रविवार, 26 जून 2011

राजग ने तय किए पीएम और प्रेजीटेंड पद के प्रत्याशी!

राजग ने तय किए पीएम और प्रेजीटेंड पद के प्रत्याशी!

जोशी को राष्ट्रपति तो नितीश को पीएम इन वेटिंग बनाएगा राजग

आड़वाणी होंगे सलाहकार की भूमिका में

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पीएम इन वेटिंग एल.के.आड़वाणी अब सलाहकार की भूमिका में नजर आएंगे। उनके स्थान पर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को पदोन्नति देकर पीएम इन वेटिंग के खिताब से नवाजा जाएगा। साथ ही संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को राजग अपना राष्ट्रपति पद का दावेदार बना सकती है। लोकपाल मुद्दे पर जोशी का नरम रूख इस ओर इशारा कर रहा है कि वे सांसदों का समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता जोशी के करीबी सूत्रों का कहना है कि आड़वाणी की प्रधानमंत्री बनने की उत्कंठ इच्छा का हश्र देखते हुए जोशी ने अपने आप को पीएम की दौड़ से बाहर कर लिया है। अब वे 2012 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उतरने का मानस बना रहे हैं। मूलतः उत्तराखण्ड निवासी जोशी वैैसे भी भगवा बिग्रेड के लिए स्वीकार्य ही माने जा रहे हैं। जोशी के सामने समस्या यह है कि उनका झुकाव आरएसएस की ओर होने से सहयोगी पार्टियां उनसे सुरक्षित दूरी बना सकती हैं।

जोशी मण्डली ने इसका तोड़ निकाल लिया है। जोशी मण्डली का मानना है कि अगर आड़वाणी को पर्श्व मंे ढकेलकर उन्हें सलाकार की भूमिका में लाकर नितिश कुमार को अगले चुनावों मंे बतौर प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट किया जाता है तो सहयोगी दलों का समर्थन हासिल किया जा सकता है। जोशी मण्डली इन दिनों इसके लिए संघ के आला नेताओं को विश्वास मंे लेने के काम की रणनीति पर काम कर रही है। कहा जा रहा है कि संघ और भाजपा के आला नेताओं में जोशी और नितिश कुमार के नामों पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। बस समस्या अब आड़वाणी को समझाने की रह गई है।

उधर इसी लाईन को आगे बढ़ाते हुए संसदीय लोक लेखा समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सम्मत प्रावधान की अनदेखी कर लोकपाल कानून बनाने के लिए समाज सेवी अण्णा हजारे को अमरण अनशन न करने की नसीहत दे डाली है। जोशी के इस मशविरे से भाजपा के आला नेता हैरान हैं कि आखिर अण्णा का परोक्ष तौर पर विरोध कर जोशी अण्णा के आंदोलन की हवा निकालने पर क्यों तुले हुए हैं। वैसे भी रामदेव के दांव के असफल होने के बाद भाजपा अण्णा के माध्यम से बमुश्किल कांग्रेस को घेरने की स्थिति में दिखाई पड़ रही थी।