गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

द्विवेदी बन सकते हैं संसदीय सेल के समन्वयक!

द्विवेदी बन सकते हैं संसदीय सेल के समन्वयक!

पार्टी का काम करने के एवज में उपकृत हो सकते हैं सेवानिवृत अधिकारी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश की राजधानी के मंहगे रिहाईशी इलाके में स्थित मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के सूचना केंद्र के प्रभारी पद से सेवा निवृत हुए अधिकारी सुरेंद्र कुमार द्विवेदी को सूबे के सांसदों के प्रस्तावित सेल का समन्वयक बनाकर सरकारी सिस्टम में दोबारा लाने की कवायद की जा रही है। हाल ही में बसंत पंचमी पर एमपी भाजपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा आयोजित मिलन समारोह में उक्त अधिकारी का बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना इसी बात को दर्शा रहा है कि वे सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुचने के बाद भी भाजपा के आकाओं को प्रसन्न करने में जुटे हुए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा बसंत पंचमी पर राजधानी दिल्ली में मंत्रियों, सांसदों और पत्रकारों का मिलन समारोह आयोजित किया गया था। बताते हैं कि इस समारोह को संपन्न कराने की जिम्मेदारी 31 जनवरी को सूचना केंद्र के प्रभारी और अपर संचालक सुरेंद्र द्विवेदी सेवानिवृत्त होने वाले थे। कहा जा रहा है कि सेवानिवृत्ति के एक साल पहले से ही उन्होंने मध्य प्रदेश सूचना केंद्र को भाजपा संगठन का अघोषित कार्यालय बना दिया था।
चर्चा है कि इस कार्यालय में उन्हीं पत्रकारों को ज्यादा तरजीह दी जाती थी जो भाजपा मानसिकता के थे। इतना ही नहीं पत्रकारों को मिलने वाली सुविधाएं मीडिया के बजाए भाजपा सांसद विधायकों को मुहैया करवाने के आरोप लगने लगे थे। बसंत पंचमी को प्रभात झा के इस प्रोग्राम में मंत्रियों ने किनारा ही किया। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि मंत्रियों को भय था कि अगर उन्होंने इसमें शिरकत की तो कहीं सूबे के निजाम शिवराज सिंह के कोप का भाजन उन्हें न बनना पड़े। इस कार्यक्रम का भोगमान (प्रोग्राम का संपूर्ण खर्च) किसने भोगा यह शोध का विषय है। कहा जा रहा है कि जाते जाते श्री द्विवेदी ने इसे जनसंपर्क विभाग के खाते से ही करवा दिया गया है।
बताया जाता है कि पहले तो उक्त अधिकारी द्वारा संगठन की परोक्ष तौर पर सेवा के एवज में भोपाल स्थित माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पुर्ननियुक्ति की असफल कोशिश की। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में यह बात ला दी गई थी कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग का दिल्ली स्थित सूचना केंद्र सरकार के बजाए संगठन की छवि चमकाने का काम कर रहा है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि अब सेवानिवृति के उपरांत सुरेंद्र द्विवेदी को उपकृत करने के लिए मध्य प्रदेश के सांसदों के लिए सरकारी स्तर पर एक सेल का गठन किया जा रहा है। इस सेल में मध्य प्रदेश के सांसदों को संसद में होने वाली गतिविधियों से रूबरू रखने के लिए काम किया जाएगा। चर्चा है कि एमपी भाजपा सुप्रीमो प्रभात झा के करीबी सुरेंद्र द्विवेदी को सेवानिवृति के उपरांत इस सेल में भेजकर उन्हें पुर्ननियुक्ति देकर सरकार के बजाए पार्टी की सेवा का सम्मान दिलाने का जतन जारी है।

ठौर नहीं मिल पा रहा हरीश खरे को!


ठौर नहीं मिल पा रहा हरीश खरे को!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कल तक देश के वज़ीरे आज़म के नाक का बाल बने रहे हरीश खरे आज आशियाने के लिए दर दर भटकने पर मजबूर हैं। स्वाभिान से लवरेज़ हरीश खरे अपनी प्रतिष्ठा को अक्ष्क्षुण रखने की खातिर अब जमीन तलाश रहे हैं। कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी से मिलने का सपना मन में लिए हरीश खरे अब कांग्रेस में सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) में घुसने के लिए सीढ़ी तलाश रहे हैं।
10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि पीएमओ से बाहर किए गए हरीश खरे ने सोनिया गांधी के पारिवारिक मित्र और पत्रकारी सुमन दुबे से मदद की गुहार लगाई है। दरअसल, सुमन दुबे और हरीश खरे की इस बैठक को सुमन दुबे के समधी ने आयोजित किया। सुमन दुबे के पुत्र का विवाह इकानामिक टाईम्स के एक वरिष्ठ पत्रकार की भतीजी के साथ हुआ है।
इस बैठक के बाद जो बातें छन छन कर बाहर आ रही हैं, उनके अनुसार हरीश खरे की तमन्ना है कि वे एक मर्तबा सोनिया गांधी से मिलकर अपना दर्द हल्का करना चाह रहे हैं। उधर, हरीश खरे के अघोषित तौर पर धुर विरोधी पुलक चटर्जी ने इस बात की घेराबंदी कर रखी है, कि हरीश खरे सोनिया गांधी से न मिल पाएं।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि पुलक चटर्जी के संज्ञान में जबसे यह बात आई है कि सुमन दुबे और हरीश खरे के बीच एक सिटिंग हो चुक है, तबसे उनका रक्तचाप भी कुछ बढ़ सा गया है। सूत्रों ने कहा कि अब चटर्जी इस प्रयास में हैं कि सुमन दुबे को इस बात के लिए राजी कर लिया जाए कि वे हरीश खरे को 10, जनपथ से दूर ही रखें।

कौन पा रहा है थापर से पगार!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  56

कौन पा रहा है थापर से पगार!

संयंत्र प्रबंधन की ना पर पीसीबी की हां!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जा रहे 1200 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट में कंपनी की पगार कौन ले रहा है इस बात को लेकर संशय बना ही हुआ है। संयंत्र प्रबंधन द्वारा प्रदूषण रोकने और पर्यावरण को बनाए रखने के मसले पर कहा जाता है कि उनके द्वारा वृक्षारोपण अब तक नहीं किया गया, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश प्रदूषण मण्डल का कहना है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पिछले तीन सालों में साईट पर कोई वृक्षारोपण नहीं किया गया है।
ज्ञातव्य है कि मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा घंसौर के बरेला ग्राम में 600 मेगावाट के कोल आधारित पावर प्लांट के लिए लोकसुनवाई के दौरान ही पर्यावरण से बचाव के लिए वृक्षारोपण करने का संकल्प लिया गया था। इसके उपरांत 22 नवंबर 2011 को हुई इसके दूसरे चरण (600 या 660 मेगावाट कुल मिलाकर 1200 या 1260 मेगावाट स्पष्ट नहीं) की लोकसुनवाई में संयंत्र के महाप्रबंधक श्री मिश्रा ने साफ तौर पर स्वीकार किया था कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा 22 नवंबर 2011 तक कोई वृक्षारोपण नहीं करवाया गया था।
इसके उपरांत जब इस संबंध में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी श्री बुन्देला से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि संयंत्र प्रबंधन ने वृक्षारोपण करवाया था। बकौल बुन्देला, वे इस बात की तसदीक करके बताएंगे कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा कराए गए वृक्षारोपण में से कितने वृक्ष अब तक बचे हुए हैं। वस्तुतः जब संयंत्र प्रबंधन स्वयं ही स्वीकार कर रहा है कि उसके द्वारा वृक्षारोपण नहीं कराया गया से साफ हो जाता है कि मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी श्री बुन्देला किसी कारण विशेष के चलते ही संयंत्र प्रबंधन का पक्ष ले रहे हैं।
श्री बुंदेला ने आज चर्चा के दौरान कहा कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पिछली बरसात में वृक्षारोपण करवाया था। जब उनके संज्ञान में संयंत्र प्रबंधन श्री मिश्रा की नकारोक्ति लाई गई तो उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या बात है पर हम दावे के साथ कह सकते हैं कि वृक्षारोपण पिछली बरसात में कराया गया था। अब शोध इस बात पर किया जाना चाहिए कि आखिर मध्य प्रदेश सरकार से कौन पगार ले रहा है और गौतम थापर की जेब से किसकी पगार निकाली जा रही है।
एक तरफ तो संयंत्र के महाप्रबंधक श्री मिश्रा द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड से पगार लेकर वास्तविकता सामने लाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी श्री बुंदेला द्वारा मध्य प्रदेश सरकार से तनख्वाह लेकर बिना मौका मुआयना किए हुए ही पता नहीं किस दबावमें संयंत्र का पक्ष आंख बंद कर लिया जा रहा है।
2009 से संयंत्र की स्थापना आरंभ हो चुकी है। इसके उपरांत दिसंबर 2011 तक की अवधि में वाहनों की आवाजाही आदि से पर्यावरण का जो नुकसान हुआ है उसका भोगमान कौन भोगेगा इस बारे में भी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल खामोशी ही अख्तिायार किए हुए है। अब वृक्षारोपण होने पर संयंत्र के आरंभ होने तक पौधे पेड़ का रूप धारण नहीं कर पाएंगे जिससे पर्यावरण का असंतुलन बरकरार रहने की ही उम्मीद है।
कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के।डी।देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

अनिश्चितता के बादल में घिरे दिनेश त्रिवेदी


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 78

अनिश्चितता के बादल में घिरे दिनेश त्रिवेदी

लाख टके का सवाल - कौन करेगा रेल बजट पेश



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और त्रणमूल कांग्रेस के बीच खुदी खाई के सतत बढ़ते रहने से अब देश के रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की पेशानी पर पसीने की बूंदे छलक उठी हैं। दिनेश त्रिवेदी को भय सता रहा है कि कहीं उनके प्रथम रेल बजट पेश करने से पहले ही उनकी आसनी (कुर्सी) ही न छीन ली जाए। त्रिवेदी की मुश्किल यह भी है कि उनकी पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी रेल किराया बढ़ाने के सख्त खिलाफ हैं तो दूसरी ओर अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो भारतीय रेल के हाथों में कटोरा होगा और वह भी इंडियन एयरलाईंस के मानिंद दरवाजे दरवाजे भीख मांगती नजर आएगी।
त्रणमूल और कांग्रेस के बीच बढ़ती दरार का सबसे ज्यादा प्रभाव रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पर पड़ता दिखाई दे रहा है। त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अपनी मित्र मण्डली के बीच अपना डर साझा कर रहे हैं कि कहीं एसा न हो उनके जीवन के प्रथम रेल बजट पेश करने के पहले ही उन्हें मंत्रीमण्डल से चलता कर दिया जाए। कहा जा रहा है कि त्रणमूल और कांग्रेस के बीच मतभेदों के साथ ही साथ त्रिवेदी के अपनी पार्टी सुप्रीमो ममता के साथ भी संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं।
ममता और कांग्रेस के बीच जैसे जैसे बयानबाजी तेज हो रही है उससे संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है जल्द ही ममता बनर्जी द्वारा त्रणमूल कोटे के मंत्रियों को सरकार से वापस बुला सकती हैं। सूत्रों के अनुसार त्रिवेदी इन दिनों काफी टेंशन में हैं। रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इसी उहापोह के चलते रेल बजट की फाईलें भी त्रिवेदी के अनुमोदन के लिए लटकी पड़ीं हैं।
उधर, ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उपर वाले के करम से अगर दिनेश त्रिवेदी कुछ हफ्ते अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब भी हो जाते हैं तो भी उनके लिए परेशानियां कम नहीं होने वाली हैं। सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी इस बात के लिए कतई तैयार नहीं हैं कि रेल का यात्री किराया बढ़ाया जाए। परेशानी का सबब यह है कि दिनेश त्रिवेदी को बताया गया है कि अगर रेल यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया तो निश्चित तौर पर रेल बदहाली और कंगाली की पटरी पर दौड़ने लगेगी।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि इस बार वाम दलों से लेकर सभी ने यहां तक कि विशेषज्ञों ने भी रेल्वे का यात्री किराया और माल भाड़ा बढ़ाने और युक्तिसंगत करने की सिफारिश की है। लेकिन, ममता की धमकियों के आगे सब बेबस ही नजर आ रहे हैं। दिनेश त्रिवेदी के लिए आने वाले कुछ सप्ताह इधर कुंआ उधर खाई के मार्ग समान ही नजर आ रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

फिर तैयार रहिए तेज सुर्खा के लिए


फिर तैयार रहिए तेज सुर्खा के लिए

शीतलहर की वापसी की उम्मीद!



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। सूर्य नारायण के तेज को देखकर यह मत सोचिए कि आने वाले दिनों में आपको सर्दी और गर्म कपड़ों से निजात मिलने वाली है। आने वाले कुछ दिन के लिए ही सही, शीतलहर एक बार फिर पलटने की राह पर है। बुधवार को उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। पर्वतांचल में गुरुवार से लेकर मंगलवार के बीच बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है। इस दरम्यान मैदानी इलाकों में भी कहीं-कहीं बारिश होगी और शीतलहर की गिरफ्त सख्त होगी।
राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान में तकरीबन दो डिग्री की बढ़ोतरी होने के कारण बुधवार सुबह दिल्ली वालों के लिए ठिठुरन वाली ठंड से कुछ राहत रही। मौसम विभाग का कहना है कि गुरुवार को सुबह में शहर पर धुंध की हल्की चादर रहेगी। पहाड़ी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी धूप खिली रही, लेकिन शीतलहर के साथ।
हिमाचल प्रदेश में फिर बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। मौसम विभाग पहले ही भविष्यवाणी कर चुका है कि दो फरवरी के इर्द-गिर्द हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित सूबे के अन्य हिस्सों में दोपहर तक धूप खिली रही। लेकिन शाम के आने से पहले बादलों ने डेरा जमा लिया। लोग इसे मौसम का मिजाज बदलने का संकेत बता रहे थे। वादी कश्मीर भी एक बार फिर शीतलहर की चपेट में आने लगी है। न्यूनतम तापमान बुधवार को जमाव बिंदु से चार डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। तापमान में बढ़ोतरी के कारण मंगलवार को कश्मीर घाटी और लद्दाख के लोगों को शीतलहर से कुछ राहत मिली थी। लेकिन 24 घंटे बाद न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट के कारण राहत काफूर हो गई। मौसम विभाग ने तीन से सात फरवरी के बीच भारी हिमपात का अनुमान जताया है।
विदेशों में भी सर्दी कहर ढा रही है। यूरोप में भीषण सर्दी से जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। सर्दी से मरने वालों की संख्या ८३ हो गयी है। यूक्रेन में ठंडे मौसम ने बेघर लोगों के सामने समस्यायें उत्पन्न कर दी हैं। कुछ क्षेत्रों में कार्यालय और शिक्षण संस्थायें बंद कर दी गयी हैं तथा जल-भंडार भी जम गये हैं। इटली के कई शहरों में २७ वर्षों में सबसे भीषण सर्दी पड़ रही है जिससे लोग घरों में रहने को विवश हो गये हैं। कई सप्ताह के हिमपात से परिवहन सुविधाओं पर असर पड़ा है तथा शीत लहर से हजारों लोग बीमार पड़ गये हैं।
जम्मू से साई संवाददाता विनोद नेगी ने बताया कि भारी बर्फबारी के कारण तीन सौ किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अस्त-व्यस्त हुई यातायात सेवाएं अब पटरी पर लौट रही है। एक महीने के बाद हाईवे पर वीरवार को दोतरफा ट्रैफिक बहाल हो जाएगी। हालांकि, ताजा बर्फबारी व हिमस्खलन की संभावना के बीच ट्रैफिक विभाग ने चार व पांच फरवरी को हाईवे पूरी तरह से बंद रखने का फैसला किया है।
बर्फबारी के कारण छह जनवरी को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पहली बार बंद हुआ था। इसके बाद कभी रास्ते खुले तो कभी बंद। दोनों तरफ फंसे यात्रियों को निकालने व खाद्य सप्लाई जारी रखने के उद्देश्य से इस हाईवे पर बीच-बीच में एक तरफा ट्रैफिक बहाल की गई। अब वीरवार से जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दो तरफा ट्रैफिक के लिए खोला जा रहा है। हालांकि इस दौरान जम्मू से भारी वाहनों को श्रीनगर जाने की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, खाद्य सामग्री लेकर जाने वाले सामान्य वाहनों के अलावा हर प्रकार के यात्री वाहनों व निजी वाहनों को दोनों तरफ से सफर करने की अनुमति होगी। डोडा व साथ लगते इलाकों के लिए भी गुरूवार को यहीं व्यवस्था रहेगी।
इस बीच मौसम विभाग ने तीन से सात फरवरी के बीच ताजा पश्चिम विक्षोभ के चलते बर्फबारी की संभावना जताई है। ऐसे में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भी ताजा बर्फबारी व हिमस्खलन की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसके चलते ट्रैफिक विभाग ने चार व पांच फरवरी को हाईवे बंद रखने का फैसला किया है।
उधर, श्रीनगर से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की ब्यूरो दीपाली सिन्हा ने खबर दी है कि शीतलहर का प्रकोप फिर वादी को अपनी चपेट में लेने लगा है। अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री ऊपर 8.5 तक पहुंच गया है। अधिकतम तापमान में बढ़त भी शीतलहर के प्रकोप को कम करने में नाकाम हो रही है। उधर, न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग की मानें तो अगले चौबीस घंटों में वादी में मौसम आमतौर शुष्क रहेगा।
बुधवार को वादी में मौसम शुष्क रहा। अधिकतम तापमान 8.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। दिन में हल्की धूप भी निकली, लेकिन ठंड से लोगों को खास राहत नहीं मिली। वहीं, न्यूनतम तापमान में कोई खास सुधार न आने के चलते रातें सर्द बनी हुई है। गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान -7.0, पहलगाम में -9.2, काजीगुंड में -5.0, कोकरनाग में -2.4, कुपवाड़ा में -3.1, जबकि श्रीनगर में न्यूनतम तापमान -4.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। लद्दाख में ठंड का कहर जारी है। कारगिल का न्यूनतम तापमान -20.0, जबकि लेह में -19.4 डिग्री दर्ज किया गया।
मध्य प्रदेश साई ब्यूरो नंद किशोर ने बताया कि पिछले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के जबलपुर और होशंगाबाद संभागों में कहीं-कहीं वर्षा हुई। शेष संभागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। पचमढ़ी में दो सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान रीवा, सागर, होशंगाबाद, भोपाल, उज्जैन और ग्वालियर संभागों में सामान्य से कम रहे। सबसे कम न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दतिया में दर्ज किया गया। मौसम केंद्र भोपाल ने अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। उसका कहना है कि न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है। मंडला जिले मंे पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश के चलते ठंड बढ़ गई है। लेकिन, आज सुबह से तेज धूप निकलने से लोगों को कुछ राहत मिली।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में निरन्तर हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होने की खबर है। मौसम विभाग द्वारा जिले में आगामी पॉंच फरवरी तक बारिश होने की संभावना बताने से किसानों की चिंता और बढ़ गई है। बीती शाम भी जिले के कई क्षेत्रों में बारिश होने के साथ पांढुर्ना और सौंसर में ओलावृष्टि से आधा दर्जन से ज्यादा गॉंवों में दलहनी, तिलहनी और सब्जियों की फसलें खराब होने के सामचार मिले हैं।
शिमला से साई ब्यूरो स्वाति सिंह ने बताया कि बीते लगभग एक सप्ताह से प्रदेश में धूप खिलने के बादे मौसम ने आज एक बार फिर करवट ले ली है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं और ठंडी हवाएं चल रही है। राज्य के जनजातीय जिला लाहौल स्पिति और किन्नौर तथा चम्बा जिला के पांगी और भरमौर में अभी भी भारी शीतलहर का प्रकोप जारी है और जनजीवन प्रभावित है। पांगी और भरमौर में आज सुबह हल्का हिमपात होने का भी समाचार है। मौसम विभाग के अनुसार कल तीन जनवरी से प्रदेश में ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिसके प्रभाव से राज्य के अधिकांश स्थानों पर व्यापक रूप से वर्षा और बर्फबारी की सम्भावना है। विभाग ने आज भी राज्य के मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वर्षा तथा बर्फबारी की सम्भावना जताई है।
उत्तराखण्ड साई ब्यूरो अर्जुन कुमार ने कहा कि चकराता-त्यूणी पर मार्ग पर उसमाड़ से लोखंडी तक तीन किमी सड़क के दोनों ओर बर्फ पर पाला जमने से फिसलन बढ़ गई है। तीन से चार फुट जमी बर्फ के चलते यहां हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ज्ञातव्य है कि कुछ दिनों पूर्व जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में हुई भारी बर्फबारी के चलते क्षेत्र का मुख्य मार्ग त्यूणी-चकराता कई दिनों तक अवरुद्ध रहा था। विधानसभा चुनाव को देखते हुए लोनिवि चकराता ने जेसीबी से बर्फ सड़क किनारे कर दी थी, जिससे वाहनों के आवाजाही को मार्ग खोला जा सका था। गत मंगलवार को इस मार्ग से देहरादून जा रही त्यूणी जोन की पोलिंग पार्टियां तीन घंटें तक लोखंडी के पास बर्फ में फंसी गई थी। सूचना पर प्रशासन ने मार्ग को खोलकर पोलिंग पार्टियों को रवाना किया था। त्यूणी-चकराता मार्ग पर उसमाड़ से लोखंडी तक तीन किमी सड़क पर दोनों किनारे जमी तीन से चार फुट बर्फ पर पाला गिरने से काफी फिसलन हो गई है। बर्फ पर पाला गिरने से बढ़ी फिसलने से यहां मोड़ों पर वाहनों के रपटने का खतरा है। इस मार्ग पर दोपहर बारह बजे तक सफर करना खतरा से खाली नहीं।
नैनीताल से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो नितीश अर्गल ने समाचार दिया है कि सरोवर नगरी नैनीताल में दोपहर में बादल छा जाने से ठंड बढ़ गई। जीआईसी मौसम केंद्र के मुताबिक न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सुबह के समय चटक धूप खिली हुई थी। आसमान साफ था। ठंड बढ़ने के कोई आसार नहीं थे, परन्तु दोपहर में घने बादलों ने आसमान में डेरा डाल लिया। साथ ही कोहरे ने नगर को आगोश में ले लिया। इसके चलते ठंड में इजाफा हो गया। तापमान गिर गया और दिन में ही लोग हीटर और अंगीठी का सहारा लेने के लिए मजबूर हो गए। शाम को बाजार जल्द सुनसान हो गए। इस बीच गर्म ऊनी कपड़ों का कारोबार करने वालों की चांदी रही। इधर पंतनगर कृषि विवि के मौसम विभाग के मुताबिक इस सप्ताह तापमान में गिरावट जारी रहेगी। हवा का वेग सामान्य रहेगा। बादलों की हल्की व मध्यम बनी रहेगी। जीआइसी मौसम केंद्र के अनुसार अधिकतम तापमान 13 व न्यूनतम 2.5 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता अधिकतम 38 व न्यूनतम 32 प्रतिशत दर्ज की गई।

सीनियर सिटीजन्स की परिषद का गठन


सीनियर सिटीजन्स की परिषद का गठन

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक परिषद के गठन का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल इस परिषद के गठन को मंजूरी दे दी। यह परिषद वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण से सम्बन्धित मामलों पर केन्द्र और राज्य सरकारों को सलाह देगी।
ये वरिष्ठ नागरिकों की शारीरिक और वित्तीय सुरक्षा के लिए नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने का सुझाव भी देगी। नई दिल्ली में जारी विज्ञप्ति के अनुसार परिषद में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री सहित बीस सदस्य होंगे। इनमें संसद के दोनों सदनों के सबसे वरिष्ठ सदस्यों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल होंगे।

सीबीआई ने आंध्र के अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र किया दाखिल


सीबीआई ने आंध्र के अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र किया दाखिल

(यशवंत श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने हैदराबाद की एक आलीशान बस्ती में जमीन सौंपने और विला तथा अपार्टमेंट की बिक्री में कथित अनियमितताओं से संबद्ध मामले में आंध्र प्रदेश के गृह सचिव और भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी बी पी आचार्य सहित सात व्यक्तियों तथा पांच कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
सी बी आई की प्रवक्ता धारिणी मिश्र ने नई दिल्ली में बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए विला और प्लॉट बढ़े हुए दामों पर बेचने में निजी रियल स्टेट कंपनियों कीे मदद की। यह आरोप पत्र हैदराबाद में सी बी आई की विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया।

जल-जमनी: जमा दे पानी भी



हर्बल खजाना ----------------- 15

जल-जमनी: जमा दे पानी भी



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। जंगलों, खेतों की बाड, छायादार स्थानों और घरों के इर्द-गिर्द पायी जाने वाली इस अनोखी वनस्पति को न जाने आपने कितनी बार देखा हो लेकिन इसकी औषधिय महत्ता को कम लोग ही जानते है । इस वनस्पति का वैज्ञानिक नाम कोक्युलस हिरसुटस है ।
जल को जमा देने के गुण की वजह से इसे जल-जमनी कहा जाता है । यदि इसकी कुछ पत्तियों को लेकर कुचल लिया जाए और इसे पानी में मिला दिया जाए तो कुछ ही देर में पानी जम जाता है अर्थात पानी एक जैली की तरह हो जाता है । आदिवासीयों का मानना है कि इस मिश्रण को यदि मिश्री के साथ प्रतिदिन लिया जाए तो पौरुषत्व प्राप्त होता है ।
य़ही फ़ार्मुला गोनोरिया के रोगी के लिये भी बडा कारगर है । पत्तियों के काढे का सेवन दस्त, ल्युकोरिया और पेशाब संबंधित तमाम रोगों के निवारण के लिये किया जाता है । पातालकोट के आदिवासी जल-जमनी की पत्तियों और जडों को अच्छी तरह पीसकर जोडों के दर्द में आराम के लिये उपयोग में लाते है । यदि इसी मिश्रण में अदरख और शक्कर मिलाकर लिया जाए तो यह अपचन और कब्जियत में फ़ायदा देता है ।
डाँग- गुजरात के आदिवासी सर्पदंश होने पर दंशित व्यक्ति को जल-जमनी की जडें (१० ग्राम) और काली मिर्च (४ ग्राम) को पानी में पीसकर रोगी को प्रत्येक १५ मिनट के अंतराल से पिलाते है । आदिवासियों का मानना है कि इस मिश्रण को देने से उल्टियाँ होती है और जहर का असर कम होने लगता है ।

(साई फीचर्स)

www.abhumka.com
deepak@abhumka.com