बुधवार, 5 जनवरी 2011

पीएम ने कसी मंत्रालयों की मुश्कें

पीएम ने कसी मंत्रालयों की मुश्कें
नई दिल्ली (ब्यूरो)। कंेद्रीय मंत्रालयों में बैठे प्रशासनिक अधिकारियों की झींगा मस्ती से वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह खासे खफा हैं। पीएमओ का कहना है कि मंत्रालयों को गंभीर विषयों पर ‘‘नोट‘‘ लिखना भी नहीं आता है। केबनेट सचिव के.एम.चंद्रशेखर द्वारा मंत्रालयों के आला अधिकारियों को भेजे पत्र में पीएम की इस नाराजगी से आवगत कराया गया है।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि चंद्रशेखर द्वारा लिखा गया पत्र काफी तल्ख भाषा में है, जिसमें अधिकारियों की लेखन क्षमता पर सीधे सीधे प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में लिखे इस पत्र की इबारत में कहा गया है कि मंत्रीमण्डल समितियों और केबनेट के लिए तैयार प्रस्तावों की भाषा पर प्रधानमंत्री काफी नाराज हैं। इसके लिए आवश्यक होगा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आला अधिकारी अनिवार्य तौर पर मौजूद रहें।

देश में पूरक राजनीतिक व्यवस्था की जरूरत

देश में पूरक राजनीतिक व्यवस्था की जरूरत
नई दिल्ली (ब्यूरो)। देश में वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था के लिए पूरक प्रणाली की वकालत करते हुए भारत विकास संगम के केएन गोविंदाचार्य ने बुधवार को कहा कि देसी सोच और विकेंद्रीकरण वाली राजनीतिक व्यवस्था होनी चाहिए। गोविंदाचार्य आज मीडिया से रूबरू थे।
गोविंदाचार्य ने यहां संवाददाताओं से कहा कि स्वदेशी सोच वाले सभी राजनीतिक लोगों को एक मंच पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों में देसी और विकेंद्रीकरण की सोच वाले लोग हैं लेकिन वे अपने अपने दलों के भीतर बंधे हुए हैं।
गोविंदाचार्य ने बताया कि ऐसे सभी लोगों की अप्रैल में दिल्ली में एक बैठक होगी और देसी राजनीति के पक्षधरों को एक जगह लाने का प्रयास किया जाएगा। गोविंदाचार्य ने यह भी स्पष्ट किया कि वह खुद किसी राजनीतिक दल या सŸाा का हिस्सा नहीं बनेंगे लेकिन श्इस बात के लिए प्रतिबद्धता रखेंगे कि विदेश परस्त नीति वाले दल सŸाा में नहीं रहें।
देश में माओवाद की समस्या पर उन्होंने कहा कि माओवाद देश में सामाजिकए आर्थिक नीतियों में विसंगतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का तरीका निंदनीय है लेकिन केवल इस विषय पर बहस न करके सरकार को देश में गरीबों के प्रति संवेदनशील भी होना चाहिए। गोविंदाचार्य ने हाल ही में कर्नाटक के गुलबर्गा में संपन्न भारत विकास संगम के दस दिवसीय अधिवेशन में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 2011 में देश के 400 जिलों में ऐसे विकास संगम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 12, 13 और 14 मार्च को वृंदावन में एक बैठक होगी और 51 विशेषज्ञों की एक परामर्शदात्री समिति बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि गुलबर्गा के सम्मेलन में आठ लाख लोगों ने भाग लिया और कर्नाटक के बाहर से साढ़े तीन हजार लोगों ने इसमें शिरकत की।

सीबीआई पर बरसी भाजपा

सीबीआई पर बरसी भाजपा
0 कहा कांग्रेस जांच ब्यूरो होना चाहिए सीबीआई का नाम
नई दिल्ली (ब्यूरो)। सीबीआई के तौर तरीकों और कार्यप्रणाली पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने सीबीआई की कड़ी आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी ने अदालत में यह कहकर बेशर्मी की इंतहा कर दी है कि बोफोर्स मामले में आए आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले में कुछ भी नया नहीं है।
भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इतालवी कारोबारी ओŸाावियो क्वात्रोच्चि और विन चड्ढा को बोफोर्स तोप सौदे में दलाली मिलने का खुलासा करता न्यायाधिकरण का फैसला सीबीआई के लिए एक अहम मुद्दा था किन्तु उसने कल एक स्थानीय अदालत में यह कहकर बेशर्मी की इंतहा कर दी कि न्यायाधिकरण के निर्णय में कुछ भी नई बात नहीं है।
हुसेन ने आगे कहा कि सीबीआई पहले ही बोफोर्स मामले को बंद करने की अर्जी दाखिल कर चुकी है लेकिन उसने कल अदालत में यह बात कहकर एक बार फिर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की है। हुसैन ने चुटकी लेते हुए कहा कि सीबीआई का नाम बदलकर कांग्रेस जांच ब्यूरो, कर देना चाहिए।
हुसैन ने कहा कि संप्रग के जहाज में भ्रष्टाचार का पानी इतना भर गया है कि उसका डूबना अब तय है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस, कैबिनेट और सŸाारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों में आपसी मतभेद हैं। पी चिदंबरम गृह मंत्री होते हुए भी महंगाई पर बयान देते हैं, आतंकवाद के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह कुछ दावे करते हैं और जर्नादन द्विवेदी कुछ और बात कहते हैं। यही नहीं, सिंह अपनी ही पार्टी के सहयोगी दल राकांपा के नेता तथा महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री आर आर पाटिल से इस्तीफा भी मांगते हैं।

सरकार के खिलाफ विरोध करेगी भाजपा

सरकार के खिलाफ विरोध करेगी भाजपा
नई दिल्ली (ब्यूरो)। भाजपा ने बुधवार को कहा कि वह आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के बोफोर्स मामले में आए फैसले के मद्देनजर सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने विरोध को तेज करेगी और गुवाहाटी में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अपनी बैठक में इस मुद्दे पर विशेष प्रस्ताव पारित करेगी।
भाजपा कोर समूह की आज यहां बैठक होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने संवाददाताओं को बताया कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले में हुए खुलासों के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राष्ट्र के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को तेज करेंगे।
पार्टी आलाकमान ने हाल ही में प्रकाश में आए भ्रष्टाचार के कई मामलों पर सरकार को आड़े हाथ लेने की रणनीति पर चर्चा की। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले में पाया गया है कि इतालवी कारोबारी ओŸाावियो क्वात्रोच्चि और एई सर्विसेज के मालिक विन चड्ढा को बोफोर्स तोप सौदे में दलाली मिली थी और इसके लिए उन्हें आयकर का भुगतान करना होगा।
जेटली ने कहा कि गुवाहाटी में होने वाली हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हम संप्रग-2 सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ विशेष प्रस्ताव पारित करेंगे। भाजपा कोर समूह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान मजबूत करने और प्रदेश की राजधानियों में इस मुद्दे को रैलियों के जरिए उठाने का फैसला किया। जेटली ने आरोप लगाया कि कई घोटालों का खुलासा होने के बाद भी सरकार का नजरिया नहीं बदला है और वह बोफोर्स मामले पर पर्दा डालने की कोशिश में शामिल रही है।

सम्‍मान के उपरांत अग्रजा और परिवार के साथ

सम्‍मान के उपरांत अग्रजा और परिवार के साथ

गर्व के क्षण

जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविदयालय के कुलपति एवं श्‍याम कटारे जी के हाथों सम्‍मानित

पूज्‍यनीय श्‍याम कटारे जी द्वारा शाल से आर्शीवाद

तिलक

स्‍वागत बंधुवर

साव्‍यासाची अलंकरण सम्‍मान 24 दिसंबर 2010 जबलपुर मध्‍य प्रदेश नमन

साव्‍यासाची अलंकरण सम्‍मान 24 दिसंबर 2010 जबलपुर मध्‍य प्रदेश द्वीप प्रज्‍जवलन

साव्‍यासाची अलंकरण सम्‍मान 24 दिसंबर 2010 जबलपुर मध्‍य प्रदेश

ग्राम न्यायालयों की स्थापना में प्रदेश ने बाजी मारी

ग्राम न्यायालयों की स्थापना में प्रदेश ने बाजी मारी

नई दिल्ली (ब्यूरो)। केंद्र सरकार की ग्राम न्यायालयों की योजना भले ही राज्यों को नहीं भा रही हो पर मध्य प्रदेश ने इसमें बाजी मार ली है। 45 ग्राम न्यायालयों की स्थापना के साथ मध्य प्रदेश दूसरी पायदान पर आ गया है। ग्राम न्यायालय अधिनियम के तहत ग्रामीणों को जल्दी न्याय दिलाने के लिए देश में पांच हजार ग्राम न्यायालय स्थापित करने की योजना है।

कानून मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ग्राम न्यायालय अधिनियम वर्ष 2009 में गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को अधिसूचित हुआ, इसके उपरांत एक साल में सिर्फ चार राज्यों ने 96 ग्राम न्यायालयों की स्थापना की है, जबकि दिल्ली, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, Ÿाराखंड और केंद्र शासितप्रदेश चंडीगढ़ ने इसके लिए मना कर दिया है। दिल्ली सरकार ने कानून मंत्रालय से कहा कि शहरीकरण के कारण दिल्ली में ग्राम न्यायालयों की आवश्यकता नहीं है। आंध्रप्रदेश सरकार ने कहा कि वर्तमान न्यायपालिका बहुत प्रभावशाली है, इस कारण ग्राम न्यायालयों की स्थापना की कोई आवश्यकता नहीं है।

मध्यप्रदेश ने 45 ग्राम न्यायालयों की स्थापना की है। महाराष्ट्र में नौ, उड़ीसा में एक और राजस्थान में 46 ग्राम न्यायालयों की स्थापना हुई है। मगर कुल स्थापित 96 न्यायालयों में से सिर्फ 48 ही काम कर रहे हैं। इन चार राज्यों में ग्राम न्यायालयों की स्थापना के लिए हाल ही में 13.47 करोड़ रुपये दिए गए हैं। देश के 28 में से सिर्फ 15 राज्यों ने ग्राम न्यायालयों की स्थापना के लिए लिखे गए पत्र का जवाब दिया है। संसद में ग्राम न्यायालय अधिनियम दिसंबर 2008 में पारित हुआ था।