शुक्रवार, 14 मई 2010

दक्षिण का नेहरू गांधी परिवार

दक्षिण का नेहरू गांधी परिवार
 
करूणानिधि के उत्तराधिकारी खा रहे मलाई
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 14 मई। आजाद भारत में अगर किसी परिवार की तूती बोलती है तो वह है नेहरू गांधी परिवार की। इस परिवार के सदस्य पंडित जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने तो उनकी पुत्री इंदिरा गांधी पहली महिला प्रधानमंत्री इसके बाद उनके पुत्र राजीव गांधी भी वजीरेआजम रहे। राजीव गांधी की पत्नि श्रीमति सोनिया गांधी आज किसी पद पर न होने के बाद भी देश की सबसे ताकतवर महिला हैं। उनके पुत्र राहुल गांधी कांग्रेस के युवा और ताकतवर महासचिव के साथ ही साथ कांग्रेसियों की नजर में देश के भावी प्रधानमंत्री भी हैं।
 
इसके बाद अगर देखा जाए तो दक्षिण भारत में भी एक नेहरू गांधी परिवार है, जिसका हर सदस्य मलाई खा रहा है। वह है तमिलनाडू के मुख्यमंत्री करूणानिधी। करूणानिधी आज उमरदराज हो चुके हैं, वे इतने आसक्त हो चुके हैं कि उनसे व्हील चेयर से उठा तक नहीं जाता है। उन्होंने बडी ही चतुराई से तमिलनाडू सूबे में अपने परिवार को स्थापित कर दिया है। अब वे निश्चिंत हैं, पर कुर्सी से चिपके ही हैं। उनके सामने ही उनके कुनबे में गलाकाट स्पर्धा मची हुई है, वे हैरान परेशान हैं, पर यह विवाद शांत होता नहीं दिखता।
 
करूणानिधी ने अपने बेटे एम.के.स्टालिन को उपमुख्यमंत्री की आसंदी दी हुई है, तो दूसरे बेटे एम.के.आगाझिरी को केंद्र सरकार में मंत्री बनवाया हुआ है। करूणानिधी की तीसरी और अंतिम पत्नि से पैदा हुई उनकी पुत्री कनिमोझी भी कहां पीछे रहने वाली थी, उसे भी करूणानिधी ने राज्यसभा के रास्ते संसदीय सौंध तक पहुंचा ही दिया।
 
करूणानिधी इन दिनों कुछ परेशान नजर आ रहे हैं। इसका कारण उनकी राजनैतिक विरासत को लेकर स्टालिन और आझागिरी के बीच होने वाला विवाद है। बताते हैं कि आझागिरी को न तो हिन्दी आती है और न ही अंग्रेजी में वे पारंगत हैं, सो तमिल बोलकर ही काम चलाते हैं, मगर दिल्ली तमिल में कही बात ठीक से सुन नहीं पाती है। पीएमओ के सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री भी उनसे खासे परेशान हैं। आझागिरी चाहते हैं कि वे वापस तमिलनाडू जाकर धूनी रमाएं, पर करूणानिधी चाहते हैं कि स्टालिन को मुख्यमंत्री बनाया जाए। दक्षिण के कथित नेहरू गांधी परिवार के मुखिया करूणानिधी के सामने सबसे बडा संकट यह है कि जयललिता भी वहां मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजरें गडाए बैठी हैं, और करूणानिधी के सामने भले ही वे बौनी हों पर उनके बेटों पर तो वे बीस ही पडने वालीं हैं।

गजब की है सत्ता के प्रति आतुरता