शुक्रवार, 10 जून 2011

कमल नाथ ने क्षत्रपों को पछाड़ा

कमल नाथ ने क्षत्रपों को पछाड़ा
 
संपत्ति के मसले में अव्वल रहे कमल नाथ
नई दिल्ली (ब्यूरो) घपलों और घोटालों से घिरी संप्रग सरकार के प्रधानमंत्री डाॅ.मनमोहन सिंह ने अब अपनीछवि चमकाने का प्रयास आरंभ कर दिया है। इसी तारतम्य में उन्होंने पारदर्शिता के तहत अपनी संपत्तिवित्तीय वर्ष 2009 - 2010 तक की) सार्वजनिक कर दी है। प्रधानमंत्री के निर्देश पर मध्य प्रदेश में चार में सेमहज कमल नाथ ने ही अपनी संपत्ति सार्वजनिक कर खुद को पाक साफ दिखाने का सराहनीय प्रयास किया है। (
पीएमओ की वेब साईट पर डली जानकारी के अनुसार कमल नाथ और उनके परिजनों ने 23 कंपनियों मेंनिवेश किया है। स्पान मोटल्स, स्पान एयर प्राईवेट लिमिटेड, स्पान एग्रो प्रोपर्टीज, स्पान प्लांटेशन, स्पान बीचरिसोर्टस, ईएमसी अलाय आदि में उनका निवेश है। इसके अलावा दिल्ली के सुल्तानपुर में दो करोड़ 67 लाखरूपए की जमीन एवं बैंक खाते में लगभग एक करोड़ 41 लाख रूपए जमा हैं। कमल नाथ की पत्नि एवं पूर्वसांसद अलका नाथ के पास दो करोड़ 30 लाख रूपए की संपत्ति एवं पुत्र नकुल एवं बकुल के अलावा पुत्रवधू के 20 से ज्यादा कंपनियों में शेयर हैं।
कमल नाथ के अलावा मध्य प्रदेश कोटे से मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांति लाल भूरिया एवं अरूणयादव ने इस मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। घोषित की गई संपत्ति में प्रधानमंत्री के पास स्टेट बैंकआॅफ इंडिया में दो करोड़ 70 लाख के फिक्स डिपाजिट, चंडीगढ़ में नब्बे लाख का मकान, दिल्ली के मंहगेरिहाईशी इलाके बसंत कुंज मंे अठ्ठयासी लाख का एक फ्लेट है।
अन्य मंत्रियों की घोषित संपत्ति करोड़ों में है। रक्षा मंत्री .के.अंटोनी मनमोहन सरकार के सबसे गरीब मंत्री हैं, जिनके पास एक लाख से कम की सेविंग है। पत्नि के नाम एक मकान और प्लाट जिनकी कीमत तीस लाखरूपए है के अलावा सेकंड हेण्ड वेगन आर कार है जिसके लिए उन्होंने बैंक से एक लाख 36 हजार का ऋण भीलिया है।

गेंहूं पर भण्डारण का खतरा: एक साल का अग्रिम अनाज मांगा शिवराज ने

गेंहूं पर भण्डारण का खतरा: एक साल का अग्रिम अनाज मांगा शिवराज ने
नई दिल्ली (ब्यूरो) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने मध्य प्रदेश में गेंहूं के रिकार्ड उत्पादन का जिक्र करते हुएप्रधानमंत्री से कहा है कि गेंहूं का उचित भण्डारण अगर नहीं किया गया तो बारिश में गेंहू सड़ सकता है, इसलिएएक साल का अग्रिम अनाज एमपी को दे दिया जाए जिससे गरीबों में इसे बांटा जा सके। एक तरफ तो शिवराजगेंहूं के भण्डारण की समस्या बता रहे हैं, दूसरी तरफ एक साल का अग्रिम गेंहूं कहां रखेंगे, उसका भण्डारण कैसेहोगा, यह शोध का ही विषय माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश में गेहूंके भण्डारण के लिए पर्याप्त जगह होने के कारण हो रही समस्या को रेखांकित किया। श्री चैहान ने प्रधानमंत्रीको बताया कि इस वर्ष गेहूं की प्रदेश में रिकार्ड फसल हुई है और 49.4 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कियागया है, लेकिन पर्याप्त गोदाम होने के कारण ज्यादातर गेहूं खुले में पड़ा है जिससे उसके खराब होने कीसंभावना है। अगर वर्षा से पहले इसका सही भण्डारण नहीं किया गया तो यह गेहूं खराब हो जाएगा।
श्री चैहान ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि केन्द्र सरकार गेहूं का प्रदेश को एक साल का अग्रिम आवंटन कर देजिससे कि भण्डारण की समस्या हल भी हो जायेगी और राज्य सरकार गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालेपरिवारों को तीन रुपये किलो की दर से अनाज उनमें बांट देगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवालादेते हुए कहा कि अनाज को किसी भी हालात में सड़ने अथवा बेकार नहीं होने दिया जाय। इससे अनाज का भीसही उपयोग हो पायेगा और साथ ही जरूरतमंदों को भी सस्ते दाम पर अनाज मिल पायेगा। उन्होंने कहा किगेहूं को भारतीय खाद्य निगम भण्डारण कर ले।
श्री चैहान ने प्रधानमंत्री को बताया कि केन्द्र के मापदंडों के अनुसार मध्यप्रदेश में 41 लाख गरीबी रेखा के नीचेपरिवार हैं। सुरेश तेंडुलकर की रिपोर्ट के अनुसार भी प्रदेश में 48 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचेजीवन-यापन कर रहे हैं। श्री चैहान ने कहा कि राज्य सरकार के अनुसार 67 लाख परिवार इस समय गरीबीरेखा के नीचे  हैं।
श्री चैहान ने अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार शीघ्रतिशीघ्र निर्णय लेकर अगले वर्ष का अग्रिम अनाज का कोटाआवंटित करें जिससे अनाज के भण्डारण की भी समस्या का निवारण होगा और साथ ही गरीबी रेखा के नीचेरहने वाले परिवारों को सस्ते दाम पर राज्य सरकार गेहूं वितरित कर पायेगी।
प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और इस संबंधमें हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।