शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

क्या पीसीसी उठाएगी सिंधिया नाथ के खिलाफ कदम!


क्या पीसीसी उठाएगी सिंधिया नाथ के खिलाफ कदम!

नहीं रहे जेल भरो आंदोलन में सशरीर उपस्थित



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के 9 जनवरी को आहूत जेल भरो आंदोलन के बाद अब उन कांग्रेसियों पर गाज गिरने वाली है जो इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए, या जिन्होंने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। मध्य प्रदेश के कांग्रेसी सांसदों ने भी कांतिलाल भूरिया और प्रदेश कांग्रेस के इस आव्हान पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश के एक दर्जन सांसदों में से बमुश्किल चार सांसदों ने ही जेल भरो आंदोलन में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश कोटे से केंद्र में मंत्री कमल नाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण यादव भी पार्टी के इस अभियान से दूर रहे। इतना ही नहीं टीम राहुल की सदस्य और मंदसौर सांसद मीनाक्षी नटराजन ने भी इस आंदोलन से अपने आप को दूर ही रखा। इस आंदोलन में जिनकी सक्रिय भूमिका नहीं रही है उन पर गाज गिरने की खबरें लगातार मीडिया की सुर्खी बनती रहीं हैं। अब जब केंद्रीय मंत्रियों ने ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इस आव्हान को धता बताई है तब क्या केंद्रीय नेतृत्व नाथ और सिंधिया के खिलाफ कार्यवाही करने का साहस जुटा पाएगा?
इस आंदोलन में देवास सांसद सज्जन सिंह वर्मा, होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह, शहडोल की राजेश नंदनी सिंह, उज्जैन के प्रेम चंद गुड्डू के अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और रतलाम सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति लाल भूरिया ने अपने आप को इस आंदोलन में झोंका। धार के सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, मण्डला के सांसद बसोरी सिंह मसराम, कांग्रेस के महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के क्षेत्र में राजगढ़ के सांसद नारायण सिंह ने अपने आप को इस आंदोलन से प्रथक ही रखा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय 24 अकबर रोड़ में चल रही चर्चाओं के अनुसार भले ही कांग्रेस 2013 में दस साल सत्ता के बाहर रहने के बाद अब पुनः मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही हो, किन्तु केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के सांसदों ने पार्टी की हर गतिविधि से मुंह मोड़कर रखा हुआ है जो चिंता का विषय ही माना जा रहा है।
उधर संवैधानिक पद पर रहते हुए भी मध्य प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा पार्टी के इस अभियान में खुद को तबियत से झोंके जाने की सर्वत्र प्रशंसा ही की जा रही है। हरवंश सिंह ने भले ही खुद गिरफ्तारी न दी हो पर उनके द्वारा अनशन स्थल पर आयोजित सभा में भाषण देकर कांग्रेसियों मे जोश का संचार किया।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि मध्य प्रदेश में इस कदर गुटबाजी पसरी हुई है कि वहां आने वाले दस साल और कांग्रेस को सत्ता से बाहर रहना होगा, इसका प्रमुख कारण पार्टी के सांसदों का दिल्ली प्रेम है। पार्टी के सांसदों का दिल दिल्ली में इस कदर लग चुका है कि वे अब अपने सूबे की कांग्रेस कमेटी को भूल ही चुके हैं। रही बात मंत्रियों की तो मंत्री भी दिल्ली में इस कदर मगन हो चुके हैं कि उन्हें भी सूबाई कांग्रेस की कोई सुध नहीं है।

आपने हमें जगाया इसके लिए हम आभारी हैं: बुंदेला


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  51

आपने हमें जगाया इसके लिए हम आभारी हैं: बुंदेला

हमारा काम कार्यवाही करना नहीं अनुशंसा विभाग को भेजना है: बुंदेला



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड मे लगने वाले मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के कोल आधारित पावर प्लांट के बारे में लोकसुनवाई की विसंगतियों को हमारे ध्यान में लाने के लिए हम आपके आभारी हैं। हमारा काम अनियमितताओं पर कार्यवाही करना नहीं, वरन् गफलतों के बारे में अनुशंसा कर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को अपना प्रतिवेदन भेजना है। कार्यवाही करने का काम वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का है।उक्ताशय की बात मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के प्रभारी श्री बंुदेला ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान कही गई।
श्री बुंदेला ने कहा कि घंसौर के बरेला ग्राम में लगने वाले 1200 मेगावाट के पावर प्लांट की दो चरणों में हुई लोकसुनवाई में जो भी बातें प्रकाश में लाई गईं उनका प्रतिवेदन बनाकर उसे मध्य प्रदेश शासन की ओर से केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को प्रेषित कर दिया गया है। अंतिम निर्णय केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को ही लेना है।
उन्होंने कहा कि जहां तक दूसरी लोकसुनवाई में वृक्षारोपण का मसला सामने आया है तो उनकी जानकारी में संयंत्र प्रबंधन द्वारा वृक्षारोपण किया गया है। इनमें से कितने पौधे बचे हैं इसकी जांच की जाएगी। जब उनके संज्ञान में यह बात लाई गई कि संयंत्र के महाप्रबंधक श्री मिश्रा द्वारा 22 नवंबर 2011 को आहूत लोकसुनवाई में कहा गया कि वृक्षारोपण किया ही नहीं गया है, पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि पता नहीं श्री मिश्रा ने यह बात कैसे कह दी।
लोकसनुवाई की मुनादी के बारे में बोलते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि इसका विज्ञापन टाईम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित करवाया गया है इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि इसकी मुनादी नहीं पीटी गई। जब क्षेत्रीय अखबारों में विज्ञापन की बात उनसे पूछी गई तो वे मौन साध गए। इस संयंत्र के प्रथम चरण की अनुमति मिलने के बाद भी धूल उड़ाती सड़कों के बारे में पूछे जाने पर श्री बुन्देला ने कहा कि अभी परियोजना पूरी नही हुई है अतः इस बारे में कुछ कहना मुनासिब नहीं है।
जब उनसे यह कहा किया कि प्रथम चरण की अनुमति मिलने के बाद भी सड़क निर्माण का काम आरंभ नहीं कराया गया है तो उन्होने कहा कि अभी परियोजना आरंभ हुई है पूरी नहीं। जब उनसे कहा गया कि संयंत्र प्रबंधन ने निर्माण अवस्था में ही सड़कों को पक्का करने का वायदा किया था, के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है।
जब लोकसुनवाई में हुई विसंगतियों और मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डाले जा रहे पावर प्लांट द्वारा उड़ाई जा रही नियम कायदों की खिल्ली के बारे में श्री बुंदेला को विस्तार से बताया गया तो उन्होंने कहा कि वे आभारी हैं कि उन्हें जगाया गया है। अपनी सीमाओं का दुखड़ा रोते हुए उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कार्यवाही करने में सक्षम नहीं हैं, किन्तु वे इन सारी आपत्तियों की एक टीप बनाकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को अवश्य ही प्रेषित करेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी पर्यावरण के नियमों के खिलाफ काम करेगा तो उसके खिलाफ मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल कार्यवाही करता है, किन्तु झाबुआ पावर का यह संयंत्र अभी निर्माणावस्था में है अतः नियम विरूद्ध कामों के बारे में वे केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को अपना प्रतिवेदन भेज ही सकते हैं।
गौरतलब है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल को जमा कराए गए कार्यकारी सारांश में ही इन बातों का उल्लेख किया गया था, किन्तु निर्माण अवस्था में ही संयंत्र प्रबंधन अपने वायदे से मुकर रहा है। मण्डल के जबलपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के चीफ केमिस्ट श्री देव भी लोकसुनवाई में उपस्थित हुए थे और वे भी धूल उड़ाती सड़कों से ही वहां पहुंचे थे। धूल से सराबोर क्षेत्र देखकर भी उन्हें पर्यावरण के नुकसान का भान न होना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।

(क्रमशः जारी)

प्रणव के लिए आरंभ हो चुकी है लाबिंग


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 73

प्रणव के लिए आरंभ हो चुकी है लाबिंग

मनमोहन के सक्सेसर बनना चाह रहे प्रणव मुखर्जी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। हाड़ गलाने वाली ठण्ड के बीच अब प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के सक्सेसर की खोज आरंभ हो गई है। सियासी गलियारों में अब सरकार के संकटमोचक नए चेहरे की तलाश तेज हो चुकी है। चूंकि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अभी अपरिपक्व हैं और उनका गद्दी पर बैठना अभी उचित नहीं है इसलिए मनमोहन सिंह के स्थान पर एसे चेहरे को खोजा जा रहा है जो राहुल गांधी की ताजपोशी का रोड़मेप तैयार कर सके।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी को मशविरा दिया गया है कि लगातार सरकार और कांग्रेस का संकटमोचक बने रहने वाले प्रणव मुखर्जी को देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए। सोनिया को यह भी कहा गया है कि प्रणव मुखर्जी को साफ कह दिया जाए कि वे राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के मार्ग प्रशस्त करें।
सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी ने काफी विचार विमर्श के उपरांत इस बात पर अपनी सहमति दे दी है कि अगली बार कैबनेट फेरबदल में राहुल गांधी को बतौर मंत्री शामिल किया जाए ताकि वे सरकार के अनुभव ले सकें। मनमोहन की संभावित बिदाई के साथ ही साथ घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार के सारे आरोपों पर भी मिट्टी डाल दी जाएगी। मनमोहन सिंह को देश का अगला राष्ट्रपति बनाने का ऑफर दिए जाने की चर्चा भी चल पड़ी है।
सूत्रों ने बताया कि प्रणव मुखर्जी के पास अनुभव के साथ ही साथ चीजों को हेंडल करने की कुशलता भी है। प्रणव मुखर्जी के पास सालों साल का अनुभव और सियासी प्लेटफार्म पर गुडविल भी है, जिसका लाभ उन्हें मिलेगा ही। सियासी हल्कों में यह बात भी जोर पकड़ रही है कि केवल प्रणव मुखर्जी ही इकलौते शख्स हैं जिनके पास गर्त में जाते यूपीए और कांग्रेस को इस भंवर से बाहर निकालने का माद्दा है।

(क्रमशः जारी)

नहीं थम रहा ठण्ड का प्रकोप


नहीं थम रहा ठण्ड का प्रकोप



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप लगातार जारी है। कड़ाके की ठंड से उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में 21 और लोगों की मौत होने से इस मौसम में देश भर में ठंड से मरने वालों की कुल संख्या 159 हो गई है। मध्य प्रदेश में अमरकंटक, डिंडोरी और मण्डला में पारा एक डिग्री तक पहुंच गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से तो दो डिग्री कम है, लेकिन कल के 4.6 डिग्री सेल्सियस तापमान से कुछ बेहतर है। उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड से 18 लोगों की मौत हो गई। बाराबंकी में आठ, जौनपुर में पांच, महाराजगंज में चार और ललितपुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य के नजीबाबाद और बांदा में न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर धूप खिलने के बावजूद तापमान सामान्य से कम रहा और लोगों को ठंड से कोई राहत नहीं मिली। चांबा में हिमपात में तीन लोगों की जान चली गई। राजधानी शिमला न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा। शिमला और मनाली में क्रमशरू 10 और 20 सेमी ताजा हिमपात हुआ।
उधर, कश्मीर घाटी में 16 साल का रिकार्ड तोड़ते हुए तापमान आज लगातार चौथे दिन भी शून्य से नीचे बना रहा। पिछली चार रातों और तीन दिन से घाटी में पारा शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे है और घाटी में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है। जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, कल रात से यहां तापमान में 0.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।
उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग पर्यटन स्थल में तापमान शून्य से 16.4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया जो कि कल रात के तापमान से 1.6 डिग्री अधिक है। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में तापमान शून्य से 12.1 डिग्री कम दर्ज किया गया। यह कल के तामपान से 1.4 डिग्री कम है।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी आज शीत लहर जारी रही और तापमान सामान्य से कम बना रहा। अमृतसर में पारा पिछले कुछ दिन से शून्य से नीचे बना हुआ था। आज इसमें मामूली सी बढ़ोतरी हुई और मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पटियाला में तीन डिग्री की गिरावट के साथ तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लुधियाना में तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। चंडीगढ़ में 4.6 डिग्री तापमान के साथ रात काफी ठंडी रही। हरियाणा में नारनौल सबसे ठंडा रहा और यहां तापमान दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है। हिसार में भी तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रहा और सर्दी का प्रकोप बना रहा।
राज्य के विभिन्न भागों में सर्दी का प्रभाव जारी है। रोहतक में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री, भिवानी में 2.2 डिग्री, करनाल में तीन डिग्री और अंबाला में 5.6 डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान में ठंड का प्रभाव लगातार जारी है और चुरू में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शिमला साई ब्यूरो से स्वाति सिंह ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश भागों में बीते रोज से मौसम साफ रहने से लोगों ने राहत की सांस ली है। लेकिन राजधानी शिमला समेत प्रदेश के अधिकांश भागों में तापमान में गिरावट अभी भी जारी है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के केलांग का न्यूनतम तापमान माइनस 10 दशमलव 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि राजधानी शिमला का तापमान माइनस 1 दशमलव आठ डिग्री सेल्सियस रहा। कल्पा, मनाली और सालन में भी तापमान जमाव बिंदु से नीचे रिकार्ड किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 22 कोकुफरी और नारकंडा से खोल दिया गया है राज्य के अंदरूनी भागों में अभी भी अधिकतर संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा इन्हें खोलने के दावे किए जा रहे हैं। उधर मौसम विभाग ने 14 जनवरी से फिर से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फबारी होने की चेतावनी दी है। 
उधर देहरादून साई ब्यूरो अर्जुन कुमार ने बताया कि चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में आज कई जगह  हिमपात और निचले इलाकों में बादल छाए रहे। समूचे जिले में शीतलहर हवाएं चल रही हैं। उधर, जोषीमठ, घाट व देवाल प्रखण्ड के ऊंचाई वाले इलाकों में कई जगह बर्फबारी से पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं साथ ही पानी के पाइपों में भी पानी जम गया है, जिससे ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित होेने के समाचार हैं। टिहरी जिले में कल रात बर्फबारी के चलते जन जीवन प्रभावित हो गया है। ठण्ड के कारण लोग घरो में ही रहने को मजबूर हैं। जिले के घनसाली क्षेत्र में विद्युत कटौती होने से ग्रामीणों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। चम्पावत जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व ओले गिरने से ठण्ड बढ़ गई है। देवीधुरा, ऐबटमाउंट सहित ऊंचे इलाकों में बर्फ गिरने, जबकि अन्य स्थानों में बारिष होने से चुनाव प्रचार में लगे विभिन्न दलों को भी परेषानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है।
उत्तर प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ‘‘साई‘‘ ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने खबर दी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण दिन के तापमान मे गिरावट का दौर जारी है। बहराइच, गोरखपुर और इलाहाबाद सहित पूर्वांचल के कई जिलो के अधिकतम तापमान मे सामान्य से पांच से सात डिग्री संेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है। लखनऊ में अधिकतम तापमान सामान्य से दो  डिग्री कम बीस डिग्री सेल्सियस रिकार्ड कि दो  डिग्री कम बीस डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। भीषण ठंड के कारण प्रदेश के अधिकतर  िभीषण ठंड के कारण प्रदेश के अधिकतर जिलो में प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी है। गोरखपुर मे कक्षा बारह तक के स्कूल आगामी पन्द्रह जनवरी तक के लिये बंद कर दिये गये है। कोहरे के कारण लंबी दूरी की कई रेलगाड़ियां अभीे भी विलंब से चल  की कई रेलगाड़ियां अभीे भी विलंब से चल रही है जब िरही है जबकि ठंड के कारण रेल पटरियों के चटकने की कई क ठंड के कारण रेल पटरियों के चटकने की कई घटनाएँ सा घटनाएँ सामने आयी है।
प्रदेश के साथ ही संपूर्ण उत्तरी भारत मे शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कड़ाके की ठंड के कारण उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों में अब तक एक सौ बयालिस लोगों की मौत हो गयी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज हाराजगंज जिले मे पिछले देा दिनो  जिले मे पिछले दो दिनो मे शीतलहर से दो महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हुई है।
जयपुर साई ब्यूरो से शैलेन्द्र ने खबर दी है कि प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी का असर बना हुआ है। कई स्थानों पर पारा शून्य से नीचे चल रहा है। राज्य में सबसे कम तापमान चूरू में शून्य से दो डिग्री सैल्सियस नीचे रिकॉर्ड किया गया। बूंदी के जिला कलेक्टर ने कड़ाके की सर्दी को देखते हुए स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया है। माउंटआबू में तापमान में मामूली बढोतरी हुई है लेकिन वहां कोहरे के कारण आम जनजीवन पर असर पड़ रहा है और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटों में पिलानी में न्यूनतम तापमान 2 दशमलव 5, सवाईमाधोपुर में 4 और जयपुर में 4 दशमलव 4 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। करौली में भी शीतलहर की स्थिति बनी हुई है।
छत्तीसगढ़ के मोसम के बारे में रायुपर से एन.के.श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के उत्तरी संभाग के कुछ भागों में शीतलहर चल रही है। अंबिकापुर, बिलासपुर सहित कई स्थानों में रात के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जा रही है। इस दौरान प्रदेश में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस अंबिकापुर में दर्ज किया गया। साथ ही रायपुर तथा बस्तर संभाग के जिलों में भी तापमान सामान्य सेनीचे रहा।

फोरलेन छीनने का षड़यंत्र


0 एनएचएआई के नक्शे से सिवनी गायब!

फोरलेन छीनने का षड़यंत्र



(संतोष श्रीवास)

सिवनी (साई)। राजग सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दो महत्वकांक्षी योजनाएं थी एक नदियों को जोड़ने की और दूसरी भारते के चारों महानगरों और चारों दिशाओं को सड़क मार्ग द्वारा जोड़ने की जिसे कि स्वर्णिम चतुर्भुज तथा उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम गलियारे का नाम दिया गया। इस चतुर्भज में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम के महानगरों को जोड़ने के लिए कोई सीधा वैकल्पिक मार्ग न हो पाने से उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम गलियारे की परिकल्पना की गई। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना का ही एक महत्वपूर्ण अंग उत्तर दक्षिण कारीडोर हैं जो कि श्रीनगर से आते आते नरसिंगपुर-लखनादौन-सिवनी-खवासा होते हुए नागपुर से आगे कन्याकुमारी तक जाता है।
सीमावर्ती जिला छिंदवाड़ा के सांसद और केंद्रीय मंत्री कमलनाथ बहुत पहले से चाहते थे कि छिंदवाड़ा जिले में नेशनल हाईवे का जाल बिछाया जाए। इस हेतु उन्होंने नब्बे के दशक के अंतिम वर्षों में ओबेदुल्लागंज से परासिया, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, गोंदिया होकर देवरे के मार्ग को नेशनल हाईवे में तब्दील कराने का प्रयास किया था जो परवान नहीं चढ़ सका।
इसके बाद यह बात और सामने आई कि उत्तर दक्षिण कारीडोर नरसिंहपुर से लखनादौन सिवनी होकर नागपुर जाने के स्थान पर नरसिंहपुर से हर्रई, अमरवाड़ा, छिंदवाड़ा,सौंसे होते हुए नागपुर जाए। इस योजना की हवा तब निकली जब राज्य सभा में कमल नाथ के बयान के बाद उनके संज्ञान में लाया गया कि उक्त मार्ग नेशनल के बजाए स्टेट हाईवे है अतः इस योजना को ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया गया। इसके उपरांत बताते हैं कि कमल नाथ ने अपने प्रभाव का उपयोग कर मध्य प्रदेश सरकार से नरसिंहपुर, अमरवाड़ा छिंदवाड़ा सौंसर नागपुर मार्ग को नेशनल हाईवे घोषित करवाने का प्रस्ताव केंद्र बुलवा लिया। चूंकि कमल नाथ स्वयं ही भूतल परिवहन मंत्री थे, अतः इस योजना को तत्काल स्वीकृति मिल गई।
कहा तो यह भी जा रहा है कि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में कमलनाथ ने उनसे मुलाकात कर इस सड़क को नरसिंगपुर से डायवर्ट कर छिंदवाड़ा होते हुए बनाये जाने की मांग रखी थी तब श्री वाजपेयी ने मना कर दिया था और कहा था कि कि जो है जैसा है वैसा ही रहेगा। चूंकि यह मार्ग एरियल सर्वे के माध्यम से तय किया गया था जिसमें दूरी कम और ईंधन की बचत मूल मंत्र था अतः इसका एलाईंमेंट बदलना किसी भी कीमत पर संभव ही नहीं था।
इसके बाद जब कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनी और मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री बने उस समय उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय कमलनाथ के पास था। बताते हैं कि तब उन्होंने एक बार पुनः प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से इस सड़का का एलाईंमेंट बदलकर इसे नरसिंहपुर से छिंदवाड़ा होते हुए ले जाये जाने की बात कही थी तब प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि आप आपनी कान्सटेंसी ही क्यों देखते हैं पूरा देश देखकर चलिये।
आरोपित है कि इसके बाद भी कमलनाथ ये प्रयास करते रहे कि ये सड़क सिवनी न होकर छिंदवाड़ा होकर ही गुजरे और कुरई घाट से 7.8 किलोमीटर के हिस्से को लेकर वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आँफ इंडिया ने एक आवेदन लगा दिया। चूंकि यह मामला वन्य जीव और पर्यावरण से संबंधित था अतः इसे काफी पहले 1995 की गोधावर्धन नंबर 202 वाली याचिका में जाकर संलग्न कर दिया गया। इसके बाद मामला सेन्ट्रल एम्पावरमेंट कमेटी (सीईसी) जो कि सुप्रीम कोर्ट में लगने वाले पर्यावरण से संबंधित मामलों पर मौके पर जाकर लोगों से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी का पता कर सर्वोच्च न्यायालय को अपनी राय देती है के पास पहुँच गया।
वर्ष 2008 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव थे। इसी बीच चुनावों के दरम्यान जब आचार संहिता लागू थी, सभी लोग चुनावों में व्यस्त थे, के बीच सीईसी के एकल सदस्यीय टीम सिवनी पहुंची और मौके का कथित तौर पर मुआयना किया। उक्त एकल सदस्य ने मध्य प्रदेश सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश साहनी को एक अनुरोध पत्र दिया जिसमें कहा गया कि कुरई घाटी के विवादित हिस्से से वनों और वृक्षों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग कर डाली।
यह पत्र जिला कलेक्टर सिवनी के पास कैसे पहुंचा यह बात अभी भी रहस्य ही बनी हुई है। बहरहाल जब यह पत्र जिला कलेक्टर सिवनी के पास पहुंचा तब तत्कालीन जिला कलेक्टर सिवनी पिरकीपण्डला नरहरि ने 18 दिसंबर 2008 को जारी और 19 दिसंबर 2008 को पृष्ठांकित आदेश क्रमांक 3266/फोले/2008 के माध्यम से वनों की कटाई पर रोक लगा दी। जिला कलेक्टर ने अपने आदेश में साफ लिखा था कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय साधिकार समिति के सदस्य सचिव द्वारा उनके पत्र क्रमांक 1-26/सीईसी/सुको/2008 दिनांक 15 दिसंबर 2008 से मुख्य सचिव म.प्र.शासन को लेख कर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 के चौड़ीकरण कार्य में ग्राम मोहगांव से खवास तक पेंच टाईगर रिजर्व से लगे वन क्षेत्र व गैर वन क्षेत्रों में की जा रही वृक्षों की कटाई पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आगामी आदेश तक रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
इसी तारतम्य में इस प्रत्याशा के साथ कि राज्य शासन के निर्देश इस संबंध में प्राप्त होना है, उन समस्त आदेशों को जो कलेक्टर कार्यालय सिवनी द्वारा इस संबंध में पूर्व में जारी किए गए हैं, स्थगित रखते हुए भाराराप्रा सिवनी एवं अन्य सभी संबंधित विभागों को आदेशित किया जाता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात के चौड़ीकरण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे सभी वन क्षेत्रों और गैर वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की कटाई प्रतिबंधित की जाती है। वृक्षों की कटाई प्रतिबंधित करने संबंधी यह आदेश मप्र भू राजस्व संहिता के अंर्तगत प्रदत्त की गई पूर्व में प्रदत्त सभ्ीा अनुमतियों पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस सबंध में आगामी आदेश जारी होने तक लागू रहेगा।
इस तरह षणयंत्र का ताना बाना बुनकर अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल की महात्वाकांक्षी सड़क योजना जिसमें ईंधन और समय दोनों ही की बचत होने का अनुमान लगाया जा रहा था पर सिवनी जिले में एक एसा फच्चर फसां दिया गया जिसे निकालने में मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी अपने आप को असफल ही पा रही थी। दोनों ही दलों के सिवनी में बैठे नुमाईंदे जनता से आंख चुराकर एक दूसरे पर दोषारोपण इसलिए भी नहीं कर पा रहे थे क्योंकि उन्हें इस पूरे ममाले की असलियत का भान ही नहीं था। मजे की बात तो यह है कि न तो सिवनी की तत्कालीन सांसद श्रीमति नीता पटेरिया ने इस मामले में मुंह खोला और ना ही मध्य प्रदेश विधानसभा में सिवनी जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों ने ही अपनी चुप्पी तोड़ना उचित समझा।

सिवनी के मीडिया की विश्वसनीयता नहीं: शुक्ला


सिवनी के मीडिया की विश्वसनीयता नहीं: शुक्ला

(साई ब्यूरो)

सिवनी (साई)। सिवनी के मीडिया की विश्वसनीयता बिल्कुल भी नहीं है, वह क्या छापता है यह तो वह ही जाने।‘‘ उक्ताशय की बात शहर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चंद्र शेखर शुक्ला द्वारा एक मामले की सुनवाई करते हुए कही। श्री शुक्ला आज आधार कार्ड के फार्म बिकने की मुख्यमंत्री समाधान ऑन लाईन में की गई शिकायत की जांच में उभय पक्षों से चर्चा कर रहे थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी के एक नागरिक द्वारा मुख्यमंत्री समाधान ऑन लाईन में इंटरनेट के जरिए एक शिकायत भेजी थी जिसमें कहा गया था कि सिवनी के समाचार पत्रों में यूनिक आईडेंटीफिकेशन के आधार कार्ड बनवाने के लिए निर्धारित कचहरी चौक पर स्थित कार्वी एजेंसी द्वारा लोगों केा आधार कार्ड बनवाने के फार्म नहीं उपलब्ध कराए जाने के समाचार मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं।
उक्त शिकायत कर्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि समाचार पत्रों में इस तरह के समाचार प्रकाशन के उपरांत भी इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त शिकायत भोपाल स्थित प्रकोष्ठ से जांच हेतु जिला कलेक्टर अजीत कुमार के पास आई जहां से उन्होंने इस शिकायत की जांच के लिए शहर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।
बताया जाता है कि कार्वी के स्थानीय कर्मचारियों ने अंग्रेजी भाषा में दिए गए अपने जवाब में कहा है कि उक्त शिकायत निराधार है और उनके द्वारा न तो कोई फार्म बेचे जा रहे हैं और न ही इस तरह की बात उनके संज्ञान में लाई गई है। अपनी वजनदारी रखने के लिए कार्वी के कर्मचारियों ने एक सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी को भी अपने साथ ले जाया जाकर यह कहा गया कि वे उक्त सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी की भी इस मामले में मदद ले रहे हैं।
बताया जाता है कि जब शिकायत कर्ता द्वारा एक सांध्य दैनिक में छपी उक्त खबर को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री शुक्ला हत्थे से ही उखड़ गए और कहने लगे कि अखबार में छपने से कुछ नहीं होता है। सिवनी के मीडिया की विश्वसनीयता बिल्कुल नहीं हैं। आप साक्ष्य प्रस्तुत करें।

अंतिम दिन तीन सौ से ज्यादा नामांकन


अंतिम दिन तीन सौ से ज्यादा नामांकन

(दिशा कुमारी)

देहरादून (साई)। राज्य विधानसभा की सत्तर सीटों के लिए नामांकन पत्र जमा करने के अंतिम दिन ताजा सूचना के अनुसार  तीन सौ से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा किए हैं। अब तक मिली सूचना के अनुसार इनमें सर्वाधिक देहरादून जिले में करीब छिहत्तर नामांकन पत्र जमा किए गए हैं। जबकि, हरिद्वार में पचास उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। उधर, ऊधमसिंह नगर मंे उनचास, टिहरी में तेरह, रुद्रप्रयाग में ग्यारह, उत्तरकाषी में छह और चमोली में सोलह प्रत्याषियों ने नामांकन किए हैं।
इसके अलावा पौड़ी जिले में छब्बीस नामांकन हुए हैं। कुमाऊं मण्डल के अल्मोड़ा में सात, बागेष्व में पांच, पिथौरागढ़ में दस, चम्पावत में दो और नैनीताल में पच्चीस उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए हैं। प्राप्त सूचना करने के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों में नामांकन को लेकर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में विषेष उत्साह रहा। पर्चा दाखिल करने वालों में ज्यादा संख्या निर्दलीय उम्मीदवारों की रही।
प्रदेष में नामांकन प्रक्रिया पिछली पांच तारीख को शुरु हुई थी, जो गुरूवार अपराह्न खत्म हो गई। राज्य में कल नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जबकि नामांकन वापसी इस महीने की सोलह तारीख तक होगी। राज्य में सत्तर विधानसभा सीटों के लिए मतदान इस महीने की तीस तारीख को होंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा है कि विधान सभा के सभी उम्मीदवारों को उनके नामांकन की तारीख से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा के बीच उनके या उनके अधिकृत निर्वाचन एजेंट द्वारा किये गये सभी व्ययों का पृथक और सही खाता रखना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रत्याशियों के लिए चुनाव व्यय की राशि ग्यारह लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लेखे के अनुरक्षण में असफलता भारतीय दण्ड संहिता के अधीन एक निर्वाचक अपराध माना गया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचनों के परिणाम घोषित होने के तीस दिन के अंदर जिला निर्वाचन अधिकारी के पास अपने निर्वाचन व्ययों के लेखे की सही प्रतिलिपि दाखिल करनी होती है। उन्होंने बताया कि व्यय के अंतर्गत जन सभाओं, पोस्टरों, बैनरों, वाहनों, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों जैसे प्रचार संबंधी मदों पर व्यय शामिल है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकद धनराशि, शराब या अन्य किसी वस्तु का वितण करना भ्रष्ट आचरण के अधीन है। 
सरकारी मशीनरी अपना काम कर रही है तो राजनैतिक दलों के बीच भी आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त और विकास के लिए उनकी पार्टी की सरकार ने कई सकरात्मक कदम उठाए हैं। पार्टी के नेता महेष्वर बहुगुणा ने देहरादून में बताया कि विकास की दृष्टि से उनकी पार्टी की सरकर ने वन रक्षित भूमि कानून को समाप्त करने की पहल की है।

वकील की आत्महत्या मामले ने जोर पकड़ा


वकील की आत्महत्या मामले ने जोर पकड़ा

(शैलेन्द्र कुमार)

जयपुर (साई)। जयपुर में एक वकील द्वारा कथित पुलिस उत्पीड़न के बाद आत्महत्या किए जाने के मामले को लेकर प्रदेशभर में वकीलों ने काम का बहिष्कार किया। जयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय और निचली अदालतों के वकीलों ने कल भी यह बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया है। इस बीच सीबीआई ने वकील आत्महत्या मामले की जांच शुरू कर दी है।
सीबीआई के एक दल ने वकील के परिवारजनों से पूछताछ की। गौरतलब है कि कल राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था और उसे दो दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।
आंदोलित वकील मृतक के परिवार को मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस बीच कई संगठनों ने कल जयपुर में वकीलों के प्रदर्शन के दौरान आम लोगों को हुई परेशानी के लिए वकील संगठनों की आलोचना की है। जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब ने मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में दोषी वकीलों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

युवा दिवस के बतौर मनी विवेकानन्द जयंती


युवा दिवस के बतौर मनी विवेकानन्द जयंती

(साक्षी शाह)

पोर्ट ब्लेयर (साई)। स्वामी विवेकानंद की जयंती पूरे द्वीप समूह में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई गई। इस दिन सुबह खेल और युवा कार्य विभाग की ओर से पोर्ट ब्लेयर में युवा रैली निकाली गई। इस रैली में प्रशासन के शिक्षा विभाग के अलावा महाविद्यालय तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रैली जवाहल लाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय पहुंच कर सम्पन्न हुई। टैगोर राजकीय शिक्षा महाविद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रशासन के प्रधान सचिव जलज श्रीवास्तव इस मौके पर मुख्य अतिथि थे। संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने कर्तव्यबोध को केन्द्र बिन्दु बनाकर स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शाें से ली जाने वाली प्रेरणा के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम के आरम्भ में महासंघ के संयोजक के.एन. सुरेश ने शैक्षिक महासंघ की ओर से आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों के उद्देश्य और उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रधान सचिव जलज श्रीवास्तव ने स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शों की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना है। उधर राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में रंगत के जिला परिषद सभागार में कल समारोह आयोजित हुआ। इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष पी. प्रसाद मुख्य अतिथि थे।

जारवाओ मामले में एफआईआर


जारवाओ मामले में एफआईआर

(पियूष शाह/राजीव सक्सेना)

पोर्ट ब्लेयर/नई दिल्ली (साई)। इलैक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में जारवाओं के नृत्य करते हुए चित्र दिखाए जाने और प्रकाशित किये जाने के बाद अंडमान निकोबार पुलिस ने इस मामले में एफ.आई.आर दर्ज की है। बम्बूफ्लाट थाने के एस.एच.ओ द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम उन्नीस सौ नवासी और आदिम जनजातिय संरक्षण नियमन उन्नीस सौ छप्पन के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
पिछले दिनों कई टीवी चैनलों पर जारवाओं को नृत्य करते हुए दिखाया गया था और गारजियन और लंदन ऑबजर्वर में इस बारे में चित्र और खबरें छपी थी। जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं उनमें गारजियन के इलियट स्मिथ, गैथिन चैम्बरलेन और स्वयं सेवी संगठन सरवाइवल इंटरनेश्नल से जुड़े एलबर्टो कैस्पानी तथा अन्य सदस्य शामिल है।
अंडमान-निकोबार प्रशासन ने सैलानियों के सामने नाचती अर्द्धनग्न जारवा महिलाओं का विडियो लेने वाले लोगों की बड़े पैमाने पर खोज शुरू की है। दूसरी तरफ केंद्र ने विडियो फुटेज को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। अंडमान पुलिस ने विडियो की शूटिंग और उसे अपलोड करने के सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी, सूचना और प्रौद्योगिकी कानून, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आदिवासी संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज किया।
उधर, नई दिल्ली में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, कि उन्हें अब विडियो की एक कॉपी मिल गई है और उन्होंने उसे जांच के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि वह खास विडियो, वे किसी ओर वीडियो की बात नहीं कर रहे, हो सकता है कि एक से ज्यादा ऐसे विडियो हों लेकिन उस खास विडियो के बारे में पता करने में हम सक्षम हुए हैं और यह 3-4 साल पुराना है।
चिदंबरम ने कहा कि विडियोग्राफर और टूर ऑपरेटर को तत्काल पकड़ने और उनसे पूछताछ करने के लिए अंडमान-निकोबार प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अंडमान-निकोबार प्रशासन ने जो भी नीति अपनाई है वह अपनी जगह है। पर उन्होंने माना कि जो कुछ भी हुआ वह नीति का उल्लंघन था।
अंडमान-निकोबार पुलिस ने आरक्षी उपाधीक्षक की अगुवाई में विशेष टीम का गठन किया है जो उस कम्प्यूटर का पता लगाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की साइबर शाखाओं से मदद लेगी, जहां इसका इस्तेमाल किया गया। लंदन के अखबार ऑब्जर्वर के इस कथित मामले को प्रकाशित करने और विडियो को अपलोड करने के बाद विवाद पैदा हो गया।
आईपीसी की धारा 292 (अश्लील सामग्री दिखाना), सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 67 (ऐसी सूचना का प्रकाशन जो इलेक्ट्रानिक स्वरूप में अश्लील है), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून की धारा 3 (2), (किसी अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति को ऐसी चीज खिलाना या पिलाना, जिसमें नशीला पदार्थ हो) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसके अलावा प्राचीन जनजातियों के संरक्षण से संबंधित कानून की धारा सात (वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए बफर क्षेत्र में प्रवेश) और धारा आठ (जारवा जनजाति के बारे में किसी तरह के विज्ञापन के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

बस दुर्घटना में बारह की मौत


बस दुर्घटना में बारह की मौत

(नितीश अर्गल)

शिमला (साई)। शिमला ज़िले में चौपाल क्षेत्र के नेरवा से लगभग 20 किलोमीटर दूर फेटिज पुल के पास कल शाम राज्य पथ परिवहन निगम की एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे चालक समेत 12 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 24 अन्य घायल हो गए। घायलों को नेरवा, पांवटा साहिब तथा नाहन अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बस में 50 से अधिक लोग सवार थे। यह बस नेरवा से धार चांदना जा रही थी। इस हादसे पर केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह और चौपाल के विधायक सुभाष मंगलेट ने गहरा शोक जताया है।

बेल: एक नेचुरल डिओडरेंट


हर्बल खजाना ----------------- 9

बेल: एक नेचुरल डिओडरेंट



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद। मंदिरों, आँगन, रास्तों के आस-पास प्रचुरता से पाये जाने वाले इस वृक्ष की पत्तियाँ शिवजी की आराधना में उपयोग में लायी जाती है। इस वृक्ष का वानस्पतिक नाम एजिल मारमेलस है। बेल के फ़लों का शर्बत बडा ही गुणकारी होता है। यह शर्बत कुपचन, आँखों की रौशनी में कमी, पेट में कीडे और लू लगने जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिये उत्तम है।
बेल की पत्तियों मे टैनिन, लोह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते है। पत्तियों का रस यदि घाव पर लगाया जाए तो घाव अतिशीघ्र सूखने लगता है। गुजरात प्राँत के डाँग जिले के आदिवासी बेल और सीताफ़ल पत्रों की समान मात्रा मधुमेह के रोगियों के देते है।
गर्मियों मे पसीने और तन की दुर्गंध को दूर भगाने के लिये यदि बेल की पत्तियों का रस नहाने के बाद शरीर पर लगा दिया जाए तो समस्या से छुटकारा मिल सकता है। पातालकोट के आदिवासियों के अनुसार बेल के कच्चे फ़ल और पत्तियों को गौ-मूत्र में पीस लिया जाए और नारियल तेल में इसे गर्म कर कान में डाला जाए तो बधिरता दूर हो सकती है।
जिन्हे हाथ-पैर, तालुओं और शरीर में अक्सर जलन की शिकायत रहती हो उन्हे कच्चे बेल फ़ल के गूदे को नारियल तेल में एक सप्ताह तक डुबोए रखने के बाद, इस तेल से प्रतिदिन स्नान से पूर्व मालिश करनी चाहिये, जलन छूमंतर हो जाएगी। बेल की जडों की छाल का काढा मलेरिया व अन्य बुखारों में हितकर होता है।

(साई फीचर्स)

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