गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

केंद्र में सालों से मलाई चखने वाले अधिकारी होंगे मूल काडर में वापस

एमपी काडर के चार दर्जन अफसरों पर गिर सकती है गाज
 
प्रतिनियुक्ति पर हैं सूबे के 70 अफसरान
 
(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। अपने मूल काडर को छोड़कर देश की राजधानी दिल्ली में मलाई चखने वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की अब खैर नहीं है। केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग (डीओपीटी) ने इन अधिकारियों की मुश्कें कसना आरंभ कर दिया है। पांच साल का समय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त माना गया है। पांच साल से ज्यादा समय तक पदस्थ रहने वाले अफसरों को अपने मूल काडर में लौटना अनिवार्य कर दिया गया है।
कार्मिक विभाग के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि अपने आवंटित सूबे के बजाए अधिकारियों को दिल्ली में रहना ज्यादा भा रहा है, इसका कारण राजनैतिक चैसर पर बिछी बिसात को माना जा रहा है। राज्यों अफसरों की कमी होने के बाद भी ये दिल्ली में या तो रूके रहना चाहते हैं या फिर मंत्रालय इन्हें रोकने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं। यह मामला प्रधानमंत्री तक गया और पीएम के साफ निर्देशों के बाद कार्मिक विभाग ने सख्त आदेश जारी कर ही दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब पांच साल से अधिक प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले अफसरांे के खिलाफ न केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, वरन् पांच साल से अधिक वाला सेवाकाल उनके कार्यकाल के सेवाकाल में नहीं जोड़ा जाएगा, इतना ही नहीं उनकी वेतनवृद्धि भी रोकी जाकर पेंशन भी कम करने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई अफसर पांच साल की अवधि से ज्यादा समय प्रतिनियुक्ति पर काटता है तो इसकी जवाबदेही उसके उच्चाधिकरियों पर आहूत की गई है।
केंद्र के इस सख्त आदेश के बाद अब राज्यों से आए भारतीय प्रशासनिक, पुलिस और वन सेवा के अधिकारियों का बोरिया बिस्तर बंधना तय माना जा रहा है। वहीं दूसरी और देश की नीति निर्धारक सबसे ताकतवर आईएएस लाबी ने इस मामले में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही लाबी के आला पदाधिकारियों द्वारा पीएम से मिलकर इन नियमों को शिथिल करने के मसले पर चर्चा की जाएगी।
 
छोटा मोटा वल्लभ भवन बन गया था दिल्ली में
 
2003 में जब उमा भारती के नेतष्त्व में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तब कांग्रेस की मानसिकता वाले अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों ने खतरे को भांपते हुए सूबे से निकलने में ही भलाई समझी। अपने संपर्कों का लाभ उठाकर अफसरान ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति ले ली, ताकि उमा भारती के कोप से बचा जा सके। इस बात को आठ साल बीतने को हैं, पर न तो शिवराज सिंह ने इसकी सुध ली और ना ही केंद्र सरकार ने इन्हें वापस भेजने में कोई दिलचस्पी दिखाई। यही कारण है कि सूबे में अधिकारियों की कमी के चलते ही राज्य स्तर की सेवाओं के अधिकारियों को जिलों में महत्वपूर्ण कमान सौंपी गई है।
यह है लेखा जोखा
 
केंद्र सरकार के पास अखिल भातीय सेवा के पांच हजार छः सौ नवासी अफसर हैं जिनमें से चार हजार पांच सौ चैंतीस काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार के पास इनमें से कुल सात सौ चैदह आईएएस अफसर प्रतिनियुक्ति पर हैं। मध्य प्रदेश के बावन अफसर दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस तरह सवा सात फीसदी भागीदारी है मध्य प्रदेश की केंद्र में आईएएस प्रतिनियुक्ति में और लगभग दस फीसदी सभी अखिल भारतीय सेवाओं में।
आईएएस का हुआ प्रदेश से मोह भंग

भारतीय जनता पार्टी सरकार के मध्य प्रदेश में सत्तारूढ होते ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरान का अपने मूल काडर से मोह भंग हो गया है। 2003 के बाद केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अफसरों की संख्या में विस्फोटक वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकतर अफसर कार्यकाल पूरा करने के बाद भी वापस न लौटें इसके लिए जतन कर रहे हैं तो एमपी में रहने वाले अफसर केंद्र में जाने की लाबिंग में जुटे हुए हैं। 87 बैच के प्रवीर कृष्ण और 91 बैच के मनु श्रीवास्तव ने एमपी के सीएस से प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का आग्रह किया है। उधर मध्य प्रदेश में बीस जिलों में पुलिस अधीक्षक की कमान राज्य पुलिस सेवा के स्तर के अधिकारियों के कांधों पर है, जिस बारे में शिवराज सरकार कतई संजीदा नहंी दिख रही है।
इन पर गिर सकती है गाज
 
एमपी काडर के भारतीय प्रषासनिक सेवा में राघवेंद्र सिंह सिरोही, अल्का सिरोही, सुषमा नाथ, के.एम.आचार्य, जेमनि कुमार षर्मा, अजय आचार्य, सुमित बोस, डी.आर.एस.चैधरी, विमल जुल्का, आर,गोपालकृष्णन, स्नेहलता कुूमार, स्वदीप सिंह, लवलीन कक्कड़, राजन कटोच, एंथोनी जे.सी.डिसा, डाॅ.अमर सिंह, अमिता शर्मा, अरूणा शर्मा, डी.के.सामन्तरे, सुरंजना रे, अजय नाथ, जे.एस.माथुर, राघव चन्द्रा, रश्मि शुक्ला शर्मा, एम.गोपालरेड्डी, प्रवीर कृष्ण, गौरी सिंह, आई.सी.पी.केशरी, मनु श्रीवास्तव, प्रमोद अग्रवाल, नीलम शमी राव, ब्ही.एल.कान्ता राव, दीप्ति गौड़ मुखर्जी, पल्लवी जैन, फैज अहमद किदवई, केरेलिन खोंगवार देशमुख।

भारतीय पुलिस सेवा के अफसरान में यशोवर्धन आजाद, रीना मित्रा, विवेक जोहरी, आलोक पटेरिया, सुधीर कुमार सक्सेना, संजीव कुमार सिह, राजीव टंडन, एस.के.पाण्डेय, एस.एल.थौसेन, प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, अनन्त कुमार सिंह, मनीश शंकर षर्मा, जयदीप प्रसाद, योगेष देशमुख, सालोमन के.मिंज।
 
भारतीय वन सेवा के डाॅ.राजेश गोपाल, असित गोपाल और प्रकाश उन्हाले।

कुवांरे कर्मचारियों के घर बसाने में जुटा केंद्रीय विद्यालय


शादीलाल घरजोड़े बना केवीएस

एमपी के अध्यापक ने दिया था सबसे पहले अपना विवरण
 
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश के नौनिहालों को शिक्षा के लिए पाबंद किया गया केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) इन दिनों संगठन के अविवाहित कर्मचारियों के घर बसाने का पावन काम कर रहा है। केवीएस के कर्मचारियों में संगठन को अब शादी लाल घरजोड़े या केंद्रीय विद्यालय मेरिज ब्यूरो भी कहा जाने लगा है।
देश विदेश में एक हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान का प्रबंधन संभालने वाले केवीएस इन दिनों नई सामाजिक जिम्मेवारी संभाले हुए है। अपने मूल काम से हटकर केवीएस द्वारा अपने संस्थान के अविवाहित कर्मचारियों के लिए रिश्ते तय करने का काम किया जा रहा है।
केवीएस के सूत्रों का कहना है कि इस काम की शुरूआत केवीएस ने अपनी वेब साईट पर दस कुंवारे कर्मचारियों के विवरण डालकर की थी। इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि अब यह पूरी तरह से वेब पेज की शक्ल अख्तियार कर चुका है जिसमें सौ से ज्यादा कुंवारों के बारे में संपूर्ण विवरण है।
गौरतलब है कि केवीएस की शालाएं सुदूर अंचलों में हैं जहां काम करने वाले कर्मचारियों को उपयुक्त जीवन साथी मिलने की संभावनाएं कम ही होती हैं। इसी के मद्देनजर केवीएस ने यह अभिनव अभियान आरंभ किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के एक अध्यापक ने सबसे पहले इसके लिए अपना विवरण भेजा था। बताते हैं कि उसे केरल में पदस्थ एक अध्यापिका से रिश्ता जुड़ने की उम्मीद बन गई है। इसमें एमपी के ग्वालियर और गुना के अन ब्याहे कर्मचारियों का विवरण मौजूद है।

दिल्ली में होगा कार्टून वाॅच का कार्टून महोत्सव

इस बार दिल्ली में होगा कार्टून वाॅच का कार्टून महोत्सव

डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम होंगे मुख्य अतिथि

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देष की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वाॅच द्वारा प्रतिवर्श आयोजित कार्टून महोत्सव इस बार दिल्ली में किया जा रहा है. 29 अप्रैल 2011 को हिन्दी भवन दिल्ली में इसका उद्घाटन पूर्व राश्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम करेंगे. कार्टून वाॅच के सम्पादक त्रयम्बक षर्मा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस बार कार्टून वाॅच की तरफ से लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड पांच वरिश्ठ कार्टूनिस्टों को दिया जायेगा. टाईम्स आफ इंडिया समूह के श्री अजीत नैनन, नवभारत टाईम्स के पूर्व कार्टूनिस्ट श्री काक, मधुमुस्कान पत्रिका के नन्हा जासूस बबलू के रचयिता श्री हुसैन जामिन, छत्तीसगढ के श्री बी.वी.पांडुरंग राव जो अब बैंगलोर में हैं, और दिल्ली दैनिक जागरण के कार्टूनिस्ट श्री जगजीत राणा को इस वर्श कार्टून महोत्सव में लाईफ टाईम एचीवमेंट एवार्ड प्रदान किया जायेगा. इसके अलावा कार्टून विधा को बढावा देने के लिये उल्लेखनीय कार्य करने के लिये विषेश रूप से केरला कार्टून एकेडमी के पूर्व सचिव एवं कार्टूनिस्ट श्री सुधीरनाथ को भी सम्मानित किया जायेगा.
इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेष के संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल विषेश अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे. उल्लेखनीय है कि पूर्व के वर्शों में कार्टून महोत्सव में श्री आर.के.लक्ष्मण, श्री आबिद सुरती, चाचा चैधरी के जनक श्री प्राण, श्री सुधीर दर, श्री राजेन्द्र धोडपकर, श्री एच.एम.सूदन, श्री सुरेष सावंत और श्री ष्याम जगोता सहित अनेक कार्टून हस्तियां सम्मानित हो चुकी हैं. इस महोत्सव में देष के विभिन्न हिस्सों से कार्टूनिस्ट षामिल हो रहे हैं. कार्टून वाॅच पत्रिका अपने प्रकाषन के पंद्रहवें वर्श पर हो रहे इस आयोजन के अवसर पर विषेश अंक का प्रकाषन भी करने जा रही है जिसका विमोचन डाॅ. कलाम के हाथों होगा. इस अंक में इस बार सम्मानित किये जा रहे कार्टूनिस्टों के कार्टून प्रकाषित किये जायेंगे. श्री षर्मा ने बताया कि डाॅ. अब्दुल कलाम कार्टून विधा को बहुत पसंद करते हैं और राश्ट्रपति पद में रहने के दौरान उन्होंने सभी समाचार पत्र के सम्पादकों से अनुरोध किया था कि वे कार्टून को प्रथम पृश्ठ में स्थान दें. ज्ञातव्य है कि श्री षर्मा दृवारा रचित कार्टून पात्र प्रिंस का विमोचन भी डाॅ. कलाम ने चेन्नई में किया था. कार्टून वाॅच के विषेश अंक में भी डाॅ. कलाम के कार्टून प्रकाषित किये जायेंगे.
कार्टून वाॅच पत्रिका ने विगत पंद्रह वर्शोंमें छत्तीसगढ का नाम देष के अलावा विदेषों में भी रोषन किया है. लंदन में दो सप्ताह इस पत्रिका द्वारा प्रदर्षनी लगाई गई, सम्पादक त्रयम्बक षर्मा का साक्षात्कार बीबीसी लंदन के हिन्दी रेडियो सेवा से किया गया, श्री षर्मा को नेपाल में आयोजित पांच देषों के कार्टूनिस्टों के सम्मेलन में आमंत्रित किया गया. हाल ही में कार्टून वाॅच ने दिल्ली में पहली बार आयोजित काॅमिक कन्वेन्षन - काॅमिकान में भी देष की एकमात्र कार्टून पत्रिका के रूप में भाग लिया था.

बंसल, अश्विनी से नाराज हैं महामहिम

बंसल, अश्विनी से नाराज हैं महामहिम
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। देश के महामहिम उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी इन दिनों संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल और राज्य मंत्री अश्विनी कुमार से खासे नाराज हैं। नए नवेले मंत्री अश्विनी कुमार द्वारा संसद के सत्र के दौरान अपने आप को प्रधानमंत्री के खासुलखास बताने के लिए बंसल के पहले ही पीएम को ब्रीफ कर दिया जाता है।
संसद चलने के दौरान अमूमन महामहिम के कार्यालय में सुबह दस बजकर चालीस मिनिट पर एक ब्रीफिंग होती है जिसमें संसदीय कार्यवाही को लेकर चर्चाएं होती हैं। इस तरह की ब्रीफिंग में संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल या राज्य मंत्री अश्विनी कुमार शायद ही कभी पहुंचे हों।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि दोनों ही मंत्रियों का सारा का सारा ध्यान दस पचास पर प्रधानमंत्री के यहां होने वाली बैठकों पर ही होता है। नियमानुसार पीएम को ब्रीफ करने का जिम्मा पवन बंसल का है, पर अश्विनी कुमार उनसे पहले वहां पहंुच जाते हैं। लिहाजा पवन बंसल आश्चर्य चकित हैं तो महामहिम उपराष्ट्रपति गुस्से में।

पचैरी और गिरिजा व्यास बन सकते हैं महासचिव

द्विवेदी को मिल सकती है लाल बत्ती

(लिमटी खरे)
 
नई दिल्ली। मई में विधानसभा चुनावों के उपरांत होने वाले केंद्रीय मंत्रीमण्डल फेरबदल में कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभाग के प्रमुख जनार्दन द्विवेदी को लाल बत्ती से नवाजा जा सकता है। उधर दो ब्राम्हण नताओं राष्ट्रीय महिला आयोग की निर्वतमान अध्यक्ष गिरिजा व्यास और एमपीसीसी के प्रजीडेंट सुरेश पचैरी को संगठन में महासचिव बनाया जा सकता है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ के सूत्रों का कहना है कि व्यास का नाम वैसे तो सी.पी.जोशी के स्थान पर राजस्थान इकाई के अध्यक्ष के लिए चल रहा है, किन्तु अगर सुरेश पचैरी को महासचिव बनाया जाता है तो निश्चित तौर पर दूसरे ब्राम्हण जनार्दन द्विवेदी को संगठन से सत्ता मंे लाकर मंत्री बनाया जाएगा। इसके साथ ही साथ गिरिजा की दावेदारी राजस्थान के साथ ही साथ संगठन में महासचिव की भी बन रही है।
सोनिया गांधी इन दिनों पार्टी के अल्पसंख्यक प्रभाग के लिए उत्तर प्रदेश के किसी मुस्लिम चेहरे को तलाश रहीं है। गौरतलब है कि वर्तमान अध्यक्ष इमरान किदवई इस पद पर छः सालों से काबिज हैं, जिन्हें बदला जाना है। इनके स्थान पर जो नाम सामने आ रहे है उनमें सलीम शेरवानी और राशिद अल्वी प्रमुख हैं।