोषणा करते हैं किन्तु उन्हें अमली जामा पहनाने की जब बारी आती है तो वे पीछे क्यों हट जाते हैं?
श्री खान ने याद दिलाते हुए कहा कि छपारा को नगर पंचायत का दर्जा देने, कान्हीवाड़ा धनोरा को उपतहसील बनाने, पेंच परियोजना में विलंब, संभागीय मुख्यालय सिवनी को बनाने जैसी घोषणाएं आज भी मुख्यमंत्री की राह तक रही हैं, जिनके बारे में शिवराज सिंह चौहान ने बड़े गर्व से चीख चीख कर घोषणा कर तालियां बटोरी थीं।

गंवार नही गंवार फ़ल्ली


हर्बल खजाना ----------------- 18

गंवार नही गंवार फ़ल्ली



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। घर घर में खायी जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से गंवार फ़ल्ली एक है जिसकी खेती वृहद स्तर पर की जाती है । गंवार फ़ल्ली का वानस्पतिक नाम स्यामोप्सिस टेट्रागोनोलोबा है । डाँग- गुजरात के आदिवासी इसके फ़ल्लियों को सुखाकर चटनी तैयार करते है और मधुमेह के रोगी को ४० दिनो तक दिन में चार बार प्रतिदिन देते है, इनका मानना है कि ये काफ़ी फ़ायदा करता है ।
पातालकोट के आदिवासी का मानना है कि फ़ल्लियों के बीजों को रात भर पानी में डुबोकर रखा जाए और अगले दिन सूजन, जोड दर्द और जलन देने वाले शारीरिक भागों पर लगाने से अतिशीघ्र आराम मिलता है । कच्ची फ़ल्लियों को चबाया जाए तो यह मधुमेह के रोगीयों के लिए हितकर होता है ।
कच्ची फ़ल्लियों को पीसकर इसमें टमाटर और धनिया की हरी पत्तियों को डालकर चटनी तैयार की जाए और प्रतिदिन सेवन किया जाए तो आँखो की रौशनी बेहतर होती है और लगातार सेवन से कई बार चश्मा भी उतर जाता है । कच्ची फ़ल्लियों को अच्छी तरह से उबाल लिया जाए और उस पानी में अपने पैरों को कुछ देर तक डुबोया जाए तो फ़टे पैर और तालु ठीक हो जाते है । इसके बीजों को एक उत्तम पशुआहार माना जाता है ।
आदिवासी अंचलों में इसकी फ़ल्लियों को सुखाकर इसमें सरसों के तेल को मिलाकर चौपायों को देने से उनके दूध उत्पादन में बढोतरी होती है । गंवार फ़ल्ली को जलाकर राख तैयार कर ली जाए व इसमें सरसों का तेल डालकर लेप तैयार किया जाए और चौपायों के घाव पर लगाया जाए तो उन्हे आराम मिल जाता है ।

(साई फीचर्स)
www.abhumka.com
deepak@abhumka.com