शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ के सांसद ने साधा सिवनी वासियों का हित!


0 सिवनी से चलेगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 6

छत्तीसगढ़ के सांसद ने साधा सिवनी वासियों का हित!

सिवनी को ब्राडगेज से जोड़ने माहोले ने लगाया था लोस में प्रश्न

सिवनी के सांसदों की नहीं टूटी तब भी तंद्रा

नैनपुर छिंदवाड़ा का सर्वे हुआ था 2003 - 04 में

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। परिसीमन में सिवनी लोकसभा का अवसान हो गया। सिवनी की अंतिम सांसद रहीं श्रीमति नीता पटेरिया। वे 2004 से 2009 तक सांसद रहीं। उनके कार्यकाल में भी सिवनी की ब्राडगेज का मामला दिल्ली में सिवनी के जनसेवक नहीं उठा सके। इसी दर्मयान बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहोले ने मण्डला से बरास्ता सिवनी होकर छिंदवाड़ा जाने वाले रेल खण्ड के अमान परिवर्तन के संबंध में प्रश्न उठाया था, तब भी सिवनी में ब्राडगेज पर सियासत करने वालों की तंद्रा नहीं टूटी। सिवनी ब्राडगेज का मामला सिवनी के बजाए छत्तीसगढ़ के संसद सदस्य द्वारा देश की सबसे बड़ी पंचायत में उठाया जाना निश्चित तौर पर सिवनीवासियों के लिए सुखद संयोग ही माना जाएगा।

गौरतलब है कि लगभग डेढ़ दशक पहले तक सिवनी, छिंदवाड़ा और मण्डला लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। आदिवासियों की लगातार उपेक्षा के कारण महाकौशल में भाजपा का वर्चस्व बढ़ता ही चला गया। कांग्रेस के परंपरागत आदिवासी वोट बैंक उसके हाथ से फिसल गए। आदिवासियों ने अपनी उपेक्षा का सबक महाकौशल के हर लोकसभा सीट पर खड़े कांग्रेस के उम्मीदवारों को सिखाया। यहां तक कि एक उपचुनाव में छिंदवाड़ा के ताड़नहार कमल नाथ को भी भाजपा के सुंदर लाल पटवा ने धूल चटवा दी थी। वर्तमान में नरसिंहपुर, मण्डला और छिंदवाड़ा पर कांग्रेस तो जबलपुर और बालाघाट पर भाजपा का कब्जा है।

यहां उल्लेखनीय होगा कि लोकसभा में ही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहोले द्वारा मण्डला से छिंदवाड़ा रेल खण्ड के अमान परिवर्तन के बारे में प्रश्न पूछा गया था। माहोले के पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 4502 के जवाब में 25 अगस्त 2005 को तत्कालीन रेल राज्यमंत्री आर.वेलू ने कहा था कि नैनपुर से छिंदवाड़ा (139.6 किमी) खंड का छोटी लाईन से बड़ी लाईन परिवर्तन हेतु 2003-04 में सर्वेक्षण किया था, सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना की लागत उस वक्त ऋणात्मक प्रतिफल के साथ 228.22 करोड़ रूपए आंकी गई थी। यह प्रस्ताव अलाभकारी प्रकृति का होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बाद इसे ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया था।

यहां एक बात और महत्वपूर्ण होगी कि एक मर्तबा तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.व्ही.नरसिंहराव द्वारा भी चुनावी घोषणा के तौर पर परमहंसी आश्रम श्रीधाम में जगतगुरू शंकराचार्य जी के समक्ष यह कहा गया था कि उनके संसदीय क्षेत्र रहे महाराष्ट्र के रामटेक से गोटेगांव तक बड़ी रेल लाईन लाई जाएगी। दुर्भाग्य से वे दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बन पाए और छिंदवाड़ा नैनपुर से इतर रामटेक गोटेगांव की यह घोषणा खालिस चुनावी वायदा बनकर रह गई।
(क्रमशः जारी)

शिवराज से ज्यादा काबिल हैं गौर!


शिवराज से ज्यादा काबिल हैं गौर!

एक ही झटके में केंद्र से एक हजार करोड़ हथियाए गौर ने

हजारों करोड़ की इमदाद के बाद केंद्र कैसे कर रहा पक्षपात!

सूचना केंद्र द्वारा गढ़े गए गौर की तारीफों में कशीदे

दिल खोलकर राशि स्वीकृत की शहरी विकास मंत्री ने

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। भाजपनीत मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सदा से ही केंद्र सरकार पर पक्षपात के आरोप लगाए जाते रहे हैं। मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा गुरूवार 29 सितम्बर को स्थानीय प्रशासन और विकास मंत्री बाबूलाल गौर के हवाले से जारी खबर के अनुसार कांग्रेसनीत केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर पूरी उदारता दिखाई जा रही है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ज्यादा दमदार और काबिल होकर उभर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर।

गुरूवार 29 सितम्बर को बाबू लाल गौर ने मध्य प्रदेश कोटे से केंद्र में मंत्री बने और शहरी विकास मंत्रालय के निजाम कमल नाथ से भेंट की। इस दौरान बाबू लाल गौर ने कमल नाथ के दिल में हृदय प्रदेश के प्रति सहानुभूति का पूरा लाभ उठाया तथा उनके विभाग से 1070 करोड़ नब्बे लाख रूपए की भारी भरकम राशि झटक ली। इतनी बड़ी राशि लाने में सफल रहे बाबू लाल गौर निश्चित तौर पर इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भारी पड़ते दिख रहे हैं। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने इस राशि के बारे में आश्वासन नहीं दिया है उन्होंने इसकी बाकायदा स्वीकृति जारी की है।

जनसंपर्क विभाग के मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा जारी समाचार के अनुसार मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री  बाबूलाल गौर ने आज यहां नई दिल्ली में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ से भेंट की। इस अवसर पर श्री कमलनाथ ने भोपाल के बी.आर.टी.एस. कॉरीडोर की पुनरीक्षित योजना के लिए 121 करोड़ रुपये स्वीकृत किये जाने की जानकारी श्री गौर को दी। कमल नाथ ने श्री गौर को प्रदेश के 33 शहरों में केन्द्र सरकार की सहायता से चलायी जा रही यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के तहत विकास कार्यों के लिए 20 शहरों को द्वितीय किश्त के रूप में 171 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने की जानकारी दी।

विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि प्रदेश के 19 नगरों की नई पेयजल योजनाओं के लिए श्री गौर ने कमल नाथ से 642 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिये जाने का आग्रह किया। इस पर श्री नाथ ने 642 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिये जाने पर सहमति दी। इंदौर की रिवर साइड कॉरीडोर की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) के लिए 97 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिये जाने पर भी सहमति दी गई।

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री गौर ने यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों की 6 शहरों की 47 योजनाओं के डी.पी.आर. (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए राशि की मांग की। इस पर कमलनाथ ने आठ करोड़ 22 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करने पर सहमति दी। कमलनाथ ने खण्डवा और शिवपुरी नगर की जल प्रदाय योजनाएं जन भागीदारी (पी.पी.पी.) के आधार पर क्रियान्वित करने के लिए नवाचार के लिए एक करोड़ 68 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की।

श्री गौर ने कमलनाथ से सागर नगर में आवागमन में सुधार के लिए सागर तालाब के चारों ओर चकरााघाट से बस स्टैण्ड तक तालाब के बाहर रिंग रोड बनाने के लिए केन्द्रीय सहायता का आग्रह किया। श्री गौर ने सागर में ही लोहिया पार्क के विस्तार और सुधार के लिए केन्द्रीय सहायता दिये जाने का आग्रह किया। इस पर कमलनाथ ने दोनों प्रस्तावों की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजने के लिए कहा।

फग्गन के बाद निशाने पर होंगे महाकौशल के अन्य सांसद


फग्गन के बाद निशाने पर होंगे महाकौशल के अन्य सांसद

इशारों ही इशारों में सुषमा कह गईं बड़ी बात

नोट फॉर वोट का निशाना थे परिसीमन में प्रभावित सांसद

अमर सिंह के पास हो सकती है सांसदों की सूची

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। नोट फॉर वोट मामले में मध्य प्रदेश के मण्डला संसदीय क्षेत्र के पूर्व भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते के मामले में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज द्वारा इशारों ही इशारों में अनेक गूढ़ बातें कह डालीं। मण्डला में गुरूवार को हुई जनाक्रोश महारैली के उपरांत सियासत गर्माती दिख रही है। भाजपा के रौद्र रूप को देखकर अब कांग्रेस द्वारा भाजपा को घेरने की कवायद की जा रही है।

इस महारैली को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने 22 जुलाई 2008 को संसद में नोटों की गड्डियां लहराने का जिकर करते हुए कहा कि अल्पमत में आ चुकी कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने सांसदों की खरीद फरोख्त का कुत्सित और घ्रणित कार्य किया। सुषमा का आरोप है कि सरकार बचाने के लिए 19 सांसदों की दरकार थी और इस हेतु सांसदों को करोड़ों रूपयों की रिश्वत दी गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बहुमत जुटाने के लिए गरीब परिस्थिति के सांसदों और विशेषकर उन सांसदों को लक्ष्य बनाया गया जिनके संसदीय क्षेत्र या तो परिसीमन में विलुप्त हो रहे थे या फिर आरक्षित हो रहे थे।

सुषमा का सीधा आरोप था कि इसके लिए सांसदों को एक करोड़ रूपए पेशगी और दो करोड़ रूपए मतदान के बाद देने का वायदा किया गया था। सुषमा स्वाराज के इस बयान से भाजपा में ही अंदर ही अंदर खलबली मची हुई है। भाजपा में अब उन सांसदों को संदेह की नजर से देखा जाने लगेगा जिनके संसदीय क्षेत्र या तो समाप्त हो गए या आरक्षित हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि महाकौशल क्षेत्र का तीस साल पुराना सिवनी संसदीय क्षेत्र परिसीमन में विलुप्त हो गया है साथ ही साथ नोट फॉर वोट मामले में जेल में बंद फग्गन सिंह कुलस्ते भी महाकौशल के मण्डला संसदीय क्षेत्र के सांसद थे।

उधर अमर सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस ने अमर सिंह की मदद नहीं की तो वे भी अपने कुछ पत्ते खोलकर कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत का बड़ा कारण बन सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अमर सिंह के पास वह सूची है जिसमें नोट फॉर वोट के लिए पैसे का लेनदेन भी दर्ज है। इसमें मध्य प्रदेश के भाजपा सांसदों का नाम भी दर्ज होना बताया जा रहा है।

अब अण्णा हुए ब्लागीय!


अब अण्णा हुए ब्लागीय!

बनाया ब्लाग और हुए हाईटेक

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेसनीत केंद्र सरकार को औंधे मुंह गिराकर देश को एक सूत्र में पिरोने वाले गांधीवादी समाजसेवी अण्णा हजारे भी अब हाईटेक हो गए हैं। अपना ब्लाग बनाकर उसके लिंक ट्विटर पर भेज अण्णा ने लोगों के बीच अपनी बात सहजता से पहुंचाने का प्रयास आरंभ कर दिया है। अपने ब्लाग के माध्यम से अण्णा हजारे अब सरकार के आरोपों का जवाब और सरकार पर तीखे प्रहार आसानी से कर सकेंगे।

सरकार की खुसुर पुुसुर से आजिज आ चुके अण्णा हजारे ने अपने ब्लाग पर लिखा है कि उन्होंने अपना अनशन किसी शासकीय एजेंट या पसंदीदा मंत्री के कहने पर नहीं वरन् अंतरात्मा की आवाज पर तोड़ा था। जो मंत्री अण्णा से बात करने आए थे उनसे अण्णा ने महज सरकारी प्रतिनिधि के बतौर बात की। गौरतलब है कि अण्णा ने अपना अनशन महाराष्ट्र कोटे से मंत्री बने विलास राव देशमुख से चर्चा के उपरांत समाप्त किया था। अण्णा और देशमुख दोनों एक ही सूबे के हैं।

बिजली की बचत हेतु केंद्र ने उठाए कदम


बिजली की बचत हेतु केंद्र ने उठाए कदम

सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम किया अनिवार्य

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। लगता है बिजली की कमी से जूझ रहे भारत गणराज्य में अब बिजली की बचत के लिए केंद्र सरकार संजीदा हो गई है। केंद्रीय नवीन एवं नवीनीकरण उर्जा मंत्रालय ने देश के हर सूबे को ताकीद किया है कि राज्य के हर सरकारी कार्यालय में जल्द ही सोलर सिस्टम लगाकर बिजली की बचत सुनिश्चित की जाए। नवीनीकरण उर्जा विकास विभाग के माध्यम से राज्यों में कराए जाने वाले इस काम के लिए केंद्र सरकार द्वारा तीस से नब्बे फीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा।

नवीनीकरण उर्जा मंत्री फारूख अब्दुला के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनके निर्देश पर विभाग द्वारा एक महती कार्ययोजना को अंजाम दिया जा रहा है। इस योजना के तहत देश के हर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सोलर मिशन के तहत सोलर सिस्टम लगाया जाएगा। इस सिस्टम से सूर्य की रोशनी से दिन रात कार्यालय रोशन रह सकेंगे। मंत्रालय का उद्देश्य बिजली की कमी से जूझते देश को इससे निजात दिलाना है। सूत्रों ने यह भी कहा कि इसके लिए खरबों रूपए के बजट प्रावधान का प्रस्ताव है जो जल्द ही योजना आयोग को प्रेषित कर दिया जाएगा।